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    18 / 04 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ °रूहानी सर्विस में बिजी° रह बाकी सब बातों से अपना ध्यान हटाया ?

‖✓‖ °विश्व कल्याणकारी° की पावरफुल स्टेज पर स्थित रहे ?

‖✓‖ बाप समान °निरहंकारी° बनकर रहे ?

‖✓‖ °अंतरमुखी° बन बाप को याद किया ?

‖✓‖ °एडजस्ट° होने की शक्ति से नाज़ुक समय पर पास विद ऑनर हुए ?

‖✗‖ मुख से °"हे" शब्द° तो नहीं निकाला ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

‖✓‖ बीज रूप स्थिति द्वारा सारे °विश्व को लाइट का पानी° दिया ?

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आज की अव्यक्त पालना :-

➳ _ ➳  अपनी शुभ भावना, श्रेष्ठ कामना, श्रेष्ठ वृति, श्रेष्ठ वायब्रेशन द्वारा किसी भी स्थान पर रहते हुए मन्सा द्वारा अनेक आत्माओं की सेवा कर सकते हो । इसकी विधि है - लाइट हाउस, माइट हाउस बनना । इसमें स्थूल साधन, चान्स वा समय की प्राब्लम नहीं है । सिर्फ लाइट-माइट से सम्पन्न बनने की आवश्यकता है ।

 

∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

‖✓‖ शुभ भावना, श्रेष्ठ कामना, श्रेष्ठ वृति, श्रेष्ठ वायब्रेशन द्वारा किसी भी स्थान पर रहते हुए °मन्सा द्वारा अनेक आत्माओं की सेव° की ?

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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं विश्व कल्याणकारी आत्मा हूँ ।

 

 ✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-

 ❉   विश्व का कल्याण करने के लिए मैं आत्मा इस तन में अवतरित हुई हूँ ।  

 ❉   मैं इस  मनुष्य सृष्टि रूपी कल्प वृक्ष की जड़ हूँ , मास्टर बीज रूप हूँ ।

 ❉   मेरी श्रेष्ठ स्तिथि, शुद्ध संकल्पों और प्यूरिटी का प्रभाव इस पूरे कल्प वृक्ष में फ़ैल रहा है ।

 ❉   अपनी इस बीजरूप अवस्था में स्थित रह, मैं आत्मा  पावरफुल स्थिति का अनुभव कर रही हूँ ।

 ❉  बाबा की लाइट और माइट की किरणे मुझ आत्मा पर पड़ रही हैं ।

 ❉   मैं आत्मा लाइट हाउस बन पूरे विश्व में लाइट फैला रही हूँ ।

 ❉   मैं आत्मा विश्व कल्याणकारी की पावरफुल स्थिति में स्थित हूँ... मेरा हर संकल्प सिर्फ विश्व कल्याण के लिए ही उठता है ।

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∫∫ 5 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हारा यह ब्राह्मण कुल बिलकुल निराला है, तुम ब्राह्मण ही नॉलेजफुल हो, तुम ज्ञान, विज्ञान और अज्ञान को जानते हो"

 

 ❉   भक्तिमार्ग में ब्राह्मण कुल की बहुत महिमा गाई हुई है किन्तु वास्तव में वह महिमा हम संगयुगी ब्रह्मा मुखवंशावली ब्राह्मण बच्चों की है ।

 ❉   परन्तु लोग इस बात को ना समझने के कारण फिर यह महिमा कुखवंशावली ब्राह्मणों की कर देते ।

 ❉   वास्तव में सबसे उत्तम ब्राह्मण तो हम ब्रह्मामुखवंशावली बच्चे हैं क्योकि हमारा यह ब्राह्मण कुल तो बिल्कुल निराला है ।

 ❉   ज्ञान के सागर परम पिता परमात्मा ने हम बच्चों सारा ज्ञान समझा दिया है। हम ज्ञान, विज्ञानं और अज्ञान सबको जानते हैं ।

 ❉   ज्ञान अर्थात सृष्टि के आदि, मध्य और अंत की नॉलेज, विज्ञान अर्थात देही अभिमानी बन याद की यात्रा पर रहना और अज्ञान अर्थात भक्ति मार्ग की भटकन ।

 ❉   इन सब बातो को मनुष्य बिलकुल नही जानते, केवल हम बच्चे ही इन बातों को अच्छी रीति जानते हैं इसलिए हम ब्राह्मण ही नॉलेजफुल हैं ।

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा)(Marks:-10)

 

➢➢ जितना टाइम मिले उतना समय यह रूहानी धंधा करना है। रूहानी धंधे के संस्कार डालने है।

 

 ❉   अभी तक तो अज्ञानता के कारण बाहरी दुनिया के धंधे में ही लगे रहे। अब सच्चा ज्ञान मिलने पर अपना व अपने पिता का परिचय मिलने पर हीरे जैसे अमूल्य समय को ज्ञान धन लेने व बाँटने में लगाना है।

 ❉   जितना रूहानी सर्विस करते जायेंगे उतना बाहरी आकर्षणों से स्वत: ही दिल हटती जायेगी व ये लगेगा कि अब तक कितना समय यूँ ही गवाँ दिया।

 ❉   बेहद के बाप ने हमें अपना बच्चा बनाया तो उस के वर्से के अधिकारी हैं। परमपिता परमात्मा हमारे लिए दूर देश से पतितो की दुनिया में हमें पतित से पावन बनाने के लिए आते हैं। हमें बाहरी धंधों में अपने को ज़्यादा व्यस्त न कर ज़्यादा से ज़्यादा समय रूहानी सर्विस पर लगाना है।

 ❉   इस संगमयुगी कल्याणकारी समय में जो संस्कार यहाँ से ले जायेंगे वही साथ जायेंगे इसलिए अभी रूहानी सर्विस में अपना समय ज़्यादा लगायें अच्छा है।बाप सर्विस करते हैं तो बच्चों को भी करनी चाहिए।

 ❉   परमपिता परमात्मा स्वयं जो पढ़ाई इस समय रूहों को पढ़ाते है तो इसी पढ़ाई से व योगबल से रूहें 21 जन्मों की राजाई पुरूषार्थ अनुसार बाप से प्राप्त करेंगें।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)

 

➢➢ बीजरूप स्थिति द्वारा सारे विश्व को लाइट का पानी देने वाले विश्व कल्याणकारी होते है... क्यों ओर कैसे ?

 

 ❉   बीजरूप स्थिति में आत्मा बहुत लाइट (हल्की) रहती है, एक सेकंड में विश्व के जिस कोने में जाना चाहो पहुच सकती है और सबको सकाश दे सकते है।

 ❉   बीजरूप स्थिति बहुत शक्तिशाली स्थिति है जिसमे आत्मा लाइट (प्रकाश) से बहुत भरपूर रहती है, वह अपना प्रकाश द्वारा दुनिया का अँधियारा बुझा सकती है।

 ❉   दुनिया में रावण के राज्य आत्माये सत्य मार्ग से भटक गयी है, हम बाप की साथी आत्माओ का फ़र्ज़ है अब लाइट हाउस बन सभी आत्माओ को सत्मार्ग दिखाना।

 ❉   ज्ञान सागर बाप से निकली हम ज्ञान गंगाओ को अब अपने अनादी स्वरुप में टिक है सरे विश्व पर ज्ञान बरसात कर आत्माओ का कल्याण करना है।

 ❉   आत्मिक स्थिति को पक्का कर अब बेहद वृत्ति द्वारा सभी आत्माओ को परमात्म प्यार की अंचली दे शीतल बनाना है।

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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)

 

➢➢ एडजेस्ट होने की शक्ति नाजुक समय पर पास विद ऑनर बना देगी... कैसे ?

 

 ❉   एडजेस्ट होने की शक्ति आत्मा को सर्व का स्नेही और सर्व की दुआओं का पात्र बना देगी और दुआयें वो लिफ्ट हैं जो नाजुक समय पर आत्मा को पास विद ऑनर के नजदीक ले आयेगी ।

 ❉   एडजेस्ट होने की शक्ति देह अभिमान को समाप्त कर आत्म अभिमानी बना देगी और आत्म अभिमानी स्तिथि आत्मा को पास विद ऑनर में लाने का मुख्य आधार है ।

 ❉   एडजेस्ट होने की शक्ति आत्मा को सदा संतुष्ट और तृप्त रखती है और संतुष्टता की शक्ति आत्मा को इच्छा मात्रम अविद्या की स्तिथि द्वारा पास विद ऑनर बना देगी ।

 ❉   एडजेस्ट होने की शक्ति शुद्ध, शांत और श्रेष्ठ संकल्पों की रचना कर व्यर्थ को समाप्त कर देगी और उड़ती कला के अनुभव द्वारा आत्मा को पास विद ऑनर के समीप ले आएगी ।

 ❉   एडजेस्ट होने की शक्ति बुद्धि की लाइन को सदा क्लियर रखते हुए बुद्धि योग निरन्तर परमात्मा के साथ जोड़ कर आत्मा को पास विद ऑनर में ले आएगी।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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