मुरली कविता दिनांक 22.03.2018


ऊंची बहुत चढ़ाई बच्चों बिल्कुल ना घबराना

बेहद के माँ बाप का सहयोग सदा तुम पाना

जब तक बच्चों तुम पावन तन नहीं पाओगे

तब तक होलिनेस का टाइटल नहीं पाओगे

खुद को होलिनेस कहकर करो नहीं बड़ाई

स्वर्ग के इस टाइटल की घड़ी अभी नहीं आई

इस संगमयुग में खुद को पावन तुम बना लो

रावण की शोक वाटिका से खुद को निकालो

सृष्टि चक्र समझकर त्रिकालदर्शी बन जाओ

औरों को भी समझाकर आप समान बनाओ

हंस आसन पर बैठकर निर्णय शक्ति बढ़ाओ

विशेष आत्मा बनकर सहज सफलता पाओ

अपनी बुद्धि दृष्टि वाणी सरल बनाते जाओ

संस्कारों की टक्कर से खुद को तुम बचाओ

ॐ शांति