मुरली कविता दिनांक 25.01.2018


दुख भरी इस दुनिया में दिल को नहीं लगाना

याद करो उसको आने वाला है नया जमाना

कृष्णपुरी में चलने की अब कर लो ये तैयारी

छोड़कर सभी विकार बन जाओ निर्विकारी

इस गंदी दुनिया में अपनी बुद्धि नहीं डुबाओ

आने जाने वाली हर आत्मा को ये समझाओ

दुख से छुड़ाने वाला है केवल शिव भगवान

केवल वही बनाते हैं इस सृष्टि को सतोप्रधान

बच्चे मुझको भूल जाते मैं याद दिलाने आता

सहज राजयोग केवल मैं ही आकर सिखाता

मुझे भूलना भी बच्चों इस ड्रामा में है समाया

इसीलिए तो मैं तुमको मेरी याद दिलाने आया

रावण के बनकर तुमने अपनाये सभी विकार

सबसे गंदा बनाने वाला है ये डर्टी काम विकार

भूलो पुरानी दुनिया मैं आया नई दुनिया बनाने

विकारों की दुर्गन्ध मिटाकर पावन तुम्हें बनाने

विकारों में फंसकर कर लिया खुद को काला

इसी कारण बच्चों का निकल गया है दिवाला

बाप से मिला तुमको ये मनमनाभव का पैगाम

विकर्म विनाश कर लो छोड़कर सभी आराम

मर्यादाओं में तुम खुद को उत्तम बनाते जाओ

सर्व समस्याओं को उड़कर पार करते जाओ

एक बाप के श्रेष्ठ संग का खुद पर रंग लगाओ

सर्व दूसरे संगों के तुम प्रभाव से बचते जाओ

ॐ शांति