अंगद समान स्थिति।


ओम शांति।

चारों तरफ के सर्व संकल्पों को समेटकर, एकाग्र करेंगे मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा... अपने मस्तक के बीच में एक चमकता सितारा... मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं... एकाग्र हो जाएंगे अपने आत्म अभिमानी स्थिति में... मैं आत्मा स्वराज्य अधिकारी... अपने कर्म इंद्रियों की मालिक... अपने शरीर की मालिक... मेरा अपने शरीर पर पूरा नियंत्रण है... मेरा अपने संकल्पों पर, अपने स्वभाव पर पूरा नियंत्रण है... मैं अंगद सामान अचल अडोल हूं... पूरी तरह से एकाग्र हूं... अंगद के सामान अचल अर्थात सदा निश्चय बुद्धि विजयंती... मैं हर परिस्थिति में अचल अडोल रहने वाली आत्मा हूं... जीवन के हर खेल को हम खिलाड़ी बनकर खेलते हैं... खिलाड़ी की स्टेज पर हम सदा हर्षित रहते हैं... और मनोरंजन का अनुभव करते हैं... कोई भी पेपर या परिस्थिति वह चाहे व्यक्ति के रूप में हो, धन के रूप में हो या चाहे शरीर के रूप में हो, या अपने ही स्वभाव संस्कार से हो, इन परिस्थितियों में, इन समस्याओं मेंश्रहम सदा अचल हैं.. अडोल हैं... अंगद समान सदा शक्तिशाली रहते हैं... इन परिस्थितियों का प्रभाव हमारे मन पर नहीं होता... हमारा अपने मन पर, संकल्पों पर पूरा नियंत्रण है... इन परिस्थितियों से अचल अडोल और उपराम रहने से हम सदा निर्विघ्न रहते हैं... और हर कार्य में, परिस्थिति में विजय का अनुभव करते हैं... हर परिस्थिति में हम एकरस रहते हैं... सदा स्थिर रहते हैं... कोई भी हलचल हमें नहीं हिला सकती... हम मान अपमान, निंदा स्तुति, या हार और जीत में समान स्थिति में रहते हैं... मैं सदा अंगद समान अचल अडोल हूं... इसी को ही संपूर्ण योगी कहा जाता है... जितना जितना हम अपने इस आत्मिक स्वरूप में एकाग्र करेंगे, एक बल एक भरोसा के आधार पर परमात्मा शिवबाबा पर पूरा निश्चय रख एकाग्र रहेंगे, उतना ही हमारी नियंत्रण शक्ति बढ़ती जाएगी.... और अंतिम महाविनाश के सीन में भी हम खेल का अनुभव करेंगे... मनोरंजन का अनुभव करेंगे... कोई भी परिस्थिति में हम हिलेंगे नहीं.. हलचल में नहीं आएंगे! सदा हर परिस्थिति में निश्चय बुद्धि विजयंती बनेंगे! हमें हर परिस्थिति में सफलता का अनुभव होगा! यह परिस्थितियां, यह समस्याएं हमें एक लिफ्ट की तरह अनुभव होंगी! इन पेपर्स को पार करते करते हम अनुभवी बनते जाएंगे, शक्तिशाली बनते जाएंगे! और मनोरंजन का अनुभव करेंगे! तो 2 मिनट हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे.... मैं अंगद सामान हर परिस्थिति में अचल अडोल और स्थिर हूं..........

ओम शांति।