03-02-16 बाबा पोएम
सारे जग का भला करो पावन खुद को
बनाकर
विश्व कल्याणकारी बनो चढ़ती कला में जाकर
तोड़ो रावण की जंजीरें स्वर्ग की राजाई पाओ
पास विद ऑनर होने की खुशियाँ सभी मनाओ
बनकर आत्म पतंग बाबा के हाथ में दे दो डोर
भेज देगा बाबा हमको स्वर्णिम संसार की ओर
बाबा से मिलन मनाने का हीरक समय है आया
मिलकर बाबा से हमने अतीन्द्रिय सुख है पाया
भूल गए हैं सन्त और सन्यासी की हर इक बात
मगन रहते हम सब बाबा की मुरली में दिन रात
निश्चय में कच्चापन होगा अगर है थोड़ा देहभान
कच्चापन रहा तो पाओगे त्रेतायुग का खानदान
घड़ी घड़ी बाबा समझाते बनो देहि अभिमानी
यही एक प्रेक्टिस अंत समय में काम है आनी
छोड़ो सब लौकिक धंधे बनो रूहानी सेवाधारी
अशरीरीपन अपनाओ रहो ना देहभान से भारी
उठो हे शिवशक्तियों सहन करो ना अत्याचार
विकारों से बचे रहो लेकर हाथ में ज्ञान तलवार
देहभान त्यागकर याद की यात्रा करते जाओ
देवी गुण अपनाकर कलियुग से मरते जाओ
बनो तुम ज्ञान नदियां ज्ञान सागर से मिलकर
ज्ञान की खुशबू फैलाओ रूहानी फूल बनकर
आते ही रहेंगे हर पल माया के आंधी तूफान
अशरीरी बनो तुम देहभान से होकर अनजान
याद किसी देहधारी की मन में ना तुम लाओ
विनाशी है तन सबका मन को ये समझाओ
सर्व का सद्गति दाता हमें घर लेकर जाएगा
उसका आज्ञाकारी ही स्वर्ग में राजाई पाएगा
ईश्वरीय याद से अपना शक्ति स्वरूप जगाओ
सर्व विनाशी आकर्षणों को जीवन से भगाओ
अपने मन की अवस्था बनाओ इतनी सख्त
हिला सके ना कोई आत्म अभिमान का तख्त
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!