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 19 / 04 / 16  की  मुरली  से  चार्ट  

       TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks: 3*5=15)

 

‖✓‖ "यह °ईश्वरीय जन्म° बहुत बहुत अमूल्य है" - यह स्मृति रही ?

 

‖✓‖ रूहानी यात्रा में रहकर दूसरों को °रूहानी यात्रा° सिखाई ?

 

‖✓‖ जितना हो सके - °सच की कमाई° में लगे रहे ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:2*10=20)

 

‖✓‖ बर्थ राईट के नशे द्वारा °लक्ष्य और लक्ष्ण° को समान बनाया ?

 

‖✓‖ हर कर्म °स्व स्थिति° में स्थित होकर किया ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks: 15)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ स्वयं के प्रति व औरों के प्रति °वहम से मुक्त° रहे ?

 

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∫∫ 4 ∫∫ स्वमान का अभ्यास (Marks:-10)

 

➢➢ मैं तकदीरवान आत्मा हूँ ।

 

✺ आज का योगाभ्यास / दृढ़ संकल्प :-

 

➳ _ ➳  मैं आत्मा चलती हूँ अपने प्यारे वतन की ओर... इस देह को छोड़, प्रकृति के पांच तत्वों से दूर... इस पूरे मांडवे को रोशनी देते सूर्य, चाँद, तारागणों से भी पार एक अलौकिक वतन में... जहाँ प्रकाश ही प्रकाश है... जहां मुझ आत्मा का सम्पूर्ण प्रकाशमय शरीर अपनी सम्पूर्णता को धारण किये हुए विद्यमान है... एक ऐसा सूक्ष्म लोक, जहाँ ब्रह्मा बाबा अपने सम्पूर्ण, सम्पन्न, सफ़ेद प्रकाश के फरिश्ता रूप में आज भी हम बच्चों के सम्पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहें हैं... मैं आत्मा पहुंचती हूँ इस पवित्र लोक में... ब्रह्मा बाबा फरिश्ता रूप में मेरे सामने हैं... उन्हें सामने पाकर बरबस ही उन्हें फरिश्ता बनाने वाले पिता शिव की याद आ रही है... मन के संकल्पों को नयनों से पढ़ने वाले बाबा ने मुझ आत्मा के संकल्पों को पढ़ते ही शिव पिता का आह्वान किया और अगले ही पल परमात्म शिव ब्रह्मलोक में प्रवेश कर उनके बाजू में आकर बैठ गये हैं... आह ! कितना अद्भुत, अविस्मरणीय और अलौकिक  दृश्य है यह... मैं आत्मा श्रेष्ठ तकदीरवान होने का अनुभव कर रहीं हूँ... जिस प्रकार लौकिक जन्म में स्थूल सम्पत्ति बर्थ राईट होता है, उसी प्रकार यह दिव्यगुण रूपी सम्पत्ति, ईश्वरीय सुख और शक्ति मुझ ब्राह्मण आत्मा का बर्थ राईट है... मैं आत्मा आज बापदादा के समक्ष इस ब्रह्मलोक में यह दृढ़ संकल्प करती हूँ कि मुझ आत्मा में बर्थ राईट का नशा सदा नेचुरल रूप में रहेगा... इस नशे के द्वारा मुझ आत्मा का लक्ष्य और लक्षण समान हो जायेंगे... मैं आत्मा यह दृढ़ संकल्प कर स्वयं को जो हूँ, जैसा हूँ, जिस श्रेष्ठ बाप और परिवार का हूँ उस वास्तविकता की सीट पर सेट कर श्रेष्ठ तकदीरवान आत्मा बनने का अनुभव कर रहीं हूँ ।

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∫∫ 5 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - पावन बनो तो रूहानी सेवा के लायक बनेगे देही अभिमानी बच्चे रूहानी यात्रा पर रहेंगे और दुसरो को भी यही यात्रा कराएंगे"

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे बच्चो पावनता का दामन सदा पकड़े रहो तो जन्नत का सुख कदमो में बिखर बिखर जायेगा... अपने सच्चे स्वरूप की यादो में रह ओरो को भी इन यादो में भर पाओगे...उन्हें भी सुख भरी दुनिया दिला पाओगे...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो...आपकी पवित्रता की दीवानी यह दुनिया सारी होगी... आपकी सुंदर स्तिथि जग की स्तिथि को ऊँचा उठाएगी... आपके नक्शे कदमो पर चल संसार महक उठेगा...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मीठे प्यारे बच्चों जितना जितना स्वरूप की यादो में डूबोगे...संसार मुरीद हो चलेगा... यह रूहानी यात्री बन कइयो को यात्रा का अनुभव कराओ... इस सुखकारी स्तिथि को जरा उनके जीवन में भर आओ...

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चों पावन बनने से ऐसा सुंदर जादू करते हो की पूरा विश्व कायल हो चले आपकी रूहानियत का...देही अभिमानी स्तिथि तो चार चाँद से लगाये और सबको आपकी रूहानियत आकर्षित कर दीवाना सा बना जाय...

 

 ❉   मेरा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों पवित्रता से सिरमौर बन दुनिया पर राज करते हो...जितना आत्मिक भाव को जीते हो उतने प्रकाशित हो रौशनी से भरते हो...सबको यही लाईट दे रोशन करते हो.... खुद भी सवरते हो और सबको भी सवारते हो...

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∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-10)

 

➢➢ जितना हो सके - सच की कमाई में लग जाना है । निरोगी बनने के लिए याद में मजबूत रहना है ।

 

  ❉   लौकिक में जो पढ़ाई पढ़ते उसके लिए दिन रात मेहनत करते व फिर डिग्री लेकर जो कमाई की उससे अल्पकाल का ही सुख मिला व इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर सुप्रीम टीचर ने ही सत्य ज्ञान दिया व अविनाशी कमाई का रास्ता दिखाया । इसलिए विनाशी कमाई से मोह तोड़ सच्ची कमाई में लग जाना है ।

 

  ❉   बेहद के बाप सुप्रीम टीचर बन जो पढ़ाते हैं वो ही सोर्स आफ इन्कम है व सच्ची सच्ची अविनाशी कमाई है जिसकी प्रालब्ध हमें 21 जन्मों तक मिलती है । इसलिए इस पढ़ाई को अच्छी रीति पढ़कर धारण करना है ।

 

  ❉   लौकिक में जो पढ़ाई करके भले कितना धन कमाते वो कुछ भी साथ नही जाता । अब हमें सच्चा सच्चा बाबा मिला है जो पढ़ाकर सच्ची कमाई करा रहा है व वही कमाई साथ जानी है । इसलिए ज्यादा से ज्यादा बाप की याद में रह सच की कमाई में लग जाना है ।

 

  ❉   बाप को और वर्से को याद करना है । बाप से ही 21 जन्मों के लिए वर्सा मिलता है । 21 जन्मों के लिए निरोगी काया रहती है क्योंकि सतयुग में अकाले मृत्यु नही होती ।

 

  ❉   जितना याद में ज्यादा रहते है तो आत्मा पर लगी विकारों की कट उतरती जाती है । आत्मा शुद्ध व पावन बनती जाती है । आत्मा शुद्ध व पावन होती है तो शरीर भी सतोप्रधान होता है । इसलिए निरोगी बनने के लिए याद का बल जमा करना है ।

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∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ बर्थ राइट के नशे द्वारा लक्ष्य और लक्षण को समान बनाने वाले श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं... क्यों और कैसे ?

 

  ❉   जिन बच्चों को ये नशा होता है कि मैं तो आलमाइटी अथारिटी बाप का बच्चा हूं व मेरा बर्थ राइट है  मैं मास्टर आलमाइटी हूं , लाइट और माइट से भरपूर हूं और मुझे सबको अपनी दृष्टि से निहाल करना है व सबके प्रति शुभ भावना शुभ कामना की दृष्टि रखनी है । ऐसे बच्चे श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।

 

  ❉   मैं दाता का बच्चा हूं व मैं मास्टर दाता हूं व बाप की प्रापर्टी, गुणों, खजानों, शक्तियों पर मेरा बर्थ राइट है जो बाप की हैं वो मेरी हैं ।  बाप ने हमें खजानों से, गुणों से, शक्तियों से भरपूर किया है तो हमें मास्टर दाता बन सर्व खजानें औरों के प्रति वरदानी व महादानी बन देने हैं ।

 

  ❉   बाबा कहते हैं बच्चे सफलता तुम्हारा जन्मसिद्ध अधिकार है तो हमेशा इसी लक्ष्य को याद रखते हुए हर परिस्थिति में आगे बढ़ते है । अपनी स्थिति अंगद समान अचल अडोल रखता है क्यूंकि बर्थ राइट का नशा है व नॉलेजफुल है कि सफलता तो हुई ही पड़ी है । कोई भी परिस्थिति हिला नही सकती क्योंकि परमात्मा का हाथ व साथ है । ऐसे बर्थ राइट के नशे द्वारा लक्ष्य और लक्षण समान बनाने वाले श्रेष्ठवान तकदीरवान होते हैं ।

  

  ❉   मैं भगवान का बच्चा हूं व मैं अपने बाप के वर्से का अधिकारी हूं व मेरा उस पर बर्थ राइट है कितनी भाग्यशाली हूं कि पूरी सृष्टि की मालिक । बाप सुप्रीम टीचर बन पढ़ाकर आप समान मास्टर भगवान भगवती बना रहे है तो जो बच्चे  अच्छी रीति पुरुषार्थ कर दिव्य गुण धारण करते वे लक्ष्य और लक्षण समान बनाने वाले बन श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।

 

  ❉   जैसे लौकिक जन्म में स्थूल सम्पत्ति बर्थ राइट होती है ऐसे ब्राह्मण जन्म में दिव्य गुण रुपी सम्पत्ति, ईश्वरीय गुण व शक्ति बर्थ राइट हैं । बर्थ राइट का नशा नेचुरल रहता है तो मेहनत नही करनी पड़ती । इस नशे से लक्ष्य और लक्षण समान हो जाते हैं और श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।

 

  ❉   जैसे राजा का बेटा होता तो उसे अपने बाप के पद का व बर्थ राइट का नशा होता है व वैसा ही लक्षय व लक्षण रखता हुआ श्रेष्ठ तकदीरवान समझता है । हम तो बेहद के बाप के बच्चे हैं । मैं जो हूं जैसा हूं जिस श्रेष्ठ बाप और परिवार का हूं ऐसा जानते मानते हुए अपने लक्षय और लक्षण को समान रखते श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।

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∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ हर कर्म स्व स्थिति में स्थित होकर करो तो सहज ही सफलता के सितारे बन जाएंगे... क्यों और कैसे ?

 

 ❉   स्व स्थिति में स्थित होकर जब हर कर्म करेंगे तो अपनी ऑथोरिटीज कोप्राप्त हुई सर्व शक्तियों, सर्व खजानों और वरदानो को अच्छी तरह से यूज कर पाएंगे । यह पोजीशन माया के हर विघ्न से परे निर्विघ्न स्थिति में स्थित कर सफलता का सितारा बना देगी ।

 

 ❉   हर कर्म स्व स्थिति में स्थित होकर करेंगे तो एक तो सदा साथी पन का अनुभव करेंगे और दूसरा साक्षी पन की स्टेज पर स्थित रहेंगे । एक साथी और दूसरा साक्षी यह दोनों अनुभव जब होंगे तो सफलता के सितारे बन हर कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकेंगे ।

 

 ❉   स्व स्थिति में जब स्थित होकर हर कर्म करेंगे तो अपनी इस सर्वश्रेष्ठ अथॉरिटी की खुमारी में रहेंगे कि हम विश्व को झुकाने वाले हैं । और विश्व को झुकाने वाले कभी किसी के आगे झुक नहीं सकते । इस अथॉरिटी की खुमारी सफलतामूर्त बना देगी और हम सहज ही सफलता के सितारे बन जाएंगे ।

 

 ❉   हर करम स्व स्थिति में स्थित होकर करने से सर्व शक्तियां सदा सहयोगी बन जाएंगी । और आर्डर प्रमाण कार्य करेंगी । जितना जितना सर्व शक्तियों को अपने ऑर्डर में रखेंगे और समय प्रमाण कार्य में लगाएंगे तो सहज ही माया जीत बन जाएंगे और हर कार्य में सफलता प्राप्त करते जाएंगे ।

 

 ❉   स्व स्थिति में स्थित आत्मा सदा अपने को सर्वशक्तिमान बाप के साथ कम्बाइंड अनुभव करेगी और सदा श्रीमत का हाथ छत्रछाया के रूप में अपने ऊपर अनुभव करती रहेगी । दृढ़ता की चाबी की अधिकारी होने के कारण स्वयं को सदा सफलता के खजाने की मालिक अनुभव करेगी और सफलता का सितारा बन जाएगी ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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