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  21 / 12 / 17  

       MURLI SUMMARY 

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❍   ज्ञान के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  पूजा में बहुत खर्चा करते हैं। पत्थर की मूर्ति बनाए उसको श्रृंगारते हैं। साहूकार तो जेवर भी पहनाते हैं। *यह तो तुम जानते ही भक्ति में जो कुछ भावना से करते हैं, उसका फल कुछ न कुछ हम दे देते हैं। दूसरे जन्म में अच्छा भगत बन जाते हैं। कोई धन दान करते हैं तो धनवान के घर में, बहुत दान करते हैं तो राजाई घर में जन्म मिलता है।*

➢➢  सारे विश्व का मालिक तो बेहद के बाप सिवाए कोई बना न सके। *अब बाप तुम बच्चों को सम्मुख समझा रहे हैं, मैं फिर से आया हूँ तुमको राजयोग सिखलाने। कृष्ण के 84 जन्मों के अन्त में मैंने प्रवेश किया है, इनका नाम ब्रह्मा रखा है। मुझे ब्रह्मा जरूर चाहिए तो प्रजापिता ब्रह्मा भी चाहिए।*

➢➢  *तकदीर में नहीं है तो अपने ही धन्धे में लग जाते हैं। कोई तो एक दो के नाम रूप में ऐसे फँसते हैं जैसे आशिक माशुक बने हैं। फिर मम्मा बाबा को भी याद नहीं करते। एक दो को याद करते रहते हैं। यह सब विध्न माया डालती है। कोई की तकदीर में नहीं है तो कितना भी बाबा समझाये, वाहयात बातें न करो फिर भी करते रहते हैं।*

➢➢  *माया ऐसी है जो 6-8 वर्ष वाले भी देखो आज हैं नहीं। बाप से नहीं रूठते है परन्तु ब्राह्मणियों से रूठते हैं। बाबा तो यहाँ बैठा है। शिवबाबा से रूठा तो खत्म हो जायेंगे।* बाबा के सिवाए मुरली कैसे सुन सकेंगे। *दूसरी बात जो कभी ध्यान का पार्ट चलता है फलानी में मम्मा आई, बाबा आया- यह भी माया है। बहुत खबरदारी से चलना है।*

➢➢  अभी तुम भारत को विष्णुपुरी बनी रहे हो। दूसरे कोई इस बात को समझते नहीं कि परमपिता परमात्मा का पार्ट है। शिवजयन्ती मनाते हैं, नर्क को स्वर्ग बनाने वाला बाप है ना। *जो ब्राह्मण बन पूरा पुरुषार्थ करेंगे वो ब्राह्मण से देवता बनेंगे। गायन है कि परमपिता परमात्मा 3 धर्म, ब्राह्मण, सूर्यवंशी, चन्द्रवंशी धर्म ।*

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❍   योग के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *युद्ध है ही 5 विकारों रूपी रावण से। जितना बाबा को याद करेंगे तो तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे। माया जीते जगतजीत भी बनेंगे। बाकी स्थूल लड़ाई की कोई बात नहीं। योगबल से ही विश्व की राजाई मिल सकती है।*

➢➢  *बेहद का बाबा समझाते हैं कभी भी किसी देहधारी को याद नहीं करना, 5 तत्वों के शरीर को बुत कहा जाता है। तो तुम्हें 5 तत्वों के शरीर को याद नहीं करना है। भल माया बहुत विध्न डालती है परन्तु हारना नहीं है। बुद्धि में रहे मेरा तो एक बाबा दूसरा न कोई।*

➢➢  कोई अज्ञान में जीवन कहानी लिखते हैं। हमको थोड़े ही जीवन कहानी आदि बनानी है। *हमको बाबा के सिवाए किसको याद नहीं करना हैं।* नेहरू मरा तो उनको कितना याद करते हैं। तुम भी ऐसे याद करो तो बाकी तुम्हारे और उनमें फ़र्क क्या रहा।

➢➢  *तुम सारे विश्व के मालिक बनने वाले हो। जितना जास्ती मुझे याद करेंगे उतना ऊंचपद पायेंगे,* इसमें खर्चे की कोई बात नहीं, सिर्फ एज्यूकेशन है। जिसकी तकदीर में है वह पक्के हो जाते हैं।

➢➢  कृष्ण को भी देखो कैसे हाथ में गोला दिखाया गया है तो तुम्हारी याद कायम रहनी चाहिए कोई भी हालत में पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए। विध्न तो जरूर पड़ेंगे। *माया ऐसी है जो माथा मूड लेती है, हार्टफेल कर देती है इसलिए बाप कहते हैं और सब बातों को छोड़ मामेकम याद करो।*

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❍   धारणा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  जब तक शिवबाबा से योग नहीं तो बुद्धि का ताला नहीं खुलता। सर्विस नहीं कर सकते, पद भ्रष्ट कर लेते हैं इसलिए *बाबा सावधान करते है कि कोई भी मतभेद हो तो बाबा को लिखो।* सभी 16 कला सम्पूर्ण तो नहीं बने हैं। कोई कच्चे भी हैं, भूलें करते होंगे।

➢➢  *गृहस्थ व्यवहार में रहते यह कोर्स उठाओ।* भगत लोग सवेरे उठकर भक्ति करते हैं। काशी में कोठियां बनी हुई हैं। हर एक कोठी में बैठ विश्वनाथ गंगा कहते हैं, जानते कुछ नहीं।  ईश्वर सर्वव्यापी कह देते हैं। अपने को तत्व योगी, ब्रह्मयोगी कहलाते हैं।

➢➢  सब सम्पूर्ण तो नहीं बने हैं। बच्चों को सब कुछ समझाना होता है। बाप कहते हैं मैं बच्चों के आगे प्रत्यक्ष होता हूँ। बहुत बच्चे जो मुझे जानते ही नहीं, उनके सम्मुख कैसे आऊंगा। *बच्चों को कहता हूँ-मीठे बच्चे श्रीमत पर चल अपना पुरुषार्थ कर जीवन ऊंच बनाओ।*

➢➢  *बाबा सावधान करते हैं बच्चे तुमको कोई से भी झरमुई-झगमुई की बातें नहीं सुननी हैं। एक बाप की ही सुननी है।* बहुत बच्चे हैं जो देह-अभिमान की बीमारी में रोगी हो मरते हैं। *बच्चों को फरमान है हमेशा बाप को याद करते, उनकी ही महिमा करते रहो।*

➢➢  इस बाबा के शरीर के साथ भी लव नहीं होना चाहिए। *कोई भी शरीर के साथ लव रखा तो अटक जायेंगे।* बाबा जानते हैं बहुत मेल्स की भी आपस में ऐसी दोस्ती हो जाती है, जो एक दो के नाम रूप में फंस मरते हैं। इतनी प्रीत लग जाती है जो शिवबाबा को भूल जाते हैं।

➢➢  बाबा समझाते हैं *कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ना।* भल ब्राह्मणी से नहीं बनती हैं, दिल हट जाती है परन्तु पढ़ाई जरूर पढ़नी है। *बाबा को समाचार देते रहना है। आखिर बाबा मतभेद मिटा देंगे। मतभेद के कारण बहुत बच्चे अपना खाना खराब कर देते हैं*

➢➢  कोई-कोई में माया का भूत आ जाता है फिर कहते हैं शिवबाबा आया, मुरली चलाते हैं- यह सब माया विध्न डालती है। *बहुत ट्रेटर निकल जाते हैं। बहुत धोखा देते हैं। इन सब बातों से बहुत सम्भाल करनी है। पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना है।*

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❍   सेवा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *बाबा को सर्विस का समाचार देना चाहिए। बाबा खुश होगा कि बच्चा सर्विस समाचार देता है।* बाबा आज फलाने को समझाया कि परमपिता परमात्मा से तुम्हारा क्या सम्बन्ध है? बाबा स्वर्ग का वसा देते हैं। 5 हजार वर्ष पहले भी दिया था।

➢➢  *शिवबाबा ही कलियुगी पतित दुनिया को पावन श्रेष्ठाचारी बनाते हैं।* बाबा को बच्चों का ख्याल रहता है कि माया कहाँ बच्चों को मार न डाले वा बीमार न कर दे। बच्चे अगर समाचार नहीं देते तो समझ जाता हूँ कि माया का ज़ोर से थप्पड़ लगा है इसलिए मुरली में समझाया जाता है।

➢➢  *इस दुनिया में सदा के लिए सुख तो है नहीं इसलिए सन्यासी इस सुख को मानते नहीं। काग विष्ठा के समान समझते हैं। तो वह राजयोग कैसे सिखलायेंगे। सारे विश्व का मालिक तो बेहद के बाप सिवाए कोई बन न सके।*

➢➢  *अब बाप सम्मुख समझा रहे हैं, मैं फिर से आया हूँ तुमको राजयोग सिखलाने। कृष्ण के 84 जन्मों के अन्त में मैंने प्रवेश किया है, इनका नाम ब्रह्मा रखा है। मुझे ब्रह्मा जरूर चाहिए तो प्रजापिता ब्रह्मा भी चाहिए। जिसमें प्रवेश करके आऊं, नहीं तो कैसे आऊं? यह मेरा रथ मुकरर है। कल्प-कल्प इसमें ही आता हूँ। लिखा भी हुआ है ब्रह्मा द्वारा स्थापना। किसकी? विष्णुपुरी की।*

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