29-07-15 मुरली कविता


एकांत में बैठ पॉइंट्स रिवाइस करो
विचार सागर मंथन करो
याद की यात्रा पूरी हो जब बनो कर्मातीत
कर्मेन्द्रियाँ धोखा न दे करना इसका पुरुषार्थ
सर्विस में कभी नही थकना
हीरे जैसा बनाने की करनी सेवा
बाप दादा द्वारा मिलते जन्म से ख़ुशी के खज़ाने
तब तो भक्त झड़ चित्रों को देख ख़ुशी पाते
स्मृति की चाबी सदा रखो साथ
बाप की श्रेष्ठ आशाओं का दीपक जला...बनो कुल दीपक


ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!