15-10-15
मुरली कविता
स्वागत बाप-दादा आपका आज की शाम
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शरबती नयनों से छलकेगा जाम प्रभु आयेंगे हमारे राम
मुख पर होगी फिर वो मीठी सी मुस्कान और नूरानी शान
रूहानियत से भरी होगी वृति और दिल में सम्मान
चंचलता होगी शब्दों में व मीठी सी प्यारी सी छेड़ -छाड़
प्रभु मिलन की रंगीन होगी आज की शाम
जुदाई की कसक होगी पूरी, दिल को मिलेगा आराम
नैनों में होगी ख़ुशी भी और अश्रुओं की भी धार
प्यार का इज़हार करेंगे हम बच्चें अपने पिता से श्रीराम
सहलायेंगे वो अपने वरद हाथों से देकर अमूल्य वरदान
मुख होंगे बंद पर संकल्पों से होगी रुहुरिहान
गुप्त शब्दों से और इशारों से होगा प्रेम का आदान -प्रदान
खो जायेंगे हम भूलकर सब सम्बन्ध, मिला है जो एक में पूरा संसार
सागर की लहरों में डूब जायेंगे, सुख -शांति का होगा आभास
रंगीली शाम बन जायेगी कल्प- कल्पान्तर की यादगार
महफ़िल सजेगी शिवशक्तियों- पांडवो संग होगा नृत्य और गान
रास राचायेंगे दिल बहलायेंगे, प्रभु प्रीतम से मिलन होगा आज की
शाम
स्वागत है 'बाप-दादा' आपका दिल से जिगर से हम करते कोटि-कोटि
आपको प्रणाम
ॐ शांति
welcome BaapDada..in our
hearts
Love u BaapDada