सब कुछ तेरा _ यह संकल्प कीजिए और अपने जीवन में चमत्कार देखिए_ भंडारी और भंडारे भरपूर हो जाएंगे _ योग


ओम शांति।

परमात्मा शिव बाबा कहते हैं- जो अपने घर को परमात्मा शिवबाबा का घर समझते हैं, वे मानों ब्रह्मा भोजन ही खाते हैं! उनके भंडारे और भंडारी सदा भरपूर रहते हैं! जितना जितना हम मन से, हमारा जो कुछ भी है, वह मेरे को तेरे में परिवर्तन करते हैं, उतना ही हमारा मन शांत और शक्तिशाली बनता है। हमारी स्थिति निर्विघ्नं बनती है। हमें हर कार्य में, संबंधों में सफलता मिलती है। घर में कोई भी वस्तु, पदार्थ या धन की कभी कमी नहीं होती। हमारे भंडारे और भंडारी सदा भरपूर रहते हैं। अव्यक्त मुरली 17-10-1987 में बापदादा कहते हैं- सब कुछ तेरा करने से.. मेरा कुछ नहीं, सब तेरा है.. जब तेरा है तो फिक्र किस बात का? जिन्होंने सब कुछ तेरा किया, वही बेफिक्र बादशाह बनते हैं! और उसी मुरली में बाबा कहते हैं- तेरा और मेरा शब्द में थोड़ा सा अंतर है। तेरा कहना माना सब प्राप्त होना, और मेरा कहना माना सब गंवाना। द्वापर से मेरा मेरा कहा.. तो क्या हुआ? सब गंवा दिया! तंदुरुस्ती भी चली गई, मन की शांति भी चली गई और धन भी चला गया.. कहां विश्व के राजन और कहां छोटे-मोटे दफ्तर में क्लर्क बन गए! बिजनेसमैन हो गए, जो विश्व के महाराजा के आगे कुछ नहीं है। और अव्यक्त मुरली 12-12-1984 में बापदादा ने कहा- मेरा कहना अर्थात मूंझना, तेरा कहना अर्थात मौज में रहना। अव्यक्त मुरली 10-01-1994- कुछ भी मेरा है तो बोझ है, इसीलिए तेरा तेरा कहते फरिश्ता बनो। अव्यक्त मुरली 01-12-1989- सब कुछ तेरा और तेरा कहने से ही फायदा है। इसमें बाप का फायदा नहीं है, आपका फायदा है! क्योंकि मेरा कहने से फंसते हो, तेरा कहने से न्यारे बन जाते हो। मेरा कहने से बोझ वाले बन जाते हो और तेरा कहने से डबल लाइट ट्रस्टी बन जाते हो। तो जितना जितना हम मन ही मन यह अभ्यास करेंगे, सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. यह तन, मन, धन, संबंध, संपर्क.. सब कुछ तेरा.. उतना हमारी स्थिति हल्की रहेगी, हम बेफिक्र रहेंगे.. निश्चिंत रहेंगे, निर्भय रहेंगे, शक्तिशाली बनेंगे! हमें दिन में कई बार योग करते सब कुछ तेरा का अभ्यास करना है, अनुभूति करनी है। फीलिंग के साथ अनुभव करना है। तो यह अभ्यास कैसे करें, चले शुरू करते हैं।

चारों तरफ से अपना ध्यान समेट कर.. एकाग्र करेंगे मस्तक के बीच.. मैं आत्मा.. ज्योति स्वरूप... एक पॉइंट ऑफ लाइट.. मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं.. मेरा स्वभाव शांत है.. शांति मुझ आत्मा की शक्ति है.. बुद्धि रूपी नेत्र के सामने देखेंगे- परमात्मा शिव बाबा.. ज्योति स्वरूप.. परमपिता परमात्मा शिव बाबा ज्ञान के सागर... गुणों के सागर... सर्वशक्तिमान... हम उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिमान... फील करेंगे, अनुभव करेंगे परमात्मा शिवबाबा से, एक लाइट की तार निकल, मुझ आत्मा में कनेक्ट हो चुकी है... हम उनसे कंबाइंड है... कंबाइंड होने से उनकी सर्व शक्तियां हमें मिलती रहेंगी... हमारा मन शक्तिशाली रहेगा.. हमें हर कार्य में सफलता मिलती रहेगी... अभी शिवबाबा ज्योति स्वरूप पर बुद्धि को एकाग्र करेंगे... और हम बाबा से दिल से बातें करेंगे- बाबा आपने मुझे स्वस्थ मन दिया.. स्वस्थ शरीर दिया.. धन से भरपूर किया.. हम आपका दिल से शुक्रिया करते हैं!! यह सब आपका है, मेरा कुछ नहीं.. सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा... मैं आपको तन-मन-धन से समर्पण हूं.. मेरे इस जीवन का हर समय, संकल्प,संपत्ति, मेरा हर कर्म, मेरे सर्व संबंध, यह तन और यह घर सब आपका है... हम इसे संभालने वाले ट्रस्टी है, सदा निश्चिंत हैं, बेफिक्र हैं... इस परिवार में रहने वाले हर सदस्य आपके हैं... इस परिवार में सदा सुख शांति है.. सभी आत्माएं हेल्थ, वेल्थ और हैप्पीनेस से भरपूर हैं... इस घर की भंडारी और भंडारे सदा भरपूर हैं... सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा... करनकरावनहार करा रहे हैं, मैं ट्रस्टी हूं.. मैं निमित्त हूं... मैं एक परमात्मा का इंस्ट्रूमेंट हूं...... इस अभ्यास को हम जितना जितना बढ़ाते जाएंगे, हमारे अवचेतन मन में जैसे एक रिकॉर्डिंग हो जाएगा, कि सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. और जब भी कोई इमरजेंसी हो, कोई विघ्न आ जाए या कोई समस्या आ जाए- वह चाहे धन की हो, या हमारे शरीर की हो, या चाहे हमारे संबंधों में कुछ ऊपर-नीचे हो जाए, इन परिस्थितियों में हम हल्के रहेंगे.. हम निश्चिंत रहेंगे... हमारा मन शांत और शक्तिशाली रहेगा... क्योंकि मेरा कुछ भी नहीं.. बाबा सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा...

ओम शांति।