08-06-16 मुरली कविता


पावन बनने का एकमात्र उपाय...बाप की याद
याद की मेहनत अंत तक आयेगी काम
बाबा है बिंदी,हम भी है बिंदी
इस तिलक से राजाई की तिलक मिलती
आधा-कल्प रोने से जाते छूट
याद से आत्मा बनती एवेरहेल्दी
सवेरे-सवेरे उठ करना विचार-सागर मन्थन
तुम हो ब्राह्मण कुल -दीपक
सदा स्मृति-स्वरुप,समर्थी -स्वरुप
इस अखण्ड ज्योति का यादगार
जड़-चित्रो के आगे जगाते अखण्ड ज्योति
वरदानी मूर्त अर्थात सर्व आत्माओं प्रति शुद्ध संकल्प रखना

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!