13-08-15 मुरली कविता


बाप को हम बच्चें लगते प्यारे
उनकी श्रीमत से हम सुधरते
ईश्वरीय मत पर चल ही हम पवित्र बनते
विश्व में शांति..महाभारत की लड़ाई के बाद ही होगी
उसके लिये पहले अपनी अवस्था कर्मातीत बनानी
सम्पूर्ण पावन याद से बनेँगे तभी सृष्टि परिवर्तन होगी
ज्ञान धारणा के लिए बुद्धि रूपी बर्तन स्वच्छ चाहिये
श्रीमत पर चलने से 21 जन्म की मिलती राजाई
मधुरता के बोल आत्मा की सृष्टि बदल देते
कड़वी धरनी को भी मधुर बना देते
राजयुक्त माना हर परिस्थिति में राज़ी रहने वाले


ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!