Bhagwan Ko Gale Laga Ke Karein Unse Apne Dil Ki Baatein


ओम शांति।

अनुभव करेंगे मैं आत्मा एक प्वाइंट ऑफ लाइट.. अपने मस्तक के बीच में एक चमकता सितारा.. मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं.. पूरी तरह से मैं एकाग्र हूं अपने इस आत्मिक स्वरूप पर.. फील करेंगे मैं आत्मा स्थित हूं अपने लाइट के शरीर में.. अपने फरिश्ता स्वरूप में.. मैं एक फरिश्ता हूं.. पूरी तरह से हम एकाग्र हैं अपने डबल लाइट स्वरूप में.. अपने एंजल स्वरूप में.. अभी एक सेकंड में मैं फरिश्ता पहुंच गया सूक्ष्म वतन में.. चारों तरफ सफेद प्रकाश.. अनुभव करेंगे सामने हमारे बापदादा.. हमें प्यार भरी मीठी दृष्टि दे रहें हैं.. अभी हम बच्चा बन बाबा को गले लगा लेंगे.. बाबा ने हमें अपने बाहों में समा लिया है.. उनके कंधे पर सिर रख दें और पूरी तरह से रिलैक्स हो जाएं.. हम पूरी तरह से निर्संकल्प हैं.. कोई संकल्प नहीं.. बस हम बाबा की बाहों में.. अनुभव करेंगे बाबा के लाइट के ऑरा का सुरक्षा कवच हमें घेरे हुए है.. हम इस लाइट के कवच के ऑरा में पूरी तरह से सेफ हैं.. हमें यह लाइट का कवच घेरे हुए है.. कोई संकल्प नहीं.. हम इस पृथ्वी के स्थूल जगत की दुनिया से पूरी तरह डिटैच हैं.. परमात्म प्रेम में समाए हुए हैं... बाबा से बातें करेंगे - "बाबा आपने मुझे अपना बना लिया! कोटों में भी कोई, कोई में भी कोई विशेष आत्मा आपने हमें बना लिया है! मैं कितनी भाग्यवान हूं! मैं आपको दिल से शुक्रिया करती हूं! बाबा हमारा सबकुछ आपका है.. यह तन, मन, धन और हमारे सभी संबंध आपके हैं! हम आपको पूरी तरह से समर्पण हैं.. मेरा कुछ नहीं! सबकुछ तेरा! सबकुछ तेरा! सबकुछ तेरा! बाबा जब जब मैंने मेरा कहा है, मुझे बोझ अनुभव हुआ.. हमें विघ्न आए! और जब जब मैंने तेरा कहा, सबकुछ अर्पण किया, हम बहुत हल्के, निर्विघ्न, शक्तिशाली और सफलता मूर्त रहें! मैं आपको दिल से शुक्रिया करता हूं! मेरा सबकुछ तेरा.. सबकुछ तेरा.. सबकुछ तेरा.."

अनुभव करेंगे बाबा के मस्तक से प्यार की किरणें निकल, मुझ फरिश्ता के मस्तक बिंदु में समा रहीं हैं.. अनुभव करेंगे बाबा को हम गले लगाए हुए हैं.. और प्यार की किरणें उनके मस्तक बिंदु से हमारे मस्तक बिंदु में समा रही हैं.. पूरी तरह से इसी स्थिति में एकाग्र रहें.. परमात्म प्रेम में मग्न हो जाएं..

परमात्मा कहते हैं - "परमात्म प्यार में मग्न होना ही सम्पूर्ण ज्ञान है! यदि आप परमात्म प्रेम में मग्न रहो, तो जन्म जन्म संबंधों में प्यार मिलता रहेगा!" यदि हम परमात्म प्रेम में मग्न रहने लगें तो कोई भी विघ्न समस्या रहेगी ही नहीं। हमारा हर कार्य सफल होगा। दो मिनिट हम इसी परमात्म प्रेम में मग्न रहेंगे... ओम शांति।