22-07-16 मुरली कविता


बेगर से प्रिंस बनने का आधार है पवित्रता
इससे ही मिलती पवित्र दुनिया की राजाई
आत्म-अभिमानी बनने से बनते देवता
मनुष्य है पतित,देह- अभिमानी
पतित से पावन बनना तो ज्ञान-योग में होना मज़बूत
ब्राह्मण बच्चों को ही मिलता वर्से का अधिकार
जब रूप में,स्थिति में,चेहरे व् कर्म में
हो रूहानियत ,रुहाव और रहमदिली का गुण
तब बनेंगे प्रकृतिजीत आत्मा
श्रीमत की लगाम मज़बूत हो तो
मन रूपी घोड़ा भाग नही सकता

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!