❍ 07 / 01 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं ख़ुशी के खजाने से संपन्न आत्मा हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ रूहानियत की स्थिति द्वारा व्यर्थ बातों का स्टॉक ख़तम करना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ सतगुरु
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ °विनाशी धन सफल° करने के लिए अलोकिक सेवा में लगाया ?
‖✓‖ °अविनाशी धन का दान° किया ?
‖✓‖ अपने °पोतामैल° में देखा की :- "हमारी अवस्था कैसी है ?" , "सारे दिन में कोई खराब काम तो नहीं होते ?" , "एक-दो को दुःख तो नहीं देते ?"
‖✓‖ °स्मृति का स्विच° ओन रहा ?
‖✓‖ मधुर बोल, मधुर संस्कार, मधुर स्वभाव द्वारा °दूसरों का मुख मीठा° करवाया ?
‖✓‖ °ख़ुशी में नाचते° रहे ? और बाप के गुणों के गीत गाते रहे
‖✗‖ किसी पर भी °बुरी दृष्टि (विकारी दृष्टि)° तो नहीं राखी ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-
➳ _ ➳ साधारणता की जो नेचर नहीं होनी चाहिए, वह कभी कैसे, कभी कैसे हो जाती है । तो बापदादा चाहते हैं कि सदा ही अपने ऊपर नजर हो, साधारणता नहीं हो । अभी तो आप सभी पुरानों की लिस्ट वाले हो, थोडे नये-नये हैं, मैजारिटी पुराने की लिस्ट में हैं । और फाइनल पेपर अचानक होना हैं, डेट फिक्स नहीं होनी है । तो कोई भी अपनी विशेषता को सदाकाल का बनाना यह आवश्यकता है क्योंकि पेपर सदा नहीं आता है, बीच-बीच में पेपर ड़ामानुसार होते हैं इसलिए सदा अटेन्शन चाहिए । बहुत अटेन्शन देते भी हैं, उनको तो बापदादा तीव्र पुरुषार्थियों की लिस्ट में रखते हैं, अटेन्शन देते हैं लेकिन कुछ समय तीव्र, कुछ समय बीच में फिर पेपर आते हैं, उसमें थोडा- थोड़ा फर्क पड जाता है ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ सदा ही अपने ऊपर नज़र रही ? साधारणता तो नहीं रही ? अपनी विशेषता को सदकाल का बनाने का अटेंशन रहा ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ रूहानियत की स्थिति द्वारा व्यर्थ बातो का स्टॉक कैसे ख़तम हो जाता है ?
❉ रूहानियत की स्थिति हमें सदा साक्षीपन की सीट पर सेट रखती है ।
❉ रूहानियत की स्थिति से स्वतः ही सर्व संबंधो में स्नेह उत्पन्न होता है ।
❉ रूहानियत की स्थिति से स्वतः ही रहम भाव और क्षमा भाव उत्पन्न होता है ।
❉ रूहानियत की स्थिति से हम एकांतवासी,अंतर्मुखी बनकर रहते है।
❉ रूहानियत की स्थिति परमात्म शक्तियों से भरपूर होती है,जिससे व्यर्थ का कचरा जल जाता है।
❉ रूहानियत की स्थिति लाइट हाउस,माईट हाउस जैसी है जिससे व्यर्थ से मुक्त रहते है।
❉ रूहानियत की स्थिति में सर्व आत्माये भाई-भाई श्रेष्ठ अनुभव होती है,जिससे व्यर्थ में नहीं जाते।
❉ रूहानियत की स्थिति में स्वमान की सिट पर सेट रहने से व्यर्थ ख़त्म हो जाता है।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ स्मृति का स्विच ओन हो तो मूड ऑफ़ हो नहीं सकती।... क्यों ?
❉ स्मृति का स्विच ओन होना माना अपने स्वरूप् की पहचान को महसूस करते हुए हर्षित होते रहना।
❉ क्योंकि स्मृति सदा पवित्र बुद्धि में रह सकती है और पवित्रता में ख़ुशी का खज़ाना है।
❉ क्योंकि स्मृति में जब यह रहता है 'मैं कौन हूँ और किसकी हूँ' तो अपने भाग्य को देख सदा खुश रहेगे।
❉ क्योंकि स्मृति में अपनी शक्तिया रहे तो माया के दास नहीं बन सकते।
❉ क्योंकि स्मृति का स्विच ओन हो तो भाई भाई की दृष्टि बन जाती है जिससे सम्बन्धो से मूड ऑफ नहीं होता।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔