23-07-16
मुरली कविता
बाप आये तुम्हें अब सुनाने
डायरेक्ट
और बनाने आप समान नॉलेजफुल
जो होते अच्छे पुरुषार्थी वो बाप को करते फॉलो
अवस्था उनकी रहती सदा अचल-अडोल
सवेरे-सवेरे उठ करना बाप को याद
सबको देना घर चलने का मैसेज
कोई नही करना अब विकर्म
मन्सा के महादान द्वारा होता हर संकल्प सिद्ध
संकल्पों पर विजय पाने के कारण
चंचल संकल्प वालों को तुम कर देते शांत
निरन्तर एक बाप के संग में रहो
तो संगदोष से जाओगे बच
ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!