Gratitude _ शुक्रिया, धन्यवाद _ भाग्य बदल देगा _ MIRACLES OF GRATEFUL HEART _ Guided Meditation


ओम शांति।

महात्मा गांधी ने अपने बुक में लिखा है, "I was sad because I didn't have any shoes.. and then I saw a man with no feet! मैं अपने जीवन में दुखी था कि मेरे पास अच्छे जूते नहीं है, और उस पल मैंने ऐसे व्यक्ति को देखा जिसके पास पैर ही नहीं थे।" जीवन में हमें हमेशा परमात्मा का शुक्रिया करना है। उन्होंने हमें जीवन दिया, हेल्थ दिया, वेल्थ दिया, हैप्पीनेस यानी खुशी दिया है!! हमें शुक्रिया करना है हमारे फैमिली मेंबर्स का, हमें शुक्रिया करना है उन लोगों का जो हमारे संबंध संपर्क में आते हैं, वो चाहें कर्मक्षेत्र में हो या कोई भी कार्य व्यवहार में.. हमें शुक्रिया करना है इस नेचर का, प्रकृति का.. पांचों तत्वों का जो हर पल हमारा साथ देते हैं! हमें शुक्रिया करना है उन लोगों का जो कभी हमारे जीवन में विघ्न बने हो, जो हमारे प्रति नेगेटिव सोचते हो, या हमारी कोई भी निंदा करते हो, हमें उनका शुक्रिया करना है, क्योंकि वह ना होते तो हमें हमारी कमजोरियां पता नहीं चलती.. हम उन कमजोरियों पर काम करके उन्हें परिवर्तन ना करते। इन सब विघ्नों में हमारी शक्ति बढ़ी, इसीलिए हमें इन्हें शुक्रिया करना है। जितना जितना हम इस thankfulness का, gratitude का या शुक्रिया भाव का मन ही मन अभ्यास करेंगे, उतना ही हमारी सोच अच्छी बनती जाएगी। हमारे विचार ऊंच बनते जाएंगे। हमारे मन की शक्ति बढ़ेगी। हमारा मन स्वतः ही शांत, संतुष्ट और खुश रहने लगेगा। हमारे संबंध अच्छे होते जाएंगे। हमारी शुक्रिया भाव के संकल्प एक मैगनेट की तरह काम करेंगे। विदेश के एक दार्शनिक ने कहा है, "A grateful heart is a magnet for miracles." शुक्रिया भाव से हमारे जीवन में चमत्कार होते जाएंगे! तो हम कुछ मिनिट इस thankfulness यानी शुक्रिया भाव का अभ्यास हर रोज करेंगे। यह अभ्यास हमें कैसे करना हैं, चलें शुरु करते हैं।

चारों तरफ से अपना ध्यान समेट कर, हम सामने visualise करेंगे, इमर्ज करेंगे परमात्मा शिवबाबा को... हम उन्हें इस जीवन के लिए शुक्रिया करेंगे- हे परमात्मा, ईश्वर, भगवान..हम आपका इस जीवन के लिए शुक्रिया करते हैं! आपने हमें स्वस्थ मन दिया, स्वस्थ तन दिया! हम आपका दिल से शुक्रिया करते हैं... हम इमर्ज करेंगे अपनी फैमिली मेंबर्स को, जो हमारे साथ हैं.. हम उनको भी दिल से शुक्रिया कहेंगे.. भले ही परिस्थितियां जैसी भी हो..ऊपर नीचे हो.. उनमें इनका दोष नहीं है.. हम आपको दिल से शुक्रिया करते हैं.. हम आपको दिल से दुआएं देते हैं.. उनके साथ हम इमर्ज करेंगे उन सर्व आत्माओं को, जो हमारे सम्बन्ध संपर्क में आते हैं.. हमारे कर्मक्षेत्र में या कोई भी कार्य व्यव्हार में, जिन्होंने हमें कभी हेल्प किया हो.. हम उन्हें दिल से शुक्रिया करते हैं.. उनके साथ हम उन आत्माओं को भी इमर्ज करेंगे, जो हमारे जीवन में कभी न कभी विघ्न बने हो.. या हमारे प्रति नेगेटिव सोचते हो.. हम उन्हें भी दिल से शुक्रिया कहते हैं- आप न होते तो हमें हमारी कमी कमज़ोरी का पता ना चलता.. हम उन्हें परिवर्तन न करते.. इन परिस्थितियों में हमारी शक्ति बढ़ी, हमारी आत्मिक पॉवर बढ़ी! उसके लिए हम आपका शुक्रिया करते हैं! हम अभी इमर्ज करेंगे नेचर को, प्रकृति के पांचों तत्वों को- अग्नि, वायु, आकाश, जल और पृथ्वी.. इन प्रकृति के पांच तत्वों को भी हम दिल से शुक्रिया कहेंगे- हम आपका दिल से शुक्रिया करते हैं.........!!

ओम शांति।