Secrets of Brahma Muhurta - Subah 4 Baje Khulte Hain Khajano Ke Darwaje


ओम शांति ।

अमृतवेला.. वरदानी वेला है। यह वेला परमात्म मिलन की है... हम जो चाहें, परमात्मा से ले सकते हैं.. हम जो संकल्प करेंगे, वह सिद्ध होगा। हम जीवन में जो भी चाहते हैं.. वह चाहे किसी भी क्षेत्र में सफलता हो, धन की कोई प्रॉब्लम हो, सम्बन्धों में कुछ टकराव हो, कोई बीमारी हो या मन की कोई भी उलझन व टेन्शन हो, वह इस वेला में मेडिटेशन करने से, योग करने से स्वतः समाप्त हो जायेंगे। हम जीवन में जो चाहते हैं, वही होगा..

तो आज हम कुछ ऐसे सीक्रेट्स यानी राज़ जानेंगे कि इस अमृतवेले की, इस ब्रह्म मुहूर्त की इतनी महिमा क्यों है? सदियों से हर धर्म में इसकी इतनी महिमा किसलिए की जाती है!

हम अमृतवेला की महिमा 3 नज़रिए से देखेंगे -
• एक- हमारे वेद शास्त्र में इसकी महिमा में क्या लिखा है
• दूसरा- आज के वैज्ञानिक व उनके खोज (scientific studies) इस वेला के महत्व में क्या कहते हैं
• तीसरा- मुरलियों के आधार पर स्वयं परमात्मा अमृतवेला का क्या महत्व बताते हैं

• अथर्व वेद में लिखा है- ब्रह्म मुहूर्त उठस्तते स्वास्थ्य रक्षा अर्थम् आयुष्यह्य।।
अर्थात् जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है, जीवन में वह व्यक्ति हेल्थ, वेल्थ और हैप्पीनेस यानी सेहत, समृद्धि व सुख से भरपूर बनता है! वह सभी रोगों से.. सभी कष्टों से.. मुक्त हो जाता है! आज भक्ति मार्ग में भी अनेक ऐसे संस्थाएं हैं, जो अमृतवेला भजन करते हैं, भगवान को याद करते हैं। उनके अनुभवों के आधार पे भी हमने देखा हैं कि कैसे हज़ारों, लाखों आत्माओं के कष्ट दूर हुए हैं!

• इसी प्रकार आज की साइंटिफिक स्टडीज कहती है- सुबह ब्रह्म मुहूर्त 4 बजे एक ऐसी एनर्जी होती है, वातावरण में कुछ ऐसा चेंज होता है जो हमारे ब्रेन में एक केमिकल - मेलाटोनिन सीक्रिट होता है। इस केमिकल से हमारी एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है।
साइंस कहता है- इस समय जो भी हम कार्य करते हैं, वह पढ़ाई हो या कुछ भी हो, इस समय एकाग्रता यानी concentration पावर ज्यादा होने से हमें उस कार्य में, उस क्षेत्र में सहज सफलता मिलती है!

इस समय व्यक्ति का अवचेतन मन (subconscious mind) एक्टिव होता है, तो जो भी हम पढ़ते है, स्टडी करते हैं, वह सहज ही याद रहता है। पश्चिमी वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन कहते हैं- "Early to bed and early to rise, makes a man healthy, wealthy and wise". अर्थात् जो व्यक्ति जल्दी सोता है और जल्दी उठता है, वह व्यक्ति स्वास्थ्य व संपत्ति से भरपूर बनता है!

• हम बहुत भाग्यवान है कि स्वयं भगवान की पालना इस संगमयुग में हमें मिल रही है। ऐसा समय पूरे 5000 वर्ष के कल्प में नहीं मिलेगा जब स्वयं भगवान अमृतवेला हमें मिलते हैं! परमात्मा कहते हैं- "बच्चे तुम सिर्फ अपना अमृतवेला ठीक करो, मैं तुम्हारा सबकुछ ठीक कर दूंगा!"

अव्यक्त मुरली (17/12/1979) में परमात्मा ने कहा है- "अमृतवेले बापदादा विशेष बच्चों के प्रति दाता के स्वरूप और मिलन मनाने के लिए सर्व सम्बन्धों के स्नेह सम्पन्न स्वरूप, सर्व खज़ानों से झोली भरने वाले भोले भण्डारी के रूप में होते हैं। उस समय जो भी करना चाहो, बाप को मनाना चाहो, रिझाना चाहो, सम्बन्ध निभाना चाहो, सहज विधि का अनुभव चाहो, सर्व विधियां और सर्व सिद्धियां सहज प्राप्त कर सकते हो!

अमृतवेले के एक सेकेण्ड का अनुभव सारे दिन और रात में सर्व प्राप्ति के स्वरूप के अनुभव का आधार है। *अमृतवेला का समय आफीशल नहीं है बाप भोले भण्डारी के रूप में है। हर प्रकार के पाप बख्शाने के लिये, कमज़ोरी मिटाने के लिए सब बातों के लिये बाप फ्री है।"

इसी प्रकार अव्यक्त मुरली (19/3/1986) में परमात्मा ने कहा है - रोज अमृतवेले बापदादा स्नेह और शक्ति की विशेष पालना से सभी रूहानी गुलाब के पुष्पों(बच्चों) से मिलन मनाते हैं।

अमृतवेला विशेष प्रभू पालना का वेला है। अमृतवेला विशेष परमात्म मिलन का वेला है। रूहानी रूह-रूहान करने का वेला है। अमृतवेले भोले भण्डारी के वरदानों के खज़ाने से सहज वरदान प्राप्त होने का वेला है। जो गायन है मन इच्छित फल प्राप्त करना, यह इस समय अमृतवेले के समय का गायन है। बिना मेहनत के खुले खज़ाने प्राप्त करने का वेला है। ऐसे सुहावने समय को अनुभव से जानते हो ना! अनुभवी ही जानें इस श्रेष्ठ सुख को, श्रेष्ठ प्राप्तियों को!"

ओम शांति।