25-09-15 मुरली कविता


दिल पर रखकर हाथ कहो..बाप जो सुनाते पहले नही सुना
जो सुना उसे अर्थ सहित समझ.. ख़ुशी में रहना
ब्राह्मण धर्म ही सारे विश्वकी सद्गति करता
देवताओं से भी ऊँच है ब्राह्मण कुल-भूषण
बाप द्वारा मिलती ताकत तो बनते ब्रह्माण्ड के मालिक और विश्व के मालिक
सेर्विसेबल बन सृष्टि के आदि-मध्य-अंत का ज्ञान बुद्धि में फिराना
देवताओं जैसा बनना मीठा,अवगुण निकालना 
मैं  विश्वकल्याणकारी हूँ..स्वमान में स्थित रहना
तो समस्याओं का समाधान रूप में होगा परिवर्तन
दान दो,वरदान दो..तो स्व का ग्रहण स्वतः होगा समाप्त
गुण स्वरुप बनो,गुणों का करो वर्णन

ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!