26-08-15 मुरली कविता


एक बाप की श्रीमत पर चलते रहो
 


ऑनेस्ट रहो,किसी को दुःख मत दो
 


अपना सच्चा- सच्चा चार्ट रखो

 

जो लेते पूरे 84 जन्म वो करते नर से नारायण बनने का पुरुषार्थ

 

उनकी आँखे कभी होती नही क्रिमिनल

 

कर्मेन्द्रियों पर होगा उसका पूरा कण्ट्रोल

 

बाप को लिखकर देने सारे विकर्म

 

काम-क्रोध के वश हो करना नही कोई पाप

 

दिव्य समर्थ बुद्धि--दिव्य नेत्र का यथार्त यूस करने वाले
 


होते सर्व आकर्षण से परे और हर्षित रहते
 


शक्ति-स्वरुप प्रत्यक्ष हो जब कोई आसक्ति न हो
 


ॐ शांति!!!
 


मेरा बाबा!!!