19-12-15 मुरली कविता
जब तक जीना याद में रहना
याद से ही बढ़ती आयु,पढ़ाई का सार भी याद
तुम्हें भगवान् पढ़ाते,तो सदा खुश रहना
तुम्हारी रहती सदा क्रिसमस...यह है अती इंद्रिय सुख
अपने को आपेही परखना,कहाँ तक बने उंच पद लायक
बाप को फॉलो कर सेर्विसेबल बनना
आत्मा भाई-भाई देख करनी बात,महावीर बनना
बापदादा बच्चों के हर संकल्प और सेकण्ड में रहते साथ
इसलिये जुदाई का पर्दा डाल, वियोगी नही बनना
बाप के स्नेह का प्रत्यक्ष स्वरुप..सेवा स्नेही बनना
अशरीरी स्थिति के अनुभव व् अभ्यास.. नंबर वन का है आधार
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!