मुरली कविता दिनांक 04.01.2018


देवता बनने की विधि बच्चों जीवन में अपनाओ

देव समान बनकर औरों को भी ये विधि बताओ

अगले जन्म में पाया तुमने करके भक्ति में दान

बाप की मदद करके बनोगे तुम सब देव समान

एक बाप ही कहलाता है सबसे बड़ा साहूकार

स्वर्ग की बादशाही देता वो लेकर पांच विकार

अपना तन मन धन अर्पित कर दो ऐसे बाप पर

देवता तुम्हें बनाने आया कृपा करके आप पर

बादशाही पाने के लिए बच्चों पूरी मेहनत करना

हाथ पकड़कर बाबा का तुम भव से पार उतरना

किसी बहाने से माया तुम्हें मनमत पर चलाएगी

ज्ञान बूंटी छुड़ाकर विकारों का जहर पिलाएगी

बच्चों रखना सदा तुम खुद को माया से बचाकर

स्वस्थ बने रहना तुम रोज संजीवनी बूंटी खाकर

रावण बड़ा बहरूपिया जो सीताओं को चुराता

रावण की जेल से तुम्हें राम ही आकर छुड़ाता

माया रूपी चुहिया से रहना बच्चों तुम सावधान

मनमत पर चलकर नहीं करना अपना नुकसान

हाथ पकड़कर श्रीमत का दौड़ना स्वर्ग की ओर

सेवा और स्व परिवर्तन में तुम लगाना पूरा जोर

माया की बेहोशी से तुम्हें रहना सदा ही बचकर

विश्व सेवा करते जाना तुम रूप बसन्त बनकर

दिव्य बुद्धि रूहानी दृष्टि पाई बाबा का बनकर

इनको आधार बनाकर तुम पाओ पहला नम्बर

संकल्प बोल और कर्म में पवित्रता को अपनाना

अपने चेहरे चलन से तुम रूहानियत झलकाना

ॐ शांति