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  28 / 01 / 18  

       MURLI SUMMARY 

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❍   ज्ञान के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *कुमार जीवन शक्तिशाली जीवन गाई जाती है। लेकिन ब्रह्माकुमार डबल शक्तिशाली कुमार हैं। एक तो शारीरिक शक्ति, दूसरी आत्मिक शक्ति।* साधारण कुमार शारीरिक शक्ति वा विनाशी आक्यूपेशन की शक्ति वाले हैं। *ब्रह्माकुमार अविनाशी ऊंचे ते ऊंचे मास्टर सर्वशक्तिवान के आक्यूपेशन के शक्तिशाली हैं।* 

 

➢➢  *आत्मा पवित्रता की शक्ति से जो चाहे वह कर सकती है। ब्रह्माकुमारों का संगठन विश्व परिवर्तक संगठन है।* सभी अपने को ऐसे शक्तिशाली समझते हो? अपने को पवित्रता का जन्म-सिद्ध अधिकार प्राप्त किया हुआ अधिकारी आत्मा समझते हो? *ब्रह्माकुमार का अर्थ ही है पवित्र कुमार।* 

 

➢➢  ब्रह्माकुमार के विशेष जीवन के महत्व को सदा याद रखते हो? सिर्फ नामधारी ब्रह्माकुमार तो नहीं? *अपने आपको श्रेष्ठ जीवनधारी ब्रह्माकुमार समझते हो? सदा यह याद रहता है कि विश्व की विशाल स्टेज पर पार्ट बजाने वाले विशेष पार्टधारी हैं?* वा सिर्फ घर में वा सेवाकेन्द्र पर वा दफ्तर में पार्ट बजाने वाले हैं? *हर कर्म करते विश्व की आत्मायें हमें देख रही हैं, यह स्मृति में रहता है? विश्व की आत्मायें जिस नजर से आप सबको देखती हैं - यही विशेष पार्टधारी अर्थात् हीरो पार्टधारी हैं, उसी प्रमाण हर कर्म करते रहते हो?*

 

➢➢  *सदा बाप और सेवा दोनों ही याद रखते हैं ना! याद और सेवा दोनों का बैलेन्स सदा रखते हो? क्योंकि याद के बिना सेवा सफल नहीं होती और सेवा के बिना मायाजीत नहीं बन सकते, क्योंकि सेवा में बिजी रहने से, इस ज्ञान का मनन करने से माया सहज ही किनारा कर लेती है।*

 

➢➢  *(याद और सेवा) दोनों का बैलेन्स रहता है? बैलेन्स रखने वाले को स्वत: ही ब्लैसिंग मिलती रहती, मांगना नहीं पड़ता।* जिन आत्माओं की सेवा करते, उन आत्माओं के मन से, वाह श्रेष्ठ आत्मा सुनाने वाली, वाह मेरी तो जीवन बदल दी...यह वाह-वाह ही आशीर्वाद बन जाती है। ऐसी आशीर्वाद का अनुभव करते हो? 

 

➢➢  स्व उन्नति का साधन है याद और विश्व उन्नति का साधन है सेवा। सदा इसी में आगे बढ़ते चलो। *संगम पर बाप ने सबसे बड़ा खजाना कौन सा दिया है? खुशी का। कितने प्रकार की खुशी का खजाना प्राप्त है। अगर खुशी की वैरायटी प्वाइंटस निकालो तो कितने प्रकार की होंगी! संगमयुग पर सबसे बड़े ते बड़ी सौगात, खजाना, पिकनिक का सामान... सब खुशी है।*

 

➢➢  *जिस दिन याद में रहकर सेवा करेंगे उस दिन अनुभव करेंगे बिना मेहनत के नैचुरल खुशी। ऐसी खुशी का अनुभव है ना! इसी आधार से सभी आगे बढ़ते जा रहे हो।* समझते हो कि हर समय हमारी स्व उन्नति और विश्व उन्नति होती जा रही है? *अगर स्व उन्नति नहीं तो विश्व उन्नति के भी निमित्त नहीं बन सकेंगे।*

 

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❍   योग के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *सदा खुशी के झूले में झूलने वाले हो ना। कितना बढि़या झूला बापदादा से प्राप्त हुआ है। यह झूला कभी टूट तो नहीं जाता। याद और सेवा की दोनों रस्सियाँ टाइट हैं तो झूला सदा ही एकरस रहता है।*

 

➢➢  *(याद और सेवा की दोनों रस्सियाँ) एक रस्सी ढीली, एक टाइट तो  (खुशी का  झूला) झूला हिलता रहेगा। झूला हिलेगा तो झूलने वाला गिरेगा।* अगर दोनों रस्सियाँ मजबूत हैं तो झूलने में मनोरंजन होगा। अगर गिरे तो मनोरंजन के बजाए दु:ख हो जायेगा। तो *याद और सेवा दोनों रस्सियाँ समान रहें, फिर देखो ब्राह्मण जीवन का कितना आनंद अनुभव करते हो। सर्वशक्तिवान बाप का साथ है, खुशियों का झूला है और चाहिए ही क्या।*

 

➢➢  *रोज अमृतवेले खुशी की एक प्वाइंट सोचो...तो सारा दिन खुशी में रहेंगे।* कई बच्चे कहते हैं मुरली में तो रोज वही प्वाइंट होती है, लेकिन जो प्वाइंट पक्की नहीं हुई है वह पक्की कराने के लिए रोज देनी पड़ती है। जैसे स्कूल में स्टूडेन्ट कोई बात पक्की याद नहीं करते तो 50 बार भी वही बात लिखते हैं, तो *बापदादा भी रोज कहते बच्चे अपने को आत्मा समझो और मुझे याद करो क्योंकि यह प्वाइंट अभी तक कच्ची है।*

 

➢➢  कभी योग लगता, कभी नहीं लगता इसका भी कारण क्या है? न्यारेपन की कमी। *न्यारे न होने के कारण प्यार का अनुभव नहीं होता। जहाँ प्यार नहीं वहाँ याद कैसे आयेगी। जितना ज्यादा प्यार उतना ज्यादा याद।* बाप के प्यार के बजाए दूसरों के प्यारे हो जाते हो तो बाप भूल जाता है।

 

➢➢   *पार्ट से न्यारा और बाप का प्यारा बनो, यही लक्ष्य और प्रैक्टिकल जीवन हो।* लौकिक में पार्ट बजाते प्यारे बने तो प्यार का रिटर्न क्या मिला? कांटों की शैया ही मिली ना! *बाप के प्यार में रहने से सेकण्ड में क्या मिलता है? अनेक जन्मों का अधिकार प्राप्त हो जाता है।* तो सदा पार्ट बजाते हुए न्यारे रहो। सेवा के कारण पार्ट बजा रहे हो।

 

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❍   धारणा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *ब्रह्मा बाप ने दिव्य जन्म देते पवित्र भव, योगी भव यही वरदान दिया। ब्रह्मा बाप ने जन्मते ही बड़ी माँ के रूप में पवित्रता के प्यार से पालना की। माँ के रूप से सदा पवित्र बनो, योगी बनो, श्रेष्ठ बनो, बाप समान बनो, विशेष आत्मा बनो, सर्वगुण मूर्त बनो, ज्ञान मूर्त बनो, सुख शान्ति स्वरूप बनो, हर रोज यह लोरी दी।* बाप के याद की गोदी में पालना किया। सदा खुशियों के झूले में झुलाया। *ऐसे मात-पिता के श्रेष्ठ बच्चे ब्रह्माकुमार वा कुमारी हैं। ऐसा स्मृति का समर्थ नशा रहता है?* 

 

➢➢  *ब्रह्माकुमार का अर्थ ही है - सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी में रहना। यही प्युरिटी की पर्सनैलिटी विश्व की आत्माओं को प्युरिटी की तरफ आकर्षित करेगी। और यही प्युरिटी की रॉयल्टी धर्मराजपुरी की रायलिटी देने से छुड़ायेगी। रॉयल्टी के दोनों ही अर्थ होते हैं। इसी रॉयल्टी के अनुसार भविष्य रॉयल फैमली में आ सकेंगे। तो चेक करो ऐसी रॉयल्टी और पर्सनैलिटी जीवन में अपनाई है?*

 

➢➢  सदा अपने को डबल लाइट अर्थात् सर्व बन्धनों से मुक्त हल्के समझते हो? हल्के-पन की निशानी क्या है? हल्का सदा उड़ता रहेगा। बोझ नीचे ले आता है। *सदा स्वयं को बाप के हवाले करने वाले सदा हल्के रहेंगे। अपनी जिम्मेवारी बाप को दे दो अर्थात् अपना बोझ बाप को दे दो तो स्वयं हल्के हो जायेंगे।* 

 

➢➢  *बुद्धि से सरेन्डर हो जाओ। अगर बुद्धि से सरेन्डर होंगे तो और कोई बात बुद्धि में नहीं आयेगी। बस सब कुछ बाप का है, सब कुछ बाप में है तो और कुछ रहा ही नहीं।* जब रहा ही नहीं तो बुद्धि कहाँ जायेगी, कोई पुरानी गली, पुराने रास्ते रह तो नहीं गये हैं! *बस एक बाप, एक ही याद का रास्ता, इसी रास्ते से मंजिल पर पहुँचो।*

 

➢➢  *रोज खुशी की नई-नई प्वाइंट्स बुद्धि में रखो और सारा दिन खुशी में रहते दूसरों को भी खुशी का दान देते रहो - यही सबसे बड़े ते बड़ा दान है।* दुनिया में अनेक साधन होते हुए भी अन्दर की सच्ची अविनाशी खुशी नहीं है, आपके पास वही खुशी है तो खुशी का दान देते रहो।

 

➢➢  *सदा अपने को कमल पुष्प समान पुरानी दुनिया के वातावरण से न्यारे और एक बाप के प्यारे, ऐसा अनुभव करते हो? जो न्यारा वही प्यारा और जो प्यारा वही न्यारा।* तो कमल समान हो या वातावरण में रहकर उसके प्रभाव में आ जाते हो? जहाँ भी जो भी पार्ट बजा रहे हो, वहाँ पार्ट बजाते पार्ट से सदा न्यारे रहते हो या पार्ट के प्यारे बन जाते हो, क्या होता है?

 

➢➢  *बिना याद के सेवा करेंगे तो सफलता कम और मेहनत ज्यादा। और याद में रहकर सेवा करेंगे तो सफलता ज्यादा और मेहनत कम।*

 

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❍   सेवा के मुख्य बिंदु   ❍

 

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➢➢  *अपनी रूहानी पर्सनैलिटी अविनाशी पर्सनैलिटी अपनाई है? जो भी देखे हरेक ब्रह्माकुमार और कुमारी से यह पर्सनैलिटी अनुभव करे। शरीर की पर्सनैलिटी वह तो आत्माओं को देहभान में लाती है और प्युरिटी की पर्सनैलिटी देही-अभिमानी बनाए बाप के समीप लाती है।*

 

➢➢  *विशेष कुमार ग्रुप को अब क्या सेवा करनी है? एक तो अपने जीवन परिवर्तन द्वारा आत्माओं की सेवा, अपने जीवन के द्वारा आत्माओं को जीयदान देना। स्व-परिवर्तन द्वारा औरों को परिवर्तन करना।* अनुभव कराओ कि ब्रह्माकुमार अर्थात् वृत्ति, दृष्टि, कृति और वाणी परिवर्तन। साथ-साथ प्युरिटी की पर्सनैलिटी, रूहानी रॉयल्टी का अनुभव कराओ। आते ही, मिलते ही इस पर्सनैलिटी की ओर आकर्षित हों। 

 

➢➢  *सदा बाप का परिचय देने वाले वा बाप का साक्षात्कार कराने वाले रूहानी दर्पण बन जाओ। जिस चित्र और चरित्र से सर्व को बाप ही दिखाई दे।* किसने बनाया? बनाने वाला सदा दिखाई दे। जब भी कोई वन्डरफुल वस्तु को देखते हैं वा वन्डरफुल परिवर्तन देखते हैं तो सबके मन से, मुख से यही आवाज निकलता है कि किसने बनाई वा यह परिवर्तन कैसे हुआ! किस द्वारा हुआ! 

 

➢➢  *इतना बड़ा परिवर्तन जो कौड़ी से हीरा बन जाए तो सबके मन में बनाने वाला स्वत: ही याद आयेगा। कुमार ग्रुप भाग-दौड़ बहुत करता है। सेवा में भी बहुत भाग दौड़ करते हो ना!* लेकिन सेवा के क्षेत्र में भाग दौड़ करते बैलेन्स रखते हो? *स्व सेवा और सर्व की सेवा दोनों का बैलेन्स सदा रहता है?* बैलेन्स नहीं होगा तो सेवा की भाग दौड़ में माया भी बुद्धि की भाग दौड़ करा देती है।

 

➢➢  *बैलेन्स से कमाल होती है। बैलेन्स रखने वाले का परिणाम सेवा में भी कमाल होगी।* नहीं तो बाहरमुखता के कारण कमाल के बजाए अपने वा दूसरों के भाव-स्वभाव की धमाल में आ जाते हो। *तो सदा सर्व की सेवा के साथ-साथ पहले स्व सेवा आवश्यक है। यह बैलेन्स सदा स्व में और सेवा में उन्नति को प्राप्त कराता रहेगा।*

 

➢➢  *कुमार तो बहुत कमाल कर  सकते हैं। कुमार जीवन के परिवर्तन का प्रभाव जितना दुनिया पर पड़ेगा उतना बड़ों का नहीं। कुमार ग्रुप गवर्मेन्ट को भी अपने परिवर्तन द्वारा प्रभु परिचय दे सकते हो। गवर्मेन्ट को भी जगा सकते हो, लेकिन वह परीक्षा लेंगे। ऐसे ही नहीं मानेंगे।*

 

➢➢  *यह लक्ष्य रखो कि ऐसा रूहानी आत्मिक शक्तिशाली यूथ ग्रुप बनावें जो विश्व को चैलेन्ज करे कि हम रूहानी यूथ ग्रुप विश्व शान्ति की स्थापना के कार्य में सदा सहयोगी हैं। और इसी सहयोग द्वारा विश्व परिवर्तन करके दिखायेंगे। समझा क्या करना है।* ऐसा पक्का ग्रुप हो। ऐसे नहीं आज चैलेन्ज करे और कल स्वयं ही चेन्ज हो जाएं। तो ऐसा संगठन तैयार करो। मैजारटी नये-नये कुमार हैं। लेकिन लास्ट सो फास्ट जाकर दिखाओ। बैलेन्स की कमाल से विश्व को कमाल दिखाओ।

 

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