11-09-16 मुरली कविता


बाप मौन के बल से जब परिस्थिति को परख पाओगे
सही निर्णय की शक्ति तब ही जागृत कर पाओगे
होकर वाणी से परे करो शांत स्थिति का अनुभव
अपने मीठे शान्तिधाम में तब जाना होगा सम्भव
शांति की शक्ति से होगा समस्याओं का समाधान
मौन के निरंतर अभ्यास से ही मिटेगा देहाभिमान
अभ्यास निरन्तर मौन का एकाग्रता को बढ़ाता है
एकाग्रता का बल ही परखने की शक्ति जगाता है
व्यर्थ से मुक्त करके अनमोल को समय बचाता है
निर्णय शक्ति को बढ़ाकर माया से हमें बचाता है
इन शक्तियों से हो जाता हर समस्या का समाधान
माया को परख लेना फिर लगता बहुत ही आसान
अपनी शक्ति से आगे बढ़ाओ परिवर्तन का चक्का
वर्ना हमें खाना पड़ जाएगा परिस्थितियों का धक्का
बाबा से जो कुछ सुना उसे बुद्धि में रखना समाकर
अनुभव करो आत्मा का निराकारी रूप अपनाकर
ज्ञान योग के बल से जो कोई करते हैं मीठे अनुभव
उनके लिए रूहानी मस्ती में रहना हो जाता सम्भव

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!