03-05-16 मुरली कविता


बाप आया देने सुख -शांति का वरदान
सिवाये बाप के कोई देखा सके न मुक्ति -जीवनमुक्ति की राह
सतयुग में जाना तो बनना पवित्र
आत्म-अभिमानी भी बनना जरूर
5 विकारों का दान देना
एक बाप की मत पर चलना
बुद्धि योग एक बाप से ही रखना
सेल्फ कण्ट्रोल से व्यर्थ भोजन की करनी परहेज़
महीन बुद्धि से प्राप्त करना फरिश्ता स्वरुप का लक्ष्य
महान आत्मा वह जो हर सेकण्ड, हर कदम श्रीमत पर चलते एक्युरेट

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!