02-01-16 बाबा पोएम
मिले आप बाबा तो खजाने मिले सभी।
संगम युग में नहीं गंवाऊँगा इन्हें कभी।
खजानों को बांट बांटकर बढ़ाता रहूंगा।
सबको खजानों से सम्पन्न बनाता रहूंगा।
अब सर्व विकारों से हुआ है मुझको बैर।
माया को ललकारूं मैं तेरी नहीं है खैर।
टूट गया ओ माया तुझसे मेरा हर नाता।
बाबा की याद से रूहानी सुख मैं पाता।
अमृत वैले मिलती मुझे बाबा की छाया।
अशरीरी बनता हूँ भूलकर अपनी काया।
बन गया मैं शिव बाबा के नयनों का नूर।
कर्मतीत अवस्था अब नहीं है मुझसे दूर।
एक परिवार है अपना यह सारा संसार।
बाप समान बनूँगा मैं सबका पालनहार।
स्व परिवर्तन से जग को नया बनाऊंगा।
इसी विधि से मैं स्वर्ग धरा पर लाऊंगा।
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!