Apne Aap Se Baatein Karein - Self Checking Meditation


ओम शांति ।

आज हम एक विशेष चिंतन करेंगे l अपने आप से बातें करेंगे l अपने आप को चेक करेंगे l साकार मुरलियों में कई बार आया है, बाबा कहते हैं- यह संगमयुग बहुत ते बहुत 100 साल है l आज लगभग 85 वर्ष पूरे होने को हैं l बस कुछ ही समय में यह भाग्य बनाने का समय पूरा हो जाएगा l भाग्यविधाता बाबा भी वापस चले जाएंगे l साकार पार्ट पूरा हो गया l प्रकृति के पांच तत्व और पांचो विकार अपने तमोप्रधान अवस्था में हैं l अचानक कुछ भी हो सकता है, तो हमें अपने आप से बातें करनी हैं..

स्वयं को देखेंगे मस्तक के बीच, मैं चमकता हुआ सितारा.. पूरी तरह से एकाग्र हो जाएं अपनी इस आत्मिक स्थिति में, और अपने आप से बातें करें - यह संगमयुग है ही एक का पदमगुणा जमा करने का युग, तो हमने संगमयुग में, परमात्मा के सृष्टि परिवर्तन के कार्य में, अपना तन मन धन और समय, कितना सफल किया है? अपने आपको चेक करें l हम बाबा के बने, हम क्या करना चाहते थे, और क्या कर रहे हैं? क्या हम 100% बाबा से सच्चे हैं? अचानक कभी भी हम यह शरीर छोड़ सकते हैं, फिर हम कुछ नहीं कर पाएंगे, बाबा भी साक्षी हो जाएंगे l यह पृथ्वी एक पाठशाला है l हम इस ब्राह्मण जीवन में परमात्मा का ज्ञान लेते हैं, अपने विकर्म विनाश करते हैं, अपने पुण्य का खाता, अपने दुआओं का खाता बढ़ाते हैं l तो अपने आप को चेक करें, हमने अपना तन मन धन और समय कितना सफल किया है?

अव्यक्त मुरली 24 फरवरी 1985, इस मुरली में बाबा कहते हैं, "अभी भोलेनाथ के भरपूर भंडारे खुले हुए हैं l जितना चाहो ले सकते हो l बाप समान संपूर्ण बनो l समय के महत्व को जान, महान बनो l" इस मुरली में बाबा कहते हैं - "बाबा की सेवा में तन से जो सेवा करते हैं, तो 21 जन्मों के लिए संपूर्ण निरोगी तन प्राप्त होता है l" बाबा कहते हैं - कैसा भी कमजोर तन हो, रोगी हो, लेकिन वाचा कर्मणा नहीं तो मनसा सेवा अंतिम घड़ी तक कर सकते हो l अपने अतीन्द्रिय सुख शांति की शक्ति चेहरे से, नैनों से दिखा सकते हो, जो संपर्क वाले देखकर यही कहें यह तो वंडरफुल पेशेंट है! इस तन की सेवा का फल 21 जन्म खाते हैं l

और मन द्वारा जो सुख शांति की किरणें, शुभ भावना के वाइब्रेशन्स मनसा सेवा करते हैं , वे 21 जन्म मन से सदा सुख शांति की मौज में होंगे और आधा कल्प भक्ति द्वारा, चित्रों द्वारा मन की शांति देने के निमित्त बनेंगे l

और इसी प्रकार धन द्वारा सेवा के निमित बनने वाले 21 जन्म, अनगिनत धन के मालिक बन जाते हैं l साथ-साथ द्वापर से अब तक भी, ऐसी आत्मा कभी धन की भिखारी नहीं बनेंगी l 21 जन्म राज्य भाग्य पाएंगे, जो धन मिट्टी के समान होगा और द्वापर कलयुग में 63 जन्मों में, किसी जन्म में भी धन के भिखारी नहीं बनेंगे l मजे से दाल रोटी खाने वाले होंगे l जितना धन लगाओ उतना द्वापर से कलयुग तक भी आराम से खाते रहेंगे l

इसी प्रकार समय लगाने वाले एक तो सृष्टि के चक्र के सबसे श्रेष्ठ समय, सतयुग में आते हैं, सतोप्रधान युग में आते हैं l जिस समय का भक्त लोग भी गायन करते रहते हैं l

तो आज हम अपने आप को यह चारों ही बातें, तन मन धन और समय कितना सफल किया यह चेक करेंगे l अंतिम विनाश के समय में ना व्यक्ति, ना वैभव, ना वस्तु काम आएंगी l जो हमने श्रेष्ठ स्थिति बनाई है, पुण्यों का खाता, दुआओं का खाता जो बनाया है, वही काम आएंगे! तो समय के महत्व को जान अपना तन मन धन और समय सफल कर हम बाप समान संपूर्ण बनेंगे l ओम शांति l