16-02-16
मुरली कविता
खुदा है दोस्त,रावण है दुश्मन
तभी खुदा से करते प्यार,
और रावण को जलाया जाता
जो बच्चें बाप को करते याद,रहते पवित्र
उन्हें अनेकों का मिलता आशीर्वाद
बाप की एक है श्रीमत..कोई देहधारी
को नही करना याद,सिर्फ उन्हें करो याद
बाप समान दुःख- हर्ता ,सुख -कर्ता बनना
आप समान बनाने की करनी सेवा
फरिश्ता स्वरुप में लाइट और माइट होता स्पष्ट
उसके लिए मनन -शक्ति और सहन शक्ति स्वयं में लाना
इन दो शक्तियों से पुरुषार्थ हो जायेगा सहज
व्यर्थ बोलना माना अनेकों को करना डिस्टर्ब
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!