22-12-15 मुरली कविता
मन्सा-वाचा-कर्मणा ख़ुशी में रहना
सबकों खुश रखना,किसी को दुःख नही देना
खान-पान शुद्ध और चलन रॉयल रखनी
मैं आत्मा हूँ ! यह स्मृति रखनी पक्की
विघ्नों से नही घबराना...सच की नैया हिलेगी डुलेगी पर नही
डूबेगी
एक बाप पर ही देना पूरा अटेंशन
एक सेकंड में विस्तार से सार में चले जाना
कंट्रोललिंग पॉवर से ही विश्व पर कर सकते कण्ट्रोल
यही अभ्यास अंतिम समय पेपर में पास विद हॉनर करायेगा
वानप्रस्थी बनो और बनाओ...बचपन के खेल को करो समाप्त
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!