Yah 5 Baatein Roz Karein - Saare Bure Vichar Samapt Hongein


ओम शांति ।

कहावत भी है मन के हारे हार है, और मन के जीते जीत। आज लोगों के मन में अनेक प्रकार की चिंताएं, बैचेनी, व्यर्थ और नेगेटिव विचार चल रहे हैं। और लोगों को टेंशन, एंजायटी , डिप्रेशन, ओवरथिंकिंग और सब तरह की परेशानियां हो गई है। मन में कई पास्ट की बातें और कई फ्यूचर की बातों का स्ट्रेस चलता ही रहता है। आज हमारा ही मन हमारे कंट्रोल में नहीं है। सब कुछ होते हुए भी लोग कहते हैं कि हम खुश नहीं हैं। हमारे मन में शांति नहीं हैं। अगर आप अपने मन की शांति और सुकून चाहते हैं और जीवन में हमेशा खुश रहना चाहते हैं, तो इन पांच बातों को जरूर करें।

• सबसे पहली बात - जो हम देखते हैं, पढ़ते हैं, सुनते हैं इन तीन बातों पर हमें अपना पूरा अटेंशन रखना है। कहावत भी है, जैसा चित्र वैसा चरित्र। जैसा संग वैसा रंग। हमें अटेंशन रखना है कि हम क्या पढ़ रहे हैं, दिन भर में क्या देख रहे हैं, क्या सुन रहे हैं.. और इसी के साथ हम अपने आप को किन व्यक्तियों के संग में रखते हैं, इसका हमें अटेंशन रखना है कि हमारा संग पूरी तरह पॉजिटिव हो। अगर हम कोई निगेटिव या व्यर्थ चिंतन करने वाले व्यक्ति का संग करेंगे, तो हंड्रेड परसेंट उनका प्रभाव हमपे होगा। हमें अपना संग अथवा फ्रेंड सर्कल अच्छा रखना है!

• दूसरी बात - प्योर फूड यानी सात्विक अन्न। कहावत भी है, जैसा अन्न वैसा मन। अगर हमारा भोजन तामसिक है, तो हमारे विचार भी स्वत: ही तामसिक अर्थात् नेगेटिव और व्यर्थ बनेंगे। न चाहते भी हमारे मन में बुरे विचार आएंगे। हम जो भोजन बनाते हैं और खाते हैं, वह पूरी तरह से सात्विक अन्न होना चाहिए। प्योर वेजीटेरियन होना चाहिए। जितना हम सात्विक अन्न स्वीकार करेंगे, उतना स्वत: ही हमारे मन में अच्छे व सात्विक विचार, प्योर विचार चलेंगे। हमारा मन स्वत: ही शांत और हल्का रहने लगेगा।

• तीसरी बात - हमें सबके प्रति शुभ भावना और शुभ कामना रखनी है। यदि हमारे मन में कोई एक व्यक्ति के प्रति भी नेगेटिव भाव है, हम कोई घृणा या नफरत रखे हुए हैं, तो हम कभी भी निरंतर खुश नहीं रह सकते। हमें सर्व आत्माओं के प्रति शुभ भावना, शुभकामना रखनी है। हमें सबको दुआएं देनी है। सबका भला सोचना है। परमात्मा कहते हैं - कोई आपको क्या भी दे, लेकिन आप सबको दुआएं दो। यदि हमारे साथ कोई बुरा व्यवहार भी कर रहा हो, तो भी हमें उनके प्रति शुभ सोचना है! हमें उन्हें दुआएं देनी है। यह एक लॉ ऑफ नेचर है कि जो हम देते हैं, रिटर्न में हमें वही मिलता हैं। तो यदि हम सभी के प्रति शुभ सोचेंगे, तो स्वत: ही सभी हमारे प्रति शुभ सोचेंगे। हमें दुआएं देंगे। हम अनुभव करेंगे कि हमारे सभी रिश्ते अच्छे बन जाएंगे, हमें सभी का सहयोग मिलेगा।

• चौथी बात - Make your morning positive! यानी अपने दिन की शुरुआत को सकारात्मक बनाएं।
हमें अपने दिन की शुरुआत पे पूरा अटेंशन रखना है। हमारे दिन की शुरुआत अच्छे नॉलेज से होनी चाहिए। हमें परमात्मा का ज्ञान सुनना और पढ़ना है। सुबह अच्छा सुनते हैं, अच्छा पढ़ते हैं तो स्वत: ही हमारा पूरा दिन अच्छा हो जाता है। वह सुबह की पॉजिटिविटी दिनभर कार्य करती है। और हम स्वत: ही पूरा दिन पॉजिटिव रहते हैं।

• पांचवीं बात - मेडिटेशन। हमें मेडिटेशन को अपने जीवन का एक मुख्य हिस्सा बनाना है। जितना हम मेडिटेशन करेंगे, उतना हमारी एकाग्रता बढ़ती जाएगी। हमारी कंट्रोलिंग पावर बढ़ती जाएगी। हम स्वत: ही अनुभव करेंगे कि हम अपने मन के मालिक बन रहे हैं। हमारा अपने विचारों पे कंट्रोल होता जाएगा। जितना हमारा हमारे मन पे और विचारों पे कंट्रोल होता जाएगा, उतना स्वत: ही हमारी परखने की शक्ति और निर्णय करने की शक्ति बढ़ेगी। और जीवन में हम स्वत: ही हर क्षेत्र में, हर कार्य में सफल बनेंगे। मेडिटेशन में हम परमात्मा को याद करते हैं। और यह एक लॉ ऑफ नेचर है कि जिसे हम याद करते हैं, स्वत: ही हम उनके जैसा बनते जाते हैं । परमात्मा एवर प्योर हैं। वे सर्व गुणों और शक्तियों से भरपूर हैं। राजयोग मेडिटेशन द्वारा परमात्मा को याद करने से हम स्वत: ही पवित्र बनते जाएंगे। हम परमात्म गुण और शक्तियां से भरपूर हो जाएंगे!

धीरे-धीरे इन पांच बातों को जीवन में अपनाने से हम बहुत शक्तिशाली बनेंगे। हर क्षेत्र में, हर कार्य में हम निर्विघ्न रूप से सफल बनेंगे, विजयी बनेंगे!

ओम शांति।