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  09 / 10 / 17  

       MURLI SUMMARY 

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❍   ज्ञान के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *यह दुनिया है ही 4 युगों का ड्रामा, उनके आदि मध्य अन्त को तुम ही जानते हो, यह खेल है।* हम ही देवी-देवतायें राज्य करते थे। फिर हमने ही हराया फिर हम जीत पा रहे हैं। 5 हजार वर्ष की बात है। तुम सब बातों से छूट जाते हो और कितना खुशी में रहते हो। *ऐसी कोई यूनिवर्सिटी नहीं जहाँ मनुष्य से देवता बनें। तुम्हारी है गाडली स्टूडेन्ट लाइफ। तुम पास होकर ट्रांसफर हो जायेंगे।*

➢➢  *तुम्हारी भी माला बनी हुई है। 108 की भी माला होती है। 16108 की भी होती है।* एक बॉक्स बनाते हैं, उसमें डाल देते हैं। अब तुम समझ गये हो यह माला किसकी है? रुद्राक्ष की माला किसको कहा जाता है। *पहले हैं ब्रह्मा की माला।*

➢➢  *भक्ति मार्ग में साक्षात्कार होता है तो खुश हो जाते हैं, परन्तु मुक्तिधाम में जा नहीं सकते।* बाबा कहते हैं तुम मेरे धाम में आने वाले हो। तुम जानते हो *इस ज्ञान से हम भविष्य प्रिन्स बनेंगे।*
यह हेविनली किंगडम अब स्थापन हो रही है। *यह मनुष्य सृष्टि ही स्वर्ग और नर्क बनती है।* स्वर्ग में गॉड और गॉडेज रहते हैं, उनको हेविन कहा जाता है। *हेविन वाले ही फिर हेल में आते हैं। फिर हम हेल से हेविन में जाते हैं।*

➢➢  *मुख्य यादगार हैं ही 5-7, पहले-पहले मुख्य है शिवबाबा का यादगार।* उस एक के ही अनेक नाम हैं। फिर है सूक्ष्मवतनवासी ब्रह्मा विष्णु शंकर के यादगार, फिर मनुष्य सृष्टि में संगमयुगी जगत अम्बा, जगत पिता और तुम शक्तियां, बच्चे और सतयुग में हैं लक्ष्मी-नारायण बस। 

➢➢  बाप बैठ समझाते हैं मेरे लाडले बच्चे, *तुम गुप्त सेना हो और तुम बच्चों को ज्ञान का बारूद बड़े-बड़े ज्ञान के गोले मिल रहे हैं।* तुम जानते हो - *यह वही गीता का एपीसोड अर्थात् वही ड्रामा का पार्ट फिर से बज रहा है। एक गीता शास्त्र ही है जिसका महाभारत लड़ाई से कनेक्शन है।*

➢➢  *बच्चे तो बाप के फुल वारिस हो जाते हैं इसलिए बाबा कहते हैं कि हमको ज्ञानी तू आत्मा से प्यार है। ध्यानी को साक्षात्कार की इच्छा रहती है। जो सारा दिन बाबा-बाबा करते रहेंगे उनको तो ज्ञानी कहेंगे।* बाबा को ज्ञान का बहुत शौक है।

➢➢  *यह अनादि बना बनाया ड्रामा है। इस ड्रामा के राज़ को कोई जानते नहीं। क्रियेटर, डायरेक्टर, प्रिन्सीपल एक्टर को नहीं जानते। तुम जानते हो इस ड्रामा के पूरे 4 भाग हैं। ऐसे नहीं सतयुग की आयु लम्बी है।*

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❍   योग के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  बाबा कहते हैं मेरे लाडले बच्चे, मैं तुम बच्चों को क्यों नहीं याद करुँगा। ऐसे सिकीलधे बच्चे क्यों नहीं याद आयेंगे! परन्तु अनुभव कहता है *बच्चे बाप को याद करना भूल जाते हैं। अपने को सजनी समझने से भी बच्चे समझेंगे तो जास्ती ताकत मिलेगी क्योंकि सजनी तो हाफ पार्टनर है - साजन के साथ।*

➢➢  *शिवबाबा को याद करने से ताकत मिलती है।* हातमताई का खेल दिखाते हैं - मुहलरा डालते थे तो माया उड़ जाती थी। बाबा खुद कहते हैं हे लाडले बच्चे, *भल सब कुछ काम काज करो सिर्फ बुद्धि से बाप को याद करना है।*

➢➢  *तुम्हारा है एक परमधाम। वो लोग यात्रा पर जाते हैं तो बहुत फिरते रहते हैं। चारों ही धाम बुद्धि में होंगे। तुम्हारी बुद्धि में सिर्फ एक परमधाम है।*

➢➢  *हमको भी जीवनमुक्ति में जाना है वाया मुक्ति। घड़ी-घड़ी परमधाम को याद करो। उन स्कूलों में 5-6 घण्टा पढ़ते हैं यहाँ इतना नहीं पढ़ सकते इसलिए कहा है कि एक घड़ी-आधी घड़ी.... इसमें अमृतवेला अच्छा है।*

➢➢  *बाबा कहते हैं योग अग्नि से तुम्हारे पाप आपेही विनाश हो जायेंगे, मैं कुछ नहीं करता हूँ।* तुम अपने पुरुषार्थ से राजाई पाते हो, राजा जनक का मिसाल है ना। इनको कहा जाता है साक्षात्कार।

➢➢  तुम बच्चे जानते हो हमारी राजधानी स्थापन हो रही है। जैसे पहले अंग्रेज आये तो व्यापार के लिए, परन्तु व्यापार करते-करते देखा यह तो आपस में लड़ते झगड़ते हैं तो क्यों न हम अपना लश्कर बनाकर राज्य ले लेवें। *तुम्हारे लिए तो बहुत सहज है। कोई को मारने करने की बात नहीं। तुम योगबल से राज्य भाग्य लेते हो।*

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❍   धारणा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *एक बार मुरली सुनकर फिर यह प्वाइंट्स रिपीट करते रहो।* टेप में मुरली भरी जाती है। भल तुम 15 दिन के बाद सुनेंगे तो भी सुनने से रिफ्रेश हो जायेंगे। कोई प्वाइंट्स ध्यान में नहीं होगी तो झट ख्याल में आ जायेगा। *मुरली के नोट्स अपने पास रखने अच्छे हैं, यह बारूद है ना।*

➢➢  बाप समझाते हैं कि *तुमको खुशी रहनी चाहिए। जो अच्छी तरह धारण कर आप समान बनाते रहेंगे उनको बहुत खुशी रहेगी।* नम्बरवन जो पास होगा उनको जरूर खुशी होगी ना। गवर्मेन्ट भी स्कालरशिप देती है।

➢➢  बाप रचना रच रहे हैं ना। *जो ब्रह्मा की दिल पर चढ़ते वही शिवबाबा की दिल पर चढ़ेंगे।* यह है ब्रह्मा की माला। सब बच्चे हैं ना। तो पहले उनकी माला फिर रुद्र माला बननी है, फिर जाकर विष्णु के गले में पिरोयेंगे।

➢➢  हम स्वर्ग के मालिक बन रहे हैं। ड्रामा तुमको अवश्य ही पुरुषार्थ करायेगा। ड्रामा में इनसे मुरली चलवा रहे हैं। *पुरुषार्थ बिगर तुम रह नहीं सकेंगे। बैठ नहीं जायेंगे।* कल्प पहले जैसे मुरली चलाई है वही ड्रामा अनुसार चलेगी।

➢➢  बाबा कहते हैं *अब पुराना हिसाब-किताब खलास करो, इनसे बुद्धियोग हटा दो।* फिर जितना ज्ञान योग से जमा करेंगे उतना तुम्हारी झोली 21 जन्मों के लिए भरती जायेगी, इसमें डरने की तो कोई बात नहीं है।

➢➢  *यहाँ तुम हर एक अपने लिए 21 जन्मों की प्रालब्ध बनाते हो। तुम मम्मा बाबा से भी ऊंच जा सकते हो।* परन्तु विवेक कहता है - मम्मा बाबा से ऊंच कोई जा नहीं सकता है। भल सूर्य, चांद को ग्रहण लगता है परन्तु टूट नहीं सकते। सितारे तो टूट पड़ते हैं।

➢➢  *तुम जानते हो हम जीवनमुक्ति में जाने के लिए पुरुषार्थ कर रहे हैं, जिसमें ज्ञान की दरकार है।* मुक्ति में हमको ठहरना नहीं है। हमारा आलराउन्ड पार्ट है।

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❍   सेवा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  तुम बच्चे गुप्त सेना हो। जैसे वो लोग प्रैक्टिस कर रहे हैं, गोले रिफाइन हो जाएं। वैसे शिवबाबा भी कहते हैं ब्रह्मा द्वारा तुमको बहुत अच्छे-अच्छे ज्ञान के गोले दे रहा हूँ। तो *तुम मनुष्यों को अच्छी तरह से शंखध्वनि करो कि गीता का पार्ट फिर से बज रहा है और हेविनली डीटी किंगडम स्थापन हो रही है।*

➢➢  *कोई कहे क्या सिर्फ तुम ही स्वर्ग देखेंगे, हम स्वर्ग नहीं देखेंगे? बोलो, सब थोड़ेही वहाँ जा सकते हैं। इम्पासिबुल है। हर एक अपना सतो रजो तमो में पार्ट बजाते हैं।*

➢➢  बाबा तो देने वाला है। कहते हैं *जो कुछ तुम्हारा है सो कुर्बान कर दो। यहाँ कोई महल तो नहीं बनाने हैं। इन पैसों से क्या करना पड़ता है। सिर्फ 3 पैर पृथ्वी के लेकर सेन्टर खोल देते हैं।* यह जबरदस्त युनिवर्सिटी अथवा हॉस्पिटल है।

➢➢  *तुम कहते हो हम ब्राह्मण हैं, तो फिर क्यों नहीं सब कुछ ट्रांसफर कर देना चाहिए।* बाबा 21 जन्म की बादशाही देते हैं। *बाबा की सर्विस में लग जाने से तुम कभी भूख नहीं मरेंगे।*

➢➢  यहाँ हर एक अपने लिए पुरुषार्थ करते हैं। *जितना जो आप समान बनायेंगे, उनको बाबा फिर इनाम भी देते हैं।*

➢➢  *गीता में भगवान का नाम बदल दिया है।* यह है ज्ञान के गोले। *इस एक बात को युक्ति से समझाओ।* इस समय सब दुबन (दलदल) में फंसे हुए हैं। *बाबा आकर दुबन से निकालने के लिए साधना कराते हैं।*

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