26-12-15 मुरली कविता


बाप को यथार्त पहचान कर करना याद
बाप को कहते गरीब -निवाज़,
दुःखो से छुड़ाते बाप ज्ञान दे ,बनाते पतितों को पावन
रूप-बसंत बन,मुख से ज्ञान रत्न निकालने
सुखदाई बोल बोलने,निर्मोही बनना
गुस्सा नही करना,प्यार से लेना काम
बाप अनाथ को बनाते सनाथ
साइंस के ऊपर साइलेंस की होती जीत
इसलिए शांत -स्वरुप स्थिति में रहने का करना अभ्यास
जीरो बाप के साथ रह बजाना हीरो पार्ट


ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!