20-02-16
मुरली कविता
माया के तूफानों से तुम्हेँ नही
डरना
क्योंकि तुम हो महावीर
कुछ भी हो जाए नथिंग न्यु
बाप के सिवाये कोई की नही परवाह
बाप की श्रीमत पर रहना पवित्र
चाहे कितना भी सहना पड़े सितम
बाप पर पूरा -पूरा जाना बलिहार
बाप समान बनने की रखनी हिम्मत
निरन्तर योगी के साथ बनो निरन्तर विजयी
हर संकल्प,हर कदम पर बनो विजय के अनुभवी
ऐसे सच्चे सेवाधारी ही अपनी सूरत
और चलन से बाप के चरित्र का कराते साक्षात्कार
विशेषतायें व् गुण है दाता की देन
दाता को देखो ,नही देखों व्यक्ति
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!