24-08-15 मुरली कविता


एकांत में बैठ करना बाप को याद

याद की यात्रा पूरी हो जब पहुँचे अपनी मंज़िल

बाप देवताओं को बनाते बहुत ही स्वीट

हम बच्चे स्वीट बनने का कर रहे पुरुषार्थ

स्वीट बच्चे में शैतानी के नही होते ख्यालात

हमारा रेस्पोंसिबल है बाप,तो करे क्यों कोई फ़िक्र

अंतिम जन्म पवित्र बन ...करना सबका कल्याण

विशेष आत्मायें कराती.. एक सेकंड में मुक्ति-जीवनमुक्ति का अनुभव

जीवन मुक्ति से सुख, मुक्ति से शांति का होता अनुभव

इस अनुभव से ही साइंस पर साइलेंस करेगी प्राप्त विजय

सच्चे परवाने वो ....जो बाप के फरमान पर हो कुर्बान

ॐ शांति!!!

मेरा बाबा!!!