❍ 18 / 12 / 14 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं निस्वार्थ सेवाधारी हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ प्रतक्ष्य फल द्वारा अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ बाप
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ स्वयं को °ब्रह्मा मुखवंशावली° समझ कर रहे ?
‖✓‖ बाप सामान °निराकारी निरहंकारी° बन अपनी फ़र्ज़ अदाई पूरी की ?
‖✓‖ °पक्के पवित्र ब्राह्मण° बनकर रहे ?
‖✓‖ अपनी चलन द्वारा °रूहानी रॉयल्टी° की झलक और फलक का अनुभव करवाया ?
‖✓‖ बाप का °मददगार° बनकर रहे ?
‖✓‖ °रूहानी सेवा° पर तत्पर रहे ?
‖✓‖ °योगयुक्त निस्वार्थ सेवा° से अतीन्द्रिय सुख और डबल लाइट की अनुभूति की ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-
➳ _ ➳ तो बापदादा भी खुश होते हैं जब सम्मुख मिलन का प्रोग्राम बनाते तो बापदादा भी खुश होते हैं । बच्चे तो खुश होते ही हैं लेकिन बापदादा भी खुश होते हैं । तो सभी सदा खुश रहे, खुश रहे कि बीच-बीच में कोई खुशी के बजाए और कुछ स्थिति रही? जो सदा खुश रहे कोई भी माया के किसी भी रूप से सेफ रहे क्योंकि भिन्न-भिन्न रूप से माया आती है । सिर्फ खुशी के रूप से नहीं, विचारों के रूप से भी माया अपना बनाती है तो अभी इस मिलन के बाद मन में बाप को बिठाते रहना । दिलाराम को दिल ही पसन्द है । दिल में याद किया तो सब तरह से याद आ ही जाती है ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ आज पूरा दिन बीच बीच में खुश होने के बजाये पूरा दिन ख़ुशी का अनुभव किया ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति करने के लिए हमें किस पुरुषार्थ पर विशेष रूप से अटेंशन देना चाहिए ?
❉ अपनी पूरी दिनचर्या बाबा की श्रीमत अनुसार चलायें ।
❉ अमृत वेला और मुरली कदापि मिस न करें ।
❉ अपने सर्व सम्बन्ध सिर्फ एक बाप के साथ निभाएं ।
❉ मन बुद्धि को क्लियर और हल्का रखे।
❉ बाप से दिल का स्नेह, प्यार हो।
❉ बाबा को अपना सच्चा साथी बनाये,हर पल बाबा को अपने साथ अनुभव करे।
❉ मनसा वाचा कर्मणा किसी भी आत्मा को दुःख न दे।
❉ बाबा से हमेशा सच्चा हो के चले,हमेशा हां जी का पाठ बजाये।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ चलन द्वारा रूहानी रॉयल्टी की झलक और फलक का अनुभव कराने के लिए हमें किन धारणाओं को विशेष रूप से धारण करना चाहिए ?
❉ सदा प्रसन्नचित और हर्षितमुख रह कर हर प्रस्तस्थिति का साहमना करने की धारणा से।
❉ सर्व को समान दृष्टि से देखकर उनके प्रति शुभ भाव रखने की धारणा से।
❉ इस विनाशी दुनिया से और विनाशी सुखो से बुद्धि निकाल अनासक्त वृति धारण करने से।
❉ मरजीवा जीवन अपना कर एक परमात्मा से सर्व सम्बन्ध निभाने की धारणा से।
❉ आत्मिक स्थिति में स्थित रहकर सम्पूर्ण पवित्रता की धारणा करने से।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔