27-04-16 मुरली कविता


दूरदेश से आया बाप नवा राज्य करने स्थापित
बच्चों को स्वर्ग लायक बनाता
जो होते निश्चयबुद्धि बच्चें वो श्रीमत पर चलते
अवस्था उनकी रहती सदा अचल-अडोल
कभी किसी बात में लाना नही संशय
श्रीमत में है सबका कल्याण समाया
बाप रेस्पोंसिबल तो नही करना फ़िक्र
बाप के स्नेह में जो रहते समाये
वो पाते बाप समान का वरदान
सर्वशक्तियां उनके साथ रहती,निश्चिन्त होती विजय
कभी किसी बात में होते नही वो विचलित
सदा संतुष्ट और खुश रहने वाले ही होते खुशनसीब

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!