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❍ 06 / 09 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ "°बहुत काल का अभ्यास° ही अंत में पास कराएगा" - इस स्मृति से स्वयं को अलबेलेपन की नींद से जगाया ?
‖✓‖ 'कब' नहीं लेकिन '°अब°' शब्द का इस्तेमाल कर तीव्र पुरुषार्थी बनकर रहे ?
‖✓‖ °वरदानी, महाज्ञानी व महादानी° की सीट पर सेट रहे ?
‖✓‖ आत्माओं को °पवित्रता का दान° दिया ?
‖✓‖ "°पवित्र बनो... योगी बनो°" - इस स्लोगन को धारण करने पर विशेष अटेंशन रहा ?
‖✗‖ स्वपन व संकल्प में भी °अपवित्रता° इमर्ज तो नहीं हुई ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ सर्वगुण सम्पन्न बन्ने के साथ साथ किसी °एक विशेषता में विशेष प्रभावशाली° आत्मा बनकर रहे ?
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✺ आज की अव्यक्त पालना :-
➳ _ ➳ इस देह की दुनिया में कुछ भी होता रहे, लेकिन फरिश्ता ऊपर से साक्षी हो सब पार्ट देखते सकाश देता रहे। आप सब बेहद विश्व कल्याण के प्रति निमित्त हो तो साक्षी हो सब खेल देखते सकाश अर्थात् सहयोग देने की सेवा करो। सीट से उतर कर सकाश नहीं देना। ऊंची स्टेज पर स्थित होकर देना तो किसी भी प्रकार के वातावरण का सेक नहीं आयेगा।
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ साक्षी हो °सब खेल देखते सकाश° अर्थात् सहयोग देने की सेवा की ?
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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं विशेष प्रभावशाली आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ ईश्वरीय प्राप्तियों से सम्पन्न, सर्व गुणों और विशेषताओं से युक्त मैं विशेष प्रभावशाली आत्मा हूँ ।
❉ सर्वगुण सम्पन्न बनने का तीव्र पुरुषार्थ करते हुए मैं निरन्तर आगे बढ़ती जाती हूँ ।
❉ अपनी विशेषता को विशेष रूप से अनुभव में और सेवा में ला कर मैं अनुभवी मूर्त बनती जाती हूँ ।
❉ सर्वगुण सम्पन्न और सर्व शक्ति सम्पन्न होने के साथ साथ अपनी एक विशेषता को प्रभावशाली बना कर मैं सबको अपने प्रभाव से आकर्षित करती जाती हूँ ।
❉ सफलता का तिलक लगाये, मैं सदैव अपने चमकते हुए भाग्य और भविष्य की ऊँची उड़ान को अपने दिल रूपी आईने में देख, हर्षित होती रहती हूँ ।
❉ अपने हर संकल्प, बोल और कर्म को फलदायक बनाने वाली मैं रूहानी प्रभावशाली आत्मा हूँ ।
❉ अपने प्रभावशाली बोल द्वारा मैं उत्साह हीन आत्माओं को भी हिम्मत और उत्साह से भरपूर कर देती हूँ ।
❉ सर्व आत्माओं को सच्चा स्नेह और सहयोग देने वाली मैं सर्व की सहयोगी आत्मा हूँ ।
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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "पवित्रता का महत्व"
❉ जीवन में अगर पवित्रता है तो सुख, शान्ति और सम्पन्नता स्वत: ही आ जाते हैं ।
❉ "पवित्र बनो योगी बनो" यही स्लोगन महान आत्मा बनने का मुख्य आधार है ।
❉ हमारे संगमयुगी ब्राह्मण जीवन के पुरुषार्थ के नम्बर का आधार भी पवित्रता है ।
❉ भक्ति मार्ग में देवी देवताओं का पूजन भी पवित्रता के कारण ही होता है ।
❉ केवल इतना ही नही भक्त भी अपने इष्ट के चित्र को बिना पवित्रता के टच नही कर सकते ।
❉ इसलिए पास विद ऑनर बनना है तो पवित्रता के सिद्धि स्वरूप बनो, संकल्प में भी अपवित्रता इमर्ज ना हो ।
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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)
➢➢ "पवित्र बनो ....योगी बनो "- इस स्लोगन की धारणा पर विशेष अटेंशन रखना है ।
❉ इस कल्याणकारी संगमयुग पर ही हमें सत का संग मिला व ये ज्ञान मिला कि मैं कौन व मेरा कौन है । जब अपने को आत्मा समझ आत्मा के पिता परमात्मा को याद करते है तो विकर्म विनाश होते हैं । आत्मा में बल भरता है व पवित्र बनते जाते हैं ।
❉ अभी तक किसी ने ये ज्ञान नहीं दिया कि पवित्र रहना हैं । बाबा कहते है कि एक जन्म मेरे कहने पर पवित्र बनो व 21 जन्मों के लिए राजाई पद प्राप्त करो तो हमें बाप की आज्ञा का पालन करते हुए पवित्र रहना है ।
❉ बाबा ने हमें महावरदानी मंत्र दिया मनमनाभव । बाबा ने यह भी अटेंशन दी है कि किसी देहधारी को याद नहीं करना । बाबा की श्रीमत का पालन करते हुए सिर्फ़ बाबा की याद में रहना है । जितना याद में रहेंगे उतना पवित्र बनेंगे । पवित्र रहने वाला ही प्रभु प्यार को प्राप्त कर सकता है ।
❉ देह-अभिमान सबसे बड़ा विकार है । देही-अभिमानी स्थिति में रहने से संकल्प , मन , वचन और कर्म में पवित्रता आयेगी । मनमनाभव के मंत्र से हरपल बाबा की याद में रहेंगे । निरंतर याद में रहने वाला ही योगयुक्त रहता है और उसी को ही रमता योगी कहते हैं ।
❉ योगी वह है जो परमात्म ज्ञान को प्राप्त करके इस संसार की हलचल से मुक्त बस परमात्मा की लगन में मगन है व निर्विघ्न रीति से योग लगा सकता है । योगी जीवन का आनन्द लूट सच्ची सुख शांति प्राप्त करता है ।
❉ सिर्फ़ एक ही की याद में रहकर विकर्म विनाश करके जो पवित्रता धारण करता है वही सच्चा योगी है ।
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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ सर्वगुण सम्पन्न बनने के साथ-साथ किसी एक विशेषता में विशेष प्रभावशाली बनना है... क्यों और कैसे ?
❉ अंतिम समय में हर आत्मा का अपना विशेष पार्ट रहेगा। कोई मुक्ति दिलाएंगे कोई जीवन मुक्ति, कोई सुख की अनुभूति करवाएंगे कोई शांति की। इस तरह से अपने विशेष पार्ट को पहचान कर कोई न कोई एक मुख्य विशेषता अवश्य धारण करनी है।
❉ सम्पूर्ण बनकर तो सभी आत्माओ को जाना ही है, परन्तु यहाँ की विशेषता व विशेष गुण के कारण ही भक्ति में भिन्न भिन्न तरह के यादगार बनाकर गायन पूजन करेंगे।
❉ ज्ञान सागर परमात्मा से निकली हम नदिया है, हर नदी में होता सागर का पानी ही है, मिलती सागर से ही है परन्तु एक विशेष पहचान व महत्त्व हर नदी का अलग अलग है, ऐसे ही यहाँ भी हमें परमात्मा से सर्व शक्तियाँ सर्व गुण संपन्न बनना है परन्तु कोई एक अलग विशेषता भी अवश्य हो।
❉ किसी में शान्ति का गुण होता है, कोई प्रेम से भरपूर होता है, किसी में मातृत्व की भावना होती है, किसी से मिलते ही दिल खुश हो जाता, किसी की श्रेष्ठ वृत्ति से हमारे विघ्न समाप्त हो जाते, कोई की वाणी में जोहर होता है... ऐसे कोई न कोई विशेषता हमारे से हर आत्मा को जरुर अनुभव हो। वह होगा जब हम उस एक विशेषता को अपने जीवन में पूर्ण रूप से धारण कर लेंगे।
❉ कोई एक विशेषता को हम बार बार प्रेक्टिस में लाये, उसको स्वयं में धारण करने का विशेष अटेंशन रखे, उसका सबको दान करे व अनुभुती करवाए, इस तरह से हम सर्व गुण संपन्न बनने के साथ साथ कोई एक विशेषता में महारथ हासिल कर सकते है।
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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ विकारों रूपी सांपो को सहजयोग की शैया बना दो तो सदा निश्चिन्त रहेंगे... कैसे ?
❉ हर कर्म करते बुद्धि का योग एक बाप से लगा रहे तो मायाजीत बन जायेगे और विकारों रूपी सांपो को सहजयोग की शैया बना कर, सदा निश्चिन्त रहेंगे ।
❉ जितना शुद्ध संकल्प का खजाना जमा करते जायेंगे, चिंतन श्रेष्ठ होता जायेगा और सहजयोगी बन, विकारों रूपी सांपो पर जीत पा लेंगे ।
❉ आत्मा में जितना योग का बल जमा होगा उतनी ही आत्मा शक्तिशाली बनती जायेगी और अपनी शक्ति से विकारों रूपी सांपो को शैया बना कर उन पर विजय प्राप्त कर बेफिक्र बादशाह बन जायेगी ।
❉ "मैं निर्विकारी आत्मा हूँ" सदा इस स्वमान की स्मृति में रहेंगे तो विकारों के प्रभाव से मुक्त हो जायेंगे और विकार रूपी सांप हमारी शैया बन जायेंगे ।
❉ पवित्रता की शमा जब चारों ओर जलायेंगे तो विकारों रूपी सांपो के विष से बचे रहेंगे और सहजयोगी बन इन सांपो को अपनी शैया बना लेंगे ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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