12-08-15 मुरली कविता


सच्ची कमाई कर... अपना और दूसरों का करना कल्याण
ज्ञान बुद्धि में धारण कर.. मिलकर करनी क्लास
बाप की याद में मुरली सुनो....
नाम-रूप में नही फंसो....
कोई भी बहन मुरली सुनाये,अहंकार में मत आओ
शिवबाबा की याद में सुनने महावाक्य
बुद्धि नही भटकानी, मुरली सुनते समय
चेक ..माया विक्रम तो नही कराती
हद की कामनायें.... वस्तु की...हद की प्राप्ति की...सम्बन्ध निभाने की...सेवा भावना में हद की..
इन सूक्ष्म कामनाओ पर जीत पानी
दिल की महसूसता से दिलाराम बाप की आशीर्वाद लेनी


ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!