13-02-16 बाबा कविता


मन में सदा बजाते रहो बाबा की यादों के गीत
केवल योगबल से बन सकोगे पुरे विकर्माजीत
करो सर्व आत्माओं की सेवा बनकर सेवाधारी
लेकिन पुरुषार्थ में भी ना रहे कोई कमी हमारी
संगमयुग बीत जाएगा सदा याद रखो यह बात
अनमोल समय बीत गया तो मलते रहना हाथ
सतोप्रधान बनने वाले ही बनेंगे विश्व महाराजा
पवित्र बनकर खुद ही खोलो स्वर्ग का दरवाजा
याद करो हम ही थे पवित्र देवी देवता धर्म वाले
विकारों में फंसकर हुए सभी पतित और काले
बड़ी भारी भूल की जो मुझे सर्वव्यापी बताया
मुझे हटाकर कृष्ण को गीता ज्ञान दाता बनाया
संगम में आने वाले को द्वापर में आना दिखाया
देकर उल्टा ज्ञान अज्ञान नींद में सबको सुलाया
आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊँ सच्ची गीता का ज्ञान
पाओगे स्वर्गिक सुख यदि छोड़ोगे देहाभिमान
लोप हो गया सनातन धर्म देवी देवताओं वाला
देहभान ने निकाल दिया तुम्हारा पूरा दिवाला
पड़कर पांच विकारों में पतित बन गए हो सारे
जो थे विश्व के मालिक वो बन गए पुरे बेचारे
आत्मिक भान मिटाकर सारी शक्ति गँवा बैठे
अपने हाथों से जीवन नैया भँवर में फंसा बैठे
आया अब खिवैया तुम्हारी जीवन नैया बचाने
लेकर पतवार हाथों में आया तुम्हें पार लगाने
बाबा के संग रहकर चलना भवसागर के पार
लेकर तुम्हारी नैया को वो स्वर्ग में देगा उतार

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!