बीमारी से परेशान हैं, दवाईयां काम नहीं कर रहीं - यह प्रयोग करें


ओम शांति ।

आज हम एक विशेष मेडिटेशन करेंगे। अगर हम किसी बीमारी से परेशान हैं, दवाइयां काम नहीं कर रहीं, अनेक डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी हमें सॉल्यूशन नहीं मिल रहा है, तो इस परिस्थिति में हम यह दस मिनट का मेडिटेशन दिन में तीन बार करेंगे। कुछ दिन के ही प्रयोग से हमें बीमारी में राहत मिलने लगेगी। दवाइयां असर करने लगेंगी। या कहीं ना कहीं से परमात्मा स्वयं हमें सहयोग देंगे। और कुछ दिन के प्रयोग से ही हमारे शरीर की बीमारी धीरे-धीरे शांत होने लगेगी। तो यह मेडिटेशन है - क्षमा याचना का और धन्यवाद का।

मुरलियों में कई बार आता है, यह जो शरीर की बीमारियां हैं, वह हमारा पास्ट का कर्मभोग है। पास्ट में, चाहे इस जन्म में या पिछले कोई जन्म में जाने-अनजाने हमने किसी को दुख दिया हो, पिछले जन्मों में शायद हमने किसी से धन लिया हो, किसी को शारीरिक पीड़ाएं दीं हो - ऐसे अनेक कर्मभोग के रिटर्न में उन आत्माओं से हमें बद्दुआएं मिली। उनके मन में हमारे प्रति नेगेटिव भाव रहा। तो ऐसी परिस्थिति में कार्मिक अकाउंट, कर्मभोग क्लियर करने के लिए हम क्षमा याचना का मेडिटेशन करेंगे। और प्रकृति को धन्यवाद देने का मेडिटेशन करेंगे। जैसे ही यह प्रैक्टिस हम रेगुलर करेंगे, हमारा मन हल्का होता जाएगा। फलस्वरूप शरीर की जो व्याधि, रोग या बीमारी है, वह हल्की हो जाएगी। और इन आत्माओं को सकाश देने से, अच्छे वाइब्रेशंस देने से, इन आत्माओं की दुआएं हमें मिलेंगी। उन दुआओं के बल से हमें जल्दी से जल्दी बीमारी में राहत मिलती जाएगी और हम बीमारियों से मुक्त होने लगेंगे। कई बार डॉक्टर भी कहते हैं - "इन्हें दवा की नहीं, दुआ की जरूरत है!" ब्लेसिंग्स ऐसी परिस्थितियों में बहुत काम करती है। तो यह मेडिटेशन कैसे करना है, चलिए शुरू करते हैं।

चारों तरफ के सर्व संकल्पों को समेटकर एकाग्र करेंगे मस्तक के बीच... मैं आत्मा एक पॉइंट ऑफ लाइट... इसी पॉइंट ऑफ लाइट पे एकाग्र रहें... मैं आत्मा शांत हूं... अनुभव करेंगे... मैं आत्मा अपने लाइट के बॉडी में, लाइट के शरीर में, जिसे हम फरिश्ता स्वरूप कहते हैं..., मैं आत्मा पॉइंट ऑफ लाइट... और मेरा पूरा शरीर लाइट का है... मैं एक फरिश्ता हूं... फील करेंगे, हमारे सिर के ऊपर, परमात्मा शिवबाबा, एक पॉइंट ऑफ लाइट... फील करेंगे... परमात्मा शिवबाबा से प्रेम की किरणें निकल, मुझ आत्मा में समा रही हैं... प्रेम की किरणों से मैं आत्मा भरपूर हो रही हूं... परमात्मा प्यार के सागर, क्षमा के सागर, रहम के सागर हैं... मैं उनकी संतान, मास्टर प्रेम का सागर हूं...

इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे, और हमारे सामने‌ हम उन आत्माओं को विज्वलाइज़ करेंगे, जिन्हें हमसे जाने-अनजाने इसी जन्म में या पूर्व किन्हीं जन्मों में दुख मिला हो, हमारे द्वारा इनको कष्ट हुआ हो, शायद इनके कोई कार्य में हम विघ्न बने हो, हमारे द्वारा इनका धन का नुकसान हुआ हो, या अन्य कोई परिस्थिति से वह आत्मा को दुख मिला हो! फील करेंगे, यह परमात्म प्रेम की किरणें, स्नेह की किरणें, मुझ आत्मा में समाकर, सामने इन सभी आत्माओं को मिल रही हैं... परमात्म प्रेम की किरणें इन आत्माओं को देते जाएं... इन आत्माओं से हम क्षमा मांगेंगे... हे आत्माओं! जाने-अनजाने हमसे गलती हुई, आपको दुख मिला, हमने आप पे क्रोध किया, हम आपसे पूरे दिल से क्षमा मांगते हैं... हमें माफ कर दो! हम पूरे दिल से आपसे क्षमा मांगते हैं... आपका कल्याण हो! आप सदा सुखी रहें! यह हमारी दिल से कामना है!!

अभी हम उन आत्माओं को सामने इमर्ज करेंगे, जिन आत्माओं से जाने-अनजाने हमें दुख मिला हो। पिछले जन्मों में या इसी जन्म में, उन्होंने हमें दुख दिया हो, हम पर क्रोध किया हो, हमारे लिए कोई ना कोई विघ्न बने हो। इन्हें भी हम यह परमात्म प्रेम की किरणें दे रहे हैं... इन प्रेम की किरणों से, स्नेह की किरणों से, यह आत्माएं भरपूर हो रही हैं... और मास्टर रहम का सागर बन, हम इन्हें पूरी तरह दिल से क्षमा कर रहे हैं... हे आत्माओं! जाने-अनजाने आपसे गलती हुई, प्रकृति-वश या स्वभाव-संस्कार वश आपने हमें दुख दिया। जो हुआ सो हुआ। It's past. अभी हम आपको पूरे दिल से क्षमा करते हैं... आप सदा खुश रहें! आपका कल्याण हो!

अभी अनुभव करेंगे... यह सभी आत्माएं हमें दिल से दुआएं दे रही हैं... हमारा सभी कार्मिक अकाउंट निल हो चुका है... सभी ने हमें माफ कर दिया... हमने सभी को माफ कर दिया... हमारे मन में किसी के प्रति भी नफरत का भाव, या घृणा का भाव नहीं है...‌ हम पूरे निश्चिंत और हल्के हो चुके हैं...

अभी हम दिल से परमात्मा का शुक्रिया करेंगे...‌ जिन्होंने हमें यह शरीर दिया, अच्छे संबंधी दिए, हमें सहयोग दिया, जो हमारे सदैव साथ हैं! सामने हम इमर्ज करेंगे उन आत्माओं को, जिन्होंने पूर्व जन्मों में, या इसी जन्म में हमें सहयोग दिया हो, या हमें हेल्प की हो, जब हमें जरूरत थी। उन्होंने हमें सहयोग दिया, उन्हें भी हम परमात्म किरणें दे रहे‌ हैं और दिल से उन्हें शुक्रिया करेंगे, थैंक यू करेंगे, धन्यवाद करेंगे... आपने हमें समय पर मदद की, सहयोग दिया.., आपको दिल से थैंक यू! धन्यवाद!

अभी हम धन्यवाद करेंगे इस प्रकृति का... प्रकृति के पांच तत्वों का.. और प्रकृति के पांच तत्वों से बने इस शरीर का.... आपने हमें सहयोग दिया, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया...! थैंक यू..!

अनुभव करेंगे... चारों तरफ से हमें दुआएं मिल रही हैं... सभी आत्माएं और प्रकृति हमें दुआएं दे रही हैं और हम बहुत हल्के और शांत हो चुके हैं....!

ओम शांति।