09-09-15 मुरली कविता


एक बाप को करो प्यार,एक बाप को ही करो याद

पावन बनने तक करनी यह प्रतिज्ञा 

सयाने बच्चें करते कर्मातीत बनने का पुरुषार्थ 

पुरानी खाल से ममत्व निकाल जाना अब बाप के पास 

सर्वशक्तिमान की स्मृति से होंगे विकर्म भस्म  

शिवशक्ति पाण्डव-सेना होती हमेशा निडर   

सरेंडर बन अपने व औरों को बनाना पुण्य-आत्मा 

अविनाशी ख़ुशी की प्राप्ति करनी तो... करो हद के आधार का त्याग 

होली और हैप्पी के वरदान से अविनाशी प्राप्ति होती 

गुण-मूर्त बन गुणों का दान करना है... सबसे बड़ी सेवा 

ॐ शांति!!! 

मेरा बाबा!!!