मुरली कविता दिनांक 12.01.2018


बच्चों श्रीमत पर चलकर बाप की दुआयें पाओ

देवी देवताओं के समान चाल चलन अपनाओ

श्रीमत पर सेवा करते करते जो आगे बढ़ जाते

सिर्फ वही बच्चे बापदादा के दिल पर चढ़ पाते

विश्व को पावन करने वाले तुम सच्चे सेवाधारी

एक तुम्हारे बल से ही पावन होगी प्रकृति सारी

बेहद के माँ बाप की तरफ बुद्धि को ले जाओ

श्रीमत पर सबको सुख देकर दुआयें कमाओ

बाप को पूरा फॉलो करके बनो पक्के व्यापारी

नम्बर वन दुखदायक है बच्चों यह काम कटारी

सच्चा सेवाधारी बाबा हमें राजयोग सिखलाता

श्रीमत पर बच्चों को स्वर्ग में ऊंच पद दिलाता

मन के दर्पण में देखो मैं कितना बना हूँ सपूत

याद और सेवा बढ़ाकर देना तुम सच्चा सबूत

दिलाराम बाबा को तुम अपने दिल में बसाओ

आकर्षण मुक्त होकर आकर्षण मूर्त बन जाओ

बाप और ईश्वरीय परिवार से रखो सच्चा प्यार

तभी सफलता बन सकेगी आपके गले का हार

ॐ शांति