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    18 / 02 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं सफलतामूर्त आत्मा हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢  सदा मोल्ड होने की विशेषता से संपर्क और सेवा में सफल होना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ टीचर

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

 

‖✓‖ °नथिंग न्यू° का पाठ पक्का कर हर्षित रहे ?

‖✓‖ °सर्वशक्तियों° का अनुभव किया ?

‖✓‖ "बेहद का बाप हमें °बेहद की बादशाही° दे रहे हैं" - इसी ख़ुशी में रहे ?

‖✓‖ ज्ञान के °अच्छे अच्छे गीत° सुनकर स्वयं को रिफ्रेश किया ?

‖✓‖ ज्ञान के °गीतों का अर्थ° निकालकर दूसरों को सुनाया ?

‖✓‖ "°जैसा समय .. जैसा व्यक्ति.. वैसा रूप°" - ऐसे फॉलो फादर किया ?

‖✓‖ "°जैसा समय .. जैसे सर्कमस्टांश°... उसी प्रमाण स्वयं को मोल्ड किया ?

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∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ बापदादा द्वारा चलायी गयी 16/02/15 की अव्यक्त वाणी को अच्छे से रीवाइज किया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हें श्रीमत मिली है आत्म-अभिमानी बन बाप को याद करो, किसी भी बात में तुम्हे आरग्यु नही करना है"

 

 ❉   मनुष्य शास्त्रों में लिखी बातों को सच मान उन पर इस कदर अन्ध-श्रद्धा से विश्वास करते हैं, कि अगर उन्हें शास्त्रों में लिखी बातों की सच्चाई से अवगत कराया जाए तो वाद-विवाद करने लगते हैं।

 ❉   इसलिए बाबा श्रीमत देते हैं कि तुम्हे किसी भी बात में आरग्यु नही करना है।

 ❉   शास्त्रों की बातों में टू मच नही जाना है।

 ❉   तुम्हे सिर्फ अपने आत्मिक स्वरूप में टिक परमात्मा बाप को याद करना है।

 ❉   क्योकि मुख्य बात है ही आत्म-अभिमानी बनने अर्थात स्वयं को आत्मा निश्चय कर बाप को याद करने की।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)

 

➢➢ सदैव हर्षित रहने के लिए नथिंग न्यू का पाठ पक्का करना है।

 

 ❉   सदैव हर्षित रहने के लिए ड्रामा के रहस्य को समझना व ड्रामा पर निश्चय होना बहुत ज़रूरी है।

 ❉   जो हो रहा है कुछ नया नहीं है यही 5000 वर्ष पहले भी हुआ था व हूबहू रिपीट हो रहा है व 5000 वर्ष बाद भी हूबहू रिपीट होगा।

 ❉   जो हो रहा है अच्छा ही हो रहा है व अच्छा ही होगा। जो भी बात आयी है कुछ न कुछ सिखाती है, हमेंअनुभवी बनाती है। तो नथिंग न्यू सोचकर सदा हर्षित रहना है।

 ❉   कोई परिस्थिति आई तो घबराना नहीं है। यही सोचना है कि ये तो 5000 वर्ष पहले भी आई, मैं ही विजयी हुई व अब भी मैं ही विजयी होऊंगी। ऐसे श्रेष्ठ संकल्प व स्वमान में रह सदा हर्षित रहना है।

 ❉   ड्रामा में हर आत्मा का एक्यूरेट पार्ट है। जो जिसका पार्ट है वह उसका एक्यूरेट रोल कर रहा है व वही एक्ट रिपीट होगा। इस बात को अच्छी तरह से समझ कर चलेंगे तो ग़ुस्सा नही आएगा व किसी के पार्ट को देखकर हलचल में नहीं आएँगे । सदा हर्षित रहेंगे।

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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)

 

➢➢ सदा मोल्ड होने की विशेषता से संपर्क और सेवा में सफल होकर ही सफलतामुर्त स्थिति का अनुभव किया जा सकता है ... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   बालक सो मालिकपन की प्रेक्टिस द्वारा ही संपर्क और सेवा में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

 ❉   रियल गोल्ड बनना है तो मोल्ड होने का गुण अति आवश्यक है।

 ❉   समय अनुसार मोल्ड होना अर्थात स्व परिवर्तन करने से ही विश्व परिपर्तन सहज हो पायेगा।

 ❉   मोल्ड होने से व्यर्थ के टकराव से बच जाते है,जिससे समय संकल्प व्यर्थ जाने से बच जाते है।

 ❉   मोल्ड होना अर्थात सरल स्वभाव होना,समय व परिस्थिति अनुसार स्वयं को ढालना,तभी आलराउंडर बन सकते है।

 ❉   मोल्ड होने से हम सभी को साथ ले कर चल सकते है,न्यारे व प्यारे बन सभी का सहयोग प्राप्त कर सकते है।

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∫∫ 9 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)

 

➢➢ जहाँ सर्वशक्तियाँ हैं वहाँ निर्विघ्न सफलता साथ है... कैसे ?

 

 ❉   जहाँ सर्वशक्तियाँ हैं, वहाँ कोई भी समस्या ठहर नही सकती।क्योकि सर्वशक्तियों का इमर्ज रूप सहज ही समस्या मुक्त बना कर सफलता मूर्त बना देता है।

 ❉   जहाँ सर्वशक्तियाँ हैं, वहाँ माया के विघ्न आ नही सकते।

 ❉   जहाँ सर्वशक्तियाँ  हैं वहाँ हर परिस्तिथि साइड सीन नजर आती है इसलिये आत्मा हर परिस्तिथि को सहज ही पार कर उस पर सफलता प्राप्त कर लेती है।

 ❉   जहाँ सर्वशक्तियाँ हैं वहाँ आत्मा सिद्धि स्वरूप बन जाती है और सिद्धि स्वरूप् आत्मा के हर संकल्प में सफलता समाई होती है।

 ❉   जहाँ सर्वशक्तियाँ हैं, वहाँ आत्मा का हर कर्म, बोल शक्तिशाली बन जाता है और उसे हर कार्य में सफलता का अनुभव कराता है।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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