08-12-15 मुरली कविता
तुमकों मिली है होलिएस्ट ऑफ़ होली
बाप की गोद
तो मन्सा में भी नही आये कोई खराब ख्यालात
अन्तर्मुखी बन करो चेक ....
मेरे से आती खुश्बू...किसी में आँख तो नही डूबती
कोई उल्टा कर्म तो नही किया
देह-अभिमान की बदबू देनी निकाल
दृष्टि रखनी पवित्र,चलन भी हो रॉयल
बाप समान मास्टर सहारे दाता बनना
निश्चयबुद्धि वाले ही दूसरों को देते हिम्मत
निस्वार्थ और निर्विकल्प हो सेवा करो तो बनो सफलता मूर्त
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!