अपना कल्याण करना तो रखो परहेज़
फूल बनना तो भोजन हो शुद्ध हाथ का पवित्र
तंदुरुस्त रहने की करो सदा प्रैक्टिस
योग बनाता 21 जन्मों के लिए यही ही तंदुरुस्त
अन्तर्मुखी बनो,अशुद्ध खान-पान छोड़ो
पढ़ाई करो,सब कुछ भोलानाथ के हवाले कर दो
दिल दर्पण बना,तीनो कालों का दर्शन कराओ
मुक्ति व स्वर्ग जाने की आशायें पूरी करो
एक बल एक भरोसा का पाठ पक्का हो
तो बीच भँवर से सहज पार हो जाओ
ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!