19-11-15 मुरली कविता


याद की यात्रा से ही सुधरेंगे कैरक्टर्स
बाप की याद ही बनाती सौभाग्य
अवस्था की परख होती बीमारी के समय
बीमारी में भी बाप की याद दिलाना..चेहरा रहे खुशमिसाज़
कुछ भी हो जाये रोना नही ...यही है अच्छी अवस्था
अपना हीरे जैसा बनाना जन्म
शरीर समझना खुद को.. है कड़ी बीमारी..इससे बचना
अपनी को सदा आत्मा समझ जपना...
माया के दास नही बनना
तपस्वीमूर्त अर्थात इच्छा मात्रम अविद्या स्वरुप
अल्प काल की इच्छायें बनती तपस्या में विघ्न रूप
लेवता पन का करना त्याग ,..विधाता बनना
कर्म फल की सूक्ष्म कामना रखना माना फल पकने से पहले खाना


ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!