20-09-16 मुरली कविता


तकदीर जगाकर मेरे बच्चों नई दुनिया में जाओ
राजयोग के बल से पहले खुद को पावन बनाओ
तकदीरवान बच्चे होते हैं विशेष निशानियों वाले
मनमत परमत त्यागकर श्रीमत पर चलने वाले
पढाई का शौक रखकर स्कॉलरशिप लेने वाले
त्यागकर सभी उल्टे कर्म सुख ही सुख देने वाले
बेहद की पाठशाला में बच्चे तकदीर बनाने आते
नई सतयुगी दुनिया में जाकर श्रेष्ठ पद को पाते
हद की शिक्षा से बनती है तकदीर केवल हद की
ईश्वरीय ज्ञान द्वारा बादशाही मिलती है बेहद की
ज्ञान धारण करो कराओ चढ़ाकर ख़ुशी का पारा
इन्द्रियजीत बनकर संसार जीत लो तुम ये सारा
विकारी प्यार को छोड़कर लूट लो रूहानी प्यार
योग बल से पाओ 21 जन्म सुख का अधिकार
मेरे ऊपर है संपूर्ण विश्व परिवर्तन की जिम्मेदारी
कैसे निभाता हूँ इसे मुझे देख रही है दुनिया सारी
इसी शुद्ध भाव से मेरा अलबेलापन मिट जाएगा
तीव्र गति से दुनिया का परिवर्तन भी हो जाएगा
माया से युद्ध कर करके महसूस करते हो थकान
निरन्तर बाप की याद में रहकर योगी बनो महान

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!