20-02-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“कर्मयोगी जीवन में तीव्र पुरुषार्थ द्वारा हर सबजेक्ट में सदा सन्तुष्ट और खुश रहो, अपने खुशनुमा, दिव्य गुण सम्पन्न चेहरे द्वारा खुशी का अनुभव कराओ”
आज बापदादा अपने खज़ानों से सम्पन बच्चों को देख हर्षित हो रहे हैं। आदि से लेके कितने खज़ाने मिले हैं। पहला खज़ाना ज्ञान का मिला जिससे सभी बच्चे स्वयं भरपूर हो औरों को भी खज़ाने से भरपूर कर रहे हैं। ज्ञान का खज़ाना, हर एक के बंधन जो फँसाने वाले हैं, उससे मुक्त कर बंधन मुक्त दु:ख अशान्ति मुक्त बनाने वाला है। दूसरा खज़ाना है योग का, जिससे बहुत शक्तियां प्राप्त हुई हैं और तीसरा है धारणा का खज़ाना जिससे बहुत-बहुत गुणों की प्राप्ति हुई है। लेकिन सबसे बड़े ते बड़ा खज़ाना है इस संगम समय का खज़ाना। इसका महत्व बहुत बड़ा है क्योंकि संगम के समय पर ही बाप शिवबाबा बाप रूप में भी मिलता शिक्षक रूप में भी मिलता और सतगुरू रूप में भी मिलता। इस संगम युग में एक जन्म में 21 जन्म का वर्सा मिलता है, जिस वर्से में जन्म-जन्म में कोई दु:ख अशान्ति नहीं होती है। साथ में संबंध में जो परिवार मिलता वह परिवार भी न्यारा और प्यारा होता है। एक दो के द्वारा ईश्वरीय स्नेह, जो ऐसा ईशरीय स्नेह सारे कल्प में नहीं मिल सकता। तो सर्व खज़ानों से भरपूर हुए हो ना! हुए हैं? हाथ उठाओ।
तो बापदादा आज खज़ानों के मालिक सम्पन्न बच्चों को देख रहे हैं। दिल से क्या निकलता? वाह बच्चे वाह। हर बच्चा बाप का प्यारा बन गया है। बच्चे तो बहुत हैं, अलग-अलग जगह पर बैठकर भी मिल रहे हैं। देख रहे हैं। लेकिन बापदादा आज चारों ओर दूर-दूर तक अपने खज़ानों से सम्पन्न बच्चों को देख खुश हो रहे हैं और बच्चे भी खज़ानों को देख खुश रहते हैं। सदा प्राप्तियों के नशे में खुश रहते हैं। बाप भी बच्चों को देख, बच्चों के सौभाग्य को देख खुश हो रहे हैं।
देखो आज भी बाप ने सुना कि सभी खुशी खुशी में भागकर पहुँच गये हैं। (26 हजार से भी अधिक भाई बहिनें पहुंच गये हैं) यह भी समाचार सुना कई बच्चों को अन्दाज ज्यादा होने कारण टेंट में सोना पड़ा है। बापदादा ने सभी तरफ के टेंट भी देखे लेकिन एक इस ग्रुप की विशेषता है जो कोई भी है, बड़ा है या छोटा है विशेष है या साधारण है लेकिन बाप ने देखा सब टेंट में नहीं सोते लेकिन खुशी के बिस्तर पर सोते हैं। सबके दिल में यही गीत बजता वाह बाबा वाह। कोई-कोई को तकलीफ भी है लेकिन जहाँ प्यार है वह फर्श पर सोते हुए भी खुशियों के अर्श में हैं। तो बापदादा इस ग्रुप को विशेष बधाई देते हैं। सबके चेहरे खुशी में नज़र आ रहे हैं। बापदादा ने देखा सब अच्छे उमंग-उल्हास से क्लासेज़ भी अच्छे कर रहे हैं। बापदादा सब सुनते हैं। यहाँ जो भी जोन आये हैं उनके मुख्य जोन हेड उठो। ज़ोन हेड। आपके लाये हुए भाई बहिन खुश हैं? खुश हैं तो हाथ उठाओ। अच्छा है। बापदादा भी खुश हैं और आप सबको मुबारक विशेष दे रहे हैं। किसी को आगे के लिए तो बापदादा अटेंशन दिलायेगा लेकिन बापदादा आप सभी आये हुए बच्चों की सहन शक्ति देख आप एक-एक बच्चे को पदमगुणा प्यार दे रहे हैं। अभी जो भी बच्चे आये हैं, उन सभी बच्चों ने अपना सहन शक्ति का खुश रहने का बहुत अच्छा रिकार्ड दिखाया है। कोई बीमार हुआ। हुआ? एक दो तो होते ही हैं वैसे भी। लेकिन बापदादा स्पेशल उन बच्चों को सहन शक्ति का इनाम दिल का अति प्यार दे रहे हैं। अब आगे क्या करना है?
(सेवा के टर्न में बंगाल, बिहार, आसाम, उड़ीसा, नेपाल, तामिलनाडु के 18 हजार आये हैं)
अभी बापदादा हर बच्चे को तीव्र पुरुषार्थी देखने चाहते हैं। तीव्र पुरुषार्थी अर्थात् सब सबजेक्ट में अपने पुरुषार्थ से सन्तुष्ट हो और बापदादा भी हर बच्चे से यही चाहते हैं कि अभी समय अनुसार हर बच्चे के चेहरे पर शक्तियां और खुशी नज़र आनी चाहिए क्योंकि दिन-प्रतिदिन दुनिया में दु:ख तो बढ़ना ही है। लेकिन ऐसे दु:ख के समय आप का खुशनुमा दिव्यगुण वाला चेहरा देख उन्हों को थोड़े समय के लिए भी खुशी का अनुभव हो। हर एक बच्चे के चेहरे में वह ईश्वरीय स्नेह, ईश्वरीय प्यार, हिम्मत बढ़ाने का प्यार, खुश रहने का अनुभव हो। कई बच्चे कहते हैं वैसे तो हम खुश रहते हैं लेकिन कर्मयोगी जीवन में थोड़ा सा कर्म में फर्क पड़ जाता है। कर्म में फर्क नहीं आना चाहिए। कर्म करते भी सदा अटेंशन रहे मैं कर्मयोगी आत्मा हूँ। शरीर को चलाने वाली शरीर का भी मालिक हूँ। तो हर समय चाहे कर्म करो, चाहे नहीं करो लेकिन कर्म करने समय भी यह सोचो कि मैं कर्म कराने वाली आत्मा हूँ और आत्मा, कौन सी आत्मा हूँ? बाप की लाडली बच्ची हूँ या बच्चा हूँ। परमात्मा की प्यारी हूँ। तो मालिक होके इस शरीर को चलाने वाली। सदा बाप की याद दिल में समाई हुई हो। तो हर एक चेक करो कर्मयोगी बन के कर्म कर रही हूँ? कर्मयोगी हूँ तो योग बाप से है। तो बाप सदा फालो फादर कहते हैं। बाप हमारे साथ है तो यह ग्रुप क्या करेगा? अभी अपने-अपने स्थान पर जाके अपने चेहरे से ऐसे खुशमिजाज चेहरे का अनुभव कराना क्योंकि आज दुनिया में खुशी अभी कम होती जाती है और आपका चेहरा उनको खुशी का अनुभव कराये। आगे चल के दु:ख अशान्ति तो बढ़नी ही है। समय नहीं मिलेगा इतना कोई को सुनने वा कोर्स करने का लेकिन आपका चेहरा उन्हों को खुशी का अनुभव कराये। हो सकता है ना। हो सकता है? हाथ उठाओ। अगर इतने एक-एक चेहरा जगह-जगह से आया हुआ खुशी बाँटने का लक्ष्य रखे, सदा खुश, कभी-कभी नहीं क्योंकि खुशी की विशेषता है, जितनी और कोई भी चीज़ किसको देंगे तो आपके पास कम होगी। आपके पास दो चीजे हैं एक देंगे तो एक कम होगी। लेकिन सारे जहान में अगर खुशी आपको देते हो तो कम होती है या बढ़ती है? ऐसी खुशी आपके पास है। तो सभी आत्माओं को अब खुशी बाँटो। डबल फायदा है आपकी भी बढ़ेगी, उनकी भी बढ़ेगी।
तो आज का विशेष यह काम याद रखना खुशी बाँटनी है। अगर मानो आपके पास खुशी चली जाती है, कोई न कोई बात से खुशी चली जाती है तो आप बाप से खुशी लेके आप भी खुश रहो और दूसरों को भी खुशी दो। तो सभी क्या करेंगे अभी? पहले भी सुनाया, तीव्र पुरुषार्थी बनो, चल रहे हैं नहीं उड़ रहे हैं और दूसरा बापदादा ने अटेंशन खिंचवाया है कभी-कभी अक्षर खत्म करो। खुशी है, कहते हैं हैं लेकिन कभी-कभी खत्म हो जाती है। तो कभी-कभी शब्द सदा के लिए यहाँ छोड़ के जाना। छोड़ सकते हो? छोड़ेंगे? हाथ उठाओ, छोड़ेंगे? बापदादा सभी बच्चों को अभी से ही सदाखुश रहने की मुबारक दे रहे हैं। फिर कभी-कभी शब्द नहीं कहना। सदा रहना। तो सभी खुश हैं ना। खुश हैं? सदाखुश रहेंगे, यह हिम्मत है? जो समझते हैं कि दु:ख अशान्ति जो भी थोड़ी कभी-कभी आती है वह इस बारी हम यहाँ छोड़ के जायेँगे, साथ नहीं ले जायेँगे, इतनी हिम्मत समझते हो तो दो-दो हाथ उठाओ। बापदादा बहुत खुश है। हिम्मते बच्चे मददे बाप तो है ही। तो बड़ा जोन आया है ना। बापदादा भी देख के खुश है। थोड़ी तकलीफ हुई है लेकिन आ तो गये। बापदादा को भी बच्चों से मिलके खुशी होती है और बापदादा हमेशा वाह बच्चे वाह! का गीत गाते हैं। अच्छा। अभी एक-एक जोन उठाओ।
तामिलनाडु जोन:- तामिलनाडु को बापदादा विशेष वरदान दे रहे हैं सदा कोई भी कार्य करो तो कार्य करने के पहले बाप से स्पेशल कार्य की सफलता का वरदान लेके बापदादा के वरदानी बन के वह कार्य करो तो सफलता आपका जन्म सिद्ध अधिकार हो जायेगी। कार्य करने के बाद नहीं करना पहले वरदान लेके फिर कार्य करेंगे तो सफलता आपके साथ हो जायेगी। अच्छा है, बापदादा ने देखा मैजारिटी जोन सेवा में अच्छे उमंग-उत्साह से आगे बढ़ रहे हैं और जितना बिजी रहते हैं सेवा में उतना समय शक्ति मिलने से निर्विघ्न रहते हैं। अगर कोई-कोई विघ्न आता भी है तो विजयी बन करके टाल भी देते हैं। पुरुषार्थ सभी जोन अच्छा कर रहे हैं। बापदादा लक्ष्य हर एक जोन का देख खुश है और सदा खुश करते रहेंगे। ठीक है।
नेपाल:- बापदादा इस जोन की भी रिजल्ट को देख खुश है। सेवा का उमंग अच्छा है इसलिए बापदादा सदा के लिए सहयोग देने की आगे बढ़ने की, वरदानी बनने की मुबारक दे रहे हैं। बढ़ते रहो, बढ़ाते रहो बापदादा सदा साथ है। सभी खुश हैं? हैं? अच्छा है, वृद्धि है और वृद्धि होती रहेगी।
बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम:- यह भी जोन अच्छा सेवा में और स्टूडेंट की वृद्धि करने में आगे जा रहा है और बापदादा ने देखा कि हिम्मत का वरदान इन्हों को विशेष है। हिम्मत होने के कारण बाप की मदद भी है और आगे भी रहेगी। बापदादा खुश है और साथ-साथ सदा अमृतवेले चक्र लगाते रहेंगे। बापदादा ने देखा स्थान सेवाकेन्द्रों का अच्छा वृद्धि करने का तरीका है। बापदादा विशेष हिम्मत पर सदा साथी बनने का वरदान दे रहे हैं।
स्पार्क, बिजनेस, स्पोर्टस, एज्युकेशन, मीडिया विंग की मीटिंग है:- आधा हाल तो यही दिखाई दे रहे हैं। सभी हाथ हिलाओ। देखो कितने हैं। आधा हाल तो आप लोग हैं। अच्छा है, बापदादा ने देखा है कि हर एक विंग में उमंग-उत्साह है और उमंग-उत्साह के कारण सेवा के चान्स भी अच्छे- अच्छे बनाते हैं। लेकिन बापदादा की एक बात अभी भी करनी है। हर एक विंग अभी तक जो मुख्य निमित्त बनाया है, अच्छे-अच्छे मददगार निकाले हैं, तो हर एक विंग पहले लिस्ट भेजे कि जब से विंग की स्थापना हुई, अब तक कितने और कौन-कौन निमित्त बने हैं। अभी पहले लिस्ट भेजे हर एक फिर सभी का संगठन करेंगे। कौन-कौन निकले हैं कौन सा ग्रुप ज्यादा है, तो भिन्न-भिन्न आक्यूपेशन वालों का फिर अलग-अलग करेंगे लेकिन पहले लिस्ट भेजो। हर एक ने कितने रेग्युलर स्टूडेंट बनाये हैं, कितने सम्पर्क वाले बनाये हैं, कितने सहयोगी बनाये हैं, यह लिस्ट हर एक विंग की आनी चाहिए। चाहे सहयोगी भी बने हैं, सहयोगियों की भी लिस्ट आवे। तो जोन की रिजल्ट का सबको पता पड़ जायेगा। अच्छी बात है ना। करेंगे? लिस्ट लिखना पड़ेगा। उसके बाद फिर प्रोग्राम आपको मिलेगा क्योंकि मेहनत तो करते हैं। बापदादा ने देखा विंग वाले अपने-अपने सबजेक्ट की सेवा अच्छी कर रहे हैं और रिजल्ट भी अच्छी है, बापदादा खुश है। बहुत अच्छा है, अच्छा रहेगा और आपकी रिजल्ट को देख और भी आगे बढेंगे। सबको बहुत-बहुत याद प्यार स्वीकार हो।
डबल विदेशी:- अभी तो बहुत अच्छा संगठन विदेश वालों का दिखाई दे रहा है। बापदादा को विदेशियों को देख बापदादा का टाइटल को स्पष्ट किया है, यह देख खुशी है क्योंकि जब तक भारत की सेवा थी तो विश्व सेवाधारी का टाइटल नहीं रख सकते थे लेकिन विदेश की सेवा के कारण बाप का नाम विश्व सेवक का सिद्ध हो गया। और विदेशियों की एक विशेषता बापदादा को मैजारिटी की अच्छी लगी, वह है पहले वह अपना कल्चर बदलने में मुश्किल मानते थे लेकिन अभी की रिजल्ट में सब ब्राह्मण कल्वर के आदती हो गये हैं। परिवर्तन शक्ति अच्छी दिखाई है। इसके लिए बापदादा सभी डबल विदेशियों के स्थान के बच्चों को मुबारक दे रहे हैं।
तो चारों ओर के विदेशी अपने अपने एरिया की भी सेवा में बढ़ रहे हैं। छोटे-छोटे स्थान तरफ भी अटेंशन दे रहे हैं। और स्व-उन्नति के लिए अटेंशन है और आपस में जो प्रोग्राम बनाते हैं, मधुबन में मीटिंग का यह भी बापदादा को पसन्द है। अभी भी इतने सब आये हैं तो बापदादा एक-एक बच्चे को देख खुश होते हैं और सभी ब्राह्मण भी बाप के साथ यह गीत गाते हैं वाह डबल पुरुषार्थी वाह! बापदादा सन्तुष्ट है और आप भी सन्तुष्ट मणियां आगे बढ़ रहे हैं, बढ़ते रहेंगे, ओम शान्ति।
अभी जो संगठन आया है वह भी प्लैनिंग अच्छी बना रहे हैं। अपनी स्थिति और सेवा की वृद्धि दोनो के प्लैन बापदादा के पास हैं। अटेंशन है और आगे बढ़ने का उमंग भी है। तो बापदादा खुश है, खुश है, खुश है। अच्छा।
चारों ओर के बच्चे चाहे इन्डिया के हैं, चाहे विदेश के हैं, चारों ओर के बच्चे बापदादा देख रहे हैं कितने उमंग उत्साह से टाइम का बदली होते भी प्यार से मिलते रहते हैं। टाइम का अन्तर होते भी उमंग से आते हैं इसलिए बापदादा खुश है। प्रोग्रेस भी है और प्रोग्रेस होता रहेगा यह वरदान बापदादा दे रहे हैं। अच्छी सेवा कर रही है, जनक बच्ची निमित्त है। अटेंशन अच्छा दे रही है। साथी भी जो निमित्त हैं वह भी बापदादा ने देखा कम नहीं हैं। तो जो भी निमित्त हैं उन सबको विशेष यादप्यार बापदादा दे रहे हैं और मिलता भी रहेगा।
रतन मोहिनी दादी से:- आप जिम्मेवारी से कर रही हो, उसका फल आपको जल्दी मिलेगा। बापदादा खुश है।
दादी जानकी से:- सब कुछ कर रही हो। (गुल्ज़ार दादी बहुत अच्छी है) आपस में फ्रैण्डस अच्छे हैं।
मोहिनी बहन:- मुबारक हो। (अगली बारी दौड़कर आयेगी) होगा, कोई बड़ी बात नहीं है। (बापदादा को गुलदस्ता दिया) हम आपको देते हैं।
निर्मल शान्ता दादी से:- बहुत अच्छा मुस्कराती है। सेवा का बल और अपने पुरुषार्थ का फल खा रही हो। अच्छा कर रही हो। जोन देखा जोन से मिली। हाँ जोन से मिलना।
डॉ. गुप्ताजी से:- अच्छा है, सेवा माना मेवा। सेवा नहीं है मेवा है।
निर्वैर भाई से:- कमाल की है। आपकी हिम्मत, बाप की मदद। अच्छा।
बृजमोहन भाई:- (दिल्ली में बड़ा प्रोग्राम कर रहे हैं, हम चाहते हैं दोनों दादियां आवें, समाचार आया है कि उस समय तूफान आने वाला है, हम वहाँ टेंट लगा रहे हैं) ड्रामा को देखो, साक्षी होके और सब निश्चिंत रहो। जो होना होगा वह होगा, लेकिन आप सेफ रहना। पहले से ही पता है ना तो प्रबन्ध कर लो। (शान्ति बहन बीमार है उन्होने याद दी है) उसको खास बापदादा की तरफ से यादप्यार देना। (रूकमणी दादी ने भी याद दी है) दिल्ली की अच्छी सेवा की है, उन्हें भी याद देना। (आशा बहन तथा साथी बहुत अच्छी सेवा कर रहे हैं) सेवा में उमंग तो सभी का अच्छा है, सभी मिलजुलकर कर रहे हैं इसकी भी मुबारक है। (बड़े प्रोग्राम के लिए प्रेरणा) प्रेरणा यही है कि जो भी आये वह कुछ लेके जाये। क्या लेके जावे? वायुमण्डल से शान्ति के वायब्रेशन, आगे बढ़ने के वायब्रेशन लेके जावे। सुनते तो है हैं अच्छा तो लगता है लेकिन अच्छा बनने की प्रेरणा लेके जाये। कोशिश तो यही है।
रमेश भाई से:- आपकी भी सर्विस का बापदादा सुनते हैं, अच्छा कर रहे हो और चलता रहेगा जो प्लैन बना रहे हैं ना वह प्रैक्टिकल में करते-करते बढ़ता रहेगा।
बापदादा सभी को यादप्यार दे रहे हैं, सभी को पहुंचाना। अच्छा है। बापदादा ने देखा सर्विस का उमंग चारों ओर अच्छा चल रहा है। अभी सिर्फ इसमें एडीशन हो कि जो भी प्रोग्राम होता है उनसे वारिस बनें, सहयोगी बनें और उन्हों को आगे कनैक्शन रख के बढ़ाते चलें। जब वह आगे बढ़े हैं तो उनके पीछे उनको आगे बढ़ाते जाओ, बढ़ जायेँगे।
भूपाल भाई से:- सब अच्छा चल रहा है।
मृत्युंजय भाई ने बापदादा को सुनाया कि भोपाल के वाइस चांसलर ने वहाँ की युनिवर्सिटी में वैल्यु एज्युकेशन शुरू करने के मेमोरण्डम पर साइन किया है:- अच्छा, उमंग-उत्साह दिखाया है। बापदादा ने भी सुना और उसकी पहले से ही मुबारक दे रहे हैं। अनेक आत्माओं का कल्याण होगा।
बापदादा ने अकोला सेंटर का उद्घाटन बटन दबाकर किया:- सभी का उमंग अच्छा है। जहाँ उमंग उत्साह है वहाँ वृद्धि अवश्य है।
एकमोडेशन के सेवाधारी भाईयों से:- बहुत अच्छा सम्भाला। सभी सन्तुष्ट हैं, कोई की भी कम्पलेन नहीं है, यह ध्यान अच्छा रखा है, इसकी मुबारक हो।
कुंजदादी बीमार हैं, अहमदाबाद में हैं:- उसको विशेष बापदादा की तरफ से टोली भेजना। हिम्मत वाली है बाप की भी मदद है। पहले थोड़ा दूरदूर रही है ना तो बढ़ रही है। सम्भालने वाले इतने होशियार नहीं हैं। अभी यहां (अहमदाबाद) आई हैं ना, ठीक हो जायेगी।
नेहा बहन से:- (सभी की बहुत प्यार से सेवा करती है) आपकी सेवा से बापदादा भी सन्तुष्ट है। तो अपने को सन्तुष्टमणि समझना। आपका टाइटल है ही सन्तुष्टमणि।
ओम् शान्ति।