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   23 / 02 / 16  की  मुरली  से  चार्ट   

        TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ °सत्यता की स्व स्थिति° में टिकने का पुरुषार्थ किया ?

 

‖✓‖ "हम अभी °अमरलोक की स्थापना° करने के निमित है" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ विनाश के पहले अपना °सब कुछ सफल° करने पर विशेष अटेंशन रहा ?

 

‖✓‖ जल्दी जल्दी पड़कर °होशियार° बनने पर विशेष अटेंशन रहा ?

 

‖✓‖ °अशुद्ध खान पान त्यागने° का द्रिड संकल्प किया ?

 

‖✗‖ कोई भी °विकर्म न हो°, इसका ध्यान रखा ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ सच्ची लगन के आधार पर और संग तोड़ °एक संग जोड़ने° का पुरुषार्थ किया ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ °बेहद की वृति° वाले सेवाधारी बनकर रहे  ?

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)

 

➢➢ विष्णुपुरी में चलने के लिए स्वयं को लायक बनाना है । सम्पूर्ण पावन बनना है, अशुद्ध खान-पान त्याग कर देना है ।

 

  ❉   इस संगमयुग पर बेहद का बाप पतितों की दुनिया में अपने बच्चों को सुप्रीम टीचर बन पढ़ाने के लिए आते हैं व सदगति का रास्ता बताते हैं तो हमें अच्छी रीति ज्ञान को धारण कर पावन बनाना है ।

 

  ❉   बाप हमें पढ़ाकर 21 जन्मों के लिए वर्सा देने आये हैं तो हमें उस वर्से को पाने के लिए व नयी दुनिया में जाने के लिए पुरुषार्थ करना है व याद की यात्रा पर जाना है ।

 

  ❉   विष्णुपुरी में जाने के लिए स्वयं को सतोप्रधान बनाना है । अपने को आत्मा समझ आत्मा के पिता परमात्मा को याद करना है । याद से ही विकर्म विनाश होंगे व आत्मा शुद्ध पावन व सतोप्रधान बनेगी ।

 

  ❉   हमें बाप समान रहमदिल, नम्रचित्त और हर्षितमुख बनना है व दिव्य गुणों की धारणा करनी है । इस जन्म में देवताई संस्कार भरेंगे तभी तो नयी दुनिया में राजाई पद प्राप्त करेंगे । मनसा वाचा कर्मणा में पवित्रता रखनी है ।

 

  ❉   कहा भी गया है जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन । इसलिए खान पान पर पूरा ध्यान देना है । शुद्ध व सात्विक भोजन खाना है । तन व धन को सेवार्थ लगाना है व मन से सर्व के प्रति शुभ भावना रखनी है ।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-20)

 

➢➢ सच्ची लगन के आधार पर और संग तोड़ एक संग जोड़ने वाले सम्पूर्ण वफादार होते हैं...क्यों और कैसे ?

 

  ❉   इस पुरानी दुनिया में रहते देह व देह के सर्व सम्बंध निभाते निमित्त भाव हो व बस लगन एक बाप की हो कि मेरा तो शिव बाबा दूसरा न कोई । ऐसे संग बस बाप से ही जोड़ना है वही सच्चा वफादार होता है ।

 

  ❉   जिसके स्वप्न, संकल्प व हर कर्म में बाप की महिमा हो , बाप का ही ज्ञान हो व और कुछ दिखाई नहीं दे बस बाबा ही बाबा हो । ऐसे बाप संग जोड़ने वाले सम्पूर्ण वफादार होते हैं ।

 

  ❉   बुद्धि की तार बस एक बाप से जुड़ी हो तो किसी ओर के संग का रंग नही चढ़ता । इसलिए उनका वायदा होता है और संग तोड एक संग जोड - इस वायदे को निभाने वाले सच्चे व वफादार होते हैं ।

 

  ❉   सच्ची लगन होने से याद में प्रीत में इतना मगन होते हैं कि उन्हें कोई दूसरा दिखाई नही देता । ऐसे हमेशा स्वयं को हजार भुजाओं वाले बाप की छत्रछाया में अनुभव करते हर कर्म याद में करते वफादार होते हैं ।

 

  ❉   बेहद के बाप का संग ही सच्चा संग है जो सदा साथी है व इसी एक बाप के साथ सच्ची लगन व सच्चा प्यार से सर्व सम्बंध निभाते हुए वफादार होते हैं ।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-15)

 

➢➢ सत्यता की स्व - स्थिति परिस्थितियों में भी सम्पूर्ण बना देगी... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   परमात्मा बाप के दिल रूपी तख्त पर विराजमान होने का मुख्य साधन है सत्यता । जो बच्चे सत्य बाप के साथ सदा सत्य रहते हैं, कदम - कदम पर परमात्म बाप की मदद उनकी स्थिति को ऊँचा उठा कर उन्हें सभी परिस्थितियों में सम्पूर्ण बना देती है ।

 

 ❉   सत्य की नाव हिलती डुलती है लेकिन डूबती नही है इसलिए सत्यता का गुण व्यक्ति को साहस और दृढ़ निश्चय से हर कार्य को करने के लिए प्रेरित करता है और यह प्रेरणा उसकी स्व स्थिति को पावरफुल बना कर उसे हर परिस्थिति में विजयी बना देती है ।

 

 ❉   जहां सत्यता है वहां सरलता है और सरलता का गुण व्यक्ति के हर कार्य को यथार्थ और युक्तियुक्त बना कर उसे सिद्धि स्वरूप बना देता है और सिद्धि स्वरूप आत्मा अपनी शक्तिशाली स्थिति से हर परिस्थिति में अचल अडोल बन जाती है ।

 

 ❉   सत्यता की शक्ति व्यक्ति को निडर और निर्भय बनाती है और निर्भय व्यक्ति शक्ति स्वरूप बन अपनी शक्तियों के बल से हर मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति को भी सहज बना लेता है ।

 

 ❉   सदा सच की राह पर चलने वाला व्यक्ति अनुभवीमूर्त बन सदा नॉलेजफुल की सीट पर सेट रहता है और नॉलेजफुल की सीट, व्यक्ति को विपरीत परिस्तिथि में घबराने की बजाए उस परिस्तिथि को पार करने की सूझ - बूझ प्रदान कर उसे परिस्थितियों में भी सम्पूर्ण बना देती है ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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