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❍ 23 / 09 / 17 ❍
⇛ MURLI SUMMARY ⇚
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❍ ज्ञान के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *तुम बच्चों को
सारी रोशनी मिली है। 84 जन्मों का राज बुद्धि में है। तुम इस ड्रामा को और
एक्टर्स की एक्ट को जानते हो। ऊंचे ते ऊंच एक्ट है बाप की। बच्चों के साथ पार्ट
बजाते हैं। तुम भारत को स्वर्ग बनाते हो। परन्तु हो गुप्त, इनकागनीटो,
नानवायोलेन्स, शिवशक्ति सेना।*
➢➢ *निराकार परमपिता
परमात्मा को तुम्हारे सिवाए कोई भी याद नहीं करते होंगे। इस संगम समय पर ही
पारलौकिक बाप आते हैं, बच्चों को बैठ परिचय देते हैं और बच्चे निश्चयबुद्धि हो
उसी धुन में रहते हैं।*
➢➢ *इस समय सब
सेन्टर्स पर जो भी बच्चे बैठे हैं वह जरूर समझते होंगे कि हम शिवबाबा के
महावाक्य सुनते हैं। और कोई ऐसी संस्था नहीं होगी क्योंकि शाखायें तो बहुतों की
हैं ना।* भल वह टेप आदि भी भरते होंगे जहाँ उन्हों की हेड आफिस होगी, जहाँ उन्हों
का गुरू रहता होगा, उनको ही याद करते होंगे।
➢➢ *शिवबाबा मुरली
चलाते हैं - यह किसकी बुद्धि में कभी आ न सके।* यह किसको पता नहीं है। जहाँ-जहाँ
तुम्हारे सेन्टर्स खुलते हैं, सभी यह समझते हैं *शिवबाबा की मुरली बजती है
ब्रह्मा द्वारा। जो फिर सब ज्ञान गंगायें सुनकर औरों को सुनाती हैं।*
➢➢ *भक्तिमार्ग में
आत्मायें बाप को याद करती हैं। शरीर को तो तब याद करते जब देह-अभिमानी बनते
हैं।* तुमको अब स्मृति आई है, हम बाबा के बच्चे हैं। बाप से हमने वर्सा पाया
था।
➢➢ शास्त्रों में
भी है कि कृष्ण मधुबन में मुरली बजाते हैं। मधुबन तो मुख्य है एक, बाकी सब जगह
मुरली जाती है। मनुष्यों की बुद्धि में तो है कृष्ण मुरली बजाते हैं। *शिवबाबा
मुरली चलाते हैं - यह किसकी बुद्धि में कभी आ न सके। यह किसको पता नहीं है।
जहाँ-जहाँ तुम्हारे सेन्टर्स खुलते हैं, सभी यह समझते हैं शिवबाबा की मुरली बजती
है ब्रह्मा द्वारा।*
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❍ योग के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *तुम अपने बच्चों
आदि को सम्भालो। उनकी पालना करो परन्तु याद इस बच्चे को करो तो तुमको लाल कर
देगा।* अगर इस बच्चे पर बलि चढ़े तो तुम्हारी बहुत सेवा करेगा। मुझ शिव को अपना
बच्चा बनाया तो मालामाल हो जायेंगे, 21 जन्मों के लिए।
➢➢ *बाप ही कहते
हैं मुझे याद करो तो मैं वर्सा दूँगा। बाबा बच्चों को समझाते रहते हैं कि
मामेकम् याद करो और कोई भी नाम-रूप को याद नहीं करो। साकार मनुष्यों के फोटो आदि
तो जन्म-जन्मान्तर इकट्ठे करते आये हो, उपासना करते आये हो।* देवताओं आदि के
चित्र रखना यह सब तुम्हारा छूट जाता है।
➢➢ *बाप घड़ी-घड़ी
कहते हैं कि अपने को आत्मा समझ बाप को याद करते रहो।* आत्मा ही पतित दु:खी बनी
है। आत्मा कहती है मैं महाराजा था, अब रंक बन गया हूँ।
➢➢ *यह बड़े ते बड़ा
इन्जेक्शन है। बाबा की याद से ही सब दु:ख दूर हो जाते हैं। योग से पुण्य आत्मा
बन जाते हो। यह एक ही दवाई है योग की।* बच्चा जन्मता है, बाप की गोद में जाता
है और वर्से का मालिक बन जाता है। *तुमको अभी पता है कि हम बेहद के बाप से वर्सा
लेते हैं याद से।*
➢➢ *अब बाप कहते
हैं इन सबको भूल अपने को आत्मा निश्चय करो और सबको यही रास्ता बताते रहो। यह
सृष्टि चक्र का राज दूसरा कोई बता नहीं सकते। बाप कहते हैं इन सबको छोड़ मामेकम्
याद करो। याद से ही तुम्हारे सब पाप मिट जायेंगे।*
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❍ धारणा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢
उनकी (भक्तिमार्ग) सब बातें जिस्मानी हैं। कितने कुम्भ के मेले में जाते हैं।
यहाँ जिस्मानी कोई बात नहीं। तुम उठते-बैठते, चलते यात्रा पर हो, याद से तुम
पावन बनते हो। बाबा कहते हैं *तुम कर्म करते समय भी शिवबाबा को याद करो।*
➢➢
तुमको अब स्मृति आई है, हम बाबा के बच्चे हैं। बाप से हमने वर्सा पाया था। *अब
बाप कहते हैं सबको बाप का परिचय दो।* इन जैसा शुभ कार्य होता नहीं। इस शुभ
कार्य में देरी नहीं करनी चाहिए। शरीर पर तो भरोसा नहीं है। न जवान पर न बूढ़े
पर इसलिए *जो कुछ करना है सो आज करना चाहिए।* आजकल करते-करते काल खा जायेगा।
➢➢
कल्प पहले भी ड्रामा अनुसार ऐसे ही समझाया था फिर आज समझाता हूँ। तो *तुमको भी
अन्धों की लाठी बनना चाहिए।* जिन बच्चों को परिचय मिलता है वह फिर औरों को ले
आते हैं। उसका भी पुण्य होता है। अपने पास हिसाब रखो। जितना करेंगे फल तो मिलेगा
ना।
➢➢
हास्पिटल खोलना कितना पुण्य है। साहूकार लोग तो 10-15 हास्पिटल खोल सकते हैं।
यह पैसे आदि तो सब खत्म हो जायेंगे। *तुम किराये पर मकान लेकर 50 हजार में 50
हास्पिटल खोल दो।* फिर वह आपे ही अपने पैर पर खड़े हो जायेंगे।
➢➢
*देह-अभिमान छोड़ना है।* कोई साहूकार ऐसे करे तो सब कहेंगे वाह! इनको तो
देह-अभिमान बिल्कुल नहीं है।
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❍ सेवा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *बाप कितनी सहज
युक्तियां सर्विस की बताते हैं। गंगा के कण्ठे पर जाकर सर्विस करो। अपनी पीठ
पर यह बाबा का परिचय लगा दो। आपे ही पढ़ते रहेंगे।*
➢➢ *शिवबाबा को अपना
वारिस (बच्चा) बना दो तो वह तुम्हें 21 जन्मों के लिए मालामाल कर देंगे। यह एक
ही है जो सबका बच्चा बन सबका खाना आबाद कर देते हैं।* परन्तु कई डरते हैं, समझते
हैं शायद सब कुछ देना पड़ेगा। बाबा कहते डरने की बात नहीं।
➢➢ बच्चे के लिए
कितना हैरान होते हैं। बच्चा नहीं होता है तो दूसरी, तीसरी शादी भी करते हैं।
बाप कहते हैं वह लौकिक बच्चे तो तुम्हारी कुछ भी सेवा नहीं करेंगे। यही एक सबका
बच्चा बनता है, एकदम सबका खाना आबाद करने। फिर *सर्विस भी करनी चाहिए। मन्दिरों
में बहुत भक्त जाते हैं। बाप का परिचय देते रहो।*
➢➢ बाबा युक्तियां
तो बहुत बतलाते हैं। *शमशान में जाकर समझाओ। निराकार बाप की महिमा और श्रीकृष्ण
की महिमा।*अब बताओ गीता का भगवान कौन? साथ में चित्र भी हो। *सर्विस तो तुम
बहुत कर सकते हो। सर्विस, सर्विस और सर्विस तुम कहते भी हो - हम गाड की सर्विस
पर हैं। घर की सर्विस भी भल करो।*
➢➢ बाबा बच्चों को
सर्विस के लिए अनेक प्रकार की युक्तियां बताते हैं। *तुम बच्चों को यही धन्धा
करना है। ट्रेन में भी यही सर्विस करते रहो तो बाप भी खुश होगा और भविष्य 21
जन्मों के लिए सदा सुख का वर्सा मिल जायेगा।*
➢➢ *बाप कहते हैं
जिसको शुभ कार्य करना है, कर लो। सिर्फ 3 पैर पृथ्वी लेकर यह हास्पिटल खोलो।
सबको बाप का परिचय दो। बाप स्वर्ग का रचयिता है तो जरूर बाप से स्वर्ग का वर्सा
मिलना चाहिए।* भारतवासियों को वर्सा था ना। इन बातों को भारतवासी सहज समझ सकेंगे।
भगवान को ढूँढने के लिए मन्दिर हैं।
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