12-09-16 मुरली कविता


बाप एक मनमनाभाव का मन्त्र सबको पक्का कराओ
बाप को फॉलो करके बाप के सहयोगी कहलाओ
बाबा कहते श्रेष्ठ बनने का सरल तरीका अपनाओ
श्रीमत पर चलो सदा किसी की बातों में ना जाओ
खाने पीने घूमने फिरने की बाबा देते हमें आजादी
करो बाप को याद सदा धरकर रूप अपना अनादि
इस दुनिया में सदा महिमा होती है अच्छे काम की
अत्याचार करने वालों ने अपनी छवि बदनाम की
दशा ब्रहस्पति की बैठी हम पर वर्सा लेते सुख का
जन्मेंगे ऐसे संसार में जहाँ नाम न होगा दुःख का
पवित्रता के पंख लगाकर करो घर जाने की तैयारी
सद्गति दाता बाबा आया बदलने यह दुनिया सारी
स्वमान धारण कर जो रहता है देहभान से न्यारा
वही बनता वर्तमान और भविष्य में सबका प्यारा
समय परिस्थिति अनुरूप जो करते खुद को मोल्ड
वही बच्चे कहलाते बाप की नजरों में रियल गोल्ड

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!