11-01-16 बाबा पोएम


योगाग्नि की ज्वाला में करो पांचों विकार स्वाह
तब बाबा कहेगा हमारे लिए वाह मेरे बच्चे वाह
योग अग्नि में जलकर खुद को निखारते जाओ
ज्ञान रतन धारण करके खुद को सुधारते जाओ
अवगुण है शत्रु हमारे करो जीवन से इनको दूर
तब ही जाकर बन पाओगे सतयुग में सुन्दर हूर
ज्ञान रतन लेकर दे दो बाबा को अवगुण सभी
नहीं आ सकेगा जीवन में कोई दुःख दर्द कभी
खोलो मन के दरवाजे धारण करो ज्ञान सुगन्ध
मन बुद्धि में कभी ना रखना देहभान की दुर्गन्ध
व्यर्थ बातों से कर देना मन को पूरा तुम खाली
समर्थ संकल्पों से ही नई दुनिया है बनने वाली
देहभान समाप्त करो और बन जाओ पुरे योगी
सतयुग के निर्माण में बन जाओ पुरे सहयोगी
कभी ना देखो इधर उधर अपना रख लो ध्यान
स्वपरिवर्तन की शिक्षा दे रहा यह ईश्वरीय ज्ञान

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!