पुरानी दुनिया अब हो रही ख़त्म
तुम्हें पुरानी दुनियां से नाता तोड़ना
क्योंकि तुम हो संगमयुगी ब्राह्मण
संगम की विशेषता है भविष्य की प्रालब्ध
इस एक जन्म हम पढ़,अमरलोक को जाते
देह-अभिमान हमें नाम रूप में फंसाता
संगदोष में आकर लूज़ नही होना
याद के चार्ट की डॉयरी बनानी
नोट करना कितना समय क्या-क्या किया?
कितना समय बाप की और घर की याद रही ?
त्रि-स्मृति का तिलक धारण कर सम्पूर्ण विजयी भव का वरदान लेना
स्वयं की स्मृति,बाप की स्मृति और ड्रामा की स्मृति
जैसे वृक्ष का बीज है परमात्मा,फिर दो पत्ते आत्मा और ड्रामा
की स्मृति
प्राप्तियों की स्मृतियाँ कमजोरियां कर देती समाप्त
ॐ
शांति !!!
मेरा बाबा !!!