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    09 / 02 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं बाप समान कर्मातीत आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢ देह, सम्बन्ध और वैभवो के बंधन से स्वतंत्र रहना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ सतगुरु

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

 

‖✓‖ स्नेह और सहयोग के साथ °शक्ति रूप° बनकर रहे ?

‖✓‖ °मुक्ति और जीवनमुक्ति का रास्ता° आत्माओं को बताया ?

‖✓‖ "अब °नाटक पूरा हुआ°.. घर जाना है" - यह स्मृति रही ?

‖✓‖ इन आँखों से सब कुछ देखते हुए °एक बाप को याद° किया ?

‖✓‖ °अशरीरी° बनने का अभ्यास किया ?

‖✓‖ प्रवृति को संभालते हुए °आत्मिक स्वरुप में रहे° ?

‖✗‖ किसी की भी °देह को तो याद नहीं° किया ?

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अव्यक्त बापदादा (18/01/2015) :-

➳ _ ➳  तो सबने खुशी-खुशी से संगठन में यह संकल्प किया है कि अभी भारत में कम से कम जो एरिया रही हुई है वहाँ अपना फर्ज निभाना है । हर एक की एरिया में जो भी मुख्य शहर है, वहाँ अभी यह प्रसिद्ध हो तो ब्रह्माकुमारियां क्या चाहती हैं । अब ब्रह्माकुमारियां जो चाहती हैं उसमें मददगार बन रहे हैं और बनना है । अभी धीरे-धीरे प्रसिद्ध हो रहा है, हो ही जायेगा इसलिए उमंग-उत्साह से आगे बढ़ते चलो । आप एक-एक निमित्त हो, ऐसे नहीं जो बड़े करते हैं, हम भी करते हैं । करते हैं उसके लिए पास हो, उसके लिए मुबारक हो । परन्तु अभी आवाज थोड़ा बुलन्द हो । भारत में भारत का पिता गुप्तवेष में आ गये हैं, यह आवाज थोड़ा स्पष्ट फैलाओ ।

 

∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ “भारत में भारत का पिता गुप्तवेष में आ गये हैं” – इस आवाज़ को स्पष्ट रूप से फैलाया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - बाप तुम्हे अविनाशी ज्ञान देते हैं, तुम फिर औरों को दान देते रहो, इसी दान से सदगति हो जायेगी"

 

 ❉   ज्ञान के सागर परम पिता परमात्मा बाप इस समय संगम युग पर आये हुए हैं।

 ❉   और आ कर हम बच्चों को रचता और रचना के आदि, मध्य और अंत का ज्ञान सुना रहें हैं।

 ❉   यह अविनाशी ज्ञान रत्न, अविनाशी कमाई का साधन हैं।

 ❉   जितना हम इन अविनाशी ज्ञान रत्नों का दान करेंगे अर्थात दूसरों को ज्ञान सुनाएंगे।

 ❉   सदगति अर्थात ऊंच सतयुगी वर्से के अधिकारी बनेंगे।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)

 

➢➢ मुक्ति और जीवन मुक्ति का रास्ता सबको बताना है ।

 

 ❉   मुक्ति और जीवन मुक्ति का रास्ता कोई साधु संत, महान आत्मा, गुरू गोसाई कोई नहीं बता सकता क्योंकि वे स्वयं ही नहीं जानते ।

 ❉   शिव बाबा के सिवाय और कोई भी नहीं जानता ।

 ❉   मुक्ति के बिना जीवन मुक्ति में जा नहीं सकते । मुक्तिधाम में जाने के लिए पवित्र, नष्टोमोहा व कर्मातीत बनना ही है ।

 ❉   अपने असली स्वरूप की स्मृति सदा रखनी है । जब असली स्वरूप की स्मृति रहेगी तो बाबा की याद भी बनी रहेगी ।

 ❉   बाबा से ही हमें इतनी ऊँची नालेज मिलती है कि हम मनुष्य से देवता बनते है और 21 जन्मों की राजाई प्राप्त करते हैं ।

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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)

 

➢➢ देह, सम्बन्ध और वैभवो के बंधन से स्वतंत्र रहने वाला ही कर्मातीत अवस्था का अनुभव कर सकता है ... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   देह, सम्बन्ध और वैभवो के बंधन से स्वतंत्र रहकर ही कर्म करते हुए कर्मबंधन में न आ कर्म सम्बन्ध में आ जाते है ।

 ❉   इससे हर कर्म बंधन सेवा के बंधन में परिवर्तित हो जाता है ।

 ❉   क्युकी तभी आत्मा बंधन मुक्त बन फ़रिश्ता स्थिति में रह सकती है।

 ❉   इससे इच्छा मात्रम अविद्या बनने में बहुत सहयोग मिलता है।

 ❉   में और मेरा पन से आत्मा मुक्त होती जाती है।

 ❉   क्युकी बंधन मुक्त ही बेफिक्र सदा अचल अडोल एकरस स्थिति में टिक सकते है।

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∫∫ 9 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)

 

➢➢ स्नेह और सहयोग के साथ शक्ति रूप बनो तो राजधानी में नम्बर आगे मिल जायेगा.. क्यों और कैसे ?

 

 ❉   शक्ति रूप बनने से स्व पर और सर्व पर रूलिंग और कंट्रोलिंग सहज तरीके से कर पाएंगे।

 ❉   शक्ति रूप बनने से हर परिस्तिथि में निर्विघ्न रह सकेंगे।

 ❉   शक्तिरूप बनने से सदैव अपनी authority की स्मृति और नशे में रह सकेंगे।

 ❉   शक्ति रूप बनने से माया के तुफानो को सहज ही पार कर सकेंगे।

 ❉   शक्ति रूप बनने से अधिकारी पन की स्मृति में रह, सर्व शक्तियों की प्राप्ति का अनुभव करते रहेंगे।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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