Main Mahaan Tapasvi Atma Hoon


ओम शांति।

अपने शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स और शिथिल करें.. और अपने मन बुद्धि को एकाग्र करेंगे, अपने भृकुटी के मध्य में.. मैं एक चमकता सितारा..... मैं आत्मा भृकुटी के आसन में स्थित एक तपस्वी हूं.... मुझ आत्मा का मुख्य लक्ष्य है तपस्या.... अनुभव करेंगे अंतर्मुखता की गुफा में स्थित मैं एक तपस्वी आत्मा हूं.... संपूर्ण तेजस्वी, प्रकाशवान, बेहद का बैरागी, मैं एक तपस्वी हूं..... अपने देह, व्यक्ति, वस्तु और वैभवों के आकर्षण से मुक्त हूं....मैं त्याग मूर्त आत्मा हूं......मैं तपस्वी.. एक राजऋषि हूं..... मैं आत्मा परमात्म छत्रछाया में स्थित हूं... अनुभव करेंगे, परमात्म छत्रछाया में स्थित मैं आत्मा तपस्या कर रही हूं.....

एक बाप दूसरा ना कोई!! एक का ही लगन!! एक का ही चिंतन!! एक बल एक भरोसा!! एक से ही सर्व संबंध!! एक के प्यार में ही मगन!! एक के प्रति संपूर्ण समर्पण!! तपस्या अर्थात एक बाप दूसरा ना कोई!! तपस्वी अर्थात सदा प्योरिटी की पर्सनालिटी में रहने वाले, सदा प्योरिटी के रॉयलटी में रहने वाले.. मन, वचन, कर्म और संबंध संपर्क में संपूर्ण पवित्र!! मैं एक तपस्वी आत्मा हूं.. मेरा कुछ नहीं, सब कुछ तेरा... सब कुछ तेरा.... सब कुछ तेरा...!

अनुभव करें मुझ तेजस्वी तपस्वी आत्मा से विश्व की सभी आत्माओं को यह तपस्या के वाइब्रेशन, बेहद के वैराग्य के वाइब्रेशन मिल रहे हैं.... एक-एक आत्मा को यह तपस्या की किरणें मिल रही है.... इनके अंदर का वैराग्य भाव जाग रहा है.... सभी आत्माओं के मन में प्रभु प्रेम जाग रहा है.... मैं एक तपस्वी हूं... इस संसार के लिए एक लाइट हाउस हूं.... तपस्या अर्थात एक बाप दूसरा ना कोई.. एक की ही लगन में मगन.. मैं तपस्वी स्थित हूं अपने अंतर्मुखता की गुफा में.... मैं राजऋषि हूं... तपस्या अर्थात एक की ही लग्न में मगन.. एक बल, एक भरोसा! एक से ही सर्व संबंध, एक के प्रति संपूर्ण समर्पण..... मेरा तन, मन, धन और सर्व संबंध, संपर्क परमात्मा को समर्पण है... मेरा कुछ नहीं.. सब कुछ तेरा..... सब कुछ तेरा..... सब कुछ तेरा........ ओम शांति।