Yah 1 Sankalp Ka Abhyaas Karein - Man Shant Hoga


ओम शांति ।

कई बार हमारे मन के संकल्प बहुत ही व्यर्थ और नेगेटिव हो जाते हैं l इन संकल्पों की स्पीड बढ़ जाती है l जब हम चारों तरफ नेगेटिव अनुभव करते हैं, कई आत्माएं अपना शरीर छोड़ रहे हैं, कहीं प्रकृति अपना हलचल दिखा रही है या कोई हमारे संबंधियों में शरीर छोड़ता है, तब कहीं हमारा मन उदास हो जाता है और कई अनेक व्यर्थ संकल्प, नेगेटिव संकल्प चलने लग पड़ते हैं l ऐसी परिस्थिति में हम सिर्फ 5 मिनट इस एक संकल्प का मेडिटेशन करेंगे l इस एक संकल्प को गहराई से अनुभव करते ही हमारा चित्त शांत हो जाएगा और जैसे ही हमारा चित्त शांत होगा, समस्याएं भी स्वत: शांत हो जाएंगी l समस्याएं और कुछ नहीं हमारे ही कमजोर मन की रचना है l तो यह एक संकल्प हमारे मन को शक्तिशाली बनाएगा जिससे कि हमारी स्थिति शक्तिशाली बनेगी और जो भी समस्या, परिस्थिति और विघ्न हमारे सामने हैं, वह स्वत: समाप्त हो जाएंगे l

तो यह एक संकल्प है - सब कुछ तेरा, सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा... परमात्मा कहते हैं- जब मेरा समझते हो तो विघ्न है, और जब तेरा कर दिया, अर्थात् परमात्मा बाप को अर्पण कर दिया तो बाप जाने और बाप का काम जाने l बाबा कहते हैं, मेरे को तेरे में परिवर्तन कर, फिक्र बाप को दे फखुर ले लो अर्थात बेफिक्र बादशाह बनो l तो यह एक संकल्प का अभ्यास कैसे करना है, चलिए स्टार्ट करते हैं l

अनुभव करेंगे, हमारे आंखों के सामने परमात्मा शिवबाबा एक पॉइंट ऑफ लाइट... विश्वलाइज़ करेंगे परम ज्योति परमात्मा शिवबाबा को... परमात्मा ज्ञान के सागर, गुणों के सागर सर्वशक्तिमान... हम उनकी संतान हैं, हम मास्टर सर्वशक्तिमान हैं.... अनुभव करेंगे परमात्मा शिवबाबा से एक लाइट की तार निकल मेरे मस्तक बिंदु आत्मा में कनेक्ट हो चुकी है... और एकाग्र हो जाएं इस स्थिति में..इसी कनेक्शन में स्थित, संकल्प करेंगे - मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूं... परमात्मा शिवबाबा की संतान... बाबा से बातें करेंगे- बाबा, मेरा सब कुछ तेरा, मेरा सब कुछ तेरा!!! जो भी मन में व्यर्थ संकल्प हैं, उलझन हैं, वह चाहे कोई व्यक्ति के प्रति हो, कोई कर्म के प्रति हो, या अपनी कोई बीमारी के प्रति हो, या प्रकृति की हलचल के प्रति हो, या हमारे द्वारा ही कोई विकर्म हुआ हो, उनके व्यर्थ संकल्प हो यह नेगेटिव संकल्प हो, वे हम परमात्मा को अर्पण करेंगे l बाबा मैं यह संकल्प, यह परिस्थिति, यह समस्या आपको अर्पण करती हूं! बाबा, मेरा सब कुछ तेरा! बाबा, मेरा सब कुछ है! बाबा, मेरा सब कुछ तेरा है! पूरी तरह से एकाग्र और निर्संकल्प अवस्था है यह... कोई संकल्प नहीं l पूरी तरह से समर्पण भाव l सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. हमारा मन तन मन धन, सभी संबंध सब आपके हैं l मेरा कुछ नहीं,सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. पूरी तरह से शांत, एकाग्रचित्त l सभी हलचल से मुक्त अवस्था है यह l यही सर्वश्रेष्ठ स्थिति है l मेरा कुछ नहीं, सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा.. सब कुछ तेरा...

हमें दिन में कम से कम 3 बार 5-5 मिनट यह अभ्यास करना है l रेगुलर प्रैक्टिस करने से हम अनुभव करेंगे, हमारा चित्त शांत रहने लगेगा l हमारी स्थिति शक्तिशाली बनेगी l जो भी विघ्न, समस्याएं, पेपर कहीं से भी हो, वह स्वत: समाप्त हो जाएंगे l ओम शांति l