21-09-16 मुरली कविता


बाप की याद में रहने का देते जाओ सबको इशारा
उन्नति को पाते ही जाओ देकर इक दूजे को सहारा
जो खुद को बनाते बाप समान वे भूल जाते हैं रोना
वे जानते हैं कि हुआ वही जो इस ड्रामा में था होना
ड्रामा का राज भूलकर जो अपनी शांति को गंवाता
ऐसा पुरुषार्थी भविष्य में कभी ऊंच पद नहीं पाता
शिव बाबा को पाकर ही मिलता है सतयुगी संसार
निरन्तर याद है विश्व की बादशाही पाने का आधार
कल्प कल्प बाबा आकर इक यही बात समझाते हैं
सम्पूर्ण पावन बनने वाले बच्चे ऊँच पद को पाते हैं
पतित पावन बाबा बच्चों को देते रहते यही इशारा
मेरी याद में इन्द्रजीत बनकर संसार जीत लो सारा
एक ही शिव बाबा आकर रूहानी यात्रा सिखलाते
इसी याद की यात्रा से सारे विकर्म विनाश हो जाते
विकार्मजीत बनने की जग में विधि नहीं कोई और
एक बाप की निरंतर याद से आत्मा बनती है प्योर
देहधारी से मोह मिटाकर करो बाप से सच्चा प्यार
विकार्मजीत बनने का बाबा ने बताया यही उपचार
स्नेह समाकर वाणी में ज्ञान की सत्यता समझाओ
स्नेह शक्ति के सन्तुलन से सेवा में सफलता पाओ
सर्वशक्तिमान है संग तुम्हारे छोड़ो करना पश्चाताप
उसके संग में रहने से मिट पाएगा रावण का श्राप

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!