08-09-16 मुरली कविता


शिव बाबा आया है बच्चों को श्रेष्ठ कर्म सिखलाने
21 जन्म के लिए अखंड राज्य का मालिक बनाने
गृहस्थ धर्म वाले जब करते अपने प्रभु का इंतजार
आता है वो शिक्षक बनकर देता हमें बाप का प्यार
बाप है वो हम बच्चों का बेहद का सुख देने वाला
पावन आत्माओं को स्वर्ग की बादशाही देने वाला
पांच विकार छोड़कर मेहनत करो राजाई पाने की
जरूरत है स्वयं को ब्रह्मा बाप के जैसा बनाने की
अपने पुरुषार्थ में बाधक है सम्बन्धों की अधीनता
साथी और साक्षी बनकर पाओ इनसे स्वाधीनता
शुद्ध अशुद्ध के बीच जो सदा करते रहते हैं लड़ाई
ऐसी आत्माओं ने केवल त्रेतायुग की दुनिया पाई

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!