मुरली कविता दिनांक 11.01.2018
तुम हो विश्व में शांति की स्थापना करने वाले
इसीलिए बन जाओ सदा शांति में रहने वाले
याद रहे बापदादा ने तुम सबको है अपनाया
रिश्ते सभी मिटाकर भाई बहन तुम्हें बनाया
बाप है पालक अपना खुद को ये समझाओ
केवल ईश्वरीय अर्थ अपना सब कुछ लगाओ
शरीर निर्वाह के लिए करते जाओ सब कर्म
श्वासों श्वास याद में रहना बनाओ अपना धर्म
पास करो सारे इम्तिहान बाबा बांटेगा मिठाई
सोने के महल मिलेंगे पाओगे विश्व की राजाई
देह से न्यारे रहकर बुद्धि को सालिम बनाओ
अशरीरीपन की अवस्था रोज बढ़ाते जाओ
ऊंच बाप के बच्चों तुम खुद को ऊंच बनाओ
शांति में रहकर शांति का साम्राज्य फैलाओ
बाप की अटूट याद से उड़ता पंछी बन जाओ
इसी विधि से सर्व समस्याएं पार करते जाओ
याद ना करना पड़े बाप को सहज आये याद
मन ही मन चलते ही रहे मीठे बाबा से संवाद
मनन शक्ति को तुम जितना बढ़ाते जाओगे
उतना ही ज्ञान धन से धनवान बनते जाओगे
ॐ शांति