07-01-16 बाबा पोएम
शुभचिन्तन के अभ्यास द्वारा बनो
बाप समान
मन से व्यर्थ चिन्तन का मिटा दो नामो निशान
संगठित रूप से करो एक समान शुभ संकल्प
शुभ संकल्पों प्रति न आए मन में कोई विकल्प
देवता बनने से पहले बनो तुम अव्यक्त फ़रिश्ते
रूहानी रूप में रहकर सदा रहो तुम गाते हँसते
अपनी मन बुद्धि पर प्राप्तियों का नशा चढ़ाना
तभी नजर आएगा अपनी मंजिल का निशाना
स्पष्ट देखते जाओ अपना प्यारा फरिश्ता रूप
अपना चरित्र चमकाओ खाकर ज्ञान की धुप
ना सोचो मैं हूँ सिर्फ ब्रह्माकुमारी और कुमार
अव्यक्त फ़रिश्ता हूँ मैंने लिया है तन साकार
मन बुद्धि का ये हल्कापन सेवा को बढ़ाएगा
ज्ञान के पथ पर हमें ऊपर की और चढ़ाएगा
निभाएंगे सेवा की डबल रूप की जिम्मेदारी
कभी होंगे साकार में तो कभी बनेंगे आकारी
पवित्र मनसा से जब करेंगे तेज गति की सेवा
तभी मिलेगा हमें सतयुग की राजाई का मेवा
ये कौन आए सबके मन में हलचल मचाओ
अपनी आत्मिक चमक सबको तुम दिखाओ
माया रावण भी आपको देखकर डर जाएगी
रूहानी लाइट से वो अपने आप मर जाएगी
फरिश्ता रूप से चारों और प्रकट हो जाओ
सारे संसार में आध्यात्मिक जाग्रति लाओ
16 सूत्री कार्यक्रम से बनो 16 कला सम्पूर्ण
कभी भी हो सकता है यह संगम युग पूर्ण
बाप दादा समान रहना सदा शुभ चिंतन में
दुखी नहीं होना फंसकर किसी भी बंधन में
देहभान छोड़कर अपनाओ आत्मिक सत्यता
अपनी श्रेष्ठ चलन से करो बाप की प्रत्यक्षता
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!