16-01-82       ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा       मधुबन


अव्यक्त बापदादा का दूर दूर देशों से पधारे बच्चों से मधुर मिलन

आज बापदादा कहाँ आये हैं? और किन्हों से मिलने आये हैं? जानते हो? आज गॉड, गॉडली फ्रेंड बन करके आये हैं तो फ्रेंडस आपस में क्या करते हैं? गाते, हंसते, खाते, बहलते हैं। तो आज बापदादा सुनाने के लिए नहीं आये है लेकिन मिलन मनाने के लिए आये हैं। बापदादा देख रहे हैं, कितनी दूर-दूर से और कितने वैरायटी प्रकार के गॉडली फ्रेंडस पहुँच गये हैं। कितने अच्छे फ्रेंडस हो जो एक गॉड को फ्रेंड बनाने के बाद - एक गॉडली फ्रेंड दूसरा न कोई। तो हरेक की फ्रेंडशिप का अपना-अपना चित्र देख रहे हैं। सदा की सच्ची फ्रेंडशिप में जो भी दिल में संकल्प आता है वह सब फ्रेंड को सुनाया जाता है। तो गॉड को ऐसा फ्रेंड बनाया है ना? अविनाशी प्रीत का नाता जोड़ा है ना? अभी-अभी जोड़ा, अभी-अभी तोड़ा, ऐसा तो नहीं है! क्या समझते हो? अविनाशी फ्रेंडशिप है? सारे कल्प के अन्दर ऐसा बाप कहो, फ्रेंड कहो, जो भी कहो, सर्व सम्बन्ध निभाने वाला कहो - मिलेगा? सारे कल्प का चक्र लगाया तो मिला? और अपने फ्रेंड्स को वा सर्व सम्बन्धयों का ढूँढा भी बाप ने आकर के, आप नहीं ढूँढ सके। अविनाशी सर्व सम्बन्ध जोड़ने का आधार वा विधि अच्छी तरह से जानते हो? सदा एक ही बात याद रहे- कि ‘‘मेरा बाबा''। मेरामेरा कहने से अधिकारी आत्मा बन जायेंगे। यह मुश्किल है क्या? जब बाप ने कहा मेरा बच्चा, तो बच्चे को मेरा बाबा समझना क्या मुश्किल है? यह मेरा शब्द 21 जन्म के लिए अटूट सम्बन्ध जोड़ने का आधार है। ऐसा सहज साधन अपनाया हैं? अनुभवी हो गये हो ना?

आज बापदादा देख रहे हैं कि कितने नये-नये बच्चे अपना कल्प-कल्प का अधिकार पाने के लिए पहुँच भी गये हैं और अपना अधिकार पा भी रहे हैं तो अधिकारी बच्चों को देख बापदादा हर्षित हो रहे हैं।

जैपनीज डॉल्स' ठीक हो ना? बहुत स्नेह से देख रही हैं। देखो, देश और धर्म के घूंघट में होते हुए भी बापदादा ने अपने बच्चों को अपना बना लिया है। तो जापानी डाल्स, क्या गीत गाती हो? - ‘‘माई बाबा''। सब एक दो से प्यारी हैं। ऐसे ही देखो फ्रांस के बच्चे भी कितने प्रिय हैं। भाषा को न समझते हुए भी बाप को तो समझते हैं। ब्राजील, मैक्सिको... के सभी ग्रुप बहुत अच्छे हैं। इस बारी दूर-दूर के ग्रुप अच्छा पुरूषार्थ करके पहुँच गये हैं। लंदन, अमेरिका, जर्मनी तो हैं ही शुरू के। लेकिन नये-नये स्थानों के बहुत सुन्दर गुलदस्तों को देखते हुए बापदादा अति हर्षित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा दूर और कौन-सा स्थान है? (परमधाम) ठीक बोल रहे हो। लेकिन जितना ही दूर स्थान है उतना ही पहुँचने में सेकण्ड लगता है। सेकण्ड में पहुँच जाते हो ना- परमधाम में। सेकण्ड में पहुँचते हो वा देरी लगती है?

हाँगकाँग के भी (चाइनीज भाषा बोलने वाले) बच्चे पहुँच गये हैं। गॉडली गुलदस्ते के अति शोभनिक फूल हो! अपने को इसी गुलदस्ते के फूल अनुभव करते हो ना? अच्छा - हरेक देश अपने-अपने नाम से, सबके नाम तो बापदादा नहीं लेंगे ना। तो हरेक देश से आये हुए सभी बच्चे अति प्रिय हो । बापदादा से मिलन मनाने के लिए आये हो और बापदादा भी सर्व बच्चों को देख बच्चों की विशेषता के गीत गा रहे हैं। बॉरबडोज वाले भी बहुत खुश हो रहे हैं। ट्रिनिडैड की मातायें तो बहुत अच्छी हैं। वे तो ऐसे लगती हैं जैसे बहुत झूमने वाली, खुशी में झूलने वाली हैं। मॉरीशियस की कुमारी पार्टी भी बहुत अच्छी है। हरेक कुमारी 100 ब्राह्मणों से उत्तम है। अगर 4 कुमारियाँ भी आई तो 400 ब्राह्मण आ गये। यह सोच रही हैं कि हमारा ग्रुप बहुत छोटा है लेकिन आप में 400 समाये हुए हैं। छोटा नहीं है। बाकी आस्ट्रेलिया और लंदन तो रेस कर रहे हैं और जर्मनी फिर बीच का सिकीलधा हो गया। दुबई भी एक लाखों के समान है। नैरोबी ने सबसे ज्यादा कमाल की है। मिनी पाण्डव भवन जो किसी ने नहीं बनाया है, वह नैरोबी ने बनाया है। अच्छा व्हाइट हाउस बनाया है। जर्मनी की भी बहुत शाखायें हैं। अमेरिका की भी बहुत शाखायें हैं। पूरा ही यूरोप अच्छा पुरूषार्थ कर लंदन और आस्ट्रेलिया के समान वृद्धि को पा रहे हैं।

अमेरिका वाले क्या कर रहे हैं? अमेरिका ने चतुराई बहुत अच्छी की है जो अमेरिका के अनेक कोनों में अपना शक्ति सेना पाण्डवों का लश्कर रख दिया है। अभी चारों ओर से अपना घेराव तो कर लिया है, फिर जब समय आयेगा तो सेकण्ड में व्हाइट हाउस' के ऊपर लाइट हाउस' की विजय होगी। क्योंकि विनाश की ज्वाला भी अमेरिका से निमित्त बनेगी तो स्थापना के विशेष कार्य में भी अमेरिका की पाण्डव गवर्मेन्ट कहो,पाण्डव सेना कहो, वही निमित्त बनेगी। तो ऐसे तैयार हो ना? (हाँ) आर्डर दें?

जापानी डाल्स क्या करेगी? सबसे बड़ा सबसे सुन्दर गुलदस्ता बापदादा को भेंट करेंगी ना? जर्मनी क्या करेगा? जर्मनी वाले ऐसी रोशनी फैलायेंगे जो अन्धों को भी आँख मिल जाए, आत्मिक बाम्ब वा साइलेन्स की शक्ति के बाम्ब से।

दुबई वाले क्या करेंगे? वहाँ छिपे हुए ब्राह्मण अपना जलवा दिखायेंगे जरूर। और धर्म होते हुए भी ब्राह्मण आत्मायें छिपी नहीं रह सकतीं। इसलिए वह भी बड़ा ग्रुप बनाकर आयेंगे। अन्दर-अन्दर तैयार हो रहे हैं, बाहर आ जायेंगे। यह दूर वाले (ब्राजील-मैक्सिको वाले) बच्चे क्या सोच रहे हैं। दूर से ऐसा बुलन्द आवाज फैलायेंगे जो सीधा ही दूर से भारत के कुम्भकरण तक पहुँच जाए।

ग्याना तो अमेरिका (न्यूयार्क) का फाउण्डेशन है। ग्याना ने जो किया है, वह अभी तक किसी ने नहीं किया है। सुनाया था ना - ग्याना के आत्माओं की विशेषता है, वी. आई. पीज होते हुए भी पूरे वारिस क्वालिटी हैं।

कनाडा से भी त्रिमूर्ति आई है। त्रिमूर्ति में ही सारा संसार समाया हुआ है। कनाडा अभी गुप्त से प्रत्यक्षता की रेस में आगे बढ़ेगा। अच्छा नम्बर लेगा।

मलेशिया ने भी अच्छी मेहनत की है। ऐसे नहीं समझो मैं अकेला आया हूँ लेकिन आपके अन्दर सभी सोल समाये हुए हैं। बापदादा एक को नहीं देख रहे हैं लेकिन आप में समाये हुए समीप और स्नेही आत्माओं का दृश्य दूर से देख रहे हैं। आवाज आपको भी आ रहा है ना! आत्माओं का?

न्यूजीलैंड की निमित्त बनने वाली आत्मायें पावरफुल हैं, इसलिए सदा बापदादा की फुलवाड़ी खिली रहेगी। स्थान छोटा है लेकिन सेवा बड़ी है।

आस्ट्रेलिया और लंदन की ब्रांन्चेस तो बहुत हैं। पोलैंड में भी वृद्धि हो जायेगी। एक जगे दीपक से दीपमाला हो जायेगी। अभी तो देखो फिर भी नाम ले रहे हैं लेकिन अगले वर्ष आयेंगे तो इतनी वृद्धि करना जो नाम लेना ही मुश्किल हो जाए।

अभी जैसे मस्जिद के ऊपर, चर्च के ऊपर चढ़कर अपने-अपने गीत गाते हैं। मस्जिद में अल्लाह का नाम चिल्लाते हैं, चर्च में गॉड का... मन्दिरों में आओ, आओ कहते हैं लेकिन अब ऐसा समय आयेगा जो सभी मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च आदि से सबसे मिलकर एक ही आवाज होगी कि ‘‘हमारा बाबा आ गया है।'' फिर आप फरिश्तों को ढूँढेंगे कि कहाँ गये वह। चारों ओर फरिश्ते ही फरिश्ते उन्हों को नज़र आयेंगे। सारे वर्ल्ड में फरिश्ते छा जायेंगे। जैसे बादल छाये हुए होते हैं और सबकी नज़र पर आप एन्जिल और बाप की तरफ होगी। तो ऐसी स्टेज पर पहुँच गये हो - जो साक्षात्कार कराओ फरिश्ते का! अभी अगर थोड़ा-थोड़ा हिलते भी हो तो समय आने पर यह सब खत्म हो जायेगा। क्योंकि कल्प-कल्प के निश्चित फरिश्ते तो आप ही हो ना। आप के सिवाए और कौन हैं तो यह जो थोड़ा-थोड़ा हिलने का पार्ट वा खेल दिखाते हो यह सब समाप्त जल्दी हो जायेगा। फिर सभी के मुख से यही आवाज निकलेगी कि माया चली गई और हम मायाजीत बन गये। वह टाइम आ रहा है। अच्छा –

आज सभी की पिकनिक है। बापदादा आज की पिकनिक में सभी बच्चों से एक गिफ्ट लेंगे। देने के लिए तैयार हो? सिर्फ दो शब्दों की गिफ्ट है - सदा क्लीयर और केयरफुल रहना। तो इसकी रिजल्ट चियरफुल हो ही जायेंगे। क्लीयर नहीं होते हो इसलिए सदा एकरस नहीं रहते हो। और जो एक शब्द बार-बार बोलते हो - डिपरेशन-डिपरेशन, यह तभी होता है। तो जो भी बात आवे- वह क्लीयर कर दो। चाहे बापदादा द्वारा, चाहे अपने आप द्वारा। चाहे निमित्त बनी हुई आत्माओं द्वारा। अन्दर नहीं रखो। क्यों, क्या, नहीं लेकिन आप दो शब्दों की गिफ्ट दो और बापदादा से त्रिमूर्ति बिन्दी की गिफ्ट लो। गिफ्ट को खो नहीं देना। गिफ्ट को सदा बुद्धि रूपी तिजोरी में कायम रखना। मंजूर है लेना और देना! अच्छा - जब भी कुछ हो जाए तो तिलक लगा देना तो सदा सेफ रहेंगे। तिलक लगाना आता है ना?