मुरली कविता दिनांक 16.02.2018
राजयोग से पवित्र बनाकर करते बाप कमाल
ज्ञान परी बनकर हम बच्चे हो जाते खुशहाल
बाप पर पूरा बलि चढ़कर देना उसको इनाम
जाना अब स्वर्ग में कुछ दिन के यहां मेहमान
ज्ञान मानसरोवर के अंदर डुबकी जो लगाते
अति शोभनिक सुंदर वो ज्ञान परी बन जाते
विश्व सेवा के निमित्त जो कन्यायें बन जाती
बाप की नजरों में वो महिमा योग्य कहलाती
मन बुद्धि पर रखना तुम ज्ञान योग का पहरा
हर रोज ये ईश्वरीय ज्ञान होता जाएगा गहरा
स्वर्ग के सौगात की चाबी कन्यायें ही पाती
कन्यायें ही भारत को नर्क से स्वर्ग बनाती
पवित्रता के बल से घर को आश्रम बनाओ
योग पवित्रता का बल खुद में भरते जाओ
गृहस्थीपन अपनाकर खुद को ना भटकाओ
निमित्त भाव रखकर न्यारे प्यारे बन जाओ
ट्रस्टी होता हल्का सदा चढ़ती कला में जाता
दुख की लहरों के अंदर गोता कभी ना खाता
सन्तुष्टता और सरलता में सन्तुलन बिठाओ
श्रेष्ठ आत्मा होने का टाइटल बाबा से पाओ
ॐ शांति