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    27 / 02 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं मास्टर दाता हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢  तडफती हुई आत्माओं को एक सेकण्ड में गति-सद्गति देना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ बाप

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

 

‖✓‖ सेन्सीबुल बन °ज्ञान की पॉइंट्स को बुद्धि में धारण° करने पर विशेष अटेंशन रहा ?

‖✓‖ जो बाप ने समझाया है वह °समझकर दूसरो को सुनाया° ?

‖✓‖ °हजूर को बुद्धि में हाजिर° रखा ?

‖✓‖ °निरन्तर देही- अभिमानी° अवस्था बनाने पर विशेष अटेंशन रहा ?

‖✓‖ अपनी °देह को भूलने का अभ्यास° किया ?

‖✗‖ किसी भी °देहधारी से लगाव° तो नही रखा ?

‖✗‖ किसी के °नाम-रूप° मे तो नहीं लटके ?

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अव्यक्त बापदादा (16/02/2015) :-

➳ _ ➳  तो अभी आगे क्या कमाल दिखायेंगे? मिलन मेला तो मनाया अब आगे क्या कमाल दिखायेंगे? हर एक के मैजारिटी के दिल में यह पहचान हो जाए, हमारा बाबा बच्चों से मिलन के बिना रह नहीं सकता। बापदादा ने देखा कि ड्रामा के पार्ट को देख बच्चे यह जरूर सोचते कि वह दिन क्या और यह दिन क्या हैं! लेकिन समझदार होके सेवा का पार्ट अच्छा बजा रहे हैं। बापदादा सेवा का पार्ट निभाने वाले बच्चों को देख खुश होते रहते हैं क्योंकि विश्व में आखरीन में “हमारा बाबा आ गया”, यह पहचान जरूर आयेगी।

 

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ समझदार होके सेवा का पार्ट अच्छा बजाया ? “हमारा बाबा आ गया” – आत्माओं को यह सन्देश सुनाया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हे जो बाप सुनाते हैं वही सुनो, आसुरी बातें मत सुनो, मत बोलो, हियर नो इविल, सी नो इविल"

 

 ❉   एक परम पिता परमात्मा की मत ही सर्वश्रेष्ठ मत हैं।परमात्मा की मत के अलावा ओर जो भी मतें हैं सब आसुरी मतें हैं।

 ❉   क्योकि रावण का राज्य हैं और रावण राज्य में सभी के संस्कार आसुरी अर्थात विकारी हैं।

 ❉   इन्ही आसुरी संस्कारों के कारण आज पूरी दुनिया दुःखी और अशांत हैं क्योकि विकारों के कारण एक दो को दुःख देते रहते हैं।

 ❉   इन सभी दुःखो से छूटने का  उपाय है एक परमात्मा बाप की मत पर चलना ,बाप जो सुनाते हैं केवल वही सुनना।

 ❉   इसलिए बाप कहते हैं रावण राज्य में रहने वाले आसुरी लोगों की बातों को ना सुनो, ना बोलो और ना ही देखो।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)

 

➢➢ शरीर को याद करना भी भूतों को याद करना है इसलिए किसी के नाम रूप में नहीं लटकना हैं।

 

 ❉   शरीर को याद करके कार्य करते है तो देहभान में आ जाते है। देहभान में आकर कार्य करेंगे तो उल्टे कार्य करेंगे व तेरे मेरे के झमेलों में फँसते जाएगे।

 ❉   शरीर को याद करेंगे तो दूसरे शरीर के साथ किसी न किसी आकर्षण में फँसते जायेंगे व क्रिमिनल आई हो जाएगी।

 ❉   शरीर को याद करने से बाबा को भूल जायेंगे व व्यर्थ बातों में अपना समय गँवायेंगे। जहाँ बातें हैं वहाँ बाप नहीं।

 ❉   आत्मिक स्मृति में रहेंगे तो सभी आत्माएँ भाई-भाई की स्मृति रहेगी व कोई भूत यानि कोई विकार नहीं आएगा न ही नाम रूप में फँसेंगे।

 ❉   आत्मा अच्छा बुरा कर्म नहीं करती शरीर ही करता है। इसलिए शरीर को याद करना भूतों को याद करना है।

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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)

 

➢➢ तड़फती हुई आत्माओ को एक सेकंड में गति-सदगति देने वाले ही मास्टर दाता बन सकते है...क्यों और कैसे ?

 

 ❉   अंतिम समय में हम आत्माओ का ही कर्त्तव्य होगा तड़पती हुई आत्माओ को गति-सदगति दिलाने का।

 ❉   हम आत्माओ में इतनी शक्ति हो के अंत में सभी आत्माओ को बाप से गति-सदगति का वर्सा दिला सके।

 ❉   सभी आत्माओ को सुख शांति शक्ति की अनुभूति बाबा हमारे द्वारा करवाएंगे।

 ❉   रहमदिल होने के संस्कार हमें अभी से भरने होंगे,स्नेह स्वरुप के साथ अब शक्ति स्वरुप बनना है।

 ❉   हमारे द्वारा बाबा सब करता है,जो बाप का कर्तव्य वही हमारा कर्तव्य इसलिए भक्तिमार्ग में हमारी भी इतनी पूजा होती है।

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∫∫ 9 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)

 

➢➢ हजूर को बुद्धि में रखो तो सर्व प्राप्तियां जी हज़ूर करेंगी...कैसे ?

 

 ❉   हज़ूर अर्थात बाप को जब बुद्धि में रखेंगे तो बाप का प्यार,सर्व खजाने ,सर्व शक्तियां प्राप्तियों के रूप में स्वत: प्राप्त होंगी।

 ❉   बुद्धि में जब हजूर अर्थात वरदाता बाप रहेगा तो वरदान के रूप में सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन जायेगें और सर्व प्राप्तियां जी हज़ूर करेंगी।

 ❉   भाग्य विधाता बाप जब बुद्धि में रहेगा तो श्रेष्ठ भाग्य हमारे ही हाथों में रहेगा क्योकि सर्व प्राप्तियों द्वारा अपने भाग्य को जैसे चाहे वैसे श्रेष्ठ बना सकेंगे।

 ❉   हजूर को बुद्धि में रखेंगे तो  स्वयं को सदैव करनकरावन हार हजूर की छत्र छाया में सर्वप्राप्तियों से सम्पन्न अनुभव करेंगे।

 ❉   हजूर को बुद्धि में रखेंगे तो बुद्धि से हल्के रहेंगे और सर्व प्राप्ति स्वरूप बन खुशियों के झूले में झूलते रहेंगे।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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