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    19 / 02 / 15  की  मुरली  से  चार्ट   

         TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

➢➢ मैं चैतन्य लाइट हाउस हूँ ।

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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)

➢➢  सर्व शक्तियों की लाइट द्वारा आत्माओं को रास्ता दिखाना

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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)

➢➢ बाप

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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)

 

‖✓‖ स्नेह और सहयोग के साथ °शक्ति रूप° बने ?

‖✓‖ °आतम अभिमानी° बनने की प्रैक्टिस की ?

‖✓‖ °सबसे प्यार° से चले ?

‖✓‖ "मैं आत्मा °विश्व कल्याण की सेवा° के लिए परमधाम से अवतरित हुई हूँ" - यह स्मृति में रहा ?

‖✗‖ °कुदृष्टि° तो नहीं रखी ?

‖✗‖ मुख से °कटुवचन° तो नहीं निकले ?

‖✗‖ ऐसी हंसी मज़ाक तो नहीं की जिसमें °विकारों की वायु° हो ?

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∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)

➢➢ बापदादा द्वारा चलायी गयी 16/02/15 की अव्यक्त वाणी से मिली प्रेरणा को जीवन में धारण करने की विधि और प्लान पर मंथन किया ?

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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (सार) (Marks:-5)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - बाप तुम्हे दैवी धर्म और श्रेष्ठ कर्म सिखलाते हैं इसलिए तुम से कोई भी आसुरी कर्म नही होने चाहिए, बुद्धि बहुत शुद्ध चाहिए"

 

 ❉   मनुष्य के कर्म ही उसके सुख और दुःख का कारण हैं।

 ❉   आज कलयुगी दुनिया रावण राज्य में सभी के कर्म आसुरी होने के कारण सबकी दुर्गति हो गई है, इसलिए सभी दुखी हैं।

 ❉   इसलिए सबको दुखो से छुड़ाने के लिए परम पिता परमात्मा शिव बाबा आये हुए हैं और आ कर दैवी धर्म और श्रेष्ठ कर्म सिखला रहें हैं।जिससे हम भविष्य नई दुनिया के मालिक बनेंगे।

 ❉   इसलिए अब हमे इस बात पर पूरा ध्यान देना है कि हमसे कोई भी आसुरी कर्म ना हो।

 ❉   बुद्धि में कोई खराब ख्यालात ना आये।बुद्धि एक दम शुद्ध रहे।

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (मुख्य धारणा) (Marks:-5)

 

➢➢ आत्म अभिमानी बनने की प्रेक्टिस करनी है।

 

 ❉   मैं आत्मा हूँ , इस शरीर की मलकियत हूँ, अधिकारी हूँ, चमकता हुआ सितारा हूँ , सभी कर्मेन्द्रियाँ मुझ आत्मा के अधीन है यह अभ्यास करना है।

 ❉   अगर अपने को आत्मा समझ कर कर्म नहीं करते तो देहभान में आ जाते है व देहधारी ही याद आते हैं।

 ❉   अपने को आत्मा समझकर कर्म करते है तो आत्मा के पिता परम आत्मा शिव बाबा की याद स्वत: ही आती है।

 ❉   अपने वचनों में ताक़त भरने के लिए आत्म अभिमानी की प्रेक्टिस करनी है।

 ❉   आत्म अभिमानी रहने से आत्मा आत्मा भाई भाई की दृष्टि रहती है व सब के साथ प्यार से चलते है । बाबा की याद व प्यार से ताक़त मिलती है।

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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-5)

 

➢➢ सर्व शक्तियों की लाइट द्वारा आत्माओ को रास्ता दिखाना ही चैतन्य लाइट हाउस बनना है... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   हम ब्राह्मण बच्चो का कर्तव्य ही है सभी आत्माओ को सुख शांति का रास्ता बताना।

 ❉   इस अज्ञान अंधकार में सोयी हुई सभी आत्माओ को बाप का परिचय देना है उन्हें जगाना है।

 ❉   अब बाप द्वारा प्राप्त शक्तियों का चैतन्य रूप बनकर दुनिया के आगे बाप को प्रत्यक्ष करना है।

 ❉   बाप की याद से शक्तिया प्राप्त करना और मनसा सेवा द्वारा उनके वाइब्रेशन सभी आत्माओ तक पहुचाना ही लाइट हाउस बनना है।

 ❉   माया के तुफानो से सभी की कश्तियो को निकाल नर्क से स्वर्ग में जाने का मार्ग बताना है।

 ❉   बाप से सर्व शक्तिया प्राप्त कर आत्मा को इतना शक्तिशाली बनाना है जो आत्मा की चमक सभी को प्रत्यक्ष दिखाई दे और सभी को हम सत्मार्ग बता सके।

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∫∫ 9 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-5)

 

➢➢ स्नेह और सहयोग के साथ शक्ति रूप बनो तो राजधानी में नम्बर आगे मिल जायेगा... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   शक्ति रूप बनने से स्व पर और सर्व पर रूलिंग और कंट्रोलिंग सहज तरीके से कर पाएंगे।

 ❉   शक्ति रूप बनने से हर परिस्तिथि में निर्विघ्न रह सकेंगे।

 ❉   शक्तिरूप बनने से सदैव अपनी authority की स्मृति और नशे में रह सकेंगे।

 ❉   शक्ति रूप बनने से माया के तुफानो को सहज ही पार कर सकेंगे।

 ❉   शक्ति रूप बनने से अधिकारी पन की स्मृति में रह, सर्व शक्तियों की प्राप्ति का अनुभव करते रहेंगे।

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_  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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