16-11-15 मुरली कविता


देही-अभिमानी बनो तो सब बीमारियां हो खत्म
डबल सिरताज विश्व का मालिक बनेंगे तब
बच्चों को बाप मिला तो ख़ुशी में करनी डांस
जो इधर-उधर देखते ज्ञान समझते नही.. वो उबासी मारते ..उनको समुख नही लाना
बाबा की याद में सोना,याद से ही बनते पारसबुद्धि
अथाह ख़ुशी में रहना ,क्लास में नही फैलाना सुस्ती
संस्कारों को मिलाने की रखनी यूनिटी
सदा संतुष्ट रहो,संतुष्ट दूसरों को भी करो..तब मिले सर्टिफिकेट
सदा स्नेह दो,श्रेष्ठ भावना सर्व प्रति रखना
तो प्रैक्टिकल जीवन में बाप की सूरत देगी दर्पण में दिखायी
आत्म -स्थिति में स्थित रह दो जीयदान...तो दुआयें मिलेंगी

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!