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❍ 08 / 04 / 16 की मुरली से चार्ट ❍
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
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✺ शिवभगवानुवाच :-
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks: 3*5=15)
‖✓‖ हर कार्य करते हुए °आत्म - अभिमानी° बनने की प्रैक्टिस की ?
‖✓‖ अपने °मैनर्स रॉयल° बनाने का विशेष पुरुषार्थ किया ?
‖✓‖ °पवित्रता की धारणा° पर विशेष अटेंशन रहा ?
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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:2*10=20)
‖✓‖ °त्रिकालदर्शी स्थिति° द्वारा माया के वार से सेफ से रहे ?
‖✓‖ °कर्म और मनसा° दोनों सेवा का बैलेंस रख शक्तिशाली वायुमंडल बनाया ?
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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks: 15)
( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )
‖✓‖ "°मेरा बाबा°" - आज दिन भर इन्ही दो शब्दों की स्मृति में मगन रहे ?
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http://bkdrluhar.org/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%20Purusharth/08.04.16-VisheshPurusharth.htm
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∫∫ 4 ∫∫ सार - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ "मीठे बच्चे - जब भी समय मिले तो एकांत में बैठ सच्चे माशूक को याद करो, याद से ही स्वर्ग की बादशाही मिलेगी"
❉ प्यारा बाबा कहे - मेरे बच्चों मुझसे बिछड़ कितना भटके हो... अब और ना खुद को भटकाओ... जो भी पल मिले मेरी यादो में खो जाओ... यह याद ही जादूगरी है जो स्वर्ग की बादशाही में बदल जायेगी...
❉ मीठा बाबा कहे - मेरे लाडलो... अब समय को चुरा मेरी यादो में खो जाओ ...यह यादे ही सच्चा साथ निभाएंगी... मेरी यादो में बीते लम्हे ही... स्वर्ग की खूबसूरत जागीर बन जीवन में छा जायेंगे...
❉ मीठा बाबा कहे - मीठे बच्चों ईश्वरीय याद ही वह करिश्मा है जो सारे सुख आपके कदमो में बिछा जीवन आबाद बनाएगा... यह सच्चा माशूक ही सुखो को जीवन में बिखरायेगा... सांसो को अब और जाया न करो... मेरी मीठी यादो में डूब जाओ...
❉ प्यारा बाबा कहे - मेरे आत्मन बच्चों आपको सिवाय मेरी याद के अब कोई काम ही नही... मेरी यादे ही सुनहरे जीवन का आधार बनेगी... जो भी समय मिले मेरी यादो के साये में समा जाओ... और सुखो के सौंदर्य को पाओ...
❉ मेरा बाबा कहे - मेरे मीठे बच्चों झूठे रिश्तों के पीछे बहुत समय खप चले हो... अब और न उलझो इन झूठे आडम्बरो में... मुझ माशूक को हर पल याद करो जो सारेे सुखो के खजाने... आपके आँचल में सजाएगा...
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∫∫ 5 ∫∫ मुख्य धारणा-ज्ञान मंथन(Marks-15)
➢➢ हर कार्य करते हुए आत्म-अभिमानी बनने की प्रेक्टिस करनी है । देह का अंहकार समाप्त हो जाए इसके लिए मेहनत करनी है ।
❉ अभी पुरुषोत्तम संगमयुग पर हमें ज्ञान का तीसरा नेत्र मिला है व अपने को आत्मा समझ परमात्मा को याद करना है । अपने आत्मा के गुणों को ईमर्ज करते हुए हर कर्म करना है व आत्म-अभिमानी बनना है ।
❉ हर कर्म करते हुए देह का भान न हो । आत्मिक स्थिति में रहते व निराकार बाप की याद में रहते आत्म-अभिमानी होकर हर कर्म करने की प्रेक्टिस करनी है ।
❉ 63 जन्मों के पुराने संस्कार है उन्हें मिटाने के लिए बाप ने जो पहला ही पाठ सिखाया है उसे पक्का करना है कि मैं देही हूं , देह नही । इसके लिए ही मेहनत करनी है ।
❉ हर कर्म करते बुद्धियोग बस एक बाप से लगाना है व याद से ही आत्मा पर लगी जंग उतरती जायेगी व आत्मा पावन होती जायेगी । हर कर्म करते हुए कि मैं आत्मा इन कर्मेन्द्रियों से करा रही हूं ऐसा सोच कर कर्म करने से देह का भान समाप्त होता जायेगा ।
❉ मैं कौन व मेरा कौन ये याद रखना है । बस अपने को बिंदु समझ हर कर्म करना है व दूसरों को भी बिंदु ही देखना है । हर कर्म करते हुए न्यारे व प्यारे रहते हुए आत्म-अभिमानी रहने की प्रेक्टिस करनी है ।
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∫∫ 6 ∫∫ वरदान - ज्ञान मंथन (Marks:-15)
➢➢ त्रिकालदर्शी स्थिति द्वारा माया के वार से सेफ रहने वाले अतीन्द्रिय सुख के अधिकारी होते है... क्यों और कैसे ?
❉ इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर ही बाबा ने हमें दिव्य दृष्टि व दिव्य बुद्धि देकर त्रिकालदर्शी बनाया है व त्रिकालदर्शी की स्टेज पर रहने से ही माया के भिन्न वार से बचते है व नॉलेजफुल होने से इन्द्रियों के सुख आकर्षित नहीं करते व अतीन्द्रिय सुख के अधिकारी होते हैं ।
❉ संगमयुग का विशेष वरदान वा ब्राह्मण जीवन की विशेषता है - अतीन्द्रिय सुख । यह सुख वा अनुभव किसी और युग में नहीं होता । जो गोप गोपियों के अतीन्द्रिय सुख की बात कही गई है वो हम ब्राह्मण बच्चों की कही गई है । हमारे ही आदि अनादि संस्कार विजयी है और तीनों कालो के राज को जानकर माया के वार से सेफ रहते हैं ।
❉ सर्वशक्तिमान के बच्चे मास्टर सर्वशक्तिमान , त्रिकालदर्शी मास्टर ग्यान सागर बाप की याद व सेवा में स्वयं को बिजी रखते हैं व माया भी बिजी देखकर भाग जाती है । सर्व सम्बंध सिर्फ बाप से होते हैं तो बुद्धि बाहरी आकर्षण में नही जाती तो स्वराज्याधिकारी होते हुए अतीन्द्रिय सुख के अधिकारी होते है ।
❉ त्रिकालदर्शी की स्थिति में स्थित होकर आदि मध्य अंत के राज को जानते हैं व इसी स्मृति से देही अभिमाना रहते व भाई- भाई की दृष्टि रखते तो माया से सेफ रहते और अतीन्द्रिय सुख प्राप्त करते हैं ।
❉ त्रिकालदर्शी की सीट पर सेट रहते तो निश्चय बुद्धि रहते है व किसी भी परिस्थिति में क्यूं , क्या, कैसे के चक्कर में नही पड़ते व माया उन्हें हिला नही सकती । एकरस स्थिति में रहते व अतीन्द्रिय सुख की प्राप्ति करते ।
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∫∫ 7 ∫∫ स्लोगन - ज्ञान मंथन (Marks:-10)
➢➢ कर्म और मनसा दोनों सेवा का बैलेंस हो तो शक्तिशाली वायुमंडल बना सकेंगे... क्यों और कैसे ?
❉ कर्म और मनसा दोनों सेवा का जब बैलेंस होगा तभी सिद्धि स्वरूप बन स्वरूप बनाने की सेवा कर सकेंगे । अभी के समय प्रमाण और आगे आने वाले समय प्रमाण इस सेवा की अधिक आवश्यकता है । क्योंकि आत्माएं सुनते सुनते थक गई है । अब वो अनुभव चाहती हैं । और दूसरों को अनुभव कराने के लिए जरूरी है शक्तिशाली वायुमंडल ।
❉ जैसे अख़बारों द्वारा, टीवी व रेडियो द्वारा एक ही समय में अनेकों को संदेश पहुंचाने की सेवा करते हैं । उसी प्रकार कर्म और मनसा दोनों सेवा का बैलेंस वायुमंडल को ऐसा शक्तिशाली बना देगा । जिससे विहंग मार्ग की सेवा होगी । याद बल और श्रेष्ठ संकल्प के बल द्वारा की गई ऐसी विहंग मार्ग की सेवा लाखों-करोड़ों आत्माओं का कल्याण करेगी ।
❉ नजर से निहाल का जो गायन है उसे प्रैक्टिकल स्वरूप में तभी ला सकते हैं । जब वृति और दृष्टि द्वारा सेवा करेंगे । क्योंकि वाणी के साथ - साथ वृत्ति और दृष्टि से की गई सेवा वायुमंडल को ऐसा प्रभावशाली बना देती है । जो किसी के भी संस्कारों को बहुत कम समय में बदला जा सकता है ।
❉ जैसे आज - कल साइंस द्वारा हर चीज को क्वांटिटी के बजाए क्वालिटी में ला रहे हैं । ऐसा छोटा सा रुप बना रहे हैं । जो रुप है छोटा लेकिन शक्ति अधिक भरी हुई होती है । इसी प्रकार कर्म और मनसा दोनों सेवा के बैलेंस द्वारा ऐसा शक्तिशाली वायु मंडल निर्मित कर सकते हैं । जो सेकंड में संकल्प द्वारा सर्व आत्माओं के प्रति शुभकामना और शुभकामना रख थोड़े समय में ज्यादा सेवा का प्रत्यक्ष कल प्राप्त कर सकते हैं ।
❉ कर्म और मनसा दोनों सेवा का बैलेंस जब होगा तभी वृत्ति द्वारा वृतियों को और संकल्प द्वारा संकल्पों को बदल सकेंगे । यह सूक्ष्म सेवा आत्माओं को स्वत: ही कई कमजोरियों से मुक्त कर देगी । जब इस सेवा में बिजी रहेंगे तो स्वत: ही ऐसा वायुमंडल बनेगा जो अपनी कमी कमजोरियों को देख आत्माओं में उन्हें बदलने की इच्छा स्वयं उत्पन्न होगी ।
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⊙_⊙ आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।
♔ ॐ शांति ♔
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