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❍ 17 / 03 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ "यह °अनादी अविनाशी बना बनाया ड्रामा° है.. जो सीन पास हुई वह फिर कल्प के बाद रिपीट होगी" - इस स्मृति से निश्चिंत रहे ?
‖✓‖ °पहले अपने को सुधारकर° फिर दूसरों को सुधारने की शिक्षा दी ?
‖✓‖ अपनी चलन से °बाप का नाम बाला° किया ?
‖✓‖ °चेहरे, वाणी और नयनो° से बाप का लव प्रतक्ष्य हुआ ?
‖✓‖ °स्नेह और प्राप्ति° का संपन्न स्वरुप बनकर रहे ?
‖✓‖ "हम °ईश्वर के बच्चे° हैं.. हमें मोस्ट लवली होकर रहना है" - यह ध्यान रहा ?
‖✗‖ आपस में °लून पानी° तो नहीं हुए ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-15)
‖✓‖ °स्नेह के बाण° द्वारा आत्माओं को स्नेह में घायल किया ?
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∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
‖✓‖ बापदादा द्वारा चलायी गयी °15/03/2015 की अव्यक्त वाणी° को अच्छे से रीवाइज किया ?
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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ मैं स्नेह और प्राप्ति संपन्न लवलीन आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ मुझ आत्मा के चेहरे, वाणी और नयनो से सदैव बाप का लव प्रतक्ष्य होता है ।
❉ मैं स्नेही मूर्त बन सर्व आत्माओं को परमात्म स्नेह द्वारा स्नेह के सूत्र में बाँध देती हूँ ।
❉ मुझ आत्मा का बाप के प्रति स्नेह का बाण औरों को भी स्नेह में घायल कर देता है ।
❉ सच्चाई और स्नेह के सतयुगी संस्कार अपने अंदर भर कर मैं सर्व आत्माओं को स्नेह से भरपूर कर देती हूँ ।
❉ मुझ आत्मा के बोल में सदैव अथॉरिटी समाई हुई होती है ।
❉ बाप के गुणों को स्वयं में धारण कर,सुखदाई बन, मैं सर्व आत्माओं को सुख की अनुभूति करवाती हूँ ।
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∫∫ 5 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)
➢➢ "मीठे बच्चे - यह अनादि अविनाशी बना बनाया ड्रामा है, इसमें जो सीन पास हुई, वह फिर कल्प के बाद ही रिपीट होगी, इसलिए सदा निश्चिन्त रहो"
❉ यह सृष्टि एक बहुत बड़ा बेहद का ड्रामा है जिसमे हम आत्माएं पार्टधारी है।
❉ परमधाम में रहने वाली हम सब आत्माएं समय, काल और स्तिथि के अनुसार अलग अलग शरीर धारण कर इस सृष्टि रंग मच पर पार्ट बजाती है।
❉ 5000 वर्ष का यह सृष्टि का ड्रामा अनादि और अविनाशी हैं।जो कल्प बाद अर्थात 5000 वर्ष के बाद ही रिपीट होगा।
❉ हूबहू यही सीन जो अब पास हुई वह इस कल्प में दोबारा नही हो सकती।अगले कल्प में यानि 5000 वर्ष के बाद ही फिर से रिपीट होगी।
❉ इसलिये ड्रामा के इस राज को जानते हुए और साक्षी हो इसे देखते हुए हमे सदा निश्चिन्त रहना है।
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)
➢➢ "सदा ध्यान रहे - हम ईश्वर के बच्चे हैं, हमें मोस्ट लवली होकर रहना हैं। आपस में लूनपानी नहीं होना है।"
❉ हम ईश्वर के बच्चे हैं तो बहुत बहुत भाग्यशाली हुए। जैसे मेरा बाबा बहुत मीठा है तो हमें भी सबके साथ मीठा बनकर रहना है।
❉ कभी भी किसी से उल्टा नहीं बोलना व अपना श्रृंगार ख़राब नहीं करना है।भगवान के बच्चे है तो सदा हर्षितमुख रहना है।
❉ जिस भगवान को पाने के लिए लोग कहाँ कहाँ जाते है वो हमें घर बैठे ही मिल व उसने ही हमें ढूँढा अपना बनाया। कितना प्यार करता है हमसे! सदा खुश रहना है व खुशियां बाँटनी है।
❉ जिससे लव होता है तो उसकी याद स्वत: ही आती है व उसके लव में लीन रहते हैं। तो हमारी बाप से ऐसी दिल लगी हो कि कभी याद भूले ही नहीं।
❉ जब आत्मिक स्थिति में रहेंगे तो देहभान में नहीं आयेंगे व आत्मा के पिता परमात्मा की याद भी होगी और किसी से लूनपानी भी नही होगी। सबके प्रति लवली बनकर रहेंगे।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)
➢➢ स्नेह के बाण द्वारा स्नेह में घायल करने वाले ही स्नेह और प्राप्ति संपन्न लवलीन आत्माये होती है... क्यों और कैसे ?
❉ स्नेह स्वरुप बन ज्ञान का बाण चलाने से उसका असर ज्यादा होता है।
❉ स्नेह से हम किसी भी आत्मा का दिल जीत सकते है, आत्मिक प्रेम बना सकते है।
❉ स्नेह के दो बोल कोई भी आत्मा को परिवर्तन कर सकते है।
❉ स्नेह संपन्न आत्माये अपने मीठे व्यवहार के कारण सभी की प्रिय होती है।
❉ स्नेह एक एसी डोर है जिसमे किसी को भी बंधा जा सकता, स्वयं भगवान भी इस डोर में बंधकर हम बच्चो से प्रत्यक्ष मिलने आते है।
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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)
➢➢ सम्पूर्णता द्वारा समाप्ति के समय को समीप लाओ... कैसे ?
❉ सम्पूर्णता द्वारा समाप्ति का समय तभी समीप आएगा जब सम्पूर्ण समर्पण की भावना होगी।सम्पूर्ण समर्पण ही बाप दादा की प्रत्यक्षता का आधार होगा।
❉ जब निरन्तर एकरस अव्यक्त स्तिथि में स्तिथ रहेंगे तभी सम्पूर्णता द्वारा समाप्ति के समय को समीप ला सकेंगे।
❉ कर्मातीत अवस्था को पाना ही सम्पूर्णता की स्तिथि है जो समाप्ति के समय को समीप लाएगा।
❉ जब लक्ष्य और लक्षण एक समान होंगे तब सम्पूर्णता को प्राप्त कर अपने चेहरे और चलन द्वारा बाप को प्रत्यक्ष कर समाप्ति के समय को समीप ला सकेंगे।
❉ जब नष्टोमोहा स्मृतिलब्धा स्तिथि द्वारा मरजीवा बन जायेंगे तो सम्पूर्णता द्वारा समाप्ति का समय समीप आयेगा।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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