02-04-16 मुरली कविता


बाप जो है जैसा है समझने में बच्चें है नंबरवार
यदि सब पहचान जाये, तो यहाँ भीड़ जाये मच
बाप की प्रत्यक्षता की फैले आवाज़--
जब निश्चय हो दुनिया नयी बनाने वो आया
सर्व का सद्गति दाता आया,देने भक्ति का फल
कदम -कदम श्रीमत पर चलना
है बाप से करना लव
रोज़ बाप का परिचय देना
बाप को याद करना और याद दिलाना
यह है पुण्य आत्मा बनना
ज्ञानी अर्थात समझदार जो
मन्सा-वाचा-कर्मणा तीनों प्रकार की करे सेवा
अपने हर बोल ,हर कर्म और दृष्टि से आत्माओ को
शांति, शक्ति और ख़ुशी का अनुभव कराना
है महान आत्मा की महानतान
 

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!