मुरली कविता दिनांक 23.06.2018
करो प्रतिज्ञा पास विद ऑनर बनकर दिखाएंगे
माँ बाप प्रति ख़ुद को संशयबुद्धि नहीं बनाएंगे
अशुद्ध लोभ मोह में आकर पद को ना गंवाना
बाप प्रति मोह रखकर तुम जीते जी मर जाना
युद्ध के मैदान में अगर बाप की याद भुलाओगे
माया के वश होकर तुम नुकसान ही उठाओगे
महावीर बच्चे भी कभी कभी संशय में आ जाते
याद की कमी के कारण माया के वश हो जाते
ड्रामा का राज समझकर पुरुषार्थ करते जाना
श्रीमत पर चलते हुए बाप में संशय ना लाना
लौकिक और अलौकिक जिम्मेवारी सम्भालो
ट्रस्टी बनकर खुद को डबल लाइट बना लो
ज्ञान सूर्य के सम्मुख घुमा लो अपने आपको
भाग्य रूपी परछाई नजर आएगी संग आपको
ॐ शांति