16-05-16
मुरली कविता
रावण की मत से हुई बाप की ग्लानि
भारत बन गया कौड़ी -तुल्य
अब बाप को याद कर बनो धनवान
सीढ़ी के चित्र में दिखाया ज्ञान
और भक्ति है आधा-आधा
आधा-कल्प चलता रावण-राज्य
आधा-कल्प है राम की प्रालब्ध
सम्पूर्ण गुणवान बनने का करना पुरुषार्थ
बाप की याद में रह हर कर्म करना
कोई भी विकर्म नही करना
दिव्य-बुद्धि के विमान से करनी विश्व-परिक्रमा
चक्रवती बन विश्व का लगाना चक्र
मास्टर- दाता बन अनेक आत्माओं
को प्राप्तियों का अनुभव कराना
माना ब्रह्मा बाप समान बनना
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!