16-12-15 मुरली कविता
संगमयुग पर तुम बनते हो
ब्राह्मण संप्रदाय
मृत्युलोक से तुम्हें अमरलोक जाना.. बन देवता
अभी इस दुनिया से लेना बेहद का संन्यास
इस मृत्युलोक में सब हो जायेगा भस्मीभूत
वर्थ नॉट पैनी से बनना वर्थ पाउण्ड
खान-पान की परहेज़ रख.. बनना सच्चा वैष्णव
मुरली मिस न कर उससे स्वयं को करना रोज़ रिफ्रेश
निरन्तर योगी के साथ निरन्तर सेवाधारी बनना
अपनी पावरफुल वृति द्वारा फैलाने वाइब्रेशन
हर कदम पर करनी पद्मो की कमाई ज़मा
रूहानी पर्सनॅलिटी की स्मृति से बनना मायाजीत
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!