मुरली कविता दिनांक 29.03.2018


बाप को याद करो उसके गुण विशेषता सहित

सम्पूर्ण पावन बनकर हो जाओ विकार रहित

ईश्वरीय याद से जिसने बुद्धि को शुद्ध बनाया

उस आत्मा ने ही खुद को धारणायुक्त बनाया

जब बुद्धि पवित्र बनेगी तब ज्ञान होगा धारण

बुद्धि स्वच्छ बनती है शुद्ध भोजन के कारण

सर्वव्यापी कहने से बुद्धि लगी भटकने हमारी

भगवान कहीं नहीं मिला देख ली दुनिया सारी

याद करो उसको जो स्वर्ग का मालिक बनाये

केवल एकशिव बाबा हमें विकर्माजीत बनाये

स्वच्छ बुद्धि से भोजन बनाकर भोग लगाना

निष्कामी बाबा के संग बैठकर भोजन खाना

चुप रहकर योगबल से बुद्धि को पवित्र बनाना

योगबल से रुद्र ज्ञान यज्ञ में पापों को जलाना

अपने अनुभव का सिंघासन मजबूत बनाओ

सहजयोगी जीवन से महान आत्मा कहलाओ

सदा खुश रहकर तुम बांटो खुशी का खजाना

खुशी फैलाने वाले उत्तम सेवाधारी कहलाना

ॐ शांति