24-02-17       ओम् शान्ति       "अव्यक्त बापदादा"       मधुबन


"माला आपका विशेष यादगार है, इस माला को पहनकर सदा मालाधारी होकर रहना, यही चमकती हुई माला आज की विशेष गिफ्ट है"

(शिवजयन्ती के निमित्त पूरे हाल को बहुत सुन्दर मालाओं से, झण्डियों से सजाया गया है, बापदादा बच्चों की विशाल सभा को देखकरके सभी बच्चों के गले में बांहों की चमकती हुई मालायें पहना रहे हैं) आज शिव जयन्ती की मुबारक, मुबारक, मुबारक। सभी के दिलों में कितनी खुशी है? सबके दिल में बाबा आ गया है। सभी के दिलों में अभी कौन? बाबा। बाबा ही बाबा देखो। जहाँ देखो बाबा ही बाबा, बाबा ही बाबा, बाबा ही बाबा। तो आज सभी बहुत हार्षित हो रहे हैं। किसलिए? बाबा स्वयं बच्चों को माला पहनाने के लिए आये हैं। बाबा गले में माला पहनायें तो कैसे हो जाते हैं। तो अभी एक-एक के गले में बाबा ने माला पहनाई है। और सभी मालाधारी कितने शोभनिक लग रहे हैं। सब एक-दो की माला को देख करके खुश हो रहे हैं और सदा हर एक को बापदादा की तरफ से माला है ही। माला का श्रंगार हमारा बहुत गाया हुआ है इसलिए आज भी वही यादगार जो है वह याद आया और सब माला के दाने पहने हुए कितने चमक रहे हैं। वाह! कमाल है। जो सभी ने जहाँ तहाँ माला डाल दिया है, सारा हाल मालाओं से सज रहा है। तो मालाओं की यादगार किसकी है? बाप और बच्चों की। कितना भी कोई कहे, बाबा की याद बहुत-बहुत अच्छी है। बाबा की याद तो है ही, बिना बाबा के आप क्या करेंगे? है ही यादगार। तो पहले नम्बर का यादगार तो भाई और बहनों का है, जो सचमुच मेहनत करके अपने को भी सजाया है और इस हाल को भी सजाया है। चारों ओर जैसे खुशी का मेला लग रहा है। तो कितना अच्छा फंक्शन लग रहा है, जैसे अभी-अभी बाबा ने मालाओं से सजाकर आपको तैयार करके बिठाया है क्योंकि बाबा के साथ बच्चे भी हैं। बाबा के साथ सभी भाईयों को, बहनों को थोड़ा बहुत तो सजना पड़ेगा। आपकी मालायें दूर से ही सज रही हैं और बाबा भी देख-देख कर, चारों ओर की मालायें देखकर बहुत खुश है कि वाह! आज बच्चे माला का मणका पहन कर कितने सज गये हैं। तो आज की सभा की सजावट देख करके बाबा खुश हो रहे हैं वाह मेरे बच्चे वाह! एक-दो की सजावट को देख करके ही खुश हो गये हैं। और बाबा को कितनी खुशी हो रही है! एक-एक बच्चे को देख करके बाप भी ऐसे मुस्कराता है जो आप देख रहे हो। यह रीयल फूलों का हार तो है ही लेकिन बाबा ने हर एक के गले में ओरीज्नल माला कौन सी पहनाई है? चमकती हुई मालाओं का हार देखो सबके गले में पड़ा है। और फूलों से कितना भी चाहे श्रंगार करे या नहीं करे लेकिन सबके मुख से वाह-वाह तो निकल रहा है ना। वही माला है। यह माला कितनी सज रही है! माला श्रंगार है। तो इस देश में अभी सबसे बड़ा श्रंगार किसका है? बाबा का। सबके गले में देखो हार पड़ा है। तो बाबा ने खुद माला का हार पहनाया है। कॉमन हार तो पहनाते ही हैं, कॉमन बात है लेकिन इस माला का मतलब अच्छा है, बढ़िया है। यह माला यादगार माला है। सभी को देखो सभी का कांध कितना चमक रहा है, एक-दो को देखो और कितने सारे गले सजे हुए हैं। सभी के गले देखकर हर एक कितने खुश हो रहे हैं, वाह! वाह! तो बाबा भी गले में मालायें देख करके खुश हो रहे हैं वाह! सभी मालाधारी, शक्ल देखो सबकी क्या है? बिल्कुल लाल-लाल। तो ऐसे मालाओं से सजे हुए चमकते हुए मालाधारी बच्चे, यहाँ से आके देखे तो बिल्कुल चमकती हुई माला, सभी की माला बहुत चमक रही है। सबके गले में बाबा की तरफ से मिली हुई मालायें भी पड़ी हुई हैं। सबके गले में हैं और कितना गले में सज रही हैं। हर एक के गले में बाबा चमक रहा है और हर एक गला देखो कितना चमकता है क्योंकि माला आपके यादगार में गाई हुई है। तो आज के दिन डायरेक्ट बाप ने आप सबको माला पहनाई है। देखो यह 24-02-17 ओम् शान्ति ‘‘अव्यक्त बापदादा’’ मधुबन 2/3 माला कितना चमकती है। माला की चमक ही अपनी न्यारी है। एक-दो की माला को देख करके कितने खुश हो रहे हैं। तो आज हाल मालाओं से बहुत सजा हुआ है। सभी अपनी माला देख रहे हैं ना! सारे हाल में मालायें देखो कितनी चमक रही हैं, न्यारे होकरके देखना। अभी सभी उठो तो माला जरूर देखना। ऐसे सजा हुआ, बस। सब माला से सजे हुए कितने सुन्दर लगते हैं। यह हार पड़ा है तो माया भी हार खा लेती है। मालाओं को देख करके ही माया भाग जाती है और आप विजयी बन जाते हैं। तो यह चमकदार माला अपनी देख रहे हो ना! पीछे वाले, राइट वाले, सभी कितने सज गये हैं। चाहे किसको मालायें पड़ी हैं या नहीं! क्योंकि आज बाबा ने सभी को माला का परिचय दे करके बिठाया है। हर एक बच्चा माला से ऐसा सज गया है जैसे सदैव के लिए यह माला इन्हों के गले का मणका है। देख रहे हो अपनी मालायें! हर एक के गले में देखो कितनी माला चमक रही है? जो आप खुद भी देख करके खुश हो रहे हैं। रश तो होता है जहाँ तहाँ।

तो आज मालाओं की चमक बहुत है। हर एक अपनी माला को चमकती हुई देख रहे हैं। हर एक की मालाओं की चमक यहाँ से आकर देखो, एक-एक के माला की महिमा है। इतना सजाने वाला कौन? मेरा बाबा। सब क्या कहेंगे? मेरा बाब्ा। एक-एक को आगे पीछे यहाँ वहाँ सबको देखो, मालायें कितनी जल्दी से आ गई और सबके गले में पड़ भी गई। सभी के गले में मालायें कितनी सुन्दर लग रही हैं। हरेक एक- एक की माला देख रहा है, सब मालाधारी हैं। बाबा को ऐसे फंक्शन में पतली सी माला भी बहुत अच्छी लगती है। अभी देखो आप लोग आये तो कोई कोई ने माला पहनी हुई थी, जो दिखाई दे रही है। माला को देख करके हर एक के मन में आ रहा है, माला में मेरा नाम तो है ना। है? सभी जो भी बैठे हैं सबका माला में नाम है? हाथ उठाओ। सभी को निश्चय है। अरे, माला हमारे लिए ही बाबा ने बनाई है। तो सभी का चेहरा देखो कितना अच्छा सज रहा है। स्थूल में तो चाहे कितना भी सजाओ, सबकी माला चमक रही है और चमकती हुई माला का चित्र सभी का बहुत अच्छा है। अपने पास रखने लायक है। बाबा से यह गिफ्ट लेकरके जाना। आज की गिफ्ट जो है, वह माला है। हर एक अपने को ऐसा चमकता हुआ माला का मणका समझते हैं? जो समझते हैं मणका तो हमारे गले में पड़ गया है, वह हाथ उठाओ। वाह! वाह! देखो, माला से कितना सजा हुआ देखते हैं? और खास आज के दिन के लिए बाबा माला बनाता है। आपको मिलेगी ना, फिर देखना कितनी चमक है। तो सारा हाल भी देखो मालाओं से कितना अच्छा सुन्दर मालामाल हो गया है। अभी एक-एक बच्चा देख रहा है, मेरे गले में तो है ना। जितना देखता है ना, उतनी मालायें बढ़ती जाती हैं। मालायें पड़ी हुई सभा को देख बापदादा हार्षित हो रहे हैं वाह, वाह मालाधारी! वाह! यह यादगार तो आपका ही है ना, मालायें। चाहे फूलों की पहनाओ, चाहे कोई चीज की पहनाओ लेकिन माला यादगार है। और एक-दो को देख करके कितने खुश होते हैं, वाह फलाने ने भी माला पहनी है। तो मालाधारी बच्चों को देख करके सभी मुस्करा रहे हैं। और सेकण्ड में सभी ने पहन लिया, देखो कितना अच्छा लग रहा है। मालाओं को देख करके माला पहनाने वाला याद आता है। आज खास मालाधारी बच्चे हैं। जैसे माला यादगार में है ना! ऐसे यह माला जो है यादगार है। सभी कितने अच्छे लग रहे हैं। सभी के गले में मालायें चमक रही हैं। सभी का गला देखो कितना अच्छा लग रहा है। बाबा की मूर्ति में भी माला है। माला बहुत अच्छी यादगार है। सभी कहाँ बैठे हो? हाल में। बाबा के गले में सब बैठे हैं। माला देखी है ना! माला चमकती कितना है लेकिन अगर घड़ी घड़ी आप नीचे ऊपर हुए तो फिर माला का शो क्या रहेगा! तो सभी अभी मालाधारी बनके अपने चित्र को देखो। सबका गला कितना सज गया है। यह सब मालायें किसको पड़ेंगी? बाबा को। बाबा तो संगम पर माला पहनता नहीं। 24-02-17 ओम् शान्ति ‘‘अव्यक्त बापदादा’’ मधुबन 3/3 बाप बच्चों के साथ माला पहनता है, किसको माला नहीं भी हो ना, कोई मणका खो गया हो तो वह अपनी माला का मणका लेके जाना।

तो आज सभी के गले में चमकती हुई मालायें देख कितने खुश हो रहे हैं! वाह एक दो की माला देख रहे हैं ना! तो सबके दिल से वाह वाह निकल रहा है। अच्छा। अभी तो देरी हो जायेगी, इसलिए सभी बच्चों को मालाधारी बनके माला में दिखाया है।

सेवा का टर्न ईस्टर्न, तामिलनाडु का है। बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम से 15 हजार आये हैं। टोटल 26 हजार आये हैं:- सभी एक-दो को देख करके सज गये हैं। वाह देख-देख कर बाप भी मुस्करा रहे हैं, वाह बच्चे वाह! अभी भी सभी बैठ करके चित्र निकाल के जाना, भाग नहीं जाना।

नेपाल:- (2500 आये हैं) माला पहनने वाले हर एक देख रहे हैं कि मेरी माला कितनी चमक रही है और चमक देखो कितनी है। एक-एक माला के मणके की चमक देखो कितनी है।

तामिलनाडु:- (3000 आये हैं) सबकी चमक अच्छी है, बनाई भी अच्छी है। सभी हाथ में देखो, चारों ओर यह चमकती हुई मालायें कैसी अच्छी लग रही हैं। सभी जो भी हैं वह बैठ करके अपनी माला का शो दिखावें। अभी बैठो, ज्यादा श्रंगार नहीं करो, जितना किया है, उतना ही दिखाओ।

डबल विदेशी 75 देशों से 1000 आये हैं:- इस ग्रुप में सबसे ज्यादा डबल विदेशी आये हैं। कितनी अच्छी चमक है। चमक देखो सारे हाल की, कमाल है, कितनी सुन्दर हो गई है। सभी हार वाले आप अपनी निशानी अगर अपने पास रखने चाहो तो बापदादा सभी के मालाओं की यादगार, ऐसे करो तो यह जो तिल्ली (हथेली) है, वह कितनी सज रही है। ऐसे चमक रही है, जैसे अभी-अभी स्वर्ग से आई है। आप देखो अभी अपने हार को थोड़ा ऐसे करके देखो, औरों को न देखो, अपने को ही देखो तो कितने चमकते हैं! जो आप बैठे हो, आप ही बदल जाते हो, हार पहनने से। एक आप खुद मालिक हो चमकने वाले और दूसरा हार (फूलों का) भी मिला है, वह भी बहुत चमक रहा है। तीसरा यह हार (बांहों का) भी है, इसकी महिमा तो सबसे ज्यादा है। तो अभी तो सिर्फ देख लो फिर कोई टाइम बाबा उठवाके देखेगा। अभी जो मालायें हैं, वह चमकती हुई हैं तो और सब कुछ छिपाके सिर्फ मालाओं का हार सजाके आगे करो तो देखो सभा कैसे लगती है!

बापदादा ने अपने हस्तों से झण्डा फहराया और 81 वीं त्रिमूर्ति शिव जयन्ती की सबको बधाईयां दी ओम शान्ति।

अभी आज सभी इकट्ठे हुए हो किसलिए? आपका काम यहाँ मुख्य क्या है? परिवर्तन करने का। तो परिवर्तन किया? अभी सभी एवररेडी रहो। करना है, हो गया। नहीं करना है, तो चक्र लगाके आये। तो सभी देखो, प्यार से देख रहे हैं ना। आराम से देखा ना। सारे साल के लिए शिवजयन्ती की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। आज का दिन विशेष मनाने का दिन है, तो सभी ने अपने अन्दर यह दीपक जलाया, झण्डा भी लहराया, दीपक भी जगाया, सभी के चेहरे में चमक आ गई है। खुशी है ना, सभी की शक्लों में खुशी की झलक आ गई है। पीछे वाले क्या समझते हैं? सभी के दिल में दिलाराम है? बस दिलाराम और दिलवाले। जितनी चीजें चाहो उतनी आ सकती हैं लेकिन सिर्फ अभी तक संगम निवासी सीख रहे हैं। जान नहीं गये हैं, सीख रहे हैं लेकिन बाबा चाहता है कि एक बारी बाबा कहे ओम् शान्ति तो ऐसे सभी हार्षित हों जैसे हमारा यह सूर्य और चन्द्रमा कितना सज जाता है, देखा है ना कितना अच्छा सज करके नजर आता है, तो आज के दिन की सभी को मुबारक हो, मुबारक हो।