08 / 01 / 15  की  मुरली  से  चार्ट 

  TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं शुभचिंतक आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ हर एक की विशेषता को स्मृति में रखना'

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ टीचर

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)  

‖✓‖ बाप समान °मास्टर ज्ञान का सागर° बनकर रहे ?

‖✓‖ अपने को आत्मा समझ बाप को °बिंदु रूप में याद° किया ?

‖✓‖ °श्रेष्ठ संकल्पों° के खजाने का उपयोग किया ?

‖✓‖ °एम ऑब्जेक्ट° का चित्र सदा साथ में रखा ?

‖✓‖ स्वयं °धारणा° कर दूसरों को धारणा कराई ?

‖✓‖ सोचा कम और °कर्त्तव्य° अधिक किया ?

‖✗‖ पुरानी बातों और °पुराने संस्कारों° को याद तो नहीं किया ?

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अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-

➳ _ ➳  तो बापदादा सभी बच्चों को देख खुश तो होते हैं कि दिनप्रतिदिन देखा गया कि अपने ऊपर अटेन्शन देते जरूर हैं, इतना अपने ऊपर अटेन्शन छोड दें, ऐसे नहीं हैं, हैं लेकिन नम्बर हैं और बापदादा बीच-बीच में संगठित रूप में मिलने में  खास अटेन्शन देते हैं । लेकिन हर एक से पुरुषार्थ की गति को देखने में भी अन्तर है, इसमें थोडा सा अलबेलापन देखने में आ जाता हैं । हो जायेगा, हो जायेगा.... यह थोडा एडीशन हो जाता हैं और बापदादा चाहता है, कोटों में कोई बच्चे तो हैं, तो कोटों में कोई इन्हों का तो अटेन्शन होना ही चाहिए ।

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ “हो जायेगा ... हो जाएगा” – ऐसा सोचा या बोला तो नहीं ? पुरुषार्थ में अलबेलापन तो नहीं आया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

➢➢ हर एक की विशेषता को स्मृति में रखते हुए फैथफुल बन एकमत संगठन बनाने के लिए क्या युक्ति है ?

 ❉   हर एक की विशेषता को कार्य में लगाओ ।

 ❉   हर एक की विशेषता का एक दुसरे से वर्णन करो ।

 ❉   संगठन में हमेशा निर्माण चित होकर आगे बडें ।

 ❉   सभी को समान रख,सभी का सम्मान करे।

 ❉   एक दो का उमंग उत्साह बढ़ाते रहे।

 ❉   सभी के विचारो को बराबर महत्त्व दे।

 ❉   बालक सो मालिक बनकर रहे,में पन ना आये।

 ❉   संगठन बनता है आपसी प्यार,स्नेह और समझ से।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

➢➢ श्रेष्ठ संकल्प का खज़ाना ही श्रेष्ठ प्रालब्ध व ब्राह्मण जीवन का आधार है।.....कैसे ?

 ❉   क्योंकि श्रेष्ठ संकल्पों से पवित्रता की रॉयल्टी का संस्कार बनता है जो ब्राह्मण जीवन का आधार है।

 ❉   श्रेष्ठ संकल्पों के खज़ाने से बुद्धि में सकरात्मकता और समर्थता बढ़ती है जिससे माया पर सहज जीत पाकर भविष्य प्रालब्ध मिलती है।

 ❉   श्रेष्ठ संकल्प ही मन की स्थिरता बढ़ाते है जिससे उड़ती कला हो जाती है।

 ❉   श्रेष्ठ  संकल्प के खज़ाने से ही स्वमान की सीट पर बैठ  बापदादा के दिलतख्त पर बिठा  भविष्य राजतख्त दिला देते है।

 ❉   श्रेष्ठ संकल्पों के खज़ाने ही आत्मा में गुण और कलाओं से सम्पन्न बना देते है।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

ॐ शांति