06-11-15 मुरली कविता
बाप आया बनाने सच्ची वाइसलेस दुनिया
तो अपने कैरक्टर सुधारने,शुद्ध दृष्टि रखनी
बाबा कहते बेपरवाह बादशाह बनो भल सज़ाओं से बचने का भी
पुरुषार्थ करो
रूहानी याद ऐसी हो जो प्रेम के बहे आंसू
जब तो विजय माला का बने दाना
अंतर्मुखी हो सबको अल्फ का परिचय देना
विश्व-महाराजन बनना तो सर्व शक्तियों का भरपूर हो स्टॉक
हर सेकंड दूसरों के प्रति हो,तन-मन-धन स्वांश सब विश्व कल्याण
में हो सफल
एक भी कमज़ोरी विशेषताओं को कर देती समाप्त...तो कमज़ोरियों को
दो तलाक
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!