03-07-15 मुरली कविता


सच्चा-सच्चा वैष्णव बनना,तो पवित्र रहो,भोजन की परहेज़ करो
मोह के अवगुण का त्याग करो
जैसे लौकिक सम्बन्धी को करते याद
अहो सौभाग्य..ऐसे बाप को याद करो,तो बेडा हो जाये पार
अपकारी पर भी उपकार करना
सुना -अनसुना कर मुस्कराते रहना
सुखदायी बनना,लड़ना-झगड़ना नही
समझदार बन अविनाशी ज्ञान रत्नों से झोली भरनी
मनन करो,मग्न रहो तो अवस्था होगी मगन
परवश नही होंगे,माया नमस्कार करेगी
मास्टर भगवान् बनोगे तो माया पहला भक्त बनेगी
सच्चा ब्राह्मण माना हर आचारण और उच्चारण हो ब्रह्मा बाप समान


ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!