15-01-16 मुरली कविता


हाथ में लॉ मत उठाओ,भूल हो तो बाप को करो रिपोर्ट
बाप ने अवगुण निकालने का उठाया कॉन्ट्रैक्ट
खामियां निकालनी है तो प्यार से बताओ
अवगुण देख निंदा नही करनी
क्रोध में आकर सामना नही करना
सुधारने वाला है बाप ,अव्यभिचारी बनना
कयामत से पहले अपनी कमी कमज़ोरी को करना क़यामत
पुरानी बातें, पुराने संस्कारों को करो भस्म
अस्थियों को भी सम्पूर्ण स्थिति के सागर में समां दो
तो कहेंगे समान और सम्पूर्ण
विस्तार को सार में समाने की जादूगरी सीख लो तो बाप सामान बन जायेंगे

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!