मुरली कविता दिनांक 10.03.2018


भक्ति का फल देने के लिये बाप धरा पर आया

हर भक्त को उसने अपना वारिस बच्चा बनाया

सबसे प्यारे परमपिता इस धरती पर जब आते

हम बच्चों को विश्व का स्वामी राजा रानी बनाते

सदा स्वस्थ होकर हम 21 जन्म तक सुख पाते

तन और आत्मा दोनों ही फूल समान बन जाते

इतनी प्राप्तियों की स्मृति जिन बच्चों को रहती

सदा उनके दिल में खुशी की शहनाइयां बजती

भक्तों की पुकार पर ही भगवान धरती पर आते

साधारण नर तन में आकर नर्क को स्वर्ग बनाते

श्रीमत पर चलकर तुम्हें बनाना सबको गुणवान

अपने भारत को बनाना तुम श्रेष्ठ दैवी राजस्थान

निराकार परमात्मा की महिमा सबको सुनाओ

स्वर्ग के रचनाकार का परिचय सबको बताओ

स्वमान में रहकर जो सबको सम्मान देते जाते

जन जन की नजरों में वे पूज्य आत्मा कहलाते

परमात्म स्नेह भरी दुआओं की भरते रहो उड़ान

यही श्रेष्ठ पुरुषार्थ तुम्हें बनायेगा इक दिन महान

ॐ शांति