23-12-15 मुरली कविता


बेहद का बाप आया बच्चों का करने ज्ञान से श्रृंगार
उंच पद पाना तो मेहनत करो,ज्ञान से श्रृंगारे रहो सदा
बाप उन बच्चों को देख खुश होते
जो बच्चें सदा सर्विस में रहते एवररेडी
अलौकिक और पारलौकिक बाप को फॉलो करते
स्वदर्शन चक्र फिरा.. पापों को करना भस्म
वापिस जाने के लिए आत्मा को सम्पूर्ण बनाना पावन
स्वयं को सेवा में सरेंडर करो
तो माया स्वतः हो जायेगी सरेंडर
अन्तर्मुखता से मुख को करो बंद
तो क्रोध स्वतः हो जायेगा समाप्त


ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!