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  18 / 10 / 17  

       MURLI SUMMARY 

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❍   ज्ञान के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *बच्चे जानते हैं हम सारे जगत के मालिक बनने वाले हैं। मालिक कब बनेंगे? जब रावणराज्य पूरा हो जायेगा। रावण को वर्ष-वर्ष जलाते हैं क्योंकि संगमयुग पर बाप आकर आत्मा का दीवा जगाए सतयुग का मालिक बनाते हैं।*

➢➢  *दशहरे के बाद टीपावली के दिन मनुष्य बहुत अच्छे-अच्छे कपड़े पहनते हैं। अक्सर करके लक्ष्मी-नारायण, राधे कृष्ण और देवियों के मन्दिर में जाते हैं। देवियाँ हैं शिव शक्तियाँ, ब्राहमणियाँ। देवियों के हाथ में अस्त्र शस्त्र दिखाते हैं। वास्तव में देवियों के हाथ में कोई अस्त्र शस्त्र हैं नहीं। वे तो गुप्त हैं।*

➢➢  *तुम जानते हो हम पढ़ते हैं स्वर्गवासी बनने के लिए। लोग समझते हैं मनुष्य मरते हैं तो स्वर्गवासी होते हैं।* तुम जानते हो कि *बाबा ही आकर स्वर्ग में ले जाते हैं और रावण फिर नर्कवासी बना देते हैं।*

➢➢  *तुम जानते हो बरोबर - वह क्या जाने दशहरे, दीपावली को.... हम तो राज़ को समझ गये हैं। जानते हो कल हम स्वर्ग में थे, अब नर्क में हैं। फिर कल स्वर्ग में होंगे। कल क्यों कहते हैं? क्योंकि रात के बाद दिन आता है।*

➢➢  *यह भीती है ना, और जगह भीती नहीं होती। स्कूल में भी भीती होती है, तभी कहते हैं कि स्टूडेन्ट लाइफ इज़ दी बेस्ट। यह बेहद की पढ़ाई है।* बेहद की हिस्ट्रो-जॉग्राफी को तुम जानते हो।

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❍   योग के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *बाप कहते हैं मुझे याद करो तो मध्याजी भव।* बाप धन्धे की मना नहीं करते।

➢➢  धन्धा भल करो। परन्तु *बाबा को याद करो क्योंकि उनसे वर्सा मिलता है।*

➢➢  *अमरनाथ अमर बनाने की कथा सुनाते हैं। अमरलोक में ले जाने लिए।*

➢➢  *तुम नई दुनिया में जा रहे हो।* पुरानी दुनिया के साथ किसका ममत्व होता है क्या? *इसको बेहद का सन्यास कहा जाता है।* 

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❍   धारणा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *अभी तुम खुशियाँ नहीं मनायेंगे। यह कोई दीपमाला थोड़ेही है क्योंकि यह तो आज दीवे जलाते, कल बुझ जाते हैं। दशहरा भी हर वर्ष मनाते रहते हैं। तुम ब्राह्मण कोई अपने घरों में दीपक नहीं जलाते हो।* मन्दिरों आदि में तो दीपक, बिजलियाँ आदि जलाते हैं। मनुष्य नहीं जानते कि दीप माला, दशहरा क्या है। उस समय सारा भारत ही नया होता है।             

➢➢  सिर्फ बाबा यह नहीं कहते कि देह से ममत्व मिटाओ। परन्तु *शरीर सहित पुरानी दुनिया से ममत्व मिटाना है। जो भी इन ऑखों से देखते हो सबको भूलो* क्योंकि अब दिव्य दृष्टि मिली है कि सब खत्म होना है। पुरानी दुनिया विनाश हुई पड़ी है और नया विश्व बनेगा।

➢➢  बाप कहते हैं *तुम्हें अब किसी को कांटा नहीं लगाना है। काम कटारी नहीं चलाना हैं।* यह काम की हिंसा आदि-मध्य-अन्त दु:ख देती है। तुम बच्चे अभी फूल बन रहे हो। कांटों को फूल बनाने में मेहनत तो लगती है।

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❍   सेवा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *शिवबाबा हम को राज्य देते हैं। शिवबाबा का नाम सदैव शिव है क्योंकि उनको अपना शरीर नहीं। ब्रह्मा, विष्णु, शंकर को भी अपना शरीर है।*

➢➢  *स्कूलों में जाकर बताओ कि बेहद की हिस्ट्री-जॉग्राफी क्या है। उनको कहना है कि आप तो हद की हिस्ट्री-जॉग्राफी पढ़ाते हो। हम आपको लक्ष्मी-नारायण की बेहद की हिस्ट्री-जॉग्राफी बतायें कि लक्ष्मी-नारायण ने यह पद कैसे पाया।*

➢➢  *कोई नया आये तो पूछो परमपिता परमात्मा से तुम्हारा क्या सम्बन्ध है?* कहेंगे। बाबा है। *बाबा स्वर्ग की स्थापन करते हैं और रावण नर्क बनाते हैं, जिसने स्वर्ग बनाया उसकी पूजा करते हैं, जिसने नर्क बनाया उसको जलाते हैं* क्योंकि *नर्क में मनुष्य काम चिता पर जलते हैं, तो गुस्से में आकर रावण को जलाते हैं। परंतु रावण जलता नही।*

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