07-03-16          ओम् शान्ति          “अव्यक्त  बापदादा”          मधुबन
 


‘‘संगमयुग का भाग्य जिसने प्राप्त किया वह महान योगी है, यह युग परमात्म जन्म, परमात्म मिलन का डायमण्ड युग है जिसमें अलौकिक सुख, शान्ति, श्रेष्ठ जन्म और भाग्यवान परिवार की प्राप्ति होती है’’

ओम् शान्ति। सभी के मुखड़े बहुत अच्छा मुस्करा रहे हैं। सभी खुशी-खुशी में बाप का जन्म उत्सव मना रहे हैं। सबके चेहरे बहुत स्नेहयुक्त मीठे-मीठे मुस्कान से, बाप का बर्थ डे बहुत ही स्नेह में मना रहे हैं। बाप बच्चों को मनाते हुए देख खुश हो रहे हैं कि बच्चे बाप और अपने दिव्य जन्म के दिन को मना रहे हैं। आप और अड़ोस पड़ोस के सभी बच्चे बाप के जन्म दिन की, विचित्र दिन की खुशी मना रहे हैं और सबके दिल में इस दिव्य जन्म की, जन्म दिवस की खुशी सबके चेहरे में दिखाई दे रही है। बाप भी बच्चों के इस अलौकिक जन्म के चेहरे देख, बहुत दिल में जन्म दिनकी याद से खुश हो रहे हैं कि वाह हर बच्चा जो अपने इस बर्थ राइट को देख हार्षित हो रहे हैं। सभी को यह अलौकिक जन्म कितना प्यारा है, वह हर एक के चेहरे से दिखाई दे रहा है। हर एक को इस जन्म की,  इसको कहते हैं अलौकिक जन्म, इसकी बहुत खुशी है क्योंकि यह अलौकिक जन्म कितना सबका न्यारा और प्यारा है। सभी इस एक जन्म में अपना अलौकिक जन्म जान अपने इस दिव्य जन्म को देखते बहुत खुश हो रहे हैं क्योंकि यह जन्म स्वयं ब्रह्मा बाप द्वारा ब्रह्माकुमार ब्रह्माकुमारी के नाम से प्रसिद्ध है। हर एक को इस जन्म की बहुत खुशी है कि वाह मेरा यह अलौकिक सुखमय जन्म है और हर एक के मुख पर इस श्रेष्ठ जन्म की बहुत खुशी चेहरे से दिखाई देती है इसलिए गाया भी जाता है कि यह संगमयुग का जो जन्म ब्रह्मा बाप ने दिया, बाप और आप दोनों का जन्म छोटा है लेकिन प्राप्ति सर्व जन्मों से न्यारी और प्यारी है। हर एक बच्चा अपने इस दिव्य जन्म, अलौकिक जन्म की महिमा भूल नहीं सकता क्योंकि यह छोटा सा जन्म है लेकिन विशेषता यह है जो इस छोटे से जन्म में सारे जन्म की बातें जानते हो और इस एक जन्म में अपना भविष्य भी जानते हो इसलिए संगमयुग को डायमण्ड युग कहा जाता है। परमात्म मिलन, परमात्म जन्म,  इसछोटे से युग में अनुभव होता है। सबसे छोटा सा युग है लेकिन प्राप्ति सारे कल्प में इस संगम के जन्म में होती है। अलौकिक सुख, अलौकिक शान्ति और जन्म भी श्रेष्ठ, परिवार भी बहुत भाग्यवान तो ऐसा जन्म इस संगमयुग के एक जन्म का है। बापदादा भी संगम पर ही बच्चों से मिलता है, पहचान से। अलौकिक बाप जिसको ब्रह्मा बाप कहते हैं वह बाप अनुभव में आता है। है छोटा सा युग लेकिन सब जन्मों से यह संगम का युग बहुत-बहुत भाग्यवान है। छोटा सा युग है लेकिन प्राप्ति बहुत है। इतनी प्राप्ति और कोई युग में, जन्म में नहीं होती और साथ-साथ यह संगमयुग ऐसा महान है जो सारे युगों में मुख्य युग यह संगम का गाया हुआ है और संगमयुग में सारे चक्र को जानने का भाग्य प्राप्त होता है।सारे चक्र का जो रहस्य है, वह भी संगमयुग पर ही प्राप्त होता है।

तो आप सभी अभी किस युग में होक्या कहेंगे?  संगमयुग पर हो ना!  जो समझते हैं हम संगमयुग में हैं अभी वह हाथ उठाओ। पीछे का तो देखने में नहीं आता लेकिन आप सुन रहे हो उससे भी जान गये। संगमयुग सब युगों से श्रेष्ठ युग है, छोटा सा है परन्तु भाग्य बहुत बड़ा है। भाग्य संगम का जिसने प्राप्त किया वह महान योगी कहलाता है। यह महान योगी जीवन कितनी महान है!  इस संगमयुग की प्राप्ति से, सबसे श्रेष्ठ सतयुग के जन्मों को भगवान द्वारा आप जानते हो। खुद भगवान संगमयुग पर आपको मिलता है। सारे कल्प में अगर सबसे भाग्यवान युग कहलाये तो संगमयुग ही है। ऐसे युग में आपने भगवान के दिव्य जन्म को पाया है। आज भी क्या मनाने आये हो? संगमयुग का जो भाग्यवान समय है वह पाया है, पा रहे हो, पाते रहेंगे। भले सतयुग के देवतायें बहुत श्रेष्ठ हैं लेकिन यह संगम युग की उससे भी ज्यादा बलिहारी है। संगम पर ही भगवान अपने ओरीज्नल बच्चों को प्राप्त होता है। बाप का प्यार प्रत्यक्ष जन्म में संगम पर ही प्राप्त होता है। हर एक के मुख से यही निकलता वाह संगमयुग का दिव्य जन्म! और जन्म दिन को आप भी मनाते, मन की खुशी का अनुभव करते हो। खुशियां तो बहुत होती हैं लेकिन संगमयुग की खुशियां और उसका गायन संगम पर ही होता है। साथ-साथ संगमयुग की दिव्य प्राप्तियां, वैसे आदमशुमारी तो संगम की बहुत है लेकिन संगमयुग की जो महानता है, वह प्राप्ति का भाग्य आप थोड़े से बच्चों को मिला है। संगमयुग में पहली प्राप्ति, बड़े ते बड़ी प्राप्ति आपको है। स्वयं परमात्मा का अवतरण संगमयुग में ही होता है। संगमयुग के ब्राह्मणों की महिमा बहुत श्रेष्ठ है, जिसमें आप लोग आज बैठे हो यह संगमयुग की प्राप्ति है। सभी कितने खुश हो रहे हैं। संगमयुग और आप, प्राप्ति देखो कितनी ऊंची प्राप्ति, संगमयुग में ही भगवान खुद आके सारा ज्ञान दे रहे हैं। जैसे अभी दे रहा है, इस देन को कम नहीं समझना। डायरेक्ट भगवान संगमयुग पर साधारण रूप में प्रवेश हो दे रहा है। यह भाग्य कम नहीं। यह संगम का एक जन्म महान है। सभी युगों का ज्ञान, सब युगों से श्रेष्ठ कमाई,  सारे कल्प का ज्ञान सब संगम पर प्राप्त होता है। आपके पास लिस्ट होगी संगम पर क्या क्या प्राप्त होता है, जो कोई युग में नहीं होता है। तो संगमयुग की प्राप्ति हुई माना सारे कल्प का जो भाग्य है ना, वह यह छोटा सा युग प्राप्त कराता है। तो बाप हर कल्प में यह संगमयुग की प्राप्ति कराते, खास प्राप्ति क्या है?  ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी, यह जन्म बहुत श्रेष्ठ है,  इसमें आप सारे कल्प का ज्ञान प्राप्त करते हो। तो यह भाग्य संगम पर ही प्राप्त होता है परमात्मा द्वारा। तो बोलो,  आप सभी संगमयुग के भाग्य को जान आगे बढ़ रहे हो ना!  क्योंकि संगमयुग की महिमा है, जो संगमयुग में ही प्राप्त होता है वह और कहाँ नहीं प्राप्त होता है। तो बापदादा से मिलने आये हो यह भाग्य भी संगम पर मिलता है। यह मिलन कम नहीं है। बहुत बड़ा मिलन है। अच्छा। बाप के जन्म का यादगार अच्छा रखा है। जो रूबरू आते हैं,  वह तो आते ही हैं लेकिन इस प्राप्ति का मूल्य बहुत बड़ा है। बापदादा भी रो॰ज ऐसे बच्चों को देख खुश होते हैं वाह कल्प के भाग्यवान बच्चे वाह!  स्वयं भगवान भी संगमयुगी ब्राह्मणों की महिमा करते हैं। कितना श्रेष्ठ भाग्य है जो कल्प में एक बार परमात्मा द्वारा प्राप्त होता है। हुआ है ना! जिसको यह भाग्य प्राप्त हुआ है, वह हाथ उठाओ। हुआ है? तो यह भाग्य कम भाग्य नहीं है। सुनने में नम्बरवार जरूर हैं लेकिन यह संगमयुग का भाग्य सारे कल्प के अन्दर फर्स्ट नम्बर है। अच्छा,  अभी तो समय बहुत हो गया है।

सेवा का टर्न गुजरात ॰जोन का है, 14 हजार गुजरात के आये हैं, टोटल 22 हजार आये हैं:-
गुजरात वाले आते ठीक हैं। अच्छा है संगमयुग का भाग्य गुजरात ने लिया है। और भी हैं। भिन्न-भिन्न भाग्य
, भिन्न-भिन्न देश वालों ने लिया है। थोड़े में सुनाया कि आधे हैं गुजरात वाले। अच्छा है। बोलो। गुजरात से ज्यादा किसका नम्बर है? गुजरात को संग का रंग लगाना चाहिए। अच्छा है। गुजरात ने जैसे नम्बर लिया है वैसे और भी नम्बर ले सकते हैं। भले दो नम्बर हों,  लेकिन फिर भी दो नम्बर में आ तो गये। तो बापदादा भी गुजरात को कहता है कि अच्छी मेहनत करते हो और आगे भी करते रहेंगे।
डबल विदेशी 100 देशों से 1200 भाई बहिनें आये हैं:- अच्छा है।

अन्दाज के हिसाब से 1200 अच्छे हैं। साकार बाबा जब थे तब बाबा हमेशा कहते थे कि कोई भी जो भी ॰जोन है, वह ऐसे हाथ उठाते जायें। आते तो बहुत हैं, लेकिन चल रहे हैं और सेवाधारी भी हैं और नाम भी अच्छा बाला किया है। तो यह रिजल्ट बताती है तो अच्छी मेहनत करके बढ़े भी हैं,  बढ़ाते भी हैं। हर एक कोशिश कर रहा है आगे बढ़ने की और बढ़ सकते हैं, चांस है।

यह भी मालूम पड़ता है कि गुजरात वृद्धि में अब तक नम्बर आगे गया है। अच्छा है। तो वृद्धि पाना माना अपने ब्राह्मणों की संख्या को बढ़ाना। बाबा को अच्छा लगता है कि जितनी वृद्धि होगी उतना ही जल्दी सतयुग भी आयेगा। कोई नई इन्वेन्शन ऐसी निकालो जो नम्बरवन जैसे गुजरात है उससे भी नम्बर आगे आ जाओ। नम्बर तो आ सकते हो ना। इसमें तो कोई किसको रोक नहीं सकता। लेकिन वृद्धि चाहिए जरूर। क्योंकि सारी दुनिया के हिसाब से अभी हमारे हिसाब में कोई इतना ज्यादा नहीं है। गुजरात जितना अभी आगे गया है उससे भी ज्यादा हो सकता है। जैसे गुजरात ने मेहनत करके अपने को आगे बढ़ाया है, ऐसे हर एक जो भी हैं, भिन्न भिन्न ॰जोन आये हैं, तो जैसे यह मेहनत कर रहे हैं वृद्धिकी,  वैसे और भी कर सकते हैं। नम्बर आगे से आगे जाओ। हो तो सकता है ना!  जो समझते हैं नहीं,  गुजरात से आगे नहीं जा सकते हैं, वह हाथ उठाओ। तो अभी वृद्धि और ज्यादा करो।

दादी जानकी से:-
मेहनत बहुत करती हो इनका लक्ष्य है कि गुजरात को आगे करके दिखायेंगे। भले कोई भी करे
, उमंग सभी में हैं। अभी सभी समझते हैं कि हम नम्बर आगे जायें तो अच्छा है।

ईशू दादी की याद दी, वह अभी अहमदाबाद में चेकिंग के लिए गई हैं:- बीच-बीच में इसको थोड़ा होता है, लम्बा नहीं जाता है। ठीक हो जाता है।

(तीनों भाईयों ने बापदादा को जन्म दिन की बधाई देते हुए गुलदस्ता भेंट किया)

अच्छा है, सब ठीक चल रहे हैं!  उमंग उत्साह में आगे बढ़ रहे हैं। कोई ड्युटी उठावे,  इतने महारथी हो तो कोई बीचबीच में उनकी रिजल्ट पूछे। रिजल्ट पूछने से सब बातों का पता पड़ जाता है। अभी पुरूषार्थ तो सब कर रहे हैं इसमें बाबा ने देखा है तो कईयों में उमंग है लेकिन थोड़ा सा उन्हों को बल चाहिए, जो थोड़ा आगे बढ़ें। वह भी हो जायेगा। बाकी हैं सब ठीक। सब ठीक तो हैं ना!  थोड़ा होगा तो थोड़ा मौसम का होगा। ठीक है ना सभी!  दवा की जरूरत तो नहीं है!  हर एक पुरूषार्थ कर रहा है और बापदादा ने देखा कि पुरूषार्थ के बाद कुछ टाइम तो अच्छा चलता है लेकिन थोड़ा ज्यादा टाइम होता है तो फिर और तरफ जाता है इसके लिए जैसे कोई क्लासेज कराते हैं ना,  तो उसमें सब मिल करके कोई को मुकरर करो,  मास में एक बारी या दो मास में एक बारी आपस में मिल करके यह रिजल्ट निकालें।

बापदादा ने 80 वीं शिवजयन्ती के निमित्त शिव ध्वज फहराया और सबको मुबारक दी।

शिव जयन्ती के दिन पहले तो बाबा याद आता है। शिवबाबा भी और ब्रह्मा बाबा भी और सब बड़ी दादियां भी, सब याद आती हैं। सारी सभा को जो भी सब हैं, सबको जन्म दिन की मुबारक हो।