━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
❍ 31 / 05 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ नयनो में बाप दादा की मूर्त और सूरत में °बाप दादा की सीरत° दिखाई दी ?
‖✓‖ ज्ञान सुनाने के साथ साथ °स्वरुप में अनुभव° करवाया ?
‖✓‖ गुणों की धारणा की खुशबू और शक्ति की खुशबू से °वायुमंडल को शक्तिशाली° बनाया ?
‖✓‖ सदा कोई ना कोई खजाने का महादान कर °पुण्य कमाया° ?
‖✓‖ अपने शीतल संकल्पों द्वारा विकारों में जलती हुई °आत्मा को शीतल बनाया° ?
‖✓‖ अपने श्रेष्ठ संकल्पों द्वारा °ना - उम्मीदवार को उम्मीदवार° बनाया ?
───────────────────────────
∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ मन बुधी को °मनमत से फ्री° रखा ?
───────────────────────────
✺ आज की अव्यक्त पालना :-
➳ _ ➳ जैसे लौकिक रीति से कोई किसके स्नेह में लवलीन होता है तो चेहरे से, नयनों से, वाणी से अनुभव होता है कि यह लवलीन है, आशिक है, ऐसे जिस समय स्टेज पर आते हो तो जितना अपने अन्दर बाप का स्नेह इमर्ज होगा उतना स्नेह का
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ चेहरे से, नयनों से, वाणी से दूसरों को °बाप का स्नेह° अनुभव हुआ ?
───────────────────────────
∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं डबल लाइट आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ अपने सभी बोझ बाप को दे कर, सदा हल्केपन का अनुभव करने वाली मैं डबल लाइट आत्मा हूँ ।
❉ अपने मन बुद्धि को सदा मनमत से खाली रख सूक्ष्म वतन की सीन - सीनरियों को इस साकारी दुनिया में स्पष्ट अनुभव करती हूँ ।
❉ व्यर्थ संकल्प व् विकल्प रूपी अशुद्ध भोजन से परहेज रख, शुद्ध संकल्प रूपी भोजन द्वारा मन बुद्धि को तन्दरुस्त रखती हूँ ।
❉ शुद्ध संकल्पों की शक्ति मुझे माया के तूफानों में भी डबल लाइट स्थिति द्वारा सहज ही मेहनत मुक्त, जीवन मुक्त स्तिथि का अनुभव कराती है ।
❉ अपने श्रेष्ठ और शुद्ध संकल्पों की खुशबू से मैं सारे विश्व में फैली अशुद्ध वृतियों को समाप्त करती जाती हूँ ।
❉ अपने डबल लाइट फरिश्ता स्वरूप् को स्मृति में रख मैं सदा दिव्यता की रॉयल्टी से चमकती रहती हूँ ।
───────────────────────────
∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "पुण्य आत्माओं के लक्षण"
❉ पुण्य आत्मा का हर संकल्प और हर सेकण्ड स्वयं अपने प्रति और अन्य आत्माओं के प्रति पुण्य का खाता जमा करने और कराने वाला होगा ।
❉ पुण्य आत्मा महादानी बन बाप द्वारा प्राप्त सर्व खजानों का दान कर पुण्य का खाता जमा करने वाली होगी ।
❉ पुण्य आत्मा का हर बोल सदा अमूल्य और बाप समान समर्थ होगा ।
❉ पुण्य आत्मा के हर कर्म से बाप के चरित्र की झलक स्पष्ट दिखाई देगी ।
❉ पुण्य आत्मा सदा विश्व कल्याणकारी की सीट पर सेट रह, सर्व आत्माओं का कल्याण कर, पुण्य का खाता बढ़ाती रहेगी ।
───────────────────────────
∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा - ज्ञान मंथन(Marks:-10)
➢➢ संकल्प शक्ति का मिस यूज नहीं करो , यूज करो
❉ हम ब्राह्मण बच्चों को डायरेक्ट परमात्म से अधिकार प्राप्त हुआ है कि संकल्प शक्ति से जितना ऊँचा उठना चाहे उठ सकते हैं परंतु उस शक्ति को यथार्थ यूज नहीं करते तो मिस यूज ही है।
❉ संकल्प शक्ति ब्राह्मण आत्माओं के तक़दीर की लकीर खींचने का साधन है कि बस एक बार संकल्प शक्ति का स्विच आॅन किया व बाप से सम्बंध जोड सेकेंड में अंधकार मिटा सकते हैं।
❉ जब याद में बैठते हैं तो संकल्प के आधार से ही स्थिति बनाते हैं - मैं बिंदु हूँ , फ़रिश्ता हूँ , परमधाम में हूँ - तो संकल्प कितना शक्तिशाली हैं। इसे यूज नहीं करते तो मिस यूज ही होता है।
❉ संकल्प शक्ति जो परमात्मा ने हमें दी है उसे यूज करके ही हम कभी सुख के झूले में, कभी शांति के झूले में, आनन्द के झूले में, परमात्म प्यार के स्नेह की गोदी में झूल परमानन्द प्राप्त करते हैं।
❉ जो बल साइंस के साधनों में भी नहीं है वह बल संकल्प शक्ति में है। क्योंकि संकल्प शक्ति से किसी भी आत्मा को ( चाहे भले वह कितनी दूर हो ) रहमदिल किरणों द्वारा दुख अशांति के अंधकार को दूर कर सकते हैं व उसे समीप अनुभव करा सकते हैं।
───────────────────────────
∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ मन बुद्धि को मनमत से फ्री कर सूक्ष्मवतन का अनुभव करने वाले डबल लाइट स्थिति का अनुभव करते है... क्यों और कैसे ?
❉ मनमत रावण की मत है और श्रीमत राम की मत है, रावण की मत पर चलने से हम इस काटो के जंगल में फसे ही रहेंगे, जबकि राम की मत हमें गेट वे टू हेवन का रास्ता दिखाएगी।
❉ जब हमारी मन बुद्धि मनमत से फ्री हो परमात्म याद में बिजी रहेगी तब हमें सच्ची प्राप्तिया होगी और हमारे पैर प्रथ्वी पर नहीं टिकेंगे जैसे की हम ख़ुशी के मारे उड़ रहे हो।
❉ जब हमारी मन बुद्धि इस देह और देह की दुनिया से उपराम होंगे तभी हम लाइट के सूक्ष्म शरीर द्वारा सूक्ष्मवतन का अनुभव कर पाएंगे।
❉ जब हम श्रीमत में मनमत को मिक्स करना बंद कर देंगे तब हम फ़रिश्ता बन डबल लाइट (हल्के भी और प्रकाशमय भी) अनुभव करेंगे क्युकी करावनहार कल्याणकारी बाप की मत पर चलेंगे।
❉ जो आत्माओ का सिर्फ एक बाप से प्यार हो, सदेव सिर्फ हा जी का पाठ बजाती हो, सम्पूर्ण निश्चय बूद्धि हो वह आत्माये जैसे की इस दुनिया में रहते भी यहाँ से न्यारे रहते है।
───────────────────────────
∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ व्यर्थ को फुल स्टॉप दो और शुभ भावना का स्टॉक फुल करो... क्यों और कैसे ?
❉ व्यर्थ संकल्प आत्मा को उतरती कला में ले जाते है और शुभ संकल्प आत्मा को चढ़ती कला का अनुभवी बनाते हैं । इसलिए व्यर्थ को फुल स्टॉप दे शुभकामना का स्टॉक फुल करो ।
❉ व्यर्थ संकल्प स्व स्थिति को कमजोर बनाते हैं जबकि शुभ और श्रेष्ठ संकल्प स्व स्थिति के साथ साथ वायुमण्डल को भी पॉवरफुल बनाते हैं । इसलिए व्यर्थ को फुल स्टॉप दे कर शुभ भावना का स्टॉक फुल करो ।
❉ हर आत्मा के प्रति रहम व कल्याण जैसे श्रेष्ठ संकल्प सर्व आत्माओं को कल्याणकारी वायब्रेशन पहुंचा कर स्वयं के और विश्व के कल्याण के सहायक बनते हैं जबकि व्यर्थ संकल्प निगेटिव एनर्जी फैला कर स्वयं और अन्य आत्माओं के अकल्याण के निमित बनते हैं ।
❉ व्यर्थ संकल्प प्रश्नचित बना कर बुद्धि को भटकाते हैं जबकि शुभ संकल्प सर्व की दुआओ का पात्र बना कर प्रसन्नचित बनाते है और बुद्धि की लाइन को क्लियर रखते हैं । इसलिए व्यर्थ को फुल स्टॉप दे शुभ भावना का स्टॉक फुल करो ।
❉ शुभ भावना के संकल्प विस्तार को सार में समा कर, मेहनत से मुक्त कर देते है और श्रेष्ठ परिवर्तन की गति को फास्ट कर देती है जबकि व्यर्थ संकल्प बुद्धि की एकाग्रता को समाप्त कर मन को अशांत कर देते हैं । इसलिए व्यर्थ को फुल स्टॉप दे शुभ भावना का स्टॉक फुल करना जरूरी है ।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━