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❍ 21 / 09 / 17 ❍
⇛ MURLI SUMMARY ⇚
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❍ ज्ञान के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ तुम बच्चे जानते
हो यह भारत अविनाशी खण्ड है। *यह भारत ही सचखण्ड और झू"खण्ड बनता है। सचखण्ड को
स्वर्ग, झूठखण्ड को नर्क कहा जाता है।*
➢➢ *कुसंग मिलने से
खाना आबाद होने के बदले बरबाद हो जाता है। *बहुत थोड़े हैं जो अटेन्शन से पढ़ते
हैं।*
➢➢ *यह राजधानी
स्थापन हो रही है। स्थापना जरूर संगम पर ही होगी ना।* बाप कहते हैं मैं आता ही
हूँ कल्प के संगमयुग पर। उन्होंने फिर युगे-युगे लिख दिया है। तो भी 4 युग अथवा
5 युग कहो फिर भी इतने अवतार क्यों दिखाये हैं। परशुराम अवतार, कच्छ-मच्छ अवतार,
परशुराम अवतार के लिए फिर दिखाते हैं कि कुल्हाड़ी उठाए सब क्षत्रियों को मारा।
बाप कहते हैं- *यह कैसे हो सकता है। क्या भगवान ने इतनी हिंसा कुल्हाड़ी से किया?*
मनुष्य तो जो सुनते सब सत-सत करते रहते हैं। *असत्य बात को भी सत्य मान लेते
हैं।*
➢➢ *आत्मा कितनी
छोटी है-इसमें सारा पार्ट नूँधा हुआ है, जो रिपीट होता रहता है।* इसको कुदरत कहा
जाता है। इस कुदरत को कोई नहीं जानते। *इतनी छोटी आत्मा में कितना पार्ट है जो
कभी विनाश नहीं हो सकता।*
➢➢ *इन साइंस वालों
की बुद्धि अपने विनाश का प्रबन्ध कर रही है। तुम आत्मा ऊंच पद पाने का
पुरूषार्थ कर रही हो। वह समझते हैं-हम अभी स्टार मून के नजदीक आये हैं, प्लाट
लेंगे। वह बड़ा महत्व देते हैं। हम तो कहते हैं कि यह तो सब अपनी मौत के लिए
करते हैं। *तुम बच्चे जानते हो यह सब तैयारी हो रही हैं स्वर्ग के गेट खोलने के
लिए। यह लड़ाई बिगर स्वर्ग के गेट कैसे खुलेंगे।* पतित दुनिया का विनाश तो
चाहिए ना।
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❍ योग के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ आत्म-अभिमानी
बनना पड़े। *आत्म-अभिमानी यहाँ परमपिता परमात्मा ही बनाते हैं और कोई की ऐसी
ताकत नहीं जो ऐसे आत्म-अभिमानी बन बैठकर समझाये।*
➢➢ बाप कहते हैं *मामेकम्
याद करो तो तुम्हारे विकर्मों का बोझा खत्म हो जाए। सिवाए योग अग्नि के खाद
निकल न सके। नहीं तो कड़ी सजा खानी पड़ेगी।* तुम्हें तो पास विद् आनर बनना है।
➢➢ *बाप कहते हैं
मैं जो हूँ, जैसा हूँ, विरला कोई मुझे समझ सकते हैं।* अनपढ़ बच्चों को कोई बात
कहो तो *एक कान से सुन दूसरे से निकाल देते हैं।*
➢➢ भगवान के हमको
डायरेक्शन मिलते हैं वह बुद्धि में नहीं रहता है। *पूरा योग न होने कारण माया
बुद्धि को ताला लगा देती है। यह दण्ड पड़ जाता है क्योंकि फरमान पर नहीं चलते
हैं।*
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❍ धारणा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢
*आत्मा जो आइरन एज में आकर काली बन गई है-खाद पड़ गई है, उसको निकालना है।*
➢➢
*तुम गाडली स्टूडेन्ट हो। पढ़ाई एक दिन भी मिस नहीं करना है।* यही पढ़ाई
वैल्युबुल है। भल कोई बीमार भी हो, वह यहाँ आकर बैठे तो महावाक्य तो सुनेंगे
ना! सुनते-सुनते प्राण शरीर से निकलें तो कितनी न शफा मिल जाए। यह है बड़ी
हास्पिटल। *रात-दिन पढ़ाई का बहुत शौक होना चाहिए।*
➢➢
*श्रीमत पर चलना चाहिए।* बहुत चलते-चलते पढ़ाई छोड़ देते हैं। अरे गाड फादर बैठा
है, *जहाँ जीना है ज्ञान अमृत पीते रहना है।* यह पढ़ाई है। पढ़ते-पढ़ते फिर नई
दुनिया में ट्रांसफर हो जायेंगे। क्लास नम्बरवार ट्रांसफर होता है ना।
➢➢
*तुम बच्चों को यह पढ़ाई पढ़नी है।* कोई तो सुनते-सुनते, पढ़ते-पढ़ते खत्म हो
जाते हैं। कोई तो बैठे हुए भी जैसेकि सुनते नहीं। धारणा जब खुद में हो तब तो औरों
को समझा सके। *धारणा ही नहीं-सर्विस ही नहीं करते तो पद क्या मिलेगा - हाँ,
स्वर्ग में जायेंगे। राजाई में आयेंगे परन्तु सब तो राजा नहीं बनेंगे ना। *पढ़ेंगे,
लिखेंगे होंगे नवाब।* जो नहीं पढ़ेंगे पढ़ायेंगे तो भरी ढोनी पड़ेगी।
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❍ सेवा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ बाप कहते हैं कि
*विष्णु का चित्र बनाना चाहिए। ऊपर में चोटी भी देनी चाहिए। शिवबाबा भी ऊपर में
देना चाहिए। स्टार मुआफिक है। फिर ब्राह्मणों की चोटी।*
➢➢ *असत्य बातें
हैं। सत्य कोई भी है नहीं।* किसको कहो तो बिगड़ पड़ते हैं। बाप कहते हैं कि
युक्ति से काम लो। *चूहा ऐसी युक्ति से काटता है जो सारा मांस खा जाता है,
मालूम ही नहीं पड़ता है। तुम बच्चों को बड़ी युक्ति से चलना चाहिए।*
➢➢ *अंग्रेजी में
भी लिखो- यह बी.के. ब्राह्मण वर्ण है एक जन्म। यह है मोस्ट वैल्युबुल जन्म। लीप
जन्म, लीप युग है। यह है ऊंच ते ऊंच युग, इसको कोई जानते नहीं हैं। कोई भी
शास्त्रों में यह नहीं है।* पतित-पावन बाप को बुलाते हैं तो इसका मतलब कलियुग
का अन्त है ना। संगमयुग का तो किसको पता नहीं है।
➢➢ *बाप कहते हैं-यह
भी समझाओ कि ब्राह्मण जन्म एक जन्म फिर देवता इतने जन्म और इतना समय।* तुम
किश्चियन का भी दिखाते हो, दो हजार वर्ष होंगे। फिर सबका पार्ट पूरा होता है तो
यह क्लीयर लिखना चाहिए। ब्रह्मण वर्ण, देवता वर्ण, फिर क्षत्रिय वर्ण रामराज्य।
अभी तो हैं सब शूद्र वर्ण। विराट रूप दिखाना है। ?सारा खेल भी भारत पर बना हुआ
है। भारत पावन, भारत पतित। बाकी सब बाईलाट हैं, उनका वर्णों के साथ कोई
कनेक्शन है नहीं।
➢➢ यहाँ बाहर जाने
से उनको कुछ न कुछ पढ़ने के लिए देंगे। *अगर कोई हास्पिटल में है-वहाँ भी जाए
तुम उनको मुरली सुना सकते हो। यह मोस्ट वैल्युबुल नालेज है।* यह तो जानते हैं-जितने
अभी पास होंगे, उतने कल्पकल्पान्तर पास होंगे।
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