पूज्य स्वरुप मैं विघ्न विनाशक गणेश हूँ -सुखकर्ता दुःखहर्ता गणेश बन संसार को सुखी बनाना।


ओम शांति।

आज हम अपने पूज्य स्वरुप.. विघ्न विनाशक गणेश का अभ्यास करेंगे। इस मेडिटेशन कमेंटरी में हम सूक्ष्म वतन में बापदादा से विघ्न विनाशक गणेश का वरदान लेंगे.. और विघ्न विनाशक गणेश रूप में ही हम सूक्ष्म वतन में सम्पूर्ण पृथ्वी.. ग्लोब को इमर्ज करेंगे। संसार की सर्व आत्मओं को सुख की किरणों का दान देंगे। लाखों करोड़ों भक्त आत्मायें हमें पुकार रहीं हैं.. हमारी भक्ति कर रहीं है... घर घर में हमारे मूर्ति की स्थापना करते हैं। इन आत्माओं को सुख की किरणों का दान दे उनके सर्व दुःख, विघ्न हम नष्ट करेंगे। चलिए शुरू करते है।

एकाग्रे करेंगे मस्तक के बीच... मैं आत्मा.. एक चमकता सितारा.. एक पॉइंट ऑफ़ लाइट.. सम्पूर्ण पवित्र.. सम्पूर्ण शुद्ध मैं आत्मा स्थित हूँ अपने लाइट के शरीर में... अपने सूक्ष्म शरीर में...

अभी एक सेकंड में पहुँच जाएँ सूक्ष्म वतन में.... चारों तरफ सफ़ेद प्रकाश...सामने मेरे बापदादा.. मुझे दृष्टि दे रहे हैं... बैठ जाएँ उनके सामने... दृष्टि देते देते उन्होंने अपना वरदानी हाथ मेरे सिर के ऊपर रख दिया है... और मुझे वरदान दे रहे हैं- विघ्न विनाशक गणेश भव... सुखकर्ता दुखहर्ता भव... इन वरदानों की प्राप्ति से बाबा ने मुझे विघ्न विनाशक गणेश का वरदान दिया है... मैं स्थित हो चूका हूँ अपने विघ्न विनाशक गणेश स्वरुप में... मैं वही सुखकर्ता दुखहर्ता विघ्न विनाशक गणेश हूँ जिसकी मन्दिरों में और घर घर में पूजा हो रही है... यह सर्व भक्त आत्मायें मेरी भक्ति कर रहीं हैं... मुझे पुकार रहीं हैं - हे विघ्न विनाशक गणेश, हमारे सर्व विघ्न.. दुःख.. संकट.. बीमारियां नष्ट करो।

मैं वही विघ्न विनाशक गणेश हूँ जिसको परमात्मा ने नॉलेजफुल, बुद्धिवान.. दुखहर्ता सुखकर्ता के वरदान दिए हैं। मुझे इन सर्व भक्तों को सुखी बनाना है... इनके सर्व शुद्ध ममोकामनायें पूर्ण करने हैं... अभी सूक्ष्म वतन में ही हम इमर्ज करेंगे पृथ्वी/ ग्लोब को... देखेंगे पृथ्वी पर हर मन्दिर में, हर घर में मेरी स्थापना हो चुकी है... बहुत दिल से ये आत्मायें मेरी पूजा करते हैं... मेरी आरती करते हैं.. अनुभव करेंगे इन आत्मओं को मुझ द्वारा, मेरी हर मूर्ति द्वारा सुख की किरणें मिल रहीं हैं... मैं इन आत्मओं को सम्पूर्ण सुखी भव का वरदान दे रहा हूँ... फील करेंगे शिवबाबा से मुझमें सुख की किरणें समा कर पृथ्वी के सारे आत्माओं को मिल रहीं हैं... संसार की सर्व आत्माओ को मिल रहीं हैं.... इन सुख की किरणों से इन आत्मओं के सर्व दुःख संकट, विघ्न नष्ट हो रहें हैं... वे सम्पूर्ण सुखी बन रहे हैं... इनके सर्व शुद्ध मनोकामनाएँ मैं पूर्ण करूँगा... बहुत दिल से यह मेरी आराधना कर रहे हैं.. भक्ति कर रहें हैं.. अभी अनुभव करेंगे एक मिनट तक विघ्न विनाशक गणेश की आरती चल रही है और इस आरती में हम फील करेंगे संसार की सर्व गणेश भक्त आत्मायें मेरी पूजा कर रहें हैं, मेरी आरती कर रहें हैं और मुझ द्वारा इनको सुख की किरणें मिल रही हैं....

अनुभव करेंगे संसार की सर्व आत्मायें सम्पूर्ण सुखी बन चुकी हैं... बहुत दिल से मुझे दुआएं दे रहीं हैं.... इनकी सर्व शुद्ध मनोकामनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं... बहुत दिल से मुझे ये शुक्रिया कर रहे हैं- हे विघ्न विनाशक! दुखहर्ता सुखकर्ता गणेश! आपका कोटि कोटि शुक्रिया!

ओम शांति।