योग नहीं लगता और Visualize नहीं होता तो यह अभ्यास करो - एकाग्रता बढ़ेगी।


ओम शांति।

कई आत्माओं के प्रश्न आते हैं कि हमारा योग नहीं लगता। जब भी हम योग में बैठते हैं, तो हमारे व्यर्थ संकल्प चलते हैं, या नेगेटिव संकल्प चलते हैं। योग ना लगने का मुख्य कारण है दिनभर में व्यर्थ या नेगेटिव संकल्प चलाना। हमें दिन भर में 3 विशेष बातों पर अटेंशन रखना है- ना हमें व्यर्थ देखना है, ना हमें व्यर्थ सुनना है और ना हमें व्यर्थ सोचना है। इन व्यर्थ संकल्पों से हमारी एनर्जी लीक होती है। फलस्वरूप जब भी हम योग में बैठते हैं, तब हम एकाग्र नहीं हो पाते। व्यर्थ संकल्पों से हमारी एकाग्रता की शक्ति नष्ट होती है। तो दिनभर में यह व्यर्थ संकल्पों को हमें अवॉइड करना है। इसी प्रकार हमें ना व्यर्थ देखना है। परमात्मा कहते हैं जैसा चित्र वैसा चरित्र! जैसे जो भी हम दिन भर में देखते हैं, किसी आत्मा के अवगुण देखते हैं, या मोबाइल में कोई वेस्ट या नेगेटिव देखते हैं.... इसी प्रकार ना हमें व्यर्थ सुनना है। तो इन तीन बातों को अवॉइड कर हमें दिन भर में अच्छा ज्ञान चिंतन करना है। हमें स्वमानों का अभ्यास करना है, अपने संकल्पों पर अटेंशन रखना है। हमारी सर्व आत्माओं के प्रति आत्मिक दृष्टि हो। सर्व आत्माओं के प्रति शुभ भावना हो, शुभकामना हो। दिन भर में हम अच्छे पॉजिटिव संकल्पों में रहेंगे, स्वमानों का अभ्यास करेंगे, ज्ञान मुरली को रिवाइज करेंगे, तो इससे हमारा ज्ञान बल बढ़ेगा! और ज्ञान का बल बढ़ने से योग का बल स्वतः बढ़ता है! हमारी एकाग्रता बढ़ेगी, और धीरे धीरे पॉजिटिव चिंतन हमारा नैचुरल हो जाएगा। हम स्वत: ही व्यर्थ से किनारा करेंगे। और हम निरंतर पॉजिटिव रहने लगेंगे। इन पॉजिटिव संकल्पों के साथ हमें दिनभर में बीच-बीच में ट्रैफिक कंट्रोल की प्रैक्टिस करनी है। इस ट्रैफिक कंट्रोल में शुरुआत में हम काउंटिंग मेथड(counting method) का इस्तमाल कर सकते हैं। इस काउंटिंग मेथड में अलग-अलग स्वरूपों में 10 सेकंड टिकएंगे। हम मन ही मन काउंट करेंगे। उदाहरण के लिए मैं आत्मा हूं ,आत्मा पर एकाग्र कर हमें 10 बार काउंटिंग करनी है। इसी प्रकार हम परमात्मा ज्योति स्वरूप पर भी 10 सेकंड एकाग्र करेंगे। हमें यह ड्यूरेशन धीरे-धीरे बढ़ाना है- 10 सेकंड, 20 सेकंड, 30 सेकंड, 1 मिनट... इस प्रैक्टिस से हमारा योग पावरफुल होगा.... हमारी कंट्रोलिंग पावर बढ़ेगी, हमारी एकाग्रता बढ़ेगी.... हमारा योग नेचुरल हो जाएगा...

तो यह काउंटिंग मेथड हम 2 मिनट करेंगे। पहले 1 मिनट में हम अपने आत्मा और परमात्मा ज्योति स्वरूप पर एकाग्र करेंगे और दूसरे मिनट में हम 10 -10 सेकंड अपने 5 स्वरूपों पर एकाग्र करेंगे। तो यह बीच-बीच में मेडिटेशन कैसे करना है चलिए स्टार्ट करते हैं।

चारों तरफ के सर्व संकल्पों को समेटकर, एकाग्र करेंगे अपने आत्मिक स्वरूप पर... हम मन ही मन काउंट करेंगे 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10... अभी हम एकाग्र करेंगे परमधाम में परमात्मा शिवबाबा ज्योति स्वरूप पर... काउंटिंग करेंगे- 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. एकाग्र करेंगे अपने आत्मिक स्वरूप पर 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. अभी एकाग्र करेंगे परमात्मा शिवबाबा पर 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. एकाग्र करेंगे अपने आत्मिक स्वरूप पर 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. अभी एकाग्र करेंगे परमात्मा शिवबाबा पर1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. इसी प्रकार 1 मिनट हम अपने 5 स्वरूपों पर एकाग्र करेंगे... अनुभव करेंगे मैं आत्मा परमधाम में एक चमकता सितारा 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. मैं आत्मा स्थित हूं अपने देवता स्वरूप में 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. अभी मैं आत्मा स्थित हूं अपने पूज्य स्वरूप में 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. अभी मैं आत्मा स्थित हूं अपने संगमयुगी ब्राह्मण स्वरूप में 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. अभी मैं आत्मा स्थित हूं अपने फरिश्ता स्वरूप में 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10.. इस काउंटिंग मेथड से हमारी एकाग्रता की शक्ति बढ़ेगी... जितना जितना हमारी एकाग्रता की शक्ति बढ़ती जाएगी, उतना हमारा योग नैचुरल हो जाएगा... धीरे-धीरे हम इसका ड्यूरेशन बढ़ाएंगे। 20 सेकंड, 30 सेकंड, 1 मिनट तक ले जाएंगे। दिनभर में बीच-बीच में यह प्रैक्टिस करने से हमारा योग सहज हो जाएगा। जब भी हम योग में बैठेंगे, हम एकाग्र हो जाएंगे... और हमारी स्थिति शक्तिशाली बनेगी....

ओम शांति।