मुरली कविता दिनांक 09.05.2018


बाप से प्रीत जोड़कर भारत को स्वर्ग बनाओ

पवित्रता की प्रतिज्ञा कर मददगार बन जाओ

जब जोड़ोगे बाप से तुम अपनी बुद्धि का योग

हो जाएगा सबसे जब तुम्हारा पूरा ही वियोग

योगबल की रूहानी ड्रिल तब ही कर पाओगे

21 जन्मों के लिए विश्व की बादशाही पाओगे

भक्तों का रखवाला बाप भक्ति का फल देता

दुख कलियुग के हरकर सुख सतयुग के देता

हीरे जैसा भारत बन गया देखो कौड़ी समान

आये बाप फिर से यहाँ बनाने इसे हीरे समान

अहिंसक बनकर तुम्हें उद्धार सबका है करना

भोलानाथ बाप से तुम्हें सच्चा सौदा है करना

दुनिया से प्रीत तोड़कर बाप से प्रीत लगाना

कीचड़पट्टी देकर बाप से स्वर्ग का राज्य पाना

विनाशी इन्द्रियों का सुख होता सदा विनाशी

अतीन्द्रीय सुख में रहो जो है सदा अविनाशी

हर प्रकार के दुख को सुख में बदलते जाओ

सबको सुख देकर तुम सुखदाता कहलाओ

अधिक बोलकर अपनी शक्ति नहीं गंवाओ

शांत रहकर अंतर्मुखता का रस पीते जाओ

ॐ शांति