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❍ 06 / 11 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ °भाई-भाई° की शुद्ध दृष्टि रखी ?
‖✓‖ कमजोरियों को °तलाक° दिया ?
‖✓‖ अपना °समय° भविष्य प्रालब्ध बनाने में सफल किया ?
‖✓‖ अंतर्मुखी हो सबको °अल्फ का परिचय° दिया ?
‖✓‖ "ऐसा कोई कर्तव्य न हो... जिससे सजा खानी पड़े" - यही °फुरना° रहा ?
‖✓‖ °बेफिक्र बादशाह° बनकर रहे ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ °सर्व शक्तियों° के स्टॉक से संपन्न अनुभव किया ?
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✺ आज की अव्यक्त पालना :-
➳ _ ➳ जब विशेष याद में बैठते हो तो अपने कोई न कोई श्रेष्ठ स्वमान की सीट पर बैठो। कभी 'मास्टर बीजरूप' की स्थिति के आसन पर, कभी 'अव्यक्त फरिश्ते' की सीट पर कभी 'विश्व-कल्याणकारी स्थिति' की सीट पर सेट हो जाओ, ऐसे हर रोज भिन्न-भिन्न स्थिति के आसन पर व सीट पर सेट होकर बैठो तो शक्तिशाली याद का अनुभव करेंगे।
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ °भिन्न-भिन्न स्थिति के आसन पर व सीट° पर सेट शक्तिशाली याद का अनुभव किया ?
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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं सर्वशक्तियों के स्टॉक से सम्पन्न आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ विश्व महाराजन की पदवी प्राप्त करने वाली मैं सर्व शक्तियों के स्टॉक से सम्पन्न आत्मा हूँ ।
❉ शुद्ध संकल्पों में स्थित रह कर, शुद्ध संकल्पों की शक्ति द्वारा मैं हर विघ्न को पार करने में सफल हो जाती हूँ ।
❉ अपनी दिव्य बुद्धि द्वारा मैं व्यर्थ संकल्पों रूपी बाणों को कमजोर बना कर उन पर जीत प्राप्त करती हूँ ।
❉ समाधान स्वरूप बन मैं किसी भी प्रकार की समस्या व कमजोरी से स्वयं को सहज ही मुक्त कर लेती हूँ ।
❉ अपने शुभ और श्रेष्ठ संकल्पों तथा पॉवरफुल मनसा द्वारा मैं चढ़ती कला में रह, अन्य आत्माओं को भी चढ़ती कला का अनुभव कराती हूँ ।
❉ मैं बाप से मिले सर्व खजानो को स्व के प्रति और सर्व आत्माओं के प्रति यूज़ करने वाली महादानी आत्मा हूँ ।
❉ एक बाप के साथ सर्व सम्बंधों का अनुभव मुझे सर्व प्राप्ति सम्पन्न बना रहा है ।
❉ सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन मैं सर्व आत्माओं को इन प्रप्तियों का अनुभव करवा रही हूँ ।
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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "मीठे बच्चे - बाप आये हैं वाइसलेस दुनिया बनाने, तुम्हारे कैरेक्टर सुधारने, तुम भाई - भाई हो तो तुम्हारी दृष्टि बहुत शुद्ध होनी चाहिए"
❉ वाइसलेस दुनिया कहा ही जाता है सतयुग को जहां सभी दैवी कैरेक्टर वाले निर्विकारी देवी देवताओं का राज्य होता है ।
❉ परन्तु अभी तो है कलयुगी रावण राज्य, जहां कोई कैरेक्टर ही नही । क्योकि सभी विकारी, पतित हैं ।
❉ इस विकारी कलयुगी रावण राज्य को फिर से वाइसलेस दुनिया अर्थात सतयुगी राम राज्य बनाने के लिए ही परम पिता परमात्मा शिव बाबा आयें हैं ।
❉ और राजयोग द्वारा हमारे आसुरी कैरेक्टर को सुधार कर दैवी कैरेक्टर बना रहें हैं ।
❉ इसलिए बाप समझाते हैं कि तुम आत्मा भाई - भाई हो, तुम्हारी दृष्टि बहुत शुद्ध होनी चाहिए ।
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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)
➢➢ अंतर्मुखी हो सबको अल्फ का परिचय देना है, ज्यादा तीक तीक नही करनी है । एक ही फुरना रहे कि कोई ऐसा कर्त्तव्य न हो जिसकी सजा खानी पड़े ।
❉ चलते फिरते, उठते बैठते हर कर्म करते स्वयं को ज्योति बिंदु आत्मा समझ आत्मा के पिता परमात्मा शिवबाबा का परिचय देना है कि हम सब रुहों का रूहानी बाप एक ही है ।
❉ अभी तक तो अज्ञानता के कारण अपने आप को व अपने बाप को भूल ग्ए तो अब सत्य का परिचय मिलने पर सत्य बाप को याद करना है ।दु:खों से छुडाने वाला तो बाप ही है । बस पहले बाप का ही परिचय देना है ।
❉ ज्ञान का तीसरा नेत्र खुलने से अंतर्मुखी रहते है । जैसे स्थूल नेत्रों से स्थूल घर को देखते हैं उसीप्रकार ज्ञान के नेत्र से यह याद रहता है कि आत्मा का घर परमधाम है व ईश्वरीय याद रुपी यात्रा से मुझे वहां जाना है ।
❉ अब ये फुरना रहना चाहिए कि बाप आए है घर ले जाने के लिए तो पावन बने बगैर तो जा नही सकते इसलिए याद की यात्रा मे रह आत्मा को सतोप्रधान बनाना है ।
❉ बाबा का बनने के बाद अगर कोई विकर्म किया तो सौ गुणा सजा खानी पडेगी इसलिए आत्मिक स्थिति मे रहना है । आत्मिक स्थिति मे रहने से दृष्टि भी शुद्ध व पवित्र रहती है ।
❉ जब बाप परमात्म टीचर बन पढ़ाकर हमें पावन बनाकर विश्व की बादशाही दे रहे है तो हमे याद मे रहकर व अच्छी रीति परमात्म ज्ञान को धारण कर इस अंतिम जन्म पावन बनना ही है व कोई विकर्म नही करना जिससे सजा भी खाएं व पद भी भ्रष्ट हो जाए ।
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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ विश्व महाराजन की पदवी प्राप्त करने वाले सर्व शक्तियों के स्टॉक से संपन्न (भरपूर) अनुभव करते है... क्यों और कैसे ?
❉ विश्व महाराजन अर्थात सारे विश्व पर राज्य करने वाला वह वही बन सकता है जिसने सर्व शक्तियों का अपना स्टॉक भरपूर कर लिया हो। अलोकिक जन्म हुआ और बाप की सर्व शक्तियाँ अपने में समा ली।
❉ सारे विश्व पर राज्य प्राप्त करना साधारण बात नहीं है, सारे विश्व पर राज्य करने के लिए सर्व शक्तियों का स्टॉक भरपूर होना आवश्यक है। दैवी गुण भी धारण करने है। स्व राज्य अधिकारी ही विश्व राज्य अधिकारी बन सकते है।
❉ स्व के प्रति कर्त्तव्य या पुरुषार्थ तो सभी कर सकते है परन्तु विश्व महाराजन बनने वाले जन्मते ही सर्व शक्तियों के अधिकारी अनुभव कर सारे विश्व की सेवा में लग जाते है, उनका पुरुषार्थ हद का नहीं होता, उनकी दृष्टि वृत्ति सदा बेहद की होती है। वह स्व के लिए कुछ नहीं करते विश्व कल्याण की उनका निशाना होता है।
❉ यहाँ जब सर्व आत्माओ की सेवा करते है उनको संतुष्ट करते है उनको भी मुक्ति जीवन मुक्ति का वर्सा दिलाये उनका भी भंडारा भरपूर करते है तब उन सर्व आत्माओ द्वारा विश्व महाराजन के रूप में स्वीकार किया जाता है क्युकी राजा सदेव अपनी प्रजा के प्रति ही कर्त्तव्य करता है उसमे उसका अपना कोई स्वार्थ नहीं होता। यहाँ जब अनेको की सेवा करेंगे तभी वहाँ विश्व महाराजन का पद प्राप्त होगा।
❉ विश्व महाराजन को सर्व शक्तियों का स्टॉक यही से भरपूर होगा। यही से ही वह लॉ मेकर होंगे, सभी के प्रति रहमदिल होंगे, सदा विश्व सेवा का फुरना लगा रहेगा, उनसे सभी संतुष्ट होंगे, उनकी चाल, चलन, चेहरा फरिश्तो समान होगा, विश्व महाराजन की झलक व फलक यही से दिखाई देगी।
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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ एक भी कमजोरी अनेक विशेषताओं को समाप्त कर देती है इसलिए कमजोरियों को तलाक दो... कैसे ?
❉ गुणमूर्त बन जब सबमे अवगुण देखने की बजाए गुण देखेंगे तो गुणों की धारणा स्वत: होती जायेगी और सर्व कमजोरियां समाप्त होती जाएँगी ।
❉ जब सरलता और सादगी को जीवन का एक अंग बना लेंगें तो अपने रॉयल स्वभाव से सर्व कमजोरियों को समाप्त कर सकेंगे ।
❉ सच्चाई और सफाई से, सरल चित बन जब स्वयं को बाप के आगे समर्पण कर देंगे तो यह समर्पण भावना आत्मा को सब प्रकार की कमजोरियों से मुक्त कर देगी ।
❉ बुद्धि का योग जब प्रेम सागर बाप से लगाये रखेंगे तो सर्व कमजोरियां समाप्त होने लगेंगी और बाप के गुण सहज ही धारण होने लगेंगे ।
❉ जितना देह के भान से न्यारे होते जायेंगे आत्मिक स्वरूप में टिकना सहज होता जायेगा और आत्मा सर्व कमजोरियों से मुक्त हो, अपने वास्तविक गुणों की अनुभवी बनती जायेगी ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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