10-09-16 मुरली कविता


विश्व के नाट्य मंच पर तुम बच्चे हो महानायक
पवित्रता अपनाकर तुम बनते हो इसके लायक
बंद हो गया शांति के लिए दर दर धक्के खाना
शांति है स्वधर्म हमारा जब से बच्चों ने ये जाना
भारत पर चलती है सारी दुनिया की ये कहानी
आता है बाबा तब होती है जब धर्म की ग्लानी
सारी दुनिया में छिड़ गया है महाभारत का युद्ध
जीतेगा वही इसमें जिसकी आत्मा बनेगी शुद्ध
चिन्तन उनका कभी न करो बीत गई जो बातें
व्यर्थ बातों में नहीं बिताओ जाग जागकर रातें
विश्व परिवर्तन के कार्य में बन जाओ भागीदार
बाबा बना देगा तुम्हें नई दुनिया का जागीरदार
बनकर एक बाप के कर लो न्यारेपन का चुनाव
लगाव झुकाव से कर लो अपना पूरा ही बचाव
सेवा के लिए करते जाओ हर बंधन का उपयोग
बंधन बदलेगा सम्बन्ध में बाबा से लगेगा योग

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!