मैं सफलता का सितारा हूँ _ यह अभ्यास Daily 2 से 3 बार करे तो सफलता आपकी गुलाम बन जाएगी _ मेडिटेशन


ओम शांति।

आज हम विशेष अभ्यास करेंगे। यह अभ्यास है- मैं सफलता का सितारा हूं! सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है! इस मेडिटेशन कमेंट्री में हम परमात्मा शिवबाबा से, मैं सफलता का सितारा हूं, यह वरदान लेंगे। इस अभ्यास को प्रतिदिन करने से हमारे मन की शक्ति बढ़ती है। हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है... हम हर कार्य में निर्भय बनते हैं। कार्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति के संबंध-संपर्क में हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ता है। यदि किसी में खुद को लेकर हीन भावना है, तो वह भी समाप्त हो हम अपने स्वमान में स्थित होते हैं। और सर्व को सम्मान देते हैं। तो चले शुरू करते हैं।

चारों तरफ से अपना ध्यान समेट कर.. एकाग्र करेंगे.. मैं आत्मा ज्योति स्वरूप... स्थित हूं अपने मस्तक के बीच में... संपूर्ण डिटैच हो जाए अपने स्थूल शरीर से.. जैसे कि यह शरीर संपूर्ण लोप हो चुका है... बस मैं आत्मा... ज्योति स्वरूप... मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी... मैं एक महान आत्मा हूं... मैं इस संसार की सर्वश्रेष्ठ भाग्यवान आत्मा हूं... एकग्र करेंगे अपनी बुद्धि को परमधाम में... शिवबाबा ज्योति स्वरूप... परमात्मा शिवबाबा ज्ञान के सागर... गुणों के सागर... सर्वशक्तिमान... हम उनका दिल से आवाहन करते हैं... अनुभव करेंगे शिवबाबा धीरे-धीरे परमधाम से नीचे उतर रहे हैं... आकाश, चांद, तारों को पार कर आ पहुंचे हमारे सिर के ऊपर... वे हमारी छत्रछाया बन चुके हैं... महसूस करेंगे उनके साथ का अनुभव... मैं आत्मा ज्योति स्वरूप, परमात्मा शिवबाबा से कंबाइंड... वे हमारे सिर के ऊपर.. हमारी छत्रछाया बन चुके हैं... परमात्मा शिव बाबा हमारे साथ हैं... अनुभव करेंगे- शिव बाबा से शक्तियों की दिव्य किरणें निकल, मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं... अनुभव करेंगे यह दिव्य शक्तियों की किरणों से, मैं आत्मा शक्तियों से भरपूर, संपन्न बन चुकी हूं... परमात्मा शिवबाबा सर्वशक्तिमान, मैं आत्मा उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिमान.... मास्टर ऑलमाइटी... इन किरणों द्वारा बाबा मुझे एक दिव्य वरदान दे रहे हैं- सफलता का सितारा भव...! सफलता का सितारा भव...! सफलता का सितारा भव...! बाबा ने मुझे इस वरदान से भरपूर किया है... आज से मैं परमात्मा शक्तियों से संपन्न हूं... मास्टर सर्वशक्तिमान हूं, सफलता का सितारा हूं.... सफलता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है.... हर कार्य में मुझे सफलता सहज प्राप्त होगी.... इसी स्थिति में हम एकाग्र रहेंगे- परमात्मा शिवबाबा से निरंतर दिव्य शक्तियों की किरणें, वरदानों की किरणें निकल, मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं.... मैं आत्मा मास्टर सर्वशक्तिमान... मैं सफलता का सितारा हूं...! सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है... मैं अपने स्व पुरुषार्थ में सदा सफल हूं... परमात्मा का मुझे वरदान है- मैं सफलता का सितारा हूं...! कार्य व्यवहार में, संबंध संपर्क में, कभी आते मुश्किल परिस्थितियों में भी हमें सफलता प्राप्त होगी.... कभी समय लग सकता है, लेकिन सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है.... कहां-कहां परिस्थिति का सामना भी करना पड़ेगा, व्यक्तियों द्वारा सहन भी करना पड़ेगा, लेकिन वह सहन करना उन्नति का साधन बन जाएगा। परिस्थिति का सामना करते, परिस्थिति स्वस्थिति के उड़ती कला का साधन बन जाएगी... अर्थात हर बात में सफलता स्वतः, सहज और अवश्य प्राप्त होगी....!

ओम शांति।