रोज़ 10 मिनट विश्व के ग्लोब पे स्थित होकर संसार को दुआएं दें, आपके आने वाले कष्ट दूर हो जाएंगे


ओम शांति ।

जब हम सारे विश्व को दुआएं देते हैं, मनसा संकल्पों से सकाश देते हैं, तो रिटर्न में हमें विश्व की सभी आत्माओं की दुआएं प्राप्त होती हैं। इन दुआओं के बल से हमारा जीवन निर्विघ्न और समस्याओं से मुक्त हो जाता है।

मनसा सेवा करने के लिए हमें एकांतवासी बनना है। एकांत अर्थात - एक के अंत में खो जाना। एकांतवासी बनना अर्थात् सर्व आकर्षण के वाइब्रेशन से परे, अंतर्मुखी बनना। जितना हम मनसा सेवा करेंगे, उतना हमारा दुआओं का खाता बढ़ेगा। हमारी सेवा के सब्जेक्ट में मार्क्स जमा होगी और हमारे सभी हिसाब-किताब व विकर्म नष्ट हो जाएंगे! साथ ही, रेगुलर प्रैक्टिस करने से ही हमारी स्थिति बहुत ही शक्तिशाली बनती जाएगी। हमारी एकाग्रता बढ़ेगी। हमारा जीवन स्वत: ही निर्विघ्न हो जाएगा। तो आज हम ग्लोब पर स्थित होकर परमात्मा द्वारा दिव्य शक्तियों की किरणें लेकर सारे विश्व को दान देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

चारों तरफ के सर्व संकल्पों को समेटकर, एकाग्र करेंगे‌ मस्तक के बीच, मैं आत्मा एक पॉइंट ऑफ लाइट.... मैं आत्मा स्थित हूं अपने फरिश्ता स्वरूप में.... मैं आत्मा बिंदु अपने लाइट के शरीर में.... अनुभव करेंगे, हमारे सिर के ऊपर परमात्मा शिवबाबा, एक पॉइंट ऑफ लाइट...... परमात्मा शिवबाबा ज्ञान के सागर, गुणों के सागर, सर्वशक्तिवान... मैं उनकी संतान, मास्टर सर्वशक्तिवान हूं! अनुभव करेंगे, परमात्मा शिवबाबा से रंग-बिरंगी किरणें निकल, मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं... देखें, जैसे परमात्म बिंदु से रंग-बिरंगी दिव्य शक्तियों की किरणें निकल कर मुझ आत्मा में समा रही हैं....

एकाग्र हो जाएं इसी कंबाइंड स्थिति में..... अभी फील करेंगे, मैं फरिश्ता स्थित हूं पृथ्वी के ग्लोब पर.... परमात्मा शिवबाबा से दिव्य शक्तियों की किरणें निकल मुझ आत्मा में समाकर, नीचे पूरे विश्व को, पूरे ग्लोब को मिल रही हैं... जैसे फाउंटेन फ्लो हो रहा हो मुझ फरिश्ता से... यह दिव्य रंग-बिरंगी शक्तियों की किरणें पूरे ग्लोब को मिल रही हैं... और पूरे ग्लोब को घेरे हुए हैं.... विज्वलाइज़ करें पूरा ग्लोब... लाखों-करोड़ों आत्माएं, बिंदु स्वरूप में चमक रही हैं... उनको यह परमात्म सकाश मिल रहा है... मैं परमात्मा का फरिश्ता हूं... मेरे मन में सभी के लिए शुभ भावना, शुभकामना है... मैं सबको दुआएं दे रहा हूं... रिटर्न में मुझे विश्व की सभी आत्माओं की दुआएं मिल रही हैं.....

इसी स्थिति में एकाग्र रहें.... मानो पूरा ग्लोब, पृथ्वी इन किरणों से जगमगा उठा है.... विश्व की सभी आत्माएं अपने बिंदु स्वरूप में चमक रही हैं.... यह किरणें ज्ञान, गुण, प्रेम, आनंद, सुख और शक्तियों से भरपूर हैं!! इन किरणों से सभी के कष्ट, समस्याएं, विघ्न व बीमारियां दूर हो रही हैं........ वे सुख-शांति का अनुभव कर रही हैं...... इसी स्थिति में एकाग्र रहें, परमात्मा से कंबाइंड मैं फरिश्ता, मुझसे पूरे विश्व को परमात्म सकाश, दिव्य रंग-बिरंगी किरणें मिल रही हैं...... सबका भला हो, सब सुखी रहें, सबका कल्याण हो.... मेरे मन में कोई के प्रति भी नेगेटिव भाव, घृणा भाव नहीं है.... सब अच्छे हैं! सब परमात्मा की संतान है! और सभी को मैं फरिश्ता, दुआएं दे रहा हूं.....

जितना हम मनसा सेवा करेंगे, यही आत्माएं सतयुग-त्रेता में हमारी प्रजा बनेंगी और जो आत्माएं द्वापर-कलयुग में आएंगी, वे हमारे भक्त बनेंगे। उनको हमारा फरिश्ता स्वरूप या इष्ट देव-देवी स्वरूप का साक्षात्कार होगा... हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे.......

ओम शांति।