मुरली कविता दिनांक 13.04.2018
बच्चों डबल अहिंसक बन सुख सबको देना
मनसा वाचा कर्मणा कभी दुख नहीं तुम देना
कल्प कल्प वर्सा लेने वाले रहेंगे बाप के संग
छोड़ देंगे वो बच्चे पतित आत्माओ का संग
गृहस्थ व्यवहार में रहते भी सदा पवित्र रहेंगे
विकारी व्यवहार आपस में कभी नहीं करेंगे
पांच विकारों की हिंसा से बाप आकर छुड़ाते
भाई भाई बनाकर विकारों से मुक्ति दिलाते
गृहस्थ में रह पवित्र बनो बाबा ने समझाया
पावन बनने वाले ने ही स्वर्ग का वर्सा पाया
पवित्रता की प्रतिज्ञा ले सबको सुखी बनाओ
बाप के फरमान पर चलकर भूतों को भगाओ
महान श्रेष्ठ आत्मा की स्मृति मन में जगाओ
ऊंच स्थिति रखकर पूज्य आत्मा कहलाओ
किया हो जिसने माया दुश्मन का तिरस्कार
उसको ही मिलता है जग में सबसे सत्कार
ॐ शांति