13 / 12 / 14  की  मुरली  से  चार्ट 

  TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं सर्वशक्ति संपन्न आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ मन बुद्धि को सेकंड में एकाग्र करना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ सतगुरु

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

‖✓‖ आत्मा रुपी बैटरी को °ज्ञान और योग° से भरपूर किया ?

‖✓‖ "°आत्मा भाई भाई° हैं" - यह निश्चय किया ?

‖✓‖ आत्माओं को °अज्ञान नींद से जगा° सुखधाम शांतिधाम जाने का रास्ता बताया ?

‖✓‖ °विश्व कल्याण° की जिम्मेवारी का ताज पहने रखा ?

‖✓‖ °पवित्रता° की लाइट का ताज पहने रखा ?

‖✓‖ किसी भी हलचल की परिस्थिति में और तमोगुणी वातावरण में °सेकंड में एकाग्र° होने का अभ्यास किया ?

‖✗‖ पाप आत्माओं से °लेन-देन° तो नहीं की ?

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अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-

➳ _ ➳  जैसे आप बाप को याद करने के बिना नहीं रह सकते वैसे बाप भी बच्चों को याद करने बिना नहीं रह सकते हैं । बाप भी इमर्ज करके मिलते हैं, रह नहीं सकते हैं ।

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ आज दिन भर बाप की याद के बिना रह तो नहीं पाए ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

➢➢ कैसे भी वायुमंडल में मन बुद्धि को सेकंड में एकाग्र करने की क्या विधि है ?

 ❉   बीती को बीती कर फुल स्टॉप लगाने का अभ्यास पक्का करो

 ❉   ड्रामा को स्मृति में रख नथिंग न्यू का पाठ पक्का करो

 ❉   बिंदु लगा बिंदु स्वरुप में स्थित हो बिंदु को याद करने का अभ्यास करो

 ❉   समेटने की शक्ति का प्रयोग कर मन बुद्धि को हर तरफ से हटा ले।

 ❉   बापदादा का आव्हान कर,सबकुछ बाप के हवाले करदे और स्वयं हल्के हो जाये।

 ❉   चारो धाम की यात्रा कर,बाबा से मिलन मनाये और रिफ्रेश हो जाये।

 ❉   कोई स्वमान की अच्छी पावरफुल प्रेक्टिस करले।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

➢➢ डबल ताजधारी बनने के लिए विश्व कल्याण की जिम्मेवारी और पवित्रता की लाइट का ताज पहनना क्यों आवश्यक है ?

 ❉   मन की पवित्रता से सर्व प्रति कल्याण की भावना की जिम्मेवारी का ताज भविष्य में डबल ताज होगा।

 ❉   दृष्टि और वृति की पवित्रता से सर्व को संतुष्ट करने की जिमेवारी का ताज ही डबल ताज है।

 ❉   कर्मो जी पवित्रता से विश्व परिवर्तक बनने की जिमेवारी ही डबल ताज है।

 ❉   बुद्धि की सम्पूर्ण पवित्रता से शक्तियों को धारण कर विश्व  परिवर्तक बनना ही डबल ताज है।

 ❉   पवित्र जीवन की सचाई और सफाई से सर्व के दिलो पर राज करने वाला ही डबल ताजधारी है।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति