21-12-15
बाबा पोएम
पांच विकारों से करके तौबा
पवित्रता अपनाओ
63 जन्मों तक सोये हुए दैवी संस्कार जगाओ
समय करीब है आने में सतयुग की सुनहरी भोर
छटने वाली है जग से दुःख दर्द की घटा घनघोर
संगम का समय करना बाबा की याद में सफल
नहीं हो जाए एक भी पल व्यर्थ बातों में निष्फल
देख देखकर खुद का सम्पूर्ण आत्मिक स्वरूप
इस दुनिया से खत्म करनी है देहभान की धूप
काम नहीं है छोटा लेकिन खुद से शुरू करना है
सबसे पहले अपने आपके देहभान से मरना है
नहीं चलानी कभी किसी पर अहंकार की लाठी
ईश्वरीय विद्यालय ये अपना हम सब हैं सहपाठी
खुद को सम्भालते हुए ख्याल सबका है रखना
ईश्वरीय कसौटी पर अपना हर संकल्प परखना
हर पल बढ़ाना है मन में शुद्ध संकल्पों की मात्रा
यही कर्म करके पूरी करना अंतिम जीवन यात्रा
अंतिम जन्म में अपना सम्पूर्ण स्वरूप है जगाना
बाबा के हस्तों से हमें विजय तिलक है लगाना
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!