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 29 / 03 / 16  की  मुरली  से  चार्ट  

       TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ बाप और सर्व की दुआओं में उड़ने वाले °उड़ता योगी° बनकर रहे ?

 

‖✓‖ °फॉलो फादर° कर निरहंकारी और देही अभिमानी स्थिति में स्थित रहे ?

 

‖✓‖ °बोलने चलने° में बहुत रॉयल बनकर रहे ?

 

‖✓‖ °मुखड़ा° सदैव देवताओं जैसा हर्षित रहा ?

 

‖✓‖ °क्रोध° पर बड़ी खबरदारी रखी ?

 

‖✓‖ °आप समान° बनाने की सेवा की ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ मेहनत और महानता के साथ आत्माओं को °रूहानियत का अनुभव° करवाया ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ °साधन और साधन° का बैलेंस रहा ?

 

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To Read Vishesh Purusharth In Detail, Press The Following Link:-

 

http://bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/29.03.16-VisheshPurusharth.htm

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∫∫ 4 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - जेसे बाप-दादा दोनों निरहंकारी है देहीअभिमानी है ऐसे फॉलो फादर करो, तो सदा उन्नति हो ती रहेगी"

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों आपकी देवताई चलन का विश्व मुरीद है... अपने बापदादा को झलकाये... वह मोहक अदा तुम्हे दिखानी है पिता के कदमो पे रखे कदम ही...  आपको उन्नति के शिखर पर विराजेंगे...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो आप बच्चों के मुख से सदा ही फूल बरसे...  नयनों में सदा प्यार समाये हो... ऐसे पिता तुल्य स्नेह को लुटाते हुए... सबको अपनी दिव्य अदा का दीवाना बनाते चलो... तो मंजिल बाँहो में भरने को आतुर खड़ी है...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मीठे बच्चों निरहंकारिता में पिता जैसा ऊँचा उठना है... देह भान से परे हो सच्चे तख्त पर रहना है... फूलो सा सदा महकना है खिलना और खिलाना है... सुखो के मखमली गलीचे को सतयुगी घर में सजाना है...

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चों... बापदादा का नाम रोशन कर दसो दिशाओ में सुखो का गुंजन करो... निरहंकारिता को गले लगा निर्माणता को जहाँ में दिखलाओ... अपने प्यारे पिता जैसा ही गुण अपनाओ... देखो खुशियां गले लगाने को आतुर खड़ी है...

 

 ❉   मेरा बाबा कहे - मेरे बच्चों... बाप दादा के नक्शे कदमो पर चल जीवन को आनन्द से खिलाओ... आत्मिक स्तिथि में रह सबको रास्ता बताओ... अपने पिता की दिव्यता भरी खुशबु सबके दिलो में महकाओ... सुखो भरी दौलत को अपने नाम लिखवाओ...

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∫∫ 5 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)

 

➢➢ बोलने चलने में बहुत रॉयल बनना है । मुख से सदैव रत्न निकालने हैं । आप समान बनाने की सेवा करनी है ।

 

  ❉   जैसे राजा का बेटा होता है उसे अपने बाप के पद का नशा होता है व बोलने और चलने में रॉयल्टी होती है । ऐसे हम बेहद बाप के बच्चे हैं , विशेष व महान बच्चे हैं तो हमारे भी बोल व चाल चलन में रॉयल बनना है ।

 

  ❉   हम भगवान के बच्चे हैं व स्वयं भगवान ने हमें कोटों मे कोई व कोई मे से भी कोई से चुना तो कितना खुशी व नशा होना चाहिए । अपनी सीरत से अपने असली स्वरुप की रॉयल्टी झलकनी चाहिए ।

 

  ❉   बाप की श्रीमत भी यही है कि बच्चे मीठा बोलो सदैव मुख से रत्न निकालो । बाप अपने बच्चों के साथ हमेशा कितना मधुर बोलते हैं मीठे बच्चे सिकीलधे बच्चे लाडले बच्चे व ज्ञान रत्नों से नवाजते हैं तो हमें भी बाप समान सबके साथ मीठा मीठा रहना है व मुख से हमेशा रत्न निकालने हैं ।

 

  ❉   बाप जैसे दुखहर्त्ता सुखकर्त्ता है तो हमें भी बाप समान सबको सुख ही देना है । बाप से मिलने का रास्ता बताकर उनका कल्याण करना है व आप समान बनाने की सेवा करनी है ।

 

  ❉   मुख से ऐसे बोल बोलने हैं कि दुःखी अशांत आत्मा को हमारे दो बोल से उनको शांति मिले व अहसास हो कि ये तो जैसे साक्षात देवता है व बाप को प्रयत्क्ष करना है ।

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∫∫ 6 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-15)

 

➢➢ मेहनत और महानता के साथ रुहानियत का अनुभव करने वाले शक्तिशाली सेवाधारी होते हैं... क्यों और कैसे ?

 

  ❉   जो भी आत्मा सम्बंध सम्पर्क में आए उसे अपनी रुहानी शक्ति का अनुभव कराकर , अपनी शक्तिशाली स्टेज से उन्हें अपने स्वरुप का अनुभव कराकर शक्तिशाली सेवा करने वाले शक्तिशाली सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   जो ईश्वरीय मस्ती में सदा रहने से ईश्वरीय सुख शांति बर्थ राइट है, के नशे में रहते हैं वे मेहनत मुक्त होकर महानता से सर्व को उलझनों से निकाल कल्याण की भावना रखने वाले शक्तिशाली सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   जो सदैव अपने को मेहमान समझते व यही सोच रखते कि पराये देश और पुराने शरीर में विश्व कल्याण का पार्ट बजाने के लिए आया हूं व सेवा के निमित्त दूसरी आत्माओं के पास अपनी रुहानियत की खुशबू फैला सेवा करते । ऐसी महानता के साथ रुहानियत का अनुभव कराने वाले शक्तिशाली सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   सदा एक बाप की लगन में मगन रहते और सब बोझ बाप को देकर बेफिकर बादशाह बन निश्चिंत होकर सफलता व उन्नति सहज ही प्राप्त करते और अतीन्द्रिय सुख की प्राप्ति कर हलके रहते हुए महानता के साथ शक्तिशाली सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   जिनके हर संकल्प भी बाबा और संसार भी बाबा होता है तो ऐसे बच्चे बाप के स्नेह का, साथ का, बाप से हुई प्राप्तियों से भरपूर होने से पुरुषार्थ और महानता के साथ रुहानियत का अनुभव करा शक्तिशाली सेवाधारी होते हैं ।

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∫∫ 7 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ बाप और सर्व की दुआयों के विमान में उड़ने वाले ही उड़ता योगी है... कैसे?

 

 ❉   बाप समान विश्व कल्याणकारी बन जितना सर्व आत्माओं के कल्याण के निमित बनेंगें उतना बाप की और सर्व आत्माओं की दुआयों के पात्र बन, दुआओं के विमान में उड़ते हुए स्वयं को सदा सहजयोगी अनुभव करते रहेंगे ।

 

 ❉   याद और सेवा का बैलेंस रख, ईश्वरीय सेवा में जितना स्वयं को ऑफर  करेंगे उतना परमात्म शक्तियों द्वारा आत्मा में बल जमा होता जायेगा और यह आत्मिक बल अनेक दिलशिक्स्त आत्माओं को बल प्रदान कर उन्हें उमंग उत्साह से भरपूर कर देगा और उनकी दुआयों का अधिकारी बना कर सहज ही उड़ता योगी बना देगा ।

 

 ❉   वर्तमान समय सर्व आत्माओं की आवश्यकता सच्चा सुख और शांति की अनुभूति करना है क्योकि सर्व आत्माये दुखी और अशांत हैं । इसलिए मास्टर दुःख हर्ता, सुख कर्ता बन जब दुखी आत्माओं के दुःखो को हर कर उन्हें अपने श्रेष्ठ वायब्रेशन द्वारा सुख और शांति का अनुभव करवाएंगे तो सहज ही स्वयं को बाप और उन आत्माओं की दुआयों के विमान में उड़ने वाले उड़ता योगी अनुभव करेंगे ।

 

 ❉   निर्माण और निर्मानचित बन जब हद के मान, शान और सम्मान की इच्छा से मुक्त बिना किसी स्वार्थ भाव के, बेहद की दृष्टि, वृति रख सर्व आत्माओं के कल्याण की भावना रखते हुए स्वयं को हर प्रकार की सेवायों में व्यस्त रखेंगे तो बाप की और सर्व आत्माओं की दुआएं स्वत: प्राप्त होती रहेंगी और दुआओ के विमान में बैठ उड़ते योगी बन सदा उड़ते रहेंगे ।

 

 ❉   जो अपकारी पर भी उपकार करते हैं और मास्टर क्षमा का सागर बन सर्व आत्माओं की कमी कमजोरियों को स्वयं में समा लेते हैं वे सच्चे परोपकारी बन अपनी शुभचिंतन वृति द्वारा सर्व आत्माओं के प्रति शुभभावना शुभकामना रखते हुए सहज ही बाप की और सर्व की दुयायों के पात्र बन जाते है । और उड़ती कला का अनुभव करते हुए उड़ता योगी बन सदा उड़ते रहते हैं ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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