13-07-16 मुरली कविता


अपना करो चिंतन दूसरों का नही
ड्रामा अनुसार जो करेगा ,वो पायेगा
त्रिकालदर्शी बनने से आई है आत्मा की स्मृति
हम एक्टर बन बजाते 84 जन्मों का पार्ट
बाप है सम्मुख अब,फिर ले जायेगे घर
अपनी करनी चेकिंग कहाँ तक बने देहि-अभिमानी
काम- विकार से कहाँ तक पायी मुक्ति
स्वयं के स्वरुप की रहे स्मृति
तो कोई उल्टा कर्म नही हो सकता
हर संकल्प,बोल और कर्म करेंगे
वही संयम (नियम) बन जायेंगे
पवित्रता का पिल्लर करो मजबूत
तो वो करेगा लाइट-हाउस का काम

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!