गीता के भगवान् शिव को सिद्ध करो
तो तुम्हारा नाम भी बाला हो
तुम बच्चों ने चार युगों में चक्र लगाया
ब्राह्मण, देवता,क्षत्रिय ,वैश्य ....बने
भक्ति में परिक्रमा दिलाने की फिर बनी यह रस्म
भगवान् हमें पढ़ाते इसका शुद्ध अहंकार रखना
आत्मा को सतोप्रधान बनाने का पुरुषार्थ करना
विजयमाला के मणके बनना तो बाप को सामने रखो
जो संकल्प,बोल उनके सो संकल्प ,बोल तुम्हारे भी हो
सदाकाल का पुरुषार्थ तो सदा का बनता भाग्य
प्यार का सच्चा सबूत..सेवा मे सदा होना जी हाज़िर
ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!