10-07-15 मुरली कविता


तुम्हें बाप,टीचरऔर सतगुरु की याद में रहना



तुम हो रॉयल स्टूडेंट, अलौकिक खिदमत करने वाले



अपने को बेहद का पार्टधारी समझ चलना



बुद्धि में कोई सूक्ष्म व स्थूल देहधारी की नही रखना याद



बाप समान सारी दुनिया का खिदमतगार बनना



चलन में देह-अभिमान नही हो,कुसंग से करनी संभाल



8 घंटे याद से सच्चा खुदाई खिदमतगार बनना



कर्मबंधनों को तोड़ बनना कर्मातीत



किसी की कमज़ोरी व अवगुण का नही काना वर्णन



उसको समाना और परिवर्तन करना ,यह है रिगार्ड



उमंग-उत्साह में लाना और बनना उनका शुभचिंतक



त्याग का भाग्य समाप्त करने वाला पुराना संस्कार का भी करना त्याग



ॐ शांति!!!



मेरा बाबा!!!