मुरली कविता दिनांक 20.01.2018


मंत्र मनमनाभव का बच्चों को समझदार बनाता

पापों से मुक्त कर तुमको स्वर्ग की राह दिखाता

हमको वापस घर जाना अब यही ज्ञान का सार

अब यहां नहीं रहना हमें ये तो है छी छी संसार

ज्ञान का मंथन करना ही मनमनाभव कहलाता

बाप से रूहरिहान कर जीवन सुखी बन जाता

ईश्वरीय पढ़ाई अनमोल बड़ी बच्चों पढ़ते जाना

दुनिया की बातों में कभी तुम समय नहीं गंवाना

बाप की शिक्षाओं से होता है संस्कारों में सुधार

यही ज्ञान है कल्प कल्प के हर जन्म का आधार

छी छी दुनिया को छोड़कर अब अपने घर जाना

यहां की गंदी चीजों में तुम अब ना दिल लगाना

ज्ञान रत्नों की जो बच्चे कमाई करते हो भरपूर

प्यार लुटाकर बाबा उन पर हर दुख से करते दूर

सुखदाता के बच्चों सबका जीवन सुखी बनाओ

वण्डरफुल ये पढ़ाई बच्चों रोजाना पढ़ते जाओ

बाप के अंग संग रहने का बच्चों वादा निभाओ

कम्बाइंड रूप में रहकर उड़ती कला अपनाओ

प्रश्न उठाने वाले खुद ही उन प्रश्नों में फंस जाते

बिंदी लगाने वाले बच्चे कल्याणकारी बन जाते

ॐ शांति