20-04-16
मुरली कविता
बाप तुम्हें टीचर बन पढा सतयुगी
राजाई लायक बनाते
उनका ऑक्यूपेशन है तुम्हें मनुष्य से देवता बनाना
तो पवित्र बनने की जो प्रतिज्ञा की उस पर रहना पक्का
पवित्र जरूर बनना,काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार पर पानी विजय
जानना था सो जान लिया...पाना था सो पा लिया..
इस स्मृति से उलझनों से रहना मुक्त
मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ....मैं मास्टर रचयिता हूँ यह याद रखना
...
बचपन की छोटी-छोटी बातों में समय नही गंवाना
कमल आसनधारी हो माया के आकर्षण से परे रहना
बाप के स्नेह में प्यारे रहने वाले है श्रेष्ठ कर्मयोगी
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!