❍ 06 / 12 / 14 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं डबल लाइट फ़रिश्ता हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ बेहद की दृष्टि, वृति और स्थिति द्वारा सर्व के प्रिय बनना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ बाप
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ °शिव बाबा की गोद° में विश्राम का अनुभव किया ?
‖✓‖ सर्व रिश्ते °सिर्फ एक बाप° से जुटाए ?
‖✓‖ आपकी सूरत से °बाप की सीरत° दिखाई दी ?
‖✓‖ “हम इस पदाई से °लक्ष्मी-नारायण° बनेंगे” – यह बुधी में रहा ?
‖✓‖ °एम ऑब्जेक्ट° को सामने रख ख़ुशी में खग्गियाँ मारी ?
‖✓‖ °ड्रामा के राज़° को यथार्थ समझ हर्षित रहे ?
‖✓‖ सर्व के प्रति °कल्याणकारी° बनकर रहे ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-
➳ _ ➳ हर एक के दिल में मिलन की खुशी इस सूरत से दिखाई दे रही है । एक-एक बच्चे को देख बापदादा एक-एक बच्चे को वाह बच्चे वाह! कहते हुए मिलन मना रहे हैं । चाहे लास्ट में भी बैठे हैं लेकिन बाप के दूर बैठे भी नजदीक हैं ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ दिल में बापदादा से मिलन की ख़ुशी सूरत से दिखाई दी ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ बेहद की दृष्टि,वृत्ति और स्थिति का हमें सर्व का प्रिय बनने में क्या योगदान होता है ?
❉ बेहद की दृष्टि , वृति और स्थिति से हम सर्व आत्माओं के सहयोगी बनकर रहते हैं जिससे हम स्वतः ही सर्व के प्रिय बन जाते हैं ।
❉ इससे हमारी हर आत्मा के प्रति शुभ भावना रहती है और हमारे वह वाइब्रेशनस दूसरी आत्माओं तक पहुँचते हैं ।
❉ हमारी दृष्टि हर पल रूहानियत से भरपूर रहती है जो हमारे संबधो में रूहानियत लाती है ।
❉ बेहद में रहने से हम हद की इच्छाओ से परे रहते है,सभी के लिए हमारा समान दृष्टि रहती है,कोई भेद भाव नहीं होता,सभी से एक जैसा व्यवहार रहता है।
❉ बेहद में रहने से हद की छोटी-छोटी बाते डोन्ट केयर या डोन्ट माइंड हो जाती है जिससे किसी के प्रति व्यर्थ संकल्प नहीं चलते,परदर्शन-पर्चीन्तन से मुक्त हो जाते है।
❉ बेहद में रहने से सभी आत्माओ पर रहम आता है,उनके भी दुःख अशान्ति मिटाने के लिए पॉवरफूल सकाश देते है।
❉ बेहद की दृष्टि,वृत्ति स्थिति होने से हम सभी आत्माओ को दुवाये ही देंगे,सबका कल्याण हो जाये।
❉ बेहद की दृष्टि वृत्ति होने से न्यारे बनते जाएंगे ओर जितना न्यारे उतना ही सर्व के प्यारे बन जाते।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ हमारी सुरत में बाप की सीरत दिखाई दे.... इसके लिए हमें किन धारणाओं को विशेष रूप से धारण करना चाहिए ?
❉ सदा बेफिक्र बादशाह बनकर हर कर्म बाबा की याद में करना चाहिए।
❉ देही अभिमानी बन रूहानी नशे में रहना चाहिए।
❉ मन, वचन और कर्म से श्रीमत की पालना करने से।
❉ सर्व के प्रति शुभ भावना शुभ कामना रखने से।
❉ कर्मों में बाप समान गुण लाकर निर्माण चित निमतचित बनकर।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔