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 12 / 04 / 16  की  मुरली  से  चार्ट  

       TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks: 3*5=15)

 

‖✓‖ °ड्रामा° की हर सीन को देखते हुए सदा हर्षित रहे ?

 

‖✓‖ पुरानी दुनिया और पुराने शरीर से °अनासक्त° रहे ?

 

‖✓‖ बुधी से °बेहद का सन्यास° रखा ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:2*10=20)

 

‖✓‖ अतीन्द्रिय सुखमय स्थिति द्वारा अनेक °आत्माओं का आह्वान° किया ?

 

‖✓‖ हर एक की °विशेषता को स्मृति में रख° फैथफुल बन संगठन को एकमत रखा ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks: 15)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ °एकरस अवस्था° का अनुभव किया ?

 

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To Read Vishesh Purusharth In Detail, Press The Following Link:-

 

http://bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/12.04.16-VisheshPurusharth.htm

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∫∫ 4 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - बाप आये है भारत को सेलवेज करने, तुम बच्चे बाप के मददगार बनते हो, भारत ही प्राचीन खण्ड है"

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों मै आया ही हूँ भारत को दुखो से मुक्त कर सतयुगी जन्नत बनाने...आप बच्चे मेरे नन्हे जादूगर हो जो ईश्वर के मददगार बनते हो और बड़ा सतयुगी जादू कर दिखाते हो...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो सतयुगी महान कार्य में सहयोगी बन आप बच्चे भारत को सुखो भरी खूबसूरत बगिया बनवाते हो...विश्व खुशियो संग चहकने लगता है...हंसी आनन्द की खुशबु से भारत महकने लगता है...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मीठे बच्चों आपकी दुर्दशा देख मुझ पिता को कैसे चैन आये भला...मै उतरा हूँ भारत को दुखो से मुक्त कर खुशियो से भरपूर कर सुनहरा करने...आप मेरे इस कार्य में साथी हो...भारत ही प्राचीन गढ़ है जो सुखधाम बनता है

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चों भगवान से दुनिया मदद मांगे और उस पिता के आप बने हो मददगार कितनी खूबसूरत है ये मीठे जज्बात की बच्चे बने हे सहयोगी भारत को स्वर्ग बनाने में....और पिता मुरीद है ऐसे मीठे बच्चों का...

 

 ❉   मेरा बाबा कहे - मेरे सिकीलधे बच्चों बाबा को यह दुखो की नगरी बना विश्व न भाये इसलिए वो परमधाम से ही नीचे उतर आये... भारत को सेलवेज कर सुनहरा सा चमकाए और आपकी सहयोगी नन्ही ऊँगली पर कुर्बान हो जाय...भारत प्राचीन खण्ड फूलो सा पुनः खिल जाय...

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∫∫ 5 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)

 

➢➢ बुद्धि से बेहद का संयास करना है । वापस घर जाने का समय है इसलिए पुरानी दुनिया और पुराने शरीर से अनासक्त रहना है ।

 

  ❉   बुद्धि से बेहद का संयास करना है - तन, मन, धन, देह व देह के सम्बंध, यश, अपयश... । बस पुरानी दुनिया पुराने शरीर को भुला बस एक बाप को याद करना है ।

 

  ❉   बाप हमें घर वापिस ले जाने आया है व हमारी वानप्रस्थ अवस्था है । हमें इस अंतिम जन्म में पावन जरुर बनना है क्योंकि पावन बने बगैर हम वापस अपने घर नही जा सकते ।

 

  ❉   हमें जीते जी मरना है यानि इस पुराने शरीर व पुरानी दुनिया में रहते सर्व धर्म निभाते इन सब से डिटैच रहना है । सब जिम्मेवारियां निमित्त समझ व ट्रस्टी समझ निभानी हैं उनमें फंसना नही है ।

 

  ❉   पुराना शरीर व पुरानी दुनिया विनाशी है इसलिए इससे कोई लगाव नहीं रखना । क्योंकि ये शरीर भी मेरा नहीं है , ये भी अमानत है । फिर दूसरे की चीज में आकर्षण क्यूं रखना ।

 

  ❉   जैसे नए घर में जाते है तो पुराने से लगाव कम हो जाता है । कुछ भी करना होता है तो कहते हैं कि नए घर में ऐसा करेंगे । ऐसे ही हमें नए घर में नई दुनिया में जाना है तो पुरानी दुनिया व पुराने शरीर से आसक्ति नही रखनी है । बस बाप को व घर को याद करना है ।

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∫∫ 6 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-15)

 

➢➢ अतीन्द्रिय सुखमय स्थिति द्वारा अनेक आत्माओं का आहवान करने वाले विश्व कल्याणकारी होते हैं... क्यों और कैसे ?

 

  ❉   स्वयं को ऊंची स्थिति पर ले जाने की रुहानी लिफ्ट संकल्प है । अपने श्रेष्ठ संकल्पों की एकाग्रता द्वारा सर्व आत्माओं की भटकती बुद्धि को एकाग्र कर एकाग्रता शक्ति से मनसा सेवा करने वाले विश्व कल्याणकारी होते हैं ।

 

  ❉   जितना आवाज से परे रहते हैं शांत स्वरुप की स्थिति बहुत अच्छी लगती है व अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति होती है । अनेक आत्माओं का आहवान कर शांति की वायब्रेशनस देने वाले व पूरे विश्व में शांति की वायब्रेशनस फैलाने वाले विश्व कल्याणकारी होते हैं ।

 

  ❉   साइलेंस की शक्ति जमाकर अंतर्मुखी होने से बुद्धि की लाइन क्लीयर होती है । रिलेशन व कनेक्शन सिर्फ एक बाप से होने से अतीन्द्रिय सुखमय स्थिति होती है । अनेक आत्माओं की आवाज संकल्प के रुप में पहुंचते हैं व उस आवाज को कैच कर सदा कल्याण की भावना रखने वाले विश्व कल्याणकारी होते हैं ।

 

  ❉   जिनका हर संकल्प, बोल, कर्म बस बाप के लिए होता है व बाबा ही संसार होता है तो वह स्वराज्याधिकारी होते है व अतीन्द्रिय सुखमय स्थिति द्वारा अनेक वशीभूत आत्माओं को बंधनयुक्त से बंधनमुक्त बनाना, विकारी को निर्विकारी बनाना, दुःखी अशांत आत्माओं को सुख शांति देना ऐसे बच्चे विश्व कल्याणकारी होते हैं ।

 

  ❉   हर सम्बंध की रसना बस बाप से होती है व बाप के लव में लीन होते हैं तो बाप से प्राप्तियां सहज अनुभव होती हैं । लवलीन आत्मा अतीन्द्रिय सुखमय स्थिति द्वारा अनेक आत्माओं का कल्याण कर विश्व कल्याणकारी होती है ।

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∫∫ 7 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ हर एक की विशेषता को समृति में रख फेथफुल बनो तो संगठन एकमत हो जाएगा... कैसे ?

 

 ❉   किसी को ना देख केवल एक बाप को देखने का जब लक्ष्य रखेंगे तो लक्षण स्वत: आते जाएंगे और स्वभाव संस्कारों के टकराव से बचे रहेंगे । सब के विचारों का सम्मान करते हुए जब हर एक की विशेषता को समृति में रख, सब के प्रति फेथफुल बन परस्पर सहयोग से एक दो को सहयोग दे आगे बढ़ाएंगे तो संगठन में एक मत का वातावरण सहज ही बन जाएगा

 

 ❉   संगठन में एक मत का प्रभाव तभी दिखाई देगा जब मन में किसी के लिए ईर्ष्या द्वेष की भावना नहीं होगी । बल्कि सबके लिए शुभ भावना, शुभ कामना होगी । आपस में एक दूसरे के लिए रुहानी स्नेह होगा । फ़ॉलो मम्मा बाबा करते हुए सबको रिगार्ड देने की भावना होगी । तो सभी एक दूसरे की विशेषताओं को समृति में रख फेथफुल बन एक दूसरे के सहयोगी बन जाएंगे ।

 

 ❉   हद के मान शान और सम्मान की इच्छा से मुक्त होकर जब स्वमान में स्थित रहेंगे । तो सब को सम्मान देते और सब का सम्मान प्राप्त करते रहेंगे । जिससे किसी के भी अवगुण दिखाई नहीं देंगे । और सभी की विशेषताओं को देखते हुए सबके प्रति फेथफुल रहेंगे । जिससे सभी के विचार एक मत हो जाएंगे । जो संगठन की उन्नति में सहायक बन जाएंगे ।

 

 ❉   एक दो की कमजोरियों पर चिंतन करने की बजाए मास्टर क्षमा का सागर बन जब सबकी कमी कमजोरियों को स्वयं में समा लेंगे । और एक दूसरे को दिल से माफ कर बीती को बिंदी लगा देंगे । तो किसी की भी भूले चित पर नहीं रहेंगी । बल्कि उनकी विशेषताएं समृति में रहेंगी । जिससे सभी फेथफुल बन, एकमत हो संगठन को ऊंचा उठाने में लग जाएंगे ।

 

 ❉   जब आपस में क्षीरखण्ड होकर रहेंगे और एक दो को बदलने का विचार छोड़ स्वयं के परिवर्तन का लक्ष्य रखेंगे । तो स्व परिवर्तन सहज ही एक दूसरे को परिवर्तित कर देगा । और सभी एकमत होकर हर एक की विशेषताओं को देखते हुए एक दूसरे के सहयोग से हर कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न करते जाएंगे ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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