बाप की पढ़ाई से हम बनते श्रीकृष्णपुरी के मालिक
यह है पुरुषोत्तम कल्याणकारी संगम युग
बाप माताओँ पर ही रखते ज्ञान का कलश
पवित्रता की राखी बांध करते सबको पावन
पवित्रता की निशानी है रक्षाबंधन का त्यौहार
योगबल से बनना डबल अहिंसक
बाप के सुनाये पर करना विचार-सागर मन्थन
बाप समान बनो फरिश्ता अव्यक्त
फरिश्ता वो जो देखते साक्षी हो कर सबका पार्ट
अपनी वृति,दृष्टि से सहयोग और कल्याण का देते साकाश
दुःख को सुख में,अशांति को शांति में करो परिवर्तन
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!