17-02-16 मुरली कविता


दो बाप(बाप-दादा) का है फरमान ..पवित्र बनो
अंतिम जन्म पवित्र बनने की प्रतिज्ञा करो
पुरुषोत्तम संगम युग पर आया शिव बाप.. वर्सा ले लो
एक जन्म पवित्र बन ..21 जन्मों की बादशाही ले लो
यह है सच्चा सस्ता सौदा ..तय कर लो
शिव बाबा को याद कर.. बनो पवित्र दुनिया के मालिक
मुख से पत्थर नही... निकालों ज्ञान रत्न
मनसा-वाचा-कर्मणा से बनो.. मर्यादापुरुषोत्तम
बाबा और यज्ञ के प्रति लगन बनाती सहयोगी
त्याग और स्नेह की शक्ति से घिराव डालो
तब सम्पूर्ण सफलता होगी
व्यर्थ व् डिस्टर्ब बोलों से मुक्त हो... बनो फरिश्ता

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!