मुरली कविता दिनांक 19.02.2018


केवल ईश्वरीय मत ही सच्चा सोना तुम्हें बनाती

बाकी हर मत हैं झूठी जो काम कभी ना आती

केवल बाप ही देता बच्चों को सुख की सौगात

करता है बच्चों पर अविनाशी ज्ञान की बरसात

सुखदाता शिव बाबा को बच्चे नयनों में समाते

दुखदाई रावण का पुतला बच्चे हर वर्ष जलाते

मनुष्य की हर मत ने केवल झूठ ही हमें बताया

केवल ईश्वरीय मत में हमने सच्चा ज्ञान है पाया

माया ने छीनी राजाई बाबा आये वापस दिलाने

राजयोग सिखाकर हमको विकर्माजीत बनाने

कल्प के बाद अपने बच्चों से बाप मिलने आये

बच्चों के खातिर हाथ में सौगात स्वर्ग की लाये

पूरी मेहनत करना बच्चों बहुत बड़ी है मंजिल

पावन बनो तुम लगाकर बाप की याद में दिल

बाप बच्चों के लिये बनकर आये हैं करनीघोर

दान करो सारे कखपन जो देते हैं दुख घनघोर

देह सहित अपना सब कुछ कर देना बलिदान

सारे जग को सुखी बनाने की सेवा करो महान

सभी शुद्ध संकल्पों को अपने स्वरूप में लाओ

सफलतामूर्त बनकर विजय का ध्वज लहराओ

अपने चेहरे से सदा रूहानी खुशियां झलकाओ

सबको अपनी चलन से बाप की याद दिलाओ

ॐ शांति