09-07-15 मुरली कविता


बाप पढ़ाते खूबसूरत देवी-देवता बनाने

 

ख़ूबसूरती का आधार है पवित्रता
 

रूहानी शमा पर होना फ़िदा
 


फ़िदा माना बाप समान बनना
 


बाप से ऊँची राजाई का अधिकारी बन जाना
 


यथार्थ रूप से जान याद करना
 


बेहद के बाप से रखने सर्व सम्बन्ध
 


इस अंतिम पुरुषार्थी जीवन में बहुत कमाई करनी

 

ऐसा कोई कर्म नही करना जिससे बाप की व परिवार की इज़्ज़त जाये

 

याद से आत्मा की खाद निकालनी

 

होलीहंस किसीके अवगुण अर्थात कंकड़ नही करते धारण

 

हिज़होलिनेस का टाइटल पाना तो अवगुण नही देखना

 

आहार ,व्यवहार शुद्ध रखना

 

पुराने संस्कारों का अंश का भी त्याग माना सर्वंश त्यागी बनना

 

ॐ शांति!!!

 

मेरा बाबा!!!