जो बच्चे मेरी याद में मगन रहते हैं उनके सोचने का कार्य भी मैं करता हूँ।


ओम शांति।

आज का मेडिटेशन टॉपिक है- बाबा कहते हैं जो बच्चे मेरी याद में मगन रहते हैं, उनके सोचने का कार्य भी मैं करता हूं। यदि हमारे लाइफ में कोई प्रॉब्लम है, कोई ऐसी परिस्थितियां है जो हम से हल नहीं हो पा रहे हैं... जिनमें हमारे संकल्पों की स्पीड बहुत बढ़ चुकी है, हम बहुत कंफ्यूज हैं.. हमें कहीं से भी रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है, उस समय हम इस महावाक्य को यूज करें- जो बच्चे मेरी याद में मगन रहते हैं उनके सोचने का कार्य भी मैं करता हूं। जब हम बाबा की याद में मगन होंगे, परमपिता परमात्मा शिवबाबा हमें टचिंग देंगे कि इस परिस्थिति में आपको क्या करना चाहिए। किसी परिस्थिति में अगर हमें स्थूल हेल्प भी चाहिए तो किसी न किसी व्यक्ति से हमें स्वतः हेल्प मिल जाएगी। आप फील करेंगे कि जैसे परमात्मा ने उनको भेजना है और उस परिस्थिति से आप बहुत ही आसनी से बाहर आ जाएंगे। हमारा कार्य सफल होगा और हम फील करेंगे जो हुआ 100% राइट हुआ। एक मुरली में बाबा ने कहा है- जो परमात्म याद में सदा योगयुक्त हैं उनको सबका सहयोग स्वतः प्राप्त होता है। यह एक गहरा राज है- परमपिता परमात्मा शिवबाबा इस सृष्टि के बीज हैं। जब हम उनकी याद में अशरीरी होते हैं तब हमारे से स्वतः संसार की सर्व आत्माओं को शांति का दान मिलता है। उसके फलस्वरूप उन आत्माओं का सहयोग हमको स्वतः मिलता है। एक अव्यक्त वाणी में बाबा ने कहा है- जो मुझे बहुत याद करते हैं मैं उन्हें वतन में इमर्ज करके उनके साथ रूह रिहान करता हूं। यानी जब हम बाबा की याद में मगन होते हैं तब बाबा हमसे बातें करते हैं। वे हमारे मन ही मन में हमें संकल्प देंगे कि उस परिस्थिति में हमें क्या करना है। तो इन महावाक्यों से सिद्ध होता है कि कोई भी परिस्थिति आए, हमें ज्यादा संकल्पों में ना जाकर, उन संकल्पों को बिंदु लगाकर हमें परमात्मा याद में मगन होना है। जितना हम बाबा की याद में मगन होंगे उतना स्वतः ही हमारे सर्व कार्य पूरे हो जाएंगे। तो ऐसी परिस्थिति में हम बाबा को कैसे याद करें, एक छोटी सी कॉमेंट्री के रूप में चलिए स्टार्ट करते हैं...

स्थित हो जाएं अपने आत्मिक स्वरूप में... मैं आत्मा एक पॉइंट ऑफ लाइट... अपने मस्तक के बीच में एक चमकता सितारा.. मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं... मेरे संकल्प इस निराकारी स्थिति में संपूर्ण शांत हैं... मैं परमपिता परमात्मा शिवबाबा की संतान.. संपूर्ण शांत हूँ... शांति मेरी एक शक्ति है... अभी बुद्धि रूपी नेत्र से एकाग्र करेंगे हम परमधाम में... शिवबाबा ज्योति स्वरूप... परमपिता परमात्मा शिवबाबा.. सर्वशक्तिमान.. गुणों के सागर.. शांति के सागर.. उनकी किरणें इस संसार में निरंतर फैल रही हैं... वे इस सृष्टि का बीज हैं... जितना हम उनको याद करेंगे, उनकी शक्तियां हमने स्वतः ही प्रवेश करती रहेंगी.. जितना हम उन पर एकाग्रचित रहेंगे, हमारे सर्व काम स्वतः होंगे। शिवबाबा हमारे पिता हैं.. परमात्मा शिवबाबा सर्वशक्तिमान.. हम उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिमान.. अभी फील करेंगे मुझ आत्मा से एक तार निकल कर परमात्मा शिवबाबा से कनेक्ट हो चुकी है.. जैसे एक पतंग की डोर नीचे से ऊपर कनेक्ट होती है, वैसे ही मैं आत्मा कनेक्टेड हूं शिव बाबा ज्योति स्वरूप से... इसी कनेक्शन में स्थित होकर बाबा को देखते रहें.. बहुत प्यार से उन्हें निहारे.. हमारे प्यारे शिव बाबा... इन पर एकाग्र करते ही मेरी बुद्धि शांत होती है.. मेरे संकल्प शांत हैं.. मैं बहुत शक्तिशाली महसूस कर रहा हूं... बाबा कहते हैं- तुम सिर्फ अव्यक्त वायुमंडल बनाने में बिजी रहो, बाकी सब स्वतः होगा। "जो बच्चे मेरी याद में मगन रहते हैं उनके सोचने का कार्य भी मैं करता हूं..." अनुभव करेंगे इस तार से शक्तियों के किरणें निकल मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं.. जैसे एक फाउंटेन की तरह फ्लो हो रही हैं परमात्मा बिंदु से मुझ आत्मा बिंदु में... फ्लो हो रहीं हैं.. संपूर्ण मगन हो जाए इस परमात्मा मिलन की अनुभूति में.. ऐसे याद में खो जाएं जैसे कि यह दुनिया है ही नहीं... बस मैं आत्मा कनेक्टेड हूँ परमात्मा शिवबाबा से... जितना हम बाबा की याद में मगन रहेंगे, उतना ही हमारी स्थिति शांत, शक्तिशाली, अचल अडोल बनी रहेगी.. हमसे स्वतः ही सारे विश्व को शांति के वाइब्रेशन मिलेंगे... बाबा कहते हैं- सवेरे जब तुम अशरीरी बनते हो तो सारे संसार को शांति का दान मिलता है... इस शांति के दान से, समय आने पर, यह प्रकृति हमें हेल्प करेगी... संसार की आत्माएं हमें परिस्थितियों में हेल्प करेंगे.. कोई ना कोई आत्मा आकर हमें हेल्प करेगी.. हम फील करेंगे जैसे कि इन्हें भगवान ने भेजा है.. 2 मिनट हम ऐसे ही इस स्थिति में एकाग्र रहेंगे- परमात्मा शिव बाबा से शक्तियों के किरणें निकल मुझ में समाती जा रहीं हैं और मुझसे चारों तरफ फैल रही है.......।

ओम शांति।