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❍ 24 / 02 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं यथार्थ पुरूपार्थी हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ स्नेह की गोद में आन्तरिक सुख व सर्व शक्तियों का अनुभव करना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ टीचर
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ जो °नई-नई पॉइंट्स° निकलती हैं, उनको अपने पास °नोट° किया ?
‖✓‖ "स्वयं °भगवान हमें पढाते° है" - यह ख़ुशी रही ?
‖✓‖ सटा खुशी रही:- "हम °सत धर्म की स्थापना के निमित्त° है" ?
‖✓‖ "हमारा °देवी देवता धर्म° बहुत सुख देने वाला है" - यह स्मृति रही ?
‖✓‖ °माली° बन काँटों को फूल बनाने की सेवा की ?
‖✓‖ कोई भी हालत में युक्ति रचकर °बाप का परिचय° दिया ?
‖✓‖ °निश्चय° रूपी फाउण्डेशन पक्का रहा ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (16/02/2015) :-
➳ _ ➳ बाप भी एक-एक बच्चे को देखते क्या अनुभव करते हैं! एक-एक बच्चे का कितना दिल का प्यार है। अगर बापदादा एक-एक बच्चे के प्यार का वर्णन करता तो कई किताब लिख देते। लेकिन यह दिल जाने, बाप और बच्चे जाने। तो बाप अभी जो बच्चों के मिलन की सूरत है उससे हर एक बच्चा भले यथा शक्ति है लेकिन बच्चे और बाप का प्यार अमर और अलौकिक है। बाप खुश हो रहे हैं एक-एक बच्चे को वाह बच्चा वाह! दिल से कह रहे हैं। बाप को भी खुशी हो रही है यह थोड़े समय का सन्मुख मिलन कितना प्यारा लग रहा है।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ आज पूरा दिन बाबा के अमर और अलोकिक प्यार का अनुभव किया ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)
➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हारी फर्ज-अदाई है घर-घर में बाप का पैगाम देना, कोई भी हालत में युक्ति रच कर बाप का परिचय हरेक को अवश्य दो"
❉ जिस भगवान को पाने के लिए लोग दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।मन्दिर,मस्जिद,
गुरुद्वारों में जिसे ढूंढ रहे हैं।
❉ वो हम सब आत्माओं का पिता परम पिता परम आत्मा इस धरा पर आ चुका है।
❉ हम सभी के दुःखो को हरने और अपरम अपार सुखों से सम्पन्न बनाने के लिए वो दुःख हर्ता सुख कर्ता बाप आया है।
❉ तो उस परम पिता परम आत्मा को पहचानने वाले हम ब्राह्मण बच्चों का यह फर्ज बनता है कि परम पिता परमात्मा के आने का पैगाम घर-घर में दें।
❉ अनेक प्रकार की युक्तियां रच कर सबको परमात्मा बाप का परिचय अवश्य दें।ताकि अंत समय कोई का उलहना ना रह जाये के उसे बाप का परिचय नही मिला।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)
➢➢ "सदा ख़ुशी रहे कि हम सत धर्म की स्थापना के निमित्त हैं। स्वयं भगवान हमें पढ़ाते हैं।"
❉ सत का अर्थ है सत्य और सत्य तो सिर्फ़ एक ही है भगवान। जो इस समय धरती पर अवतरित हो चुके हैं। अब इस सत्य को जानकर पहचान कर दूसरों को भी जगाना है।
❉ दूर देश से (परमधाम) से स्वयं भगवान हमें पढ़ाने के लिए आते है - नशा होना चाहिए। पढाई का प्रालब्ध स्वर्ग भी स्वयं नहीं लेता बल्कि हमें देता है।
❉ भगवान स्वयं जो पढ़ाई पढ़ाते है उस ज्ञान को धारण करने सेआत्मा में बल भरता है व पढाई से मनुष्य से देवता बनते है।
❉ बाबा की सम्पूर्ण श्रीमत की पालना करते हुए मनसा-वाचा-कर्मणा द्वारा पूरे विश्व की सेवा करनी है और सत के मार्ग पर चल दूसरों को भी चलाना है।
❉ ये खुशी रहे कि इस संगमयुग पर स्वयं हमें पतित से पावन बनाकर नयी दुनिया की स्थापना में अपना सहयोगी बनाते हैं व हम निमित्त भाव से करते हैं।
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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)
➢➢ स्नेह की गोद में आंतरिक सुख व सर्व शक्तियों का अनुभव करने वाले ही यथार्थ पुरुषार्थी है.... क्यों और कैसे ?
❉ स्वयं को आत्मा समझ बाप को निरंतर याद करना यह बहुत उची स्टेज है।
❉ बाप की याद से स्वयं में शक्तिया भरना व उनकी अनुभूति करना दुनिया में सबसे उच्च प्राप्ति है।
❉ बाप को सच्चे दिल से मिलन मनना,उनके पक्के बच्चे होने का साबुत देना यही हमारे जीवन का लक्ष्य होने चाहिए।।
❉ बाप,टीचर,सतगुरु तीनो ही सम्बन्ध से बाप को याद करने पर ही हम याद की अच्छी अनुभूति कर सकते है।
❉ स्नेह की डोर हमें सर्व आकर्षणों से दूर कर एक बाप के प्यार में बांध देती है।
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∫∫ 9 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)
➢➢ निश्चय रुपी फाउंडेशन पक्का है तो श्रेष्ठ जीवन का अनुभव स्वतः होता है... क्यों और कैसे ?
❉ निश्च्य रूपी फाउंडेशन पक्का है तो विजय हमारे गले का हार स्वत्:बनती है।
❉ जिसके पास निश्च्य का खजाना है,वह सदा तृप्त है।
❉ निश्च्य बुद्धि आत्मा को ईश्वरीय बल की प्राप्ति सहज ही होती है।
❉ निश्च्य रूपी फाउंडेशन पक्का है तो हर कार्य में सफलता सहज ही प्राप्त होती है।
❉ निश्च्य रूपी फाउंडेशन पक्का है तो माया के तूफान आ नही सकते।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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