मैं मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूं- परमधाम शक्तिशाली स्थिति।


ओम शांति।

सर्व संकल्पों को समाप्त कर एकाग्र करेंगे मस्तक के बीच.. मैं एक आत्मा.. ज्योति स्वरूप.. एक चमकता सितारा... एकाग्र हो जाएं अपने इस आत्मिक स्वरूप में... मैं शक्तिशाली आत्मा हूं... अनुभव करेंगे हमसे चारों तरफ शक्तियों की किरणें फैल रही हैं.. मैं आत्मा कर्मेंद्रियों की मालिक.. मैं आत्मा मास्टर सर्वशक्तिवान हूं.. बहुत शक्तिशाली हूं.. निर्भय हूं.. सदा सुरक्षित हूं.. अनुभव करेंगे मैं मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूं.. और कोई संकल्प नहीं.. अभी एक सेकंड में मैं आत्मा चली ऊपर की ओर.. और पहुंच गई परमधाम में.. परमधाम.. शांतिधाम.. हमारा असली घर.. चारों तरफ सुनहरा लाल प्रकाश.. पहुंच जाएं परमपिता परमात्मा शिवबाबा के समीप.. मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा परमात्मा शिवबाबा के पास.. फील करेंगे उनके साथ का अनुभव.. हम ऊंचे ते ऊंचे बाप की संतान.. ऊंची स्थिति में स्थित हैं.. अनुभव करेंगे शिवबाबा से शक्तियों का प्रकाश निकल मुझमें समाते जा रहा है.. मैं आत्मा इन दिव्य शक्तियों की किरणों से भरपूर हो चुकी हूं.. मैं सर्व शक्तियों से संपन्न, परमात्मा की संतान मास्टर सर्वशक्तिवान हूं.. बाप समान हूं.. इस बाप समान स्थिति में अनुभव करेंगे मुझ आत्मा से दिव्य शक्तियों की किरणें निकल नीचे सारे विश्व को मिल रही हैं.. इस विश्व की सभी आत्माएं इन शक्तियों की किरणों का अनुभव कर रही हैं.. और तृप्त हो रही हैं.. इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे.. परमधाम में मैं शिवबाबा के साथ ऊंची स्थिति में स्थित.. बाप समान मास्टर सर्वशक्तिवान की स्थिति में स्थित हूं... और शिवबाबा हमारे द्वारा विश्व की सभी आत्माओं को शक्तियों का दान दे रहे हैं.. इन शक्तियों की किरणों से संसार की सभी आत्माएं भरपूर हो रहे हैं.. ज्ञान, गुणों और शक्तियों से भरपूर इन परमात्म शक्तियों की किरणों से विश्व की सभी आत्माओं के दुख, दर्द और समस्याएं और विघ्न समाप्त हो चुके हैं.. और वे पूरी तरह से भरपूर, संपन्न और शक्तिशाली बन चुके हैं.. परमात्मा कहते हैं मास्टर सर्वशक्तिवान की स्मृति ही सर्वश्रेष्ठ स्मृति है.. इस स्मृति से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है.. जहां सर्व शक्तियां साथ हैं, वहां सफलता हुई पड़ी है... हमारी विजय निश्चित है... इस संसार की कोई भी नेगेटिविटी हमें टच भी नहीं कर सकती.. हम सदा निर्भय हैं.. सुरक्षित हैं.. हम परमात्मा की संतान मास्टर सर्वशक्तिवान हैं.. और जितना जितना हम इस संसार की सभी आत्माओं को इन शक्तियों की किरणों का दान देंगे, उतना हमें इन सभी आत्माओं की दुआएं प्राप्त होंगी.. हमारे पुण्य का खाता जमा होता जाएगा.. परमात्मा कहते हैं तुम्हारा मुख्य कार्य है ज्ञान सूर्य से शक्तियों की किरणें ले सारे संसार को देना.. बाकि सभी सेवाएं निमित्त मात्र हैं.. तो अगले दो मिनट हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे- परमात्मा शिवबाबा से शक्तियों की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा कर हम परमधाम से विश्व की सभी आत्माओं को इन शक्तियों का दान दे रहे हैं...

ओम शांति।