Main Number One Pujya Atma Hoon


ओम शांति ।

अनुभव करेंगे मैं आत्मा अपने मस्तक के बीच में एक चमकता हुआ सितारा हूँ.. एक पॉइंट ऑफ लाइट हूं... पूरी तरह से एकाग्र हो जाएं अपने इस आत्मिक स्वरूप पे... अभी संकल्प करेंगे मैं नंबर 1 पूज्य आत्मा हूँ... अनुभव करेंगे मैं आत्मा स्थित हूँ अपने संगमयुगी ब्राह्मण स्वरुप में... अनुभव करेंगे मैं श्रेष्ठ ब्राह्मण आत्मा हूँ... सम्पूर्ण पवित्र... स्वयं भगवान की नज़र हमपे पड़ी है... मैं एक विशेष आत्मा हूँ... सभी मुझे दिल का स्नेह, दिल का रीगार्ड देते हैं.... सभी मुझे दिल से ऊंचा मानते हैं।

एक है दिल से ऊंचा मानना अर्थात दिल से रीगार्ड देना, दूसरा होता है बाहर के मर्यादा प्रमाण रीगार्ड देना ही पड़ता है। तो दिल से देना और देना ही पड़ता है - इसमें कितना अंतर है।

नम्बर 1 पूज्य बनना अर्थात दिल से सब ऊंचा माने, स्नेह दें, रीगार्ड दें। इस ब्राह्मण जीवन में मेहनत कम और प्राप्ति ज्यादा है। हर कार्य में, हर सेवा में हम सफलता प्राप्त करते हैं। ये सफलता का आधार इस ब्राह्मण जीवन की विशेषता है, परमात्मा बाप की देन है।

मैं बस निमित हूँ, करनकरावनहार बाप करा रहे हैं! सफलता के फल को मैंपन में लाने वाले ऐसा पूज्य नहीं बन सकते, इसलिए मैं सदा निमित हूँ!
वर्तमान समय पूज्य, तो भविष्य में भी पूज्य! इसको ही विशेष नम्बर 1 आत्माएं कहते हैं।

भक्ति मार्ग के पूज्य बनने से श्रेष्ठ पूजा अब की है। जैसे भक्ति मार्ग की पूज्य आत्माओं के 2 घड़ी के संपर्क से अर्थात मूर्ति के सामने जाने से 2 घड़ी के लिए भी शांति, शक्ति, खुशी का अनुभव होता है, ऐसे संगमयुगी पूज्य आत्माओं द्वारा अब भी 2 घड़ी, 1 घड़ी भी दृष्टि मिलने से खुशी, शांति, उमंग उत्साह व शक्ति का अनुभव होता है। ऐसे पूज्य आत्माएं नंबर 1 विशेष आत्माएं हैं।

अनुभव करेंगे मैं नंबर 1 विशेष आत्मा हूँ! मैं नंबर 1 पूज्य आत्मा हूँ! सदा स्मृति स्वरुप हूँ! सभी को निरंतर हमारे द्वारा सुख, शांति की किरणें मिलती हैं! स्वयं भगवन की नज़र मुझ आत्मा पे पड़ी है। मैं एक विशेष आत्मा हूँ! अभी की नंबर 1 पूज्य आत्मा हूँ! सो भविष्य में भी नंबर 1 पूज्य आत्मा हूँ!

जैसे ब्रह्मा बाप वर्तमान समय नंबर 1 पूज्य और भविष्य में भी नंबर 1 पूज्य हैं, वैसे मैं भी फॉलो फादर करने वाली नंबर 1 पूज्य आत्मा हूँँ !!