14-01-16
मुरली कविता
बाप की श्रीमत से बनते तुम
मनुष्य से देवता
श्रीमत का शास्त्र है..सर्व शास्त्रशिरोमणि भगवद् गीता
सतयुग है सत्तोप्रधान सृष्टि,होता जहां सब कुछ प्राप्त
मनुष्य अच्छे है तो समाग्री भी होती अच्छी
बाप समान नॉलेजफुल बनना
इस ज्ञान के गुप्त नशे में रहना
कंबाइंड रूपधारी बन कंबाइंड रूप की सेवा करो
साधनों में बेहद की वैराग्यवृत्ति की साधना मर्ज न होने दो
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!