29-01-16
मुरली कविता
हम ब्राह्मण सो बनते देवता
बाप ब्राह्मणों को ही देते श्रेष्ठ श्रीमत
न्यू ब्लड को करना युक्ति से हमजिंस का कल्याण
नशा हो ,भाषण करने में आये उमंग -उत्साह
सबकेँ प्रति शुभ भावना रख देना.. सच्चा मान
श्रीमत में मनमत नही करनी मिक्स
सेवाधारी का कर्तव्य मन्सा-वाचा-कर्मणा में सेवा
घर को भी समझना सेवास्थल
त्याग से तपस्विमूर्त बनो, तो सेवा होगी स्वतः
मन -बुद्धि को बाप के आगे करो समर्पित
तो दैव्य संस्कार होंगे निर्माण
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!