बाबा मुक्ति-जीवनमुक्ति की राह दिखा रहे
अभी हम स्वर्ग के गेट पर है खड़े
भारत को स्वर्ग बनाने अर्थ सेवा कर रहे
अपना रजिस्टर ख़राब न हो अटेंशन देना
मन्सा -वाचा-कर्मणा कोई को दुःख नही देना
यदि दुःख दिया तो पश्चाताप करना पड़ेगा
अशरीरी बनने का करना अभ्यास
नाम -रूप में फंसे नही, रखना पूरा ध्यान
नष्टोमोहा बनना, चलन का रखना चार्ट
जो सेवा में रहते बिजी ,व्यर्थ से स्वयं भी बचते, औरों को भी
बचाते
वो विश्व की सर्व आत्माओं को इमर्ज करते
इसलिए अलबेलेपन से बचते
उन्हें आधारमूर्त का वरदान प्राप्त हो जाता
एक-एक सेकण्ड संगम का होता वर्ष बराबर ,उसे नही गंवाना
ॐ
शांति !!!
मेरा बाबा !!!