15-09-15 मुरली कविता


तुम्हारी अब किसी से नही हो शत्रुता
तुम हो सच्चे-सच्चे सारी दुनिया के मित्र
सारी दुनिया को काम -अग्नि से बुझाने वाले फायर -ब्रिग्रेड
बाप की डायरेक्शन है बैज लगाकर रखो
पवित्र बनो,दैवी गुण धारण करो
बाप का पूरा मददगार बनना,विघ्न रूप नही बनना
आपस में सेवा में रूठना नही ,धोखा नही देना
सच्ची -साफ़ दिल वाले ही बाप को पसंद
नंबर भी सच्चाई पर है,सेवा नही उसका आधार
दिल वाले दुआयें कमाते,दिमाग वाले कमाते नाम
शुभ -चिंतन,शुभ -कामना रखना ही है सच्चा परोपकार


ॐ शांति
मेरा बाबा