08-02-16 मुरली कविता


अभी है चढ़ती कला का युग
भारत गरीब से बनता साहूकार
गरीब-निवाज़ बाप भारत को बनाते स्वर्ग
तो बाप से सतयुगी बादशाही का ले लो ताज
बाप का पूरा-पूरा बनो मददगार
सब चिंता छोड़ सत्तोप्रधान बनने का करो पुरुषार्थ
हर बात के सार को करो ग्रहण
ऑलराउंड बनने वाले बनते सरल पुरुषार्थी
वो स्वयं भी होते सरलचित और बनाते दूसरों को भी सरलचित
साधन को यूज़ करते हुए न्यारे और प्यारे बनो तो बाप के प्यारे जाओगे बन

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!