परमात्म प्रेम की अनुभूति।


ओम शांति।

आज की मेडिटेशन कमेंट्री है- परमात्म प्यार में लवलीन स्थिति। बाबा कहते हैं एक परमात्म प्यार में लवलीन होना ही संपूर्ण ज्ञान है। एक मुरली में बाबा ने कहा है- यह याद की यात्रा ही प्रीत की यात्रा है..और यदि तुम परमात्म प्यार में मगन रहने लगो, तो जनम जनम संबंधों में प्यार मिलता रहेगा।जितना हम इस परमात्मा प्रेम के लवलीन अवस्था में मगन रहेंगे, एकाग्र रहेंगे, हम महसूस करेंगे सर्व संबंधों में हमें स्वतः प्यार मिलेगा। हमारी स्थिति निर्विघ्न बनेगी। हमें हर कार्य में सफलता मिलेगी। हमारे ज्ञान का बल, योग बल, पवित्रता स्वतः बढ़ती जाएगी। तो इस परमात्म प्रेम में लवलीन स्थिति का अनुभव करने के लिए चलें शुरु करते हैं...

एकाग्र करेंगे मैं आत्मा.. ज्योति स्वरूप.. एक चमकता सितारा.. स्थित हूं अपने मस्तक के बीच में.. मैं परम पवित्र आत्मा हूं.. संपूर्ण शुद्ध.. संपूर्ण निर्विकारी.. मैं आत्मा शांत स्वरूप हूं.. संपूर्ण डिटैच हो जाए अपने देह से.. मैं एक ज्योति स्वरूप.. चमकता सितारा.. मैं प्रेम स्वरूप आत्मा हूं.. प्रेम मेरा ओरिजिनल नेचर है.. मुझसे चारों ओर प्यार की किरणें निरंतर फ्लो हो रही हैं.. अभी मैं आत्मा उड़ चली आकाश तत्व को पार कर.. पहुंच गई परमधाम में.. चारों ओर सुनहरा लाल प्रकाश.. मैं आत्मा पहुंच गई अपने प्यारे परमपिता, परमात्मा शिव बाबा के पास.. फील करेंगे उनके साथ का अनुभव.. परमधाम में, मैं आत्मा स्थित हूं अपने निराकारी स्वरूप में.. अभी अनुभव करेंगे परमात्मा शिवबाबा से प्रेम की किरणें निकल, मुझ में समाती जा रही है.. परमात्म प्रेम की किरणें मुझ आत्मा में निरंतर फ्लो हो रही हैं.. जैसे एक फाउंटेन की तरह, शिव बाबा ज्योति स्वरूप से यह किरणें निकल, मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं.. संपूर्ण खो जाएं इस परमात्मा प्रेम की अनुभूति में.. हम इन किरणों को ग्रीन कलर या वाइट कलर, किसी भी एक कलर में कल्पना कर सकते हैं.. संपूर्ण मगन हो जाएं इन परमात्म प्यार की किरणों में.. जनम जनम आत्मा इस सच्चे प्यार के लिए भटकी है.. इस संसार में परमात्म प्रेम ही सच्चा और पवित्र प्रेम है.. निस्वार्थ प्रेम है..! बाबा हमारे पिता हैं.. हमारे सखा हैं.. हमारे फ्रेंड हैं.. उनके प्यार में मैं आत्मा मगन हो चुकी हूं... इस संसार की सर्वश्रेष्ठ स्थिति यह परमात्मा प्यार की लवलीन अवस्था है.. इस अवस्था में मुझ आत्मा के जन्म जन्मांतर के विकर्म नष्ट हो रहे हैं.. मैं संपूर्ण शुद्ध बन रही हूं.. संपूर्ण एकाग्र हो जाएं इस लवलीन अवस्था में.. अभी मैं आत्मा चली नीचे सृष्टि की ओर.. पहुंच गई अपने देह में.. अपने मस्तक के बीच में.. मैं आत्मा एक फरिश्ता हूं.. मुझे संसार की सर्व आत्माओं को यह परमात्म प्रेम की किरणों का दान देना है.. यही प्यार सच्चा प्यार है.. अनुभव करेंगे परमधाम से, शिव बाबा से प्यार की किरणें निकल नीचे फ्लो हो रही हैं.. और मुझ में समाते जा रही हैं.. जैसे कि परमात्म प्रेम की किरणों की बारिश हो रही है.. और मुझ आत्मा से यह किरणें सारे ग्लोब को मिल रहीं हैं.. संसार की सर्व आत्माएं यह प्यार की किरणें महसूस कर रही हैं.. मैं परमात्म प्यार में लवलीन एक एंजेल हूं.. मुझ द्वारा संसार की सर्व आत्माओं को प्यार मिल रहा है.. संसार की सर्व आत्माएं तृप्त हो रही हैं.. आज से मुझे हर आत्मा को प्यार देना है.. जो हम देते हैं, वह कई गुना रिटर्न हो करके हमें मिलता है। यह देना ही लेना है। संपूर्ण एकाग्र हो जाएं इस अवस्था में.. मैं फरिश्ता स्थित हूं ग्लोब पर.. और संसार की सर्व आत्माओं को परमात्मा मुझ द्वारा यह प्यार की किरणों का दान दे रहे हैं.......।

ओम शांति।