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    09 / 05 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ °सर्वशक्तिमान को साथी° बना माया को पेपर टाइगर बनाया ?

 

‖✓‖ "अभी हमारी °वानप्रस्थ° अवस्था है" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ "मौत सामने खड़ा है... अभी °वापिस घर जाना है°" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ "अभी हम शांतिधाम, सुखधाम में जाने के लिए °ईश्वरीय धाम° में बैठे हैं" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ "स्वयं भगवान हमें °मनुष्य से देवता° बनने की पढाई पडा रहे हैं" - इसी ख़ुशी व नशे में रहे ?

 

‖✓‖ "बाबा हमें °विश्व का मालिक° बनाते हैं" - यह स्मृति रही ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ °जजमेंट व कंट्रोलिंग पॉवर° द्वारा नब्ज़ को परखा व अचल स्थिति का प्रभाव डाला ?

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आज की अव्यक्त पालना :-

 

➳ _ ➳  जीवन में जो चाहिए अगर वह कोई दे देता है तो यही प्यार की निशानी होती है । तो बाप का आप बच्चों से इतना प्यार है जो जीवन के सुख- शान्ति की सब कामनायें पूर्ण कर देते हैं । बाप सुख ही नहीं देते लेकिन सुख के भण्डार का मालिक बना देते हैं । साथ-साथ श्रेष्ठ भाग्य की लकीर खींचने का कलम भी देते हैं, जितना चाहे उतना भाग्य बना सकते हो - यही परमात्म प्यार है ।

 

∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ बाप से प्राप्त °श्रेष्ठ भाग्य° की स्मृति में रहे ?

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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं सदा सफलतामूर्त आत्मा हूँ ।

 

 ✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-

 

❉  हर कार्य में सफलता की ऊंचाइयों को छूने वाली मैं सदा सफलतामूर्त आत्मा हूँ ।

❉  मैं आत्मा सर्व प्राप्तियों की अनुभवी हूँ ... सदा पावरफुल हूँ ।

❉  जजमेंट और कंट्रोलिंग पॉवर द्वारा मैं अपने सम्पर्क में आने वाली हर आत्मा को परखकर उसकी चाहना पूरी कर, उसे तृप्त कर देती हूँ ।

❉  बाबा ने मुझे अपनी सर्वशक्तियों से भरपूर कर दिया है ।

❉ सर्वशक्तियों की अथॉरिटी से मैं सिद्धि स्वरूप बनती जाती हूँ ।

❉ मेरी अचल और अडोल स्तिथि मुझे हर कार्य में सहज ही सफलतामूर्त बना देती है ।

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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - तुम अभी शांतिधाम, सुखधाम में जाने के लिए ईश्वरीय धाम में बैठे हो, यह सत का संग है, जहाँ तुम पुरुषोत्तम बन रहे हो"

❉ अभी पुरुषोत्तम संगम युग चल रहा है, और स्वयं भगवान हमे पुरुषोत्तम बनाने आये हुए है, इस बात को सिवाय हम ब्राह्मण बच्चों के कोई नही जानता ।

❉ क्योकि कोई साधू सन्यासी या मनुष्य आदि यह नही जानते कि संगम युग कब होता है ।

❉ इसलिए सभी रावण धाम अर्थात कलयुगी दुनिया में पड़े है और सभी झूठ के संग में हैं ।

❉ किन्तु हम ब्राह्मण बच्चों को सत बाप का संग मिला है, जिससे हम पुरुषोत्तम बन रहे हैं ।

❉ अभी हम शांतिधाम और सुख धाम में जाने के लिए ईश्वरीय धाम में बैठे हैं और ईश्वरीय पालना में पल रहें हैं ।

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा - ज्ञान मंथन(Marks:-10)

 

➢➢ हम ब्रह्मामुख वंशावली ब्राह्मण है, स्वयं भगवान हमें मनुष्य से देवता बनाने की पढ़ाई पढ़ा रहे हैं, इस नशे और खुशी में रहना है।

❉ परमपिता परमात्मा हम सब आत्माओं का बाप है व ब्रह्मा बाबा को एडाप्ट किया है शिव बाबा ने और हमें ब्रह्मा बाबा ने एडाप्ट किया है इसलिए हम ब्रह्मामुख वंशावली ब्राह्मण है।

❉ बाप ही संगमयुग पर पूरे 5000 वर्ष बाद व कल्प में एक ही बार आते हैं। हम तो कचरे के डिब्बे में पड़े थे भगवान ने स्वयं ही चुन चुनकर अपने बच्चों को ढ़ूंढकर अपना बनाया है कितने भाग्यशाली है हम !

❉ लौकिक में तो जो शास्त्र आदि पढ़ते है या मनुष्य ही मनुष्य को शास्त्रों का ज्ञान देता है उससे अल्पकाल का सुख मिलता है। हमें तो स्वयं भगवान इस कल्याणकारी संगमयुग में पढ़ाते है जिससे हमें 21 जन्मों का वर्सा मिलता है।

❉ जिस भगवान को पाने के लिए दुनिया वाले कहाँ-कहाँ भटकते हैं वह परमपिता परमात्मा गुप्त रूप से हम ब्राह्मण बच्चोंको पतित दुनिया में आकर हमें स्वयं पढाते हैं व मनुष्य से देवता बनाते हैं। कितनी खुशी व नशा रहना चाहिए !

❉ जिसके एक दर्शन पाने को तरसते है दुनियाववाले और वो भगवान परमपिता हमारा रूहानी बाप, रूहानी टीचर, रूहानी सदगुरू है। जो अपने बच्चों को अपने से ऊँचा बनाता है। स्वयं स्वर्ग का या नयी दुनिया का मालिक न बनकर बच्चों को पढ़ाकर नयी दुनिया का मालिक बनाता है।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ जजमेंट और कन्ट्रोलिंग पॉवर द्वारा नब्ज को परखने व अचल स्थिति का प्रभाव डालने वाले सफलतामूर्त बन जाते है... क्यों और कैसे ?

❉ एकाग्रचित्त हो जब स्वयं के अन्दर देखते है तो हमारे मन का आइना साफ़ दिखाई देता है, अपने मन की अच्छाई और बुराई नजर आती है और हमें स्वयं में क्या परिवर्तन लाना है यह स्पष्ट हो जाता है।

❉ आत्मा की परखने और निर्णय करने की शक्ति द्वारा हम हर कदम पर अटेंशन रख चलते है और अलर्ट रहते है जिससे हम बाप की कोई श्रीमत का उल्लंघन न हो और हमारी सफलता होती रहती है।

❉ आत्म अभिमानी स्थिति में स्थित होकर हम कर्मेन्द्रियजीत बन सकते है जिससे स्वयं पर कन्ट्रोल कर सकते है और अचल अडोल स्थिति बना सकते है।

❉ बाबा ने हम बच्चो को दिव्य बुद्धि दी है जिस द्वारा हम यह निर्णय ले सकते है की हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत, हमें होली हंस बन मोती ही चुगने है।

❉ आत्मिक स्थिति में स्थित होकर जिस आत्मा को जिस गुण या शक्ति की जरुरत है उसी प्रमाण उसे दान करेंगे वह आत्मा तृप्त अनुभव करेगी और तीर जल्दी लगने से हमारी सफलता होगी।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ सर्वशक्तिमान को साथी बना लो तो माया पेपर टाइगर बन जायेगी... कैसे ?

❉ सर्वशक्तिमान को साथी बनाने से सर्व शक्तियां ऑर्डर प्रमाण कार्य करेंगी जिनके आगे माया पेपर टाइगर बन जायेगी ।

❉ सर्वशक्तिमान को साथी बनाने से कदम कदम पर सर्वशक्तिमान बाप के साथ का अनुभव हर परिस्तिथि पर विजय दिला देगा और माया पेपर टाइगर बन भाग जायेगी ।

❉ सर्वशक्तिमान बाप के साथ का अनुभव हमारे अंदर सर्वशक्तियों का बल भर कर हिम्मतवान बना देगा जिससे माया पेपर टाइगर अनुभव होगी ।

❉ सर्वशक्तिमान बाप को साथी बनाने से लाइट रहेंगे और सदैव ऊपर उड़ते रहेंगे जिससे माया पेपर टाइगर बन रास्ते से हट जायेगी ।

❉ सर्वशक्तिमान बाप का साथ स्तिथि को अचल अडोल बना देगा जिसके आगे माया पेपर टाइगर अनुभव होगी और भाग जायेगी ।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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