09-03-16 मुरली कविता


शिव द्वारा रचे रूद्र यज्ञ की बहुत-बहुत करनी संभाल
यह है बेहद का यज्ञ जो दिलाता स्वराज्य
इस यज्ञ की रखनी बहुत रिस्पेक्ट
इससे बनते हम कौड़ी से हीरे समान
पुरानी दुनिया को होता इसमें स्वाहा
बेकायदे कर्म से इसमें पड़ते विघ्न
प्यार से इसकी करनी पूरी संभाल
यज्ञ की कौड़ी -कौड़ी नही गंवानी व्यर्थ
इसकी वृद्धि में पूरा देना सहयोग
बाप के दिलतख्त पर होना विराजमान
तो स्थिति बनानी एक रस,अचल-अडोल
इसके लिये भृकुटि के तख़्त पर बैठो बन अकालमूर्त
शुभचिंतन द्वारा नेगेटिव को पॉजिटिव में करो परिवर्तन

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!