15-08-16 मुरली कविता


प्राणेश्वर बाप आया है मीठी मुरली
सुनाकर प्राण बचाने
सबकी श्रेष्ठ तकदीर बनाने है वो आया
तकदीरवान बच्चों होते सदा निश्चयबुद्धि
माया ने जो पंख तोड़ें..बाप आया उसे देने
फिर वापिस अपने साथ घर ले जाने
ज्ञान-योग से बुद्धि को बनाना पारस
स्वीट साइलेंस में हो बुद्धि योग
अपवित्रता...संकल्प ,वृति व् स्मृति को करे न टच
इसके लिए कदम-कदम पर सावधान रहना
बाप का साथ करो यूज़
तो कभी नही होंगे दिलशिक्स्त्

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!