22-04-16 मुरली कविता


सर्विसएबल बाप आया सम्मुख ज्ञान डांस सिखाने
तुम भी होशियार बन अच्छी सर्विस कर डांस करो
याद में रहना है तुम्हारी रूहानी हॉबी
तुमको सच्ची-सच्ची कथा सबको सुननी
नॉलेजफुल बाप से जो मिली नॉलेज उसे करना सिमरण
देह-अभिमान में आकर घुटका नही खाना
भविष्य में होगा तुम्हारे गोल्डन स्पून इन माउथ
अभी तुम बनते हो हीरे तुल्य
यहाँ है बापदादा की गोदी के अती -इन्द्रिय झूले
वहाँ होंगे सोने,हीरे के झूले
कर्म और योग का बैलेंस ही परमात्म ब्लेसिंग का बनाता अधिकारी

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!