विद्यार्थियों के लिए 5 दृढ़ संकल्प।


ओम शांति।

आज हम 5 संकल्पों का प्रयोग 21 बार करेंगे। जो विद्यार्थी हैं, या हम कोई प्रोफेशन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह पांच संकल्प सुबह उठकर, 21 बार, इनका गहराई से अभ्यास करना है। इन 5 संकल्पों का अभ्यास करने से हम जो भी एग्जाम देंगे, या कोई भी प्रोफेशन में हैं, स्टूडेंट हैं, हम सहज ही शक्तिशाली बने रहेंगे। हमने निर्विघ्न रहेंगे। हम जो भी एग्जाम देंगे, उसमें सफलता प्राप्त करेंगे। हमें अच्छे मार्क्स मिलेंगे। जो भी रिजल्ट होगा, बहुत ही अच्छा होगा। तो सुबह उठकर, गहराई से अनुभव करके पहला संकल्प हमें करना है- मैं मास्टर सर्वशक्तिमान आत्मा हूं... इस संकल्प का अभ्यास करते समय हमें फील करना है- हम परमात्मा की संतान, मास्टर ऑलमाइटी, मास्टर सर्वशक्तिमान है! हम शक्तिशाली है! भगवान हमारे साथ है! भगवान के हमारे साथ होने से उनकी शक्तियां स्वतः कार्य करेंगी... इसी संकल्प से जुड़ा हुआ हम दूसरे संकल्प करेंगे मैं बहुत बुद्धिमान हूं। यह संकल्प करने से हमारी ब्रेन की पावर बढ़ेगी। हमारी बुद्धि की शक्ति बढ़ेगी। हमारी ग्रहण करने की शक्ति बढ़ेगी। इसी संकल्प से जुड़ा हम तीसरा संकल्प करेंगे- मैं एकाग्र चित्त आत्मा हूं... इस संकल्प का अभ्यास करने से हमारी कंसंट्रेशन पावर यानी एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है...। कंसंट्रेशन पावर के बढ़ने से हमारी परखने की शक्ति व निर्णय करने की शक्ति बढ़ती है। इसी संकल्प से जुड़ा हुआ हम चौथा संकल्प करेंगे- मैं बहुत सफल हूं... इस संकल्प के करने से जो भी एग्जाम हम देंगे,जो भी पढ़ाई हम पढ़ते हैं, उस पढ़ाई में, उस रास्ते में हम पॉजिटिव संकल्पों से स्वतः ही सफल बनेंगे। हमारा माइंड पॉजिटिव रहेगा। हमारे अवचेतन मन में यही स्मृति रहेगी कि हम कॉन्फिडेंटली बहुत सफल रहेंगे। और इन्हें चारों संकल्पों से जुड़ा हुआ पांचवा संकल्प हम करेंगे- मैं विघ्न विनाशक आत्मा हूं... इस संकल्प का अभ्यास करने से जो भी रुकावटें हमारे रास्ते में आते हैं, या जॉब में आते हैं, उन रुकावटों को, समस्याओं को स्वतः ही हम पार करेंगे। कॉन्फिडेंटली हम विघ्न विनाशक बनेंगे। कोई समस्या ठहर नहीं सकती! हम स्वतः निर्विघ्नं बनेंगे। तो इन 5 संकल्पों का अभ्यास 21 बार चलें शुरू करते हैं..

एकाग्र हो जाएंगे अपने आत्मिक स्वरूप में... मैं मास्टर सर्वशक्तिमान आत्मा हूं... मैं बहुत बुद्धिमान हूं... मैं एकाग्र चित्त हूं... मैं बहुत सफल हूं... मैं विघ्नविनाशक आत्मा हूं...
ये सारे संकल्प 21 बार दोहराएं........

ओम शांति।