❍ 16 / 01 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं सिद्धि स्वरुप आत्मा हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ याद के जादू मन्त्र द्वारा सर्व सिद्धियाँ प्राप्त करना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ सतगुरु
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ बीच बीच में °संकल्पों की ट्रैफिक को स्टॉप° करने का अभ्यास किया ?
‖✓‖ सेकंड में °विस्तार को सार° स्वरुप में समाने का अभ्यास किया ?
‖✓‖ अविनाशी °ज्ञान धन का दान° कर महादानी बने ?
‖✓‖ °फॉलो फादर° करने का अभ्यास किया ?
‖✓‖ °पास विद ऑनर° बनने का पुरुषार्थ किया ?
‖✓‖ °मनमनाभव° रहे ?
‖✗‖ °दूसरों° को तो नहीं देखा ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-
➳ _ ➳ सभी खुश हैं, कितने खुश हो? अच्छा है । खुशी कभी नहीं गंवाना । भले कलियुग अन्त हैं, तो भी खुश हो ना । तो खुश है और सदा खुश रहेंगे । ठीक बोला । इसमें दो-दो हाथ उठाओ । अच्छा । अभी जब भी कोई बात हो ना, तो मैंने सभा में इतने ब्राह्मणो के बीच में किसमें हाथ उठाया । हाथ तो उठाया ना अभी ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ आज पूरा दिन खुश रहे ? किसी भी वजह से कभी ख़ुशी तो नहीं गंवाई ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ याद के जादू मन्त्र द्वारा ही सर्व सिद्धिया प्राप्त की जा सकती हैं ... क्यों ?
❉ सच्ची याद की यात्रा से ही हम सर्व परमात्म शक्तियों के मालिक बनते है ।
❉ ज्वाला स्वरुप याद ही भयानक से भयानक नकारात्मक ऊर्जा को कुछ ही सेकंड में नष्ट कर देती है ।
❉ याद के जादू मंत्र से वातावरण में ऐसी सकारात्मक तरंगे फैलती हैं जिससे हमें हर कार्य में सहज ही सफलता मिलती है ।
❉ याद से ही आत्मा में बल भरता है शक्तिया आती है।
❉ याद से आत्मा पवित्र बनती है जिसमे ज्ञान ठहर सकता है।
❉ याद के जादू मन्त्र से ही मनमनाभव रह साइलेंस पॉवर द्वारा कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।
❉ याद के जादू मंत्र से ही एकाग्रता शक्ति द्वारा श्रेष्ठ स्टेज पर स्थित हो सर्व सिद्धिया प्राप्त की जा सकती है।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ सेकेण्ड में विस्तार को सार रूप में समा लेना ही अन्तिम सर्टिफिकेट लेना है ....क्यों और कैसे ?
❉ सेकेण्ड में विस्तार को सार में लाकर ही व्यर्थ से मुक्त हो बिन्दु रूप में स्थित हो सकते है जो अन्तिम स्टेज है।
❉ सेकेण्ड विस्तार को सार में लाना माना सदा स्मृति स्वरूप् बनकर रहना स्मृतिलब्धा ही अन्तिम सर्टिफिकेट है।
❉ सेकेण्ड में विस्तार को सार में देहि अभिमानी स्थिति का अभ्यास करते रहने से होगा क्योंकि अन्तिम स्टेज निरहंकारी स्थिति है।
❉ सेकेण्ड में विस्तार को सार में साक्षी भाव में स्थित होकर ला सकते है क्योंकि ड्रामा का पार्ट पक्का होना ही अंन्तिम सर्टिफिकेट है।
❉ सेकेण्ड में विस्तार को सार में नष्टोमोहा स्थिति से ला सकते है क्योंकि अन्तिम स्टेज निर्विकारी स्थिति है।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔