06-01-16 बाबा पोएम


बाबा को याद कर करके अपनी आयु बढ़ाओ
भगवान हमें खुद पढ़ाते हैं इसका नशा चढ़ाओ
ज्ञान नेत्र पा लिए बन्द करो अब धक्के खाना
ज्ञान प्रकाश लेकर जीवन पथ पर बढ़ते जाना
तोड़ो सारे बन्धन पकड़ो मुक्तिधाम का रस्ता
अशरीरीपन के अभ्यास से बन जाओ फ़रिश्ता
करके भक्ति जीवन में अज्ञान अँधियारा फैला
शुद्ध बनाना चाहते थे किंतु मन हो गया मैला
दुःख से घिरे जग में सच्ची ख़ुशी गुम हो गई
देहभान में आने से पवित्रता सबकी खो गई
दैहिक प्यार करके दुःख पाए हैं लाख हजार
मन बुद्धि पर चढ़ा असंख्य विकर्मों का भार
करके विकर्म अपनी उम्र को बहुत घटा बैठे
आत्मा की चमक पाप कर्मों से हम मिटा बैठे
करते रहना शिव बाबा को याद हमें निरंतर
बाबा में और खुद में रोज मिटाते रहना अंतर
हम बच्चों के लिए निश्छल है बाबा का प्यार
निर्दोष भाव से कर लो ईश्वरीय सेवा से प्यार
अपना तन मन धन करो विश्व सेवा में अर्पित
बाबा को दिल देकर हो जाओ संपूर्ण समर्पित
अशरीरीपन के अभ्यास से ले लो आगे नम्बर
योग बल से पावन करो ये धरती और अम्बर

ॐ शांति!!!
मेरे बाबा!!!