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❍ 05 / 01 / 18 ❍
⇛ MURLI SUMMARY ⇚
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❍ ज्ञान के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *चाहे मैं नजदीक
हूँ, चाहे दूर हूँ - याद तो मुझे ही करना है।* भगवान के पास जाने के लिए ही तो
भक्ति करते हैं।
➢➢ *तुम्हारा यह
जन्म बहुत दुर्लभ है। देवताई जन्म से भी तुम यहाँ सुखी हो क्योंकि बाप की शरण
में हो।* यहाँ से ही तुम अथाह कमाई करते हो जो फिर जन्म-जन्मान्तर भोगेंगे।
➢➢ *यह है अविनाशी
ज्ञान रत्नों की कमाई, जो वहाँ अथाह धन बन जाता है।*
➢➢ *विवेक कहता है
शिव बाबा का बच्चा कहलाया और हकदार बना। तो वह खुशबू आनी चाहिए।* हकदार है तब
तो सभी को नमस्ते करते हैं।
➢➢ पवित्रता के ऊपर
कितने अत्याचार होते हैं! जिस द्वारा बाप गीता सुनाते हैं उनको कितनी गालियाँ
देते हैं। *शिवबाबा को भी गाली देते हैं। कच्छ, मच्छ अवतार कहना भी तो गाली है
ना!*
➢➢ *अभी तुम सभी
बात में कहेंगे ड्रामा है। सभी का पार्ट है। जो पास्ट हुआ सो ड्रामा होता वही
है जो ड्रामा में है। ड्रामा अनुसार जो कुछ होता है ठीक है।*
➢➢ बाप कहते हैं *बाँधेलियाँ
सभी से जास्ती याद में रहती हैं। वही अच्छा पद पाती हैं। जितना जास्ती मार खाती
हैं उतना जास्ती याद में रहती हैं।* हाय शिवबाबा निकलेगा। ज्ञान से शिवबाबा को
याद करते हैं। उन्हों का चार्ट अच्छा रहता है।
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❍ योग के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *इस योग अग्नि
से पाप भस्म होंगे। इसमें मेहनत लगती है। पद भी तो जबरदस्त है।*
➢➢ बाप कहते हैं *तुम
आत्मा हो, मुझ बाप को याद करते रहो। बुद्धि में यही विचार रहे कि हम आत्माअों
को बाबा के पास जाना है, यह सृष्टि जैसे हमारे लिए है नहीं।*
➢➢ विकर्मो का बोझा
बहुत है, इसलिए *निरन्तर बाबा को याद करना है। अपनी अवस्था को दर्पण में देखना
है - हमारी बुद्धि सबसे हटी हुई है?*
➢➢ *तुमको जब तक
शरीर है, तब तक योग में रहना है। नहीं तो सजायें खानी पड़ेंगी।* बड़े आदमी का
बच्चा सजा खाता है तो उनका काँध नीचे हो जाता है।
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❍ धारणा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢
*सारे दिन का पोतामेल देखना चाहिए। कितना समय बाप को याद किया? किसको जीयदान
दिया?*
➢➢
*जैसे बाबा अनुभव बताते हैं - सोता हूँ तो भी बातें करता हूँ।* बाबा आपकी तो
कमाल है। भक्ति मार्ग में फिर हम आपको भूल ही जायेंगे।
➢➢
*हरेक अपने अन्दर में देखे कोई खामी तो नहीं है? माया बहुत कड़ी है। उनको कैसे
भी निकालना है। सभी खामियाँ निकालनी है।*
➢➢
*अवस्था बहुत अच्छी चाहिए। भल तुम यहाँ बैठे हो, बुद्धि में यही रहे कि हम
ब्रह्माण्ड के मालिक वहाँ के रहने वाले हैं।* इस रीति घर में रहते, धन्धा करते,
उपराम होते जायेंगे।
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❍ सेवा के मुख्य बिंदु ❍
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➢➢ *जो मार खाकर आते
हैं वह सर्विस में भी अच्छे लग जाते हैं। अपना जीवन ऊंच बनाने लिये अच्छी सेवा
करते हैं। सेवा न करें तो दिल खाती है।*
➢➢ दिल टपकती है हम
जावें सेवा पर। भल समझते हैं सेन्टर छोड़कर जाना पड़ता है, परन्तु *प्रदर्शनी
में सेवा बहुत है तो सेन्टर की भी परवाह न कर यह भागना चाहिए।*
➢➢ *यह
लक्ष्मी-नारायण का चित्र, सीढ़ी ट्रान्सलाइट का भी होना चाहिए।* बिजली की ऐसी
कोई चीज हो जिससे चमक आती रहे।
➢➢ स्लोगन भी बोलते
जाओ। सन्यासी कब राजयोग सिखा नहीं सकते। *राजयोग परमपिता परमात्मा ही सिखा रहे
हैं भागीरथ द्वारा।*
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