15 / 12 / 14  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100        

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं स्व परिवर्तक आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ पावरफुल ब्रेक द्वारा सेकंड में नेगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तित करना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ टीचर

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

‖✓‖ कदम-कदम °श्रीमत° अनुसार चले ?

‖✓‖ मनसा वाचा कर्मणा °शुद्ध° रहे ?

‖✓‖ °डेड साइलेंस° की सच्ची सच्ची रूहानी यात्रा की ?

‖✓‖ संकल्पों को °सेकंड में ब्रेक° देने का अभ्यास किया ?

‖✓‖ °हम सो° का मन्त्र सदा याद रखा ?

‖✓‖ सदैव °राज़ी ख़ुशी° रहे ?

‖✓‖ स्वयं प्रति और सर्व आत्माओं के प्रति °श्रेष्ठ परिवर्तन की शक्ति° को कार्य में लगाया ?

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अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-

➳ _ ➳  क्योंकि बाप भी बच्चों के बिना रह नहीं सकते हैं और बच्चों को कभी भी कोई बात हो जाती है तो वह भी भूलता नहीं है, बाप के पास पहुँचता है । यह नाता ही ऐसा है जो भूल नहीं सकता । बाप कहते हैं मेरे लाडले बच्चे और बच्चे कहते मेरा बाबा, एक दिन भी भूल सकता है! भूल सकते हैं? भूल सकते नहीं क्योंकि बाप और बच्चों का ऐसा दिल का नाता है जो दिल में रहता ही है ।

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ आज दिन भर बाबा के साथ दिल का नाता जोड़ बाबा को भूले तो नहीं ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

➢➢ सेकंड में नेगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तित करने के लिए पावरफुल ब्रेक लगाने की सही विधि क्या है ?

 ❉   "ड्रामा कल्याणकारी है ।" - यह स्मृति बनाए रखें ।

 ❉   "हर आत्मा निर्दोष है ।" - यह हमेशा याद रखें ।

 ❉   जो हुआ .. अच्छा हुआ , जो हो रहा है.. वह अच्छा हो रहा है.. जो होगा वह भी अच्छा ही होगा ।

 ❉   "सर्व शक्तिमान बाप हमारे साथ है"- डरने की कोई बात नहीं है।

 ❉   में बिंदी,बाप बिंदी और ड्रामा बिंदी.. बिंदी लगाने का अभ्यास करे।

 ❉   शुद्ध संकल्पों से अपने जीवन को भरले।

 ❉   बाप को सब बोझ दे के हल्के हो जाये।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

➢➢ सच्चे कर्मयोगी बनने के लिए स्वयं प्रति और सर्व आत्माओं के  प्रति श्रेष्ठ परिवर्तन की शक्ति को कार्य में लाना क्यों आवश्यक है ?

 ❉   स्व स्थिति में कर्मो द्वारा परिवर्तन से सर्व आत्माओं को परिवर्तन करा कर ही सच्चे कर्मयोगी बन सकते है।

 ❉   स्व के कर्मों में दिव्यता से परिवर्तन लाकर सर्व आत्माओं को परिवर्तन करने से सच्चे कर्मयोगी बन जाते है।

 ❉   सन्तुष्टता भाव से कर्म कर स्व में परिवर्तन लाकर सर्व आत्माओं को सन्तुष्ट करने से सच्चे योगी बन जाते है।

 ❉   सहज और सुखमय जीवन अपनाने से सर्व आत्माओं को परिवर्तन कर कर्मयोगी बन जाते है।

 ❉   जैसा कर्म हम करेंगे हमें देखकर ओर करेगे इस सम्मान के साथ परिवर्तन होकर सच्चे कर्मयोगी बन जाते है।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

ॐ शांति