राजाई मिल रही ख़ुशी में रहो
बाप आया ज्ञान रत्नों से श्रृंगार कर घर ले जाने
जो हुआ फिर होगा रिपीट नथिंग न्यू
ड्रामा की स्मृति से धारणा होगी मज़बूत
हर कर्म करना होकर ज्ञानयुक्त
योगबल से करने सब हिसाब चुक्तू
बाप से ख़ुशी के ख़ज़ाने ले झोली भरपूर करना
बाप के साथ शान्तिधाम जाकर फिर राजधानी में आना
पुरानी स्मृति,स्वभाव,संस्कारों का करना त्याग
माया के भूत है यह... इनका नही करो वर्णन
कर्मभोग का नही ...कर्मयोग का करो वर्णन
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!