25-11-15 मुरली कविता
खुश-खबरी सुनाओ..डी टी डिनायस्टि हो रही स्थापन
वाइसलेस-वर्ल्ड होगी तब होगा सब विनाश
देह-अभिमानी बनने से मिलता रावण का श्राप
आत्मा कंगाल -भिखारी बन नीचे जाती उतर
देही-अभिमानी बन बाप से वर्सा ले.. बनो अब पावन
रहमदिल बन सबका करना कल्याण
बाप की याद में रहना.. छोड़ सब ख्यालात
ज्ञान और गुण मूर्त से बनाओ प्रैक्टिकल जीवन
परमात्म ज्ञान का प्रूफ ही प्रैक्टिकल जीवन
धारणा मूर्त से 1 सेकण्ड में आत्मा को करना शांत
परमात्म स्मृति से जीवन बने उज्जवल और उलझन हो समाप्त
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!