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 02 / 12 / 16  की  मुरली  से  चार्ट  

       TOTAL MARKS:- 100 

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शिवभगवानुवाच :-

➳ _ ➳  रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सच्ची दिल का दे दिया तो धरमराजपुरी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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∫∫ 1 ∫∫ होमवर्क (Marks: 3*5=15)

 

➢➢ *बाप जो पढाते हैं, उसे बुधी में धारण किया ?*

 

➢➢ *विचार सागर मंथन किया ?*

 

➢➢ *इस कब्रिस्तान को देखते हुए भी नहीं देखा ?*

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∫∫ 2 ∫∫ विशेष अभ्यास (Marks:2*10=20)

 

➢➢ *नॉलेजफुल, पावरफुल और लवफुल स्वरुप द्वारा हर कर्म में सिद्धि प्राप्त की ?*

 

➢➢ *अपने पास शुद्ध संकल्पों की शक्ति जमा की ?*

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∫∫ 3 ∫∫ विशेष पुरुषार्थ (Marks: 15)

( इस रविवार की अव्यक्त मुरली से... )

 

➢➢ *स्व परिवर्तन और विश्व परिवर्तन की गति को चेक किया ?*

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∫∫ 4 ∫∫ बाबा से रूहरिहान (Marks:-10)

( आज की मुरली के सार पर आधारित... )

 

➢➢ *"मीठे बच्चे -  तुम अभी सच्चे सच्चे सतसंग में बेठे हो तुम्हे सचखण्ड में जाने का मार्ग सत्य पिता बतला रहे है"*

 

❉   प्यारा बाबा कहे - मेरे मीठे फूल बच्चे... सच्चे प्यार सच्चे साथ के संग में जीवन को जीने वाले शानदार भाग्य से भरे भाग्यवान हो... सच्चे पिता की गोद में बैठकर सच की दुनिया में जाने के राज समझ रहे हो... दुनिया की विकारी धूल से निकल सच्चे पिता की प्यार भरी छाँव संग सुख शांति के उपवन में विचरण कर रहे हो...

 

➳ _ ➳  आत्मा कहे - हाँ मेरे मीठे प्यारे बाबा मै आत्मा आप से सब कुछ पाकर अनन्त खुशियो की जागीर लिए मुस्करा रही हूँ... अपने शानदार भाग्य पर बलिहार सी जा रही हूँ... मीठे बाबा के साथ के यह खुबसूरत पल पाकर निहाल हो चलो हूँ... और देवताओं सुखो को जीने की अधिकारी हो चली हूँ...

 

❉   मीठा बाबा कहे - मीठे प्यारे लाडले बच्चे... झूठ भरी राहो पर चलकर दुखो के गहरे अनुभवी बने हो... सारी शक्तियो को खोकर शक्तिहीन हो चले हो... अब भाग्य ने सच्चे पिता की बाँहों में सच्चे प्रेम का स्पर्श करा पारस सा दमकाया है... और सच्चे पिता ने सुखो की राहो को उजागर कर देवताओ का राज्य अपने बच्चों को ही दिलवाया है...

 

 ➳ _ ➳  आत्मा कहे - मेरे प्राणप्रिय बाबा... सदा झूठ के साये में दुखी होकर जीने वाली मै आत्मा आज भाग्य से सच्चे पिता के सम्मुख बेठी हूँ... सच्चा पिता मेरी नजरो के सामने है और मै उसकी नजरो में समायी हूँ... मीठा बाबा मुझे अथाह सुखो का मालिक बना रहा है...

 

❉   मेरा बाबा कहे - प्यारे सिकीलधे मीठे बच्चे... जिस सच्चे पिता को दर दर खोज रहे थे और सच की खोज करते करते असत्य के दलदल में गर्दन तक धँसे थे.. आज सच के साये में फूल सा खिल रहे हो... तीनो लोको के गहरे राजो को जान चुके हो... और देवताई सुखो के गहरे मर्म को जान रहे हो... मीठा बाबा सब कुछ लुटा रहा है...

 

➳ _ ➳  आत्मा कहे - हाँ मेरे मीठे बाबा... मै आत्मा असत्य में किस कदर उलझी थी और खुद के वजूद को किस कदर खोयी थी... आज प्यारे बाबा आपको पाकर मै आत्मा सुनहरी मणि सी दमक रही हूँ... पिता के सारे खजानो को पाकर फिर से अमीर हो चली हूँ...

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∫∫ 5 ∫∫ योग अभ्यास (Marks:-10)

( आज की मुरली के वरदान पर आधारित... )

 

✺   *"ड्रिल :- मैं आत्मा सिद्धि स्वरूप हूँ ।"*

 

➳ _ ➳  मैं आत्मा इस देह और दुनिया को छोड़ उड़ चली अपने वतन की ओर... अपने प्यारे बाबा के सम्मुख बैठ जाती हूँ... मैं आत्मा ज्ञान के सागर, प्रेम के सागर, आनंद के सागर की संतान हूँ... सर्वशक्तिवान बाबा से दिव्य किरणों का झरना मुझ आत्मा पर पड़ रहा है...

 

➳ _ ➳  मैं आत्मा दिव्य शक्तिशाली किरणों को अपनी बुद्धि रुपी झोले में भर रही हूँ... इन पवित्र किरणों से मुझ आत्मा के बुद्धि की सारी अपवित्रता, व्यर्थ संकल्प, जन्मों जन्मों के पुराने स्वभाव संस्कार बाहर बहते जा रहें हैं... अब मुझ आत्मा का बुद्धि रुपी झोला बिल्कुल पवित्र, शुध्द सोने जैसा हो गया है...

 

➳ _ ➳  अब मैं आत्मा प्यारे बाबा से ज्ञान की किरणों को भरकर नालेजफुल बन रही हूँ... प्रेम की किरणों को भरकर लवफुल बन रही हूँ... मैं आत्मा सर्वशक्तिवान की सर्व शक्तियों को भरकर पावरफुल बनते जा रही हूँ... सर्व सिद्धियों को प्राप्त कर सिद्धि स्वरूप बन रही हूँ...

 

➳ _ ➳  अब मैं आत्मा विश्व कल्याणकारी बन सर्विस कर रही हूँ... मैं आत्मा मन्सा, वाचा, कर्मणा से विश्व की सब आत्माओं को बाबा का परिचय दे रही हूँ... निराकारी स्टेज पर स्थित होकर मन्सा सेवा कर रही हूँ... अपनी पावरफुल मन्सा द्वारा दूसरों की मन्सा को कंट्रोल कर रही हूँ...

 

➳ _ ➳  अब मैं आत्मा निरहंकारी स्टेज पर स्थित होकर वाणी द्वारा लाइट माइट देकर सबको नालेजफुल बना रही हूँ... निर्विकारी स्टेज पर स्थित होकर कर्मणा सेवा कर रही हूँ... मैं आत्मा लवफुल बन सम्पर्क में आने वाली सभी आत्माओं को उनके असली स्वरूप और असली फेमिली का अनुभव करा रही हूँ... अब मैं आत्मा नालेजफुल, पावरफुल और लवफुल स्वरूप द्वारा हर कर्म में सिद्धि प्राप्त करने वाली सिद्धि स्वरूप बन गई हूँ...

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∫∫ 6 ∫∫ योग अभ्यास (Marks-10)

( आज की मुरली के स्लोगन पर आधारित... )

 

✺   *"ड्रिल - शुद्ध संकल्पों की शक्ति ही सेफ्टी का साधन*"

 

➳ _ ➳  बाबा कदम-कदम पर सर्व शक्तियां हम बच्चों को देते है। "बाबा माना ही शक्ति" जितना बाबा की याद में रहेंगे, उतना ही शक्तियों का खाता जमा होता जायेगा और जमा शक्ति ही सेफ्टी का साधन बन जायेगी।

 

➳ _ ➳  मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ... मैं आलमाइटी की सन्तान मास्टर आलमाइटी हूँ... मैं आत्मा कदम-कदम पर... श्वासों श्वास बाबा की सर्व शक्तियों को अनुभव करती जा रही हूँ... बाबा की सर्व शक्तियां मुझ आत्मा में समाती जा रही है...

 

➳ _ ➳  मैं आत्मा जब यह बोलती हूँ... मेरा बाबा... तो मेरे यह बोल मेरे अन्दर मीठी सी शान्ति का अनुभव कराते है... मेरा बाबा कहने से मेरे संकल्प मीठे... और श्वास शीतल हो जाते है... तब मैं आत्मा... अपने अन्दर शक्ति की प्राप्ति का अनुभव करती हूँ... बल का अनुभव करती हूँ...

 

➳ _ ➳  शुद्ध संकल्प ही मुझ आत्मा की शक्ति है... जब मैं आत्मा व्यर्थ के संकल्पों में जाती हूँ... तो यह शक्ति समाप्त होने लगती है... इस संगमयुग के अनमोल समय मैं आत्मा हरपल एक बाबा की याद में रह सच्ची कमाई जमा करती जा रही हूँ.. मुझ आत्मा को अभी अपने संकल्पों, समय और श्वासों को सफल करना है... अपने उज्जवल भविष्य के लिए... सारा कल्प उसी प्रमाण राज्य भी करेंगे... मैं आत्मा सफलता मूर्त बन रही हूँ...

 

➳ _ ➳  व्यर्थ संकल्प मुझ आत्मा के लिए कांटे है... जो समय वेस्ट करते है... इसलिए अभी व्यर्थ रूपी कांटे को समाप्त करने का समय है... बाबा ने मुझ आत्मा को अपना बना जीवन दान दिया... मैं आत्मा नई सुनहरी दुनिया में जाने वाली हूँ... जहाँ कोई दुःख नही अथाह सुख होगा...

 

➳ _ ➳  व्यर्थ संकल्प है रावण की शक्ति... जो मुझ आत्मा को दुखों में ले जाती है... नीचे गिरा, पद भृष्ट कर देती है... आने वाला समय तो और भी नाजुक है... अब मैं आत्मा बाबा की छत्रछाया में रह शुद्ध संकल्पों की शक्ति से... मा.सर्वशक्तिमान की सीट पर सेट होकर... किसी भी तरह की हार और वार से सेफ अनुभव करती हूँ...

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∫∫ 7 ∫∫ ज्ञान मंथन (Marks:-10)

( आज की मुरली के वरदान पर आधारित... )

 

➢➢  *नॉलेजफुल, पावरफुल और लवफुल स्वरूप द्वारा हर कर्म में सिद्धि प्राप्त करने वाले सिद्धि स्वरूप होते हैं...  क्यों और कैसे?*

 

❉   नॉलेजफुल, पावरफुल और लवफुल स्वरूप द्वारा हर कर्म में सिद्धि प्राप्त करने वाले सिद्धि स्वरूप होते हैं क्योंकि...  जब हम वाणी द्वारा सर्विस करते हैंतब हमारी मनसा का पावरफुल होना अति आवश्यक है क्योंकि मनसा के द्वारा ही हमें अन्य दूसरी आत्माओं को चेंज करना है।

 

❉   जितनी हमारी मनसा पावरफुल होगीउतना ही अधिक हमारी वाणी का प्रभाव भी अन्य आत्माओं पर अधिक होगा अर्थात!  हमें अपनी मनसा द्वारा हीअपनी मनसा को भी कन्ट्रोल करना है और वाणी द्वारा ज्ञान की लाइट-माइट दे कर, अन्यों को नॉलेजफुल भी बनाना है। 

 

❉   इसलिये!  सर्व प्रथम!  हमें अपनी मनसा पर ही अधिकार को स्थापित करना है।  तभी तो!  अन्य आत्माओं की मनसा को भी परिवर्तित कर पाने का दिव्य कार्य कर हम कर सकेंगे।  अतः हमें अपनी मनसा की कन्ट्रोलिंग पॉवर तथा वाणी के द्वारा ज्ञान का प्रकाश फैलाना है। बाबा के द्वारा प्रदत्त ज्ञान के प्रकाश को चहुँ ओर फैलाना है।

 

❉   रही कर्मणा की बात अर्थात!  जितने भी हमारे सम्बन्ध व सम्पर्क में आने वाली आत्मायें हैंउनको अपनी रमणीक एक्टिविटी के द्वारा अपनी अलौकिकता का अनुभव भी करवाते रहना है। उन सबको भी यह अहसास हो जाना चाहिये कि...  हमारी असली फैमिली कौनसी है।

 

❉   अर्थात!  अपनी कर्मणा द्वारा संपर्क वा अपनी रमणीक एक्टिविटी से उन्हें उनकी असली फैमिली का अनुभव करवाना है। ऐसे जब तीनों स्वरूप में रह करहम जब हर कर्म करेंगे तो!  हम सिद्धि स्वरूप स्वतः बन जायेंगे। अतः हम इस बात को सिद्ध कर देंगे कि...  हम अपने नॉलेजफुल, पावरफुल और लवफुल स्वरूप द्वारा हर कर्म में सिद्धि स्वरूप हैं।

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∫∫ 8 ∫∫ ज्ञान मंथन (Marks:-10)

( आज की मुरली के स्लोगन पर आधारित... )

 

➢➢  *अपने पास शुद्ध संकल्पों की शक्ति जमा करो तो यह शक्ति सेफ्टी का साधन बन जायेगी... क्यों और कैसे* ?

 

❉   शुद्ध संकल्पो की शक्ति जमा करना अर्थात ज्ञान सागर बाप के ज्ञान के खजाने का मनन करना । जितना मन को ज्ञान चिंतन में बिज़ी रखेंगे उतना सर्व प्राप्तियों में मग्न रहेंगे । सर्व प्रप्तियों के खजाने को पाकर अपार ख़ुशी का अनुभव करते हुए स्वयं को सर्व शक्तियों से भी सम्पन्न अनुभव करेंगे । यह शक्ति ही हर परिस्थिति में सेफ्टी का साधन बन स्थिति को खराब होने से बचा लेगी ।

 

❉   मन में चलने वाले नकारात्मक विचार ही स्थिति को गिराते हैं जिसके कारण छोटी छोटी परिस्थितियां भी बहुत बड़ी दिखाई देती हैं । इसलिए जितना मन में उठने वाले नेगेटिव संकल्पो को पॉजिटिव में परिवर्तन करते रहेंगे, जितना पॉजिटिव सोचेंगे उतना मन की शुद्धि होती जाएगी और एकाग्रता बढ़ती जायेगी । जितना मन बुद्धि परमात्मा बाप की याद में एकाग्र रहेंगे उतना बाबा की याद सेफ्टी का साधन बन हर मुश्किल से बचाती रहेगी ।

 

❉   अगर " पर " को देखने की आदत होगी तो पर चिंतन में समय को व्यर्थ गंवाते रहेंगे और साथ ही साथ परचिंतन करने से दूसरों के  दोषों का असर आत्मा पर पड़ने से आत्मा की शक्ति और घटती जायेगी । किन्तु यदि " पर " को देखने के बजाए " स्व " को देखेंगे तो स्व चिंतन और परमात्म चिंतन में ही बिज़ी रहेंगे जिससे आत्मा भी बलशाली बनती जायेगी और शुद्ध संकल्पो की शक्ति भी जमा होती जाएगी जो सेफ्टी का साधन बन हमें हर मुश्किल से बाहर निकालेगी ।

 

❉   बाबा अक्सर मुरलियों में कहते हैं कि - तुम्हारे संकल्प, बोल , चेहरा और चलन ही बाप का साक्षात्कार करायेंगे । बाबा को प्रत्यक्ष करने की यह बहुत बड़ी जिम्मेवारी बाबा ने हम बच्चों को दी है इस बात को जितना स्मृति में रखेंगे उतना ही बाप समान सम्पन्न बनने के प्रयास में लगे रहेंगे । सम्पन्न बनने का अर्थ ही है सर्व कमी कमजोरियों को समाप्त करना । जिसके लिए जरूरी है शुद्ध संकल्पो की शक्ति जमा करना । क्योकि शुद्ध संकल्प ही सेफ्टी का साधन बन हमे माया के वार से बचायेंगे ।

 

❉   अपनी पॉवरफुल वृति द्वारा वायुमण्डल को परिवर्तन करने का विशाल कार्य स्वयं भगवान ने हम बच्चों को सौंपा है, जो इस महान लक्ष्य को सदा बुद्धि में रखते हैं और श्रेष्ठ स्वमान की सीट पर सदा सेट रहते हैं वे सदा रचतापन की स्मृति में रहते हैं इसलिए उनका हर संकल्प शुद्धता से परिपूर्ण होता है और अपने श्रेष्ठ संकल्पों के अनुरूप ही वे सोच विचार कर हर कर्म करते हैं । अपने हर संकल्प और कर्म की महानता के कारण वे शुद्ध संकल्पो की शक्ति को स्वयं में जमा कर उन्हें सेफ्टी का साधन बना कर यूज़ करते हैं ।

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_⊙  आप सभी बाबा के प्यारे प्यारे बच्चों से अनुरोध है की रात्रि में सोने से पहले बाबा को आज की मुरली से मिले चार्ट के हर पॉइंट के मार्क्स ज़रूर दें ।

 

ॐ शांति

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