05-05-16
मुरली कविता
अभी तुमकों मिली है ईश्वरीय गोद
बाप ने दिया है ज्ञान का तीसरा नेत्र
अद्वैत राज्य की स्थापना का आधार है योगबल
सिवाए बाप के विश्व का राज्य कोई स्थापन कर न सके
अपना सब डायरेक्ट ईश्वर अर्थ करना सफल
रूहानी हॉस्पिटल कम यूनिवर्सिटी खोलनी
हम है रॉयल फॅमिली के, रहे सदा स्मृति
अपने को सदैव देखो गुणमूर्त
ऊँची स्टेज पर रहो स्थित
कमी देखते ख़त्म करते जाना
रॉयल वह है जो हर्षितमुख द्वारा
प्यूरिटी की रॉयलिटी का कराये अनुभव
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!