23-04-16
मुरली कविता
बाप की याद में रहो एक्यूरेट
तो तुम्हारा चेहरा सदा रहेगा चमकता खुशनुमा
जीते जी सब कुछ भूल एक बाप को करो याद
आप मुए मर गयी दुनिया
अशरीरी अवस्था से उतरेगी कट
एक बाप से रखनी सच्ची-प्रीत
सबको मुक्ति-जीवनमुक्ति का बताना रास्ता
प्राण जाये पर धर्म न जाये
ऐसी धारणा वाले कहलाते सच्चे ब्राह्मण
त्याग को त्याग न समझ भाग्य का करना अनुभव
अपनी सर्व शक्तियों को आर्डर में रखने वाले ही होते मास्टर
सर्वशक्तिमान
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!