22-02-16 मुरली कविता


भारत खास, दुनिया आम पर है बृहस्पति की दशा
बच्चों संग बाबा ..भारत को बना रहा सुखधाम
"दे दान तो छूटे ग्रहण"..कामविकार का देना दान
16 कला सम्पूर्ण बनना तो ,
देह का भान छोडो ..देही -अभिमानी बनो
अविनाशी ज्ञान रत्नों के दान से कल्याण करो
हसीन बनो और हसीन बनाओ
संकल्प में भी कोई अशुद्धता न हो
तब कहेंगे सम्पूर्ण वैष्णव व् सम्पूर्ण पवित्र
सूक्ष्म व् स्थूल संकल्प भी हो फरमान पर
तब कहेंगे सम्पूर्ण फरमानबदार
बाप को जान, दिल से कहना 'मेरा बाबा'
यह है सबसे बड़ी ते बड़ी विशेषता

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!