17-06-15 मुरली कविता


सुख -शांति की दुनिया करनी स्थापन
तो बाप का बनना पूरा मददगार
पढ़ाई का सार, सब बातों को छोडो
अच्छी रीति पुरुषार्थ करो
स्वर्ग का प्रिंस-प्रिंसेस ,विश्व का मालिक बनो
बाप को सवेरे उठ पैदल करते याद करो
आपस में रुहरिहान करो,अनुभव सुनाओ
मुरली मिस नही करनी,पढ़ाई में लगाना मन
स्वयं को बदलने का रखो लक्ष्य
दूसरें बदले या न बदले,मुझे बदलना
पहले मैं परिवर्तन करूँगा..तो ही मिलेगा नंबर वन
जो होते मोल्ड बनते वो गोल्ड
श्रेष्ठ जीवन बना करना बाप को प्रत्यक्ष


ॐ शांति !!!
मेरा बाबा !!!