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❍ 30 / 04 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ किसी भी विधि से °व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ° को इमर्ज किया ?
‖✓‖ बाप के कर्तव्य में °गुप्त मददगार° बनकर रहे ?
‖✓‖ भविष्य के लिए अपना °बैग-बेगेज ट्रान्सफर° करने पर विशेष अटेंशन रहा ?
‖✓‖ "जब तक पढाई है.. तब तक °पवित्र° जरूर रहेंगे" - यह प्रतिज्ञा की ?
‖✓‖ बाप का °रिगार्ड° रखा ? पढाई का शौंक रहा ?
‖✓‖ "हम आज पड़ते हैं... कल °प्रिंस प्रिंसेस बनेंगे°" - यह नशा रहा ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ °रियलिटी द्वारा रॉयल्टी° का प्रतक्ष्य रूप दिखाया ?
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✺ आज की अव्यक्त पालना :-
➳ _ ➳ कोई भी स्थूल कार्य करते हुए मन्सा द्वारा वायब्रेशन्स फैलाने की सेवा करो । जैसे कोई बिजनेसमेन है तो स्वप्न में भी अपना बिजनेस देखता है, ऐसे आपका काम है-विश्व-कल्याण करना । यही आपका आक्यूपेशन है, इस आक्यूपेशन को स्मृति में रख सदा सेवा में बिजी रहो ।
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ कोई भी स्थूल कार्य करते हुए मन्सा द्वारा °वायब्रेशन्स फैलाने की सेवा° की ?
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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं साक्षात्कार मूर्त आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ मैं आत्मा प्रत्यक्ष रूप से अपनी रीयल्टी द्वारा रॉयल्टी का साक्षात्कार कराने वाली साक्षात्कार मूर्त आत्मा हूँ ।
❉ अपनी रॉयल्टी की झलक द्वारा, मैं अपने प्रत्यक्ष सम्पन्न स्वरूप का साक्षात्कार भक्त आत्माओं को कराकर उनकी मनोकामनाये पूर्ण कर रही हूँ ।
❉ बाबा ने मुझे जो रूहानी शक्तियां वरदान के रूप में दी हैं, उन शक्तियों द्वारा सभी आत्माओं को अपने दिव्य स्वरूप का दर्शन करा रही हूँ ।
❉ अपने सहज योगी स्वरूप द्वारा वायुमण्डल को प्रभावशाली बना कर, मैं सर्व आत्माओं को बाबा के स्नेही स्वरूप का अनुभव करा रही हूँ ।
❉ मैं गुणमूर्त बन सबको अपनी विशेषताओं का प्रत्यक्ष प्रमाण दिखा रही हूँ ।
❉ मेरे नैन विशेषताओ का प्रकाश फैला रहें हैं, मेरे कर्म औरों को गुणवान बनना सिखा रहें हैं, और मेरे बोल गुणों की मिसाल बनते जा रहें हैं ।
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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "मीठे बच्चे - वैजयन्ती माला में आने के लिए निरन्तर बाप को याद करो, अपना टाइम वेस्ट मत करो, पढ़ाई पर पूरा - पूरा ध्यान दो"
❉ लौकिक पढ़ाई में भी जो विद्यार्थी पढ़ाई पर पूरा अटेंशन देते हैं वही अच्छे नम्बरो से पास हो ऊँच पद प्राप्त करते हैं ।
❉ हम भी अभी स्टूडेंट हैं और रूहानी बाप से रूहानी पढ़ाई पढ़ रहे हैं ।
❉ बेहद का बाप हम बच्चों को विश्व का मालिक बनाने के लिए राजयोग की पढ़ाई पढ़ा रहे हैं ।
❉ जो बच्चे अच्छी रीति पढ़ाई पड़ेंगे वही ऊँच पद प्राप्त करेंगे ।
❉ इसलिए वैजयन्ती माला में आने के लिए पढ़ाई पर पूरा अटेंशन देना है, टाइम वेस्ट नही करना है, निरन्तर एक बाप की याद में रहना है ।
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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा - ज्ञान मंथन(Marks:-10)
➢➢ बाप के कर्त्तव्य में गुप्त मददगार बनना है। भविँष्य के लिये अपना बैग-बैगेज ट्रांसफर कर देना है।
❉ देह सहित देह के सब सम्बंधों को बुद्धि से त्याग कर अपने को आत्मा निश्चय कर इस तरह से गुप्त से बाप के कर्त्तव्य में मददगार बन विश्व का मालिक बन जायेंगे ।
❉ जैसे बाप हमें गुप्त रूप से पढ़ाकर गुप्त नयी राजधानी की स्थापना कर रहे है तो हमें भी गुप्त रूप से पढकर, सर्विस करके, मीठा बनकर, रायल चलन चलनी है । बाप के कर्त्तव्य में मददगार बन निमित्त भाव से करते हुए अर्पण कर देना है।
❉ जैसे बाप गुप्त रूप से बच्चों को वरदानों से ख़ुशियों से झोली भरकर मदद करते हैं ऐसे हम बच्चों को भी गुप्त रूप से बाप के कर्त्तव्य में मददगार बनना है।
❉ दुनिया वाले तो नहीं जानते कि हम भगवान से पढ़ने जाते है व तो इस तरह गुप्त रूप से पढाई करते हुए, श्रीमत पर चलते हुए यथार्थ रीति से दुनिया के नम्बरवन माशूक़ को याद करते हुए अपना सब कुछ माशूक़ के नाम ट्रांसफ़र कर देंगे तो रिटर्न में भविँष्य में मिल जायेगा।
❉ जब सब कुछ विनाश होना ही है तो पुरानी दुनिया व पुरानी चीज़ों से ममत्व मिटा देना है व अपना सब कुछ बाप के यज्ञ में दे सफल करना है । भविष्य में उसका पदम गुणा प्राप्त कर राजाई पद पाना है।
जैसे सर्वेंट को मालिक व सेवा याद रहती है तो हमें भी बेहद के बाप ने अपने सर्व ख़ज़ानों से , सर्व गुणों से, सर्व शक्तियों से भरपूर किया है तो हमें भी उसके रिटर्न में बाप की याद व सेवा के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए। ऐसे गुप्त रूप से मददगार बनना चाहिए।
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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ रीयल्टी द्वारा रोयल्टी का प्रत्यक्ष रूप दिखाने वाले साक्षात्कारमूर्त प्रतीत होते है... क्यों और कैसे ?
❉ रियल्टी यह है की हम आत्मा है देह नहीं। इसी रियल्टी को याद रखने से आत्मा के ओरिजिनल गुण, शक्ति इमर्ज होंते है और हमारा रॉयल रूप सबके सामने प्रत्यक्ष होते है।
❉ हम आत्माये सुख स्वरुप, शांति स्वरुप, पवित्र स्वरुप है। यह रियल्टी में स्थित रहने से हमारी नेचर बहुत रॉयल हो जाएगी, जो सभी को रूहानी आकर्षण करेगी।
❉ पवित्रता ही रियल रॉयल पर्सनालिटी है, पवित्रता के बल से ही यह दुनिया पावन बनेगी और इसी रॉयल पर्सनालिटी द्वारा हमारा साक्षात्कार होगा और सारी दुनिया झुकेगी।
❉ रियल्टी यह है की - भगवान एक है, वह परमात्मा परमपिता शिव है, हम सब आत्माये उनके बच्चे है, हम ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मण बने है सतोप्रधन दुनिया में जाने के लिए। यह सत्य आत्म अभिमानी बन जब दुसरी आत्माओ को बताएँगे तो उन आत्माओ पर तीर जल्दी लगेगा।
❉ सत्य बाप की श्रीमत का जितना पालन करेंगे उतना ब्राह्मण जीवन के रॉयल संस्कारों से संपन्न बन हमारे द्वारा बाप की प्रत्यक्षता होगी और हमारे भी भविष्य दैवी-देवता स्वरुप का साक्षात्कार होगा।
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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ किसी भी विधि से व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ को इमर्ज करो... क्यों और कैसे ?
❉ व्यर्थ संकल्प मन बुद्धि को स्थिर नही होने देते । बुद्धि को सदैव भटकाते रहते हैं । बुद्धि को भटकने से बचाने के लिए किसी भी विधि से व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ को इमर्ज करना जरूरी है ।
❉ बाबा से टचिंग लेने के लिए जरूरी है मन बुद्धि की लाइन क्लियर होना । इसलिए किसी भी विधि से व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ को इमर्ज करना जरूरी है ।
❉ व्यर्थ संकल्प पॉजिटिव को दबा कर उसे निगेटिव में बदल कर शुभ चिंतन में रुकावट डालते हैं इसलिए व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ को इमर्ज करना जरूरी है ।
❉ संगम युग पर संकल्पों का खजाना सर्वश्रेष्ठ खजाना है । संकल्पो के इस खजाने को वेस्ट होने से बचाया तो और सभी खजाने स्वत: बच जाएंगे । इसलिए किसी भी प्रकार से व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ को इमर्ज करना जरूरी है ।
❉ व्यर्थ संकल्प बुद्धि को कमजोर बना कर निर्णय शक्ति को समाप्त कर देते हैं जिससे उचित समय पर उचित शक्ति का प्रयोग नही कर पाते । इसलिए व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ को इमर्ज करना आवश्यक है ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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