निश्चय ज्ञान -योग
से ही बैठता
साक्षात्कार से कभी कल्याण नही होता
वो तो है ड्रामा में नूँध
बाप मरे को जिन्दा नही करते
पर नौंधा भक्ति वाले को साक्षात्कार कराते
ब्रह्मा व् कृष्ण का घर बैठ साक्षात्कार कराते
क्योंकि उसकी जादूगरी वो जानते
गृहस्थ में पवित्र रह बहादुरी दिखानी
श्रीमत पर करने श्रेष्ठ कर्म
वाणी से जाना परे
याद और सेवा में बैलेंस रखना
संकल्प में सेवा हो, तो व्यर्थ छूट जायेगा
ब्राह्मण जीवन का विशेष अंग है सेवा
परमात्म प्यार का स्वरुप--सहयोगी जीवन
ॐ
शांति !!!
मेरा बाबा !!!