04-02-16 मुरली कविता


सुख देने वाले बाप को करो याद
थोडा समय है योग बल करो ज़मा
जो अंत समय में आयेगा काम
पुरुषार्थ करो ऐसा जो पापों का बोझ जाये उतर
बाप पर सब करना बलिहार
एक बाप दूसरा न कोई.ऐसा हो पुरुषार्थ
राज्य पद पाना तो सब कुछ करना स्वाहा
नॉलेज की लाइट-माइट से बनो विघ्नविनाशक
बाप के साथ सदा कंबाइंड रहो तो विघ्नों से नही होगी हार
विल-पॉवर के लिए अंदर-बाहर की बुराईयों को करो विल

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!