❍ 10 / 01 / 15 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
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∫∫ 1 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)
➢➢ मैं सफल्तामूरत आत्मा हूँ ।
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∫∫ 2 ∫∫ गुण / धारणा पर अटेंशन (Marks:-10)
➢➢ साथी और साक्षिपन का अनुभव
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∫∫ 3 ∫∫ बाबा से संबंध का अनुभव(Marks:-10)
➢➢ बाप
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∫∫ 4 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 7*5=35)
‖✓‖ ज्ञान को जीवन में °धारण कर सर्विस° की ?
‖✓‖ जो जास्ती सर्विस करते हैं.. उनका °रिगार्ड° रखा ?
‖✓‖ °कर्म करते हुए याद° में रहे ?
‖✓‖ अपनी अवस्था °देहि-अभिमानी° बनाने पर अटेंशन रहा ?
‖✓‖ चेक किया की जो भी °संकल्प° उठता है वह स्वयं के प्रति और सर्व के प्रति °कल्याण° का है ?
‖✗‖ °संकल्प और कर्म में अंतर° तो नहीं रहा ?
‖✗‖ °मन उदास और ख़ुशी गायब° तो नहीं रही ?
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✺ अव्यक्त बापदादा (25/12/2014) :-
➳ _ ➳ बापदादा देखते हैं पुरुषार्थ बहुत तरीके से करते हैं, अटेन्शन भी देते हैं एकदम ऐसे अलबेले भी नहीं हैं लेकिन समय अचानक आना है, कोई भी समय आना है इसलिए बापदादा भी जनरल में यही सोचते हैं हर बच्चे को कहते हैं, अटेन्शन प्लीज़ । हर सबजेक्ट में कमसे कम पास मार्क्स तो होने चाहिए ।
∫∫ 5 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-15)
➢➢ हर सब्जेक्ट में कम से कम पास मार्क्स लिए ?
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∫∫ 6 ∫∫ ज्ञान मंथन (वरदान) (Marks:-10)
➢➢ साथी और साक्षीपन के अनुभव की क्या प्राप्तिया है ?
❉ हम परमात्म वरसे के अधिकारी बनते हैं ।
❉ मरजीवा स्थिति का अनुभव होता है ।
❉ करन- करावनहार की स्मृति और निमित भाव बना रहता है ।
❉ निराकारी,निरहंकारी,निर्विकारी बनते है।
❉ अचल,अडोल एकरस स्थिति रहती है।
❉ हिम्मत और हुल्लास से आगे बढ़ते रहते है।
❉ अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति होती है,धारणाये अच्छी होती है।
❉ निश्चय बुद्धि बन रहते है।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (स्लोगन) (Marks:-10)
➢➢ व्यर्थ संकल्पों की वजह से मन उदास और ख़ुशी गायब हो जाती है । .... क्यों ?
❉ क्योंकि व्यर्थ संकल्पों से श्रेष्ठ भाग्य की स्मृति का स्विच ऑफ हो जाता है जिससे ख़ुशी गायब हो जाती है।
❉ व्यर्थ से समर्थ समाप्त हो जाता है और संकल्पों में साधारणता आ जाती है जिससे मन उदास हो जाती है।
❉ व्यर्थ संकल्पों से दृष्टि और वृति की पवित्रता कम हो जाती है जिससे मन उदास हो जाता है।
❉ व्यर्थ संकल्पों से बापदादा की दी हुई शक्तियों का खज़ाना कम होना शुरू हो जाता है और असंतुष्टता बढ़ती है और खुशी कम हो जाती है।
❉ व्यर्थ संकल्प माया के अनेक रूप साथ लेकर आते है जिससे पुरषार्थ में महनत लगती है और उदासी आ जाती है।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले होमवर्क के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔