मुरली कविता दिनांक 02.07.2018


बाप का राइट हैंड बन सेवा प्रति उमंग जगाओ

सेवा का समाचार पढ़कर सर्विस में लग जाओ

रॉयल चलन रखकर मुख से ज्ञान रत्न निकालो

बाप के बनकर ख़ुद को हर विकर्म से बचा लो

सतोप्रधानता ही बनाती है मानव को श्रेष्ठाचारी

तमोप्रधानता के कारण हो जाते हम भ्रष्टाचारी

सतोप्रधान हैं देवी देवता पूजा होती है जिनकी

मन्दिर बनते हैं जिनके गाते सब आरती उनकी

जो माया को जीते वे बनते महाराजा महारानी

बच्चों को भी श्रीमत पर अपनी तकदीर बनानी

मेहनत करो याद की तुम जमकर करो कमाई

भविष्य की प्रालब्ध ईश्वरीय याद में ही समाई

ऐसी चलन न चलना जो नाम हो जाये बदनाम

ज्ञान का सार समझकर सेवा पर लगाना ध्यान

बाप से हुई सर्व प्राप्तियों से रहना सदा भरपूर

माया कभी ना हिलायेगी सदा रहेगी तुमसे दूर

सत्यता और निर्भयता की शक्ति जो अपनाये

उस आत्मा को कोई कारण हिला कभी न पाये
 

ॐ शांति