मुरली कविता दिनांक 14.04.2018
बच्चों फूल बनना ज्ञान की खुशबू फैलाने वाले
ईश्वरीय ज्ञान का प्रसार सारे जग में करने वाले
ज्ञान का मंथन जितना तुम बुद्धि में चलाओगे
उतनी ही तुम अपनी अवस्था मस्त बनाओगे
जो होंगे योगयुक्त वो ही बाप के पास आयेंगे
हर प्रकार की मदद वो अपने बाप से पायेंगे
बाप शम्मा के परवाने बच्चों तुम बन जाओ
गृहस्थ व्यवहार में रहते पवित्र बन दिखाओ
मेहनत से खुद को आत्म अभिमानी बनाओ
ईश्वरीय ज्ञान का तीर हर आत्मा को लगाओ
ईश्वरीय कमाई के लिए निद्राजीत बन जाओ
रात को जाग जागकर ज्ञानधन को बढ़ाओ
अशांत माहौल में शांति की शक्ति दिखाओ
शान्तिकुण्ड का अनुभव सबको तुम कराओ
शुभचिन्तन से सबकी चिंताओं को मिटाओ
सबकी दृष्टि में सच्चे शुभचिन्तक कहलाओ
ॐ शांति