28-10-75   ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन


मास्टर जानी-जाननहार की स्टेज से सर्वशक्तिवान् की प्रत्यक्षता

दीदी जी के साथ अव्यक्त बापदादा के उच्चारे हुए मधुर महावाक्य:-

किस विशेष कमज़ोरी को मिटाने के लिये विशेष संगठन चाहिये। महाकाली स्वरूप शक्तियों का संगठन चाहिये जो अपने योग-अग्नि के प्रभाव से इस वातावरण को परिवर्तन करे। अभी तो ड्रामा अनुसार हर एक चलन रूपी दर्पण में अन्तिम रिजल्ट स्पष्ट होने वाली है। आगे चल कर महारथी बच्चे अपने नॉलेज की शक्ति द्वारा हर एक के चेहरे से उन्हों की कर्म-कहानी को स्पष्ट देख सकेंगे। जैसे मलेच्छ भोजन की बदबू समझ में आ जाती है, वैसे मलेच्छ संकल्प रूपी आहार स्वीकार करने वाली आत्माओं की वायब्रेशन से बुद्धि में स्पष्ट टचिंग होगी। इसका यन्त्र है बुद्धि की लाइन क्लियर। जिसका यह यन्त्र पॉवरफुल होगा वह सहज जान सकेंगे।

शक्तियों व देवताओं के जड़ चित्रों में भी यह विशेषता है, जो कोई भी पाप-आत्मा अपना पाप उन्हों के आगे जाकर छिपा नहीं सकती। आपेही यह वर्णन करते रहते हैं कि हम ऐसे हैं! यह स्वत: ही वर्णन करते रहते। तो जड़ यादगार में भी अब अन्तकाल तक यह विशेषता दिखाई देती है। चैतन्य रूप में शक्तियों की यह विशेषता प्रसिद्ध हुई है, तब तो यादगार में भी है। यह है मास्टर जानीजाननहार की स्टेज, अर्थात् नॉलेजफुल की स्टेज। यह स्टेज भी प्रैक्टिकल में अनुभव होगी, होती जा रही है और होगी भी। ऐसा संगठन बनाया है? बनना तो है ही। ऐसे शमा-स्वरूप संगठन चाहिए, जिन्हों के हर कदम से बाप की प्रत्यक्षता हो।

जो सदा बाप में लवलीन अर्थात् याद में समाये हुए हैं, ऐसी आत्माओं के नैनों में और मुख में अर्थात् मुख के हर बोल में बाप समाया हुआ होने के कारण 200 शक्ति-स्वरूप के बजाय सर्वशक्तिवान् नजर आयेगा। जैसे आदि स्थापना में ब्रह्मा रूप में सदैव श्रीकृष्ण दिखाई देता था, ऐसे शक्तियों द्वारा सर्वशक्तिवान् दिखाई दे। ऐसे अनुभव हो रहा है ना, जो सदा बाप की याद में होंगे और मैंपन की त्याग-वृत्ति में होंगे, उन्हों से ही बाप दिखाई देगा। जैसे स्वयं मैं-पन भूले हुए हैं, वैसे दूसरों को भी उन्हों का वह रूप दिखाई नहीं देगा, लेकिन सर्वशक्तिवान का रूप दिखाई देगा। अच्छा!

इस मुरली का सार

1. बुद्धि की लाइन क्लियर होने से और अपनी नॉलेज की शक्ति के द्वारा हर एक चेहरे से उन्हों की कर्म-कहानी को जान सकते हैं।

2. जो सदा बाप की याद में होंगे, मैं-पन के त्याग-वृत्ति में होंगे उन्हों से ही सर्वशक्तिवान् बाप दिखाई