29-03-16
मुरली कविता
बाप जैसा बनो देहि-अभिमानी और
निरहंकारी फॉलो फादर करो तभी सदा होगी उन्नति
अपनी चलन रॉयल रखनी
क्रोध की रखनी खबरदारी
मन्सा से कोई को नही देना दुःख
रूद्र यज्ञ में नही बनना विघ्न रुप
मुख से निकले सदैव ज्ञान रत्न
दिल में किसी के लिए न हो रंज
अपनी रूहानी शक्ति से आत्माओ को अपने
रूहानियत का कराना अनुभव
व्यर्थ संकल्प,व्यर्थ बोल,व्यर्थ कर्म
की हलचल से परे एकाग्रता का रखो व्रत
बाप और दुआओ के विमान में उड़ने वाले होते उड़ता योगी
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!