10-10-15
मुरली कविता
पोतामेल रोज़ रात को निकालो
कितना घाटा पड़ा उसकी डायरी रखो
कर्मेन्द्रियों को शीतल करना तो याद की मेहनत करो
एकांत में बैठ बाप से मीठी-मीठी बातें करो
अपना चार्ट रखो तो होगी उन्नति
भाग्यशाली बच्चों को टच होती याद की युक्तियां
धंधा आदि से टाइम निकाल याद में बैठना
योग क्यों नही लगता ? उसका चार्ट रखना
दृढ़ता से नाउम्मीद में उम्मीद का दीपक जगाना
स्नेह के पानी ,साइलेंस की शक्ति से कलराठी ज़मीन पर भी फल आ
जाता
कर्म में रूहानियत आयेगी... जब स्वयं को प्रभु की अमानत समझो
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!