31-10-15 मुरली कविता


सवेरे का टाइम अच्छा उसमें करो विचार -सागर-मन्थन
बाप से करो मीठी-मीठी बातें..ख़ुशी की खाओ ख़ुराक
भक्ति में भगवान को कहते सर्वशक्तिमान..जो चाहे कर सकते ..सब है उनके हाथ
हम कहते ड्रामा है सर्वशक्तिमान..भगवान भी है उसमें बंधा
उनमें सर्व के सद्गति करने की शक्ति,
वो ऐसा राज्य करते स्थापित जो कोई नही सकता छीन
बाप को याद करना,मीठी मीठी बातेँ कर अति- इंद्रिय सुख करना अनुभव्
भोजन शुद्धि से बनाना,याद से करने विकर्म विनाश
हम बच्चे है शांति के दूत..शांति का देते सन्देश
वो अगर अशांति दे..आप शांति दो
वो अगर आग लगाये..आप पानी डालो
आवाज़ में आना है जैसे सहज
वैसे आवाज़ से परे जाना भी हो सहज

ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!