21-09-15
मुरली कविता
याद से बनना सतोप्रधान,कमाई करनी
ज़मा
पढ़ाई करते समय बुद्धि रखनी एकाग्र
तुम्हारी विजय है निश्चित...साक्षात्कार परमात्मा है जो साथ
तुम हो अननोन वारियर्स, माया पर पाते जीत...आधा कल्प करते
राज्य
याद में रह बनानी अपनी कर्मातीत अवस्था
अपना चार्ट व रजिस्टर रखना साफ़
हिम्मतवान बनना..मैं आत्मा हूँ..यह अभ्यास करना पक्का
नॉलेजफुल बन तीव्र पुरुषार्थ से आगे बढ़ना
अलबेलापन छोड़ ..बाप की एक्स्ट्रा मदद,एक्स्ट्रा मार्क्स का लाभ
लेना
प्रकृतिजीत बनो...प्रकृति के दास बनना माना उदास होना
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!