30-05-15 मुरली कविता


बाप ने आत्मा से प्यार करना सिखलाया
आत्मा का प्यार भी एक बाप से होता
आत्मा ही परमात्मा को याद करती
पर याद में माया विघ्न डालती
उस्ताद बाप को पहचान पुरुषार्थ करो ,
सर्विस करो तो बन जाओगे मायाजीत
श्रीमत पर चल लेनी बादशाही
चावल मुट्ठी दे 21 जन्मों के लिए महल बनाने
पुरानी दुनिया से ममत्व मिटा भविष्य कमाई ज़मा करनी
अशरीरीपन के इंजेक्शन से संकल्प शक्ति कण्ट्रोल करनी
जिससे होंगे एकाग्रचित,संकल्प उछलेंगे नही
बुद्धि की लगाम बाप के पास हो तो व्यर्थ की मेहनत होगीं नही
पूर्वज स्वरुप की स्मृति से आत्माओं पर रहम करनी


ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!