25-04-16 मुरली कविता


भोलेनाथ मोस्ट बिलवेड बाप बैठे तुम्हारें सम्मुख
प्यार से उन्हें करो याद तो विघ्न हो ख़त्म
इंद्र सभा में कोई पतित छिप नही सकता
धर्मराज के आगे कोई पाप कर्म
छिप नही सकता,मार्शल लॉ होगा
इसलिये सदा करने श्रेष्ठ कर्म
अविनाशी ज्ञान धन का करना दान
एक समय में तीनों रूप में मास्टर त्रिमूर्ति बन करनी सेवा
तभी होगा सारे विश्व का कल्याण
उंच ब्राह्मण वो जो अपनी शक्ति से बुरे को अच्छे में दे बदल

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!