25-09-16
मुरली कविता
अपने दिल शहजादे बच्चों से आ गए
मिलने दिलाराम
बाप के दिल में रहते वही बच्चे जो देते सबको आराम
अपने राजऋषि बच्चों प्रति बापदादा रखते इरादा नेक
विशेषता से सम्पन्न हर बच्चा बने एक से बढ़कर एक
अपनी खूबियों से हर बच्चा सजा सजाया नजर आए
आकर्षणमय हो इतना जो सारा विश्व उसके गुण गाए
श्रेष्ठ संकल्प और कर्मों से बनो सर्व खजानों से भरपूर
करवाकर सुख का एहसास दुखों से कर दो सबको दूर
बापदादा ने रख दी बच्चों के आगे अपने दिल की बात
दिल की बात ही कहता बाबा करके बच्चों से मुलाकात
क्या है आपके दिल में बच्चों जरा मुझे भी तो बतलाओ
मैं जो कहता हूँ तुमसे बच्चों वही तुम करके दिखलाओ
ऐसा पुरुषार्थ ना करो जो बनो विश्व राज्य में आने वाले
दृढ़तापूर्वक बनाओ खुद को विश्व पर राज्य करने वाले
अपनी सम्पूर्ण अवस्था का निरंतर चिन्तन करते जाओ
सम्पूर्णता के सर्व संस्कार अपने व्यवहार में लाते जाओ
अपने भविष्य देवरूप की सबको तुम झलक दिखाओ
आत्मभान जगाए रखकर बाप के नजदीक आते जाओ
विश्व की राजाई पाने में बच्चों कभी संशय में ना आओ
सम्पूर्ण निश्चयबुद्धि बनकर विजयभव का वरदान पाओ
आने वाले विघ्नों के प्रति सहनशक्ति को कवच बनाओ
रहकर सदा उमंग उत्साह में सबको भी उत्साह में लाओ
खुश रहकर खुश करने का बच्चों रोजाना उत्सव मनाओ
मनाकर ऐसे उत्सव अपने समस्त विघ्नों से मुक्ति पाओ
खुशियों से सम्पन्न बनकर बिखेरो सब पर मीठी मुस्कान
शक्ति सम्पन्न बनकर ही विघ्नों को मिटाना होगा आसान
हर परिस्थिति आती शिक्षक बनकर ले लो उससे शिक्षा
रहकर सदा चौकन्ना विघ्नों से कर पाओगे खुद की रक्षा
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!