मैं एक छोटी सी आत्मा..इतने बड़े शरीर को चलाती
मुझ आत्मा में है भरा 84 जन्मों का पार्ट अविनाशी
शिव बाबा कहते मैं करता... आत्मा का श्रृंगार क्योंकि मैं हुँ
सदा अशरीरी
बाकि इस शरीर का श्रृंगार मैं नही.. आत्मा स्वयं करती
बाप जैसा मीठा बन सबकों सुख देना
उत्तम से उत्तम बन सबका कल्याण करना
कोई गफलत नही करनी,अकर्तव्य का कार्य नही करना
ऑनेस्ट बन सारे बोझों को समाप्त करना
ऑनेस्ट माना मैं जो जैसा हूँ बाप के आगे स्वयं को प्रत्यक्ष
करना
सर्वस्व त्यागी माना सच्चा तपस्वी
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!