09-11-15 मुरली कविता
तुम हो रूहानी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट
तुम्हारा काम है सारी यूनिवर्स को देना मैसेज
ढिंढोरा पिटना नई राजधानी हो रही स्थापित
अनेक धर्म का विनाश हो एक दैवी धर्म होगा स्थापित
यह है इंटेरनेशनल रोला,लड़ाई जरूर लगनी
दही-अभिमानी बनने की करनी मेहनत
अपनी स्थिति अचल ,अडोल और निर्भय बनानी
पास हो बनना विजय माला का दाना
बाप जैसा बहुरूपी बन सर्व स्वरुप से सुख का अनुभव करना
अव्यक्त मिलन के विभिन्न अनुभव का अभ्यासी बनना
भिन्न -भिन्न आकारी, साकारी ड्रेस को करना धारण...इस वरदान की
ड्रेस को अपनाना
आदर करने वाले बनते आदर्श...सम्मान दो सम्मान लो
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!