26-07-16
मुरली कविता
तुम्हें बनना बाप समान
सच्चा-सच्चा पैगम्बर
सारी दुनिया को घर चलने का देना मैसेज
इस पतित दुनिया में नही करना कोई फैशन
सतयुग में होते सब नेचुरल ही सुन्दर
ज्ञान -दान कर बनना धर्मात्मा
कर्म-अकर्म-विकर्म की गति को जान
करने श्रेष्ठ कर्म
अनासक्त बनो तो माया के विघ्नों का कर सकेंगे सामना
विघ्नविनाशक बनो,शक्ति रूप धारण कर
रहम,निस्वार्थ और लगावमुक्त हो,..
स्वार्थ वाला नही
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!