20-07-16 मुरली कविता


यह दुनिया होनी है विनाश
इसलिए कोई रखनी नही आश
संगम पर बाप से लो पूरा वर्सा
तो आयुष्मान,पुत्रवान,
धनवान का मिल जायेगा वरदान
पावन बन घर जाने की रखनी आश
माया के तूफ़ानों में नही गंवाना समय
आलस छोड़..हुल्लास में रहना
जो करना है,जितना है करना..अभी करना
सच्चे सेवाधारी वह है जिनका सोचना और करना हो समान

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!