मुरली कविता दिनांक 17.05.2018
रूप बसन्त बच्चों तुम्हें बाप की याद में रहना
बीज ज्ञान का बोकर श्रृंगार भारत का करना
पवित्र बनकर कलियुगी गोवर्धन को उठाओ
भारत को फिर से सुख शांति सम्पन्न बनाओ
भारत की तकदीर पर किसने लकीर लगाई
पांच विकारों रूपी रावण ने ये हालत बनाई
शिव साजन को भूलते ही रोना तुम्हें आएगा
क्योंकि रावण तुम्हारी खुशी छीन ले जाएगा
छोड़कर रोना सदा रहो हर्षित खुश मिजाज
किसी और का चिंतन करने से आना बाज
शांति स्वधर्म में रहकर योग में तीखा जाना
ध्यान की इच्छा अपने मन में कभी ना लाना
सच्चे दिल द्वारा जो बाप को राजी कर पाते
राजयुक्त वे बच्चे औरों के संस्कार जान जाते
अपना पोतामेल सच्चाई से बाप को सुनाओ
स्नेहयुक्त रहकर समीपता का अनुभव पाओ
सच्ची दिल से विधाता को राजी करते जाओ
रूहानी मौज का अनुभव सदा करते जाओ
ॐ शांति