Apne Sukshma Shareer Se Manchahe Sthan Ki Sair Karein


ओम शांति।

विजुलाइज करेंगे मैं आत्मा अपने मस्तक के बीच में एक चमकता सितारा... प्वाइंट ऑफ लाइट... पूरी तरह से एकाग्र हो जाएं अपने इस आत्मिक स्वरूप पर... मुझ आत्मा के सर्व संकल्प शांत हो चुके हैं... मेरा शरीर पूरी तरह से रिलैक्स्ड है... फील करेंगे मैं आत्मा स्थित हूं अपने फरिश्ता स्वरूप में... अनुभव करेंगे मैं एक फरिश्ता हूं... एक एंजल हूं... मैं आत्मा लाइट अपने लाइट के शरीर में... अनुभव करेंगे मैं फरिश्ता स्थित हूं पृथ्वी के ग्लोब पे...

अभी हम इस स्थूल लोक का सैर करेंगे.. अपने फरिश्ता रूपी पंख इमर्ज करें और उड़ चलें आकाश में.. अनुभव करेंगे हम आकाश में पंछी समान उड़ रहे हैं.. पूरी तरह से स्वतंत्र, निर्भय, शक्तिशाली..! देखेंगे नीचे पृथ्वी लोक को... असंख्य आत्माएं अपना अपना रोल प्ले कर रही हैं... सैर करेंगे अलग अलग स्थानों की... अनुभव करेंगे हम समंदर के ऊपर से उड़ रहे हैं.. इस पृथ्वी को हम साक्षी हो देख रहे हैं.....

अपने सूक्ष्म शरीर से हम कहीं भी सैर कर सकते हैं.. मनचाहें स्थान पे सैर करें... धीरे धीरे और ऊपर मैं फरिश्ता उड़ते जा रहा हूं.. साक्षी हो देखेंगे सूर्य को... इस आकाश तत्व में स्थित नौ ग्रहों को... धीरे धीरे और ऊपर उड़ चला.. और स्थूल जगत को पार कर मैं फरिश्ता पहुंच गया फरिश्तों के लोक में.. सूक्ष्म वतन में.. विजुलाइज करेंगे परमात्मा शिवबाबा ब्रह्मा बाबा के फरिश्ता स्वरूप में.. और उनके साथ असंख्य फरिश्ते सुक्ष्म वतन में स्थित हैं... मानों यहां फरिश्तों की महफिल है.. देखेंगे सूक्ष्म वतन का नज़ारा.. हम यहां उड़ रहे हैं.. देख रहे हैं इस सूक्ष्म वतन में कैसे बापदादा इस सृष्टि परिवर्तन का कार्य कर रहे हैं.. बापदादा के सामने बैठ जाएं.. और अनुभव करेंगे उन्होंने अपना वरदानी हाथ हमारे सिर के ऊपर रख दिया है.. और हमें अपने सर्व शक्तियों का वरदान दे रहे हैं - "बच्चे, मास्टर सर्वशक्तिमान भव.. मास्टर सर्वशक्तिमान भव!" फील करेंगे हम पूरी तरह से संपूर्ण फरिश्ता, शक्तिशाली बन चुके हैं.. मास्टर सर्वशक्तिमान हैं..

अभी हम अपना सूक्ष्म शरीर समेट कर, सिर्फ बिंदु स्वरूप में, अपने प्वाइंट ऑफ लाइट आत्मिक स्वरूप में स्थित इस सूक्ष्म शरीर को छोड़ चलें... और ऊपर उड़कर पहुंच जाएं मूलवतन में.. परमधाम में.. परमधाम.. शांतिधाम.. यह हमारा असली घर है.. चारों तरफ लाल प्रकाश.. असंख्य आत्माएं अपनी अपनी जगह, अपने अपने सेक्शन में स्थित हैं.. और हम आत्मा पहुंच गए परमात्मा शिवबाबा के पास.. उनके साथ का अनुभव करें.. और फील करेंगे उनसे एक लाइट की तार निकल मुझ आत्मा में कनेक्ट हो चुकी है.. इस लाइट की तार से अनुभव करेंगे परमात्मा शिवबाबा हमें प्यार की किरणें दे रहे हैं.. इस परमात्म प्रेम की किरणों को अपने अंदर मैं आत्मा समा रही हूं.. फील करेंगे इस परमात्म प्रेम को...

'एक परमात्म प्रेम के मग्न होना ही सम्पूर्ण ज्ञान है!' अनुभव करेंगे हम प्यार के सागर परमात्मा से प्यार का अनुभव कर रहे हैं... यही सर्वश्रेष्ठ अनुभूति है... खो जाएं इस परमात्म प्रेम में.. दो मिनट तक हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे और परमात्म प्रेम में मग्न रहेंगे... ओम शांति।