बनकर बिंदू रूप
बिखेरो रूहानी मुस्कान
अपनी दिव्यता से दे दो खुद की पहचान
देख ले कोई हमें तो भूल जाए अपना तन
याद आ जाए उसे हमारा निराकारी वतन
मिटे विकारों की अग्नि शांति का हो राज
बजे चैन की बंसी और बजे सुख का साज
कितना हो कोई नाराज देना है सबको प्यार
नफरत के बदले प्यार देने में बनो होशियार
सीख लिया आसानी से हमने चाँद पर जाना
आओ सीख लें हम दुश्मन को दोस्त बनाना
देना है प्यार सबको चाहे जाए अपनी जान
प्यार देंगे बनकर प्यार के सागर की संतान
गुजरे चाहे किसी भी हालत में अपनी जिंदगी
प्यार बाँटना हमारे लिए हो खुदा की बंदगी
प्रभु प्यार लुटाएंगे अवगुण सबके भुलाकर
चैन की सांस लेंगे सबको बाबा का बनाकर
ॐ शांति !!!