2 मिनट में परेशान मन को शांत करें।


ओम शांति।

परमात्मा कहते हैं बातें बड़ी नहीं होती, तुम सोच सोच कर बड़ा बना देते हो! परिस्थितियां और कुछ नहीं, कमज़ोर मन की रचना हैं! जीवन में चलते-चलते कुछ ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, कुछ ऐसे पेपर्स आ जाते हैं और हम उलझ जाते हैं। जीवन में हम उदास हो जाते हैं, और परेशान हो जाते हैं। उस सिचुएशन में हम डिसीजन नहीं ले सकते। हमारे संकल्पों की स्पीड बहुत ही फास्ट और नेगेटिव हो जाती है। ऐसी सिचुएशन में कई बार हम टेंपरेरी सॉल्यूशंस का आधार लेते हैं। जैसे कोई गीत सुनना, कोई मनपसंद कार्य करना, अपने कोई प्रिय व्यक्ति से बातें करना... परंतु यह टेंपरेरी सॉल्यूशंस है। हमारे मन को सदा शांत और खुश रखने के लिए परमानेंट सलूशन है पॉजिटिव थॉट्स। जिसे हम ज्ञान कहते हैं। और मेडिटेशन। इन दो आधारों पर हम हमेशा शांत, खुश और शक्तिशाली महसूस करेंगे। ज्ञान से हमारे मन को, संकल्पों को एक पॉजिटिव डायरेक्शन मिलता है। परिस्थितियां हमें इज़ी लगने लगती है। हमें फील होने लगता है कि हमारे साथ जो भी हुआ, अच्छा हुआ! और जो हो रहा है, वह भी अच्छा है! और आगे भी मेरे साथ सब कुछ अच्छा होगा! यह समस्या, यह प्रॉब्लम हमें एक लिफ्ट की तरह अनुभव होगी ! मेडिटेशन से हमें शक्ति मिलेगी और वह समस्या से हम पूरी तरह से बाउंस करेंगे। पूरी तरह से उससे बाहर आकर हम आगे बढ़ते जाएंगे। यह जीवन खेल लगने लगेगा, और हमें रियलाइज होने लगेगा there is no reason to be sad in this world! इस संसार में कोई भी ऐसा कारण नहीं है जो हमें दुखी कर सकता है। 2 से 5 मिनट के मेडिटेशन के अभ्यास से ही हमारे मन के संकल्पों की स्पीड कम हो जाएगी। हम शांत महसूस करेंगे और जैसे ही हमारे मन के संकल्पों की स्पीड कम होगी, पॉजिटिव होगी, तो हम सही डिसीजन ले सकेंगे। और रेगुलरली यह प्रैक्टिस करने से हमारा यह नैचुरल संस्कार हो जाएगा। हम स्वत: ही शक्तिशाली रहेंगे। हर क्षेत्र में हमें सफलता प्राप्त होगी। तो 5 मिनट यह मेडिटेशन पॉजिटिव संकल्पों के साथ चलिए स्टार्ट करते हैं..

फील करेंगे मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं... स्थित हूं मस्तक के बीच में... मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं... पूरी तरह से एकाग्र हो जाएंगे अपने सोल कॉन्शियस स्टेज में... मैं एक लाइट हूं... चमकता सितारा.. ज्योति स्वरूप... फील करेंगे जैसे कि यह शरीर दिखाई नहीं दे रहा है... बस मैं एक पॉइंट ऑफ लाइट आत्मा हूं.. मुझ आत्मा का ओरिजिनल नेचर शांति है... अभी फील करेंगे हमारे सामने परमात्मा शिवबाबा एक पॉइंट ऑफ लाइट... परमात्मा शिवबाबा ज्ञान के सागर... गुणों के सागर... शांति के सागर... सर्वशक्तिवान हमारे सामने.... अनुभव करेंगे परमात्मा शिवबाबा से मुझ आत्मा में शांति का प्रकाश फ्लो होकर मुझ आत्मा में समाते जा रहा है... अनुभव करेंगे यह शांति की किरणें फाउंटेन की तरह मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं... मैं इन किरणों से बहुत ही रिलैक्स और शांत फील कर रही हूं.... पूरी तरह से एकाग्र हो जाएंगे, मग्न हो जाएंगे इस स्थिति में.... परमात्म किरणों से हमारे मन की नेगेटिविटी समाप्त हो चुकी है... मैं पूरी तरह से शांत हूं.. पॉजिटिव हूं... शक्तिशाली बन चुकी हूं.... परमात्म साथ का अनुभव करें... हम उनकी संतान हैं... वह सदैव हमारे साथ हैं.... निरंतर उनके किरणों को अपने अंदर समाते जाएंगे.... एकाग्र रहेंगे इसी स्थिति में... और संकल्प करेंगे- भगवान मेरे साथ हैं!! मैं बहुत शक्तिशाली हूं! मैं निर्भय हूं! मैं सदा सुरक्षित हूं! मैं इस संसार के किसी भी व्यक्ति, परिस्थिति, वैभव पर डिपेंडेंट नहीं हूं। मेरी खुशी किसी पर भी डिपेंडेंट नहीं है। मैं पूरी तरह से स्वतंत्र हूं, मुक्त हूं! भगवान हमेशा मेरे साथ हैं! उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिमान हूं! जहां परमात्मा साथ है, वहां कोई कुछ नहीं कर सकता! कोई नेगेटिविटी हमें टच भी नहीं कर सकती! हम हमेशा शांत हैं, खुश हैं, शक्तिशाली हैं! जहां परमात्मा साथ हैं, वहां सफलता हुई पड़ी है। मुझे कोई फिक्र करने की बात नहीं है। हमें हर रोज यह अभ्यास दो से तीन बार करना है। रेगुलर प्रैक्टिस करने से 21 दिन से 3 महीने तक अभ्यास करने से धीरे-धीरे यह मेडिटेशन प्रैक्टिस हमारा नैचुरल संस्कार बन जाएगा। हम स्वत: ही पॉजिटिव रहने लगेंगे, शक्तिशाली रहेंगे। कोई भी परिस्थिति में हम परेशान नहीं होंगे। हम शांत और शक्तिशाली रहकर सही डिसीजन लेंगे।

ओम शांति।