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AVYAKT MURLI

08 / 02 / 76

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08-02-76   ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

कनेक्शन और करेक्शन के बैलेन्स से कमाल

यथार्थ टीचर की विशेषताओं को बतलाते हुए परम शिक्षक शिव बाबा बोले:-

टीचर्स को विशेष दो बातों का अटेन्शन रखना चाहिये, वह दो बातें कौन-सी हैं? मधुबन से, बाप के साथ तथा दैवी परिवार के साथ मर्यादा-पूर्वक कनेक्शन (Connection) हो। मर्यादापूर्वक कनेक्शन (Connection) यह है कि जो भी संकल्प व कर्म करते हो, उसके हर समय करेक्शन (Correction) करने के अभ्यासी हो। दो बातें - एक यथार्थ कनेक्शन (Connection) और दूसरा हर समय अपनी हर करेक्शन (Correction) करने की अटेन्शन (ATTENTION)। अगर दोनों ही बातों में से एक में भी कमी है तो सफलतामूर्त्त नहीं बन सकते। करेक्शन करने के लिये सदैव साक्षीपन की स्टेज चाहिये। अगर साक्षी हो करेक्शन नहीं करेंगे तो यथार्थ कनेक्शन (Connection) रख न सकेंगे। तो यह सदैव चेक करो कि हर समय हर बात में करेक्शन करते हैं? एक है बुद्धि की करेक्शन जिसको याद की यात्रा कहते हैं दूसरा है साकार कर्म में आते हुए, साकार परिवार व साकार सम्बन्ध के कनेक्शन में आना। दोनों ही कनेक्शन ठीक हों। साकार में कनेक्शन में आने में मर्यादापूर्वक हैं? जैसे रूहानी परिवार का कनेक्शन रूहानियत के बजाय देह-अभिमान का कनेक्शन है तो वह भी यथार्थ कनेक्शन (Connection) नहीं हुआ।

जो करेक्शन और कनेक्शन करना जानते हैं, वह सदा रूहानी नशे में होंगे। उनका न्यारापन और प्यारापन का बैलेन्स (Balance) होगा। देखो, सिर्फ बैलेन्स (Balance) का खेल दिखाने के लिये कितनी कमाई का साधन बना है, वह है सर्कस। बैलेन्स को कमाल के रूप में दिखाते हैं। तो यहाँ भी अगर बैलेन्स होगा तो कमाल भी होगा और कमाई भी होगी। अगर ज़रा भी कम अथवा ज्यादा हो जाता है तो न कमाल होता है, न कमाई। जैसे कोई भी खाने की चीज़ बनाते हैं, अगर उसमें सब चीजों का बैलेन्स न हो तो कितनी भी अच्छी चीज़ हो पर उसमें टेस्ट नहीं आयेगा। तो अपने जीवन को भी श्रेष्ठ और सफल बनाने के लिये बैलेन्स (Balance) रखो अर्थात् समानता रखो।

दूसरी बात - जैसी समस्या हो, जैसा समय हो, तो वैसे अपने शक्तिशाली रूप को बना सको। अगर परिस्थिति सामना करने की है, तो सामना करने की शक्ति का स्वरूप हो जाओ। अगर परिस्थिति सहन करने की है, तो सहन शक्ति का स्वरूप हो जाओ। ऐसा अभ्यास हो। टीचर्स माना बैलेन्स। जैसा समय, वैसा स्वरूप धारण करने की शक्ति हो। स्नेह की जगह अगर शक्ति को धारण करते हो और शक्ति की जगह अगर स्नेह को धारण किया तो इसको क्या कहेंगे? अर्थात् जैसा समय, वैसा स्वरूप धारण करने की शक्ति नहीं है। तो सर्विस की रिजल्ट (RESULT) भी नहीं निकलती और सफल भी नहीं होते हैं। अगर नम्बरवन टीचर बनना है तो कोई भी धारणा पहले स्वयं करो, फिर कहो। ऐसे नहीं कि खुद करो नहीं, केवल औरों को कहो। जो दूसरों को डायरेक्शन देते हो, वह पहले स्वयं में देखो कि वह आप में है? दूसरों को कहो कि सहनशील बनो और खुद न हो तो वह टीचर नहीं। टीचर माना शिक्षक अर्थात् शिक्षा देने वाला। अगर स्वयं शिक्षा स्वरूप नहीं तो वह यथार्थ टीचर कहला नहीं सकते। सदैव यह स्लोगन याद रखो - शिक्षक अर्थात् शिक्षा-स्वरूप और बैलेन्स रखने वाला। अब क्वॉलिटी की टीचर बनना है। क्वॉन्टिटी (Quantity) पर नज़र न हो। क्वॉलिटी (Quality) ही सबके कल्याण के निमित्त बन सकती है। तो अब टीचर की क्वॉन्टिटी नहीं बढ़ानी है लेकिन क्वॉलिटी (Quality) बढ़ानी है। समझा!

इस अव्यक्त वाणी का सार

1. जो करेक्शन (Correction) और कनेक्शन (Connection) करना जानते हैं, वह सदा ही रूहानी नशे में होंगे।

2. अगर नम्बरवन टीचर बनना है तो कोई भी धारणा पहले स्वयं करो, फिर दूसरों को कहो। ऐसे नहीं - खुद करो नहीं और दूसरों से कहते रहो। जो दूसरों को डायरेक्शन (Direction) देते हो, वह पहले स्वयं में देखो कि वह आप में है?

3. जैसा समय, वैसा स्वरूप धारण करने की शक्ति बढ़ाओ।

4. सफलतामूर्त्त बनने के लिए चाहिए। एक तो यथार्थ कनेक्शन और दूसरा हर समय अपनी करेक्शन करने की अटेन्शन। करेक्शन करने के लिए सदैव साक्षीपन की स्टेज चाहिए। अगर साक्षी हो करेक्शन नहीं करेंगे तो यथार्थ कनेक्शन रख न सकेंगे।

 

 

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QUIZ QUESTIONS

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 प्रश्न 1 :- टीचर्स को विशेष कौन सी दो बातें पर अटेंशन रखने को बाबा ने मुरली में कहा है ?

 प्रश्न 2 :- करेक्शन के सन्दर्भ में बाबा क्या समझानी दे रहे हैं ?

 प्रश्न 3 :- कनेक्शन के सन्दर्भ में बाबा क्या समझानी दे रहे हैं ?

 प्रश्न 4 :- "बैलेन्स" शब्द के माध्यम द्वारा बाबा क्या समझा रहे हैं ?

 

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

{ समय, टीचर, समस्या शक्तिशाली, स्वरूप, शिक्षा-स्वरूप, समय, बैलेन्स, धारणा, स्वयं }

 1   जैसा ________, वैसा _________  धारण करने की शक्ति हो।

 2  अगर नम्बरवन_______ बनना है तो कोई भी _______ पहले _______ करो, फिर कहो।

 3  जैसी _______ हो, जैसा ______ हो, तो वैसे अपने _________ रूप को बना सको।

 4  सदैव यह स्लोगन याद रखो - शिक्षक अर्थात् _________ और _______ रखने वाला।

 

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-

 1  :- दूसरों को कहो कि सहनशील बनो और खुद न हो तो वह भगवान नहीं।

 2  :- अब क्वालिटी की स्टूडेंट बनना हैं।

 3  :- क्वालिटी ही सबसे कल्याण के निम्मित बन सकती हैं।

 4  :- तो अब टीचर की क्वान्टिटी नहीं बढ़ानी है लेकिन क़्वालिटी बढ़ानी है।

 

 

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QUIZ ANSWERS

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 प्रश्न 1 :- टीचर्स को विशेष कौन सी दो बातें पर अटेंशन रखने को बाबा ने मुरली में कहा है ?

 उत्तर 1 :- टीचर्स को विशेष दो बातें पर अटेंशन रखने को बाबा ने मुरली में कहा है :

          यथार्थ कनेक्शन : मधुबन से, बाप के साथ तथा दैवी परिवार के साथ मर्यादा-पूर्वक कनेक्शन हो। मर्यादापूर्वक कनेक्शन यह है कि जो भी संकल्प व कर्म करते हो, उसके हर समय करेक्शन करने के अभ्यासी हो।

          करेक्शन : हर समय अपनी हर करेक्शन करने की अटेन्शन। अगर दोनों ही बातों में से एक में भी कमी है तो सफलतामूर्त्त नहीं बन सकते।

 

 प्रश्न 2 :- करेक्शन के सन्दर्भ में बाबा क्या समझानी दे रहे हैं ?

 उत्तर 2 :- करेक्शन के सन्दर्भ में बाबा समझानी दे रहे हैं कि :

         करेक्शन करने के लिये सदैव साक्षीपन की स्टेज चाहिये।

          अगर साक्षी हो करेक्शन नहीं करेंगे तो यथार्थ कनेक्शन रख न सकेंगे।

          तो यह सदैव चेक करो कि हर समय हर बात में करेक्शन करते हैं?

 

 प्रश्न 3 :- कनेक्शन के सन्दर्भ में बाबा क्या समझानी दे रहे हैं ?

 उत्तर 3 :- कनेक्शन के सन्दर्भ में बाबा समझानी दे रहे हैं कि :

          एक है बुद्धि की कनेक्शन जिसको याद की यात्रा कहते हैं।

          दूसरा है साकार कर्म में आते हुए, साकार परिवार व साकार सम्बन्ध के कनेक्शन में आना।

          दोनों ही कनेक्शन ठीक हों। साकार में कनेक्शन में आने में मर्यादापूर्वक हैं?

          जैसे रूहानी परिवार का कनेक्शन रूहानियत के बजाय देह-अभिमान का कनेक्शन है तो वह भी यथार्थ कनेक्शन नहीं हुआ।

   

 प्रश्न 4 :- "बैलेन्स" शब्द के माध्यम द्वारा बाबा क्या समझा रहे हैं ?

 उत्तर 4 :- "बैलेन्स" शब्द के माध्यम द्वारा बाबा समझा रहे हैं कि :

          जो करेक्शन और कनेक्शन करना जानते हैं, वह सदा रूहानी नशे में होंगे।

          उनका न्यारापन और प्यारापन का बैलेन्स होगा।

          सिर्फ बैलेन्स का खेल दिखाने के लिये कितनी कमाई का साधन बना है, वह है सर्कस। बैलेन्स को कमाल के रूप में दिखाते हैं

          तो यहाँ भी अगर बैलेन्स होगा तो कमाल भी होगा और कमाई भी होगी।

          अगर बैलेन्स ज़रा भी कम अथवा ज्यादा हो जाता है तो न कमाल होता है, न कमाई।

          तो अपने जीवन को भी श्रेष्ठ और सफल बनाने के लिये बैलेन्स रखो अर्थात् समानता रखो।

 

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

{ समय, टीचर, समस्या शक्तिशाली, स्वरूप, शिक्षा-स्वरूप, समय, बैलेन्स, धारणा, स्वयं }

 1   जैसा ______, वैसा _______ धारण करने की शक्ति हो।

    समय / स्वरूप

 

 2  अगर नम्बरवन_______ बनना है तो कोई भी _______ पहले _______ करो, फिर कहो।

    टीचर / धारणा / स्वयं

 

 3  जैसी _______ हो, जैसा ______ हो, तो वैसे अपने _________ रूप को बना सको।

   समस्या / समय / शक्तिशाली

 

 4  सदैव यह स्लोगन याद रखो - शिक्षक अर्थात् _________ और _______ रखने वाला।

    शिक्षा-स्वरूप / बैलेन्स

 

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-

 1  :- दूसरों को कहो कि सहनशील बनो और खुद न हो तो वह भगवान नहीं।

 दूसरों को कहो कि सहनशील बनो और खुद न हो तो वह टीचर नहीं।

 

 2  :- अब क्वालिटी की स्टूडेंट बनना हैं।

 अब क्वालिटी की टीचर बनना हैं।

 

 3  :- क्वालिटी ही सबसे कल्याण के निम्मित बन सकती हैं।

 

 4  :- तो अब टीचर की क्वान्टिटी नहीं बढ़ानी है लेकिन क़्वालिटी बढ़ानी है।