तुम हो सच्चे-सच्चे रूहानी पण्डे
सबको शांतिधाम, सुखधाम का रास्ता बताते
बाप की याद का पूरा बल उनको मिलता
जो होते सच्चे,ऑनेस्ट ,कुछ नही छिपाते
हर कर्म का हिसाब- किताब चुक्तू होता
बाप क्षमा नही करते
दृष्टि से कोई भी बुरा काम नही करना
कदम -कदम पर सावधानी रख करनी पद्मो की कमाई जमा
दिलशिक्स्त् नही होना,थकना नही,सबको देना पैगाम
स्नेही बाप के दिलपसंद वाला ही कर्म करना
स्नेही -स्वरुप को समान -स्वरुप में बदल पाओ अमर भव का वरदान
सदाकाल की जुदाई को विदाई में लो बदल
इजी हो स्वाभाव....पुरुषार्थ में हो अटेंशन
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!