09-01-16 मुरली कविता


सर्वशक्तिमान आया देने ज्ञान की शक्ति
अर्थात दीपक में डालने ज्ञान घृत
जो होते पवित्र बच्चे बाप के साथ जाते संग-संग
साथ के कारण है बरात का गायन
मन-वचन-कर्म से पवित्र बन आत्मा रूपी बैटरी करनी चार्ज
श्रीमत पर चल स्वयं को बनाना श्रेष्ठ
व्यर्थ संकल्प की कंप्लेंट को करना समाप्त
रोज़ मन को रखना बिजी
मिलन,वर्णन,मगन और लग्न में
तो व्यर्थ खत्म और मिलती सफलता
सफलता को बर्थ राइट समझने वाले ही सदा रहते प्रसन्नचित

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!