मुरली कविता दिनांक 10.11.2017


मीठे बच्चे बाप की मत पर देते जाना पूरा ध्यान

आज्ञा उसकी मानकर देना सबको ईश्वरीय ज्ञान

बच्चों उन्नति करो खुद में आदत अच्छी डालकर

देना रोज बाप को अपना पोता मेल निकालकर

अपने बाबा के प्रति मन में सच्चा प्यार जगाओ

देह अभिमान त्यागकर पूरे रहमदिल बन जाओ

पाप किये जो भूतकाल में विघ्न रूप बन जाते

याद का चार्ट बढ़ाने वाले माला में पिरोये जाते

प्रभु याद की दवाई लेकर निरोगी जीवन बनाते

21 जन्म तक कोई भी रोग जीवन में ना आते

शिव बाबा को याद करके स्वर्ग का वर्सा पाओ

जाना है जहां हमें उस स्थान की स्मृति जगाओ

देह सहित देह के हर सम्बन्ध को भूलते जाओ

इसी विधि से बच्चों तुम पावन खुद को बनाओ

फरमान मिला है बच्चों को करो बाप को याद

याद में रहकर ही होंगे सजाओं से हम आजाद

मैं और मेरेपन के बोझ से मत हो जाना भारी

हल्के हो जाना बाप को देकर सब जिम्मेदारी

सन्तुष्टता को अपने जीवन का श्रृंगार बनाओ

बाबा की नजरों में तुम सन्तुष्टमणी कहलाओ

ॐ शांति