ऊँचे ते ऊँचे बाप पढ़ाते तो अच्छे से पढ़ाई करो
ख़ुशी से रोमांच खड़े हो,ऐसी पढ़ाई नही छोड़ो
इस पढ़ाई से डबल -सिरताज बनते यह निश्चय हो
बेहद के बाप को अपना माँ -बाप समझो
बच्चे माँ-बाप के सिवाए कोई के पास जाना पसंद नही करते
सुप्रीम टीचर की मत पर ही चलना ,उन्हें ही याद करो
साइलेंस का बल ज़मा कर विश्व -जीत बनना
बाप के आगे बड़े ते बड़े धनवान भी बच्चे ही होते
बच्चा बन माया से बचना,फिर बाप विश्व का मालिक बनायेंगे
बालक सो मालिक की स्मृति से निरहंकारी-निराकारी स्थिति सहज
अनुभव करते
ब्राह्मण जीवन की पर्सनैलिटी...सदा प्रसन्नचित रहो
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!