स्वाभाव इज़ी हो कोई घमण्ड न हो
बुद्धि ज्ञानयुक्त हो, अभिमान न हो
ज्ञान सुनाने के साथ बाप की भी याद हो
बेबी बन बाप की याद नही भूलों
हाथ से काम करते याद में रहना
पुरुषार्थ कर ऊँच पद राजा का पाना
ख़ुशी में रहना,दिलशिक्स्त् नही बनना
सवेरे उठ आराम से शांति में बैठ बाप को याद करो
आप बच्चे जग की ज्योति हो
स्वपरिवर्तन कर विश्व परिवर्तन करो
अपने महत्व व कर्त्तव्य को जान जागती ज्योत बनों
कर्मयोगी, कर्मातीत बनने की प्रैक्टिस करो
सर्व संकल्पों को समा एक ही संकल्प में स्थित हो जाओ
स्मृति विस्मृति के युद्ध को समाप्त करो
लवलीन स्थिति का अनुभव करते रहो
ॐ
शांति !!!
मेरा बाबा !!!