02-06-16 मुरली कविता


बाप की स्मृति से रहता अती इंद्रिय -सुख
बाप को भूले तो ख़ुशी हो जायेगी गुम
बाप से रखने सर्व सम्बन्ध ..तो मिलेगी स्थाई ख़ुशी
देहधारी की याद तो सदा रुलाती
विश्व की बादशाही लेनी तो नही बनो छुई-मुई
आँखों से जो दिखता उसने नही देखना
योग्य-शिक्षक के हर कदम से मिलती शिक्षा
उनका हर कर्म रूपी बीज होता फलदायक
मनमनाभव की स्थिति में रहो तो अलौकिक- सुख व् मन-रस स्थिति का होगा अनुभव

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!