अपने को आत्मा समझ याद कर बाप से पूरा वर्सा लो
सत्तोप्रधान तकदीर बनानी तो याद का खूब पुरुषार्थ करो
सच्चे बाप से सच्चे बन याद का चार्ट भरो
याद नही करते तो बुद्धि भटकती ,शान्त नही रहते तो वायुमण्डल
खराब करते
श्रीमत पर विश्व को स्वर्ग बनाने की सेवा करनी
आसुरी मत से अपनी सम्भाल करनी
चावल मुट्ठी सुदामा मिसल सफल कर अपनी मनोकामनाये सिद्ध करनी
देह से न्यारे बन अपने स्नेह से संपर्क वालों को अपनेपन का
अनुभव कराओ
अपनी विशेषताओ..सुख, शांति, प्रेम...दातापन ,उमंग उत्साह,...की
अनुभूति कराओ
विशाल बुद्धि, विशाल दिल वाले बनो
उमंग उत्साह के पंखो से उड़ती कला के अनुभवी बनो
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!