30 / 12 / 14  की  मुरली  से  चार्ट 

  TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं निस्वार्थ सेवाधारी हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ हद की रॉयल इच्छाओं से मुक्त रह सेवा करना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ टीचर

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)  

‖✓‖ "मैं °मुरलीधर का बच्चा° हूँ" - यह स्मृति में रहा ?

‖✓‖ जो पड़ा वह °दूसरों को पडाया° ?

‖✓‖ °विचार सागर मंथन° किया ?

‖✓‖ °ड्रामा के राज़° को अच्छी रीति समझकर चले ?

‖✓‖ कर्म के बंधन से मुक्त °न्यारे° बनकर रहे ?

‖✓‖ °वायदों° को फाइल में न रख °स्वरुप° में लाये ?

‖✗‖ °सेवा में स्वार्थ° तो नहीं आया ?

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अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-

➳ _ ➳  क्योंकि बापदादा खुद भी हर एक बच्चे का पोतामेल समय प्रमाण देखते हैं और आगे से आगे बढने का वरदान भी साथ में देते हैं । बापदादा ने देखा लक्ष्य बहुतों का अच्छा है लेकिन चलते-चलते कोई सरकमस्टांश लक्ष्य को थोडा सा ढीला कर देता है । लक्ष्य अच्छा रखा है और बापदादा भी लक्ष्य को देख खुश होते हैं लेकिन साथ में आगे बढ़ने में थोडा बहुत फर्क दिखाई देता है । फिर भी बापदादा ने देखा लक्ष्य मैजारिटी का अच्छा है ।

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ चलते चलते सरकमस्टांश ने लक्ष्य को ढीला तो नहीं किया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

➢➢ हद की रॉयल इच्छाओ से मुक्त रहने के लिए क्या पुरुषार्थ करना चाहिए ?

 ❉   स्वयं को इस धरा पर मेहमान समझकर चलें ।

 ❉   मैं और मेरेपन का त्याग करें ।

 ❉   निस्वार्थ भावना से बाबा के यग्य में सहयोग दें ।

 ❉   स्वयं में संतुष्टता का गुण अपनाये।

 ❉   अपने मन को अपना मित्र बनाये और समझाए ये हद की अल्पकाल सुख देने वाली चीज़े है,इनमे सच्चा सुख नहीं।

 ❉   इच्छाओ का अंश मात्र भी रहा तो अंत में उसका वंश पैदा हो जायेगा।

 ❉   स्वयं को आत्मा समझे,आत्मा की अवश्यक्ताये ज्यादा होती नहीं।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

➢➢ वायदों को फ़ाइल में न रखते हुए बल्कि फाइनल बनकर दिखाने के लिए हमें मुख्य रूप से किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

 ❉   मन में दृढ़ संकल्प लेकर वायदों को पूरा करें।

 ❉   अल्बेलेपन को समाप्त कर अटेंशन देकर वायदो को पूरा करें।

 ❉   मनसा ,वाचा ,कर्मणा में व्यर्थ को समाप्त करने से।

 ❉   लक्ष्य को सदैव बुद्धि में रख आगे बढ़ते रहने से।

 ❉   ज्ञान मंथन कर फिर धारणा करने से।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

ॐ शांति