02-12-15 बाबा पोएम


ये वक्त बड़ा अनमोल है जैसे हीरा कोहिनूर
व्यर्थ बर्बाद किया तो मंजिल हो जाएगी दूर
सर पर हाथ रखकर बाद में बहुत पछतायेंगे
संगम के अनमोल पल फिर कभी ना आएंगे
सही वक्त है कर डालो अपना परिवर्तन पूरा
नहीं छोड़ो परिवर्तन को तुम बीच में अधूरा
परिवर्तन के पथ पर देखो नहीं तुम मुड़कर
मंजिल कभी ना आएगी पास तुम्हारे उड़कर
मंजिल पाने के लायक पहले खुद को बनाना
भरना खुद में ज्ञान गुण शक्तियों का खजाना
होकर निराकार बाबा की याद में समा जाना
बाबा की याद में खोकर बाप जैसा बन जाना

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!