10-03-16
मुरली कविता
तुम हो मास्टर ज्ञान के सागर
तुम बनते त्रिनेत्री,त्रिकालदर्शी,त्रिलोकीनाथ
तुम बच्चें ही करते सच्ची -सच्ची रूहानी सेवा
सुप्रीम रूह शिवबाबा से मिलती तुम्हें शक्ति
वो ही लगाते तुम्हें ज्ञान का इंजेक्शन
जिससे तुम पाते 5 -विकारों रूपी दुश्मन पर जीत
तुम हो बापदादा के नूरे- रत्न,
तुम्हारें नैनों में और कुछ समां नही सकता
इस शान की स्मृति से मान स्वतः होगा प्राप्त
कर्म भी होंगे श्रेष्ठ और शानदार
ट्रस्टी वो जो सब कर दे बाप के हवाले
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!