07-10-15 मुरली कविता


परिस्तानी बन तुमको करना सबका कल्याण...
गरीब को बनाना साहूकार
बाप को कहते बागवान-खिवैया..डूबने वाले को ले जाते पार
बाप का हाथ पकड़ तुम बनते स्वर्ग के मालिक
सबकी नैया पार लगाने वाले मास्टर खिवैया बनना
मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को नही देना दुःख
नर से नारायण बनना तो रखना सत का संग
पतित-पावन बन सबको बनाना पावन
सदा रहे स्मृति की तुम हो विशेष- निमित्त आत्मा
तो बोलना,देखना,करना,सोचना साधरण नही...सब में हो विशेषता
तब ही स्वपरिवर्तक से विश्वपरिवर्तक का लक्ष्य मिलेगा सहज
विघ्नों को समझ कर करना पार.. नही घबराना
 

ॐ शांति!!!
मेरा बाबा!!!