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   24 / 03 / 16  की  मुरली  से  चार्ट   

        TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ हाथों से काम करते °बुधी से माशूक को याद° करने की प्रैक्टिस की ?

 

‖✓‖ °तपस्या के बल° से भाग्य विधाता बाप को अपना बनाया ?

 

‖✓‖ °मात-पिता° को पूरा पूरा फॉलो किया ?

 

‖✓‖ "एक बाप ही °नंबर वन एक्टर° है... जो पतितों को पावन बनाने की एक्ट करते हैं" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ "बाप की याद से हम °स्वर्गवासी° बन रहे हैं" - इसी ख़ुशी में रहे ?

 

‖✓‖ नॉलेजफुल बन सबको °रास्ता° बताया ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ श्रीमत के आधार पर °ख़ुशी, शक्ति और सफलता° का अनुभव किया ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ ‘‘°सी फादर°'' - इस मंत्र को सदा सामने रखते हुए चढ़ती कला का अनुभव किया ?

 

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To Read Vishesh Purusharth In Detail, Press The Following Link:-

 

http://bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/24.03.16-VisheshPurusharth.htm

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∫∫ 4 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - एक बाप ही नम्बर वन एक्टर है, जो पतितो को पावन बनाने की एक्ट करते है, बाप जेसी एक्ट कोई कर न सके"

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों को मेरे सिवाय दलदल से भला कौन निकाले... कौन मेरे फूल से बच्चों को फिर से खिला दे... कौन उनके जीवन कस्तूरी को सुखो से फिर महका दे...मुझ पिता के सिवाय मेरे बच्चों को पावन कोई न बनाये...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो आप इस खेल के हीरो खेलते खेलते... जो घर को भूले पिता को भूले खुद को भूले... पर मै अपने बच्चों को कभी न भुला... मेने ही आकर थके से काले से बच्चों को आ गले लगाया...कोई और यह पावन बनाने का कार्य कर ही न सके....

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मीठे बच्चों जनमो में उलझे धागों को किसी ने भी न सुलझाया... गिरतों को और ही तो गिराया... सच्चे पिता सच्चे घर का ठिकाना किसी ने भी तो नही बताया... मेरे बच्चों को देवता कह मेने ही तो पुकारा...और पावन बना अपने कलेजे से लगाया...

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चो सच्चा पिता तो पिता है...बच्चों को दुखो में कैसे देख पाये... धरती पर कलपते अपने लालो को देख उसे कैसे चैन आये... कैसे न वह पिता धरती पर दौड़ा चला आये... अपने सिकीलधे देवताओ को सुनहरी ताज तख्त दे जाय...

 

 ❉   मेरा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों... को पतित कह दुनिया ने दुत्कारा पर मुझ बाप ने आकर सुपर हीरो बन जीवन संवारा... मीठे बच्चे कह दिल पर बिठाया... देवताई ताज और स्वर्ग की बादशाही दोनों हाथो में रख दी... ऐसा जादू तो कोई और कर ही न सके....

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∫∫ 5 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)

 

➢➢ सच्चे-सच्चे आशिक बन हाथों से काम करते बुद्धि से माशूक को याद करने की प्रेक्टिस करनी है ।

 

  ❉   जैसे लड़की की सगाई होती है तो उसका माशूक भल कितनी भी दूर रहता हो कुछ भी करते हुए वो बस उसकी याद में खोई रहती है । ऐसे ही हमें सच्चा सच्चा माशूक मिला है व शिव बाबा से हमारी सगाई हुई है हमें सच्चा आशिक बन माशूक की याद में रहना है ।

 

  ❉   कहते भी है हथ यार डे दिल कार डे यानि हाथों से भल काम करते रहो पर बुद्धि से बस सच्चे आशिक बन माशूक को ही याद करना है ।

 

  ❉   लौकिक में भी अपने माशूक को छोड किसी दूसरे की याद में रहो तो वो रिश्ता नही रह सकता फिर हमें तो बेहद का सच्चा माशूक मिला है जिसने हमें सर्व खजानों गुणों से भरपूर किया है तो ऐसे माशूक को छोड़कर दो नावों पर पैर रखेंगे तो कुछ भी प्राप्ति नही होगी ।

 

  ❉   जब शिव साजन अपनी सजनियों को अपने साथ ले जाने के लिए आया है तो बस धंधा करते भी बस एक माशूक की याद हो । याद से ही दिव्य गुणों की धारणा होगी व श्रृंगार अच्छा होगा ।

 

  ❉   लौकिक में कोई अपने माशूक को कभी भूलता है या याद करने के लिए अलग से बैठना पड़ता है । फिर हमें तो बेहद का माशूक मिला है जो सब आत्माओं का सच्चा माशूक है तो उसको भी चलते फिरते खाते पीते उठते बैठते बुद्धि से याद करना है । अपने नयनों मे दिल में बसा लेना है जो स्वतः ही याद बनी रहे ।

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∫∫ 6 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-15)

 

➢➢ श्रीमत के आधार पर खुशी, शक्ति और सफलता का अनुभव करने वाले सर्वप्राप्ति सम्पन्न होते हैं... क्यों और कैसे ?

 

  ❉   जो स्वयं को ट्रस्टी समझ सम्पूर्ण रीति से श्रीमत पर चलते हैं तो कदम-कदम पर बाप का साथ व साथ होने से खुशी, शक्ति और सफलता प्राप्त होती है व पुरुषार्थ में मेहनत कम और प्राप्ति ज्यादा कर सम्पन्न स्वरुप होते हैं ।

 

  ❉   जो बच्चे सुबह से शाम तक श्रीमत के आधार पर अपनी मर्यादाओं पर चलते हैं उनका अलबेलापन समाप्त हो जाता है । वो कर्मठता से निमित्त भाव से कर्म करते खुशी, शक्ति और सफलता प्राप्त करते सर्वप्राप्ति सम्पन्न होते हैं ।

 

  ❉   जब श्रीमत के आधार पर चलते सर्वशक्तिमान की हजार भुजाओं की छत्रछाया में रहते हैं । जब भगवान स्वयं हमारा साथी है व सफलता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है तो हमेशा खुशी, शक्ति का अनुभव कर सर्वप्राप्ति सम्पन्न होते हैं ।

 

  ❉   जब भगवान की नजर हम पर है व उसने हमें अपना बनाया तो इससे ज्यादा प्राप्ति भला और क्या हो सकती है !! अब उसकी श्रेष्ठ मत पर चलकर ही खुशी, शांति और सफलता प्राप्त कर सर्वप्राप्ति सम्पन्न होते हैं ।

 

  ❉   लौकिक में भी कहते कायदे में ही फायदा है फिर हमें तो स्वयं सुप्रीम बाप, सुप्रीम टीचर, सुप्रीम सदगुरु मिला जो पतित पावन है , सर्व का सदगति दाता है, विश्व का मालिक बनाता है ऐसे ऊंच ते ऊंच बाप की श्रीमत पर चल बेहद की खुशी, शक्ति और सफलता प्राप्त करने वाले सर्वप्राप्ति सम्पन्न होते हैं ।

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∫∫ 7 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ बालक सो मालिक वह है जो तपस्या के बल से भाग्यविधाता बाप को अपना बना दे... कैसे ?

 

 ❉   जो सदा एक बाप की लग्न में लवलीन, प्रेम के सागर में समाये रहते हैं वह बालक सो मालिक बन अपनी सच्ची तपस्या के बल से भाग्यविधाता बाप को अपना बना कर जैसा चाहे वैसा अपना श्रेष्ठ भाग्य लिखवा लेते हैं ।

 

 ❉   बाप के स्नेह में एक सेकण्ड के दृढ संकल्प द्वारा जो स्वयं को बाप पर कुर्बान कर देते हैं वह बालक सो मालिक बन तपस्या के बल से भाग्यनिर्माता बाप के अति स्नेही बन बाप के दिल रूपी तख़्त पर सदा विराजमान रहते हैं ।

 

 ❉   स्वयं को बाप समान गुण, कर्तव्य और सेवा में सम्पन्न बनाने वाले ही बालक सो मालिक बन स्वयं को सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न अनुभव करते हुए तपस्या के बल से भाग्यविधाता बाप को अपना बना कर भविष्य ऊंच प्रालब्ध के अधिकारी बन जाते हैं ।

 

 ❉   जो तपस्या के बल से स्वयं को बाप समान अव्यक्त स्थिति का स्वरूप बना लेते हैं ऐसे बच्चों पर बाप बलिहार जाते हैं और बालक सो मालिक बन वे भाग्य विधाता बाप से जो चाहे प्राप्त कर लेते हैं ।

 

 ❉   तपस्या के बल से जो मास्टर त्रिकालदर्शी बन अपने तीनो कालों को जानते हुए स्वयं को सम्पन्न मूर्त अर्थात दर्शन मूर्त बनाते हैं वे बालक सो मालिक बन दिलाराम बाप के नयनों में सदैव समाये रहते हैं और हर कदम में पदमो की कमाई कर पदमपति बन जाते हैं ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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