ख़ुशी में रहो, हमें अशरीरी बाप पढ़ाते
ख़ास हमें पढ़ाने वो शरीर में प्रवेश करते
ज्ञान का तीसरा नेत्र मिला..शान्तिधाम,सुखधाम देखने लिये
बाप आये कीचड़ से निकाल ,पुण्य आत्मा देवता बनने
एक बाप का रिगार्ड रखना ..मित्र संबंधियो को भूलना
इस सड़ी हुई देह का अभिमान छोड़ना
विकर्म विनाश करने तो प्रीत एक बाप संग रखनी
माया की परवाह नही करनी
माया गुप्त रूप में प्रवेश करती
उसको परखना,अपनी सम्भाल करनी
अंतवाहक शरीर द्वारा सेवा करनी
शिवशक्ति कंबाइंड स्वरुप की रखनी स्मृति
उसका होगा साक्षात्कार,सन्देश मिलेगा
कर्मबंधन मुक्त हो डबल लाइट ,कर्मयोगी बनना
मान के त्याग से सर्व माननीय का भाग्य मिलता
ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!