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❍ 17 / 07 / 17 ❍
⇛ MURLI SUMMARY ⇚
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❍ ज्ञान के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *निश्चय भी उनको बैठेगा, जिनको कल्प पहले बैठा होगा। माया भी कम नहीं है। निश्चय कर औरों को निश्चय बिठाते फिर भी माया संशय बुद्धि बना देती है।*
➢➢ *गरीब निवाज़ बाप आकर कितना साहूकार बनाते हैं। सारे विश्व को पलटाते हैं। उनको रिज्यूवनेट कर काया कल्पतरू भी करते हैं। तुम्हारी काया कैसी फर्स्टक्लास बन जाती है।*
➢➢ *इस समय सारी दुनिया नर्क है।* गरीब भी बहुत हैं। सारी सृष्टि ही गरीब है। *ऐसा मत समझो रशिया, अमेरिका साहूकार हैं, नहीं। जानते हैं इन्हों के पास जो कुछ थोड़ा है, वह स्वर्ग की भेंट में कुछ भी नहीं है।*
➢➢ *बाप गरीब निवाज़ तुम्हारे सामने बैठे हैं और तुमको स्वर्ग का वर्सा देने आये हैं।* तुम जानते हो बाप हमको कितना साहूकार बनाते हैं। *हम महाराजा महारानी कितने साहूकार होते हैं। भक्ति मार्ग में कितने आलीशान मन्दिर बनाते हैं।* तो *बाप का गरीब निवाज़ नाम तो शोभता है ना।*
➢➢ *गीता में कृष्ण का नाम दे दिया है। दुनिया को पलटने वाला कृष्ण तो हो नहीं सकता। दुनिया को पलटाने वाले को गॉड कहा जाता है।*
➢➢ तुम जानते हो *यह लड़ाई भी जरूर लगेगी तब तो पुरानी दुनिया का विनाश होगा।* जैसे देखो देहली पुरानी थी, अब नई बनाई है। *तुम तो जानते हो यह सारी दुनिया कब्रिस्तान है, फिर परिस्तान बनना है।*
➢➢ *ड्रामा के राज़ को तुम ही जानते हो। जो सीन जिस समय चलती है फिर बाद में रिपीट होती है। फिर 5 हजार वर्ष बाद रिपीट होगी।*
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❍ योग के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ द्वारिका माना सारा शहर सोने का। तो जरूर इतना अथाह धन होगा, बच्चोंने साक्षात्कार भी किया है। बाबा कहते हैं *जितना तुम आगे जायेंगे उतना घड़ी-घड़ी साक्षात्कार होंगे। अपने देश के नजदीक आते हैं तो दिल में आता है कि अभी हम जाकर पहुँचेंगे।*
➢➢ *तुमको तो श्रीमत पर चलना है, इसलिए बाप कहते हैं मुझे याद करो।* माया बहुत विकल्प लायेगी। समझेंगे आगे तो कभी ऐसे ख्याल भी नहीं आये। अभी बुढ़ा हो गया हूँ फिर भी ऐसे संकल्प क्यों आते हैं।
➢➢ *बाबा हमको नई दुनिया का वर्सा दे रहे हैं।* भारत का आज वह दिन आया है - जो गरीब भारत को बाप से स्वर्ग की बादशाही मिलती है। नई देहली तो अभी नहीं कहेंगे। नई दुनिया में नई देहली कहेंगे।
➢➢ *यहाँ जैसे स्वर्ग को याद करना है वैसे बाप को याद करना है।* कोई मरते हैं तो कहते हैं हेविनली अबोड। उस हेविन में कौन सा धर्मनिवास करता है? गॉडफादर ही हेविन स्थापन करते हैं।
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❍ धारणा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ बाबा तुमको युक्तियां बतलाते रहते हैं। बाप को याद करते रहेंगे तो माया पास आने का नाम भी नहीं लेगी इसलिए बाप समझाते हैं *अपने पास चार्ट जरूर रखो।*
➢➢ तुम बाप द्वारा डबल अहिंसक बन डबल सिरताजधारी बन रहे हो। बाप ने कहा है - *काम महाशत्रु है।* उनको जीतने से तुम पवित्र दुनिया के मालिक बनेंगे।
➢➢ *माया के तूफानों से डरना नहीं है। काम अग्नि से कभी जलना नहीं है।* बाप ने समझाया है इस समय सब काम चिता पर बैठ जल मरे हैं। गन्द करते ही रहते हैं।
➢➢ *तुम कहेंगे हमने राज्य किया था। हमारे कितने मन्दिर बने हुए हैं। सारा दिन इन बातों में रमण करते हर्षित रहना चाहिए।*
➢➢ तुम यह भी जानते हो *हम श्रीमत पर चल श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ राजधानी स्थापन कर रहे हैं- कल्प पहले मुआफ़िक। वह नशा चढ़ना चाहिए* ना। गुप्त अननोन वारियर्स कहते हैं ना। तुम वास्तव में सच्चे अननोन हो, परन्तु वेरी वेल नोन हो।
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❍ सेवा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *गांधी जी कहते थे अथवा अभी भी कहते हैं कि रामराज्य हो। तो समझाना चाहिए जरूर अभी रावण राज्य है। कहते हैं फलाना स्वर्ग पधारा। तो जरूर नर्क में था, तब तो स्वर्ग में गये।*
➢➢ *बाप कहते हैं मैं फिर से 5 हजार वर्ष बाद राजयोग सिखलाने आया हूँ।* टीचर कहेंगे हम तुमको सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का राज़ सुना रहा हूँ। यह नॉलेज सिवाए परमपिता परमात्मा के कोई दे न सके।
➢➢ *तुम भारत को स्वर्ग बना देते हो,* फिर तुम विष्णु माला वा रुद्र माला में पिरो जाते हो। परन्तु यह भी कोई समझते नहीं हैं कि शिव शक्ति पाण्डव सेना ने क्या किया था। *अब भी नहीं जानते हैं कि तुम क्या कर रहे हो।*
➢➢ *बाबा गरीब निवाज़ है। सबको कितना साहूकार आकर बनाते हैं।* पुराने शरीर में आते हैं। तुम भी गरीब, भारत भी गरीब, उनका ही बाबा गरीब-निवाज़ आकर बनते हैं। तुम कहते हो *बाबा नर्क को आकर स्वर्ग बनाते हैं।*
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