28-07-16
मुरली कविता
याद से ही होगी सबकी काया
कल्पतरु
बाबा आया सबको देने मौत,
आत्माओ को ले जाने घर
आत्मायें पावन बन जायेंगी स्वर्ग
ज्ञान -स्नान कर बनना पावन
मेरा तो एक शिव बाबा दूसरा न कोई
विष्णु -पुरी चलने के लिये बनना पावन
स्वयं को सच्ची-सच्ची सीता समझकर
मर्यादाओं की लकीर के रहना अंदर
सेवा की अति में न जाकर
सेवा और स्व -पुरुषार्थ का रखना बैलेंस
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!