Parmatma Ki Shaktiyon Ki Kirane apne Shareer Ko De - Pain Killer Meditation


ओम शांति।

परमात्मा की याद में रहने से शरीर के रोग जो तंग करते हैं, वह भी स्वतः ठंडे हो जायेंगे। तो आज हम परमात्म याद द्वारा परमात्म शक्तियों की किरणें अपने शरीर को देंगे। जितना जितना हम यह मेडिटेशन करेंगे, उतना हम शांत और रिलेक्स महसूस करेंगे। शरीर से हम बहुत ही लाइट और हल्का महसूस करेंगे। जितना जितना शरीर से हम हल्का महसूस करेंगे, शरीर की व्याधि या जो भी रोग है, वो स्वतः ही शांत होता जाएगा। और स्वतः ही शरीर से हम निरोगी और स्वस्थ बनेंगे। यह मेडिटेशन एक पेन किलर की तरह काम करेगा। चलें शुरू करते हैं।

फील करेंगे मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं.. मस्तक के बीच में एक चमकता सितारा... मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं... मैं आत्मा इस शरीर को चलाने वाली इस शरीर की मालिक हूं... यह शरीर अलग हैं और मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं... पूरी तरह से डिटैच हो जाएंगे अपने इस स्थूल शरीर से और बस एकाग्र रहेंगे अपने इस आत्मिक स्वरूप पे... अभी हम फील करेंगे आंखो के सामने परमपिता परमात्मा शिवबाबा ज्योति स्वरूप... ज्ञान के सागर.. गुणों के सागर.. सर्वशक्तिवान... अनुभव करेंगे परमात्मा शिवबाबा से शांति की किरणें निकल मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं... जैसे फाउंटेन की तरह परमात्मा शिवबाबा से शांति की लाइट निकल कर मुझ आत्मा बिंदु में समाती जा रही है... पूरी तरह से एकाग्र हो जायेंगे इस स्थिति में.. मुझ आत्मा में निरंतर शांति की किरणें समाती जा रही हैं... मेरा कोई भी संकल्प नहीं.. मैं आत्मा पूरी तरह से सरेंडर हूं परमात्मा शिवबाबा को... मैं पूरी तरह से शांत हूं... अभी फील करेंगे यह शांति की किरणें मुझ आत्मा में समा कर हमारे पूरे शरीर में फैल रही हैं.. अनुभव करेंगे धीरे धीरे यह किरणें मुझ आत्मा बिंदु से निकल हमारे पूरे ब्रेन मैं फेल रही हैं.. मस्तिष्क शांत हो चुका है.. धीरे धीरे यह किरणें नीचे आंखो में, कानो में, नीचे गर्दन, दोनों कंधे, हाथों की उंगलियों तक फैल चुकी हैं... धीरे धीरे यह किरणें हमारे हृदय, फेफड़ों, पेट तक.. अब नीचे पैरो की उंगलियों तक यह शांति का प्रवाह फैल चुका है... मानो हमारा शरीर एक लाइट का शरीर बन चुका है.. सफेद प्रकाश चमक रहा है.. पूरा शरीर मानो सफेद रंगों के शांत किरणों से जगमगा उठा है... मेरा शरीर शांत और रिलैक्स हो चुका है.. इसी स्थिति में हम दो मिनिट एकाग्र रहेंगे - परमात्मा शिवबाबा से शांति की किरणें निकल मेरे पूरे शरीर में फैल रही हैं....

अभी हम फील करेंगे परमात्मा शिवबाबा से लाल रंग की शक्तियों की किरणें निकल हमारे पूरे शरीर में फैल रही हैं.. यह लाल शक्तियों का प्रकाश मुझ आत्मा को और हमारे शरीर को शक्तिशाली बना रहा है.. परमात्मा शिवबाबा सर्वशक्तिवान.. मैं उनकी संतान मास्टर सर्वशक्तिवान हूं... अनुभव करेंगे यह लाल दिव्य शक्तियों का प्रकाश मुझ आत्मा से निकल ऊपर ब्रेन में फैल चुका है और धीरे-धीरे हमारे पूरे शरीर में फैल चुका है... मानो हमारा शरीर लाल प्रकाश से जगमगा उठा है.. शरीर के एक एक अंग में, एक एक मांसपेशियों में यह किरणें फैल चुकी हैं... इन किरणों से हमारा शरीर बहुत ही शक्तिशाली बन चुका है.. मैं आत्मा बहुत ही शक्तिशाली बन चुकी हूं... मेरा शरीर सम्पूर्ण स्वस्थ है, सम्पूर्ण निरोगी है... भगवान हमें वरदान दे रहे हैं - "बच्चे, सदा स्वस्थ भव! सदा निरोगी भव! मास्टर सर्वशक्तिवान भव! सदा सुखी भव!" तीन मिनट तक हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे - परमात्मा शिवबाबा से दिव्य लाल शक्तियों की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा कर पूरे शरीर में फैल चुकी हैं.. और हम बहुत ही शक्तिशाली बन चुके हैं...
अभी संकल्प करेंगे - मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूं... मैं सफलता मूर्त हूं... मेरा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ है... मैं निरोगी हूं... जहां परमात्मा साथ हैं, वहां कोई कुछ नहीं कर सकता! भगवान हमेशा मेरे साथ हैं! भगवान अपने बच्चों को सदा तन से, मन से और धन से सहज रखेंगे- यह बाप की गारंटी है!

हमें यह मेडिटेशन दिन भर में कम से कम तीन-चार बार करना है। और जो भी दवाई हम लेते हैं, या जब भी हम पानी पीते हैं, हम सात बार संकल्प करेंगे - मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूं! सम्पूर्ण स्वस्थ हूं! और इस प्रकार वह दवाई पानी या भोजन स्वीकार करेंगे। इक्कीस दिन के ही प्रयोग से हम इसके बहुत ही सुंदर रिजल्ट देखेंगे और जितना जितना यह मेडिटेशन हम करेंगे, उतना हम पूरी तरह से स्वस्थ बनेंगे। ओम शांति।