तुम
विश्व में शांति स्थापित करने के बनते निमित्त
इसलिये तुम्हें कभी नही होना अशांत
सवेरे
अमृतवेले जो उठकर करते बाप को याद
बाप
कहते उनको सपूत व फरमानबरदार
हमें
क्षीर-ख़ण्ड हो रहना,किसी को नही देना दुःख
स्मृति रखनी सदा...हम है ईश्वरीय संतान
अज्ञानता का पर्दा हटा,सम्पूर्णता की रोशनी वाले बनना..
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सुख-शांति की सांस देने का बनना निमित्त
माया
और प्रकृति के आकर्षण से दूर रहने वाले बनते हर्षित
ॐ
शांति!!!
मेरा
बाबा!!!