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❍ 12 / 02 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं पदमापदमपति आत्मा हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ हर सेकंड हर संकल्प के महत्व को जान पुन्य की पूँजी जमा करना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ सतगुरु
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ हर कर्म °अधिकारीपन के निश्चय और नशे° से किया ?
‖✓‖ अपने श्रेष्ठ संकल्पों द्वारा °नाउम्मीदवार को भी उम्मीदवार° बनाया ?
‖✓‖ आत्माओं को °शांति की सैलवेशन° दी ?
‖✓‖ "इस बने बनाए ड्रामा में °हर आत्मा का अनादी पार्ट° है" - यह स्मृति में रहा ?
‖✓‖ °मोह्जीत° बनकर रहे ?
‖✗‖ °शरीर छोड़ने की चिंता° तो नहीं की ?
‖✗‖ कोई भी °देहधारी से लगाव° तो नहीं रखा ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (18/01/2015) :-
➳ _ ➳ जो भी अपने में कमी समझते हो उस कमी को आज के दिन समाप्त कर कोई न कोई उमंग उत्साह की धारणा का संकल्प करना ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ स्मृति दिवस पर जिस भी कमी को समाप्त करने का आपने द्रिड संकल्प लिया था... आज पूरा दिन उस पर विशेष अटेंशन रहा ? और अगर उसे समाप्त करने में कोई कमी रह गयी है तो उसे सम्पूरण रूप से समाप्त करने का विशेष प्लान बनाया ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)
➢➢ "मीठे बच्चे - तुम खुदाई खिदमतगार सच्चे सैल्वेशन आर्मी हो, तुम्हे सबको शान्ति की सैल्वेशन देनी है"
❉ आज दुनिया में सभी मनुष्य सिर्फ शांति चाहते हैं, क्योकि सभी अशान्त और दुखी हैं।
❉ सच्ची शान्ति सिवाय शांति के सागर खुदा बाप के और कोई दे नही सकता।
❉ किन्तु हम उसी शांति के सागर खुदा बाप के खिदमतगार अर्थात खुदा बाप की खिदमत करने वाले सच्चे सच्चे सैल्वेशन आर्मी यानि रूहानी सेना हैं।
❉ इसलिए हमारा काम सबको दुःख और अशांति से निज़ात दिला कर, उन्हें शांति की सैल्वेशन देना है।
❉ शान्ति की तलाश में भटक रही सभी आत्माओं को शान्ति पाने का सही रास्ता बताना है।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)
➢➢ पाँच तत्वों के बने हुए शरीरों को देखते हुए याद बाप को करना है ।
❉ देह सहित देह के सर्व सम्बंधों को भूल याद सिर्फ बाप को करना है क्योंकि वही हमारा पिता , माता , दोस्त , साथी है व सर्व सम्ब्ध निभाता है ।
❉ आत्मिक स्थिति व आत्मिक स्वरूप में रहने का अभ्यास करना है । क्योंकि देहभान में रहेंगे तो बाबा की याद नहीं रहेगी और माया वार करेगी ।
❉ क्योंकि ये शरीर तो नश्वर है व आत्मा ने ही 84 जन्म का पार्ट बजाना है । आत्मा तो बिंदु मिसल है व आत्मा का पिता परम आत्मा भी बिंदु स्वरूप है । इसलिए सिर्फ़ अपने बाप को याद करना है ।
❉ क्योंकि बाप ही हमें इस रौरव नर्क से या पतित दुनिया से निकाल नई दुनिया में ले जाने के लिए आया है ।
❉ ड्रामा में हरेक का पार्ट एक्यूरेट है व बाप भी ड्रामा में बँधा हुआ है व इसी समय आता है न एक सेकेंड पहले न एक सेकेंड बाद ।
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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)
➢➢ हर सेकंड हर संकल्प के महत्व को जान पुण्य की पूँजी जमा करने वाली आत्मा ही पदमापदमपति आत्मा है .. क्यों और कैसे ?
❉ हर सेकंड हर संकल्प के महत्व को जानने वाला ही संगम युग के इस अमूल्य समय का लाभ उठा हर कदम में पदम् की कमाई जमा कर सकता है ।
❉ हर सेकंड हर संकल्प के महत्व को जानने वाला ही इस अमूल्य खजाने को कम से “कम खर्च बाला नशीं” का पार्ट बजा सकता है ।
❉ हर सेकंड हर संकल्प के महत्त्व को जानने वाला ही अपना सब कुछ सफल कर 21जन्मो का भाग्य बना सकता है।
❉ हर सेकंड हर संकल्प के महत्त्व को जानने वाला ही बाप की सर्विस में लग बाप का सम्पूर्ण वर्सा प्राप्त कर सकता है।
❉ हर सेकंड हर संकल्प के महत्त्व को जानने वाला ही आलस्य व अल्बेलेपन का अंश मात्र भी समाप्त कर माया पर जीत प्राप्त कर सकता है।
❉ हर सेकंड हर संकल्प के महत्त्व को जानने वाला ही ख़ुशी के खजाने से भरपूर निश्चिंत रह सकता है।
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∫∫ 9 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)
➢➢ हर कर्म अधिकारीपन के निश्चय और नशे से करो तो मेहनत समाप्त हो जायेगी... क्यो और कैसे ?
❉ अधिकारीपन के निश्चय और नशे में रह कर्म करने से सर्व प्रकार की अधीनता समाप्त हो जायेगी।
❉ हर कर्म अधिकारीपन की स्मृति में रह कर करने से पुराने संस्कारों पर सहज विजय प्राप्त कर लेंगे।
❉ अधिकारीपन की स्मृति स्वत: ही सर्व शक्तियों का अनुभव कराएगी।
❉ अधिकारी पन की स्मृति सहज ही मायाजीत बना देगी।
❉ अधिकारीपन की स्मृति कार्य को सरल बना कर मेहनत से मुक्त करा देगी।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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