मुरली कविता दिनांक 17.04.2018
चांस नहीं दो माया को जो थप्पड़ तुम्हें लगाये
श्रीमत पर ना चलने वालों का माया मुंह फिराये
शिव बाबा की श्रीमत पर जो खुद को चलाये
सूर्यवंशी राजधानी में वो सर्वोत्तम पद ही पाये
सूर्यवंशी पद पाने का तुम अपना लक्ष्य बनाओ
इसके लिए बाप पर खुद पूरे अर्पित हो जाओ
अपने हाथों में ले आये बाबा स्वर्ग की सौगात
अशरीरी बन जाओ बच्चों मानो बाप की बात
श्रीमत पर चलते हुए यदि गफलत में आओगे
मुंह फिर जाएगा जब माया से थप्पड़ खाओगे
सीन कोई देखकर तुम संशय में कभी ना आना
ड्रामा का राज जानकर खुद को अडोल बनाना
बाप के दिये हर खजाने का मंथन करते जाओ
मंथन विधि से हर्षित और निश्चिंत बनते जाओ
बदला लेने के बजाय जो करे खुद का परिवर्तन
शुभ भावना रखकर वही करता विश्व परिवर्तन
ॐ शांति