02-01-16 मुरली कविता


बाप स्मृति दिलाते तुम थे पावन
84 जन्म लेते- लेते हुए हो पतित
बाप अब राजयोग से बनाते पावन
फिर से पुरुषार्थ कर बनो स्वर्ग के मालिक
खान-पान हो शुद्ध,अशुद्धि का करो त्याग
लायक बनो,स्वर्ग के फर्स्ट क्लास बनो फूल
सर्विस में और संगठन में बनो बालक
पुरुषार्थ और याद की यात्रा में बनो मालिक
इसके बैलन्स से होगी स्थिति एक रस
सर्व के स्नेही बन जाओगे सहज
सोचना और करना जब हो समान
तब कहेंगे पॉवर वाली.. शक्तिशाली आत्मा

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!