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 31 / 03 / 16  की  मुरली  से  चार्ट  

       TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)

 

‖✓‖ °फॉलो फादर° किया ?

 

‖✓‖ अपने सर्व खजानों को सफल कर °महादानी आत्मा° बनकर रहे ?

 

‖✓‖ श्रीमत पर तत्वों सहित °सारी दुनिया को पावन° बनाने की सेवा की ?

 

‖✓‖ "यह अंतिम जन्म है, °अब घर जाना है°" - इसी ख़ुशी में अन्दर ही अन्दर नगाड़े बजते रहे ?

 

‖✓‖ °कर्मभोग को कर्मयोग° से चुक्तु किया ?

 

‖✓‖ °धंधा आदि करते° याद में रहने का अभ्यास किया ?

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)

 

‖✓‖ °कनेक्शन और रिलेशन° द्वारा मनसा शक्ति के प्रतक्ष्य प्रमाण देखे ?

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

‖✓‖ °याद और सेवा° का बैलेंस रहा ?

 

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To Read Vishesh Purusharth In Detail, Press The Following Link:-

 

http://bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/31.03.16-VisheshPurusharth.htm

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∫∫ 4 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ "मीठे बच्चे - तुम्हे श्रीमत पर तत्वों सहित सारी दुनिया को पावन बनाने की सेवा करनी है,सबको सुख और शांति का रास्ता बताना है"

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों जो सुख मुझ पिता से तुम बच्चों ने पाया है उसे सारे जहान में लुटाना है... कोने कोने में सुख और शांति का गुंजन हो... यह धरती क्या... आसमाँ क्या... दसो दिशाओ में मीठा अनहद नाद सुनाना है...

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो मुझसे पाये सुख और शांति के बादलो को पूरी प्रकर्ति पर बरसाना है...सुखो की मखमली चादर प्रकर्ति पर जरा बिछाना है... मेरी श्रीमत से इस दुनिया को सोने के रंग में रँगना है... और शांति की रंगोली सजाना है

 

 ❉   मीठा बाबा कहे - मीठे बच्चों आप श्रीमत से जो सुख और शांति की खान बने हो... उस खजाने से प्रकर्ति को निर्मल बना सुकून दो... तपती झुलसी और उम्मीदों से निहारती को सुख और शांति की अंचली से भर दो... जो सागर भर चले हो उसे बरसाओ...

 

 ❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चों... आपके कदमो में सुख और शांति की छाया है... इन कदमो से पूरे विश्व को नाप दो... सारा विश्व पावनता से महक उठे... ऐसे श्रीमत में भरे कदम उठाओ और सारी दुनिया को शांति की तरंगो से अभिभूत कर जाओ...

 

 ❉   मेरा बाबा कहे - मेरे बच्चों... ये प्रकर्ति... ये पांचो तत्व आपके सुख और शांति की तरंगो के जनमो से प्यासे है... अब इनकी प्यास बुझाओ... सुख और शांति की सुनहरी... हरी भरी छटा फैलाओ... श्रीमत के खजाने इन पर लुटाओ...  सुख की बदली बन प्यासे विश्व को तृप्त बनाओ...

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∫∫ 5 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)

 

➢➢ यह अंतिम जन्म है , अब घर जाना है इसलिए खुशी में अंदर ही अंदर नगाड़े बजते रहे ।

 

  ❉   हम खेलते खेलते नीचे आ गए व हम स्वयं को व अपने घर को भूल गए । इसलिए नीचे गिरते गए व दुःखी पतित हो गए तो पुकारने लगे हे पतित ते पावन आओ । तो बाप अपने बच्चों को दुखी देखकर लेने आए हैं । हमें पावन बन बाप के साथ घर वापिस जाना है ।

 

  ❉   क्योंकि बाप भी ड्रामा में बंधायमान है व इस संगमयुग पर ही आते हैं व हमें इस पुरानी दुनिया से मोह छोड़ना है ।  नयी दुनिया सतोप्रधान है व हमें नयी दुनिया में जाना है तो हमें पावन जरुर बनना है ।

 

  ❉   बाप की श्रीमत है कि इस अंतिम जन्म पावन जरुर बनना है व पावन बने बगैर हम घर वापिस नही जा सकते । इसलिए ऊंच ते ऊंच बाप का फरमानदार व आज्ञाकारी बच्चा बन पावन बनना है व बाप के साथ घर वापिस जाना है ।

 

  ❉   जैसे लौकिक में नये घर में जाना होता है तो कितनी खुशी होती है व पुराने से मोह खत्म होने लगता व यही लगता है कि अब तो नए घर में जाकर ऐसे करेंगे । ऐसे ही हमें पुराने देह व देह के सर्वसम्बंधों को भूलाकर बस नए घर जाने का व स्वर्ग की बादशाही का नशा होना चाहिए ।

 

  ❉   ये पुराना शरीर पुरानी जूती है व यहां कलयुग में शरीर भी पावन नही होता । कलयुग के बाद सतयुग नयी दुनिया में शरीर भी पावन होता है व आत्मा भी । यह अंतिम जन्म है व हर घडी अंतिम घड़ी है । इसलिए बाप की श्रीमत पर चलते हुए श्रेष्ठ पुरुषार्थ कर श्रेष्ठाचारी बनना है । नयी सतयुगी दुनिया में जाने की खुशी में अंदर नगाडे बजते रहें ।

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∫∫ 6 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-15)

 

➢➢ कनेक्शन और रिलेशन द्वारा मनसा शक्ति के प्रयत्क्ष प्रमाण देखने वाले सूक्ष्म सेवाधारी होते हैं... क्यों और कैसे ?

 

  ❉   जब ये पाठ पक्का होता है कि मैं कौन हूं व किसका हूं और सर्व प्राप्तियों का नशा होता है तो बुद्धियोग एक बाप के साथ जुड़ा रहता है और सर्व सम्बंध भी एक बाप से होते हैं । ऐसे बच्चे मनसा शक्ति के प्रयत्क्ष प्रमाण देखते सूक्ष्म सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   जैसे वाणी की शक्ति वा कर्म की शक्ति का प्रयत्क्ष प्रमाण दिखाई देता है वैसे सबसे पावरफुल साइलेंस शक्ति का प्रमाण दिखने के लिए बापदादा से निरंतर क्लीयर कनेक्शन और रिलेशन हो ।

 

  ❉   लौकिक में भी देखते हैं जिस व्यक्ति से रिलेशन होता है तो उसकी याद स्वतः सहज ही रहती है ऐसे ही एक बाप से प्यार से प्यारा होने का सहज कनेक्शन और रिलेशन होता है तो हर संकल्प व कर्म बाप के प्रति होता है तो स्वयं सम्पन्न होकर मनसा शक्ति से सेवा करने वाले सूक्ष्म सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   जैसे बिजली की तार का कनेक्शन ठीक जुड़ा होता है तो सप्लाई सही आती है । ऐसे ही आत्मा का परमात्मा रुपी  तार से कनेक्शन सही जुड़ जाता है तो मन इधर उधर नही भटकता । तो बाप की याद के जादू का मंत्र से बाप को समीप समझते तथा मास्टर सर्वशक्तिमान समझते मनसा शक्ति के प्रयत्क्ष प्रमाण देखने वाले सेवाधारी होते हैं ।

 

  ❉   जब बाप के साथ कम्बाइंड स्वरुप में रहते व कनेक्शन लाइट हाऊस से जुड़ा रहता है तो कैसा भी दुःख का, अशांति का वातावरण हो ऐसे वातावरण में भी सदा खुश रहते हैं व अपनी खुशी की झलक से दुःख और उदासी अशांति वाले वातावरण को परिवर्तन करते जैसे सूर्य अंधकार को । मनसा शक्ति द्वारा प्रयत्क्ष प्रमाण देखने वाले सूक्ष्म सेवाधारी होते है ।

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∫∫ 7 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)

 

➢➢ अपने सर्व खजानों को सफल करने वाले ही महादानी आत्मा हैं... कैसे ?

 

 ❉   सर्व खजानों के जमा का आधार है समय के श्रेष्ठ खजाने को सफल करना । जितना समय के खजाने को स्वयं के वा सर्व के कल्याण प्रति लगते रहेंगे अन्य सर्व खजाने स्वत: ही जमा होते जायेंगे और अपनी कल्याणकारी भावना के आधार पर , महादानी बन सर्व खजानो को सफल करते जायेंगे ।

 

 ❉   ब्राह्मणों के आदि, अनादि संस्कार सदा विजय के हैं, सम्पन्न बनने के हैं इसलिए जितना सर्व प्राप्ति सम्पन्न स्वरूप बन सर्व खज़ानों को स्वयं के वा सर्व आत्माओं के कल्याणार्थ यूज़ करेंगे उतना खजानो में वृद्धि होती जायेगी और महादानी बन एक का पदमगुणा जमा कर पायेंगे ।

 

 ❉   जितना स्वयं को अखुट खज़ानों से सम्पन्न तृप्त आत्मा अनुभव करेंगे उतना बाप और खज़ानों की स्मृति से ख़ुशी में झूमते रहेंगे और इस ख़ुशी के ख़जाने को महादानी बन जितना सर्व आत्माओं के प्रति यूज़ करेंगे उतने इन खजानों से मालामाल बनते जाएंगे ।

 

 ❉   याद और सेवा का डबल लॉक यदि लगा रहेगा तो माया खजाने लूट नही सकेगी जिससे स्वयं को भरपूर अनुभव करेंगे और कर्म योगी बन हर कर्म करते रहेंगे तथा महादानी बन मनसा द्वारा सर्व खजाने सर्व आत्माओ पर लुटाते हुए डबल सेवा करते हुए सर्व खज़ानों को जमा करते जायेंगे ।

 

 ❉   अपने संकल्प के ख़जाने वा एनर्जी को पहचान कर जब कार्य में लगाएंगे तब ही सर्व संकल्प सिद्ध होंगे और सिद्धि स्वरूप आत्मा बन सर्व खजानो को सफलतापूर्वक सर्व आत्माओं प्रति यूज़ कर पायेंगे । और महादानी बन उन्हें व्यर्थ जाने से बचा कर यथार्थ रीति सफल कर पायेंगे ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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