4 Naye Sankalp - Jo Sochego Wahi Hoga - Power of Subconscious Mind


ओम शांति ।

आज हम 4 नए संकल्पों का अभ्यास करेंगे। इन 4 संकल्पों का हमें हर सुबह 5 मिनट और रात सोने से पहले 5 मिनट गहराई से चिंतन कर मेडिटेशन करना है। और दिनभर में भी कर्म करते कोई बोझ, टेंशन, चिंता या उलझन हो, तो उस समय 1 मिनट, 2 मिनट इन संकल्पों का अभ्यास करने से हम तुरन्त ही शान्त और हल्केपन का अनुभव करेंगे। प्रतिदिन इन 4 संकल्पों का अभ्यास करने से हम बहुत शक्तिशाली अनुभव करेंगे। हम हर कार्य में सफल रहेंगे। हमारे जीवन में सब कुछ अच्छा होगा, हम सदा बेफिक्र रहेंगे।

तो सवेरे उठते ही हमें यह 4 संकल्पों का अभ्यास करना है।
पहला संकल्प है- भगवान मेरे साथ हैं... हमें फील करना है... मैं आत्मा अपने फोरहेड के बीच में एक चमकता सितारा हूं... स्वयं भगवान हमारे साथ हैं.. वे हमारे साथी हैं! हमारे फ्रेंड हैं...
हमें फील करना है.. भगवान हमारे साथ हैं.. उनका वरदानी हाथ मेंरे सिर के ऊपर है... उनकी शक्तियाँ मेरे साथ हैं... यह संकल्प करते ही हम निश्चिन्तता का अनुभव करेंगे और एक secure फीलिंग यानी निर्भयता का अनुभव कर हम शक्तिशाली महसूस करेंगे।

इसी के साथ जुड़ा.. हमें दूसरा संकल्प करना है- मैं विजयी आत्मा हूँ... मैं विजयी आत्मा हूँ.... हमें फील करना है कि हम विजयी हैं... हमें विज़्वलाइज़ करना है कि जो भी हम कार्य सफल देखना चाहते हैं, वह कार्य निर्विघ्न रूप से सफल होकर हम विजयी हो रहे हैं.... सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है।

इसी के साथ जुड़ा हमें तीसरा संकल्प करना है- मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है... मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है... हमें पूर्ण विश्वास के साथ विज़्वलाइज़ करना है कि हमारे जीवन में सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है... सभी रीति से हेल्थ, वेल्थ व हैप्पीनेस से हम भरपूर हैं... हमारे सभी रिश्ते अच्छे हैं...

जितना हम यह पॉजिटिव संकल्प करेंगे, उतना हमारे मन में जो भी नेगेटिव संकल्पों का जाल है, वह स्वतः समाप्त हो जायेगा।
भगवान कहते हैं- सदैव कहो कि मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा होगा... तो यदि कुछ बुरा होने वाला होगा तो वह भी अच्छा हो जायेगा...

कई बार यह संकल्प करते समय हमें कोई उलझन, टेन्शन, चिंता सताने लगती है कि हम मेडिटेशन कर रहे हैं... हम पॉजिटिव सोच रहे हैं.. लेकिन यह अच्छा होगा या नहीं हमें चिन्ता हो जाती है, तो इन परिस्थितियों में हमें चौथा संकल्प करना है-
मैं बेफिक्र बादशाह हूँ... मैं बेफिक्र बादशाह हूँ... परमात्मा कहते हैं- मेरे को तेरे में परिवर्तन कर फिक्र बाप को दे, फखुर ले लो... अर्थात् बेफिक्र बादशाह बनो.... जो भी मन में उलझन हो, परेशानी हो, कोई भी कार्य का बोझ हो, तो हमें वह बोझ, वह संकल्प परमात्मा को अर्पण कर हल्के हो जाना चाहिए... और संकल्प करना है- मैं बेफिक्र बादशाह हूँ...

तो यह चारों ही संकल्प मेडिटेशन के रूप में कैसे करना है, चलिए स्टार्ट करते हैं...
चारों तरफ के सर्व संकल्पों को समेटकर एकाग्र करेंगे.. मस्तक के बीच..... मैं आत्मा, एक पॉइंट ऑफ लाइट... पूरी तरह एकाग्र हो जाएं अपने इस आत्मिक स्वरूप में... और अपने आँखों के सामने विज़्वलाइज़ करें... परमात्मा शिवबाबा एक पॉइंट ऑफ लाइट.... इनको दिव्य नयनों से देखते हुए हम संकल्प करेंगे -

भगवान मेरे साथ हैं... भगवान मेरे साथ हैं.... उनका वरदानी हाथ मेरे सिर के ऊपर है... उनकी कृपा दृष्टि, उनका आशीर्वाद, उनकी शक्तियाँ मेरे साथ हैं!! अनुभव करें उनके साथ का.. उनके शक्तिओं का... भगवान मेरा साथी हैं... मैं निश्चिन्त हूँ... निर्भय हूँ...

इसी के साथ दूसरा संकल्प करें... मैं विजयी आत्मा हूँ... मैं विजयी आत्मा हूँ.. अपने आत्मिक स्वरूप पे एकाग्र रहें और संकल्प करें मैं विजयी आत्मा हूँ... फील करेंगे...भगवान हमारे साथ हैं... उनका वरदान... उनका आशीर्वाद.... उनकी कृपा... उनकी शक्तियाँ हमारे साथ हैं... मैं विजयी हूँ... सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है... विज़्वलाइज़ करें अपनी सफलता को... जो भी कार्य हो- वह चाहे जॉब हो, बिज़नेस हो, कोई घर का कार्य हो, कोई सेवा हो... उसे विज़्वलाइज़ करें... हम विजयी हैं..

इसी के साथ तीसरा संकल्प करेंगे - मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है... मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है... विज़्वलाइज़ करें हमारे जीवन में सबकुछ अच्छा हो रहा है... देखेंगे भगवान हमारे साथ हैं... हम विजयी हैं... शरीर से स्वस्थ हैं... धन से भरपूर हैं... मेरा जीवन सुखी है... हम बहुत खुश हैं... मेरे सभी रिश्ते बहुत अच्छे हैं... मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है...

इसी के साथ जुड़ा चौथा संकल्प करेंगे- मैं बेफिक्र बादशाह हूँ... मैं बेफिक्र बादशाह हूँ... अपने सर्व संकल्प, बोझ, मान-अपमान, निंदा-स्तुति, हार-जीत.. सबकुछ परमात्मा को अर्पण करें... हल्के हो जाएं... बेफिक्र स्थिति का अनुभव करें.... हल्केपन का अनुभव करें... मैं बेफिक्र बादशाह हूँ... मैं बेफिक्र बादशाह हूँ....

यह चारों ही संकल्प हम एक बार दोहराएं...
भगवान मेरे साथ हैं...
मैं विजयी आत्मा हूँ...
मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है...
मैं बेफिक्र बादशाह हूँ...

ओम शान्ति।