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❍ 19 / 12 / 17 ❍
⇛ MURLI SUMMARY ⇚
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❍ ज्ञान के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *बूढ़े हैं याद
भूल जाती है इसलिए चित्र दिया जाता है। बाकी और कोई भी देहधारी को याद करते
रहेंगे तो अन्त समय वही याद आयेगा।* कुछ न कुछ रग है तो वह तुम्हारे पीछे पड़ेगा।
➢➢ *बाबा कोई शास्र तो पढ़ा हुआ नहीं है।* यह दादा पढ़ा हुआ है। उनको कहा ही
जाता है ज्ञान का सागर, आलमाइटी अथॉरिटी।
➢➢ बाप कहते हैं मेरे को तो कोई पढ़ाने वाला नहीं है। न मेरा कोई बाप है और सब
गर्भ में प्रवेश करते हैं, माता की परवरिश लेते हैं। *मैं तो गर्भ में आता ही
नहीं हूँ, जो माता की परवरिश लू।*
➢➢ मनुष्य की आत्मा गर्भ में जाती है। *सतयुग के लक्ष्मी-नारायण ने भी तो गर्भ
से जन्म लिया।* तो वह भी मनुष्य ठहरे। मैं तो इस शरीर में आकर प्रवेश करता हूँ
ड्रामा प्लैन अनुसार कल्प पहले मुआफ़िक।
➢➢ *सतयुग में तो कोई मनुष्य की मत गति सद्गति के लिए मिलती नहीं।* न दरकार
है। कलियुग में सब गति सद्गति के लिए मत मांगते हैं। जानते हैं हम कोई समय
स्वर्ग में थे, पावन थे, तब तो पुकारते हैं- हे पतित-पावन, हे सद्गति दाता हमको
सद्गति दो। सतयुग में यह रड़ी नहीं मारी जाती।
➢➢ *ऊंचे ते ऊंचा है बाप, वह फिर आयेगा, जरूर वर्ल्ड की हिस्ट्री-जॉग्राफी
रिपीट होगी।* कलियुग के बाद फिर आयेगा। परन्तु यह सिवाए तुम बच्चों के और किसको
भी मालूम नहीं। सिर्फ कहने मात्र कहते हैं- हिस्ट्री-जॉग्राफी रिपीट। समझते कुछ
भी नहीं।
➢➢ *तुम शक्ति सेना डबल अहिंसक हो।* तुम्हारे में कोई भी हिंसा नहीं है। तुम
किसको भी दु:ख नहीं देते हो। हिंसा अर्थात् दु:ख देना। घूंसा मारना, तलवार
चलानावा काम कटारी चलाना- यह सब दु:ख देना है। *तुम कोई भी प्रकार का दु:ख नहीं
देते हो इसलिए अहिंसा परमोधर्म कहा जाता है।*
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❍ योग के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ बच्चे बाप का बनें
तो पड़े। अब तुम बच्चोंने बाप को जाना है। जानते हो *बाबा आया हुआ है। बेहद का
वर्सा दे रहे हैं, जो 5 हजार वर्ष पहले तुमको दिया था। वह आते ही हैं बच्चों को
बेहद स्वर्ग का वर्सा देने।*
➢➢ रूहानी फादर होने के कारण वह रूहों को ही ज्ञान देते हैं, जिस्मानी फादर
होने से बच्चे जिस्मानी नॉलेज उठाते है इसलिए *बाप कहते हैं- आत्म-अभिमानी बनो
और बाप को याद करो।*
➢➢ तुमको बाप आकर आप समान बनाते हैं। बाप भी जानते हैं, तुम बच्चे भी जान जाते
हो, वर्सा मिल जाता है। जैसेकि लौकिक बाप से बच्चों को वर्सा मिलता है। वह तो
अलग-अलग है। *यहाँ तुम समझते हो हम बेहद के बाप से वर्सा पा रहे हैं।*
➢➢ तुम आत्मा हो, *मनुष्य भल कितना भी अच्छा हो, धनवान हो, मीठा हो तो भी
देहधारी को याद नहीं करना।* एक परमपिता परमात्मा को ही याद करना।
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❍ धारणा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢
*यह बुद्धि में रहना चाहिए कि बेहद का बाप हमको राजयोग सिखला रहे हैं।* बाप
स्वर्ग की स्थापना करने वाला है। कहते हैं मेरी मत पर चलो, मैं तुमको स्वर्ग का
मालिक बनाता हूँ।
➢➢ *यहाँ तुम नर से नारायण बनने आये हो तो पूरा फालो करो।* फकीर से अमीर बनना
है। इतना पुरुषार्थ करना चाहिए। *खुशी से पढ़ना चाहिए।*
➢➢ *बाप कहते हैं तुमको कोई भी चित्र रखने की दरकार नहीं।* क्या तुम शिवबाबा
को नहीं जानते हो जो चित्र रखते हो? क्या चित्र रखने से याद कर सकते हो? बाबा
जीता है फिर बच्चे चित्र क्यों रखेंगे? बाप तुमको ज्ञान दे रहा है फिर चित्र
क्या करेंगे?
➢➢ वास्तव में तुमको कुछ भी रखना नहीं है, जो मिलता है वही रखना है। *एक बाप
के सिवाए और कुछ भी याद न रहे।* इतनी प्रैक्टिस करनी है - तब ही विश्व के मालिक
बनेंगे।*
➢➢ अगर रग और तरफ होगी तो वह याद जरूर आयेगा इसलिए बाप कहते हैं *बच्चे पूरा
नष्टोमोहा हो जाओ। किसी भी चीज़ में मोह होगा 2- 4 जोड़ी जूते होंगे तो वह याद
आयेंगे इसलिए कहा जाता है ज्यादा कोई भी वस्तुएं नहीं रखो।* नहीं तो बुद्धि उसमें
जायेगी।
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❍ सेवा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ तुम जानते हो यह
बाबा बहुत प्यारा है। *हमको जीयदान देते हैं। दु:ख से छुड़ाते हैं। काल के चम्बे
से छुड़ाते हैं।* कोई मरने से बच जाते हैं- कहते हैं डाक्टर ने जीयदान दिया।
तुमको तो एक ही बार ऐसा जीयदान मिलता है - जो तुम कभी बीमार नहीं होंगे, फिर यह
नहीं कहना पड़ेगा कि फलाने ने जीयदान दिया।
➢➢ पहले तुम भी ऐसे थे। समझते थे बरोबर लक्ष्मी-नारायण का राज्य था, परन्तु
कितना समय चला, क्या हुआ फिर वह कहाँ चले गये, कुछ भी पता नहीं था। अभी भी
नम्बरवार अच्छी रीति धारण कर श्रीमत पर चलते हो- यह पिक है मनसा-वा-कर्पणा मदद
देते हैं। *ज्ञान और योग की मदद से बहुतो का कल्याण करना है।*
➢➢ *वह बेहद का बाप होते हुए फिर पढ़ाते भी हैं।* भगवान यानि बाप फिर
भगवानुवाच अर्थात् पढ़ाते हैं। पढ़ाते क्या हैं? वह भी तुम बच्चे समझते हो। हम
बाप के सम्मुख बैठे हैं।
➢➢ बाप ही बैठ समझाते हैं मैं तुम्हारा बाप भी हूँ, शिक्षक भी हूँ, सतगुरू भी
हूँ। तुम जानते हो यह बाबा मिलकियत देने वाला है। *बाबा स्वर्ग की बादशाही देने
आया है।* नर्क की राजाई थोड़ेही देंगे!
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