27-06-16
मुरली कविता
बाप आया विकारों की तपत बुझाने
सब हो गए काम विकार से काले
बाप ज्ञान वर्षा से 21 जन्मों के लिए शीतल बनाते
रूहानी पढ़ाई पढ़नी,ज्ञान रत्नों से झोली भरनी
सम्पूर्ण निर्विकारी और निरहंकारी बनना
बीती को लगाना फुल -स्टॉप
साइलेंस की शक्ति से रजिस्टर रखना साफ़
तो बन जायेंगे प्रभु-प्रिय व् लोक प्रिय
व्यर्थ संकल्प करना व् दूसरों के व्यर्थ चलाने
के निमित्त बनना भी है.. अपवित्रता
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!