❍ 20 / 12 / 14 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं निश्चित विजयी, निश्चिंत आत्मा हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ सदा स्नेही बन उडती कला में रहना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ टीचर
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ °पढाई° अच्छी रीति पडी ?
‖✓‖ °रूप-बसंत° बनकर रहे ?
‖✓‖ "ज्ञान रत्नों से °विश्व की बादशाही की लाटरी° लेनी है"- यह स्मृति में रहा ?
‖✓‖ °एक बाप से प्रीत° रख एक बाप की ही याद में रहे ?
‖✓‖ स्नेह से °मेहनत को मनोरंजन° में परिवर्तित किया ?
‖✓‖ °नथिंग न्यू° की स्मृति से सदा अचल रहे ?
‖✗‖ °ऐसा कोई कर्म° तो नहीं किया जो अंत समय में °पछताना पड़े° या नसीब कूटना पड़े ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-
➳ _ ➳ सभी खुश हैं कि बीच में माया भी चांस लेती है? खुशी नहीं गंवाना । माया आवे भी तो फौरन बाप को सुनाके चेंज हो जाना । अगर बाप को नहीं पहुँच सको तो अपने निमित्त बड़ी को जरूर सुनाओ । एक दिन से बढ़ाना नहीं, नहीं तो आदत पड़ जायेगी । यह अमृतवेले का अमृत पीना आवश्यक है, तो अवश्य इस समय को सफल करते रहना । अच्छा ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ अमृत्वेले का अमृत पिया ? माया आयी तो फ़ौरन बाबा को सुनाया ? अगर बाप को नहीं पहुँच सके तो निमित को सुनाया ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ सदा स्नेही बनने से हमें सहज ही उडती कला का वरदान प्राप्त हो जाता है ... क्यों ?
❉ बापदादा के प्रति स्नेह मेहनत को मोहब्बत में परिवर्तित कर देता है ।
❉ स्नेह हमें हर पल निश्चिंत अवस्था का अनुभव करते हैं ।
❉ स्नेह हमें हर पल सहनमार्ग की बजाये सहज मार्ग का अनुभव करवाता है ।
❉ स्नेह की डोर,हमारी मन बुद्धि बापदादा से जुडी रहती है।
❉ स्नेही सदा उमंग उत्साह के,प्यार के झूले में झूलते रहते है।
❉ स्नेही एक की लगन में मगन रहते है।
❉ स्नेही से हम हमेशा साफ़ दिल,सत्य होकर रहते है।
❉ स्नेही की हर बात हम उसकी पसंद अनुसार करते है।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ नथिंग न्यू की स्मृति का हमें सदा अचल और खुश रखने में क्या योगदान होता है ?
❉ जब सब कुछ हू ब हू रीपीट हो रहा है तो सुख भी रिपीट होंगे यह स्मृति सदा अचल और ख़ुशी देती है।
❉ नथिंग न्यू की स्मृति से साक्षी भाव आ जाता है जिससे हर परस्थिति में अचल रहते है।
❉ नथिंग न्यू का ज्ञान होने से इस दुनिया से न्यारे हो जाते है और न्यारेपन का एहसास ही ख़ुशी देता है।
❉ नथिंग न्यू के ज्ञान से आत्मा को ताकत मिलती है जिससे दुःख- सुख मान-अपमान में एकरस अचल स्थिति बनी रहती है।
❉ नथिंग न्यू की स्मृति से व्यर्थ और नकारात्मक विचार आने बन्द हो जाते है जिससे ख़ुशी बनी रहती है।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔