06-11-16
मुरली कविता
बाप बनाते बच्चों को ईश्वरीय
वंशावली का मूल
बच्चे भी इस स्वमान को दिल से करते हैं कुबूल
सम्पर्क सम्बन्ध में आते इमर्ज रहे यही संस्कार
कल्प वृक्ष की शाखाओं के हम बच्चे मूल आधार
यही श्रेष्ठ स्मृति बच्चों को समर्थ स्वरूप बनाएगी
संस्कारों की हर कमजोरी को जड़ से ये मिटाएगी
वृक्ष के हर पत्ते डाली को जड़ें ही शक्ति पहुंचाती
जड़ों की कमजोरी सारे वृक्ष को शक्तिहीन बनाती
आत्माओं के दिल की आवाज ध्यान से सुन लेना
दो पल ही सही लेकिन सच्चा सुख चैन हमें देना
भौतिक सम्पन्नता पाकर भी वे नींद नहीं ले पाते
सच्चे सुख की आस में वे दिन रात भटकते जाते
रस्ता ढूंढ नहीं पाए अब तक सच्चा सुख पाने का
मौका है शमा बनकर उन्हें रस्ता सही दिखाने का
पूर्वज बनकर श्रेष्ठ संकल्पों की शक्ति को बढ़ाओ
प्राप्ति के अनुभव से सबको मंजिल तक ले आओ
उपकारी दृष्टि द्वारा अपकारी का देहभान मिटाओ
परिवर्तन की इस युक्ति से धन्यवाद सबका पाओ
बाप के प्यार का अनुभव जो बच्चा कर पाएगा
खुशनसीबी से उसका चेहरा सदा हर्षाता जाएगा
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!