06-07-15 मुरली कविता


बाप को याद करो और दूसरों को भी कराना

क्योंकि बुद्धि में अब सारा ज्ञान का सार समाया

बुद्धि में रहे हम जाते अपने घर वापिस

फिर आ कर बनेंगे सूर्यवंशी,फिर चंद्रवंशी

माया की गफलत से बचना तो,सबको रास्ता दिखाने में रहना बिजी

रूहानी यूनिवर्सिटी खोलनी

टाइम सफल करने का रखना अटेंशन

साक्षी दृष्टा हो कर्म करने से होंगे सुकर्म

कर्मबंधनी आत्मा बनेंगे नही

त्रिकालदर्शी स्टेज पर स्थित हो कर्म करने से

न्यारे प्यारे हो रहेंगे , बनेंगे दृष्टान्त रूप

डबल लाइट माना.. मन से सदा संतुष्ट

ॐ शांति!!!

मेरा बाबा!!!