मुरली कविता दिनांक 06.04.2018
मम्मा बाबा समान बुद्धि को सतोप्रधान बनाओ
ज्ञान को धारण कर औरों को भी धारण कराओ
ऊंच पुरुषार्थ से तुम जीतो मात पिता का तख्त
मम्मा बाबा मेरे वारिस बने ये इरादा रखो सख्त
करो ऊंची सेवा बनाकर औरों को आप समान
ईश्वरीय ज्ञान रत्न धारण कर देना औरों को दान
बड़ी खुशी की बात हमें शिव बाबा स्वयं पढ़ाते
आसुरी मत छुड़ाकर ईश्वरीय सम्बन्ध जुड़वाते
रावण की दुनिया में आया हूँ राजयोग सिखाने
कंसपुरी से निकालकर तुम्हें कृष्णपुरी ले जाने
बाप की याद में रहकर बुद्धि सोने की बनाओ
पारे समान ज्ञान को अपनी बुद्धि में ठहराओ
ज्ञान की धारणा होती रहेगी जितना दोगे दान
ऊंच पद भी पाओगे तुम कहते शिव भगवान
ईश्वरीय पढ़ाई पढ़कर पढ़ाने लायक बन जाओ
ज्ञान रत्नों का दान देकर सबको सुखी बनाओ
आवाज से परे होकर शांति का अनुभव पाओ
इसी अनुभव द्वारा मास्टर बीजरूप बन जाओ
एक क्षण की शांति सारे दिन अनुभव करायेगी
यही अवस्था ही बाप समान कर्मातीत बनाएगी
अपना हर बोल तुम महावाक्य समान बनाओ
यही विधि अपनाकर महान आत्मा बन जाओ
ॐ शांति