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❍ 26 / 03 / 16 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ °रहम की दृष्टि° से सर्व आत्माओं को परिवर्तित किया ?
‖✓‖ °पतित से पावन° बनाने की सेवा की ?
‖✓‖ °मास्टर ज्ञान सागर° बनकर रहे ?
‖✓‖ बाप ने जो °शास्त्रों का सार° सुनाया है, वह बुधी में रख सदा हर्षित रहे ?
‖✓‖ °एक बाप की श्रीमत° का हर पल पालन किया ?
‖✓‖ °देह के सर्व धर्म त्याग° आत्म अभिमानी बनने की मेहनत की ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
‖✓‖ अपने °प्रतक्ष्य प्रमाण° द्वारा बाप को प्रतक्ष्य किया ?
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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )
‖✓‖ खूब खेलते, खाते, मौज करते बापदादा से प्राप्त "°अविनाशी भव°" के वरदान का अनुभव किया ?
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http://bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/26.03.16-VisheshPurusharth.htm
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∫∫ 4 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हे सदगति की सबसे प्यारी मत मिली है कि देह के सब धर्म त्याग आत्म अभिमानी भव, मामेकम् याद करो"
❉ प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों ऐसे शानदार भाग्य वाले हो कि विश्वपिता सेवा में हाजिर है... और अपने सारे संकल्प आप पर लुटा रहा... ज्ञान के खजाने देकर शाहो का शाह बना रहा... अब इस झूठे खोल को छोड़ उस जादूगर पिता को याद करो...
❉ मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो सारी दुनिया मुझे पुकार रही पर मेरा दिल आप बच्चों के लिए धड़कता है... अब अपनी किस्मत का जश्न सा मनाओ... ये खोखले आवरण छोड़ तख्त पर विराजित हो... मेरी यादो में पलों को सदा का सुनहरा बनाओ....
❉ मीठा बाबा कहे - मीठे बच्चों सारे संसार के लिए मै प्यारा हूँ पर अपनी प्यारी मत आप ख़ास बच्चों के लिए हथेली पर जेसे लाया हूँ... अब देह में उलझने की फिर भूल न करो... मुझ में खो जाओ मेरे साथ पारस बन चमक जाओ...
❉ प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चों आत्म अभिमानी होना ही सारे सुखो को कदमो में बिछाएगा... अब ये मिट्टी में मैले न बनो पिता की प्यारी सी मत को सांसो में पिरो लो... ये मिटटी के रिश्ते तुम्हे मिटा जायेंगे... मेरी यादो के हाथ ही भव सागर से पार निकालेंगे...
❉ मेरा बाबा कहे - बच्चे मेरे... जरा अपने भाग्य पर इतराओ खुशियो के गीत गाओ... प्यारे बाबा की प्यारी मत के अधिकारी बने हो... अब सुख के दिन आये की आये... आत्मन राजा बन जरा राजाई में लहराओ... मेरे मीठे प्यार की शीतल छाया में जनमो का सुख पाओ...
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∫∫ 5 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)
➢➢ मास्टर ज्ञान सागर बन पतित से पावन बनाने की सेवा करनी है ।
❉ ज्ञान सागर बाप अपने बच्चों को रोज ज्ञान रत्नों से नवाजते है श्रृंगार कर सजाते हैं व पतित से पावन बनाते हैं तो हमें मास्टर ज्ञान सागर बन उन्हें अच्छी रीति धारण कर पतित से पावन बनना है व दूसरों को भी पावन बनाने की सेवा करनी है ।
❉ मनसा वाचा कर्मणा पवित्र बनना है । किसी के प्रति संकल्प में भी अशुभ या अमंगल नहीं सोचना है । मास्टर ज्ञान सागर बन देही-अभिमानी होकर भ्रमरी की भांति ज्ञान की भूं-भूं करते रहना है और पतित से पावन बनाने की सेवा करनी है ।
❉ अभी तक घोर अज्ञानता के कारण देह व देह के सम्बन्धो में विकारों में गिरते गए व पतित हो गए इस संगम पर पतित पावन बाप ने अपना बनाया है व विषयवितरणी नदी से निकाला है तो हमें मास्टर ज्ञान सागर बन दूसरों को ज्ञान देकर पावन बनाने की सेवा करनी है
❉ मास्टर ज्ञान सागर बन ज्ञान का मनन कर उसे प्रेक्टिकल स्वरुप में धारण कर स्वयं याद की यात्रा में रहते हुए पावन बनना है । अज्ञानी आत्माओं को बाप का परिचय देकर दूसरों को भी पावन बनाना है ।
❉ ज्ञानसागर बाप के बच्चे मास्टर ज्ञान सागर हैं व ज्ञान खजानों से भरपूर है मालामाल हैं। हमें श्रीमत पर चलते हुए ज्ञान सागर बाप को याद कर विकर्मों का विनाश कर पावन बनना है व दूसरों को भी बाप से मिलाकर पावन बनाने की सेवा करनी है ।
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∫∫ 6 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-15)
➢➢ अपने प्रयत्क्ष प्रमाण द्वारा बाप को प्रयत्क्ष करने श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं... क्यों और कैसे ?
❉ कोई भी बात को प्रयत्क्ष करने के लिए अनेक प्रमाण दिए जाते हैं ।लेकिन सबसे श्रेष्ठ प्रमाण प्रयत्क्ष प्रमाण है । प्रयत्क्ष में मैं जो हूं जिसका हूं उसी असली स्मृति में रहना व रियालाइजेशन करना ही प्रयत्क्ष प्रमाण है । जो बच्चे अपने यथार्थ या अनादि स्वरुप में स्थित रहते हैं वही बाप को प्रयत्क्ष करने वाले श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।
❉ जैसे बाप अपने बच्चों के लिए सर्विस के लिए एवररेडी रहता है ऐसे ही जिन बच्चों मे ये फुरना रहता कि बस हमें रुहानी सर्विस कर दूसरों को आप समान बनाना ही है व अथक सेवाधारी बन बाप को प्रयत्क्ष करने वाले श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।
❉ अपनी रहमदिल की भावना से दुःखी तडपती अशांत आत्माओं को सुख शांति की वायब्रेशनस देकर व सर्व के प्रति कल्याण की भावना रखते हुए उन्हें बाप से मिलाकर दुआयें प्राप्त करते हैं व अपने प्रयत्क्ष प्रमाण द्वारा बाप को प्रयत्क्ष कर सौभाग्यशाली होते हैं ।
❉ सर्वशक्तिमान बाप का हाथ व साथ अपने साथ अनुभव करते हुए कितनी बड़ी से बड़ी परिस्थिति को भी खेल समझआसानी से पार कर लेते । हर परिस्थिति में खुश रहते हैं व बेफिकर बादशाह होते हैं । क्योंकि बाप को प्रयत्क्ष करने में अपने साथ अनुभव करते है व बाप भी साथी बनकर साथ रहते हैं । ऐसे बच्चे श्रेष्ठ तकदीरवान होते हैं ।
❉ क्योंकि बाप से ही सर्व सम्बंध रखते व एक बाप की याद में ही लीन रहते । जादू की चाबी को सदा साथ रखते । बस 'बाबा' कहा और बाबा हाजिर । किसी काम में मेहनत नहीं लगती क्योंकि करनकरावनहार साथ है । ऐसे प्रयत्क्ष प्रमाण द्वारा बाप को प्रयत्क्ष कर तकदीरवान होते हैं ।
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∫∫ 7 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ अपने रहम की दृष्टि से हर आत्मा को परिवर्तन करने वाले ही पुण्य आत्मा हैं... क्यों और कैसे ?
❉ पुराने स्वभाव - संस्कारों के परवश हुई आत्मा को उन स्वभाव संस्कारों से तभी छुटकारा दिला पायेंगे जब रहम की दृष्टि रखते हुए अपने शुभ और श्रेष्ठ वायब्रेशन उन तक पहुंचाएंगे और पुण्य आत्मा भी तभी कहलायेंगे ।
❉ मास्टर ज्ञान सूर्य बन, अज्ञान अंधकार में भटकती आत्माओं को रास्ता दिखा कर उनके अंधकारमय जीवन को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित करना ही सबसे बड़ा पुण्य है और ऐसे पुण्य आत्मा तभी बन पाएंगे जब सर्व आत्माओं के प्रति रहम की दृष्टि, वृति होगी ।
❉ हर संकल्प और कर्म विश्व कल्याण के प्रति करते हुए जब सर्व आत्माओं के प्रति रहम की दृष्टि रख, अपने शुभ और श्रेष्ठ संकल्पों द्वारा उनके नेगेटिव चिंतन को पॉजिटिव में परिवर्तन कर देंगे तभी पुण्य आत्मा कहलायेंगे ।
❉ सर्व गुणों, सर्व शक्तियों और सर्व खजानों से सम्पन्न बन , सर्व आत्माओं के प्रति रहम की दृष्टि रखते हुए उन्हें भिखारी से अधिकारी बनाने का लक्ष्य रख उनकी दृष्टि, वृति को परिवर्तित करने वाले ही पुण्य आत्मा कहे जाते हैं ।
❉ पुण्य आत्मा वह है जो सम्बन्ध, सम्पर्क में आने वाली कमजोर आत्माओं के प्रति रहम की दृष्टि रख उन्हें सर्व प्राप्तियों का अनुभव करवाते हुए उनके कमजोरी के संस्कारों को परिवर्तित कर उन्हें उमंग - उत्साह से भरपूर कर देते हैं ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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