30-12-15 बाबा पोएम


हजार मुश्किलें आए फिर भी हिम्मत ना हारो
हर अवगुण को अपना दुश्मन समझकर मारो
माया शत्रु को योग बल से कर दो चकनाचूर
हर विकार को मिटा दो लगाकर शक्ति भरपूर
करते रहो अनादि रूप में टिकने का अभ्यास
मुरली से हर रोज बुझाओ ज्ञानामृत की प्यास
कर्म क्षेत्र पर जगाओ अपने श्रेष्ठ दैवी संस्कार
माया के आगमन के बन्द करो सब प्रवेश द्वार
अपने मन में कोई विकारी लालच ना आने दो
कोई भी विघ्न आए लेकिन ख़ुशी ना जाने दो
कोई दुःख नहीं जाएगा नयनों को भिगोने से
विघ्न दूर होंगे सभी बाबा की याद में खोने से
आत्मिक भान जगाने का पूरा कर लो जतन
ज्ञान योग के बल से रोक दो आत्मा का पतन
खोलो मन की आँखें आने दो ईश्वरीय प्रकाश
ज्ञान समाकर मन में करो आत्मा का विकास
बाबा के कहने पर एक जन्म पवित्र बन जाना
नहीं पड़ेगा सारे कल्प में रोना और चिल्लाना
तीव्र गति से करो अपने श्रेष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति
बहुत जल्द हो जाएगी संगम युग की समाप्ति

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!