18-08-16 मुरली कविता


सर्विसेबल बन लो बाप-दादा का प्यार
बुद्धि में ज्ञान भरपूर होगा तो करोगे वर्षा
देह-अभिमान का नशा कराता डिस-सर्विस
बाबा से अगर प्यार नही..उनसे योग नही
तो जैसे हो खाली
निश्चयबुद्धि बन अपनी अवस्था करनी पक्की
निष्काम सेवाधारी नही करते लेने का संकल्प
दाता के बच्चे को लेना शोभता नही
निष्काम सेवाधारी,बेहद का वैरागी ही
विश्व-कल्याणकारी रहमदिल बनाता
अपनी गलती दूसरों पर लगाना भी है परचिन्तन

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!