मुरली कविता दिनांक 02.06.2018
सारे जग को अति मीठे बाबा मीठा बनाने आते
बाप और वर्से की स्मृति वाले भी मीठे बन जाते
खुद को सम्पूर्ण बनाने की विधि एक अपनाओ
अपनी खामियां चेक कर उन्हें निकालते जाओ
बाप से करण्ट लेकर सारे भूतों को दूर भगाना
अथाह सुखों का अनुभव बाप की याद में पाना
अपनी चलन की जांच परख रोज करते जाना
औरों को दुख देने वाला संस्कार मिटाते जाना
बाप के हम अनमोल बच्चे बाप की सुरक्षा पाते
बाप की सुरक्षा में रहकर बच्चे अमर बन जाते
अपना कखपन बाप की बैंक में जमा कराओ
देहभान मिटाकर खुद को बेदाग हीरा बनाओ
स्वेच्छा से ईश्वरीय सेवा में तन मन धन लगाओ
सर्व खजाने सर्वशक्तियाँ बदले में बाप से पाओ
साक्षी होकर ड्रामा का हर सीन देखते जाओ
इसी विधि के द्वारा खुद को साक्षी दृष्टा बनाओ
ॐ शांति