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    07 / 05 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ "अभी °सृष्टि बदलने की लीला° चल रही है" - यह स्मृति में रहा ?

 

‖✓‖ °खुद को बदलने° पर विशेष अटेंशन रहा ?

 

‖✓‖ स्वयं को नाम रूप से न्यारा °आत्मा समझने का अभ्यास° किया ?

 

‖✓‖ पुरानी दुनिया से °बेहद का वैरागी° बनकर रहे ?

 

‖✓‖ °क्षीरखंड° होकर रहे ?

 

‖✓‖ सुखदाता द्वारा °सुख का भण्डार° प्राप्त किया ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ मनसा संकल्प व वृति द्वारा °श्रेष्ठ वाइब्रेशनस की खुशबू° फैलाई ?

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आज की अव्यक्त पालना :-

 

➳ _ ➳  परमात्म-प्यार के अनुभवी बनो तो इसी अनुभव से सहजयोगी बन उड़ते रहेंगे । परमात्म-प्यार उड़ाने का साधन है । उड़ने वाले कभी धरनी की आकर्षण में आ नहीं सकते । माया का कितना भी आकर्षित रूप हो लेकिन वह आकर्षण उड़ती कला वालों के पास पहुँच नहीं सकती ।

 

∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ परमात्म-प्यार के अनुभव से °सहजयोग° बन उड़ते रहे ?

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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं शिवशक्ति कम्बाइन्ड आत्मा हूँ ।

 

✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-

 

❉ अपनी मनसा संकल्प वा वृति द्वारा श्रेष्ठ वायब्रेशन्स की खुशबू सारे विश्व में फैलाने वाली मैं शिवशक्ति कम्बाइन्ड आत्मा हूँ ।

❉ बाबा के वरदानों को स्मृति में ला कर और बाबा के साथ कंबाइंड रह कर मैं सर्व आत्माओं का कल्याण करती हूँ ।

❉ मुझे आत्मा के मुख से सदैव हर आत्मा के प्रति शुभ बोल ही निकलते हैं ।

❉ अपने कम्बाइंड स्वरूप में स्तिथ हो मैं विश्व की सर्व आत्माओं पर सुख, शान्ति, प्रेम और आनन्द की किरणे फैला रही हूँ ।

❉ मुझ आत्मा से निकल रहे भिन्न भिन्न श्रेष्ठ वायब्रेशन्स के फाउन्टेन के नीचे सर्व आत्माएं सुख की अनुभूति कर रही हैं ।

❉ मेरे श्रेष्ट और शुद्ध संकल्पों की खुशबू विश्व में फैली अशुद्ध वृतियों की बदबू को समाप्त कर रही हैं ।

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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - अभी ड्रामा का चक्र पूरा होता है, तुम्हे क्षीरखण्ड बनकर नई दुनिया में आना है, वहां सब क्षीरखण्ड है, यहां लूनपानी है"

❉ जैसे दिन के बाद रात और रात के बाद दिन होता है उसी तरह यह दुनिया भी पुरानी सो नई फिर नई सो पुरानी बनती है ।

❉ दुनिया के नये से पुराने और पुराने से नये होने का यह चक्र ही ड्रामा का चक्र कहलाता है जो कल्प कल्प हू ब हू फिरता रहता है ।

❉ इस ड्रामा चक्र का राज, सृष्टि के आदि, मध्य और अंत का राज और हमारे 84 जन्मों की कहानी का राज अभी स्वयं भगवान ने हमे आ कर बताया है ।

❉ ड्रामा का यह चक्र अब पूरा होता है इसलिए अब इस पुरानी कलयुगी दुनिया जहां सब लून पानी हो कर रहते हैं अर्थात लड़ते - झगड़ते रहते हैं, इसका विनाश होना है और क्षीरखण्ड अर्थात सतयुगी दुनिया की स्थापना होनी है ।

❉ और हमे इस सतयुगी दुनिया में जाना है इसलिए अब हमे क्षीरखण्ड हो कर रहना है, आपस में लून पानी नही होना है ।

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा - ज्ञान मंथन(Marks:-10)

 

➢➢ सवेरे उठकर एक बाप की याद में बैठना है, उस समय और कोई याद न आये।

❉ सवेरे उठकर अपने परमपिता परमात्मा की याद में बैठना है क्योंकि सुबह का ये समय ख़ास बाप ने हम ब्राह्मण बच्चों के लिए है। जब हम आत्माओं के पिता परमात्मा अपने बच्चों से मिलने के लिए इंतज़ार में बैठे होते हैं।

❉ क्योंकि ये ख़ास समय 3-5 बजे ख़ास अपने बच्चों से मिलने के लिए ही रखा है व इस समय में उन्हें क्यूँ में नहीं लगना पड़ता। बाप स्वयं अपने बच्चों से मिलन मनाते हैं। तो हमें सुबह उठकर एक बाप की याद में बैठना चाहिए।

❉ ये ऐसा वरदानी समय होता है जिसमें हम अपने पिता से जितना व जो चाहे प्राप्त कर सकते हैं व अमृत रसपान का समय है तो इस समय में हमें सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने को आत्मा समझ परमात्मा को याद करना है।

❉ सवेरे उठकर याद में बैठने से हम अपनी बैटरी को चार्ज कर लेते है तो सारा दिन बाप की याद से उमंग-उत्साह से कार्य करते हैं।

❉ सुबह उठकर याद में रहने से ख़ुशी रहती है व हरपल बाप का साथ अनुभव होता है । किसी भी कार्य को करने में मेहनत भी नहीं करनी पड़ती ।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ शिव शक्ति कंबाइंड स्थिति में स्थित होकर मनसा संकल्प व वृत्ति द्वारा श्रेष्ठ वाइब्रेशन की खुशबु फ़ैला सकते है... क्यों और कैसे ?

❉ शिव शक्ति अर्थात जिसने स्वयं को शिव की सभी शक्तियों से भरपूर कर लिया हो और मास्टर सर्व शक्तिमान बन गयी हो।

❉ शिव शक्ति डायरेक्ट शिव की संतान होने के नशे से हमारी वृत्ति पावन होती जाती है और हमारे श्रेष्ठ वाइब्रेशन रूहानी वायुमंडल बना देते है।

❉ शिव शक्ति कंबाइंड स्वरुप स्थिति में स्थित होने पर हम परमात्मा से शक्तियों को स्वयं में धारण कर मनसा द्वारा विश्व की सभी आत्माओ को शक्तियों का दान दे सकते है।

❉ हम शिव शक्तियों को बाबा ने निमित्त बनाया है सारे विश्व का कल्याण करने के लिए, हमें अपने इस जिम्मेवारी के ताज को पहन सारे विश्व को पावन बनाना है।

❉ एक शिव ही सर्व आत्माओ का पिता है जो सभी आत्माओ को सुख, शान्ति, पवित्रता का वर्सा देने आये है। हम शिव शक्तियों को बाप का मददगार बन विश्व की सभी आत्माओ को मनसा वाइब्रेशन द्वारा बाप की अनुभूति करानी है।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ सुखदाता द्वारा सुख का भण्डार प्राप्त होना - यही उनके प्यार की निशानी है... कैसे ?

❉ सुखदाता दाता बाप हमारे सभी दुखो को हर कर हमे अपरमअपार सुखो से भरपूर कर देते हैं ।

❉ सुखदाता बाप हमे सभी चिंताओं से मुक्त कर बेफिक्र बादशाह बना देते हैं ।

❉ सुखदाता बाप 21 जन्मों के लिए हमारी तकदीर जगा देते है और सुख, शांति, सम्पन्नता से भरपूर कर देते हैं ।

❉ सुखदाता बाप हम सीता रूपी आत्माओं को विकारों रूपी रावण की कैद से छुड़ा सदा के लिये सुखी बना देते हैं ।

❉ सुखदाता बाप हमे सर्व शक्तियो, सर्व खजानो से भरपूर कर विश्व का मालिक बना देते हैं ।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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