━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

   13 / 06 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

        TOTAL MARKS:- 100 

━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

 

∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ °बालक और मालिकपन° के बैलेंस से प्लान को प्रैक्टिकल में लाया ?

 

‖✓‖ °अच्छी रीति पढाई° पड़ उंच पद पाने का पुरुषार्थ किया ?

 

‖✓‖ सदा °हर्षित° रहे ?

 

‖✓‖ "हम °शिव बाबा के बच्चे° हैं" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ "बाप हमें °विश्व का मालिक° बनाने आये हैं" - यह बुधी में रहा ?

 

‖✗‖ पुराने घर से °ममत्व° तो नहीं रहा ?

──────────────────────────

 

∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ विहंग मार्ग की सेवा द्वारा °विश्व परिवर्तन° का कार्य किया ?

──────────────────────────

 

आज की अव्यक्त पालना :-

 

➳ _ ➳  जैसे कोई भी साइन्स के साधन को यूज करेंगे तो पहले चेक करेंगे कि लाइट है या नहीं है। ऐसे जब योग का, शक्तियों का, गुणों का प्रयोग करते हो तो पहले ये चेक करो कि मूल आधार आत्मिक शक्ति, परमात्म शक्ति वा लाइट (हल्की) स्थिति है? अगर स्थिति और स्वरूप डबल लाइट है तो प्रयोग की सफलता बहुत सहज कर सकते हो।

 

∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ स्थिति और स्वरूप °डबल लाइट° रहे ?

──────────────────────────

 

∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं सच्ची सेवाधारी आत्मा हूँ ।

 

 ✺ श्रेष्ठ संकल्प / कर्मयोग / योगाभ्यास :-

 

 ❉   विहंग मार्ग की सेवा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य को सम्पन्न करने वाली मैं सच्ची सेवाधारी आत्मा हूँ ।

 

 ❉   एक समय पर अनेक आत्माओं को बाप का सन्देश देने वाली मैं आत्मा रूप बसन्त हूँ ।

 

 ❉   अपने विशेष पावरफुल संकल्पों द्वारा मुझे समस्त विश्व के सामने विशेष उदाहरणमूर्त आत्मा बन प्रत्यक्ष होना है, क्योकि सारा विश्व मुझे कॉपी करने वाला है ।

 

 ❉   इसलिए अपने श्रेष्ठ संकल्प और याद के बल से मैं विहंग मार्ग की सेवा में सदैव तत्पर रहती हूँ ।

 

 ❉   सदा अपनी शक्तिशाली वृति से वायुमण्डल को परिवर्तन कर सारे विश्व की सेवा करने वाली मैं सच्ची सेवाधारी हूँ ।

 

 ❉   दृढ संकल्प द्वारा संगठित रूप से पुराने संस्कार, स्वभाव को बाबा द्वारा रचे इस रुद्र ज्ञान यज्ञ में स्वाहा कर, विश्व परिवर्तन के कार्य में निमित बनने वाली मैं पदमापदम भाग्यशाली आत्मा हूँ ।

──────────────────────────

 

∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - भविष्य ऊँच पद में आने का आधार है पढ़ाई, इस पढ़ाई से ही तुम बेगर टू प्रिंस बन सकते हो"

 

 ❉   किसी भी पद की प्राप्ति का मुख्य आधार पढ़ाई होता है।लौकिक पढ़ाई में भी जो विद्यार्थी अच्छी रीति पढ़ते हैं केवल वही विद्यार्थी अच्छे नम्बरो से पास होते है और पद भी अच्छा पाते हैं।

 

 ❉   यहां भी सारा मदार पढ़ाई पर है।किन्तु यह पढ़ाई कोई मनुष्य नही पढ़ाते, बल्कि ज्ञान के सागर स्वयं परम पिता परमात्मा  पढ़ाते हैं।

 

 ❉   इसलिए यह सबसे ऊँची ते ऊँची पढ़ाई है जो कोई विनाशी पद की प्राप्ति नही कराती बल्कि यह पढ़ाई भविष्य ऊँच पद पाने का मुख्य आधार है ।

 

 ❉  इस पढ़ाई से हम बेगर टू प्रिंस बन सकते हैं अर्थात भविष्य 21 जन्मों के लिए विश्व की राजाई प्राप्त कर सकतें हैं ।

 

 ❉   इस लिए अब हमारा पूरा ध्यान केवल अविनाशी  ज्ञान रत्नों की कमाई पर होना चाहिए ताकि ऊँच कमाई करके ऊँच पद प्राप्त कर सकें ।

──────────────────────────

 

∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)

 

➢➢ किसी भी बात का फ़िक्र नहीं करना है, सदा हर्षित रहना है। स्मृति रहे हम शिवबाबा के बच्चे हैं, बाप आये हैं हमें विश्व का मालिक बनाने ।

 

 

 ❉   कोई में कोई कोई में से भी कोई में से चुनकर बाबा ने हमें अपना बच्चा बनाया है व ऊंच ते ऊंच बाप के बच्चे हैं , भगवान के बच्चे है ये नशा रहना चाहिये ।

 

 ❉   हम कौन है, कौन साथ निभा रहा है, कौन पढ़ा रहा है, इस पढ़ाई को पढ़कर हमें क्या बना रहा है- ये सदा स्मृति में रहे तो ख़ुशी से नशा चढ़ा रहेगा व शिवबाबा की याद बनी रहेगी। नाज होगा कि शिवबाबा का बच्चा हूँ ।

 

 ❉   स्वयं बाबा संगमयुग पर हम बच्चों को पढ़ाते हैं उसे अच्छी रीति पढ़ना है। इस पढ़ाई को पढ़ाकर ही बाबा हमें विश्व का मालिक बनाने व 21 जन्मों के लिए राजाई देने के लिए आये हैं।

 

 ❉   लौकिक में जिस बच्चे का बाप ऊँची पोस्ट पर होता है उसे अपने काम की कोई चिंता नहीं होती कि सब काम अपने आप हो जायेंगे। हमें तो बेहद का बाप मिला है तो हमें किसी बात की फ़िक्र नहीं करनी चाहिये। बाबा मिला है सदा हर्षित रहना है इससे ज़्यादा ख़ुशी की कोई बात हो सकती है क्या !

 

 ❉   जब कराने वाला बाबा है तो सब उसे सौंप दो। निमित्त भाव से करो व निश्चिंत हो एक बल एक भरोसा के आधार बढ़ते जाओ तो कोई फ़िक्र नहीं।

──────────────────────────

 

∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ विहंग मार्ग की सेवा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य को संपन्न करने वाले सच्चे सेवाधारी बनना है... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   अब अंतिम समय में सभी आत्माये सत्य पिता को पाने का सत्य मार्ग ढूंड रही है, सभी को बाप से मिलाने वाले ही सच्चे सेवाधारी है।

 

 ❉   जब तक विश्व की सभी आत्माये यह स्वीकार न करले की एक परमपिता परमात्मा शिव ही हम सब आत्माओ के पिता है तब तक विश्व परिवर्तन हो न सके।

 

 ❉   बाबा विश्व की सभी आत्माओ का बाप है, विश्व कल्याणकारी बाप के हम बच्चो को भी अब हद में न रह बेहद की सेवा में बीजी करना है।

 

 ❉   जब विश्व की सभी आत्माये एक स्वर में कहेंगी की "मेरा बाबा आ गया" तब प्रत्यक्षता होगी और हमारा राज्य आयेगा इसलिए सभी आत्माओ का बाप का परिचय देना है।

 

 ❉   आज विश्व की सभी आत्माये एक बूंद प्यार व सुख शांति की अनुभूति की प्यासी है, ऐसे में उनका पिता इस धरा आया है और उन्हें पता ही न चले तो अंत में बहुत उल्लाहना देंगे, अतः सबको बाप से जरुर मिलाना है यह हमारा कर्त्तव्य है।

──────────────────────────

 

∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ बालक और मालिकपन के बैलेंस से प्लान को प्रैक्टिकल में लाओ.. क्यों और कैसे ?

 

 ❉   बालक और मालिकपन का बैलेंस बुद्धि को सरल,स्वच्छ व एकाग्र बना देता है  जिससे किसी भी प्लान को प्रैक्टिकल में लाना अति सहज हो जाता है ।

 

 ❉   बालक और मालिकपन का बैलेंस  संगठन को एकजुट बना कर हर प्लैन को प्रेक्टिकल स्वरूप में ला कर उसे सफल बना देता है ।

 

 ❉   बालक और मालिकपन का बैलेंस व्यर्थ चिंतन को समर्थ बना कर सोचे हुए हर कार्य को सिद्धि स्वरूप में ले आता है ।

 

 ❉  बालक और मालिकपन की स्मृति हर कर्म में सच्चाई और सफाई का अनुभव करा कर हर प्लैन को प्रेक्टिकल स्वरूप में ला कर उसे सफल बना देती है ।

  

 ❉   बालक और मालिकपन की स्मृति में रह कर किया गया हर कर्म श्रेष्ठ होता है इसलिए हर कार्य में सफलता की प्राप्ति सहजता से हो जाती है।

━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

 

_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━