12-06-72
ओम शान्ति अव्यक्त
बापदादा मधुबन
रिफ़ाइन
स्थिति की
पहचान
जैसे
साईंस
रिफाइन होती जाती
है, ऐसे अपने आप
में साइलेन्स की
शक्ति वा अपनी
स्थिति रिफाइन
होती जा रही है?
जब रिफाइन
चीज़
होती
है उसमें क्या-क्या
विशेषता होती है?
रिफाइन
चीज़
जो होती
हैं
उनकी क्वान्टिटी
भले कम होती है,
लेकिन क्वालिटी
पावरफुल होती है।
जो चीज़
रिफाइन नहीं
होगी उसकी क्वान्टिटी
ज्यादा, क्वालिटी
कम होगी। तो
यहां
भी जबकि रिफाइन
होते जाते हैं;
तो कम समय, कम संकल्प,
कम इनर्जा में
जो कर्त्तव्य होगा
वह सौ गुणा होगा
और हल्कापन भी
हो जाता। हल्केपन
की निशानी होगी
-- वह कब नीचे नहीं
आवेगा, ना चाहते
भी स्वत: ही ऊपर
स्थित रहेगा। यह
है रिफाइन क्वालिफिकेशन।
तो अपने में यह
दोनों विशेषताएं
अनुभव होती जाती
हैं? भारी होने
कारण मेहनत ज्यादा
करनी होती है।
हल्का होने से
मेहनत कम हो जाती
है। तो ऐसे नेचरल
परिवर्तन होता
जाता है। यह दोनों
विशेषताएं सदा
अटेन्शन में रहें।
इसको सामने रखते
हुए अपनी रिफाइननेस
को चेक कर सकते
हो। रिफाइन
चीज़
जास्ती
भटकती नहीं, स्पीड
पकड़ लेती है। अगर
रिफाइन ना होगी,
किचड़ा मिक्स होगा
तो स्पीड पकड़ नहीं
सकेगी, निर्विघ्न
चल ना सकेंगे।
एक तरफ जितना-जितना
रिफाइन हो रहे
हो, दूसरे तरफ उतना
ही छोटी-छोटी बातें
वा भूलें वा संस्कार
जो हैं उनका फाइन
भी बढ़ता जा रहा
है। एक तरफ वह नजारा,
दूसरे तरफ रिफाइन
होने का नजारा,
दोनों का फोर्स
है। अगर रिफाइन
नहीं तो फाइन समझो।
दोनों साथ-साथ
नजारे दिखाई दे
रहे हैं। वह भी
अति में जा रहा
है और यह भी अति
प्रत्यक्ष रूप
में दिखाई देता
जा रहा है। गुप्त
अब प्रख्यात हो
रहा है। तो जब दोनों
बातें प्रत्यक्ष
हों उसी अनुसार
ही तो
नंबर
बनेंगे।
माला हाथ से नहीं
पिरोनी है। चलन
से ही स्वयं अपना
नंबर
ले लेते
हैं। अभी
नंबर
फिक्स
होने का समय आ रहा
है। इसलिए दोनों
बातें स्पष्ट दिखाई
दे रही हैं और दोनों
को देखते हुए साक्षी
हो
हर्षित
रहना
है। खेल भी वही
अच्छा लगता है
जिसमें कोई बात
की अति होती है।
वही सीन अति आकर्षण
वाली होती है।
अभी भी ऐसी कसमकश
की सीन चल रही है।
देखने में मजा
आता है ना। वा तरस
आता है?
एक तरफ को देख खुश
होते, दूसरे तरफ
को देख रहम पड़ता।
दोनों का खेल चल
रहा है। आज खेल
दिखाया कि पर्दे
पर क्या चल रहा
है। वतन से तो बहुत
स्पष्ट दिखाई देता
है। जितना जो ऊंच
होता है उनको स्पष्ट
दिखाई देता है।
जो नीचे स्टेज
पर पार्टधारी उनको
कुछ दिखाई दे सकता?
कुछ भी दिखाई दे
सकता? साक्षी हो
ऊपर से सभी स्पष्ट
दिखाई देता है।
आज वतन में वर्तमान
खेल की सीन देख
रहे थे। अच्छा।