मुरली कविता दिनांक 02.05.2018
खुद पर पहले रहम करो स्वर्ग के लायक बनकर
सबको ईश्वरीय पथ बताओ श्रीमत पर चलकर
खुद को पवित्र बनाकर जो नर्क से दिल हटायेंगे
धंधा धोरी करते हुए भी जो बाप में मन लगायेंगे
हर बात में जो फॉलो फादर मदर करते जायेंगे
उन बच्चों को ही बाप स्वर्ग का मालिक बनायेंगे
कैसे भी करके बच्चे बन जायें श्रेष्ठ और महान
इसलिये बेहद का बाप बनता बच्चों का गुलाम
बाप की बात मानकर अब नर्क से दिल हटाओ
ऊंच पद पाने के लिये अब याद की रेस लगाओ
दो मुट्ठी चावल समान सेवा में धन को लगाओ
एवजा स्वरूप बाप से प्रत्यक्ष फल तुम पाओ
देह भुलाकर अशरीरी बनने का अभ्यास करो
हर कदम पर बाप की श्रीमत को फॉलो करो
ईश्वरीय पढ़ाई पर बच्चों को देना है पूरा ध्यान
ईविल बातों को कहना सुनना नहीं हमारा काम
हर कर्म करते खुद को सेवा के निमित्त बनाओ
याद और सेवा में व्यस्त रह डबल फल खाओ
रखो सदा खुशहाल हर हाल में अपने आपको
मिलता जाएगा स्वतः ही सबका प्यार आपको
ॐ शांति