30-10-15 मुरली कविता


नशा रहे तुम्हें भगवान् आया पढ़ाने
वो रूचि से पढ़ा रहे...... तो तुम भी रूचि से पढ़ो
हमारा उद्देश्य है विश्व में सुख -शांति हो स्थापित
हमेँ नशे से कहना हम सारे विश्व को देने वाले सद्गति
नर्कवासी से स्वर्गवासी बनाने की हम लेते प्राइज
हमें शुद्ध भावना रख भारत और सारे विश्व का करना कल्याण
टाइम नही करना वेस्ट,व्यर्थ ख्यालात नही चलाना
स्वदर्शन चक्रधारी सदा रहते सम्पन्न और अचल
स्वयं को समझते मालामाल,सुजाग,जागती ज्योत और रहते खबरदार
शुभ व् श्रेष्ठ भावना के बोल ही होते समर्थ

ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!