मुरली कविता दिनांक 14.02.2018


श्री श्री बाबा की मत पर बच्चों चलते ही जाओ

निश्चय द्वारा विजयी बनकर नारायण पद पाओ

भगवान की हम रचनाओं को रहना सदा हर्षित

ज्ञान रत्न श्रृंगार कर अपनी चलन करो प्रदर्शित

बाबा हम बच्चों की बुद्धि को स्वच्छ बनाने आते

नई दुनिया रचने की विधि भी बाबा हमें सिखाते

बाप को हम सब बच्चे कहते मत है श्रेष्ठ तुम्हारी

श्रीमत को अपनाकर हमने छोड़ी चलन विकारी

माया रूपी चील हम बच्चों को उल्टा लटकाती

दुखी जब हो जाते हम तब याद बाप की आती

दुख में घिरे हुए बच्चों की सुनी बाप ने गुजारिश

बाप ने आकर बच्चों पर कर दी ज्ञान की बारिश

परमपिता से मिली दौलत तुम करते जाओ दान

हर्षित रहना सदा तुम रोने का नहीं रखना काम

बाप ही तुम बच्चों को स्वर्ग का मालिक बनाता

पावन बनाकर तुम्हें राजाई का तिलक लगाता

सच्चा राजयोग वही जो विश्व की राजाई दिलाये

पांच विकार मिटाकर जो नर से नारायण बनाये

मायापुरी को भूलकर सुखधाम को याद करना

दिल सच्चा रखना तुम और भूल ना कोई करना

परवाने बनकर हो जाओ शिव शमा पर कुर्बान

कोटों में कोई तुम श्रेष्ठ आत्मा बन जाओ महान

बाबा को पाकर समझो तुम खुद को मालामाल

संगमयुग की यही विशेषता रहो सदा खुशहाल

ॐ शांति