07-09-16
मुरली कविता
सेवा का प्रथम स्थान होता अपना
लौकिक परिवार
ज्ञान सुनाओ उनको दिल में जगाकर रूहानी प्यार
एकरस अवस्था बनानी है तो कर लो यही प्रतिज्ञा
अपने बाबा को भूलने की कभी नहीं करेंगे अवज्ञा
एक बाप की याद से बन जाओगे जब सतोप्रधान
स्वर्ग का वर्सा पाना हो जाएगा बिलकुल आसान
शिव बाबा का यही है धंधा और एक यही व्यापार
साधू संतों अहिल्याओं का भी कर देता है उद्धार
विचार सागर मंथन में मन बुद्धि से सदा लगे रहो
बाप की याद में रहकर अज्ञान नींद से जगे रहो
बाप से योग लगा हो तो सबका सहयोग पाओगे
एक बाप से प्यार करके सच्चे योगी बन जाओगे
व्यवहार में अब तक भी रहा अगर पुराना संस्कार
तीव्र नहीं होगी कभी आपके परिवर्तन की रफ़्तार
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!