29-09-16 मुरली कविता


सत्य बाप आए दुनिया में सच खंड को स्थापन करने
बाप के पास आए हम कथा सत्य नारायण की सुनने
ईश्वरीय ज्ञान सुनकर खुला बच्चों की बुद्धि का ताला
अत्मभान जगाकर बच्चों ने देहभान को मिटा डाला
रखो अपनी बुद्धि विशाल हर रिश्ते से तोड़ निभाओ
हम आत्माएँ हैं भाई भाई अपने मन को ये समझाओ
बाप के आने का शुभ सन्देश हर आत्मा को सुनाओ
अपने समान हर आत्मा का जीवन सात्विक बनाओ
बाप का बनकर मेरे लाडलों कभी ना बनना विकारी
खत्म कर देंगे ये विकार तुम्हारी की हुई कमाई सारी
अपने प्रिय बाप की बातों में कभी संशय नहीं उठाना
करके भरोसा अपने बाप पर खुद को पावन बनाना
कोई ऐसी बात नहीं कहना जो नए बच्चों को मुंझाए
बुद्धि में बैठे ज्ञान को जो संशय के झोंको से उड़ाए
ऊँच से ऊँच बाप के बच्चे तुम करो संकल्प सर्वोच्च
दुनिया की बातें छोड़कर अपनी शुद्ध बनाओ सोच
खुद को कर्मातीत बनाने की खुद ही करो व्यवस्था
धारण करो सम्पूर्ण निर्विकारी की सर्वोच्च अवस्था
सम्पूर्ण पवित्र बनकर रहो जब तक है तन में प्राण
संकल्प बोल और कर्म बनाना है ऊंच लक्ष्य प्रमाण
कर्म करते सदा याद करो अपना करन करावनहार
योग बल से निखरता जाएगा तुम्हारा चित्र निराकार

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!