10-11-15 मुरली कविता
सारी दुनिया बन गयी अब रोगियों का हॉस्पिटल
बाप आया सारी दुनिया को कराने रोगों से मुक्त
हम अभी राजयोग सीख रहे राजाई में जाने के लिए
पुरानी दुनिया ,पुराना शरीर छोड़ ,नयी दुनिया में लेंगे अब
पुनर्जन्म
इस स्मृति से कभी दुःख व् मुरझाएस नही आयेगी
बाप समान आत्मभिमानी बनने का करना पुरुषार्थ
बेहद के बाप का पूरा -पूरा रखना रिगार्ड
बाप का फरमान है अच्छी रीति पढ़ाई कर होना पास
हर एक की बात को सम्मान दो,स्नेह दो...तो बनेगा वो सहयोगी सदा
साक्षी दृष्टा के वरदान की स्मृति से और ड्रामा के पट्टे पर रह
..इस मैं के रॉयल रूप को करो समाप्त
परमात्म श्रीमत रूपी जल से कर्म के बीज को बनाओ शक्तिशाली
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!