29-02-16 मुरली कविता


पढ़ाई और दैवी कैरेक्टर्स का रखो रजिस्टर
कोई भूल तो नही हुई,करो रोज़ चेक
राजाई का लेना तिलक तो बनो फरमानबरदार
बाप से कुछ नही छिपाना,बाप जैसा प्यार का बनो सागर
चुप रहना,क्रोध में आकर नही छोड़ना बम
श्रीमत पर चल बनना सालिम
बेहद का वैरागी और निर्मोही बनना
मैं जो हूँ जैसा हूँ..अपने असली स्वरुप की रहे स्मृति
सर्वशक्तिमान के बच्चे नही हो सकते कभी शक्तिहीन
इस पोजीशन के अनुभवी बन बाप शिक्षक को करो प्रत्यक्ष
सत्यवादी माना चेहरे और चलन में हो दिव्यता

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!