Sukshmawatan Mein Farishton Ke Sanghatan Ka Anubhav


ओम शांति।

अनुभव करेंगे, मैं एक फरिश्ता हूं.. फील करेंगे मैं एक डबल लाइट फरिश्ता.. मैं आत्मा एक प्वाइंट ऑफ लाइट.. अपने प्रकाश के शरीर में... इस देह और देह की दुनिया से संपूर्ण डिटैच हो जाएं.. मैं एक फरिश्ता हूं.. अभी एक सेकंड में, मैं फरिश्ता पहुंच गया सूक्ष्म वतन में.. अनुभव करेंगे चारों तरफ सफेद प्रकाश.. सामने हमारे बापदादा, हमें प्यार भरी मीठी दृष्टि दे रहे हैं... अभी बापदादा के सामने बैठ जाएं.. और अनुभव करेंगे उन्होंने अपना वरदानी हाथ हमारे सिर के ऊपर रख दिया है... इन हाथों से दिव्य प्रकाश निकल मुझमें समा रहा है.. इस अनुभव से मैं पूरी तरह निर्संकल्प और हल्का बन चुका हूं.. बापदादा मुझे वरदान दे रहे हैं- "श्रेष्ठ योगी भव.. श्रेष्ठ योगी भव!"

इस वरदान की प्राप्ति से हम जितना समय चाहें, जहां चाहें, अपने मन बुद्धि को एकाग्र कर सकते हैं.. ब्राह्मण जीवन में सर्वश्रेष्ठ वरदान- श्रेष्ठ योगी भव का वरदान है! जिसे यह वरदान प्राप्त होता है, उसे बाकी वरदान स्वतः प्राप्त होते हैं.. मैं एक श्रेष्ठ योगी आत्मा हूं.. अभी बापदादा मुझे दूसरा वरदान दे रहे हैं - "संपूर्ण फरिश्ता भव.. संपूर्ण फरिश्ता भव!" इस वरदान की प्राप्ति से मैं संपूर्ण फरिश्ता स्थिति में स्थित हूं.. मेरा प्रकाश का शरीर पूरी तरह जगमगा उठा है.. मैं फरिश्ता अपनी संपूर्ण फरिश्ता स्थिति में स्थित हूं.. कोई संकल्प नहीं.. बोझमुक्त, शक्तिशाली, मैं संपूर्ण फरिश्ता हूं, बाप समान हूं.. मैं एक संपूर्ण फरिश्ता हूं...

अभी अनुभव करेंगे बापदादा ने हमारे साथ हजारों फरिश्तों को इमर्ज किया है.. जैसे बापदादा के सामने संपूर्ण फरिश्ता स्थिति में हम हजारों फरिश्तें स्थित हैं.. सभी फरिश्तें अपनी संपूर्णता की स्थिति में जगमगा रहे हैं.. हजारों फरिश्ते बापदादा के सामने.. मानो हम फरिश्तों का संगठन सूक्ष्म वतन में बैठा है.. अभी फील करेंगे बापदादा हमारे द्वारा नीचे संसार में पवित्रता का दिव्य प्रकाश फैला रहे हैं.. देखेंगे बापदादा और हम हजारों फरिश्तों से दिव्य पवित्रता का प्रकाश निकल, नीचे संसार को मिल रहा है.. बहुत ही दिव्य, अलौकिक और शक्तिशाली अनुभव है यह.. अनुभव करेंगे पृथ्वी पर स्थित 800 करोड़ आत्माएं इस पवित्रता के प्रकाश को फील कर रहे हैं.. पवित्रता सुख शांति की जननी है.. इस प्रकाश से संसार की सभी आत्माओं का मन शांत हो रहा है.. संसार की सभी आत्माएं इन पवित्रता की किरणों से सुख और शांति का अनुभव कर रही हैं.. इसी दिव्य स्थिति में एकाग्र रहें.. अनुभव करेंगे प्रकृति के पांचों तत्व भी इन पवित्रता की किरणों से भरपूर हो रहे हैं.. अग्नि, वायु, आकाश, जल, पृथ्वी, यह पांचों तत्व स्थिर हो रहे हैं.. कोई हलचल नहीं, पूरी तरह से शांत हैं.. अनुभव करेंगे संसार की सभी आत्माएं सुख शांति से भरपूर हो चुकी हैं.. उनके मन की हलचल पूरी तरह से शांत हो चुकी है.. इस पृथ्वी पर सुख ही सुख है.. यह सभी आत्माएं हम फरिश्तों को और परमात्मा शिवबाबा को दिल से दुआएं दे रही हैं, शुक्रिया कर रही हैं.. 3 मिनट हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे - सूक्ष्म वतन से, हम फरिश्तों से पवित्रता, सुख शांति की किरणें नीचे सारे संसार को मिल रही हैं..... ओम शांति।