19-07-16 मुरली कविता


निराकार बाप की जन्म-भूमि है भारत
बाप यही आकर करते सेवा,सिखाते राजयोग
प्रतिज्ञा करनी 5 विकारों का देना दान
वापिस लिया दान है पाप, जिसकी मिलती सज़ा
पवित्र रहना,याद में रहना मज़बूत
एक जन्म होना बलिहार तो 21 जन्म
बनेंगे पुण्य-आत्मा
स्मृति-वृति और दृष्टि रखनी आलौकिक
तो सर्व आकर्षण से होंगे मुक्त
दिल में परमात्म प्यार व शक्तिया समायी हुई हो
तो मन में आ नही सकती उलझन

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!