10-05-16 मुरली कविता


कालो का काला आया तुम्हें
काल पर दिलाने जीत
हे रूहानी यात्री..देहि-अभिमानी बनो
रावण ने आधा-कल्प से बनाया देह-अभिमानी
स्वयं को सत्तोप्रधान बनाना अब याद से
रूह समझ रुहूओ का देना ज्ञान
कितना भी हो विस्तार एक सेकंड में समेट लो
समेटने की शक्ति से लगाओ फुल-स्टॉप
पेपर बनाते परिपक्व,फॉउन्डेशन बनता मज़बूत
सुख-शांति की वाइब्रेशन से लोगों
को सुख-चैन की अनुभूति कराना है सच्ची-सेवा

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!