परमात्मा से शक्ति और वरदानों के पुष्पों की वर्षा।


ओम शांति।

आज हम एक नया अभ्यास करेंगे। मुरलियों में कई बार आता है कि बापदादा हम बच्चों पर पुष्पों की वर्षा करते हैं। किसी मुरली में बाबा ने कहा है कि बाप दादा स्नेह की सुनहरी पुष्पों की वर्षा करते हैं। एक मुरली में है- बापदादा संतुष्टता के गोल्डन पुष्पों की वर्षा करते हैं। इसी प्रकार शक्तियों के पुष्पों की वर्षा.. वरदानों के पुष्पों की वर्षा.. महिमा के पुष्पों की वर्षा बापदादा करते हैं। तो आज हम अभ्यास करेंगे कि बाबा हम पर भिन्न-भिन्न रंगों के पुष्पों की वर्षा करते हैं। तो चलिए शुरु करते हैं..

एकाग्र करेंगे मस्तक के बीच.. मैं आत्मा.. ज्योति स्वरूप.. एक पॉइंट ऑफ लाइट.. मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं.. मेरा स्वभाव शांत है.. मैं आत्मा स्थित हूं अपने फरिश्ता स्वरूप में.. मैं एक शांति का फरिश्ता हूं.. इस संसार में अवतरित, परमात्मा का भेजा हुआ एक फरिश्ता हूं.. अभी एकाग्र करेंगे बुद्धि को परमधाम में.. शिवबाबा ज्योति स्वरूप.. परमपिता परमात्मा.. शिव बाबा शांति के सागर.. सर्व गुणों के सागर.. सर्वशक्तिवान.. अनुभव करेंगे शिवबाबा से गोल्डन पुष्पों की वर्षा नीचे बरस रही है.. और मुझ आत्मा में समाती जा रही है.. जैसे कि गोल्डन पुष्पों की बारिश हो रही है.. और बाबा मुझ आत्मा में दिल से प्यार से बरसा रहे हैं.. वह हमारे पिता हैं.. वह हमसे बहुत प्यार करते हैं.. यह गोल्डन पुष्प स्नेह के पुष्प हैं! अनुभव करेंगे इस परमात्म प्रेम को.. निरंतर मुझ में यह पुष्प समाते जा रहे हैं.. संपूर्ण एकाग्र हो जाएं इस स्थिति में.. यह पुष्पों की वर्षा मुझ आत्मा को संपूर्ण तृप्त बना रहे हैं.. मैं संपूर्ण तृप्त और संतुष्ट बन चुकी हूं.. अनुभव करेंगे इस भरपूरता को.. बाबा इन पुष्पों से हम में सर्व गुण भर रहे हैं.. सुख, शांति, प्रेम, आनंद.. इन पुष्पों की वर्षा से संपूर्ण परमानंद की स्थिति में स्थित हो जाएं.. संपूर्ण भरपूर हो जाएं सर्व गुणों से.. जैसे बाबा गुणों के सागर, वैसे मैं आत्मा मास्टर गुणों का सागर हूं.. स्वयं परमात्मा हमारी महिमा करते हैं.. मुबारक देते हैं! बाप समान बनाते हैं.. मैं बहुत भाग्यवान हूं! संपूर्ण सुखी.. संपूर्ण खुश हूं..

अभी अनुभव करेंगे बाबा हम पर लाल पुष्पों की वर्षा कर रहे हैं इन लाल पुष्पों से बाबा हमें शक्तियां दे रहे हैं.. वरदान दे रहे हैं.. अनुभव करेंगे इन परमात्म शक्तियों को.. शिव बाबा से निकलकर यह लाल पुष्पों की वर्षा मुझ में समाती जा रही हैं.. संपूर्ण एकाग्र हो जाएं इस स्थिति में.. इन पुष्पों से बाबा हमें वरदान दे रहे हैं- बच्चे मास्टर सर्वशक्तिमान भव.. संपूर्ण शक्तिशाली महसूस करें.. भगवान का मुझे वरदान है.. जैसे बाबा सर्वशक्तिमान है, वैसे मैं उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिमान हूं.. अनुभव करेंगे निरंतर बाबा से इन शक्तियों के और वरदानों के पुष्पों की वर्षा हो रही है.. वरदानों को फील करें... मास्टर सर्वशक्तिमान भव‌!! संपूर्ण फरिश्ता भव!! सफलता मूरत भव!! प्रकृतिजीत भव!! बाप समान भव!! निरंतर फील करें इन पुष्पों की वर्षा को.. सर्व शक्तियों और वरदानों के पुष्पों की वर्षा है यह.. मैं संपूर्ण बाप समान हूं.. इस संगमयुग में बाबा हम पर स्नेह की, शक्तियों की, वरदानों के पुष्पों की वर्षा करते हैं.. और द्वापर-कलयुग में भक्त हमारे मूर्तियों पर, कभी हनुमान, कभी गणेश, कभी दुर्गा माता, माता लक्ष्मी, हमारे इन मूर्तियों पर भक्त पुष्पों की वर्षा करेंगे.. महिमा के पुष्पों की वर्षा करेंगे.. ऐसे भाग्यवान आत्मा है हम! दो मिनट हम इसी स्थिति में एकाग्र होंगे.. शिव बाबा से शक्तियों और वरदानों के पुष्पों की वर्षा मुझ आत्मा में समाती जा रही है.......

ओम शांति।