07-07-16
मुरली कविता
बाप तुम्हें देते ज्ञान का
नेत्र तीसरा
जिससे आत्मा की ज्योति जाती जग
बाबा हमें रोज़ मुरली सुनाने आते
मन्त्र देते और बनाते स्वर्ग जाने लायक
गृहस्थ व्यवहार में रह बनना सतोप्रधान
खान-पान शुद्ध और पवित्र रखना
भारत को स्वर्ग बनाने की सच्ची-सच्ची करनी सेवा
माया की छम-छम,रिमझिम व् रौनक से बचना
नॉलेजफुल बन उसके सब रूपों को समझना
तो हार खाना हो जायेगा असम्भव
जो रहते सदा प्रसन्नचित,वो कभी नही बनते प्रश्नचित
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!