❍ 09 / 12 / 14 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं सहज पुरुषार्थी हूँ ।
───────────────────────────
∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ सर्व संबंधो से एक बाप को अपना साथी बनाना
───────────────────────────
∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ बाप
───────────────────────────
∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ °अशरीरी° रहने का अभ्यास किया ?
‖✓‖ अपना °करैक्टर° सुधारने पर पूरा अटेंशन रहा ?
‖✓‖ अगर कोई पाप कर्म हुआ तो °अविनाशी सर्जन को सुनाओ° ?
‖✓‖ बाप से दया व कृपा मांगने की बजाये °स्वयं पर कृपा° की ?
‖✓‖ सुख-दुःख, मान-अपमान सब कुछ °सहन° किया ?
‖✓‖ कोई भी उल्टी सुलटी बात करे तो °सुना अनसुना° किया ?
‖✗‖ बाप जो सुनाते हैं, उसे सुना-अनसुना कर बाप का °डिस-रिगार्ड° तो नहीं किया ?
───────────────────────────
✺ अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-
➳ _ ➳ तो आज दिल में याद करने वालों को सन्मुख देख बापदादा को कितनी खुशी है । एक-एक बच्चे को देख वाह बच्चे वाह! यही दिल कहती है । बच्चे भी कहेंगे हमारे दिल में कौन? बाप भी कहते हमारे दिल में कौन? सभी जानते ही हैं, कहने की जरूरत नहीं । बाप को भी बच्चे भूल नहीं सकते और बच्चों को भी बाप भूल नहीं सकता, दिल में सदा बाप की याद है, हाजिर है । सूक्ष्म में तो मिलन होता रहता है लेकिन साकार में एक-एक बच्चे को देख चाहे दूर है चाहे नजदीक है लेकिन बापदादा के दिल में हर बच्चा नम्बरवार याद है । तो आज एक-एक बच्चे को साकार रूप में देख, समीप देख, सम्मुख देख वाह बच्चे वाह का गीत गा रहे हैं ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ आज दिन भर बाप की याद सदा बनी रही ? बाप को भूले तो नहीं ?
───────────────────────────
∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ सर्व संबंधो से बाप को अपना साथी बनाने की क्या क्या प्राप्तिया है।
❉ हम देह के सर्व संबंधो से अनासक्त हो जाते है ।
❉ अंतिम पेपर "नष्टोमोहा स्मृतिलब्धा" में पास विद ऑनर होने के लिए बाप से सर्व संबधो को जोड़ना अति आवश्यक है ।
❉ देह के संबधो में स्वभाव संस्कार के भिन्न भिन्न तरह के पेपर आने पर भी हमारी स्थिति अचल अडोल रहती है ।
❉ बाप ही सर्व संबंधो का अविनाशी सच्चा निस्वार्थ प्रेम व सुख दे सकते है,वो कभी दुःख नहीं देते,पूरा साथ निभाते है।
❉ जरुरत के समय देह के सम्बन्धी ना पहुच सके,परन्तु बाप को पहुचने में 1सेकंड का टाइम भी नहीं लगता।
❉ इस एक जन्म में बाप से सर्व सम्बन्ध निभाने से हम 21जन्मो के लिए सदा सुखी बन जायेंगे।
❉ इस देह की दुनिया से न्यारे होते जायेंगे और जितना न्यारा उतना प्यारा बनते जायेंगे।
───────────────────────────
∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ माया के बहरूपों को परखने के लिए हमे किन बातों जा विशेष रूप से अटेंशन रखना चाहिए ?
❉ ड्रामा पर निश्चय कर क्या, क्यों और कैसे के प्रशन को छोड़ कर।
❉ दूसरों के गुणों को देखने की धारणा पर विशेष अटेंशन देने से।
❉ देही अभिमानी बन दूसरों को आत्मा भाई की दृष्टि से देखने से।
❉ ज्ञान का मनन चिन्तन सदा कर्म योगी बन करने से।
❉ कमल फूल समान न्यारा और प्यारा रह सर्व सम्बन्ध एक जे साथ निभाने की अटेंशन से।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔