07-03-16 मुरली कविता


सदा बाप के साथ रहो सच्चे
भूल हो जाये तो क्षमा ले लो
श्रीमत में मनमत मिक्स नही करो
सेर्विसएबल बच्चे नही किसी से छिपते
वो फरमानबरदार,वफादार और होते सच्चे
राम की मत में रावण के मत नही मिलाते
ईश्वरीय परिवार से रखना लव सच्चा
हृदय शुद्ध और पवित्र बनाना
दुःख अशांति वाले बोल है हिंसा
शब्दों द्वारा किसी की स्थिति डगमग करना भी है हिंसा
सत्तो प्रधान संस्कारों को करना इमर्ज
महीनता से चेक कर बनना डबल अहिंसक
सत्य में असत्य मिक्स हो जाने से ख़ुशी हो जाती गायब
 

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!