आँखे होती बहुत धोख़ेबाज़,इनसे करो संभाल
कर्मेन्द्रियाँ न दे धोखा,रोज़ रखो पोतामेल
जुबान का स्वाद..है सबसे बुरी आदत
बुरी आदतों से बचना तो खुद को दो फटकार
याद का बल कर्मेन्द्रियों पर दिलाता जीत
सच्ची करनी कमाई,पुरुषार्थ से करना मेक अप
मन्सा में हो पवित्र संकल्प..कोई न हो विकर्म
वाचा में हो..सत्यता और मधुरता
कर्मणा में..नम्रता,संतुष्टता और हर्षितमुखता
आत्मा भाई-भाई की रहे स्मृति सदा
ऐसे सम्पूर्ण पवित्र बच्चे बनते.. आज्ञाकारी नंबर वन
सम्बन्ध, संपर्क और स्थिति में बनो लाइटज
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!