16-06-15 मुरली कविता


ख़ुशी और पद का आधार है पढ़ाई
जब तक जीना पढ़ना और पढ़ाना
जो होते तकदीरवान पढ़ाई भी रूचि से पढ़ेंगे
सहनशीलता का गुण धारण कर सर्विस करो
साक्षी हो कर हरेक का पार्ट देखना
बाप को याद कर अपने आप को सुधारना
अपने आप से बातें कर अपने को उमंग दिलाना
चेक करना..आप समान बनाया..मैसेंजर बने
हर संकल्प, हर बोल,हर कर्म.. व्यर्थ है या समर्थ
त्रिकालदर्शी स्थिति पर स्थित हो हर कर्म करना
मान, शान, साधनो का त्याग होता महान त्याग


ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!