15-12-12  ओम शान्ति  अव्यक्त बापदादा  मधुबन


"मेरे को तेरे में परिवर्तन कर डबल ताजधारी बेफिक्र बादशाह बनो"

आज सारी सभा बेफिक्र बादशाहों की दिखाई दे रही है क्योंकि फिकर बाप को देके फखुर ले लिया है। आप सब भी सवेरे से लेकर रात तक बेफिक्र बादशाह हो क्योंकि स्वराज्य मिला हुआ है। तो चेक करते हो क्योंकि बेफिक्र बादशाह की निशानी है उनका मस्तक लाइट से चमकता है और बेफिक्र बादशाह हो तो डबल ताजधारी हो। डबल ताजधारी ही बेफिक्र बादशाह है। तो आप सभी अपने को बेफिक्र और बादशाह अनुभव कर रहे हैं? अगर डबल ताज नहीं अर्थात् बेफिक्र नहीं तो माथे पर क्या आता है ? किचड़े का टोकरा। तो क्या अच्छा लगता है? तो बापदादा आज हर बच्चे को डबल ताजधारी बेफिक्र बादशाह देख खुश होते हैं। तो आप सभी बापदादा के साथी अपने को ऐसे अनुभव करते हो कि कभी करते हो कभी नहीं? यह डबल ताज सारे कल्प में सिर्फ आप बच्चों को प्राप्त होता है। राजे तो बहुत बनते हैं, द्वापर से लेके राजे तो बनते हैं लेकिन डबल ताज सिर्फ आपको ही मिलता है। तो बापदादा ऐसे बेफिक्र बादशाह बच्चों से मिलने आये हैं। फिकर दे दिया ना कि थोड़ा बहुत रह गया है? फिकर दे दो, बाप को फिकर देना आता है ना! बेफिक्र बनने की विधि बहुत सहज है, मेरे को तेरे में बदल लो। कितना सहज है मेरा और तेरा। ते और मे, इतना फर्क है। तो सभी ने दे दिया है, मेरे को तेरे मे बदल दिया है? जो समझते हैं हम बेफिक्र बादशाह हैं वह हाथ उठाना। लम्बा हाथ उठाओ। उठाओ हाथ उठाओ, बापदादा देखेंगे। फिर कभी तेरे को मेरा तो नहीं कर देते हो? अगर अभी भी थोड़ा बहुत रह गया हो तो फिकर को दे फखुर ले लो क्योंकि दिन प्रतिदिन विश्व में भय तो बढ़ने वाला है लेकिन आप सभी बाप के बच्चे बेफिक्र बादशाह बन औरों को भी फिकर से दूर करेंगे। इसके लिए सहज साधन है अमृतवेले से लेके रात तक फॉलो ब्रह्मा बाप क्योंकि ब्रह्मा बाप भी साकार तन में हर जिम्मेवारी होते बेफिक्र बादशाह रहा है। चाहे कई बच्चों ने ब्रह्मा बाप को साकार में देखा नहीं लेकिन उनके चरित्र, उनकी प्रैक्टिकल लाइफ जैसे आप साकार में हो वैसे ही इतनी बड़ी जिम्मेवारी होते भी बेफिक्र बादशाह रहा है। अन्त तक भी उन्हों की सूरत में बेफिक्र के चिन्ह दिखाई दिये। अन्त दिन तक भी कोई आधार बिना लास्ट क्लास कराया है। ऐसे हेल्दी और फखुर में वेल्दी। तो आप सभी भी बेफिक्र बादशाह बने हो ना! चाहे शरीर का हिसाब किताब है, लेकिन स्थिति सदा बेफिक्र बादशाह। 

तो आज बापदादा सभी बच्चों को ऐसे ब्रह्मा समान देखने चाहते हैं। तो चेक करना, चाहे शरीर कैसा भी हो लेकिन मन सदा बेफिक्र बादशाह हो। तो नोट करना सुबह को उठते ही चेक करो, सबकॉन्सेस में भी कोई फिकर तो नहीं है? बीच-बीच में चेक करना। तो मेरे को तेरे में परिवर्तन कर देंगे क्योंकि सारे कल्प में सिवाए आप बच्चों के डबल ताजधारी बेफिक्र बादशाह कोई नहीं बना है। आपके चित्रो में सदा डबल ताज है। द्वापर में कई राजे बने लेकिन डबल ताजधारी और फिर स्वराज्य वाला राजा, ऐसे कोई नहीं बना। तो आज का अपना टाइटल बेफिक्र बादशाह सदा याद रखना।

आज भी बहुत बच्चे आये हैं, सभी बच्चों को विशेष बापदादा मिलने आये है। अभी उल्हने तो नहीं देंगे क्योंकि बाप का बच्चों से कितना प्यार है जो बाप बिना बच्चों के रह नहीं सकता। तो यह टाइटल अपना अमृतवेले से लेके स्मृति में रखना मैं कौन? बेफिक्र बादशाह। अच्छा। 

सभी आये हुए बच्चों से मिलन मनाया, बाप भी खुश है बच्चे भी खुश हैं। लेकिन यह अपना वरदान कभी भी भूलना नहीं। कैसे भी हो, शरीर का हिसाब शरीर जाने लेकिन मन सदा बेफिक्र बादशाह। कैसा भी पेपर हो लेकिन पेपर और अनुभवी बनाके आगे बढ़ाने वाला है, डरना नहीं। कभी पेपर से डरना नहीं। अच्छा। 

आज गुजरात जोन का टर्न चल रहा है। तो गुजरात भी बापदादा के प्यारे हैं, हैं तो सब जोन प्यारे, लेकिन आज टर्न इसका है, गुजरात वाले उठो, हाथ ऐसे करो। बहुत अच्छा। बापदादा ने सब समाचार सुना क्या-क्या पुरुषार्थ कर रहे हैं वह भी बच्चों ने अच्छा हिसाब किताब दिखाया है। तो बापदादा यही चाहते हैं कि सदा हर बच्चा ब्रह्मा बाप समान मास्टर ब्रह्मा बने। हर जोन दिल भरके आता है। बापदादा भी खुश हो रहे हैं, ऐसे बच्चे सारे कल्प में अब संगम में ही मिलते है। चाहे सतयुग में भी साथी होंगे लेकिन अभी जो पहचान से मिलते हैं वहाँ की पहचान चेंज हो जायेगी।

तो चारों ओर के बच्चों को, निमित्त गुजरात है लेकिन बापदादा के सामने फॉरेन वाले भी हैं और छोटे-छोटे गाँव वाले बच्चे भी हैं। एक-एक बच्चे को बापदादा, दोनोँ बाप सदा बढ़ते चलो, बढ़ाते चलो, अपना राज्य नजदीक लाते चलो, तो चारों ओर के बच्चे बापदादा के सामने हैं। साकार में आप हो लेकिन दिल में चारों ओर के देश विदेश गाँव सब बाबा के दिल में समाये हुए हैं। अच्छा। 

दो विंग्स आई हैं, मेडिकल विंग और सिक्यूरिटी विंग:- मेडिकल वाले अब ऐसी तैयारी कराओ, करो जो सभी जैसे बापदादा ने कहा बेफिक्र बादशाह, फिकर नहीं तो बीमारी भी नहीं। तो ऐसा प्लैन बनाओ जो यहाँ बैठे भी खुश रहे सभी, खुशी नहीं गंवाये, ऐसी दवाई निकालो जो कभी भी कोई थोड़ा सा तन से या मन से नाखुश हो तो दवाई को याद करते ही खुश हो जाए। वह दवाई क्या है? मेरा बाबा। तो सभी के मन में मेरा बाबा बिठा दो तो यह दवाई हो जायेगी। अच्छा। बहुत अच्छा, सेवा कर रहे हैं, करते चलो विजय तो आपके साथ है ही है। 

सिक्युरिटी विंग:- सिक्युरिटी वाले पुरुषार्थ करके मेहनत तो है, लेकिन पुरुषार्थ करके ऐसी सहज सफल होने वाली दवाई माना मन्त्र, ऐसा निकालो जो दिन प्रतिदिन अभी दु:ख तो बढ़ना ही है, हलचल तो होनी है लेकिन हलचल में भी स्वयं को अचल बना सके, ऐसे कोई सहज बात निकालो जो वह बात सामने आने से मन खुश हो जाए तो तन की बीमारी फील नहीं होगी। यह सिक्युरिटी का इलाज शार्ट में ऐसा निकालो, जैसे ब्राह्मण लोग वरदान पढ़ करके खुश हो जाते हैं ना। ऐसे कोई सैलवेशन का साधन निकालो जो कोई भी अध्ययन करने से परिवर्तन हो जाए। सिक्युरिटी के कोई छोटे-छोटे साधन तैयार करो जो जैसे समय अभी और नाजुक होने वाला है, उसमें ऐसे समय पर कार्य में आवे।
आप तो एवररेडी हो ना? एवररेडी हो कोई भी समय आवे, कैसा भी समय आवे लेकिन ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी हर एक हर समय पर सदा खुश रहे। ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी की खुशी गायब नहीं हो, हो सकता है? हो सकता है हाथ उठाओ। अच्छा। बापदादा ने सबका हाथ देखा, आप हाथ उठाओ। तो समय तो आते रहेंगे, बापदादा रिजल्ट देखेंगे, सभी ने हाथ उठाया है तो समय पर भी बेफिक्र बादशाह। बेफिक्र भी बादशाह भी। छोटी बातें भी बड़ी बातें भी आनी तो हैं, लेकिन ब्रह्माकुमार और कुमारियों के लिए कोई बड़ी बात नहीं, कल्प-कल्प देखी हुई है। कल्प-कल्प पास किया है। ऐसे अनुभवी बन अब भी ऐसे पास हो जायेंगे जैसे खेल हो। ऐसी हिम्मत है ना। हिम्मत है! दो-दो हाथ उठाओ। पीछे वाले उठा रहे हैं। 

डबल विदेशी:- डबल विदेशियों को अपना टाइटल याद है ना? कौन हो आप! डबल पुरुषार्थी। और बापदादा ने देखा है, हिम्मत अच्छी रखते हैं। मैजारिटी समय पर पास भी हो जाते हैं। बापदादा के पास समाचार आते हैं और आपकी निमित्त दादी वह भी सुनाती रहती हैं। सबको प्राण भरती रहती हैं। अच्छा। आप सदा एक बात याद रखना - हमे विजयी बनना ही है। चाहे कोई भी सरकमस्टाश हो लेकिन हमारा नाम विजयी है। विजय हमारे जीवन का सहारा है। विजय हुई पड़ी है। अच्छा। बापदादा के पास समाचार आते हैं तो विदेश की रिजल्ट भी अच्छी है, बापदादा खुश है। अच्छा। 

आज तो चारों ओर के बच्चों से मिलन मना रहे हैं। सभी के दिल में बाबा, बाबा और बाबा, यह अनुभव बाप को भी हो रहा है लेकिन शरीर का हिसाब शरीर जाने। बाकी आप सभी ने और बापदादा ने भी देखा और ही सभी को बापदादा की याद ज्यादा आती है, कब मिलेगा, कब मिलेगा, कब मिलेगा. इसमें भूलता कम है। लेकिन शाम का समय मिलन का है तो मिलते रहेंगे।

चारों तरफ के बच्चों का यादप्यार मिलता रहताहै? जितना बच्चे याद करते उसमें 100 गुणा ज्यादा बार भी बच्चों को याद करते हैं सदा बच्चे जैसे वाह बाबा वाह बाबा कहते वैसे बाप भी हर तरफ के बच्चों को वाह बच्चे वाह बच्चे कहते हैं और संकल्प में यादप्यार देते रहते हैं अच्छा। आगे जो ड्रामा में होगा वह होता रहेगा।  

मोहिनी बहन ने बहुत-बहुत याद दी है:- अच्छी याद और हिसाब चुक्तू दोनों कर रही है। बापदादा भी शक्ति देते रहते हैं। बाबा के पास याद पहुंचती है

दादी जानकी से:- (गले लगी) एक को किया अर्थात् सबको किया। बापदादा तो मिलते रहेंगे। संगमयुग है ही बाप और बच्चों के मिलन का, युग ही यह है इसीलिए मिलते रहेंगे। 

(निर्वेर भाई ने कुछ भाई बहिनों की याद दी) जिन्होंने भी याद दी है उनको पदमगुणा यादप्यार।

रुकमणी दादी ने भी याद दिया है, उसको भी पदमगुणा यादप्यार देना। 

(3-4 दिनों में कुछेक भाई बहिनों के एक्सीडेट हुए हैं)

सभी को एक-एक जो भी कुछ नीचे ऊपर हुए हैं याद देना लेकिन थोड़ा सा आगे के लिए ड्राइवर जो है उनको थोड़ा सा कोई अलग मे समझा देना! थोड़ा जल्दी करते हैं, यह जल्दी नहीं करना चाहिए। वह समझते हैं हम पहले पहुचेंगे, पहुचेंगे तो पहले लेकिन रिजल्ट? इसीलिए खास ड्राइवर्स को अभी थोड़ा सा इशारा देना चाहिए। ठीक है। गीता के भगवान के बारे में:- अहिंसा का जो किया है वह ठीक है, इसमे कई साथी हो जायेंगे, वैसे भी कई हिंसा को मानते नहीं हैं, तो उन लोगों को नजदीक लाओ तो गीता का भगवान खुद ही सिद्ध हो जायेगा। 

ओम शान्ति

12-12-12 मधुबन आबू की पावन भूमि से 12-12-12 के विशेष दिन की प्यार भरी याद के साथ शक्तिशाली शुभकामनायें स्वीकार हों। जैसा कि आप सभी जानते हैं यहाँ शान्तिवन में बाबा की गोद में आराम से बैठे आप सभी भारत और सम्पूर्ण विश्व के आशा के जगमगाते और सफलतामूर्त रत्नों को याद कर रही हूँ। इस पूरे चक्र में 12-12-12 यह दिन यह समय कल्प बाद ही फिर से आयेगा परन्तु यह तो हम सभी जानते ही हैं कि इस संगमयुग का हर दिन मूल्यवान और हम सबको सर्व शक्तियों से सम्पन्न बनाने वाला है तो ऐसे अवसर पर मीठी मधुर शान्ति में गहरे जाने का समय निकालें और त्याग तपस्या और सेवा का मजबूत किला बनाये।हम सभी वरदानी आत्मायें सदा सर्व शक्तिमान परमात्मा के सहारे और मदद का अनुभव करते ही हैं। फिर चाहे शरीर का कोई भी पेपर हमारे सामने आये, चाहे विश्व की हालातों के अनुसार जो भी दृश्य आ रहे हैं, उसमें बापदादा से प्राप्त ईश्वरीय गुणों, शक्तियों और प्राप्तियों के आधार पर हम सभी अचल अडोल स्थिति का अनुभव करते रहते हैं। विश्व भर में हजारो लाखों अनुभवी ब्राह्मण फैले हुए हैं उन सभी के जीवन का एकमात्र आधार है मीठा प्यारा बाबा। हमारा बाबा कल्याणकारी है, ड्रामा में हर सीन कल्याणकारी है और हम सब विश्व कल्याणकारी हैं। इससे अधिक और क्या चाहिए।जैसा कि हम छुट्टियों के समय और वर्ष के अन्त में कदम रख रहे हैं हमारी शुभकामना है कि हम तीव्र पुरुषार्थ करते हुए गहरे दैवी सम्बन्ध के आधार पर अच्छे ते अच्छा समय बितायें।

बापदादा की प्यार भरी याद के साथ, ईश्वरीय सेवा में बी.के.जानकी।

ओम् शान्ति।