29-09-15 मुरली कविता


इस ड्रामा में जो पार्ट जिसका जिस घड़ी होना चाहिए..हो रहा रिपीट
यह ड्रामा का खेल बिलकुल है एक्यूरेट
अपने को आत्मा समझो.. तो हो जाये बेड़ा पार
अभी ज्ञान तलवार में नही ...याद का जौहर
योग में मज़बूत हो तब निकले प्रभाव
मंदिर में 'लक्ष्मी -नारायण ' है हमारा ही यादगार
गृहस्थ -व्यवहार में युक्ति से चल...बनना कमलपुष्प समान
समाधान स्वरुप बनना... तो बनानी सम्पूर्ण स्थिति
ब्रह्मा बाप समान सम्पूर्ण बनो.. तो आधे-कल्प की समस्याओं से हो विदायी
माया के आकर्षण से बचना..तो सदा ज्ञान का करो सिमरण
 

ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!