24-12-15 बाबा पोएम


इक था राजा और इक थी रानी
सुंदर थी जिनकी जीवन कहानी
प्यार की खुशबू से भरा था घर
छाई थी हमारी खुशियों पर जवानी
मुस्काता था सबका चेहरा बहुत
दिन थे खुशहाल रातें थी सुहानी
ये क्या मोड़ आया जीवन में ऐसा
खुशियों की ना रही कोई निशानी
बिखर गया सारा गुलशन हमारा
घिर आई चारों और से परेशानी
ना संभलते हैं ना संभाल पाते हैं
हमें हो रही हर बात पर हैरानी
कैसे इसे सुधारें कोई राह ना सूझे
कैसी कर बैठे हैं हम यह नादानी
कैसे भी हमें खुद को बदलना है
बिगड़े हालात से हमें निकलना है
रखकर भरोसा हमें इक बाबा पर
उसके कहने पर सदा ही चलना है
आएगा वक्त ऐसा होंगे हम खुशहाल
जीवन होगा सुख शांति से मालामाल

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!