31-12-12   ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन


"इस नये वर्ष में हर एक सन्तुष्टमणि बन सन्तुष्टता की शक्ति द्वारा समस्या प्रूफ़, समाधान स्वरूप बनो"

आज बापदादा अपने चारों ओर सन्तुष्ट मणियों को देख रहे हैं। हर एक की लाइट बहुत अच्छी चमक रही है क्योंकि सन्तुष्टता की शक्ति बहुत श्रेष्ठ है। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ और शक्तियाँ भी आ जाती हैं। सन्तुष्टता की शक्ति किसी भी प्रकार की समस्या को सहज समाप्त कर सकती है। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ कोई अप्राप्त शक्ति नहीं, सन्तुष्टता की शक्ति कैसा भी वायुमण्डल हो, कैसा भी सरकमस्टांश हो उनको सहज परिवर्तन कर सकती है। सन्तुष्टता माया और प्रकृति की हलचल को परिवर्तन कर देती है। तो हर एक अपने को देखे कि हम सन्तुष्टमणि बने हैं? कोई भी मनुष्यात्मा की परिस्थिति को परिवर्तन कर वायुमण्डल परिवर्तन कर सकते हैं

बापदादा भी आज विशेष अपने सन्तुष्टमणि आत्माओं को देख बहुत खुश हो रहे हैं। बापदादा ने देखा यहाँ सेवा में, साथियों में सन्तुष्टता की शक्ति वायुमण्डल को परिवर्तन कर लेती है। तो अपने को ऐसे सन्तुष्टमणि अनुभव करते हो? जो समझते हैं सन्तुष्टता की शक्ति है और समय पर कार्य में लगाते सफलता का अनुभव भी होता है, वह हाथ उठाओ। अच्छा। लम्बा हाथ उठाओ। हाथ तो बहुत अच्छे उठाते हो। बापदादा भी सभी के हाथों को देख ख़ुश है। लेकिन यह चेक करो कि कोई भी साथियों में हलचल होती है, उस समय यह शक्ति परिवर्तन करती है? उसकी रिजल्ट पहले अपने-अपने स्थानों को शक्तिशाली बनाने में सक्सेस है

बापदादा ने देखा कई स्थानों में अभी भी सहनशक्ति से स्थानों को सदा निर्विघ्न बनाने में आवश्यकता की आवश्यकता है! बापदादा ने कार्य दिया था कि हर एक स्थान अर्थात् सेवाकेन्द्र जोन निर्विघ्न की रिपोर्ट देवे। याद है? है याद! उसी हिसाब से समय की आवश्यकता अनुसार अभी हर स्थान निर्विघ्न होना आवश्यक है। चाहे सेवास्थान है, चाहे अपने प्रवृत्ति में हैं, हर स्थान निर्विघ्न सन्तुष्टता की शक्ति से सम्पन्न हो। समय की रफ्तार तो देख रहे हो। तो बापदादा ने देखा सन्तुष्टता की शक्ति चाहे स्वयं में, चाहे संगठन में अभी अटेंशन देने की आवश्यकता है। 

ब्रह्मा बाप चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सबसे सहज साधन सम्पूर्ण बनने का जानते हो कौन सा है? फॉलो फादर। आदि से लेके अन्त तक ब्रह्मा बाप ने सन्तुष्टता की शक्ति से हर परिस्थिति पर विजय प्राप्त की। तो बापदादा आज सभी को विशेष इशारा दे रहे हैं, हर एक सन्तुष्टमणि बन सन्तुष्टता की शक्ति को विशेष कार्य में लगाते जाओ। 

अब नया वर्ष आ रहा है इसमें हर एक को यह चेक करना है कि सन्तुष्टता की शक्ति से स्वयं भी सन्तुष्ट, साथी भी सन्तुष्ट रह, जो बापदादा चाहते हैं वैसे ही सन्तुष्ट रहे? कोई भी समस्या सन्तुष्टता से समाप्त हुई? क्योंकि दुनिया में दिन प्रतिदिन असन्तुष्टता बढ़नी ही है, उसके लिए अपने को देखे कि मैं सारा दिन सन्तुष्टमणि रही या रहा? इसका सहज साधन है फॉलो ब्रह्मा फादर क्योंकि आजकल दुनिया में असन्तुष्टता बढ़नी ही है। 

बाकी बापदादा ने सभी बच्चों को नये वर्ष के लिए विशेष अमृतवेले सहज वरदान के रूप में वरदान देने का प्लैन बनाया है। सब पूछते हैं ना नये वर्ष में क्या होगा? तो बापदादा का विशेष दृढ़ सकल्प वालों को पुरुषार्थ में सहयोग प्राप्त होगा, तो यह नये वर्ष की गिफ्ट सहज हो जायेगा। अमृतवेले का यह वरदान पसन्द है? पसन्द है! करते तो हो लेकिन बापदादा की तरफ से विशेष सहयोग स्नेह शक्ति प्राप्त होगी। ठीक है! ठीक है? क्योंकि बापदादा ने देखा सबको लगन अच्छी है। कुछ करना है, यह लगन अच्छी है लेकिन जो बीच में कोई न कोई सरकमस्टांश आते हैं उसके लिए इस वर्ष में सन्तुष्टता की शक्ति विशेष कार्य में लगाना। चेक करना तो आगे स्वत: ही बढ़ते जायेंगे। अच्छा। 

सभी जगह-जगह से आये हैं। चारों ओर भी मधुबन में लगन से याद करते रहते हैं। तो आप क्या बनेंगे? सन्तुष्टमणि। पसन्द है! सन्तुष्टमणि बनना पसन्द है, तो हाथ हिलाओ। अगर हर एक सन्तुष्ट रहेगा तो चारों ओर क्या होगा! वाह वाह! का गीत बजेगा। तो आप सभी कौन हो? कौन होसन्तुष्टमणि हो सभी! सन्तुष्टमणि हैं? कि थोड़ा- थोड़ा हैं। कहो, हम नहीं बनेंगे तो कौन बनेगा! बापदादा चक्र लगाये तो क्या देखेंगे? हर स्थान पर सन्तुष्टमणियों की लाइट चमक रही है क्योंकि बापदादा को चारों ओर चक्र लगाने में देरी नहीं लगती है। तो यह वर्ष चारों ओर सन्तुष्टमणियों की लाइट कितनी चमक रही है, यह रिजल्ट देखेंगे। 

इस वर्ष अपने में समस्या प्रूफ, समाधान स्वरूप की विशेष रिजल्ट देखनी है। चारों ओर के बच्चे मैजारिटी मधुबन में मन से पहुंचे हुए हैं। बापदादा देख रहे हैं, चारों ओर के बच्चे कितने लगन से मन द्वारा मधुबन में पहुचे हैं। आप साकार में पहुचे हैं, चारों ओर के बच्चों को बापदादा भी विशेष यादप्यार दे रहे हैं। और विशेष सन्तुष्टता की शक्ति का वरदान चारों ओर के बच्चों को दे रहे हैं। सन्तुष्ट रहना, सन्तुष्ट करना और सन्तुष्टता की शक्ति से विश्व में भी सन्तुष्टता का वायब्रेशन फैलाना। अच्छा। सभी खुश हैं? हैं खुश तो दो-दो हाथ उठाओ। बापदादा भी बच्चों को मधुबन में देख खुश है। कुछ भी होवे ना, कोई भी ऐसी प्रॉब्लम छोटी-मोटी आवे ना तो आप मधुबन में पहुंच जाना, मन से, तन से नहीं मन से। बापदादा बच्चों के मन में एकस्ट्रा खुशी की खुराक भर देंगे। अच्छा है, मधुबन में आना अर्थात् पुरुषार्थ में आगे कदम बढ़ाना। अभी भी चेक करना मधुबन में आये तो कितना अपने में आगे बढ़ने में सहयोग लिया? मधुबन में सहज सारा दिन क्या याद रहता है? बाबा, बाबा, बाबा..। सुनते हैं तो भी बाबा की बातें, चलते हैं तो मधुबन का पावन स्थानखाते हैं तो ब्रह्मा भोजन, पावरफुल क्योंकि यहाँ विशेष ड्यूटी वालों को याद दिलाया जाता है इसलिए मधुबन में आना अर्थात् अपने में ज्ञान, योग, धारणा और सेवा में कदम को आगे बढ़ाना। तो सभी ने मधुबन का यह सब फायदा उठाया है? उठाया है! फायदा उठाया है? क्योंकि यहाँ तो कोई जिम्मेवारी है ही नहीं। अपने को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी है? अच्छा। 

सेवा का टर्न, दिल्ली आगरा का है:- दिल्ली वाले उठो। (सभी के हाथ में कैण्डल है) दिल्ली वाले लाइट माइट का रूप बनके आये हैं। अच्छा हॉल में रौनक हो गई है। अच्छा। देहली वालों को तो राजधानी तैयार करनी है क्योंकि सभी को राज्य तो करना है ना, तख्त पर भले नहीँ बैठें, लेकिन होंगे तो राज्य अधिकारी। अच्छा है, दिल्ली वालों को सर्विस का उमंग तो अच्छा है। अभी दिल्ली को नम्बरवन निर्विघ्न जोन यह रिजल्ट देनी है। उमंग तो अच्छा है लेकिन अभी प्रूफ देना है। दिल्ली वाले करेंगे ना! हाथ उठाओ क्योंकि अभी तक बापदादा को किसी भी जोन से रिजल्ट नहीं आई है। तो इसमें भी नम्बरवन लेगी ना दिल्ली। हाँ टीचर्स हाथ उठाओ। तो लेंगे? थोड़ा ढीला-ढाला उठाया। भाईयों ने उठाया। अच्छा। भिन्न-भिन्न स्थान पर बैठे हैं। अच्छा है बापदादा ने देखा सेवा का उमंग सभी जोन में है और इस वर्ष में चारों ओर सभी ने यथा शक्ति प्रोग्राम भी अच्छे किये हैं। सेवा का उमंग उत्साह चारों ओर है और यह सेवा का उमंग बढ़ाते जायेंगे तो क्या होगा? भारत महान बन जायेगा। अच्छा। दिल्ली वालों को मुबारक हो। 

डबल विदेशी:- हाथ उठाओ। बहुत अच्छा। बापदादा ने देखा कि मधुबन का फायदा फॉरेन वालों ने बहुत अच्छा उठाया है। चाहे रिट्रीट की, चाहे कोई भी प्रोग्राम किये लेकिन संगठन में जो एक दो को सहयोग और हिम्मत मिली उसकी रिजल्ट अच्छी है इसीलिए बापदादा डबल फरिनर्स को 100 बार फायदा उठाने की मुबारक दे रहे हैं। और डबल फॉरिनर्स को बापदादा ने क्या टाइटल दिया! डबल पुरुषार्थी। डबल फॉरिनर नहीं लेकिन डबल पुरुषार्थी हैं। जब भी कोई डबल कहे ना तो कहो डबल फॉरिनर्स ही नहीं, डबल पुरुषार्थी भी हैं। और अपने को चेक करना। बापदादा जानते हैं अटेंशन है और विशेष अटेंशन दिलाया भी जाता है इसीलिए बापदादा को अच्छा लगता है चाहे देरी से आये हैं, लेकिन पुरुषार्थ में पीछे नहीं हैं। आगे जा रहे हैं और आगे जाते रहेंगे। यह भी बापदादा देख रहे हैं। बापदादा खुश है इसकी ताली बजाओ। 

ज्युरिस्ट और आई.टी. वालों की मीटिंग है:- बापदादा ने पहले भी कहा है कि सभी वर्ग सेवा अच्छी कर रहे हैं, ज्युरिस्ट हैं कोई भी हैं लेकिन जब से वर्ग बने हैं, जिम्मेवारी मिली है तो देखा गया है कि जिम्मेवारी अलग-अलग मिलने से पुरुषार्थ भी अच्छा कर रहे हैं और प्रोग्राम्स भी बापदादा सुनते रहते हैं कि प्रोग्राम्स जो भी वर्ग कर रहे हैं उसकी रिजल्ट सब वर्ग की अच्छी निकल रही है। तो ज्युरिस्ट की भी सेवा अच्छी चल रही है। बापदादा खुश होते हैं कि हर एक का अटेंशन सेवा के तरफ भी अच्छा रहता है, कुछ करना है, कुछ करना है और कर भी रहे हैं। तो ज्युरिस्ट की सेवा भी जगह-जगह पर हो रही हैहोती रहेगी। बहुत अच्छा। अच्छा। 

अभी सेवा के प्रति तो बापदादा ने सभी को मुबारक दे दी, चाहे कोई भी वर्ग है। अभी बापदादा हर एक के पुरुषार्थ में प्रोग्रेस यह चाहते हैं, उसके लिए बापदादा ने सुनाया कि हर जोन अपने जोन को निर्विघ्न बनावे। अभी इसकी रिजल्ट नहीं आई है। सिर्फ अपना सेन्टर नहीं, जोन निर्विघ्न होना चाहिए। ऐसा प्लैन बनाओ जो हर जोन में कोई भी पुरुषार्थ में कमज़ोर नहीं रह जाए। जैसे अभी साथी हो, वैसे पुरुषार्थ में भी अच्छे ते अच्छे साथी बनके चलें क्योंकि आप निर्विघ्न बनेंगे तो उसका वायुमण्डल विश्व में फैलेगा। सारी विश्व परिवर्तन होनी है। अच्छा। 

चारों ओर को बापदादा ने यादप्यार तो दे ही दिया है लेकिन इस वर्ष में पुरुषार्थ में चारों ओर सब तरफ नम्बरवन हो, ऐसा अभी एक दो के सहयोगी बन ऐसी रिजल्ट निकालो। जो भी जोन देखो नम्बरवन हो। यह हो सकता है? हो सकता है? दादियाँ सुनाओ, हो सकता है? हाँ बोलो, हो सकता है? (हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा, हम ही तो करेंगे) हाथ उठाओ, डबल पुरुषार्थी बनेंगे! जहाँ भी जो सुन रहे हैं, देख रहे हैं सब यह संकल्प करो करना ही है और जो बहादुर होंगे वह तो कहेंगे बाबा बड़ी बात क्या है, हुआ ही पड़ा है। (पावर आफ फ्यूचर की सेवा भी निजार भाई और पार्टी अच्छी कर रहे हैं) भारत भी कर रहा है, फॉरिन भी कर रहा है। उमंग सभी को है लेकिन निर्विघ्न यह रिपोर्ट आवे हर जोन निर्विघ्न है, नम्बरवन पुरुषार्थी है क्योंकि आपका वायब्रेशन दुनिया तक जाये। आप लोग अगर पुरुषार्थ में आगे जायेंगे तो उसका वायब्रेशन दुनिया के दु:खी लोगों तक पहुँचेगा। आजकल तो कितना दुःख बढ़ रहा है! कारण ही ऐसे बनते हैं जो दु:ख ही दुःख फैल जाता है। अच्छा

सभी को याद है, अगले वर्ष क्या करना है? तो ऐसा पुरुषार्थ करके आगे बढ़ो और आगे बढ़ाओ। अच्छा। (ईश्वरीय सेवा के लिए कोई नया प्लैन) वह बतायेंगे, ठीक है। अच्छा है। अच्छा। 

दादियों से:- (इस बार टीचर्स संगठन में भी यही रूहरिहान हुई कि संगठन को पावरफुल कैसे बनायें

मोहिनी बहन से:- अभी भी इसका पार्ट है और सहयोग भी है। अभी ठीक है? हो जायेगा। कोई विचार नहीं करो, ठीक हो जायेगा। थोड़ा बीच में होता है ना। अभी डायरेक्शन ठीक मिला है ना तो ठीक हो जायेगा। खुश तो है ना। थोड़ा हलचल हुई है इसलिए होता है, ठीक हो जायेगा। बीमारी बढ़ गई है ना तो उसमें थोड़ा बहुत होता है। अभी थोड़ा लगातार एक-एक को ठीक करते जाएं बस, हो जायेगा। फिर भी ठीक है। तैयार हो जायेगी तो फिर दौड़ेगी। (कल इनका जन्म दिन है, 72 वर्ष

तीनों भाईयों से:- तीनों मिलकर ऐसा प्रोग्राम बनाओ जो मधुबन सदा ही निर्विघ्न रहे। सब सन्तुष्ट भी रहें, त्यागी भी रहें, सन्तुष्ट भी रहें, दोनों ही। ध्यान दे रहे हो और भी थोड़ा देते चलो। तीनों ही आपस में राय करके एक विचार वाले हो जाओ। तीनों में एक ही लहर हो। विचार भिन्न-भिन्न होते हैंलेकिन विचारों को भी मिलाना होता है। तो तीनों का एक विचार हो, यह एक दो में मिलते, एक जैसे संकल्प करो। अच्छा है। जैसे बहनें आपस में है नाऐसे भाई भी एकमत हों। जो भी जिसकी मत हो विचार लो लेकिन एक हो करके चलो। 

बापदादा ने सभी बच्चों को नये वर्ष 2013 की बधाईयाँ दी 

चारों ओर के बच्चों को नये वर्ष की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। इस नये वर्ष में कुछ न कुछ नवीनता अपने में लानी है। जो अभी तक परिवर्तन नहीं किया हो, मुश्किल लगता हो वह इस नये वर्ष में करके समाचार लिखना। अपने को निर्विघ्न बनाना और दूसरों को भी निर्विघ्न बनाने में सहयोगी बनना। सब सन्तुष्टमणियाँ, चमकती रहें, ऐसे बापदादा देखने चाहते हैं। 

अच्छा - चारों ओर के बच्चों को बहुत-बहुत-बहुत यादप्यार और परिवर्तन मनाने की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो।

ओम् शान्ति।