07-09-15 मुरली कविता


पवित्र बनो,याद की सच्ची पवित्र-यात्रा करो

सत्य पण्डा आया सच्ची -सच्ची यात्रा सिखलाने

मेसेंजर व पैगम्बर बन देना सबको बाप का परिचय

अपने को आत्मा समझ करो बाप को याद

योग अग्नि से करो अपने विक्रम विनाश

मन्सा भी हो न पतित यह रखना ख्याल,

दृष्टि भी कहीं न जाये... यह बनानी अवस्था

आसुरी संस्कारों को मिटाना

पुरुषार्थ कर सम्पूर्ण पवित्रता की पानी ऊँची मंज़िल

पारसनाथ के बच्चे तुम हो पारसनाथ... जो बनाते लोहे को भी पारस

हर संकल्प, हर कर्म से लाइट की किरणें दे आत्माओं को बनाते गोल्डन

साहस से हर कार्य करो तो मिले सम्मान

ॐ शांति!!! 

मेरा बाबा!!!