03 / 12 / 14  की  मुरली  से  चार्ट 

  TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं सर्व की न्यारी और परमात्म प्यारी आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ कर्म बंधन को सेवा के बंधन में परिवर्तित करना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ बाप

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

‖✓‖ ”हम बाप के पास आये हैं.. सच खंड में जाने व °मनुष्य से देवता° बनने के लिए” – यह स्मृति में रहा ?

‖✓‖ बाप द्वारा °अच्छी रीति पढाई° पडी ?

‖✓‖ °याद की यात्रा° में तत्पर रहे ?

‖✓‖ °स्वस्थिति° द्वारा हर परिस्थिति को पार किया ?

कांटो के इस जंगल को °फूलों का बगीचा° बनाने में बाप की पूरी मदद की ?

‖✓‖ ”हम °प्रवृति° में रहते हैं तो °सेवा° के लिए रहते हैं”.. यह स्मृति में रहा ?

‖✗‖ °अलबेले° तो नहीं बने ?

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अव्यक्त बापदादा (30/11/2014) :-

➳ _ ➳  आज यह बच्चों का मेला देख बापदादा खुश हो रहे हैं और यही मन कह रहा है वाह बच्चे वाह! यह बाप और बच्चों का मिलन कितना प्यारा है । हर एक बच्चा स्नेह और उमंग से मिलन मना रहे हैं । यह स्नेह सब दुःखों को भूल बाप के स्नेह और सम्बन्ध में वाह बाप और बच्चों का मिलन वाह!

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ अपने सब दुखों को भूल अपने स्नेह और उमंग से दिन में बार बार बाबा से मिलन मनाया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

➢➢ कर्म बंधन को सेवा के बंधन में परिवर्तन करने की क्या विधि है?

    कर्म बंधन की वजह से अगर आपको किसी आत्मा के सम्बन्ध संपर्क में आना पड़ता है तो आप अपने मन में यही भाव लेकर आयें की बाबा ने आपको इस आत्मा की सेवा के लिए इसके सम्बन्ध संपर्क में लाया है ।

    कर्म बंधन की वजह से अगर आपको किसी स्थान पर  जाना पड़ता है तो आप अपने मन में यही भाव लेकर आयें की बाबा ने आपको इस धरनी की सेवा के लिए आपको यहाँ भेजा है ।

    अपने सभी लोकीक बन्धनों के संबंध संपर्क में आते हुए इस सवमान में स्थित हो जाएँ :- "मैं इन सभी आत्माओं की इष्ट देव देवी हूँ" और मुझे इन सभी आत्माओं को बाबा से मुक्ति जीवनमुक्ति का वर्सा दिलवाना है ।

    विश्व कल्याणकारी बाप के हम बच्चे है,उन्होंने हमें निमित्त बनाया है सबका कल्याण करने के,तो बाप जहा भेजे हमारे द्वारा किसी का कल्याण ही करवाना चाहता है।

    आत्माओ को अमृत्वेल इमर्ज कर उन्हें  शुभ वाइब्रेशन दे और उनसे हाथ जोड़कर क्षमा मांगे और उन आत्माओ को भी सुख शान्ति के वाइब्रेशन दे।

    अपने मन के विचारो को कभी भी नेगेटिव या निराशाजनक ना बनाये।ख़ुशी ख़ुशी हिसाब किताब चुक्त करना है, अपकारीयो पर भी उपकार कर पूण्य का खाता जमा करना है।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

➢➢ स्वस्थिति से हर परिस्थिति को पार करने के लिए हमे पुरषार्थ पर विशेष रूप से अटेंशन देना चाहिए ?

   दूसरों के गुणों को देखने की स्वस्थिति से परिस्थिति को परस्थिति पार हो जाती है।

    दुआओं का खाता जमा करने से परस्थिति पार हो जाती है।

    बाप की याद से अपने गुणों को इमर्ज कर स्वस्थिति को मजबूत बना कर  परस्थिति को पार कर सकते है।

    ड्रामा की एक्यूरेट धारणा से परिस्थिति को पार कर सकते है

    बाप के आज्ञाकारी  बन हलचल में अचल रहकर परिस्थिति को पार कर सकते है।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति