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AVYAKT MURLI
30 / 11 / 70
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30-11-70 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“वर्कर्स की वन्डरफुल सर्कस”
मास्टर सर्वशक्तिमान बने हो? यह जो ग्रुप अधरकुमारों का है यह सभी मास्टर सर्वशक्तिमान बने हुए हैं या बनने के लिए आये हैं? जो समझते हैं बनने के लिए आये हैं वह हाथ उठायें। बाकी जो बने हुए हैं वह सामने आयें। जब मास्टर सर्वशक्तिमान हैं तो पास ही पास हैं। कभी फेल नहीं होते। कभी भी किस बात में फेल नहीं होते। अच्छा भला कब फीलिंग आती हैं? निमित्त बनी हुई टीचर्स से सर्टिफिकेट मिला है कि फीलिंग प्रूफ है? वर्तमान समय के अनुसार यह बातें कोई मामूली नहीं हैं। वर्तमान पुरुषार्थ के प्रमाण मामूली बात भी महान गिनी जाती है। समझा जैसे जितना बड़ा आदमी, जितना अधिक धनवान होता है, उतना छोटा-सा बुरा कर्म वा गलती का छोटा-सा एक पैसे का दण्ड भी उसके लिए बहुत बड़ा होता है। तो इस रीति वर्तमान समय मामूली भी महान की लिस्ट में गिना जाता है। मास्टर सर्वशक्तिमान अर्थात् फीलिंग से परे। सभी बातों में फुल। नॉलेजफुल। सभी शब्दों के पिछाड़ी में फुल आता है। तो जितना फुल बनते जायेंगे उतना फीलिंग का फ्लो वा फ्लू यह ख़त्म हो जायेगा। फ्लोलेस को फुल कहा जाता है। सभी मास्टर सर्वशक्तिमान हो? जिन्होंने हाथ नहीं उठाया है वे भी मास्टर सर्वशक्तिमान हैं। क्योंकि सर्वशक्तिमान बाप को अपना बना लिया है। सर्वशक्तिमान बाप को सर्व सम्बन्ध से अपना बनाया है। यही मास्टर सर्वशक्तिमान की शक्ति है। तो सर्वशक्तिमान को सर्व सम्बन्ध से अपना बनाया है? जब इतना बड़े से बड़ा प्रत्यक्ष प्रमाण है फिर क्यों नहीं अपने को जानते और मानते हो। यह प्रत्यक्ष प्रमाण सदैव सामने रहे तो मायाजीत बहुत सरल रीति बन सकते हो। समझा। जब सर्व सम्बन्ध एक के साथ जुट गए तो और बात रही ही क्या। जब कुछ रहता ही नहीं तो बुद्धि जाएगी कहाँ। अगर बुद्धि इधर-उधर जाती है तो सिद्ध होता है कि सर्व सम्बन्ध एक के साथ नहीं जोड़े हैं। जोड़ने की निशानी है अनेकों से टूट जाना। कोई ठिकाना ही नहीं तो बुद्धि कहाँ जाएगी। और सभी ठिकाने टूट जाते हैं। एक से जुट जाता है। फिर यह जो कम्पलेन है कि बुद्धि यहाँ-वहाँ दौडती है वह बन्द हो जाएगी। अच्छा।
यह जो ग्रुप समझते हैं हम भट्ठी में आये हैं जबकि भट्ठी में हैं ही फिर विशेष रूप से क्यों आये हो? या कहो भट्ठी में तो हैं लेकिन बैटरी कहाँ तक चार्ज हुई है वह वेरीफाई या चैकिंग कराने आये हैं। चार्ज कराने आये हो व चैकिंग कराने आये हो? (दोनों) है तो सभी वैल्यूएबुल, सर्विसएबुल वर्कर्स ग्रुप। इस ग्रुप का टाइटल तो सुन लिया ना। यह टाइटल सुनकर सभी खुश हो रहे हैं। परन्तु इसमें लेकिन भी है। यह लक्ष्य भी है। यह लक्ष्य से बताते हैं कि आगे के लिए भट्ठी से समान बनकर जायेंगे। है वर्कर्स ग्रुप, लेकिन वर्कर्स के बदले कभी-कभी क्या करते हो, मालूम है? बापदादा वतन से वर्कर्स का एक्शन देखते हैं, जो यह करते हैं। कभी-कभी बहुत विचित्र सर्कस करते हैं। जैसे सर्कस में भिन्न-भिन्न एक्ट दिखाते हैं ना। वैसे यह भी अपनी-अपनी सर्कस दिखाते हैं। उस सर्कस में क्या-क्या पार्ट बजाते हैं वह देखने योग्य होता है कि कभी-कभी वर्कर्स अपना विकराल रूप दिखा देते हैं। अपनी कमियों पर विकराल रूप धारण करने के बजाय अन्य पर विकराल रूप की सर्कस दिखाते हैं। चाहे व्यवहार में, चाहे परिवार में, चाहे परमार्थ में तीनों में यह विकराल रूप की सर्कस दिखाते हैं। कभी-कभी फिर दूसरी सर्कस व्यर्थ संकल्प के झूले में झूलने की दिखाते हैं। वास्तव में झूला झूलना है अतीन्द्रिय सुख का लेकिन झूलते हैं व्यर्थ संकल्पों का। तीसरी सर्कस कौन-सी दिखाते हैं। स्थिति बदली करने की सर्कस दिखाते हैं। रूप और स्थिति बदलने का पार्ट मैजारिटी दिखाते हैं। तो वतन में बैठ कर बापदादा वर्कर्स ग्रुप की यह सर्कस देखते हैं। पुरुषार्थी बहुत अच्छे हैं लेकिन पुरुषार्थ करते-करते कहाँ-कहाँ पुरुषार्थ अच्छा करने के बाद प्रालब्ध यहाँ ही भोगने की इच्छा रखते हैं। तो इच्छा भी है, अच्छा भी है। लेकिन प्रालब्ध जमा करनी है। लेकिन कहाँ-कहाँ अपने पुरुषार्थ की प्रालब्ध को यहाँ भोगने की इच्छा से जमा होने में कमी कर देते हैं। समझा। तो इस बात को ख़त्म करके जाना है। प्रालब्ध की इच्छा को ख़त्म कर सिर्फ अच्छा पुरुषार्थ करो। इच्छा के बजाय अच्छा शब्द याद रखना। समझा। इच्छा स्वच्छता को ख़त्म कर देती है और स्वच्छता के बजाय सोचता बन जाते हैं। यह है वर्तमान रिजल्ट। वर्कर्स का अर्थ है और करता न कि सोचता। बापदादा जानते हैं यह उम्मीदवार रत्नों का ग्रुप है। उम्मीदवार भी हो, हिम्मतवान भी हो सिर्फ एक बात एड करनी है। सहनशक्तिवान बनना है। फिर उम्मीदवार से सफलता मूर्त बन जायेंगे। समझा। अभी उम्मीदवार मूर्त हो यह एक बात एड करने से सफलता मूर्त बन जायेंगे। सम्पूर्णता के समीपता की निशानी है सफलता। जितना-जितना अपने को सफलता मूर्त देखते जाओ उतना समझो सम्पूर्णता के नजदीक हैं। यह ग्रुप सफलता मूर्त बनने के लिए कौन सा स्लोगन सामने रखेंगे? स्लोगन यह है प्यूरिटी ही संगमयुग की प्रासपर्टी है। यह है स्लोगन। प्यूरिटी की कितना विस्तार है, प्यूरिटी कौन-सी और किस युक्तियों से धारण कर सकते हो इन टॉपिक्स पर टीचर्स क्लास करायेंगी। बापदादा सिर्फ टॉपिक दे रहे हैं। प्यूरिटी के विस्तार को समझना है। सम्पूर्ण प्यूरिटी किसको कहा जाता है? तो प्यूरिटी ही प्रासपर्टी है यह है इस ग्रुप का श्रेष्ठ स्लोगन। समाप्ति के समय सम्पूर्णता की परीक्षा लेंगे। पेपर के क्वेश्चन पहले से ही बता देते हैं। फिर तो पास होना सहज है ना। सम्पूर्णता क्या होती है उसकी मुख्य चार बातों का पेपर लेंगे। कौन-सी चार बातें यह नहीं बतायेंगे।
अच्छा !!!
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QUIZ QUESTIONS
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प्रश्न 1 :- बाबा ने फीलिंग से परे और सभी बातों में फुल की डेफिनेशन क्या दी है?
प्रश्न 2 :- आज बाबा ने मास्टर सर्वशक्तिमान की कौन सी शक्ति बताई है, और मायाजीत बनने की सरल रीति क्या समझाई है?
प्रश्न 3 :- बुद्धि यहां वहां जाने की बच्चों की कंप्लेन प्रति बाबा ने क्या समझाया है?
प्रश्न 4 :- बापदादा वतन से वर्कर्स का एक्शन देखते हैं,लेकिन वर्कर्स के बदले कभी-कभी क्या करते हो, मालूम है? यहां बाबा कौन से एक्शन की बात कर रहे हैं?
प्रश्न 5 :- बापदादा टीचर्स को किन टाॅपिक्स पर क्लास कराने की बात कर रहे है?
FILL IN THE BLANKS:-
( पुरुषार्थ, स्वच्छता, इच्छा सफलता, समीपता, संगमयुग, प्रालब्ध, अच्छा सहनशक्तिवान, सम्पूर्णता, प्रासपर्टी )
1 प्यूरिटी ही ________ की ________ है।
2 ________ बनना है। फिर उम्मीदवार से ________ बन जायेंगे।
3 ________ के ________ की निशानी सफलता है।
4 ________ के बजाय ________ शब्द याद रखना। इच्छा ________ को ख़त्म कर देती है।
5 ________ की इच्छा को ख़त्म कर सिर्फ अच्छा करो।
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- पुरुषार्थ की प्रालब्ध को यहाँ भोगने की इच्छा से जमा होने में कमी कर देते हैं।
2 :- जितना बड़ा आदमी, जितना अधिक धनवान होता है, उतना छोटा-सा बुरा कर्म वा गलती का छोटा-सा एक पैसे का दण्ड भी उसके लिए बहुत छोटा होता है।
3 :- जब मास्टर सर्वशक्तिमान हैं तो पास ही पास हैं। कभी फेल नहीं होते।
4 :- उम्मीदवार भी हो, हिम्मतवान भी हो सिर्फ एक बात एड करनी है। सहनशक्तिवान बनना है।
5 :- सम्पूर्णता क्या होती है उसकी मुख्य चार बातों का पेपर लेंगे। कौन-सी चार बातें यह बतायेंगे।
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QUIZ ANSWERS
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प्रश्न 1 :- बाबा ने फीलिंग से परे और सभी बातों में फुल की डेफिनेशन क्या दी है?
उत्तर 1 :- .. बाबा ने बताया कि:- मास्टर सर्वशक्तिमान अर्थात् फीलिंग से परे। सभी बातों में फुल। नॉलेजफुल। सभी शब्दों के पिछाड़ी में फुल आता है। तो जितना फुल बनते जायेंगे उतना फीलिंग का फ्लो वा फ्लू यह ख़त्म हो जायेगा। फ्लोलेस को फुल कहा जाता है।
प्रश्न 2 :- आज बाबा ने मास्टर सर्वशक्तिमान की कौन सी शक्ति बताई है, और मायाजीत बनने की सरल रीति क्या समझाई है?
उत्तर 2 :- ..बाबा बताते हैं कि सर्वशक्तिमान बाप को सर्व सम्बन्ध से अपना बनाया है। यही मास्टर सर्वशक्तिमान की शक्ति है। और मायाजीत बनने प्रति बाबा ने बच्चों से ही पूछते हुए समझाया है कि :-
..❶ सर्वशक्तिमान को सर्व सम्बन्ध से अपना बनाया है?
..❷ जब इतना बड़े से बड़ा प्रत्यक्ष प्रमाण है फिर क्यों नहीं अपने को जानते और मानते हो।
..❸ यह प्रत्यक्ष प्रमाण सदैव सामने रहे तो मायाजीत बहुत सरल रीति बन सकते हो। समझा।
प्रश्न 3 :- बुद्धि यहां वहां जाने की बच्चों की कंप्लेन प्रति बाबा ने क्या समझाया है?
उत्तर 3 :- ..बाबा ने बच्चों को समझाया कि:-
..❶ जब सर्व सम्बन्ध एक के साथ जुट गए तो और बात रही ही क्या। जब कुछ रहता ही नहीं तो बुद्धि जाएगी कहाँ। अगर बुद्धि इधर-उधर जाती है तो सिद्ध होता है कि सर्व सम्बन्ध एक के साथ नहीं जोड़े हैं।
..❷ जोड़ने की निशानी है अनेकों से टूट जाना।
..❸ कोई ठिकाना ही नहीं तो बुद्धि कहाँ जाएगी। और सभी ठिकाने टूट जाते हैं। एक से जुट जाता है।
..❹ फिर यह जो कम्पलेन है कि बुद्धि यहाँ-वहाँ दौडती है वह बन्द हो जाएगी।
प्रश्न 4 :- बापदादा वतन से वर्कर्स का एक्शन देखते हैं,लेकिन वर्कर्स के बदले कभी-कभी क्या करते हो, मालूम है? यहां बाबा कौन से एक्शन की बात कर रहे हैं?
उत्तर 4 :- .. बाबा बच्चों की की भिन्न भिन्न प्रकार के व्यवहार को देखकर कहते हैं कि:-
..❶ बापदादा वतन से वर्कर्स का एक्शन देखते हैं, जो यह करते हैं। कभी-कभी बहुत विचित्र सर्कस करते हैं।
..❷ जैसे सर्कस में भिन्न-भिन्न एक्ट दिखाते हैं ना। वैसे यह भी अपनी-अपनी सर्कस दिखाते हैं।
..❸ उस सर्कस में क्या-क्या पार्ट बजाते हैं वह देखने योग्य होता है कि कभी-कभी वर्कर्स अपना विकराल रूप दिखा देते हैं।
..❹ अपनी कमियों पर विकराल रूप धारण करने के बजाय अन्य पर विकराल रूप की सर्कस दिखाते हैं। चाहे व्यवहार में, चाहे परिवार में, चाहे परमार्थ में तीनों में यह विकराल रूप की सर्कस दिखाते हैं।
..❺ कभी-कभी फिर दूसरी सर्कस व्यर्थ संकल्प के झूले में झूलने की दिखाते हैं। वास्तव में झूला झूलना है अतीन्द्रिय सुख का लेकिन झूलते हैं व्यर्थ संकल्पों का।
..❻ तीसरी सर्कस कौन-सी दिखाते हैं। स्थिति बदली करने की सर्कस दिखाते हैं।
..❼ रूप और स्थिति बदलने का पार्ट मैजारिटी दिखाते हैं। तो वतन में बैठ कर बापदादा वर्कर्स ग्रुप की यह सर्कस देखते हैं।
प्रश्न 5 :- बापदादा टीचर्स को किन टाॅपिक्स पर क्लास कराने की बात कर रहे है?
उत्तर 5 :- ..आज बापदादा ने टीचर्स को क्लास करने के लिए जो टॉपिक्स दिये वो हैं:-
..❶ सम्पूर्ण प्यूरिटी किसको कहा जाता है?
..❷ प्यूरिटी कौन-सी और किस युक्तियों से धारण कर सकते हो?
..❸ प्यूरिटी की कितना विस्तार है, प्यूरिटी के विस्तार को समझना है।
FILL IN THE BLANKS:-
( पुरुषार्थ, स्वच्छता, इच्छा सफलतामूर्त, समीपता, संगमयुग, प्रालब्ध, अच्छा, सहनशक्तिवान, सम्पूर्णता, प्रासपर्टी )
1 प्यूरिटी ही ________ की ________ है।
.. संगमयुग / प्रासपर्टी
2 ________ बनना है। फिर उम्मीदवार से ________ बन जायेंगे।
.. सहनशक्तिवान / सफलता मूर्त
3 ________ के ________ की निशानी सफलता है।
.. सम्पूर्णता / समीपता
4 ________ के बजाय ________ शब्द याद रखना। इच्छा ________ को ख़त्म कर देती है।
.. इच्छा / अच्छा / स्वच्छता
5 ________ की इच्छा को ख़त्म कर सिर्फ अच्छा ________ करो।
.. प्रालब्ध / पुरुषार्थ
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- पुरुषार्थ की प्रालब्ध को यहाँ भोगने की इच्छा से जमा होने में कमी कर देते हैं।【✔】
2 :- जितना बड़ा आदमी, जितना अधिक धनवान होता है, उतना छोटा-सा बुरा कर्म वा गलती का छोटा-सा एक पैसे का दण्ड भी उसके लिए बहुत छोटा होता है।【✖】
.. जितना बड़ा आदमी, जितना अधिक धनवान होता है, उतना छोटा-सा बुरा कर्म वा गलती का छोटा-सा एक पैसे का दण्ड भी उसके लिए बहुत बड़ा होता है।
3 :- जब मास्टर सर्वशक्तिमान हैं तो पास ही पास हैं। कभी फेल नहीं हो।【✔】
4 :- उम्मीदवार भी हो, हिम्मतवान भी हो सिर्फ एक बात एड करनी है। सहनशक्तिवान बनना है।【✔】
5 :- सम्पूर्णता क्या होती है उसकी मुख्य चार बातों का पेपर लेंगे। कौन-सी चार बातें यह बतायेंगे।【✖】
.. सम्पूर्णता क्या होती है उसकी मुख्य चार बातों का पेपर लेंगे। कौन-सी चार बातें यह नहीं बतायेंगे।