योग में मन भटकता है तो यह अभ्यास करें, योग सहज होगा।


ओम शांति।

कई आत्माओं के प्रश्न आते हैं कि हमें ज्योति बिंदु visualise नहीं होती, हमारा योग नहीं लगता। तो रेगुलर ये अभ्यास करने से हमारी एकाग्रता की शक्ति बढ़ेगी, हमारी visualisation power बढ़ेगी जिससे हमारे संकल्पों की स्पीड कम हो जाएगी और हम धीरे धीरे ज्योति स्वरूप पे एकाग्र हो सकेंगे। रेगुलर यह प्रैक्टिस करने से हम जितना समय चाहें, उतना समय एकाग्र रह सकेंगे, परमात्मा से योग लगा सकेंगे और बहुत ही शक्तिशाली महसूस करेंगे। तो चलें स्टार्ट करते हैं..

ओम शांति.. अगले दस मिनट हम गहरी शांति का अनुभव करेंगे.. अपने शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स करें.. सर्व संकल्पों को समेट कर, अपना पूरा ध्यान अपने सांसों पर केन्द्रित करेंगे.. नेचुरल सांसों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे.. फील करेंगे अंदर जाती हुई सांसें इस ब्रह्मांड की सम्पूर्ण सकारात्मक ऊर्जा से समायी हुई हैं.. और बाहर जाती हुई सांसें नकारात्मकता को हमसे बाहर निकाल रही हैं.. पॉजिटिविटी हमारे अंदर जा रही है, नेगेटिविटी हमसे दूर जा रही है.. इसी पर ही एकाग्र रहेंगे.. धीरे धीरे हमारे सर्व संकल्प शांत हो चुके हैं.. कोई संकल्प नहीं.. बस पूरा ध्यान अपने सांसों पर है.. मैं लाइट और रिलैक्स महसूस कर रहा हूं.. मेरा शरीर पूरी तरह से रिलैक्स है.. मेरा मन सम्पूर्ण शांत है.. अभी हम एकाग्र करेंगे अपने मस्तक के बीच में- मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं.. मस्तक के बीच में मैं एक चमकता सितारा.. एक प्वाइंट ऑफ लाइट.. मैं आत्मा शांत हूं.. मैं आत्मा शांत हूं.. मुझ आत्मा का ओरिजिनल नेचर शांति है.. मेरा स्वभाव शांत है.. मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं.. मस्तक के बीच में.. इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे- मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं.... अपने अंदर की ऊर्जा को महसूस करेंगे.. अपने अंदर की शक्ति को फील करें.. मैं एक लाइट हूं.. अभी बुद्धि रूपी नेत्र के सामने हम visualise करेंगे परमात्मा शिवबाबा ज्योति स्वरूप जो हमारी तरह एक प्वाइंट ऑफ लाइट हैं... परमात्मा शिवबाबा सर्वशक्तिवान हैं.. हम उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिवान हैं.. फील करेंगे परमात्मा शिवबाबा से लाल रंग की शक्तियों की किरणें निकल मुझ आत्मा ज्योति बिंदु में समाते जा रही हैं... फील करें इन परमात्म दिव्य शक्तियों को.. परमात्मा ज्योति स्वरूप से यह किरणें मुझ आत्मा में फ्लो हो रही हैं.. एक फाउंटेन की तरह फ्लो होकर मुझ आत्मा में निरन्तर समाती जा रही हैं... इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे- परमात्मा शिवबाबा से जैसे यह लाइट की तार जुड़ चुकी है और मैं आत्मा उनसे कंबाइंड हो चुकी हूं.. उनसे जुड़ चुकी हूं.. पूरी तरह से शक्तिशाली बन चुकी हूं.. मैं बहुत शक्तिशाली बन चुकी हूं.. आज से मेरी सर्व समस्याएं, चिंताएं, बोझ हम परमात्मा शिवबाबा को अर्पण करते हैं.. मेरा कुछ नहीं.. मैं आत्मा पूरी तरह से शांत हूं.. परमात्मा सदैव मेरे साथ हैं.. फील करेंगे उनके साथ का अनुभव.. आज से मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा होगा... आज से मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा होगा... आज से मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा होगा...

ओम शांति।