10-02-16 मुरली कविता


एक बाप से करो प्यार,उसे ही करो याद
वो ही देता तुम्हें सुख,तो करो नही गफलत
उंच मर्तबा पाना तो करो पूरा पुरुषार्थ
तक़दीर में होगा तो मिल जायेगा ,
यह बोल नही अच्छे पुरुषार्थी बोलते
विनाशी साधनों के आधार पर न हो अविनाशी साधना
साधन है निमित्तमात्र ,साधना है निर्माण का आधार
साधना को महत्व दो,साधना ही करायेगी सिद्धि प्राप्त
कमज़ोरी का अंश भी वंश कर देता पैदा
जो फिर बना देता परवश

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!