❍ 06 / 01 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं सच्ची परोपकारी संतुष्टमणि आत्मा हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ होपलेस में भी होप पैदा करना
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ टीचर
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ "यह सब सेवा अर्थ है ... अमानत है.. मैं °ट्रस्टी° हूँ" - यह अभ्यास किया ?
‖✓‖ बहुत बहुत °मीठा° बनकर रहे ? सबक प्रेम से चलाया ?
‖✓‖ बाप द्वारा मिली हुई नॉलेज और वरसे को स्मृति में रख सदा °हर्षित° रहे ?
‖✓‖ °दुःख हर्ता सुख कर्ता° बनकर रहे ?
‖✓‖ रूहानी टीचर बन °ज्ञान का दान° किया ?
‖✓‖ परीक्षा के समय °प्रतीज्ञा याद° आयी ?
‖✗‖ देह सम्बन्ध व पदार्थ का कोई °लगाव° नीचे तो नहीं लाया ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-
➳ _ ➳ बापदादा हर एक बच्चे को नम्बरवन, पुरुषार्थ की विधि से हर बच्चे को देखने चाहते हैं और बापदादा ने देखा है कि हर एक बच्चा भी चाहते यही हैं, सिर्फ कहाँ कहाँ संग का रंग भी लग जाता है, अलबेलेपन का । हो जायेंगे, दोनों ही अनुभव तो किया है । तो समझते हैं समय पर सोचा तो है, क्या है उस पर अटेन्शन दे देंगे । लेकिन यहाँ अटेन्शन का नोट तो होता है लेकिन बहुत काल या बहुतकाल में बीच-बीच में बहुतकाल से रिवाजी चाल हो जाती हैं, वह रिजल्ट ज्यादा है ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ कहीं कहीं का संग का रंग तो नहीं लगा ? अलबेलापन तो नहीं आया ? रीवाजी चाल तो नहीं हुई ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ होपलेस में भी हॉप पैदा करने की क्या युक्तिया है ?
❉ मनसा द्वारा गुणों और शक्तियों का दान दें ।
❉ हर बुराई में छिपी हुई अच्छाई को देखे और दिखायें ।
❉ परमात्म शक्तियों का प्रतक्ष्य उदाहरण पेश करें ।
❉ आपके सदव्यवहार,प्यार और शुभ भावना से उमंग उत्साह भरे।
❉ अपने व दुसरो के अच्छे अच्छे अनुभव सुनाये।
❉ उस आत्मा को भी यह निश्चय कराये की आप भी विशेष है,परमात्मा की श्रेष्ठ रचना है।
❉ प्रभु पलना दिलाये,स्वमान के अभ्यास द्वारा हर परिस्थिति का समाधान किया जा सकता है।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ परीक्षा के समय प्रतिज्ञा को याद कर प्रत्यक्षता कराने के लिए कौन कौन से अभ्यास बार बार करने की जरूरत है ?
❉ बिन्दु स्थिति में स्थित होने का अभ्यास करने की जरूरत है क्योंकि बिन्दु में सिन्दु समाया हुआ है।
❉ पञ्च स्वरूप् का अभ्यास करते हुए सभी स्वरूपों का गहराई से अनुभव करने का अभ्यास।
❉ ड्रामा की बिन्दी लगाने का अभ्यास कर फरिश्तों की तरह बेफिक्र रहने का अभ्यास करना है।
❉ निराकारी ,निरहंकारी,निर्विकारी स्थिति का अभ्यास स्वयं की चेकिंग के साथ करना चाहिए।
❉ अमृतवेले ज्वालामुखी योग का अभ्यास करना चाहिए।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔