04-12-15
बाबा पोएम
बेहद की सेवा करके पाओ सतयुग की
राजाई
मीठे बनकर रहो आपस में बनो ना लुन खटाई
बिंदू बनकर तुम सूक्ष्म बिंदू का ध्यान लगाओ
निराकारी बनकर खुद को बाप समान बनाओ
रहना है अपने तन में ऐसे जैसे हो तुम मरे हुए
मरने के भय में दुनिया वाले हैं कितने डरे हुए
कहो उनको जाकर तुम हो अविनाशी आत्मा
सबको घर ले जाने आ गया है पिता परमात्मा
उसी ने दुःख से मुक्ति का सहज रस्ता बताया
अंतिम जन्म में हम सबको पावन बनाने आया
उसी ने हमें एक बात सरल शब्दों में समझाई
जिसको हमने भी अपने जीवन का अंग बनाई
निंद्रा त्यागकर जो छोड़ दे आलस रूपी रजाई
वही सतयुग में जाकर पाए ऊँच पद की राजाई
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!