22-03-16 मुरली कविता


सत्य बाप सच्ची कथा सुना बनाते नर से नारायण
बेहद के बाप से मिलता 21 जन्मों का वर्सा
देहि-अभिमानी बनना अर्थात पारसबुद्धि
देह के सब सम्बन्ध भूल करना एक बाप को याद
सद्गति के लिए सतगुरु की यही एक श्रीमत
पुण्य -आत्मा बनने का करना पुरुषार्थ
सम्पूर्ण पावन बनना तो नही करना पाप कर्म
विशेष आत्मा हर कर्म देहि-अभिमानी हो करती
स्वयं भी संतुष्ट रहती और दूसरों को भी संतुष्ट करती
योग के प्रयोग से सर्व ख़ज़ानों को बढ़ाना होता प्रयोगी आत्मा बनना
 

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!