03-09-15 मुरली कविता


दुःख -हर्ता ,सुख -कर्ता के बच्चे हो, तो कोई को दुःख मत दो

ऊँच पद पाना तो श्रीमत पर चलो ,सर्विस करो 

लड़ो -झगड़ो नही,अपने हाथ में लॉ मत लो  

हठ नही करो,अपने को घाटा मत डालो  

पढ़ाई में गैलप कर आपेही अपने को राजतिलक दो 

रहमदिल बनो,कल्याणकारी बनो,तुच्छ काम नही करो 

वनवाह में हो तो सिम्पल साधारण रहो 

सबको बाप का पैगाम दो,बाप को याद करो

हर कर्म द्वारा श्रेष्ठ कर्म की प्रेरणा देना

मन्सा-वाचा-कर्मणा सदा सेवा में तत्त्पर रहना

और श्रेष्ठ भाग्य का प्रत्यक्ष फल प्राप्त करना 

समीप आना तो सोचना-बोलना-करना बनाओ समान 

ॐ शांति!!!

मेरा बाबा!!!