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❍ 23 / 07 / 16 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks: 3*5=15)
➢➢ आत्माओं को घर चलने का √मेसेज√ दिया ?
➢➢ कोई भी ×विकर्म× तो नहीं किया ?
➢➢ छोटी मोती बातों में ×छुईमुई× तो नहीं बने ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:2*10=20)
➢➢ √मनसा के महादान√ द्वारा हर संकल्प की सिद्धि प्राप्त की ?
➢➢ निरंतर √एक बाप के संग√ में रह संगदोष से बचकर रहे ?
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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks: 15)
( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )
➢➢ बापदादा को अपनी महानता की √महिमा√ करते हुए अनुभव किया ?
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➳ _ ➳ http://www.bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/23.07.16-VisheshPurusharth.htm
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➳ _ ➳ http://www.bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Pdf-Vishesh%20Purusharth/23.07.16-VisheshPurusharth.pdf
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∫∫ 4 ∫∫ बाबा से रूहरिहान (Marks:-10)
( आज की मुरली के सार पर आधारित... )
➢➢ "मीठे बच्चे - अभी तुम सुनी सुनाई बातो पर चलते आये, अब बाप तुम्हे डायरेक्ट सुनाकर आप समान नॉलेजफुल बनाते हे"
❉ प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चे... असत्य को अमल करते करते कितना उलझ गए... सत्य से किस कदर दूर रहे... सम्पूर्ण सत्य कौन सुनाये और इस उलझन को सुलझाये... तो मीठे पिता को ही उतर आना पड़ा और सम्मुख सत्य सुना आप समान नॉलेजफुल बनाना पड़ा...
➳ _ ➳ आत्मा कहे - हाँ मेरे मीठे बाबा... मै आत्मा असत्य के भवँर में फसी हुई थी... आपने आकर मुझे उस दलदल से बाहर निकाला है... अपने साये में बिठाकर सत्य स्वरूप से वाकिफ कर सदा का मेरा भाग्य बनाया है...
❉ प्यारा बाबा कहे - मीठे प्यारे बच्चे दुनियावी बातो ने किस्सों और कहानियो ने सत्य से महरूम किया... ईश्वरीय बुद्धि को मनुष्य भला कैसे समझ पाये... ईश्वर पिता ही आ कर बच्चों को सही राह दिखाये... बच्चों के स्तर पर साधारण होकर समझाये तब बच्चे बेहद की बाते समझ पाये...
➳ _ ➳ आत्मा कहे - मेरे प्राणप्रिय बाबा... मै आत्मा तो खुद को ही भूल चली तो आपको भी भुला बेठी... दुनिया के तोर तरीको से बहुत खोजा पर सच को तो पा ही न सकी... आपने प्यारे बाबा आकर जादू किया... मेरी निकृष्ट हुई बुद्धि को पारस कर दिया...
❉ मेरा बाबा कहे - प्यारे सिकीलधे बच्चे... सुनी सुनाई बातो के आधार पर ईश्वर को जानने का भरसक प्रयास आप बच्चों ने किया... पर जब तक ईश्वर सम्मुख उतर न बताये तब तक ज्ञान की रौशनी को कैसे पाये... जब तक पिता बच्चों को गोद में बिठा प्यार से न सहलाये और समझाये... बच्चे आप समान नॉलेजफुल तभी तो बन पाये...
➳ _ ➳ आत्मा कहे - हाँ मेरे मीठे बाबा... मै आत्मा अज्ञान के अंधेरो में बहुत भटकी हूँ... अब आपने आकर ज्ञान रौशनी से मेरा जीवन रोशन किया है... मै आत्मा आप समान नॉलेजफुल बन फिर से दमक उठी हूँ... और सत्य के नशे में भर चली हूँ...
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∫∫ 5 ∫∫ योग अभ्यास (Marks:-10)
( आज की मुरली की धारणा और स्लोगन पर आधारित... )
❉ "ड्रिल - सच्ची कमाई करनी और करानी"
➳ _ ➳ मैं आत्मा पदमापदम भाग्यशाली हूं... सारी दुनिया जिस भगवान को ढ़ूंढ़ रही है वो स्वयं सुप्रीम शिक्षक बन पढ़ाते हैं... मुझ आत्मा को कांटो से फूल बनाते हैं... पत्थर बुद्धि से पारस बुद्धि बनाते हैं... मुझ आत्मा के कौड़ी तुल्य जीवन को हीरे तुल्य बना दिया... मैं आत्मा गॉडली स्टूडेंट हूं... प्यारे बाबा सुप्रीम टीचर मुझ आत्मा की अविनाशी ज्ञान रत्नों से झोली भरते हैं... ये रुहानी व वंडरफुल पढ़ाई है... मैं आत्मा ये रुहानी पढ़ाई पढ़कर अविनाशी कमाई करती हूं... मैं आत्मा ज्ञान रत्नों का दान करती हूं... ज्ञान धन बांटने से बढ़ता है... अब समय बहुत नजदीक है... हम सब को अपने घर वापिस जाना है... प्यारे बाबा हमें अपने साथ वापिस ले जाने आए है... मैं आत्मा सिर्फ प्यारे बाबा की याद में रह पावन बनती जा रही हूं... मैं आत्मा विक्रमाजीत बनती जा रही हूं...
❉ "ड्रिल - अचल अडोल अवस्था का अनुभव करना"
➳ _ ➳ हे आत्मन् !! स्वयं को जानो, तुम्हारा जन्म सिर्फ परिवार/रिश्ते नातों द्वारा दुख पाते रहने के लिये नही हुआ है... मुझ आत्मा को यह हीरे तुल्य अनमोल नया जीवन मिला है... मैं इस संसार की सर्वश्रेष्ठ आत्मा हूं... सारी दुनिया जिस भगवान को ढूंढ़ रही है... वह भगवान रोज अमृतवेले मुझसे मिलन मनाने आते है... मै आत्मा अपने परमपिता शिव बाबा को यथार्थ रुप से जान गई हूं... मैं आत्मा सवेरे सवेरे प्यारे बाबा को सच्ची दिल से याद करती हूं... मैं आत्मा एक की लगन में मगन रहती हूं... मुझ आत्मा का देह व देह के पदार्थो से लगाव मुक्त हो गया है... मैं आत्मा रुहानी नशे में रहती हूं... मैं आत्मा अब दुनियावी बातों से परे रहती हूं... मैं आत्मा एक ही बात स्मृति में रखती हूं"मेरा बाबा"... मुझ आत्मा को प्यारे बाबा ने सर्व खजानों से भरपूर कर दिया है... सर्व खजानों, गुणों , शक्तियों से भरपूर होने से मैं आत्मा हलचल में नही आती... मैं आत्मा अचल अडोल अवस्था का अनुभव करती हूं...
❉ "ड्रिल - सत् के संग मे रहना"
➳ _ ➳ मै आत्मा सत् चित आनन्द स्वरूप आत्मा हूँ... देहभान मे आने से मै अपना स्वधर्म भूल गई थी... अब मुझ आत्मा को सत का संग मिला है... मैं आत्मा झूठ खंड में रहते हुए सत का संग करती ह़ू... क्योंकि मुझे अब सच खंड का निवासी बनना है... मैं अपने सत स्वरुप और सत् धर्म में वापिस आती जा रही हूं... झूठी दुनिया से मोह छोड़ती जा रही हूं... सतगुरु का हाथ पकड़ सत की राह पर चलती जा रही हूं... मैं आत्मा सदा बाप के साथ कम्बाइंड रहती हूं... मैं आत्मा दृढ़ संकल्प करती हूं कि बाप के कदम पर कदम रख कर चलूंगी... इस झूठी दुनिया में बाप का संग ही सर्वश्रेष्ठ है... इसलिए मैं आत्मा सदा सत् बाप के संग हूँ...
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∫∫ 6 ∫∫ योग अभ्यास (Marks-10)
( आज की मुरली के वरदान पर आधारित... )
✺ "ड्रिल :- मैं मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूँ ।"
➳ _ ➳ मैं आत्मा ज्ञान के सागर की संतान हूँ... मैं आत्मा मास्टर ज्ञान का सागर हूँ... ज्ञान की रोशनी से सारे विश्व को उज्ज्वल बना रही हूँ... पवित्रता के सागर की संतान मैं आत्मा मास्टर पवित्रता का सागर हूँ...
➳ _ ➳ मैं पवित्रता का प्रकाश चारों ओर फैला रहीं हूँ... शांति सागर की संतान मैं आत्मा मास्टर शांति का सागर हूँ... मैं सारे विश्व में शांति के प्रकम्पन्न फैला रहीं हूँ... मैं सुख सागर की संतान मास्टर सुख का सागर हूँ... सुखदेव हूँ...
➳ _ ➳ मैं आत्मा विश्व की समस्त आत्माओं को सर्व सुखों का साकाश दे रही हूँ... सर्वशक्तियों के सागर की संतान... मैं आत्मा मास्टर सर्व शक्तिवान हूँ... सर्व को सर्व शक्तियों में सम्पन्न और सम्पूर्ण बना रहा हूँ... मैं आत्मा मनसा द्वारा सर्व शक्तियों का दान देने वाली महादानी हूँ...
➳ _ ➳ मनसा द्वारा शक्तियों का दान करने से मुझ सर्वशक्तिमान आत्मा के हर संकल्प को सिध्दि स्वरूप बना दिया है... मुझ आत्मा के हर संकल्प मेरे वश में हो गए हैं... मैं आत्मा अपने हर संकल्प को जहां चाहूँ वहाँ टिका रहीं हूँ...
➳ _ ➳ मैं आत्मा अपने संकल्पों की राजा हूँ... अपने संकल्पों पर विजय प्राप्त कर मैं चंचल संकल्प वाली अन्य आत्माओं को भी थोड़े समय के लिए अचल वा शांत बनाने का अनुभव कर रहीं हूँ... मैं आत्मा मास्टर सर्वशक्तिमान आत्मा होने का अलौकिक अनुभव क्र रहीं हूँ ।
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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (Marks:-10)
( आज की मुरली के वरदान पर आधारित... )
➢➢ मनसा के महादान द्वारा हर संकल्प की सिद्धि प्राप्त करने वाले मास्टर सर्वशक्तिवान होते हैं... क्यों और कैसे ?
❉ मनसा के महादान द्वारा हर संकल्प की सिद्धि प्राप्त करने वाले मास्टर सर्वशक्तिवान होते हैं क्योंकि जो बच्चे मनसा द्वारा शक्तियों का दान करते हैं उन्हें मास्टर सर्वशक्तिवान का वरदान प्राप्त हो जाता है। वे सर्व शक्तियों से संपन्न हो जाते हैं।
❉ क्योंकि मनसा द्वारा शक्तियों का दान करने से संकल्प में इतनी शक्तियाँ जमा हो जाती हैं जो हर संकल्प की सिद्धि प्राप्त हो जाती है तथा हम सर्व सिद्धि स्वरूप आत्मा बन जाते हैं। मन को सम्पूर्ण विश्व की सेवा में लगाने से हमारे संकल्पों में गजब की शक्ति आ जाती है, जिस से सारे विश्व के तमाम दुःखों को एक संकल्प मात्र से दूर किया जा सकता हैं।
❉ वे अपने संकल्पों को जहाँ चाहे वहाँ एक सेकण्ड में टिका सकते हैं क्योंकि संकल्प उनके वश में होते हैं। वो जब चाहें जैसे चाहें वहाँ अपने संकल्पों के द्वारा जा सकते हैं। वहाँ के दुःखों को दूर कर सकते हैं। वहाँ के वातावरण को सुखी व शान्त बना सकते हैं।
❉ वे अपने संकल्पों पर विजयी होने के कारण चंचल संकल्प वाले को भी थोड़े समय के लिये अचल व शान्त बना सकते हैं क्योंकि मनसा द्वारा सर्व शक्तियों का दान करने से सर्व शक्तियां स्वतः ही हममें आने लगती हैं और हम मास्टर सर्व शक्तिमान बन जाते हैं।
❉ कहते हैं न कि जो उस संसार को देंगें वही अनन्त गुना हो कर हमको प्राप्त होता है। अगर हम मनसा द्वारा सर्व शक्तियों का दान करते हैं तो हमारे ही संकल्प हमको पुनः प्राप्त होते हैं। इसलिये सोच समझ कर ही हमें अपने संकल्पों की शक्ति को कार्य में लगाना है क्योंकि मनसा के महादान से बड़ा अन्य और कोई दान नहीं है।
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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (Marks:-10)
( आज की मुरली के स्लोगन पर आधारित... )
➢➢ निरन्तर एक बाप के संग में रहो तो संगदोष से बच जायेंगे... क्यों और कैसे ?
❉ निरन्तर एक बाप के संग में रहने वाले, बाप के लव में लवलीन रहने के कारण सहज ही चारों ओर के वायब्रेशन से, वायुमण्डल से दूर रहते हैं । क्योंकि लीन रहना अर्थात् बाप समान शक्तिशाली सर्व बातों से सेफ रहना । लीन रहना अर्थात् समाया हुआ रहना और जो समाये हुए हैं वही मायाप्रूफ हैं । माया का कोई भी तूफान, कोई भी विघ्न उन्हें प्रभावित नही कर सकता क्योकि बाप की छत्रछाया उन्हें हर प्रकार के संग दोष से बचा कर, विघ्न विनाशक बना कर हर विघ्न से पार ले जाती है ।
❉ जितना बाबा के संग में रहेंगे उतना बाबा के साथ समीपता का अनुभव ज्यादा होगा जो बाबा के साथ सर्व सम्बन्धो का स्मृति स्वरूप बना देगा । सर्व सम्बंधों का सुख केवल एक बाप से प्राप्त करते हुए जब सर्व सम्बंधों का स्वरूप बन कर रहेंगे तो स्वयं को सदा दिव्य गुणों के श्रृंगार से सजा हुआ अनुभव करेंगे । श्रृंगारीमूर्त बन जब अन्य आत्माओं के सम्मुख आएंगे तो परमात्म स्नेह में रंगे होने के कारण उनके संग दोष में आने के बजाए अपने रूहानी संग का रंग उन्हें भी लगा कर परमात्म स्नेही बना देंगे ।
❉ जो निरन्तर एक बाप के संग में रहते हैं वे स्वयं को हमेशा सर्वशक्तिवान बाप की छत्रछाया के नीचे अनुभव करते हुए सदा अपने सर्वश्रेष्ठ स्वमान की स्मृति में रहते हैं । स्वयं को सदा मास्टर सर्वशक्तिवान की सीट पर सेट रखने से वे सर्व शक्ति सम्पन्न स्थिति का अनुभव निरन्तर करते रहते हैं । इसलिए हर परिस्थिति में सेफ रहते हैं । सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान की सीट पर सेट रहने वाले ऐसे बच्चे बाप के भी अति प्यारे बन जाते हैं । बाप के संग का रंग उन्हें किसी और के संग का रंग लगने नही देता । इसलिए वे हर प्रकार के संगदोष से बचे रहते हैं ।
❉ निरन्तर एक बाप के संग में रहने वालो को सिवाय एक बाप की याद के और कुछ याद नही रहता । उन्हें बस एक ही स्मृति रहती है कि " मैं बाबा का बाबा मेरा " । इसी को कहा जाता है सहजयोग । ऐसे सहजयोगी बन जो निरन्तर एक बाप की याद की लगन में मगन रहते हैं और हर कर्म बाप की याद में रह कर करते हैं वे इस दुनिया में रहते हुए भी दुनिया के लगाव - झुकाव से परे उपराम स्थिति में स्थित रहते हैं । देह और देह की दुनिया के आकर्षणों से मुक्त होकर बाप के रंग में ऐसे रंग जाते हैं कि किसी और के संग का रंग उन्हें प्रभावित कर ही नही सकता ।
❉ जब निरन्तर एक बाप के संग में रहेंगे तो हर संकल्प, बोल और कर्म बाप की याद और सेवा में लगे रहेंगे । जब हर संकल्प में बाप की याद होगी, बोल द्वारा बाप का दिया हुआ खजाना दूसरों को देने में बिज़ी रहेंगे और कर्म द्वारा बाप के चरित्रों को सिद्ध करते रहेंगे तो याद और सेवा का डबल लॉक लग जायेगा जो ऐसा माया जीत बना देगा जिसके आगे माया कभी आ नहीं सकेगी । याद और सेवा का डबल लॉक जितना पक्का होता जायेगा । किसी के भी संग का प्रभाव आत्मा को प्रभावित नही कर सकेगा और आत्मा को संग दोष से बचा कर रखेगा ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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