15-04-16 मुरली कविता


देवता बनना तो अमृत पियो और पिलाओ
अमृत पीने वाले ही बनते श्रेष्ठाचारी
जो पढ़ाई नही पढ़ते करते नही मेहनत
वो प्रजा बन जाते
सूर्यवंशी राजा-रानी बनना तो पढ़ाई पर पूरा हो अटेंशन
हेयर नो ईविल सी नो ईविल..व्यर्थ से रहो मुक्त
हद की बातों से नही होना प्रभावित
श्रीमत पर पढ़ना और पढ़ाना
अपनी रहम व् कल्याण की दृष्टि -वृति
से विश्व का करना कल्याण
सर्व आत्माओं को भिखारी से अधिकारी बनाना
हद के मान- शान को त्याग कर
अपने समय को बेहद की सेवा में सफल
करना है परोपकारी बनना

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!