24-03-16
मुरली कविता
बाप है नंबर वन एक्टर
पतित से पावन बनाने की करते एक्ट
उन जैसा कोई कर न सके एक्ट
सन्यासियों का है ब्रह्म तत्व से योग
तत्व है रहने का स्थान ,उसे नही कहते सुप्रीम
हमारा है सुप्रीम रूह से रूहानी योग
यह राजयोग रूहानी बाप ही देते सीखा
सच्चा आशिक बन बाप माशूक को करना याद
नॉलेजफुल बन सबको बताना रास्ता
श्रीमत में मनमत व परमत नही करनी मिक्स
इससे प्राप्ति होती कम,मेहनत अधिक
यथार्थ श्रीमत पर चलो तो ख़ुशी,शक्ति और सफलता हो प्राप्त
उसके लिए निर्णय और परखने की शक्ति को करो धारण
बालक सो मालिक अर्थात तपस्या के बल से भाग्यविधाता को बनाना
अपना
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!