31-08-15 मुरली कविता


रंग-बिरंगी दुनिया(स्वर्ग)का मालिक बनना
तो सदा रहना हर्षित...नही कभी मुरझाना
हम नयी दुनिया का प्रिन्स-प्रिंसेस बनने के लिये पढ़ रहे
इस लड़ाई से होने स्वर्ग के द्वार खुलने
ख़ुशी में रहना और ख़ुशी से दूसरों को समझाना
विचार-सागर मंथन कर ज्ञान रत्न करने धारण
याद की यात्रा में रहकर वाणी को बनाना जौहर दार
ज्ञान -रत्नों की करना वैल्यू और याद की अक्ल सीखना
सृष्टि की आधारमूर्त,उद्घारमूर्त और पूर्वज आत्मायें तुम हो तना
आप द्वारा ही सर्व को....संकल्पों की शक्ति और सर्वशक्तियों की होती प्राप्ति
अपनी बड़ी जिम्मेवारी समझ हर संकल्प ,हर कर्म करो
सृष्टि का समय और स्थिति का आधार तुम पूर्वज आत्मायें हो
मास्टर ज्ञान -सूर्य वो जो सर्व शक्तियों की किरणे फैलाता चारों ओर


ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!