━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
❍ 26 / 02 / 18 ❍
⇛ MURLI SUMMARY ⇚
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
❍ ज्ञान के मुख्य बिंदु ❍
‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧
➢➢ *बाप कहते हैं मैं तो सीधा-सादा रास्ता बताता हूँ। वह तो बहुत सहज है। बाकी जो विपदायें झंझट आते हैं, दुःख आता है, बीमारी आदि होती है, देवाला मारते हैं.. यह सब है तुम्हारे कर्मों का हिसाब।* सो हर एक को भोगना ही है, इनसे हमारा कोई तैलुक नहीं है।
➢➢ *सतयुग में थी ही पवित्र दुनिया। संगम पर जो पवित्र बनते हैं वही पवित्र दुनिया के मालिक बनेंगे।* इसमें सारी दुनिया का तो प्रश्न नहीं है कि सब कैसे पवित्र बनेंगे।
➢➢ *सन्यासी कहते है - यहाँ का सुख काग विष्टा के समान है।* तो जरूर कहेंगे यह गम की दुनिया है। परन्तु *उन्हों को यह पता ही नहीं कि सदा सुख, जहाँ गम का नाम निशान भी न हो, वह होता ही है सतयुग में।*
➢➢ *अभी सबकी कयामत का समय है। अब सभी को हिसाब-किताब चुक्तू कर वापिस जाना है। सब तो आकर ज्ञान लेंगे नहीं।* जो सहज राजयोग सीखेंगे वह वर्सा पायेंगे।
➢➢ *बच्चे जानते है कि शिवबाबा हमको अच्छे कर्म सिखलाते है और फिर पद को भी साक्षात्कार कराते है। यह है प्रत्यक्षफल का साक्षात्कार।*
────────────────────────
❍ योग के मुख्य बिंदु ❍
‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧
➢➢ *मेरा फरमान है मुझ बाप को याद करो क्योंकि वापस जाना है।* बाकी लड़ाई-झगड़े में तो सारी आयु मँवाई। *मैं तो सीधा रास्ता बताता हूँ कि मुझे याद करो और पवित्र रहो।*
➢➢ *सवेरे उठ बाबा को याद करो। बाबा आप कितने मीठे हो, आप हमको राजाओं का राजा स्वर्ग का मालिक बनाते हो। हम आपकी श्रीमत पर जरूर चलेंगे।*
➢➢ *बाबा समझाते है दिन को भल गोरखधन्धा करो परन्तु ब्रह्म-महूर्त में उठ बाबा से मीठी-मीठी बातें करनी चाहिए।* बाबा आपने तो कमाल किया है! 21 जन्मों के लिए स्वर्ग की बादशाही तो आप देते हो! हम तो आप पर बलिहार जाऊ। तो बलिहार जाना है, सिर्फ कहना नहीं है। *जितना समय याद में रहेंगे उसका असर सारा दिन चलेगा।*
➢➢ कोई पास बहुत पैसे है तो पाप करने की दरकार नहीं है। *बाबा कहते हैं शान्त में बैठ योग की कमाई करो* परन्तु काम करने से पहले राय लेनी होती है।
────────────────────────
❍ धारणा के मुख्य बिंदु ❍
‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧
➢➢ अभी तुम बच्चे समझते हो कि हम सदा खुशी में रहने का अभी पुरुषार्थ कर रहे है। *बाप समझा रहे है कि बच्चे भविष्य ऊंचे पद पाने का पुरुषार्थ करो और कोई भी आश नहीं रखनी है।*
➢➢ बाबा समझाते रहते है, *अगर धन बहुत है तो शान्त में बैठ बाबा से वर्सा लो, धन्धेधोरी का झंझट छोड़ो। कदम-कदम पर श्रीमत पर चलना जरूरी है।* आपस में बहुत मीठा रहना है।
➢➢ *कुमारी तो पवित्र ही है, उसके लिए तो बहुत सहज है, पवित्र ही रहो। गृहस्थ में न जाओ। इसमें सिर्फ हिम्मत चाहिए।* तुम कह सकती हो कि हम भारत को स्वर्ग बनाने के लिए पवित्र रहना चाहते है, इसमें भारत का ही कल्याण है।
➢➢ पति को बोलो हम पवित्र रहने चाहती हैं। और बाकी सब सर्विस करने के लिए तैयार है। युक्ति से अपने को छुड़ा सकती है। परन्तु पहले अपनी दिल का ममत्व टूटना चाहिए। *माताओं का पति और बच्चों में बहुत मोह होता है। फिर कहती है कोई छुड़ावे। परन्तु इसमें चिल्लाने वा रोने की कोई दरकार नहीं।* यह समझ की बात है।
➢➢ *कोई चाहे तो एक सेकेण्ड में नष्टोमोहा हो जाए, नहीं तो जीवन भर भी न हो सके।* बहुतों को छोड़ने बाद भी ममत्व नहीं मिटता फिर रग जाती रहती है, तो वह अवस्था नहीं रहती, इसलिए *बाप कहते है पहले नृष्टोमोहा हो जाओ।*
➢➢ *सबके लिए रास्ता एक ही है पवित्र जरूर बनना है। अगर पवित्र नहीं रहने देते तो अपने पांव पर खड़ी हो कोई न कोई सर्विस में लग जाओ। यहाँ तो साफ दिल चाहिए।*
➢➢ *कहा जाता है ना धरत परिये धर्म ना छोड़िये। तो यह भी प्रतिज्ञा की जाती है और उस पर कायम रहना चाहिए।* अमल करना चाहिए। *माया बड़ी प्रबल है उन पर विजय पानी है, पूरा पुरुषार्थ करना है।* ऐसे नहीं कि स्वर्ग में क्या भी पद पायें । नहीं, *पुरुषार्थ ऊंच बनने का करना चाहिए।*
────────────────────────
❍ सेवा के मुख्य बिंदु ❍
‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧
➢➢ *बरोबर अभी रात है। रात दु:ख की होती है, इसको रावण की रात कहा जाता है। रावण के आने से भक्ति आरम्भ होती है। विकार आरम्भ हो जाते है।*
➢➢ *पतित दुनिया और पावन दुनिया का भी किसको पता नहीं है। पतित दुनिया में जरूर पतित होंगे तब तो पावन देवताओं को पूजते है। सतयुग, त्रेता में तो पावन महाराजा, महारानी होकर गये है। रावण की राजधानी शुरू होती है द्वापर से।*
➢➢ *बाप कहते है मैं तो सदा सुख देने आता हूँ। तुम सिर्फ श्रीमत पर चलो। मैं तो तुमको शान्तिधाम और सुखधाम का रास्ता बताने आया हूँ।*
➢➢ *जिसको सर्विस का शौक है वह कहाँ भी सर्विस करेगा।* गाली तो मिलेगी सौ में से एक निकलेगा। इसमें लज्जा नहीं होनी चाहिए। *सर्विस तो जहाँ तहाँ है, सिर्फ करने वाला हो। बाबा युक्तियां तो बताते रहते हैं। नशा होना चाहिए।*
────────────────────────