18-02-08   ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन


विश्व परिवर्तन के लिए शान्ति की शक्ति का प्रयोग करो

आज बापदादा अपने विश्वपरिवर्तक बाप के आशाओं के दीपक बच्चों को चारों ओर देख हर्षित हो रहे हैं| बापदादा जानते हैं कि बच्चों का बापदादा से अति अति अति प्यार है और बापदादा का भी हर बच्चे के साथ पदमगुणा से भी ज्यादा प्यार है और यह प्यार तो सदा ही इस संगमयुग में मिलना ही है। बापदादा जानते हैं जैसे-जैसे समय समीप आ रहा है उसी प्रमाण हर एक बच्चे के दिल में यह संकल्प, यह उमंग-उत्साह है कि अभी कुछ करना ही है क्योंकि देख रहे हो कि आज की तीनों सत्तायें अति हलचल में हैं। चाहे धर्म सत्ता, चाहे राज्य सत्ता, चाहे साइंस की सत्ता, साइन्स भी अभी प्रकृति को यथार्थ रूप में चला नहीं सकती। यही कहते होना ही है क्योंकि साइंस की सत्ता है प्रकृति द्वारा सत्ता को कार्य करना। तो प्रकृति भी साइंस के साधन हाते प्रयत्न करते अभी कन्ट्रोल में नहीं है आरै आगे चलकर यह प्रकृति के खेल और भी बढ़ते जायेंगे क्योंकि प्रकृति में भी अभी आदि समय की शक्ति नहीं रही है। ऐसे समय पर अभी सोचो, अभी कौन सी सत्ता परिवर्तन कर सकती! यह साइलेन्स की शक्ति विश्व परिवर्तन करेगी। यह चारों ओर की हलचल मिटाने वाले कौन हैं? जानते हो ना! सिवाए परमात्म पालना के अधिकारी आत्मा के और कोई नहीं कर सकता। तो आप सभी को यह उमंग-उत्साह है कि हम ही ब्राह्मण आत्मायें बापदादा के साथ भी हैं और परिवर्तन के कार्य के साथी भी हैं।

बापदादा ने विशेष अमृतवेले साथ में चलते हुए भी देखा है कि जितना ही दुनिया में तीनों सत्ता की हलचल है उतना आप शान्ति की देवियां, शान्ति के देव जितना शक्तिशाली शान्ति की शक्ति को प्रयोग करना चाहिए उतना कम है। तो बापदादा अभी सभी बच्चों को यह उमंग दिला रहे हैं - सेवा के क्षेत्र में आवाज अच्छा फैला रहे हैं, उसमें हलचल है लेकिन साइलेन्स की शक्ति, (बार-बार खांसी आ रही है) बाजा खराब है फिर भी बापदादा बच्चों से मिलने के बिना तो रह नहीं सकते और बच्चे भी रह नहीं सकते) तो बापदादा यह विशेष इशारा दे रहे हैं कि अभी शान्ति की शक्ति के वायब्रेशन चारों ओर फैलाओ।

अभी विशेष ब्रह्मा बाबा और जगदम्बा को देखा कि स्वयं आदि देव होते शान्ति की शक्ति का कितना गुप्त पुरूषार्थ किया। आपकी दादी ने कर्मातीत बनने के लिए इसी बात को कितना पक्का किया। जिम्मेवारी होते, सेवा का प्लैन बनाते, (खांसी बार-बार आ रही है) बाजा कितना भी खराब हो लेकिन बापदादा का प्यार है! तो सेवा की जिम्मेवारी कितनी भी बड़ी हो लेकिन सेवा के सफलता का प्रत्यक्ष फल शान्ति की शक्ति के बिना, जितना चाहते हैं उतना नहीं निकल सकता क्योंकि अपने लिए भी सारे कल्प की प्रालब्ध को तभी बना सकते हैं। इसके लिए अभी हर एक को स्व के प्रति, सारे कल्प की प्रालब्ध राज्य की और पूज्य की इकठ्ठा करने के लिए अभी समय है क्योंकि समय नाजुक आना ही है। ऐसे समय पर शान्ति की शक्तियों द्वारा टचिंग पावर कैचिंग पावर बहुत आवश्यक होगी। ऐसा समय आयेगा जो यह साधन कुछ नहीं कर सकेंगे, सिर्फ आध्यात्मिक बल, बापदादा के डायरेक्शन्स की टचिंग कार्य करा सकेगी। तो अपने में चेक करो - बापदादा की ऐसे समय में मन और बुद्धि में टचिंग आ सकेगी? इसमें बहुतकाल का अभ्यास चाहिए, इसका साधन है मन बुद्धि सदा ही कभी कभी नहीं, सदा क्लीन और क्लीयर चाहिए। अभी रिहर्सल बढ़ती जायेगी और सेकण्ड में रीयल हो जायेगी। जरा भी अगर मन में बुद्धि में किसी भी आत्मा के प्रति या किसी भी कार्य के प्रति, किसी भी साथी सहयोगी के प्रति जरा भी निगेटिव होगा तो उसको क्लीन और क्लीयर नहीं कहा जायेगा। इसलिए बापदादा यह अटेन्शन खिंचवा रहा है। सारे दिन में चेक करो - साइलेन्स पावर कितनी जमा की? सेवा करते भी साइलेन्स की शक्ति अगर वाणी में नहीं है तो प्रत्यक्ष फल सफलता जितना चाहते हैं उतनी नहीं होगी। मेहनत ज्यादा है फल कम। सेवा करो लेकिन शान्ति के शक्तियों से सम्पन्न सेवा करो | उसमें जितनी रिजल्ट चाहते हो उससे अधिक मिलेगी। बार-बार चेक करो। बाकी बापदादा को खुशी है कि दिनप्रतिदिन जो भी जहाँ भी सेवा कर रहे हैं वह अच्छी कर रहे हैं लेकिन स्व प्रति शान्ति की शक्ति जमा करने का, परिवर्तन करने का और अटेन्शन।

अभी सारी दुनिया ढूंढ रही है कि आखिर विश्व परिवर्तक निमित्त कौन बनता है! क्योंकि दिन प्रतिदिन दु:ख और अशान्ति बढ़ रही है और बढ़नी ही है। तो भक्त अपने इष्ट को याद कर रहे हैं, कोई अति में जाके परेशानी से जी रहे हैं। धर्म गुरूओं के तरफ नज़र घुमा रहे हैं। और साइंस वाले भी अभी यही सोच रहे हैं कैसे करें, कब तक होगा। तो इन सबको जवाब देने वाले कौन? सबकी दिल में यही पुकार है कि आखिर भी गोल्डन मॉर्निंग कब आनी है। तो आप सभी लाने वाले हो ना! हो? हाथ उठाओ जो समझते हैं, निमित्त हो। निमित्त हो। अच्छा। इतने सारे निमित्त हैं तो कितने समय में होना चाहिए! आप सभी भी खुश हो जाते हैं और बापदादा भी खुश हो जाते हैं। देखो यह गोल्डन चांस हर एक को गोल्डन प्रमाण प्राप्त होता है।

अभी आपस में जैसे सर्विस की मीटिंग करते हो, प्राब्लम हल करने के लिए करते हो ना। ऐसे यह मीटिंग करो, यह प्लैन बनाओ। याद और सेवा। याद का अर्थ है शान्ति की पावर और वह प्राप्त होगी, जब आप टॉप की स्टेज पर होंगे। जैसे कोई टॉप स्थान होता है ना तो वहाँ खड़े हो जाओ तो कितना सारा स्पष्ट दिखाई देता है। ऐसे आपकी टॉप की स्टेज, सबसे टॉप क्या है! परमधाम। बापदादा कहते हैं सेवा की और फिर टॉप की स्टेज पर बाप के साथ आकर बैठ जाओ। जैसे थक जाते हैं ना तो 5 मिनट भी कहाँ शान्ति से बैठ जाते हैं ना तो फर्क पड़ जाता है ना। ऐसे ही बीच-बीच में बाप के साथ आकर बैठ जाओ। और दूसरा टॉप का स्थान है सृष्टि चक्र को देखो, सृष्टि चक्र में टॉप स्थान कौन सा है? संगम पर आके सुई टॉप पर दिखाते हो ना। तो नीचे आये, सेवा की फिर टॉप स्थान पर चले जाओ। तो समझा क्या करना है? समय आपको पुकार रहा है या आप समय को समीप ला रहे हो? रचता कौन? तो आपस में ऐसे ऐसे प्लैन बनाओ। अच्छा।

बच्चों ने कहा आना ही है तो बाप ने कहा हाँ जी। ऐसे ही एक दो के बातों को, स्वभाव को, वृत्ति को समझते, हाँ जी, हाँ जी करने से संगठन की शक्ति साइलेन्स की ज्वाला प्रगट करेगी। ज्वालामुखी देखा है ना। तो यह संगठन की शक्ति शान्ति की ज्वाला प्रगट करेगी। अच्छा।

महाराष्ट्र-आंध्रप्रदेश, बाम्बे का सेवा का टर्न है:- नाम ही महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र को विशेष ड्रामानुसार गोल्डन गिफ्ट प्राप्त हुई है। कौन सी? ब्रह्मा बाप और माँ की पालना महाराष्ट्र को डायरेक्ट मिली है। दिल्ली और यू.पी. में भी मिली है लेकिन महाराष्ट्र को ज्यादा। अभी महाराष्ट्र, महा तो हो ही। अभी क्या करना है! महाराष्ट्र मिलके ऐसा प्लैन बनाओ, ऐसी मीटिंग करो जिसमें सबके एक ही स्वभाव, एक ही संस्कार, एक ही सेवा का लक्ष्य, शान्ति की शक्ति कैसे फैलायें, उसके प्लैन बनाओ। बनायेंगे ना! बनायेंगे? अच्छा बापदादा को एक मास के बाद रिपोर्ट देंगे कि क्या प्लैन बनाया है! आपके इस रूहरिहान से और भी एडीशन हो जायेगी। भिन्न-भिन्न जोन हैं ना, तो वह भी एडीशन करेंगे उसमें घाट आप बनाओ और हीरे वह जोड़ेंगे। है ना हिम्मत। टीचर्स हिम्मत है! पहली लाइन हिम्मत है? संस्कार मिलन यह रास कौन सा जोन करेगा? कोई जोन शुभ वृत्ति, शुभ दृष्टि और शुभ कृति यह कैसे हो, एक जोन यह उठाये। दूसरा जोन - अगर कोई आत्मा स्वयं संस्कार परिवर्तन नहीं कर सकती है, चाहती भी है लेकिन कर नहीं पाती तो उन्हों के प्रति क्या रहमदिल, क्षमा, सहयोग, स्नेह देकर कैसे अपने ब्राह्मण परिवार को शक्तिशाली बनायें इसका प्लैन बनायें। यह हो सकता है? हो सकता है? पहली लाइन बताओ हो सकता है? हाथ उठाओ हो सकता है। क्योंकि पहली लाइन में सब महारथी बैठे हैं। अभी बापदादा नाम नहीं सुनाते हैं, हर एक जोन को जो अच्छा लगे वह रूहरिहान कर फिर शिवरात्रि के बाद भी एक मास में रिजल्ट सुनायें। महाराष्ट्र है ना और अच्छा है। वृद्धि तो सब जगह हो रही है उसकी बापदादा मुबारक, मुबारक दे ही रहे हैं। अभी जो किया उसकी तो मुबारक है लेकिन अभी क्वालिटी की वृद्धि करो। क्वालिटी का अर्थ यह नहीं कि साहूकार हो, क्वालिटी का मतलब है याद को नियम प्रमाण जीवन में सबूत बन करके दिखावे। बाकी माइक और वारिस वह तो जानते ही हो। निश्चयबुद्धि और निश्चिंत हो। अच्छा।

डबल फारेनर्स उठो:- (युगलों और कुमारियों की रिट्रीट विशेष चली है) यह निशानी लगाके आये हैं। अच्छा लगता है। कुमारियां ऐसे घूम जाओ जो दूसरे देखें। चक्र लगाओ। अच्छा है। सभी लक्की हैं लेकिन कुमारियां डबल लक्की हैं। क्यों! ऐसे तो कुमार भी लक्की हैं लेकिन कुमारियों को अगर कुमारी जीवन में अमर रहती हैं तो बापदादा का गुरूभाई का तख्त मिलता है। दिलतख्त तो है ही। वह तो सभी को है लेकिन गुरू का तख्त है जहाँ बैठ करके मुरली सुनाते हैं। टीचर बनके टीच करते हो। इसीलिए बापदादा कहते हैं कि कुमारियां, कुमारियों के लिए गायन है कि 21 परिवार का उद्धार करने वाली हैं। तो आपने अपना 21 जन्म का तो उद्धार किया लेकिन और जिन्हों के निमित्त बनती हो उन्हों का भी 21 जन्म का उद्धार किया। तो ऐसी कुमारियां हो ना। ऐसी हो? पक्का। जो थोड़ा थोड़ा कच्चा है वह हाथ उठाओ। पक्के हैं। आपने देखा पक्की कुमारियां हैं। पक्की हैं! मोहि नी बहन (न्युयार्क) बतायें पक्की हैं। कुमारियों का ग्रुप पक्का है। इनकी टीचर कौन! (मीरा बहन) पक्का तो ताली बजाओ। बापदादा को भी खुशी है। अच्छा। (यह कुमारियों की आठवीं रिट्रीट है - इनका विषय था अपनेपन का अनुभव, 30 देशों की 80 कुमारियां आई हैं, सबने अपनेपन का बहुत अच्छा अनुभव किया) मुबारक हो। यह तो कुमारियां हुई, आप सब कौन हो? आप कहो यह तो कुमारियां हैं हम ब्रह्माकुमार और ब्रह्मा कुमारियां हैं। आप भी कम नहीं हैं। यह कुमारों का ग्रुप है, मिला हुआ ग्रुप है। अच्छा है। युगलों को कौन सा नशा है? एकस्ट्रा नशा। मालूम है। जबसे प्रवृत्ति वाले इस नॉलेज को धारण करने लगे हैं तो मैजारिटी अभी लोगों में हिम्मत आई है कि हम भी कर सकते हैं। पहले समझते थे कि ब्रह्माकुमारियां बनना अर्थात् सब कुछ छोड़ना लेकिन अभी समझते हैं कि ब्रह्माकुमार कुमारी बनके परिवार व्यवहार सब चल सकता है। और युगलों की एक विशेषता और है, उन्होंने महात्माओं को भी चैलेन्ज की है कि हम साथ रहते, व्यवहार करते, हमारा परमार्थ श्रेष्ठ है। विजयी हैं। तो विजय की हिम्मत दिलाना यह युगलों का काम है। इसीलिए बापदादा युगलों को भी मुबारक देते हैं। ठीक है ना। चैलेन्ज करने वाले हो ना, पक्का। कोई आके सी.आई.डी करे, तो करने दो। कहो करने दो। है ताकत? है? हाथ उठाओ। अच्छा। बापदादा सदा ही डबल फारेनर्स को हिम्मत वाले समझते हैं। क्यों? बापदादा ने देखा है कि काम पर भी जाते, क्लास भी करते, कई क्लास भी कराते लेकिन आलराउन्ड सेन्टर की सेवा में भी मददगार बनते हैं। इसीलिए बापदादा टाइटल देते हैं यह है आलराउण्ड ग्रुप। अच्छा। ऐसे ही आगे बढ़ते रहना और औरों को भी आगे बढ़ाते रहना। अच्छा।

ग्राम विकास प्रभाग की मीटिंग चल रही है:- अच्छा सुनाया था। कोई नवीनता कर रहे हैं ना। कर रहे हैं कोई नवीनता। क्या कर रहे हैं! कोई भी बताये। (मोहिनी बहन ने सुनाया, योग के प्रयोग के साथ जैविक खेती करने का प्लैन बनाया है) अच्छा है, क्योंकि आजकल जो खेती से निकलता है उसमें भी प्राब्लम्स हैं। तो अच्छा कार्य किया है। एक अपना फायदा योग करेंगे और दूसरा जनता की दुआयें मिलेंगी। तो अच्छा कर रहे हैं। उमंग उत्साह से कर रहे हैं और करते रहना। अच्छा - मुबारक हो।

अच्छा जो आज नये पहली बार आये हैं वह उठो। आधा क्लास नया है। तो आप सबको मधुबन आने की विशेष खुशी होगी, खुशियों की मुबारक हो। और बापदादा सदा सभी को यही कहते कि अमर भव का वरदान सदा अमृतवेले रिवाइज करते रहना। यहाँ बाप का वरदान तो मिलता है लेकिन समय पर वरदान काम में तब आयेगा जब रोज रिवाइज करते रहो। तो रिवाइज करते रहना और आगे से आगे बढ़ते रहना। अच्छा। बाकी सभी जो भी आये हैं तो बापदादा आप सभी के बहुत-बहुत प्यार भरे आह्वान से शरीर को चला रहे हैं। अच्छा।

टीचर्स। टीचर्स ठीक हैं। बहुत हैं टीचर्स। अच्छा पुरानी भी उठ रही हैं। अच्छा है देखो, बाप समान टाइटल आपको भी है। बाप भी टीचर बन करके आता है तो टीचर माना स्व अनुभव के आधार से औरों को भी अनुभवी बनाना। अनुभव की अथॉरिटी सबसे ज्यादा है। अगर एक बार भी कोई बात का अनुभव कर लेते हैं, जीवन भर नहीं भूलता है। सुनी हुई बात, देखी हुई बात भूल जाती है लेकिन अनुभव की हुई बात कभी भी भूलती नहीं हैं। तो टीचर्स अर्थात् अनुभवी बन अनुभवी बनाना। यही काम करते हो ना। अच्छा है। जो भी अनुभव में कमी हो ना, वह एक मास में भर देना। फिर बापदादा रिजल्ट मंगायेंगे। अच्छा।

अभी चारों ओर के बापदादा के दिलतख्तनशीन और विश्व राज्य के तख्तनशीन, सदा अपने साइलेन्स की शक्ति को आगे बढ़ाते और औरों को भी आगे बढ़ाने का उमंग-उत्साह देने वाले, सदा खुश रहने वाले और सबको खुशी की गिफ्ट देने वाले चारों ओर के बापदादा के लक्की और लवली बच्चों को बापदादा का यादप्यार और दुआयें, नमस्ते।

शान्तामणि दादी को:- आपको कौन सा टाइटल मिला है? (सचली कौड़ी) बापदादा सदा सचली कौड़ी के रूप में देखता है। अच्छा है फिर भी देखो चला रही है। मुबारक हो, शरीर चल रहा है। अच्छा (मुन्नी बहन ने बापदादा से पूछा बाबा दादी का जन्म हो गया है? बापदादा ने कहा हाँ हो गया है)