08-04-16
मुरली कविता
एकांत में बैठ सच्चे माशूक को
करना याद
याद से ही बनोगे स्वर्ग के बादशाह
याद में रहने से ही मिलती स्थायी ख़ुशी
जैसे बांधेलियां याद में दिन -रात तड़पती
वैसे तुम्हें भी निरन्तर याद चाहिये रहनी
आत्मभिमानी बनने की करनी प्रैक्टिस
देह-अहंकार को करना समाप्त
पवित्र बनना ,रॉयल हो मैंनेर्स
ब्राह्मण जीवन का वरदान है..अती इंद्रिय-सुख
इस सुख के अनुभवी इंद्रियों के सुख से होते नही आकर्षित
कर्म और मन्सा का बैलन्स शक्तिशाली वायुमण्डल देता बना
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!