21-07-16
मुरली कविता
बाबा बनाने आया विश्व का मालिक
वह है हमारे सम्मुख तो रहे यह नशा
कर्मभोग से करने हिसाब-किताब चुक्तू
सज़ाओं से बचना तो करना बाप को याद
आत्म-अभिमानी बनना,फ़रिश्ते का करना पुरुषार्थ
कमाई का समय है तो सब कुछ भूल
एक बाप की याद में रहना
सर्व समर्पण कर सर्व-गुण सम्पन्न
व् सम्पूर्ण बनने का रखना लक्ष्य
तो विजयी भव का मिलेगा बाप-दादा से वरदान
मन को वश में करने वाला ही मनमनाभव रह सकता
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!