08-07-16 मुरली कविता


जीते जी इस शरीर से होना अलग
अशरीरी बन करो बाप को याद
पवित्रता है फाउंडेशन जिससे आत्मा बनती मजबूत,सच्चा-सोना
बाबा डालते स्वराज्य का मजबूत फाउंडेशन
जो आधा-कल्प कोई राज्य सकता नही छीन
अपने शांत स्वधर्म में रहना स्थित
डेड साइलेंस का करना अभ्यास
एक लग्न,एक भरोसे,एक रस अवस्था वाले
रहते सदा निर्विघ्न
कारण को निवारण में कर देते परिवर्तन
प्रशंसा के आधार पर प्रसन्नता रहती अल्पकाल

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!