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   20 / 08 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

        TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ इस बने बनाए °अनादी ड्रामा° का राज़ अच्छी रीति समझा ?

 

‖✓‖ क्वेश्चन, करेक्शन और कोटेशन का त्याग कर अपना °कनेक्शन ठीक° रखा ?

 

‖✓‖ शरीर निर्वाह अर्थ धंधा आदि करते °बाप की याद° में रहे ?

 

‖✓‖ सबको °बाप की याद° दिलाई ?

 

‖✓‖ सच्चा सच्चा ब्राह्मण बन सबको °ज्ञान अमृत° पिलाया ?

 

‖✓‖ °गाइड° बन सबको घर का रास्ता बताया ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ पेपर में घबराने की बजाये °फुल स्टॉप° देकर फुल पास हुए ?

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आज की अव्यक्त पालना :-

 

➳ _ ➳  जब तक आपकी याद ज्वाला रुप नहीं बनी है तब तक यह विनाश की ज्वाला भी सम्पूर्ण ज्वाला रुप नहीं लेती है। यह भड़कती है, फिर शीतल हो जाती है क्योंकि ज्वाला मूर्त और प्रेरक आधार-मूर्त आत्माएं अभी स्वयं ही सदा ज्वाला रुप नहीं बनी हैं। अब ज्वाला-रुप बनने का दृढ़ संकल्प लो और संगठित रूप में मन-बुद्धि की एकाग्रता द्वारा पावरफुल योग के वायब्रेशन चारों ओर फैलाओ।

 

∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ ज्वाला-रुप बनने का दृढ़ संकल्प लिया और संगठित रूप में मन-बुद्धि की एकाग्रता द्वारा °पावरफुल योग° के वायब्रेशन चारों ओर फैलाये ?

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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं सफलतामूर्त आत्मा हूँ ।

 

 ✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-

 

 ❉   पेपर में घबराने की बजाए फुल स्टॉप देकर फुल पास होने वाली मैं सफलतामूर्त आत्मा हूँ ।

 

 ❉   प्रश्नचित की बजाए प्रसन्नचित बन, मैं माया के हर पेपर को सेकण्ड में पास कर लेती हूँ ।

 

 ❉   किसी भी परिस्थिति में क्या, क्यों की क्यू में फंसने की बजाए फुल स्टॉप द्वारा मैं तुरन्त हाई जम्प लगा कर परिस्थिति को पार कर लेती हूँ ।

 

 ❉   तीन बिंदियों का तिलक लगाये, मैं ड्रामा के हर सीन को साक्षी हो कर देखती हूँ ।

 

 ❉   परमत और मनमत से परे एक बाप की श्रीमत पर चल मैं हर विघ्न को समाप्त कर निर्विघ्न आत्मा बनती जाती हूँ ।

 

 ❉   चढ़ती कला के अनुभव द्वारा हर कार्य में सफलता प्राप्त कर मैं सफलतामूर्त बनती जाती हूँ ।

 

 ❉   सफलता का सितारा सदा मेरे मस्तक पर चमकता रहता है ।

 

 ❉   मेहनत व मुश्किल जैसे शब्द मैं आत्मा मुख से तो क्या संकल्प में भी ना लाकर सदैव सहजयोगी रहती हूँ ।

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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - जैसे बाप गाइड है, ऐसे गाइड बन सबको घर का रास्ता बताना है, अन्धों की लाठी बनना है"

 

 ❉   आज सारी दुनिया में सभी मनुष्य मात्र अज्ञान रूपी घोर अन्धकार में विचरण कर रहें हैं ।

 

 ❉   पूरी दुनिया में ऐसा कोई भी गुरु अथवा साधू सन्यासी नही है जो ज्ञान की रोशनी कर, उन्हें अज्ञान अन्धकार से बाहर निकाल सके ।

 

 ❉   किन्तु हम ब्राह्मण बच्चे कितने पदमापदम सौभाग्यशाली हैं जो स्वयं परमपिता परमात्मा बाप हमारे गाइड बन कर आये हैं ।

 

 ❉   और ज्ञान की रोशनी से हम अन्धकार में भटकती हुई आत्माओं को बाहर निकाल लिया है ।

 

 ❉   अब हमे भी बाप समान गाइड बन सबको घर का रास्ता बताना है, अन्धों की लाठी बनना है ।

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)

 

➢➢ शरीर निर्वाह अर्थ धंधा आदि सब करते पतित से पावन बनने के लिये बाप की याद में रहना है और सबको बाप की याद दिलाना है ।

 

 ❉   पतित से पावन बनने के लिए शरीर निर्वाह अर्थ धंधा आदि सब करते भी एक बाप की याद में रहते सबको बाप की याद दिलानी है ।

 

 ❉   काम धंधा छोड़कर संयास लेने के लिए बाबा नहीं कहते क्योंकि वह तो संयासियों का हठयोग है व बाबा तो हमें सहज राजयोग सिखाते हैं व पावन बनने की युक्ति बताते हैं ।

 

 ❉   ख़ुद भी बाबा की याद में रहना है व बीच बीच में आपस में एक दूसरे को याद दिलाना है कि शिव बाबा याद है ??

 

 ❉   शरीर निर्वाह अर्थ जो कमाई करते है उससे अल्पकाल का सुख मिलता है तो इस कमाई को जितना हो सके यज्ञ सेवा में लगाकर अविनाशी कमाई जमाकर सफल करना है  ।

 

 ❉   बाबा कहते है परिवार चलाने के लिए धंधा चाहे करो लेकिन समय निकाल मुझे याद करो भल सुबह दो तीन बजे हो उठकर याद करो व अपनी कमाई जमाकर पावन बनो । उस टाइम तो कोई धंधा नहीं होता ।

 

 ❉   जब ज्ञान तलवार में याद का जौहर होगा तो दूसरों पर भी फट से तीर लगेगा  । एक की ही याद में रहने से बाप के दिल पर राज करेंगे व हर कार्य सहज हो जायेगा ।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ सफलतामूर्त वह है जो पेपर में घबराने के वजाए फुल स्टॉप देकर फुल पास हो जाये... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   "मै बिंदी, बाबा बिंदी और ड्रामा बिंदी" यह स्मृति सदा रहे तो कभी भी कैसी भी परिस्थिति में एक सेकंड में बिंदी लगा सकेंगे।

 

 ❉   क्वेश्चन मार्क बहुत टेडा मेडा होता है, अर्थात क्वेश्चन में फस जाते है। वही बिंदी लगाना बहुत सरल है, जैसे ही बिंदी लगाते है वह वाक्य वही ख़त्म हो जाता है।

 

 ❉   बाबा हमें अनेक युक्तियाँ बताते रहते है, जो बाप ने कहा वह सुनो और करो तो हर पेपर स्वतः पास करते जायेंगे और सफल्तामूर्त बन जायेंगे।

 

 ❉   पेपर आते है आगे बढ़ाने के लिए।अभी तक जितना पड़ा सुना उसकी कितनी धारणा करी यह चेक करने के लिए। जब उसमे फसने की जगह सेकंड में बिंदी लगाकर पास करेंगे तब अगली क्लास में जा सकेंगे।

 

 ❉   क्या, क्यों, कैसे के अंश मात्र को भी समाप्त कर सदेव एकरस स्थिति में रहने का आधार है बिंदी लगाना। जितना बिंदी स्थिति में रहेंगे उतना हर बात में बिंदी बाप के संकल्पों को केच कर सदेव फुल पास होते रहेंगे और सफलतामूर्त का वरदान प्राप्त होग।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ स्वउन्नति करनी है तो क्वेश्चन, करेक्शन और कोटेशन का त्याग कर अपना कनेक्शन ठीक रखो... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   प्रश्नचित बन क्वेश्चन करने, दूसरों की करेक्शन करने और कोटेशन के बजाये एक बाप से कनेक्शन रखेंगे तो गुण ग्राही बन सबकी विशेषताओं को स्वयं में धारण कर सकेंगे ।

 

 ❉   एक बाप से ही कनेक्शन होगा तो सभी बातों से उपराम हो जायेंगे और चढ़ती कला के अनुभवी बन जायेंगे ।

 

 ❉   अपने संकल्प, श्वांस, समय और सम्पति को तभी सफल कर पायेंगे जब क्वेश्चन की क्यू समाप्त होगी और दूसरों की करेक्शन के बजाये एक बाप से कनेक्शन होगा ।

 

 ❉   जब मास्टर क्षमा का सागर बन सबको क्षमा करेंगे तो क्या, कैसे, क्यों आदि सभी क्वेश्चन समाप्त हो जाएंगे और दूसरों की करेक्शन की बजाये एक बाप से कनेक्शन जुटा रहेगा ।

 

 ❉   एक बाप से कनेक्शन होगा तो सर्व कर्म श्रेष्ठ होंगे जिससे पुण्य का खाता बढ़ता जाएगा ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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