02 / 01 / 15  की  मुरली  से  चार्ट 

  TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं निश्चयबुधी, निश्चिंत  आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ कल्याणकारी बाप और समय का हर सेकंड लाभ उठाना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ सतगुरु

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)  

‖✓‖ "हम ऐसी वंडरफुल पढाई पड़ते हैं जिससे हम °21 जन्मो की बादशाही° पा लेते हैं" -  यह नशा रहा ?

‖✓‖ °बाप के संग° का रंग लगाए रखा ?

‖✓‖ °शिव शक्ति° बनकर रहे ?

‖✓‖ बहुत-बहुत °निर्भय° बनकर रहे ?

‖✓‖ °डबल अहिंसक° बनकर रहे ?

‖✓‖ °पावन बनाने° की रूहानी सच्ची सेवा की ?

‖✓‖ °अन्धो की लाठी° बन आत्माओं को घर का रास्ता बताया ?

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अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-

➳ _ ➳  चाहे कुछ भी बाते तो होती ही हैं, यही छोटे- छोटे पेपर हैं लेकिन इस में आगे बढ़ना, इस बात में अटेन्शन थोड़ा ज्यादा चाहिए

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ चाहे कुछ भी बात हो ... छोटे छोटे पेपर हों... लेकिन इनमें भी आगे बढने का अनुभव किया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

➢➢ कल्याणकारी बाप और समय के हर सेकंड का लाभ उठाने की क्या विधि है ?

 ❉   त्रिकालदर्शी की सीट पर सेट रहो ।

 ❉   संगम युग के अमूल्य समय के महत्व को स्मृति में रख हर सेकंड बाबा की याद में रह उसे सफल करने का भरसक प्रयतन करें ।

 ❉   मास्टर सर्वशक्तिमान की पोजीशन में स्थित रहे ।

 ❉   समय का सद उपयोग करना,आलस्य व अलबेलेपन से मुक्त हो जाना।

 ❉   सदा "मै कोन? और में किसका?" ये स्मृति जाग्रत रहना।

 ❉   कर्मयोगी बनकर रहना। दिल की डिब्बी में हमेशा बाबा को बिठा के रखना।

 ❉   श्रीमत प्रमाण चलना।श्रीमत पर चलने से बाबा की याद बनी रहेगी।

 ❉   मनसा, वाचा, कर्मणा स्वयं को सेवा में बिजी रखना।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

➢➢ बाप के संग का रंग लगाओ तो बुराइयां स्वतः समाप्त हो जायेगी....कैसे ?

 ❉   क्योंकि बाप सदा पवित्र है और पवित्रता क संग हो तो पवित्रता जीवन में भर जायेगी और बुराइयां समाप्त हो जायेंगी।

 ❉   क्योंकि एक बाप के संग से व्यर्थ संकल्पों से मुक्त होकर समर्थ संकल्पों से मन की शुद्धि ही जाती है।

 ❉   परमत्मा के संग से उनकी सर्व के प्रति कल्याण की दृष्टि से मन की वृतियां परिवर्तन हो जाती है।

 ❉   परमात्मा का संग ही सर्व के प्रति सकरात्मक दृष्टि बन जाती है जिससे बुराइयों का अन्त हो जाता है।

 ❉   परमात्मा का संग सदा ख़ुशी से भरपूर करता है जिससे सर्व प्रति शुद्ध प्रेम की धारा प्रवाहित हो बुराइया खत्म हो जाती है।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

ॐ शांति