16-04-16 मुरली कविता


तुम्हारा स्वधर्म है शांति
सच्ची शांति मिल सकती सिर्फ शान्तिधाम
बाप देते पाप और पूण्य की नॉलेज
वो है सर्व का सद्गति दाता
मनुष्य- मनुष्य को मुक्ति -जीवनमुक्ति दे नही सकता
जीवनमुक्ति का वर्सा लेना तो पावन जरूर बनना
साहूकारी का नशा छोड़ देहि-अभिमानी बनना
श्रेष्ठ सेवाधारी वह जो कामधेनु बन सर्व की मनोकामनायें पूरी करे
सदा हर्षित रहने का व् सन्तुष्टता का वरदान स्वतः प्राप्त करते
ज्ञान स्वरुप बनना तो हर समय पढ़ाई पर अटेंशन रखो
बाप और पढ़ाई से समान प्यार हो

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!