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❍ 28 / 09 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ सर्व गुणों से °स्वयं का श्रृंगार° करने का पुरुषार्थ किया ?
‖✓‖ सदा °आत्म अभिमानी° रहने का अभ्यास किया ?
‖✓‖ आत्माओं को °सुख का रास्ता° बताया ?
‖✓‖ "हमारी °सच की नांव° कभी डूब नहीं सकती" - यह स्मृति रही ?
‖✓‖ "अभी हम °नयी दुनिया में ट्रान्सफर° हो रहे हैं" - यह स्मृति रही ?
‖✗‖ इस °कब्रिस्तान बनी हुई दुनिया° से दिल तो नहीं लगाई ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ °विशेषताओं के दान° द्वारा महान बनने का पुरुषार्थ किया ?
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✺ आज की अव्यक्त पालना :-
➳ _ ➳ यदि कोई संस्कार स्वभाव वाली आत्मा आपके पुरुषार्थ में परीक्षा के निमित्त बनी हुई हो तो उस आत्मा के प्रति भी सदा कल्याण का संकल्प वा भावना बनी रहे, आपके मस्तक अर्थात् बुद्धि की स्मृति वा दृष्टि से सिवाए आत्मिक स्वरूप के और कुछ भी दिखाई न दे, तब श्रेष्ठ शुभ वृत्तियों द्वारा मन्सा सेवा कर सकेंगे।
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ यदि कोई संस्कार स्वभाव वाली आत्मा आपके पुरुषार्थ में परीक्षा के निमित्त बनी हुई हो तो उस आत्मा के प्रति भी °सदा कल्याण का संकल्प° वा भावना बनी रही ?
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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं महादानी आत्मा हूँ ।
✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-
❉ विशेषताओं के दान द्वारा महान बनने वाली मैं महादानी आत्मा हूँ ।
❉ फॉलो फादर कर अपनी विशेषताओ को प्रत्यक्ष कर, मैं सर्व आत्माओं के सामने उदाहरण मूर्त बनती जाती हूँ ।
❉ अपने सम्बन्ध संपर्क में आने वाली हर आत्मा को मैं बाप के स्नेह का अनुभव करवा कर, सबकी स्नेही बनती जा रही हूँ ।
❉ मेरे चेहरे की रूहानियत बाप के चित्र को और चलन की रॉयल्टी बाप के चरित्र को सपष्ट कर रही है ।
❉ अपनी विशेषताओं द्वारा मैं सबको विशेष आत्मा बनने की प्रेरणा दे रही हूँ ।
❉ अपने हर संकल्प, बोल और कर्म को फलदायक बनाने वाली मैं रूहानी प्रभावशाली आत्मा हूँ ।
❉ मैं महादानी बन गरीब बेसहारा आत्माओं को सर्व शक्तियो और सर्व खजानो का दान कर सम्पन्न बनाती जाती हूँ ।
❉ ज्ञान, शक्तियों और गुणों के रूहानी खजाने को मैं स्वाभाविक रीति से सर्व आत्माओं पर लुटाती रहती हूँ ।
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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "मीठे बच्चे - बाप आये हैं तुम्हारी बैटरी चार्ज करने, जितना तुम याद में रहेंगे उतना बैटरी चार्ज होती रहेगी"
❉ साइंस के साधन जो बैटरी से चलते है, तब तक ठीक तरह से काम नही कर सकते, जब तक उनकी बैटरी चार्ज ना हो ।
❉ ठीक इसी प्रकार हम मनुष्यों का शरीर भी 5 तत्वों की बनी एक मशीन है, जिसे आत्मा रूपी बैटरी चला रही है ।
❉ किन्तु आज देह - अभिमान में आने और विकारों में गिरने के कारण सबकी आत्मा रूपी बैटरी डिस्चार्ज हो चुकी है, जिसके कारण सभी दुखी और अशांत हैं ।
❉ हम आत्माओं की बैटरी को फिर से चार्ज करने के लिए ही परमपिता परमात्मा शिव बाबा आये हैं । उनकी याद से ही आत्मा की बैटरी चार्ज होगी ।
❉ जितना हम बाप को याद करेंगे, उतना आत्मा की बैटरी चार्ज होती जायेगी और हम पावन, सतोप्रधान बनते जाएंगे ।
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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)
➢➢ सर्व गुणों से अपना श्रृंगार करना है, कभी किसी को दुख नहीं देना है , सबको सुख का रास्ता बताना है ।
❉ अभी तक तो नश्वर शरीर का ही श्रृंगार करते रहे पर ये तो नश्वर शरीर मिट्टी में ही मिल जाना है और केवल आत्मा के संस्कार ही ही साथ जाने हैं तो हमें आत्मा की कट को उतारने के लिए याद की यात्रा में रहना है क्योकि जितना याद में रहते है उतने ही दैवीय गुण आत्मा में भरते जाते हैं ।
❉ हम ईश्वरीय संतान है व ईश्वरीय सम्प्रदाय के हैं और हमें बाबा मनुष्य से देवता बनाने के लिए रोज पढ़ाने के लिए आते हैं तो हमें देवता बनने के लिए सर्व गुणों से सम्पन्न बन अपना श्रृंगार करना है ।
❉ शिव बाबा मेरा सच्चा सच्चा माशूक़ है और अगर मुझ आत्मा को अपने सच्चे शिव की सजनी बन कर जाना है तो तभी ले जायेगा जब सर्व गुणों से श्रृंगार होगा ।
❉ अभी हमें दो बाप मिले हैं आलौकिक व पारलौकिक । शिव बाबा हमें ब्रह्मा बाप द्वारा ज्ञान रत्नों के ख़ज़ानों से भरपूर कर रहे हैं । अभी हम पीयर घर हैं व फिर ससुराल घर जाना हैं तो सर्व गुणों से श्रृंगार होगा तभी ससुराल घर में मान होगा ।
❉ बाबा हम बच्चों के लिए नयी दुनिया की स्थापना कर रहे हैं व हमें देवताई पद पाना है तो सब के साथ क्षीरखंड होकर रहना है । किसी को दुख नहीं देना है ।
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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ विशेषताओ के दान द्वारा महान बनने वाले महादानी कहलाते है... क्यों और कैसे ?
❉ जितना हम कर के दुसरो को करने के लिए कहेंगे उतना सब हमारी बातो को मानेंगे। सर्फ कहे और स्वयं ही उसका पालन न करे तो वह व्यर्थ है।
❉ हम हीरो पार्टधारी आत्माये स्टेज पर है, सारे विश्व की आत्माये हमें देख रही है, फॉलो कर रही है। जैसे अभी हम ब्राह्मण आत्माओ के कर्म होंगे वैसे ही सबके होंगे।
❉ दुनिया में सुनाने वाले बहुत है परन्तु प्रेक्टिकल जीवन में धारणा स्वरुप रहने वाले बहुत कम है। हमें परमात्मा द्वारा दिए गए ज्ञान, गुण, शक्तियों को अपने जीवन में धारण करना है फिर हमें देख अन्य आत्माये आपेही उन्हें देख स्वयं भी परिवर्तन होंगी।
❉ किसी को कह के सिखाना कठिन है परन्तु कर के दिखाने में वह जल्दी सीखती है। मम्मा बाबा ने हर कार्य पहले खुद करके दिखाया फिर बच्चो को सिखाया। हमें भी फॉलो मदर फादर करना है।
❉ सबसे बड़ा दान है अपनी विशेषताओ द्वारा किसी ओर को भी गुणमूर्त बना देना और उनका जीवन भी सुखमयी खुशहाल बना देना। जितना हम गुणों, विशेषताओ का दान करते जायेंगे उतना ही महान बनते जायेंगे।
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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ सदा आत्म अभिमानी रहने वाला ही सबसे बड़ा ज्ञानी है... क्यों और कैसे ?
❉ आत्म अभिमानी हो कर रहने से देह का भान समाप्त हो जाएगा और हर परिस्थिति में अचल अडोल रहेंगे ।
❉ आत्म अभिमानी हो कर रहने से आत्मा भाई भाई की दृष्टि पक्की होती जायेगी और सबके प्रति समदृष्टि सबको रूहानी स्नेह से भरपूर कर देगी ।
❉ स्वयं को आत्मा निश्चय करने का अभ्यास आत्मा को मैं और मेरे पन की हदों से दूर बेहद में ले जायेगा और हद की सभी बातो जैसे ईर्ष्या, द्वेष, अभिमान आदि की फीलिंग को समाप्त कर देगा ।
❉ आत्मिक स्मृति में रहने से बुद्धियोग देह और देह के सम्बन्धो से निकल एक बाप के साथ लगा रहेगा और बाप की याद सर्व सम्बन्धो से सहज ही उपराम बना देगी ।
❉ आत्म अभिमानी हो कर रहने से आत्मा में प्रेम, नम्रता , हर्षितमुखता, जैसे दैवी गुण स्वत: आते जाएंगे और आसुरी गुण जैसे क्रोध, अपमान, अभिमान आदि समाप्त होते जाएंगे ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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