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  19 / 10 / 17  

       MURLI SUMMARY 

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❍   ज्ञान के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *दीपमाला कहा जाता है नए युग को। सतयुग में कोई दीपमाला नहीं मनाई जाती क्योंकि वहां सभी की आत्मा रूपी ज्योति जगी हुई होती है।*
 
➢➢  *तुम अभी त्रिकालदर्शी बने हो। त्रिकालदर्शी कहा जाता है पास्ट, प्रेजेंट, फ्यूचर को जानने वाले को।*
 
➢➢  *बाप कहते हैं जैसे तुम पार्ट बजाते हो, वैसे मैं भी बजाता हूं बाकी मैं जन्म-मरण में नहीं आता हूं इसलिए मेरी कितनी महिमा है । बैकुंठ की भी महिमा है।*
 
➢➢  *शिवबाबा का अकालतख्त यह ब्रह्मा है जिसमें अकालमूर्त परमात्मा आकर बैठते हैं आत्मा भी अकाल मूर्त है आत्मा का तख्त यह भृकुटि है निशानी भी है जो मस्तक में तिलक देते हैं।* आजकल बैल को भी तिलक देते है *तो यह भृकुटि ब्रह्मा और शिव बाबा दोनों का तख्त है।* 
 
➢➢  *ब्राह्मण ही जानते हैं कि नई दैवी दुनिया स्वराज्य अर्थात आत्मा को अब राज्य मिल रहा है।* लौकिक बाप द्वारा जो वर्सा मिलता है वह यह नहीं कहते कि परमात्मा द्वारा मिला है।
 
➢➢  *बाप को कहा जाता है त्रिलोकीनाथ । त्रिलोकी के मालिक नहीं बनते। उनमे नालेज है तुमको वैकुंठ का मालिक बनाते है।*
 
➢➢  *बाप ने तुमको नॉलेजफुल बनाया है। उसको मोस्ट बिलवेड कहा जाता है।* मीठे ते मीठा है। तुम जानते हो कितना मीठा है *उसकी महिमा अपरमअपार है तो उनके वर्से की महिमा भी अपरमअपार है* नाम ही है स्वर्ग, हेविन, पैराडाइज, बहिश्त।

 

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❍   योग के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *अभी तुम बच्चों को अपनी मंजिल को याद करना है क्योंकि तुम्हें अभी वापस घर जाना है तो घर को याद करना पड़े सिवाए याद के शांतिधाम नहीं जा सकते।*
 
➢➢  *परमात्मा को कहते हैं गॉड फादर, दु:खहर्ता सुखकर्ता तो उनको कितना याद करना चाहिए।* 
 
➢➢  *बाबा आकर समृति दिला रहे है कि बच्चे तुम देवता थे।* बच्चे कहते बरोबर थे।
 
➢➢  आधा कल्प तुमने भक्ति की। अब बाप मिला है *बाप अब समृति दिलाते हैं - कहते हैं सिमरों, सिमरों..... किसको ? बाप को और बाप के रचना की नॉलेज को। बीज और झाड़ को। इस स्मृति से तुम चक्रवर्ती राजा बन जाते हो।*

 

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❍   धारणा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *तुमको बहुत मीठा बनना है अपने को देखो कि मेरे में कोई विकार तो नहीं है ? किसी का अवगुण तो नहीं देखते ? बहुत मीठी दृष्टि रखनी है।* बाबा के कितने बच्चे हैं सब पर मीठी दृष्टि है ना तुम को भी ऐसी रखनी है।
 
➢➢  *तुम को बैकुंठ का मालिक बनाते हैं तुमको कितनी खुशी होनी चाहिए।*
 
➢➢  तुम भी पण्डे वह भी पण्डे। परंतु वह ठिकर ठोबर की यात्रा है यह ज्ञान तुमको है। *तुमको खुश रहनी चाहिए यह स्टूडेंट लाइफ है। तुम भूलना क्यों चाहिए।*
 
➢➢  इस समय जो सूक्ष्म वतन में जाते हैं सर्विस अर्थ जाते हैं पहले नंबर में बाबा सर्विस करते हैं सेकंड नंबर में मम्मा क्योंकि मम्मा को सेकंड नंबर में आना है तो *तुम बच्चों को भी मम्मा बाबा को फॉलो करना है।*
 
➢➢  तुम अभी वैकुंठ में जाते हो इसलिए पढाई कर रहे हो कहते है ना - *जब तक जीना है तब तक पीना है।*

 

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❍   सेवा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *तुमको अब तीनों कालों की नॉलेज है तो तुमको औरों को भी समझाना है खुद भी काटों से फूल बनते हो औरों को भी बनाना है ।*
 
➢➢  *मनुष्य यहा नहीं जानते कि राधे कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण का क्या संबंध है* इसलिए चित्र भी बनाया है *छोटेपन में राधे कृष्ण स्वयंवर के बाद लक्ष्मी-नारायण बनते हैं।*
 
➢➢  नये नये बच्चे तो आते रहेंगे । पढ़ाई चलती रहेगी। पिछाड़ी तक वृद्धि को पाते रहेंगे। *परवरिश बहुत अच्छी करनी चाहिए वह है बागवान तुम जो सेंटर पर रहते हो वह हुए माली, माली को तो पौधों की संभाल करनी चाहिए।*
 
➢➢  *कहते हैं ब्राह्मण देवी-देवताए नमः । ब्राह्मण लोग कहते हैं परंतु जानते नहीं। बाप ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय 3 धर्म स्थापन करते हैं तो ब्राह्मणों का बाप है ब्रह्मा और शिव साधारण रूप में आते है ।*

 

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