27-08-15 मुरली कविता


पढ़ाई से बनानी अपनी कर्मातीत अवस्था

 

रूहानी सर्विस करनी,सबकों बताना पावन बनने का रास्ता
 


हियर नो ईविल..सी नो ईविल ...यह मन्त्र रखना याद
 


पवित्रता है नंबर वन गुण..उसे करना धारण
 


आसुरीपन को स्वदर्शन चक्र से करना समाप्त
 


बाप की दिलायी स्मृति को सिमरण कर, सबका करना कल्याण
 


अभी सारे कल्प की कमाई का समय चल रहा
 


5-हज़ार वर्ष के संस्कारॉ का रिकॉर्ड भर रहा
 


स्वयं को संपन्न बनाना,अविनाशी आधार ले पतित दुनिया से किनारा लेना
 


स्वयं को सम्पन्न बनाया माना विशाल -कार्य में सहयोगी होना
 


ॐ शांति!!!
 


मेरा बाबा!!!