17-08-16 मुरली कविता


बाप आया दुःख से मुक्त कर देने स्वर्ग का वर्सा
बाप से हमें मुक्ति और जीवनमुक्ति मिलती
अभी बाप लगाते दैवी फूलों की सैंपलिंग
बाप की याद से हम आयरन एज्ड से बनते गोल्डन एज्ड
इस युद्ध स्थल पर माया को जीत
कर्मातीत अवस्था को पाना
मैं -शब्द ही देह-अभिमान से परे ले जाता
और यही शब्द देह-अभिमान में ले आता
मैं- शब्द का उल्टा रूप आत्मा को बाप के बजाए नाम रूप में ले आता
किसी की बुरी व् अच्छी बात सुनकर
संकल्प में भी घृणा भाव में आना..यह भी है परमत

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!