मुरली कविता दिनांक 15.06.2018
मनमनाभव का इंजेक्शन रोज तुम लगाओ
सर्व दुखों से तुम सहज रूप से मुक्ति पाओ
देहभान छोड़कर आत्माभिमानी बन जाओ
पवित्रता सुख शांति का वर्सा सहज ही पाओ
सारे जग में शिवबाबा सबसे मीठा कहलाता
हम बच्चों को भी आप समान मीठा बनाता
माया ने आकर जीवन में घाटा बड़ा लगाया
स्वर्ण समान जीवन को कौड़ी तुल्य बनाया
अब सर्विस करनी है छोड़कर सारी गफलत
पांच विकारों से रखनी हमको पूरी नफरत
ज्ञान रत्नों का हमको बनना सच्चा व्यापारी
देही अभिमानी बनने की मेहनत करनी सारी
करनकरावनहार की स्मृति मन में जगाओ
अभिमान अपमान के रोग से मुक्ति पाओ
बाप और पढ़ाई से प्यार रखो एक समान
ज्ञान स्वरूप बनना तब ही होगा आसान
ॐ शांति