━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
❍ 22 / 02 / 16 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks:- 6*5=30)
‖✓‖ बाप को जानकर °दिल से बाबा° कहा ?
‖✓‖ "अभी भारत ख़ास और आम सारी दुनिया पर °ब्रहस्पति की दशा° बैठनी है" - यह स्मृति रही ?
‖✓‖ अविनाशी ज्ञान रत्नों का सौदा कर °आत्माओं का कल्याण° करने में समय दिया ?
‖✓‖ °हसीन बनने और बनाने° पर अटेंशन दिया ?
‖✓‖ "दे दान तो छूटे ग्रहण" - यह स्मृति में रख °काम विकार का दान° दिया ?
‖✓‖ जो भी °अन्दर में कांटे° हैं, उनकी जांच कर निकालने पर विशेष अटेंशन रहा ?
──────────────────────────
∫∫ 2 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks:-10)
‖✓‖ स्थूल व सूक्षम में °हर फरमान का पालन° किया ?
──────────────────────────
∫∫ 3 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:-10)
( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )
‖✓‖ बापदादा के °डायरेक्शन प्रमाण° हर संकल्प व हर कदम उठाया ?
──────────────────────────
∫∫ 6 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)
➢➢ जो भी अंदर में कांटे हैं उनकी जांच कर निकालना है । रामपुरी में चलने का पुरुषार्थ करना है ।
❉ इस संगमयुग पर बाप ने हमें घोर अंधियारे से निकाल ज्ञान का दिव्य नेत्र दिया है तो अब हमें अपने असली स्वरुप को पहचान अपने सबसे बड़े कांटे देहभान को निकालना है व देही अभिमानी बनना है ।
❉ अपनी जांच करनी है कि मेरे अंदर अभी भी कोई विकार तो नही है । अगर अभी क्रोध का या लोभ का या मोह का अंश मात्र भी है तो उसे खत्म करना है क्योंकि अंश से ही वंश बन जाता है ।
❉ ऊंच ते ऊंच बाप हमें इस पतित दुनिया में कांटे से फूल बनाने आते हैं फिर कांटा क्यूं बनना । हमें पुरुषार्थ कर योगबल से अपने विकारों को भस्म करना है । काम विकार पर जीत पाकर जगतजीत बनना है ।
❉ भक्ति में गीत गाते हैं- चारों तरफ लगाये फेरे फिर भी हरदम दूर रहे । मनुष्य कितनी तीर्थ यात्रायें करता है पर मिलता कुछ भी नही । बाप तो कितनी सहज युक्ति बताते है कि मामेकम् याद करो याद की यात्रा पर रहो । बस सारे विकर्म विनाश हो जायेंगे । याद की यात्रा में रह रामपुरी जाने का पुरुबषार्थ करना है ।
❉ जब बाप हमें अपने साथ रामपुरी में ले जाने के लिए आये हैं तो हमें देवता बनने जैसा पुरुषार्थ करना है । पुराने स्वभाव संस्कार व विकारों को छोड़ना है । दिव्य गुणों की धारणा कर पवित्र बनना है ।
──────────────────────────
∫∫ 7 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-20)
➢➢ स्थूल या सूक्ष्म में हर फरमान को पालन करने वाले फरमानबरदार होते हैं...क्यों और कैसे ?
❉ स्थूल या सूक्ष्म फरमान पालन करने की शक्ति उन्हीं बच्चों में आ सकती है जो हर छोटी से छोटी बात व सूक्ष्म से सूक्ष्म बात का पालन करते हैं व बाबा का श्रीमत रुपी हाथ सदा अपने ऊपर अनुभव करते हैं ।
❉ मन वचन कर्म व संकल्प मात्र में भी अपवित्रता नहीं होती । हर संकल्प हर कर्म बाप के लिए ही है । ऐसा सोचकर करते हैं व निरंतर याद में रह पवित्र रहते हैं । वे हर फरमान को पालन करने वाले फरमानदार होते हैं ।
❉ लौकिक में भी जो बच्चा अपने मां बाप की हर बात को सर माथे रखकर चलता है वो मां बाप की आंखों का तारा होता है । फिर हम तो बेहद के ऊंच ते ऊंच बाप के बच्चे हैं व हमें बेहद के बाप की श्रीमत पर चलते हुए फरमानबरदार बनते है ।
❉ सेवा करते हुए कोई कर्म छोटा या बड़ा नही होता । बस देह अभिमान को छोड़ व अपने को निमित्त समझ व बाप का फरमान समझ उसे पालन करते हुए फरमानबरदार होते हैं ।
❉ सुबह उठते ही अमृतवेले तीनों तिलक लगाकर उसे स्मृति में रखते हुए हर फरमान को पालन करने वाले फरमानबरदार होते हैं ।
──────────────────────────
∫∫ 8 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-15)
➢➢ बाप को जान कर दिल से बाबा कहना यह सबसे बड़ी विशेषता है... क्यों ?
❉ जिससे दिल का स्नेह होता है उसकी याद स्वत: ही बनी रहती है । इसलिए बाप को जानकर जब दिल से बाबा कहेंगे तो निरन्तर बाप की याद में रहना सहज हो जायेगा और बाप की निरन्तर याद ही सबसे बड़ी विशेषता है ।
❉ जहां दिल का सच्चा प्यार होता है वहां सम्बन्धो में मधुरता और अपनापन अवश्य होता है । तो बाप को जान कर जब दिल से सच्चा प्यार बाप से होगा तो सर्व सम्बंधों का अनुभव बाप से करते हुए सर्व से न्यारे और बाप के प्यारे बनते जायेंगे ।
❉ बाप को जान कर जब दिल में एक बाप को समा कर दिल से बाबा कहेंगे तो बाबा के असीम स्नेह और प्यार का अनुभव करते हुए अतीन्द्रिय सुख के झूले में सदैव झूलते रहेंगे ।
❉ संगम युग की सबसे बड़ी विशेषता है परमात्म मिलन मनाते हुए रूहानी मौज का अनुभव करना । और यह अनुभव तभी कर सकेंगे जब बाप को जान दिल से बाबा कह कर बाबा के नयनों में समाये रहेंगे ।
❉ बाप को जान कर दिल में दिलाराम बाप को बिठा कर जब दिल से बाबा कहेंगे तो कदम - कदम पर दिलाराम बाप की मदद से हर परिस्थिति में स्वयं को निर्विघ्न अनुभव करेंगे ।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━