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   27 / 11 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

        TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ सदैव °याद की फांसी° पर चडे रहे ?

 

‖✓‖ °आंतरिक ख़ुशी° में रहे ?

 

‖✓‖ °एकांत° में बैठ अपने आप से बातें की ?

 

‖✓‖ °सच्चाई सफाई° को धारण कर अपने स्वभाव को सरल बनाया ?

 

‖✗‖ किसी नही बात में °संशय° तो नहीं उठाया ?

 

‖✗‖ °आँखें क्रिमिनल° तो नहीं हुई ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ °फॉलो फादर° के पाठ द्वारा मुश्किल को सहज बनाया ?

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आज की अव्यक्त पालना :-

 

➳ _ ➳  अगर सेकण्ड में विदेही बनने का अभ्यास नहीं होगा तो लास्ट घड़ी भी युद्ध में ही जायेगी और जिस बात में कमजोर होंगे, चाहे स्वभाव में, चाहे सम्बन्ध में आने में, चाहे संकल्प शक्ति में, वृत्ति में, वायुमंडल के प्रभाव में, जिस बात में कमजोर होंगे, उसी रूप में जानबूझकर भी माया लास्ट पेपर लेगी इसीलिए विदेही बनने का अभ्यास बहुत जरूरी है।

 

∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ °सेकण्ड में विदेह° बनने का अभ्यास बार बार किया ?

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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं आत्मा तीव्र पुरुषार्थी हूँ ।

 

 ✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-

 

 ❉   फालो फादर के पाठ द्वारा मुश्किल को सहज बनाने वाली मैं तीव्र पुरुषार्थी आत्मा हूँ ।

 

 ❉   अपनी बुद्धि ना चला कर, बाप को फालो कर मैं हर मुश्किल परिस्थिति को आसान बना लेती हूँ ।

 

 ❉   शुभ और श्रेष्ठ चिंतन में मन बुद्धि को लगा कर मैं समय और शक्ति को व्यर्थ होने से बचा लेती हूँ और जमा का खाता बढ़ाती जाती हूँ ।

 

 ❉   ब्रह्मा बाप के कदम पर कदम रख मैं अपने हर कर्म को श्रेष्ठ बनाती जाती हूँ ।

 

 ❉   बाप को कापी कर बाप समान बनने का पूरा अटेंशन देते हुए मैं निरंतर आगे बढ़ती जाती हूँ ।

 

 ❉   अपने तीव्र पुरुषार्थ के आधार पर मै स्वयं को हर शक्ति से संपन्न बना रही हूँ ।

 

 ❉   बाप से सहयोग ले स्वयं आगे बढ़, मैं औरो को सहयोग दे आगे बढ़ा रही हूँ ।

 

 ❉   अज्ञान रूपी अंधकार में भटकती आत्माओं को मैं चैतन्य दीपक बन रास्ता दिखा रही हूँ ।

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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हे सदैव याद की फांसी पर चढ़े रहना है, याद से ही आत्मा सच्चा सोना बनेगी"

 

 ❉   अपने मूल स्वरूप में आत्मा सच्चा सोना अर्थात सम्पूर्ण पावन सतोप्रधान है और जब इस सृष्टि पर शरीर धारण कर पार्ट बजाने आती है तो सतोप्रधान अवस्था में ही आती है ।

 

 ❉   लेकिन शरीर धारण कर अनेक जन्म पार्ट बजाते बजाते, विकारों की कट चढ़ने से आत्मा सम्पूर्ण पतित तमोप्रधान बन जाती है ।

 

 ❉   आत्मा पर चढ़ी विकारो की कट को उतार उसे फिर सच्चा सोना अर्थात सतोप्रधान बनाने और वापिस अपने घर परमधाम ले जाने के लिए ही पतित पावन बाप आते हैं और आ कर राजयोग सिखलाते है ।

 

 ❉   पतित पावन परम पिता परमात्मा बाप की याद से ही आत्मा पर चढ़ी विकारों की कट उतर सकती है और आत्मा सम्पूर्ण पावन बन सकती है ।

 

 ❉   इसलिए बाप कहते हैं अपनी सतोप्रधान तकदीर बनाने के लिए तुम्हें सदैव याद की फांसी पर चढ़े रहना है अर्थात याद में रहने का खूब पुरुषार्थ करना है और याद से आत्मा को सच्चा सोना बनाना है ।

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)

 

➢➢ किसी भी बात में संशय नही उठाना है, ईर्ष्या नहीं करनी है । आंतरिक खुशी में रहना है । अपनी गुप्त सर्विस करनी है ।

 

  ❉   हमें ये ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए कि बाबा अपने इन बच्चों को तो आगे रखता है । बाप अपने हर बच्चे की नब्ज देखकर उनके कल्याण अर्थ हरेक को उस अनुसार चलाता है । जैसे स्कूल में टीचर को पता होता है कि किस स्टूडेंट को कैसे चलाना है ।

  

  ❉   हमें बाप को यथार्थ रीति याद करना है वो जो है जैसा है । उनके द्वारा दिया ज्ञान व श्रीमत अच्छी रीति धारण करना है । कोई संशय नही लाना, पूरा-पूरा निश्चय रखना है। संशयबुद्धि विनाशयन्ति, निश्चयबुद्धि विजयन्ती होते हैं ।

 

  ❉   हम प्रेम के सागर बाप के बच्चे हैं । जैसे हमारे परमपिता हमारी कितनी भी गल्तियां होने पर भी प्रेम से चलाते हैं ऐसे हमें भी प्रेम से ओरों को चलाना है । किसी से भी ईर्ष्या द्वेष नहीं रखना ।

 

  ❉   बाबा ने हमें हर गुण व शक्ति से भरपूर किया है । जिसमें भरपूरता होती है उसकी खुशी समाये नही समाती व सदा डांस करता रहता है । हमें भी बाबा द्वारा दी गुणों व शक्तियों से आंतरिक खुशी की अनुभूति करनी और करानी है ।

 

  ❉   जैसे बाबा हमें गुप्त रूप से पढ़ाकर ज्ञान रत्नों से गुणों से नवाजते हैं ऐसे हमें भी मनसा द्वारा दु:खी, परेशान, अशांत आत्माओं को सुख और शांति की वायब्रेशनस देकर सर्विस करनी है ।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ तीव्र पुरुषार्थी फालो फादर के पाठ द्वारा मुश्किल को सहज बनाने वाले होते है... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   तीव्र पुरुषार्थी बच्चे के चारो और बहुत पावरफुल औरा बन जाता है जिससे कोई भी बात या मुश्किल उनके सामने टिक नहीं पाती है।

 

 ❉   तीव्र पुरुषार्थी बच्चे के सर पर सदा बाप की दुवाओ का हाथ है। जिसके सर पर भगवान का हाथ हो उसे दुनिया की कोई बात मुश्किल नहीं लग सकती।

 

 ❉   तीव्र पुरुषार्थी बच्चे अपने योगबल द्वारा स्वयं को बहुत शक्तिशाली बना लेते है। वह बाप समान मास्टर सर्व शक्तिमान बन जाते है, उनके आगे कोई भी बात आये परन्तु वह विघ्न विनाशक बन उनको सहज पार कर लेते है।

 

 ❉   तीव्र पुरुषार्थी जो होते है उनका नशा और निशाना पक्का होता है। वह दृढ संकल्पधारी होते है, इसलिए उन्हें दुनिया की बाते साइड की सिन सिनरियो की तरह अनुभव होती है। उन्हें खेल समान देखते हुए आगे निकल जाते है।

 

 ❉   दुनिया की कोई भी बात एसी नहीं है जिसको ब्रह्मा बाप ने पार नहीं किया हो। इसलिए सदा कोई बात आये तो बाप को फॉलो करते जाओ की बाप होते तो क्या करते? उनके कदम पर कदम रखना ही सफलता के मार्ग तक पहुचने का रास्ता है।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ सच्चाई, सफाई को धारण करने के लिए अपने स्वभाव को सरल बनाओ... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   सरलता का गुण व्यवहार में पारदर्शिता और आचरण में दिव्यता लाता है और दिव्य बुद्धि आत्मा सच्चाई और सफाई को धारण कर रीयल गोल्ड बन जाती है और अपनी चमक से पूरे विश्व को प्रकाशित कर देती है ।

 

 ❉   सरलता और सादगी से जीवन जीने वाला मनुष्य अपने जीवन में सच्चाई और सफाई को धारण कर अपने रॉयल स्वभाव से हर समस्या का समाधान कर उस पर विजय प्राप्त कर लेता है ।

 

 ❉   परमात्मा के दिल रूपी तख़्त पर  वही चढ़ते है जो सच्चाई और सफाई से, सरल चित बन स्वयं को बाप के आगे समर्पित कर देते हैं । ऐसे बच्चे ही परमात्म मदद का अनुभव कर सफलता मूर्त बन जाते हैं ।

 

 ❉   आध्यात्मिक उन्नति के लिए सरलता का गुण होना बहुत ही जरूरी है । क्योकि सरल स्वभाव वाला व्यक्ति सच्चाई के रास्ते पर चल कर, आध्यात्मिक उन्नति से सहज ही समाधान स्वरूप बन जाता है ।

 

 ❉   सरल स्वभाव व्यक्ति को गुण मूर्त बनाता है जिससे व्यक्ति सच का मार्ग अपना कर, सद्गुणों की धारणा कर अपने जीवन को उज्ज्वल बना लेता है ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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