27-05-15 मुरली कविता


बाप से प्यार करते हो तो लव से कहना.. मेरा बाबा
बेहद के बाप से ही मिलता बेहद का वर्सा
बाप का एक -एक बोल होता महावाक्य
जिससे हम गुल-गुल अर्थात फूल बनते
मनुष्य के बोल महावाक्य नही होते,नीचे गिराते
प्रतिज्ञा करनी सच्ची कमाई करनी
रहमदिल बन सबका कल्याण करना
बाप का नाम बाला करना
जो भी आत्मा संपर्क में आये उसे बाप के परिचय का पानी पूछना
बिखारी आत्माओ को ठिकाना बताना
दाता के बच्चे दाता बन कुछ न कुछ जरूर देना
यथार्त वैराग्य माना.. जितना न्यारा उतना प्यारा


ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!