मुरली कविता दिनांक 28.03.2018
सबको सुख देने वाला शिव है भोला व्यापारी
इसीलिये तो उसकी पूजा करती दुनिया सारी
अर्पण करो हर अवगुण वो कर लेता स्वीकार
बदले में वो लौटाता ज्ञान गुण शक्तियां अपार
उद्देश्य हमारा एक है सबका करना कल्याण
बाप की याद से करना हमें स्वर्ग का निर्माण
भक्तों को जाकर ये ईश्वरीय सन्देश सुनायेंगे
बाप को याद करने वाले सुख स्वर्ग के पायेंगे
स्वदर्शन चक्र का अर्थ यथार्थ रीति से जानो
मनमनाभव के मंत्र से शिवबाबा को पहचानो
देवता बनने की तुम यथार्थ विधि अपनाओ
सबको लक्ष्य देने की सेवा भी करते जाओ
विचार सागर मंथन द्वारा ज्ञान रत्न निकालो
ज्ञान में डूबे रहकर माया से खुद को बचा लो
ज्ञान गुण शक्तियों के अनुभवी बनते जाओ
अनुभव के धनी बन उमंग उल्लास जगाओ
अनमोल है अमृत वेला इसका लाभ उठाओ
इसी वेला में प्रभु पालना का अनुभव पाओ
ॐ शांति