योग में मन को शांत करने के लिए 5 स्टेप्स।


ओम शांति।

आज हम विशेष 5 स्टेप मेडिटेशन करेंगे। कई आत्माओं के प्रश्न आते हैं कि हमारा योग नहीं लगता, योग करते समय व्यर्थ संकल्प चलते हैं, नेगेटिव संकल्प चलते हैं, हमारा मन एकाग्र नहीं होता। इस मेडिटेशन कमेंट्री में हम योग कैसे करें, कैसे अपने शरीर से detach यानी अलग हों, ये अभ्यास करके और व्यर्थ संकल्प समाप्त कर हम परमात्मा से मिलन मनाएंगे। दिन भर में बीच बीच में कुछ मिनट यह अभ्यास करने से हमारा योग सहज होगा। और हमारे व्यर्थ संकल्प समाप्त हो जाएंगे। हमें गहरी अनुभूति होगी। तो चलें शुरू करते हैं..

स्टेप 1- अपने शरीर से सम्पूर्ण detach हो जाएं.. मैं आत्मा एक प्वाइंट ऑफ लाइट.. अपने मस्तक के बीच में.. detach हो जाएं अपने इस शरीर से.. यह शरीर अलग.. मैं आत्मा इस शरीर को चलाने वाली मालिक हूं.. मैं अपने इस शरीर से अलग हूं.. यह शरीर अलग.. मैं आत्मा अलग हूं.. deeply एकाग्र करें अपने आत्मिक स्वरूप पर..

स्टेप 2- फील करेंगे मैं आत्मा इस शरीर से सम्पूर्ण न्यारी हूं.. इस शरीर से अलग एक न्यारी प्यारी विशेष आत्मा हूं.. अपने बिंदु रूप पे सम्पूर्ण एकाग्र हो जाएं.. मैं इस शरीर से सम्पूर्ण न्यारी हो चुकी हूं.. मैं एक विशेष आत्मा हूं.. मैं एक महान आत्मा हूं..

स्टेप 3- साक्षी हो जाएं इस शरीर से और इस संसार से.. जो भी कार्य है- घर, ऑफिस, संबंध इस सब से मैं आत्मा साक्षी हो चुकी हूं.. जैसे यह ड्रामा, एक नाटक चल रहा है.. और मैं आत्मा साक्षी अवस्था में स्थित होकर इस खेल को देख रही हूं.. मैं साक्षी होकर देख रही हूं देह को.. इस संसार के खेल को.. सम्पूर्ण साक्षी हूं अपने हर कर्म संबंधों से...

स्टेप 4- गहराई में जाएंगे अपने इस आत्मिक स्थिति में.. जैसे कि यह देह लोप हो चुका है.. मुझे बस दिखाई दे रही है एक आत्मा.. ज्योति स्वरूप.. जैसे कि यह शरीर, यह संसार लोप हो चुका है.. बस मैं आत्मा एक ज्योति स्वरूप.. बाकी कुछ नहीं दिखाई दे रहा.. बस मैं एक चमकता सितारा.. ज्योति बिंदु आत्मा हूं.. गहराई से फील करेंगे इस soul conscious स्टेज को.. गहराई से मैं अनुभव कर रही हूं मैं आत्मा ज्योति स्वरूप....

स्टेप 5- उपराम हो जाएंगे इस संसार से.. इस देह से उड़ चलें ऊपर की ओर.. पहुंच जाएं परमधाम में.. आत्माओं की दुनिया में.. शांतिधाम.. चारों तरफ लाल प्रकाश.. पहुंच जाएं परमात्मा शिवबाबा के एकदम पास.. जैसे मैं बिंदु आत्मा हूं, वैसे परमात्मा भी बिंदु स्वरूप आत्मा हैं.. वे हमारे पिता हैं.. फील करेंगे परमात्मा शिवबाबा से एक लाइट निकल मुझ आत्मा में समा रही है.. मैं सम्पूर्ण कनेक्टेड हूं परमात्मा शिवबाबा से.. deeply उनके साथ का अनुभव करें.. परमधाम में मैं आत्मा परमात्मा शिवबाबा से कंबाइंड हूं.. एक लाइट की तार जुड़ी हुई है परमात्मा शिवबाबा से मुझ आत्मा में.. इस लाइट से मैं आत्मा सम्पूर्ण शक्तिशाली बन चुकी हूं.. जैसे परमात्मा शिवबाबा सर्वशक्तिवान हैं, वैसे मैं आत्मा मास्टर सर्वशक्तिवान हूं...

अभी धीरे धीरे पहुंच जाएं अपने इस शरीर में.. मस्तक के बीच में.. मैं मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूं... मैं मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूं...

ओम शांति।