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   19 / 02 / 16  की  मुरली  से  चार्ट   

        TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ अपनी °नयी राजधानी° के नशे में रहे ?

 

‖✓‖ °एक मत° होकर रहे ?

 

‖✓‖ एक दो को देखने की बजाये °स्वयं को देखा° और परिवर्तन किया ?

 

‖✓‖ °पढाई° पर पूरा ध्यान दिया ?

 

‖✓‖ °विकारों को छोड़ने° की मेहनत की ?

 

‖✗‖ कोई भी °ठाठ° तो नहीं की ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

 

‖✓‖ °अनुभव की विल पॉवर° द्वारा माया की विल पॉवर का सामना किया ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ "हम सारे विश्व में और सारे कल्प में सबसे °हाईएस्ट, महान और होलिएस्ट° हैं" - यह नशा रहा ?

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)

 

➢➢ स्वयं को राजाई का तिलक देने के लिए विकारों को छोड़ने की मेहनत करनी है ।

 

  ❉   अपने को आत्मा समझ परमात्मा को याद करना है । परमात्मा की याद में रहने से ही आत्मा पर लगी कट उतरती है व इसलिए विकारों पर जीत पाने के लिए याद की यात्रा में  रहने की मेहनत करनी है ।

 

  ❉   लौकिक में भी जो बच्चे ऊंच पद पाना चाहते है उसके लिए दिन रात मेहनत करते हैं फिर स्वयं भगवान हमें राजाई पद देने के लिए आए हैं तो उसे पाने के लिए हमें सतोप्रधान बनना ही है व विकारों को छोड़ने की मेहनत करनी है तभी ऊंच पद पायेंगे ।

 

  ❉   स्वयं बाप सुप्रीम टीचर बन पतित से पावन बनाने आते हैं तो हमें रुहानी पढ़ाई को रोज अच्छी रीति ध्यान से पढ़ना है ।

 

  ❉   मनसा वाचा कर्मणा पवित्र बनना है तभी स्व के अधिकारी अधिकारी बनेंगे और जो स्व के अधिकारी होते हैं वही राज्य अधिकारी होते हैं ।

 

  ❉   देहभान में रहकर ही विकारों में गिरते गए व सब कुछ गवां दिया । अब ड्रामानुसार स्वयं भगवान को भी आना पड़ता है अपने बच्चों को दुःखों से छुड़ाने के लिए । तो हमें बआप की श्रीमत पर चलते हुए व हमेशा साथ का अनुभव करते हुए देही अभिमानी बनना है ।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-20)

 

➢➢ अनुभव की विल पावर द्वारा माया की पावर का सामना करने वाले अनुभवीमूर्त होते हैं...क्यों और कैसे ?

 

  ❉   नॉलेजफुल होने से ज्ञान के हर प्वाइंट से अनुभवी आत्मा अपने अनुभव की विल पावर से माया का कैसा फोर्स आ जाए उसका सहज ही सामना कर लेती है व दूसरी आत्माओं को संतुष्ट करती है ।

 

  ❉   जितनी सामना करने की शक्ति होती है तो पहाड़ जैसी परिस्थिति भी रुई समान लगती है व परिस्थिति हमें अनुभवीमूर्त बनाकर आगे ही बढ़ाती है ।इसलिए हर खजाने को अनुभव में लाकर अनुभवीमूर्त बनते हैं ।

 

  ❉   जितना बुद्धि स्वच्छ और साफ रखते हैं उतना बुद्धियोग एक बाप से लगा रहता है । हर शक्ति की अनुभूति करने वाले ही अनुभवीमूर्त बनते हैं ।

 

  ❉   यदि हर पल यह याद रहे कि मैं किसका बच्चा हूं , किसका साथ मिला है , कौन मेरा साथी है तो सदा मुस्कराते रहेंगे और आनन्द की अनुभूति करते रहेंगे और माया भी आपकी दासी बन भाग जायेगी ।

 

  ❉   अनुभव बड़े से बड़ी अथोरिटी है व अनुभवी कभी भी किसी बात में धोखा नही खाते व माया का सामना कर अचल अडोल रहते हैं । अनुभव की विल पावर से औरों को अनुभवी बनाते हैं व अनुभव से सभी प्रभावित होते है ।

 

  ❉    अनुभव की विल पावर से स्वयं को सर्व शक्तिमान बाप की सच्ची शक्तिशाली आत्मा हूं । इसी अनुभव को बढ़ाते बाप की याद से विघ्नों को तोहफा बना सफलता प्राप्त कर अनुभवीमूर्त होते हैं ।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-15)

 

➢➢ एक दो को देखने के बजाए स्वयं को देखो और परिवर्तन करो... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन गाया हुआ है, इसलिए एक दो को देखने की बजाए जब स्वयं को देखेंगे तो स्वयं का परिवर्तन कर औरों का परिवर्तन कर सकेंगे ।

 

 ❉   एक दो को देखने के बजाए जब स्वयं को देखेंगे तो गुणग्राही बन औरों के गुणों को धारण कर स्वयं की कमी कमजोरियों को परिवर्तित कर अपने पुरुषार्थ में तीव्रता ला सकेंगे ।

 

 ❉   एक दो को ना देख कर, स्वयं को देखते हुए जब फॉलो फादर करेंगे तो बाप समान बनने का लक्ष्य रख स्वयं का परिवर्तन करते हुए उस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते रहेंगे ।

 

 ❉   दूसरों को ना देख, स्वयं को देख जब स्वयं को परिवर्तित करेंगे तो दूसरों के सामने स्वयं को एक सैम्पल के रूप के प्रत्यक्ष कर सकेंगे जिससे दूसरों का परिवर्तन स्वत: ही हो जाएगा ।

 

 ❉   व्यर्थ से बेपरवाह बन, मर्यादाओं में रहने के लिए आवश्यक है एक दो को देखने की बजाए स्वयं को देखना और परिवर्तन करना । इससे सदा आत्मिक शक्ति और एनर्जी जमा होती रहेगी और स्व - उन्नति होती जायेगी ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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