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❍ 13 / 09 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ °बिंदु° बन बिंदु को याद कर बिंदु लगाया ?
‖✓‖ कर्म करते भी किसी भी कर्म बंधन से मुक्त सदा °डबल लाइट° रूप में रहे ?
‖✓‖ सारे दिन में अधिक से अधिक समय °सूक्षमवतन वासी° बनकर रहे ?
‖✓‖ °जीते जी मरने° का अभ्यास किया ?
‖✓‖ °त्रिकाल-दर्शन° कराने वाले दर्पण बनकर रहे ?
‖✓‖ आत्माओं को °लवलीन अवस्था° का अनुभव करवाया ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ हर °शक्ति° को कार्य में लगा वृद्धि की ?
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✺ आज की अव्यक्त पालना :-
➳ _ ➳ साइन्स वाले भी सोचते हैं ऐसी इन्वेंशन निकाले जो दु:ख समाप्त हो जाए, साधन सुख के साथ दुःख भी देता है। सोचते जरूर है कि दु:ख न हो, सिर्फ सुख की प्राप्ति हो लेकिन स्वयं की आत्मा में अविनाशी सुख का अनुभव नहीं है तो दूसरों को कैसे दे सकते हैं। आप सबके पास तो सुख का, शान्ति का, निःस्वार्थ सच्चे प्यार का स्टॉक जमा है, तो उसका दान दो।
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ सुख का, शान्ति का, निःस्वार्थ सच्चे प्यार का °दान° दिया ?
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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं श्रेष्ठ धनवान वा समझदार आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ हर शक्ति को कार्य में लगा कर वृद्धि करने वाली मैं श्रेष्ठ धनवान वा समझदार आत्मा हूँ ।
❉ दाता पन की सीट पर सेट हो कर सर्व आत्माओं को रहम की अंजली देकर उन्हें सर्व समस्याओं से मुक्त करती जाती हूँ ।
❉ मैं हताश और निराश आत्माओं के मन में आशा का दीपक जलाने वाला चैतन्य दीपक हूँ ।
❉ ईश्वरीय बजट बना कर मैं सर्वशक्तियों की बचत करती जाती हूँ ।
❉ बचत करके जमा की हुई शक्तियो को गरीब बेसहारा आत्माओं को दान कर उन्हें सम्पन्न बनाती जाती हूँ ।
❉ साइलेन्स की शक्ति द्वारा सर्व आत्माओं को सेकण्ड में मुक्ति, जीवनमुक्ति का अनुभव कराने वाली मैं विशेष आत्मा हूँ ।
❉ बेहद विश्व की सर्व आत्माओं को इमर्ज कर अपने शुभ संकल्पों और श्रेष्ठ वाइब्रेशन्स द्वारा मैं सर्व आत्माओं का कल्याण करती रहती हूँ ।
❉ मैं सर्व आत्माओं को बाप का बच्चा बना कर उन्हें भी बाप से वर्सा पाने का अधिकारी बनाने वाली हूँ ।
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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "बिंदु ( ज्ञान - सिंधु परमात्मा ) का बिंदु ( आत्मा ) से मिलन"
❉ बिंदु बन, बिंदु को याद करना और बीती को बिंदु लगाना यही हमारे ईश्वरीय ज्ञान का सार है जिसमें सारा विस्तार समाया हुआ है ।
❉ इसी सार स्वरूप में बापदादा अपने हर बच्चे को देखना चाहते हैं ।
❉ बापदादा की आस है कि हर बच्चा ऐसा दिव्य दर्पण बने जिसके द्वारा हर मनुष्य आत्मा को अपने तीनो काल स्पष्ट दिखाई दें ।
❉ क्योकि तीनो काल स्पष्ट दिखाई देने से वे सहज ही बाप से वर्सा लेने के लिए आकर्षित होते हुए आयेंगें ।
❉ और अनुभव करेंगे कि मुक्ति वा स्वर्ग में जाने की उनकी अनेक जन्म की प्यास व आशाएं अभी पूर्ण होने वाली हैं ।
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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)
➢➢ ऐसा दिव्य दर्पण बनना है जिससे हर मनुष्य आत्माओं को अपने तीनों काल दिखाई दें ।
❉ हमें अपना दिव्य दर्पण ऐसा बनाना है कि जो भी मनुष्य आत्मा हम से मिलें तो उन्हें देखते ही लगे कि पहले ये क्या थे व अब क्या मिल गया है इन्हें , जो हमेशा खुश रहते हैं व कितनी चिंताएँ होते हुए भी बेफिकर बादशाह है ।
❉ दिव्य दर्पण को पुरूषार्थ से ऐसा बनाना है कि बापदादा से मिली हर शक्तियों को कार्य में लगाकर दिलतख्तनशीन सफलतामूर्त होंगे । स्मृति स्वरूप में रहकर अपना स्वरूप देखते रहेंगे व दूसरी आत्माओं को भी तीनों काल का दर्शन करा दिव्य दर्पण बनेंगे ।
❉ दिव्य दर्पण माना श्रीमत से सम्पूर्ण रूहानियत से छलकता सबकी दुआओं के लायक ब्राह्मण जीवन हो जिससे मनुष्य आत्माओं को अपने तीनों काल दिखाई दें ।
❉ दिव्य दर्पण माना चाल चलन व चेहरे से सदा हर्षितमुख रूहानी बोल , कल्याणकारी व रूहानी चिंतन हो जिससे बेहद के बाप की सूरत व सीरत छलके ।
❉ जैसे दर्पण अगर साफ़ हो तो उसमें सब साफ़ दिखाई देता है इसी प्रकार हमें अपना जीवन मनसा से , वाचा से , कर्मणा से दिव्य दर्पण बनाना है ताकि अन्य आत्माएँ हमारे चाल चलन व्यवहार से तीनोंकालों का दर्शन कर सकें । क्योंकि बाबा कहते हैं तुम्हें ही बाप को अपने चलन से प्रयत्क्ष करना है ।
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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ श्रेष्ठ धनवान व समझदार हर शक्ति को कार्य में लगाकर वृद्धि करने वाले होते है... क्यों और कैसे ?
❉ अब यह दुनिया बिलकुल जड़ जड़ीभुत अवस्था में पहुच गयी है, अंत समय नजदीक है। ऐसे में समझदारी इसी में है की परमात्मा की आज्ञा को मानकर अब इस दुनिया से दिल निकालकर नयी दुनिया में अपना दिल लगाये और वहाँ उच्च पद पाने का पुरुषार्थ करे।
❉ बाप इस पुरानी दुनिया की कोडी जैसी चीजो के बदले हमें विश्व का मालिक बनाने आये है, यहाँ का एक पैसा, संकल्प, गुण, शक्ति का दान करना भविष्य 21जन्मो की प्राप्ति का आधार है। बाबा एक के बदले पदम देने आये है।
❉ जन्म लेते ही बाप ने अपनी सर्व शक्तियाँ हमें वर्से में दे दी, हमें भी मास्टर सर्वशक्तिमान बना दिया। अब श्रेष्ठ स्वमान में स्थित हो जितना इन शक्तियों का दान करेंगे, जितना इनका स्वरुप बनते जायेंगे उतना ही यह बढती जाएँगी।
❉ श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ धन है ज्ञान धन, बाबा रोज़ आकर हम बच्चो को ज्ञानधन का अखूट खजाना देते है, जो हम जितना बाटते है उतना ही हमारा दुवाओ का खजाना भी बढ़ता है। हम पद्मापदम भाग्यशाली है जो भगवान खुद रोज़ टीचर बनकर हमको पढ़ाने आते है।
❉ बाप ने जो जो शक्तिया दी है, समय प्रमाण आवश्यकता अनुसार उनका यूज़ करो, परिस्थिति जो परख कर उसी शक्ति का आव्हान कर उस श्रेष्ठ स्थिति में एक सेकंड में स्थित हो जाओ, तो परिस्थिति निचे रह जाएगी और हम आगे बढ़ जायेंगे। स्व उन्नति से विश्व उन्नति भी सहज हो जाएगी।
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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ शुद्ध संकल्पों को अपने जीवन का अनमोल खजाना बना लो तो मालामाल बन जायेंगे... क्यों और कैसे ?
❉ शुद्ध संकल्पों का खजाना जमा होगा तो बुद्धि कहीं बाहर नही भटकेगी जिससे व्यर्थ संकल्पो में समय वेस्ट होने से बच जायेगा ।
❉ शुद्ध संकल्प निगेटिव को पॉजिटिव में बदल कर चिंतन को समर्थ और श्रेष्ठ बना देते हैं जिससे व्यर्थ संकल्पों के जाल से बच जाते हैं ।
❉ बाबा से टचिंग लेने के लिए जरूरी है मन बुद्धि की लाइन क्लियर होना । लेकिन मन बुद्धि की लाइन तभी क्लियर होगी जब शुद्ध संकल्पों का खजाना जमा होगा ।
❉ जितना शुद्ध संकल्प का खजाना जमा होगा, चिंतन श्रेष्ठ होगा उतनी ही चेहरे पर रूहानियत की झलक सपष्ट दिखाई देगी और व्यर्थ से मुक्त हो मालामाल बन जाएंगे ।
❉ शुद्ध संकल्प मन बुद्धि को शांत और एकाग्रचित बना देंगे जिससे मन बुद्धि व्यर्थ चिंतन की बजाए समर्थ चिंतन में बिज़ी रहेगी जिससे जमा का खाता बढ़ता जायेगा जो मालामाल बना देगा ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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