21-06-16
मुरली कविता
शिव बाबा और ब्रह्मा दोनों की
है मत मशहूर
अपना कल्याण करना तो उनकी मत पर चलना
शिवबाबा ही है नंबर वन ट्रस्टी
जो भी हम दान-पूण्य उनके करते अर्थ
बाप उन्हें पूरा करते भविष्य में रिटर्न
वह कभी नही भोगते सुख
कभी किसी बात में न आये संशय
ड्रामा में है सब बना बनाया
साक्षी हो देखना हर खेल
बाप है इनश्योरेन्स मैगनेट
तो तन-मन -धन करो अपना सर्विस में सफल
मास्टर ऑलमाइटी अथॉरिटी की सीट पर रहो सेट
तो हर शब्द व् कर्म चलेंगे सेटिंग प्रमाण आटोमेटिक
मैं के बजाए बाबा-बाबा कहना
भी है याद का प्रूफ
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!