━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

  29 / 01 / 18  

       MURLI SUMMARY 

━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

 

❍   ज्ञान के मुख्य बिंदु   ❍

 

   ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧

 

➢➢  *माया ने सबको पत्थरबुद्धि बना दिया है। अच्छे-अच्छे बच्चों को भी माया ऐसे घेरती है जो उन्हों को पता नहीं पड़ता कि हमारा कदम पीछे कैसे जा रहा है। फिर संजीवनी बूटी सुंघाकर होश में लाते है।*

 

➢➢  बच्चे जानते हैं मातपिता बिगर कभी मनुष्य सृष्टि रची नहीं जा सकती। *ऐसे नहीं कहेंगे कि पिता द्वारा सृष्टि रची जाती है, नहीं। गाया ही जाता मात-पिता.. यह मात-पिता सृष्टि रचकर फिर उन्हों को लायक बनाते हैं।*

 

➢➢  *यह भी समझाया गया है कि नई आत्मा जो ऊपर से आती है, उनका ऐसा कोई कर्म नहीं है जो दु:ख भोगे।* पवित्र आत्मा आती है। *जैसे परमपिता परमात्मा कभी दुख नहीं भोग सकता। दुख अथवा गाली आदि सब इस साकार को देते हैं।*

 

➢➢  *दिखाते है मेरी कुमारी थी उनसे क्राइस्ट्र पैदा हुआ। अब कुमारी से बच्चा पैदा हो यह बिल्कुल बेकायदे है। यह सब शास्रों से उठाया है।* दिखाया है ना कुन्ती कन्या थी उनसे कर्ण पैदा हुआ। अब यह दिव्य दृष्टि की बात है। परन्तु उन्होंने फिर कापी किया है। *तो जैसे यह ब्रह्मा मदर है। मुख द्वारा बच्चे पैदा कर फिर सम्भालने के लिए मम्मा को दिया। तो क्राइस्ट का भी ऐसे है।*

 

➢➢  *जब कोई बाहर से आते हैं तो हिरे हुए हैं, समझते है आश्रम है कुछ देवें। परन्तु तुमको बोलना है क्यों देते हो? ज्ञान तो कुछ सुना नहीं है।* कुछ पता नहीं। हम बीज बोते है स्वर्ग में फल मिलना है, यह पता भी तब हो जब ज्ञान सुने। *ऐसे आने वाले करोड़ों आयेंगे।*

 

➢➢  *ड्रामा में इस समय ज्ञान सीखने और सिखाने का चल रहा है। फिर पार्ट बन्द हो जायेगा। न बाप का, न हमारा पार्ट रहेगा।* न उनका देने का पार्ट, न हमारा लेने का पार्ट होगा। तो एक हो जायेगे ना। *हमारा पार्ट नई दुनिया में हो जायेगा। बाबा का पार्ट शान्तिधाम में होगा।*

 

────────────────────────

 

❍   योग के मुख्य बिंदु   ❍

 

   ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧

 

➢➢  पास्ट जो हो गया है उनको रिवाईज करने से जिनकी कमज़ोर दिल है तो उन्हों के दिल की कमज़ोरी भी रिवाईज हो जाती है इसलिए बच्चों को ड्रामा के पट्टे पर ठहराया गया है। *मुख्य फायदा है ही याद से। याद से ही आयु बड़ी होनी है।*

 

➢➢  *खास है याद की यात्रा का। बाप बैठ समझाते हैं। सुनाने में तो मोटी बात हो जाती है, बुद्धि में तो सूक्ष्म है ना।* अन्दर में जानते हैं शिव बाबा का रूप क्या है। समझाने में मोटा रूप हो जाता है। भक्ति मार्ग में बड़ा लिंग बना देते है। *आत्मा है तो छोटी ना। यह है कुदरत। कहाँ तक अन्त पायेंगे?*

 

➢➢  *मेहनत कर बाप को याद करना है तो विकर्म विनाश होंगे।* बाप कहते हैं मेरे में ज्ञान बन्द हो जायेगा तो तेरे में भी बन्द हो जायेगा। नॉलेज ले ऊंच बन जाते हैं। सभी कुछ ले लेते है फिर भी बाप तो बाप है ना। तुम आत्मायें आत्मा ही रहेंगे, बाप होकर तो नहीं रहेंगे।

 

➢➢  *एक बाप की ही याद रहे ऐसा पुरुषार्थ करना है। अभी टाइम पड़ा है। यह रिहर्सल तीखी करनी पड़े।* प्रैक्टिस नहीं होगी तो खड़े हो जायेंगे। टांगे थिरकने लग पड़ेगी और हार्टफेल अचानक होता रहेगा। तमोप्रधान शरीर को हार्टफेल होने में देरी थोड़ेही लगती है। *जितना अशरीरी होते जायेंगे, बाप को याद करते रहेंगे तो नज़दीक आते जायेंगे।*

 

➢➢  *योग से शक्ति मिलती है। ज्ञान से धन मिलता है। बच्चों को चाहिए शक्ति। तो शक्ति पाने लिये बाप को याद करते रहो।*

 

────────────────────────

 

❍   धारणा के मुख्य बिंदु   ❍

 

   ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧

 

➢➢  *क्रोध भी दुःखदाई है। अपने को भी दु:खी करता, दूसरों को भी दु:खी करता है। कोई में गुप्त है, कोई में प्रत्यक्ष। कितना भी समझाओ, समझते नहीं हैं।*

 

➢➢  *अभी अपने को बहुत होशियार समझते हैं। पीछे बहुत पछताना पड़ेगा। कल्प-कल्प का दाग लग जायेगा। श्रीमत पर चले तो फायदा भी बहुत है। नहीं तो घाटा भी बहुत है।*

 

➢➢  *बाप की एम रहती है कि बच्चा ऊंचा चढ़े तो कुल का नाम निकलेगा। परन्तु बच्चा न बाप की माने, न दादा की मानें तो गोया बड़ी माँ की भी नहीं माना। उसका क्या हाल होगा! बात मत पूछो।*

 

➢➢  *सारी दुनिया ही खत्म होनी है, इसमें निडर रहना होता है। पुरुषार्थ करना है निडर हो रहने का। शरीर आदि का कोई भी भान न आये, उसी अवस्था में जाना है।*

 

────────────────────────

 

❍   सेवा के मुख्य बिंदु   ❍

 

   ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧       ‧‧‧‧‧

 

➢➢  *बाप समझाते हैं आज एक पार्टी आबू में आने वाली है - वेजीटेरियन का प्रचार करने। तो उनको समझाना है बेहद का बाप अब देवी-देवता धर्म की स्थापना कर रहे हैं जो पक्के वेजीटेरियन थे। और कोई भी धर्म इतना वेजीटेरियन होता नहीं है।*

 

➢➢  *इस पर समझाना है कि बेहद के बाप ने जो हेविन स्थापन किया है, उसमें सभी वैष्णव अर्थात् विष्णु की वंशावली थे।* देवतायें बिल्कुल वाइसलेस थे। आजकल के वेजीटेरियन तो विशश हैं। *क्राइस्ट से 3 हजार वर्ष पहले भारत हेविन था। तो ऐसे-ऐसे समझाना है।*

 

➢➢  *इन मन्दिर बनाने वालों को भी समझाना चाहिए। जैसे फॉरेनर्स आते है तो उनको भारत की महिमा बतानी चाहिए कि क्राइस्ट से 3 हजार वर्ष पहले भारत ऐसा वेजीटेरियन था, ऐसा कोई ही नहीं सकता। उनमें बहुत ताकत थी। गॉड गॉडेज का राज्य कहा जाता है। अब वही राज्य फिर से स्थापन हो रहा है। यह वही समय है।*

 

➢➢  *रमेश उषा दोनों को सर्विस का बहुत शौक है। यह वन्डरफुल जोड़ा है, बहुत सर्विसएबुल है। देखो नये-नये आते है तो पुरानों से भी तीखे चले जाते है।*

 

➢➢  *सर्विसएबुल बच्चे तो बापदादा की दिल पर चढ़ते हैं। तो उनकी बाबा खुद महिमा करते हैं। तो उन्हों को समझाना है। बहुत नशा होना चाहिए।*

 

────────────────────────